बिज़नस

बिज़नस (3705)

नई ‎दिल्ली । विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति) नवंबर में 1.55 प्रतिशत बढ़कर नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कुछ नरमी आई। नवबंर में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति फरवरी के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 2.26 प्रतिशत थी। समीक्षाधीन अवधि में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हुई, हालांकि विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ीं। खानेपीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 प्रतिशत बढ़ी। जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 प्रतिशत था। इस दौरान सब्जियों और आलू की कीमतों में तेजी जारी रही। गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी 8.43 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही। इस दौरान ईंधन और बिजली की महंगाई दर ऋणात्मक 9.87 प्रतिशत थी।

नई ‎दिल्ली । दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के जरिए वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के साथ ही मोबाइल विनिर्माण के क्षेत्र में चीन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार दूसरे क्षेत्रों में पीएलआई योजना के विस्तार से भारत को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का विनिर्माण केंद्र बनाना चाहती है। प्रसाद ने उद्योग संघ फिक्की के वार्षिक अधिवेशन में कहा ‎कि हम चाहते थे कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माता बने। अब मैं भारत को चीन से आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा हूं। यह मेरा लक्ष्य है और मैं इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित कर रहा हूं। भारत 2017 में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण देश बन गया था। इलेक्ट्रॉनिक्स पर राष्ट्रीय नीति (एनपीई) 2019 में 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ाकर 26 लाख करोड़ रुपए से अधिक करने पर जोर दिया गया है। इनमें से 13 लाख करोड़ रुपए मोबाइल विनिर्माण खंड से आने की उम्मीद है। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत को वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए पीएलआई योजना को लाया गया है। उन्होंने कहा कि पीएलआई का मकसद विश्वस्तरीय कंपनियों को भारत में लाना और भारतीय कंपनियों को विश्वस्तरीय बनाना है। सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई योजना के तहत पात्र कंपनियों को 48,000 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन मिल सकता है।

नई ‎दिल्ली । बर्गर किंग इंडिया का शेयर सोमवार को शेयर बाजार में 92 प्रतिशत प्रीमियम के साथ सूचीबद्ध हुए। बर्गर किंग के शेयर सोमवार को बीएसई में 60 रुपए निर्गम मूल्य के मुकाबले 115.35 रुपए पर खुले। इसके बाद शुरुआती कारोबार में शेयर बढ़कर 119.80 के स्तर पर आ गए, जो 99.66 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है। एनएसई में शुरुआती कारोबार के दौरान शेयर 87.5 प्रतिशत की तेजी के साथ 112.50 पर थे। बीएसई में कंपनी का बाजार मूल्यांकन 4,535.96 करोड़ रुपए था। बर्गर किंग इंडिया के शेयरों को इस महीने की शुरुआत में 156.65 गुना अभिदान मिला था और 810 करोड़ रुपए की शुरुआती सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए बोली का दायरा 59-60 रुपए प्रति शेयर तय किया गया था। कंपनी इस समय भारत में 268 स्टोर का संचालन करती है। इनमें से आठ फ्रेंचाइजी हैं, जो मुख्य रूप से हवाई अड्डों पर स्थित हैं। बाकी स्टोर कंपनी के स्वामित्व में हैं।

मुंबई । देश की वृहद आर्थिक स्थिति अनिश्चित ‎‎दिखाई दे रही है और चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणव सेन ने यह राय जताई है। सेन ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था का कुल वृहद प्रबंधन बहुत अच्छा नहीं है, लेकिन अर्थव्यवस्था में यह सुस्ती उनके नियंत्रण से बाहर है। फिलहाल भारत की मौजूदा वृहद आर्थिक स्थिति काफी अनिश्चित है। मैं कहूंगा कि हमें बहुत सतर्क रहना होगा। मुझे लगता है कि आसपास कुछ अधिक आशावाद का माहौल है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की अर्थव्यवस्था की वास्तविक वृद्धि दर नकारात्मक 10 प्रतिशत रहेगी। तिमाही जीडीपी आंकड़े अब भी कुछ कॉरपोरेट खातों पर आधारित होते हैं। कॉरपोरेट क्षेत्र का प्रदर्शन गैर-कॉरपोरेट क्षेत्र की तुलना में अधिक खराब नहीं रहा है। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने कहा ‎कि हमें पता है कि कंपनियों की तुलना में सूक्ष्म, लघु एवं मझोला उपक्रम (एमएसएमई) क्षेत्र अधिक प्रभावित हुआ है। ऐसे में राष्ट्रीय खातों से जो आंकड़े आ रहे है वे अर्थव्यवस्था की कुछ अधिक आशावादी तस्वीर दिखा रहे हैं।' सेन ने निवेशकों का भरोसा कायम करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि निवेशक वे नए लोग हैं जो नई उत्पादन क्षमता में अपना पैसा लगाते हैं। यह पूरी तरह नदारद है। उन्होंने कहा कि जब तक निवेश वापस नहीं लौटता अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ सकती है। अभी जैसी स्थिति है, तो हमारी उत्पादन क्षमता 2019-20 की तुलना में अधिक ऊंची नहीं रहेगी। वास्तव में यह इससे कम रहेगी, क्योंकि कुछ क्षमता अब बंद हो चुकी है।

नई ‎दिल्ली । अमेरिकी आईटी कंपनी एपल के लिए विनिर्माण करने वाली कंपनी विस्ट्रॉन के बेंगलुरु के करीब स्थित संयंत्र में कर्मचारियों द्वारा हिंसा करने के चलते आईफोन के विनिर्माण पर मामूली असर होगा। उद्योग सूत्रों ने यह जानकारी दी। कर्मचारियों ने वेतन न मिलने पर उपद्रव मचाया था। ये कर्मचारी विस्ट्रॉन कॉर्पोरेशन के लिए काम करते हैं, जिसका मुख्यालय ताइवान में है। विस्ट्रॉन के कोलार संयंत्र में सिर्फ आईफोन एसई 2020 बनाया जाता है। बाजार में पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। विस्ट्रॉन के भारत में और भी संयंत्र हैं, और अगर उक्त संयंत्र प्रभावित बना रहता है तो दूसरे संयंत्रों में आंशिक उत्पादन स्थानांतरित किया जा सकता है। एपल और विस्ट्रॉन ने इस संबंध में भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए। इससे पहले शनिवार को पुलिस ने बताया था कि कोलार जिले के नरसापुरा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इकाई के कर्मचारियों ने परिसर में कारों को पलट दिया और फर्नीचर को क्षतिग्रस्त किया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि वेतन संबंधी मसलों को लेकर कर्मचारियों ने पथराव किया, खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए, गाड़ियों, फर्नीचर, कंप्यूटर और लैपटॉप को नुकसान पहुंचाया।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उद्योग संघ फिक्की के वार्षिक अधिवेशन में कहा, ‘‘हम चाहते थे कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माता बने। अब मैं भारत को चीन से आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा हूं। यह मेरा लक्ष्य है और मैं इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित कर रहा हूं।’’

नयी दिल्ली। दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि भारत ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के जरिए वैश्विक कंपनियों को आकर्षित करने के साथ ही मोबाइल विनिर्माण के क्षेत्र में चीन को पीछे छोड़ने का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि सरकार दूसरे क्षेत्रों में पीएलआई योजना के विस्तार से भारत को इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का विनिर्माण केंद्र बनाना चाहती है। प्रसाद ने उद्योग संघ फिक्की के वार्षिक अधिवेशन में कहा, ‘‘हम चाहते थे कि भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माता बने। अब मैं भारत को चीन से आगे बढ़ाने पर जोर दे रहा हूं। यह मेरा लक्ष्य है और मैं इसे स्पष्ट रूप से परिभाषित कर रहा हूं।’’

भारत 2017 में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल विनिर्माण देश बन गया था। इलेक्ट्रॉनिक्स पर राष्ट्रीय नीति (एनपीई) 2019 में 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ाकर 26 लाख करोड़ रुपये से अधिक करने पर जोर दिया गया है। इनमें से 13 लाख करोड़ रुपये मोबाइल विनिर्माण खंड से आने की उम्मीद है। प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत को वैकल्पिक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए पीएलआई योजना को लाया गया है। उन्होंने कहा कि पीएलआई का मकसद विश्वस्तरीय कंपनियों को भारत में लाना और भारतीय कंपनियों को विश्वस्तरीय बनाना है। सरकार द्वारा शुरू की गई पीएलआई योजना के तहत पात्र कंपनियों को 48,000 करोड़ रुपये तक का प्रोत्साहन मिल सकता है।

नई दिल्ली । ऑटोमोबाइल सेक्टर की स्वदेशी कंपनी टाटा मोटर्स अगले साल अपने पॉप्युलर कॉम्पैक्ट सिडैन टिगोर का बड़ा अपडेट लॉन्च करने वाली है। कंपनी नेक्स्ट जेनरेशन टिगोर को टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन में लॉन्च करने वाली है। एक लीकेज हुए विडियो में सड़क पर नई टिगोर की टेस्टिंग होते देखा जा सकता है। हालांकि, बॉडी रैप के कारण इस विडियो में कार के डिजाइन के बारे में कुछ खास पता नहीं चल सका।
रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी नई टिगोर में 1.2 लीटर रेवोट्रॉन टर्बो पेट्रोल इंजन ऑफर कर सकती है। यह वही इंजन है जो नेक्सॉन में मिलता है। हालांकि, टिगोर के लिए कंपनी इस इंजन को थोड़ा डीट्यून कर सकती है। माना जा रहा है कि टिगोर में यह इंजन 150 एनएम के पीक टॉर्क पर 112बीएचपी की पावर देगा। कार में 5-स्पीड गियरबॉक्स मिलने की उम्मीद है। स्पाई विडियो के अनुसार टाटा टिगोर 2021 में काफी हद तक मौजूदा टिगोर वाला लुक ही देखने को मिलेगा। हालांकि, कंपनी इसमें जेटीपी वेरियंट वाले अडिशनल बॉडी ग्राफिक्स औप डिकैल्स नहीं देगी। जेटीपी वर्जन की बात करें तो इनमें कंपनी ने सस्पेंशन में भी बदलाव किया था ताकि कार की राइड क्वॉलिटी और हैंडलिंग को बेहतर किया जा सके। टाटा टिगोर के जेटीपी वर्जन की ऊंचाई भी थोड़ी कम कर दी गई थी।
ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी इसमें खास बदलाव नहीं करेगी। हालांकि, कुछ हद तक नया दिखाने के लिए इसमें थोड़े स्पोर्टी टच जरूर ऐड किया जा सकता है। कंपनी टिगोर के अपडेटेड वेरियंट को अगले साल कब तक लॉन्च करेगी इस बारे में अभी कोई जानकारी बाहर नहीं आई है।अपकमिंग टिगोर के कुछ फीचर्स की बात करें तो इसमें 15 इंच के ड्यूल टोन एलॉय वील्ज, डीफॉगर के साथ रियर वाइपर और रियर पार्किंग कैमरा के अलावा और भी कई शानदार फीचर मिल सकते हैं। सामने आए विडियो में कार का इंटीरियर नहीं दिख रहा।

नई दिल्ली । साल 2020 खत्म होने को है, इसके बाद जहां वाहन निर्माता कंपनियां अपने मॉडलों पर डिस्काउंट दे रही हैं। वहीं, दूसरी ओर कुछ कंपनियां नए साल के शुरू होने के साथ ही अपने वाहनों की कीमत में बढ़ोत्तरी करने की तैयारी में है। बुधवार को मारुति ने भी ऐलान किया था कि जनवरी से उसकी गाड़ियां महंगी हो जाएंगी। अब फोर्ड इंडिया ने भी जनवरी से अपने सभी वाहनों की कीमत में बढ़ोत्तरी करने का ऐलान किया है। फोर्ड इंडिया के मार्केटिंग एंड सेल्स एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर विनय रैना के मुताबिक, सभी मॉडल्स की कीमतों में 1-3 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। मतलब यह कि अलग-अलग मॉडल्स के हिसाब से कारें 5000 रुपए से लेकर 35000 रुपए महंगी होंगी। उन्होंने कहा कि इनपुट कॉस्ट बढ़ने की वजह से कीमतों में बढ़ोत्तरी की गई है। हालांकि, जिनकी बुकिंग 2020 में हो चुकी है, उन्हें मॉडल्स पर ज्यादा कीमतें नहीं चुकानी होंगी। उन्हें पुराने दाम पर ही गाड़ी डिलिवर की जाएगी।

बीजिंग । कोरोनो महामारी, क्षेत्रीय विवादों और अन्य मुद्दों को लेकर ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंधों में खटास बढ़ती जा रही है।बढ़ते तनाव के बीच चीन सरकार ने अब ऑस्ट्रलियाई शराब पर शुल्क बढ़ा दिया है। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा निर्यात बाजार अपनी शराब, जौ, गोमांस और अन्य सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगा चुका है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने पिछले साल दिसंबर महीने में चीन से फैली कोरोना महामारी की उत्पत्ति की जांच का समर्थन करते हुए यह निर्णय लिया था।चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने अगस्त में शुरू हुई एक जांच का हवाला देते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने गलत तरीके से शराब निर्यात पर सब्सिडी दी, जिससे चीनी उत्पादकों का नुकसान हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि आयातकों को 6.3 फीसद से 6.4 फीसद तक का भुगतान करना होगा जो शुक्रवार से प्रभावी होगा। हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय लंबित है। बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई शराब पर पहले 200 फीसद से अधिक शुल्क लगाया था, जिसे अब फिर से बढ़ा दिया गया है। चीन ने रिश्तों को सुधारने के लिए ऑस्ट्रेलिया से अनिर्दिष्ट कदम उठाने की मांग की है।

नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ने देश में निजी सेक्टर के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया है। यह जुर्माना सब्सिडियरी जनरल लेजर में बैलेंस कम होने के मामले में लगा है। इसकी जानकारी बैंक ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में दी है। बैंक ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 4 दिसंबर को उस पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। ऐसा इसलिए क्योंकि (एसजीएल) में जरूरी पूंजी के स्तर से कम बैलेंस हो गया था। बैंक ने कहा कि उस 9 दिसंबर को रिजर्व बैंक का आदेश मिला था। बैंक ने कहा कि 19 नवंबर को बैंक के सीएसजीएल अकाउंट में कुछ सिक्योरिटीज में बैलेंस की कमी हो गई थी। बैंक का शेयर शुक्रवार को गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। यह 1379 रुपए पर कारोबार कर रहा था।
दरअसल सब्सिडियरी जनरल लेजर एक तरह का डिमैट अकाउंट होता है,इसमें बैंकों द्वारा सरकारी बॉन्ड रखा जाता है। जबकि, सीएसजीएल को बैंक की तरफ से खोला जाता है, जिसमें ग्राहकों की ओर से बैंक बॉन्ड रखते हैं। बॉन्ड से जुड़े लेनदेन फेल होने को ही कहा जाता है कि एसजीएल बाउंस हो गया। बता दें कि यह दूसरा मामला हाल में है जब बैंक को रिजर्व बैंक की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। हाल में रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक को अगले आदेश तक नई डिजिटल लांचिंग पर रोक लगाने का आदेश दिया है। आरबीआई ने यह भी कहा कि बैंक नया क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक के डिजिटिल प्लेटफॉर्म में लगातार दो सालों से गड़बडी मिल रही है।

Ads

R.O.NO. 13481/72 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक