ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली | साल के पहले दिन शेयर बाजार ने एक और इतिहास रच दिया। सेंसेक्स आज यानी शुक्रवार को एक नई ऊंचाई 47954.54 को छू लिया। वहीं निफ्टी भी 14,036.45 के स्तर को छू लिया। बता दें आईटी, ऑटो और चुनिंदा बैंकिंग और वित्तीय शेयरों में लिवाली के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने नए साल पर शुरुआती कारोबार के दौरान बढ़त दर्ज की। शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 171.60 अंकों की बढ़त के साथ 47,922.93 के स्तर पर था। वहीं एनएसई निफ्टी 44.35 अंक की बढ़त के साथ 14,026.10 पर पहुंच गया। इस तरह निफ्टी ने पहली बार 14,000 के स्तर को पार किया।
गाड़ियों की मासिक बिक्री के आंकड़े आने से पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा के नेतृत्व में ऑटो शेयरों ने तेजी दर्ज की। सेंसेक्स में सबसे अधिक 2.3 प्रतिशत की बढ़त एमएंडएम में हुई। इसके अलावा एसबीआई, टीसीएस, इंफोसिस, रिलायंस, लार्सन एंड टुब्रो और बजाज फाइनेंस भी तेजी वाले शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर मुनाफावसूली के कारण टाइटन, आईसीआईसीआई बैंक और सन फार्मा में गिरावट आई। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने गुरुवार को सकल आधार पर 1,135.59 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
नई दिल्ली । बेहद पॉप्युलर एडवेंचर सेगमेंट की बाइक रॉयल एनफील्ड हिमालयन साल 2021 में नए अवतार में पेश होने वाली है। हाल ही में 2021 रॉयल एनफील्ड हिमालयन को चेन्नै की सड़कों पर टेस्टिंग के दौरान देखा गया था। नई हिमालयन शानदार लुक और नए कलर के साथ ही स्मार्ट कनेक्टिविटी के साथ आ रही है, जिसमें ट्रिपर नैविगेशन सिस्टम, यूएसबी चार्जर जैसे फीचर्स भी देखने को मिलेंगे। नई हिमालयन में ऊपर से ज्यादा कॉस्मेटिक बदलाव नहीं दिखेंगे, लेकिन फीचर्स के मामले में इस बाइक में कई जबरदस्त बदलाव देखने को मिलेंगे।
साल 2021 रॉयल एनफील्ड हिमालयन में कंपनी ने अपनी हालिया लॉन्च बाइक मेटयोर 350 की तरह स्मार्ट कनेक्टिविटी फीचर्स दिए हैं। यानी आप अपने स्मार्टफोन से ऐप के जरिये बाइक को कनेक्ट कर सकते हैं और कुछ खास सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। खासकर ट्रिपर नेविगेशन सिस्टम के जरिये राइडर को हर मोड़ की जानकारी मिलती है। माना जा रहा है कि अगले साल यानी 2021 के मार्च या अप्रैल में रॉयल एनफील्ड की नई हिमालयन को लॉन्च किया जा सकता है। रॉयल एनफील्ड न्यू हिमालयन में पहले की तरह ही 411 सीसी का सिंगल सिलिंडर इंजन लगा होगा, जो कि 24.3 बीएचपी की पावर और 32एनएम का पिक टॉर्क जेनरेट कर सकता है। 5 स्पीड गियरबॉक्स के साथ लॉन्च इस बाइक की भारत में कीमत फिलहाल 1.86 लाख रुपये से लेकर 1.91 लाख रुपये (एक्स शोरूम) तक है। रॉयल एनफील्ड की इस एडवेंचर बाइक का जबरदस्त क्रेज है और जो लोग बाइक से लंबी दूरी तय करना चाहते हैं, वह कम्फर्ट के लिए हिमालयन को जानते हैं।
कंपनी ने बीते नवंबर में हिमालयन की 1550 यूनिट बेचीं, जो कि 95 फीसदी सालाना ग्रोथ के साथ है। भारत में एडवेंचर सेगमेंट की बाइक में केटीएम 250 और बजाज डोमीनार 400 के साथ आरई हिमालयन का भी जलवा है। रॉयल एनफील्ड अगले साल नेक्स्ट जनरेशन क्लासिक 350 के साथ ही इंटरसेप्टर 350 जैसी बाइक भी लॉन्च करने वाली है। इसके साथ ही कंपनी ने ये भी घोषणा की है कि वह अगले 7 वर्षों तक हर साल 4 नई बाइक लॉन्च करेगी, जो कि अलग-अलग सेगमेंट की होंगी।
बिलेनियर्स इंडेक्स
77.8 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ 11वें सबसे अमीर व्यक्ति बने शानशान
मुकेश अंबानी दुनिया के 12वें और एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने
चीन में बोतलबंद पानी का कारोबार करने वाले झोंग शानशान एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उनकी नेटवर्थ में इस साल 70.9 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है और अब उनकी कुल नेटवर्थ 77.8 बिलियन डॉलर हो गई है। एशिया में सबसे ज्यादा नेटवर्थ के मामले में झोंग शानशान ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी को पछाड़ दिया है। RIL के शेयरों में लगातार गिरावट के कारण मुकेश अंबानी की कुल नेटवर्थ अब 76.9 बिलियन डॉलर रह गई है।
इन कारणों से बढ़ी संपत्ति
शानशान बोतलबंद पानी बनाने वाली कंपनी नोंगफू स्प्रिंग और कोरोना वैक्सीन बनाने वाली बीजिंग वेन्टाई बायोलॉजिकल एंटरप्राइज कंपनी से जुड़े हैं। कोरोना वैक्सीन बनाने के कारण उनकी दोनों कंपनियां चीन और हॉन्गकॉन्ग में काफी लोकप्रिय हो गई हैं। वैक्सीन बनाने के बाद वेन्टाई के शेयरों में 2000% से ज्यादा उछाल आया। जबकि, लॉकडाउन के दौरान मांग बढ़ने के कारण नोंगफू के शेयरों में 155% से ज्यादा का उछाल दर्ज किया गया। शानशान ने अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले में चीन से सबसे रईस व्यक्ति जैक मा को भी पीछे छोड़ दिया है। शानशान ने पत्रकारिता, मशरूम की खेती और स्वास्थ्य सेवा जैसे करियर में भी हाथ आजमाया है।
एशिया के टॉप-5 अमीरों में 4 चीन से
एशिया के टॉप-5 अमीरों में चार व्यक्ति चीन से जुड़े हैं। इसमें पहले नंबर पर झांग शानशान और दूसरे नंबर पर मुकेश अंबानी हैं। तीसरे नंबर पर कोलिन हुआंग हैं। इनकी कुल नेटवर्थ 63.1 बिलियन डॉलर है। हुआंग ई-कॉमर्स कंपनी Pinduoduo के फाउंडर और CEO हैं। 56 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ टेंसेंट के फाउंडर और चेयरमैन पोनी मा चौथे नंबर पर हैं। टेंसेंट चीन के मशहूर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट की पैरेंट कंपनी है। अलीबाबा के चेयरमैन और फाउंडर जैक मा एशिया के टॉप-5 अमीरों में पांचवें स्थान पर हैं। उनकी कुल नेटवर्थ 51.2 बिलियन डॉलर है।
दुनिया के चौथे सबसे अमीर रह चुके हैं मुकेश अंबानी
मुकेश अंबानी ने इस साल रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल वेंचर्स की हिस्सेदारी बिक्री के जरिए करीब 1.9 लाख करोड़ रुपए का फंड जुटाया। इसकी बदौलत अंबानी दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में चौथे पायदान तक पहुंच चुके हैं।
हालांकि, लंबे समय से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट बनी हुई है। इस कारण मुकेश अंबानी की नेटवर्थ प्रभावित हो रही है। अब 76.9 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ मुकेश अंबानी दुनिया के सबसे अमीरों की लिस्ट में 12वें पायदान पर आ गए हैं। वहीं झोंग शानशान दुनिया के 11वें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं।
रिलायंस के शेयर में 1 साल में 57.87% तक का उछाल
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में BSE में बीते 1 साल में 57.87% तक का उछाल दर्ज किया गया है। 31 दिसंबर 2019 को RIL का शेयर 1500.47 रुपए प्रति यूनिट पर बंद हुआ था। इस साल 16 सितंबर को 2368.80 रुपए प्रति यूनिट के उच्चतम स्तर तक पहुंच गया था। हालांकि, आज यानी 31 दिसंबर 2020 को यह 2000.45 रुपए प्रति यूनिट पर कारोबार कर रहा है। उच्चतम स्तर के मुकाबले RIL का शेयर आज 15% की गिरावट पर कारोबार कर रहा है।
दुनिया के 10 सबसे अमीर व्यक्ति
रैंक नाम नेटवर्थ#
1 जेफ बेजोस 192
2 एलन मस्क 167
3 बिल गेट्स 131
4 बर्नार्ड अर्नॉल्ट 115
5 मार्क जकरबर्ग 103
6 वॉरेन बफे 87.0
7 लैरी पेज 81.9
8 स्टीव बिल्मर 80.2
9 सर्जे ब्रिन 79.3
10 लैरी एलिसन 79.2
#नेटवर्थ बिलियन डॉलर में है।
सोर्स: ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स।
नई दिल्ली | मुकेश अंबानी को पछाड़कर चीन के वाटर किंग कहे जाने वाले कारोबारी झोंग शानशान एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उनकी नेटवर्थ इस साल 70.9 अरब डॉलर बढ़कर 77.8 अरब डॉलर हो गई है। झोंग शानशान अब न केवल एशिया के सबसे अमीर आदमी हैं, बल्कि उन्होंने अकूत संपत्ति अर्जित करने के मामले में चीन के सबसे रईस शख्स अलीबाबा के जैक मा को भी पीछे छोड़ दिया है। शानशान बोतल बंद पानी और कोरोना का टीका बनाने जैसे बिजनेस से जुड़े हैं।
झोंग शानशान एक निजी अरबपति हैं, जिनके बारे में मीडिया में कम ही चर्चा हुई है। पत्रकारिता, मशरूम की खेती और स्वास्थ्य सेवा जैसे करियर में हाथ आजमाने के बाद अब वह एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। उन्होंने चीनी प्रौद्योगिकीविदों के एक समूह को गले लगाया है, जिसमें मुकेश अंबानी और जैक मा शामिल हैं।
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, इस साल झोंग की दौलत बढ़कर 77.8 बिलियन हो गई है। उनकी दौलत इस साल बहुत तेजी से बढ़ी जिसके कारण वह एशिया के सबसे अमीर कारोबारी बन गए। उनके बारे में चीन के बाहर कम ही लोग जानते थे। 66 वर्षीय झोंग राजनीति में शामिल नहीं हैं और उन्हें चीन में लोन वुल्फ के तौर पर भी जाना जाता है।
उनको सफलता दो कारणों से मिली। अप्रैल में उन्होंने बीजिंग वेन्टाई बायोलॉजिकल फार्मेसी एंटरप्राइज कंपनी से वैक्सीन विकसित की और कुछ महीनों बाद बोतलबंद पानी बनाने वाली नोंगफू स्प्रिंग कंपनी हांगकांग में सबसे लोकप्रिय में से एक बन गई। नोंगफू के शेयरों ने अपनी स्थापना के बाद से 155 फीसदी की छलांग लगाई है और वेन्टाई ने 2,000 प्रतिशत से अधिक की छलांग लगाई है।
महामारी से निकलने को तैयार है भारत, मंत्रालयों पर लगाए गए अंकुश अब ढीले हो रहे हैं
अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष के 9 महीने बीत जाने हैं। इसके बाद भी कुल खर्च का आधा खर्च भी अभी तक नहीं हुआ है
लॉकडाउन के बाद अप्रैल से जून की तिमाही में अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई जिससे उबरने के अभी भी प्रयास किए जा रहे हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत अब 2020 की महामारी के सबसे बुरे दौर से निकलने को तैयार है। वित्त मंत्रालय द्वारा कैश को संरक्षित करने के लिए वर्ष के शुरू में 80 से अधिक सरकारी विभागों और मंत्रालयों पर लगाए गए अंकुश को इस तिमाही में ढीला कर दिया गया है।
एक फरवरी को बजट
जब नए खर्च की योजना को 1 फ़रवरी के बजट में पेश किया जाएगा तो इस साल के बजट को वर्तमान से बढ़ाकर 407 अरब डॉलर कर दिया जाएगा। इससे कोरोना महामारी से प्रभावित हालात को मदद करने के लिए बहुत जरूरी खर्च को बढ़ावा मिलेगा। अप्रैल से शुरू हुए वित्त वर्ष के 9 महीने बीत जाने हैं। इसके बाद भी कुल खर्च का आधा खर्च भी अभी तक नहीं हुआ है। कोरोना महामारी से उपजे हालात को वापस पटरी पर लाने के लिए सरकारी खर्च जितना ज्यादा करेगी, उससे रिकवरी में उतनी ज्यादा ही मदद मिलेगी।
लॉकडाउन लगने के बाद अप्रैल से जून की तिमाही में अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई जिससे उबरने के अभी भी प्रयास किए जा रहे हैं।
कई और उपायों की घोषणा
बजट खर्च के अलावा, मोदी सरकार ने उन उपायों की घोषणा की है जो उसने कहा है कि व्यवसायों और नौकरियों को बचाने के लिए अतिरिक्त 30 लाख करोड़ रुपए (जीडीपी का 15%) की मदद दी है। हालांकि, इस पैकेज को कुछ अर्थशास्त्रियों ने नाकाफी करार दिया और कहा कि यह सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2% से भी कम था क्योंकि इसमें ज्यादातर लोन गारंटी थी।
जीडीपी की तुलना में 3 पर्सेंट खर्च
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार, यह अन्य उभरते बाजारों में औसतन GDP के डायरेक्ट खर्च का लगभग 3% है। निजी निवेश की कमी ने सरकार के लिए खर्च को बढ़ाने के लिए जरूरी कर दिया जो अक्टूबर में बजट की गई राशि का सिर्फ 55% था। क्रेडिट रेटिंग में डाउनग्रेड का खतरा भी मंडरा रहा था जिसके दबाव के चलते अधिकारियों ने आम जनमानस के हाथ में ज्यादा से ज्यादा कैश देने का प्रावधान चालू रखा और किसी अन्य तरह का टैक्स लगाने से परहेज किया।
कर्ज 70 पर्सेंट से ज्यादा बढ़ सकता है
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुताबिक, भारत का शुद्ध सरकारी कर्ज पिछले साल 70% से थोड़ा ज्यादा बढ़कर इस साल GDP के 90% से ज्यादा हो जाएगा। इसका संयुक्त राजकोषीय घाटा (fiscal deficit) इस साल 10 पर्सेंट से ज्यादा होगा। यही एक ऐसा फैक्टर है जिससे रेटिंग में कटौती का खतरा बना हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने कहा था कि वह राजकोषीय घाटे को को लेकर कभी नहीं चाहेंगी कि सरकारी खर्च भी रुक जाए। उन्होंने कहा कि हमें ज्यादा से ज्यादा खर्च करने की जरूरत है। यही वक्त की मांग है। यह बिल्कुल स्पष्ट है।
बजट का गैप 8 पर्सेंट तक हो सकता है
सरकार का बजट अंतर शायद इस साल जीडीपी के 8% तक पहुंच जाएगा। क्योंकि रेवेन्यू कलेक्शन पहले से ही मार खाया हुआ है। सरकार ने इस वर्ष अपनी बाजार उधारी (market borrowing) योजना को 7.8 लाख करोड़ रुपए से 13.1 लाख करोड़ तक बढ़ा दिया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन में कमी की भरपाई के लिए राज्यों को इस बढ़ोतरी की जरूरत है।
रिकवरी की शुरुआत
वैसे कुछ इंडीकेटर्स से पता चलता है कि रिकवरी शुरू हो गई है। क्योंकि रिज़र्व बैंक भी वर्तमान तिमाही में मंदी से बाहर निकलते हुए देश को देख रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी इस महीने अपने पूरे साल के विकास के नजरिए को मामूली रूप से संशोधित करते हुए 7.5% गिरावट की बात कही है जो कि अक्टूबर में 9.5% था।
आरबीआई ने अपने दिसंबर के बुलेटिन में कहा था की सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 के गहरे प्रभाव से निकलना शुरू हो गई है। आर्थिक सूचकांक इस बात की ओर इशारा करते हैं कि आने वाले महीनों में यह रिकवरी और भी अच्छी होगी.
मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि बैंकों को आने वाली चुनौतियों से जूझने के लिए खुद को तैयार रखने की जरूरत है। रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट ‘ट्रेंड एंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन इंडिया 2019-20' में कहा है कि केंद्रीय बैंक ने बैंकों की बैंलेस शीट, कॉरपोरेट और लोगों को कोरोना वायरस महामारी से होने वाली दिक्कतें कम करने के लिए सही समय पर उपाय किए हैं।
आरबीआई ने कहा है कि बैंकिंग में मजबूती संबंधी संकेतक अस्पष्ट हैं और बैंक आसन्न तनाव की तैयारी में पूंजी जुटा रहे हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा, कर्ज की किस्तें चुकाने से दी गई छूट की अवधि (मोरेटोरियम) समाप्त होने के साथ ही पुनर्गठन के प्रस्तावों की समय सीमा तेजी से नजदीक आ रही है। ऐसे में बैंकों की वित्तीय स्थिति पर संपत्ति की गुणवत्ता व भविष्य की आय के संदर्भ में असर पड़ सकता है। रिजर्व बैंक ने कहा कि ऐसे में बैंकों को तैयार रहना चाहिए।
एयर इंडिया के लिए आज फिजिकल बिड देगा अमेरिकी फंड इंटरअप्स
बिडर्स में टाटा संस और एयर इंडिया के 219 एंप्लॉयी का कंसॉर्शियम भी
इंटरअप्स ने कंपनी के एंप्लॉयी को 51 पर्सेंट स्टेक देने की पेशकश की है
अमेरिकी फंड इंटरअप्स एयर इंडिया के लिए आज फिजिकल बिड देगी, यह बात उसके फाउंडर लक्ष्मी प्रसाद ने बताई है। सरकारी एयरलाइन कंपनी की खरीदारी के लिए फिजिकल बिड देने की अंतिम तारीख 29 दिसंबर है। कंपनी के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट देने वाले तीन बिडर्स में एक इंटरअप्स शामिल है।
एयर इंडिया के 219 एंप्लॉयी का कंसॉर्शियम भी है बिडर
एयर इंडिया के बिडर्स में टाटा संस और एयर इंडिया की कमर्शियल डायरेक्टर मीनाक्षी मलिक की अगुवाई वाले 219 एंप्लॉयी का कंसॉर्शियम भी शामिल है। मलिक ने बताया है कि एंप्लॉयी का कंसॉर्शियम कंपनी की खरीदारी के लिए फिजिकल बिड पहले ही दे चुका है।
एयरलाइन के बिडर्स की शॉर्टलिस्टिंग 5 जनवरी को होगी
सरकार एयरलाइन के लिए सभी बिड मिलने के बाद 5 जनवरी को बिडर्स को शॉर्टलिस्ट करेगी। अगले दौर में बिडर्स को ड्यू डिलिजेंस करने दिया जाएगा, उनको कंपनी के ज्यादा डेटा और इनफॉर्मेशन एक्सेस करने की इजाजत होगी।
एंप्लॉयी को मेजोरिटी स्टेक देने की इंटरअप्स की पेशकश
इंटरअप्स ने एयर इंडिया के एंप्लॉयी के साथ कंसॉर्शियम बनाने और उनको मेजोरिटी 51 पर्सेंट स्टेक देने की पेशकश की है। मलिक के अगुआई वाले एंप्लॉयीज के कंसॉर्शियम में एक फाइनेंशियल इनवेस्टर भी है जिसकी पहचान अब तक जाहिर नहीं हुई है। एयर इंडिया के पायलट और क्रू मेंबर्स ने बिड से दूरी बनाए रखी है। वे पहले अपने बकाया वेतन का भुगतान चाहते हैं।
एयर इंडिया के एंटरप्राइज वैल्यू पर बिड देने की इजाजत
सरकार ने एयर इंडिया को बेचने की दूसरी कोशिश में ज्यादा बायर्स को आकर्षित करने के लिए उसके कई क्लॉज बदले हैं। उसने कहा है, ‘एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी रखनेवाले बिडर्स को उसके एंटरप्राइज वैल्यू पर बिड देने के लिए कहा गया है।’ बिड के विनर को सिर्फ 15 पर्सेंट एंटरप्राइज वैल्यू कैश में देनी होगी और बाकी के लिए कर्ज लिया जा सकता है।
भारी विदेशी निवेश के चलते लगातार 5वें दिन बाजार में तेजी, निफ्टी 14 हजार के करीब
भारी विदेशी निवेश के चलते शेयर बाजार में आज लगातार पांचवे दिन बढ़त है। सेंसेक्स 148 अंकों की बढ़त के साथ 47,502.18 पर कारोबार कर रहा है। हालांकि इंडेक्स ने इंट्राडे में 47,714.55 के स्तर को छुआ। सेंसेक्स की तेजी को स्टेट बैंक, HDFC, बजाज और TCS के शेयर लीड कर रहे हैं। लिस्टेड कंपनियों का टोटल मार्केट कैप भी 187.02 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है, जो शुरुआत में 188 लाख करोड़ रुपए का स्तर को टच कर दिया था। BSE में कुल 2,977 कंपनियों के शेयरों में ट्रेड हो रहा है। इसमें 1,326 के शेयर बढ़त और 1,480 शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं।
दूसरी ओर निफ्टी इंडेक्स भी 25.60 अंक ऊपर 13,898.80 पर कारोबार कर रहा है। इंडेक्स ने कारोबार के दौरान 13,967.60 के स्तर को छुआ। निफ्टी का टॉप गेनर इंडसइंड बैंक का शेयर है, जो 3.44% ऊपर 896.80 रुपए के भाव पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा HCL टेक और टेक महिंद्रा के शेयर 1-1% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं। जबकि ऑटो और मेटल सेक्टर में गिरावट के चलते NTPC, कोल इंडिया और हिंडाल्को के शेयर 1-1% से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सुबह BSE सेंसेक्स 112.87 अंक ऊपर 47,466.62 पर और निफ्टी 37 अंक ऊपर 13,910.35 पर खुला था।
बाजार में तेजी की प्रमुख वजह
घरेलू बाजार में लगातार जारी भारी विदेशी निवेश
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 900 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज पर हस्ताक्षर किया
कोरोना वैक्सीन को लेकर लगातार पॉजिटिव अपडेट
ब्रैग्जिट डील की खबर से यूरोपियन बाजारों में तेजी
अन्य एशियाई बाजारों में रिकॉर्ड तेजी
एशियाई बाजारों में भी खरीदारी
यूरोप और अमेरिकी बाजारों में रिकॉर्ड तेजी के चलते मंगलवार को अन्य एशियाई बाजारों में तेजी है। इसमें जापान का 30 साल के उच्चतम स्तर निक्केई इंडेक्स 734 अंक (2.74%) ऊपर 27,589 पर बंद हुआ है। इसके अलावा हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग इंडेक्स भी 248 अंकों की बढ़त के साथ 26,563 पर कारोबार कर रहा है। वहीं, चीन का शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 18 अंक नीचे 3,379 पर बंद हुआ।
भारी विदेशी निवेश
सोमवार को विदेशी निवेशकों (FII) ने 1,588.93 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे। दूसरी ओर घरेलू निवेशकों (DII) ने 1,386.55 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे। इस साल भारतीय कंपनियों ने प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट से 1.78 लाख करोड़ रुपए जुटा चुकी हैं। 2020 में मार्च के बाद फैले महामारी के बावजूद, इक्विटी बाजारों के माध्यम से 1 लाख 77 हजार 468 करोड़ रुपए जुटाया गया। यह आंकड़ा अब तक का आल टाइम हाई है। इससे पहले किसी एक कैलेंडर वर्ष में सबसे ज्यादा जुटाई गई रकम 2017 में 1 लाख 60 हजार 032 करोड़ रुपए थी। जबकि पिछले साल यानी 2019 में यह आंकड़ा 82 हजार 241 करोड़ रुपए था। इसकी तुलना में 2020 में 116% ज्यादा रकम जुटाई गई है।
सोमवार को सेंसेक्स 47 हजार के पार बंद
कल हफ्ते के पहले कारोबारी दिन में BSE सेंसेक्स ने अच्छी छलांग लगाई। इंडेक्स 380.21 अंकों की बढ़त के साथ पहली बार 47 हजार 353.75 के स्तर पर बंद हुआ था। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 100 अंक से ज्यादा बढ़कर 13,873 अंक पर बंद हुआ था। सोमवार को बाजार में टीसीएस का शेयर पहली बार 2,949 तक पहुंचा। साथ ही इसका मार्केट कैप भी पहली बार 11 लाख करोड़ रुपए को पार किया। सुबह सेंसेक्स 180 अंक की बढ़त के साथ 47,153 अंक पर खुला था। फाइनेंशियल और रियल्टी शेयरों में कल शानदार बढ़त दर्ज की गई।
यूरोप के बाजारों में जमकर हुई खरीदारी
कल यूरोप के बाजारों में ब्रैग्जिट डील की खबर का असर देखने को मिला। दरअसल, अब EU से ब्रिटेन अलग हो गया है। इससे सोमवार को यूरोप के बाजारों में खासकर फ्रांस और जर्मनी के प्रमुख इंडेक्स में अच्छी बढ़त के साथ बंद हुए। इसमें फ्रांस का CAC इंडेक्स 66 अंक (1.20%) ऊपर 5,588 पर बंद हुआ था। जर्मनी का DAX इंडेक्स 203 अंकों (1.49%) की बढ़त के साथ 13,790 पर बंद हुआ था। इसके अलावा ब्रिटेन का FTSE इंडेक्स भी हल्की बढ़त के साथ 6,502 पर बंद हुआ था।
अमेरिकी बाजारों में बढ़त
सोमवार को अमेरिकी बाजारों में तेजी देखने को मिली। डाउ जोंस इंडेक्स 0.68% की बढ़त के साथ 204 अंक ऊपर 30,404 पर बंद हुआ था। इसी तरह S&P 500 इंडेक्स 32 अंक ऊपर 3,735 पर बंद हुआ था। इसके अलावा नैस्डैक इंडेक्स भी 94 अंक ऊपर 12,899 पर बंद हुआ था। अमेरिकी बाजारों में तेजी की बड़ी वजह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 900 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज पर दस्तखत किया।
नई दिल्ली । सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी (ट्रस्ट) समेत तीन फंसे कर्ज वाले खातों की बिक्री करेगी। इन खातों पर करीब 34.50 करोड़ रुपए का बकाया है। पीएनबी ने नीलामी नोटिस में कहा कि नियामकीय दिशानिर्देशों के तहत नियम एवं शर्तों के आधार पर हमारी तीन फंसे खातों को बैंक नीति के अनुसार एआरसी (संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी)/एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी)/अन्य बैंकों/वित्तीय संस्थानों को बेचने की योजना है। ये तीन खाते हैं मंगलम ऑयल इंडस्ट्रीज, एलायंस फाइबर लिमिटेड और बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (ट्रस्ट)। जहां अहमदाबाद की मंगलम ऑयल इंडस्ट्रीज पर 10.77 करोड़ रुपए बकाया है, वहीं एलायंस फाइबर (अहमदाबाद) पर 18.31 करोड़ रुपए तथा रायपुर की बिरसा इंस्टीट्यूट पर 5.41 करोड़ रुपए का ऋण बाकी है। यह बिक्री प्रक्रिया बैंक की ‘स्ट्रेस्ड एसेट्स टारगेटेड रिजोल्यूशन एक्शन (एसएएसटीआरए) डिविजन कर रहा है। पीएनबी में आभूषण कारोबारियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की धोखाधड़ी के बाद बैंक की एसएएसटीआरए इकाई को वसूली व्यवस्था को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें रूचि रखने वाले 29 दिसंबर तक बोली जमा कर सकते हैं। बोलियां छह जनवरी, 2021 को खोली जाएगी।
नई दिल्ली । इस सप्ताह शेयर बाजार की चाल वैश्विक प्रवृत्ति, कोरोना वायरस के नये प्रकार को लेकर खबरों तथा टीकाकरण के मामले में प्रगति पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों ने अपने विश्लेषण में यह कहा है। वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के निपटान को देखते हुए शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। बाजार के जानकारों ने कहा कि इस सप्ताह पर्याप्त नकदी, टीके को लेकर सकारात्मक खबर और ब्रेक्जिट समझौते से बाजार में सकारात्मक गति बने रहने की उम्मीद है। ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ऐतिहासक व्यापार समझौते पर पहंचने में कामयाब रहे। हालांकि यूरोप के कई भागों में कोरोना वायरस के नये प्रकार स्ट्रेन को लेकर बढ़ता जोखिम बाजार में तेजी पर लगाम लगा सकता है। इसके अलावा, माह के अंत में वायदा एवं विकल्प खंड में अनुबंधों के निपटान से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। ब्रेक्जिट समझौते के साथ आने वाले दिनों में वायरस को लेकर नये मामलों के संदर्भ में चिंता बनी रहेगी। निवेशकों को गुणवत्तापूर्ण क्षेत्र के शेयरों पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) निवेश की प्रवृत्ति पर भी नजर होगी क्योंकि हाल की तेजी में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इस सप्ताह कोई महत्वपूर्ण आंकड़ा और घोषणा की उम्मीद है। निवेशकों को ब्रिटेन में वायरस और टीकाकरण की स्थिति पर नजर रखनी चाहिए। इन सबके अलावा निवेशकों की नजर डॉलर के मुकाबले रुपये की गति और ब्रेंट क्रूड भाव पर भी होगी।
नई दिल्ली । भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने तरुवई सुबय्या कृष्णमूर्ति को फ्रेंकलिन टेम्पलटन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं बंद करने के लिए होने वाली ई-वोटिंग प्रक्रिया का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। सेबी ने 18 दिसंबर को कृष्णमूर्ति की इस पद पर नियुक्ति की थी। चेन्नई फाइनेंशियल मार्केट्य एंड एकाउंटेबिलिटी (सीएफएमए) ने शुक्रवार को कहा कि उसने उच्चतम न्यायालय में अपील दाखिल की थी कि शीर्ष अदालत के नौ दिसंबर के आदेश के बावजूद सेबी ने मामले में पर्यवेक्षक नियुक्त करने को लेकर पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। न्यायालय ने नौ दिसंबर को अपने आदेश में सेबी को 26 से 29 दिसंबर के बीच होने वाली ई-वोटिंग के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने का आदेश दिया था। सेबी ने कहा कि उसने पर्यवेक्षक की नियुक्ति के साथ-साथ उसकी मदद के लिए एक तकनीकी सहायता टीम भी गठित की है। इस टीम में सेबी के मुख्य महाप्रबंधक बीएन साहू सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेस लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी नयन ओवलकर, कंपनी सचिव के. श्रीराम और सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री हैदराबाद के सहायक निदेशक एम. कृष्ण और चौधरी ई. साई प्रसाद शामिल हैं।
नई दिल्ली । विमानन क्षेत्र को समाप्त हो रहे वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी और दुनियाभर के देशों में लॉकडाउन से लंबे समय तक पाबंदी का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। घरेलू विमानन कंपनिया, हवाईअड्डा कंपनियां भी इससे अछूती ना रहीं। लॉकडाउन में एयरलाइंस कंपनियों का कारोबार लगभग ठप हो गया और कमाई बंद हो गई और उन्हें बहुत से कर्मचारियों को निकालना पड़ा, कुछ को बिना वेतन की छुट्टियों पर भेजना पड़ा तो कई लोगों का वेतन भी कम हुआ। वर्ष के दौरान सरकारी कंपनी एयर इंडिया को बेचने के लिए जारी निविदा में बोलियां जमा कराने की आखिरी तारीख कोविड19 से पैदा हालात के बीच पांच बार बढ़ानी पड़ी। महामारी और लॉकडाउन के चलते देश में सभी नियमित उड़ाने 23 मार्च से 25 मई तक बंद रहीं। बाद में सीमित क्षमता के साथ 25 मई से उड़ानों को धीरे-धीरे शुरू किया गया। नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ाने अभी भी निलंबित हैं। लॉकडाउन के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए सरकार ने ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत सीमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन किया। वहीं कुछ देशों के साथ विशेष द्विपक्षीय समझौते (एयर बबल पैक्ट) के तहत ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी गई है।
जुलाई से अब तक करीब 24 देशों के साथ यह समझौता किया गया है। हाल में ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया प्रकार सामने आने पर सबसे पहले वहां से आने वाली उड़ानों को ही अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया है। महामारी के चलते देश की दो सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो और स्पाइसजेट को वित्त वर्ष 2020-21 की पहली और दूसरी तिमाही में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। अप्रैल-जून तिमाही में इंडिगो को 2,884 करोड़ रुपए और स्पाइसजेट को 600 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। जुलाई-सितंबर तिमाही में यह क्रमश: 1,194 करोड़ रुपए और 112 करोड़ रुपए रहा। विमानन क्षेत्र की परामर्श कंपनी सीएपीए ने अक्टूबर में घरेलू हवाई यात्राओं के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के फिर से शुरू होने में धीमी प्रगति का अनुमान जताया था।
इससे विशेष तौर पर एयर इंडिया को नुकसान होने की बात कही गई थी, जिसकी कुल आय का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आता है। सीएपीए ने अपनी रपट में कहा था कि 2020-21 में पांच से छह करोड़ यात्री ही हवाई सफर करेंगे। जबकि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रियों की संख्या एक करोड़ से भी कम रहने का अनुमान है। वर्ष 2019-20 में देश में लगभग 20.5 करोड़ यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी। इसमें 14 करोड़ घरेलू यात्री और 6.5 करोड़ अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्री थे। वर्ष 2018 में एअर इंडिया की बिक्री की असफल कोशिश के बाद सरकार ने इस साल जनवरी में फिर से इसे बेचने की प्रक्रिया शुरू की। महामारी के चलते इसके लिए बोलियां जमा कराने की आखिरी तारीख सरकार को पांच बार बढ़ानी पड़ी। आखिरकार 14 दिसंबर को इसके लिए आखिरी बोलियां स्वीकार की गयीं। अब पात्र बोलीदाताओं के नाम की घोषणा पांच जनवरी को होनी है।
नई दिल्ली । चालू रबी सीजन में करीब 598 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हो चुकी है, जिसमें सबसे ज्यादा गेहूं का रकबा 313 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। वहीं दलहनों की बुवाई करीब 150 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जबकि तिलहनों का रकबा भी 79 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 597.92 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बुवाई हो चुकी है जो कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24.69 लाख हेक्टेयर अधिक है। गेहूं की बुवाई 313.24 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 297.39 लाख हेक्टेयर से 15.85 लाख हेक्टेयर अधिक है। धान का रकबा 12.49 लाख हेक्टेयर है, जो पिछले साल से करीब एक लाख हेक्टेयर कम है। वहीं दलहनों की खेती किसानों ने इस साल अब तक 149.29 लाख हेक्टेयर में की है, जो पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 7.65 लाख हेक्टेयर अधिक है। हालांकि मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल के 46.55 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 43.44 लाख हेक्टेयर है। बात तिलहनों की करें तो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 5.28 लाख हेक्टेयर बढ़कर 79.47 लाख हेक्टेयर हो गया है। तिलहनों ने सबसे ज्यादा सरसों की खेती किसानों ने 71.79 लाख हेक्टेयर में की है जो कि पिछले साल से 6.07 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
नई दिल्ली | भारत 2025 तक ब्रिटेन को पछाड़ कर फिर दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित 2020 में भारतीय अर्थव्यवस्था एक पायदान नीचे खिसक कर छठे स्थान पर आ गई है। भारत 2019 में ब्रिटेन से ऊपर निकल कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया था।
ब्रिटेन के प्रमुख आर्थिक अनुसंधान संस्थान सेंसटर फार इकोनॉमिक एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत महामरी के असर से रास्ते में थोड़ा लड़खड़ा गया है। इसी का परिणाम है कि भारत 2019 में ब्रिटेन से आगे निकलने के बाद इस साल ब्रिटेन से पीछे हो गया है। ब्रिटेन 2024 तक आगे बना रहेगा और उसके बाद भारत आगे निकल जाएगा।'
ऐसा लगता है कि रुपये के कमजोर होने से 2020 में ब्रिटेन इस लिए पुन: भारत से ऊपर आ गया । रिपोर्ट में अनुमान है कि 2021 में भारत की वृद्धि 9 प्रतिशत और 2022 में 7 प्रतिशत रहेगी। सीईबीआर का कहना है कि 'यह स्वाभाविक है कि भारत जैसे-जैसे आर्थिक रूप से अधिक विकसित होगा, देश की वृद्धि दर धीमी पड़ेगी और 2035 तक यह 5.8 प्रतिशत पर आ जाएगी।'
आर्थिक वृद्धि की इस अनुमानित दिशा के अनुसार अर्थव्यवस्था के आकार में भारत 2025 में ब्रिटेन से ,2027 में जर्मनी से और 2030 में जापान से आगे निकल जाएगा। संस्थान का अनुमान है कि चीन 2028 में अमेरिका से ऊपर निकल कर विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो जाएगा। संस्थान ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की गति कोविड19 से पहले ही मंद पड़ने लगी थी। 2019 में वृद्धि दर 4.2 प्रतिशत रह गयी थी जो दस साल की न्यूनतम वृद्धि थी।