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नई दिल्ली । ब्रिटेन की दमदार बोल्ड बाइक निर्माता कंपनी ट्रायम्फ मोटरसाइकल ने भारत में नई रॉकेट 3 बाइक लॉन्च की है। 2020 ट्रायम्फ रॉकेट 3 मोटरसाइकल की कीमत 18 लाख रुपये (एक्स-शोरूम प्राइस) है। 2020 ट्रायम्फ रॉकेट 3 बाइक ग्लोबली आर और जीटी इन दो वेरियंट्स में ऑफर की जाती है, लेकिन इंडियन मार्केट में फिलहाल आर वेरियंट को उतारा गया है। ट्रायम्फ ने इस साल की शुरुआत में आइकॉनिक नेमप्लेट को ज्यादा पावरफुल इंजन के साथ उतारा था। नई रॉकेट 3 बाइक पुराने मॉडल के मुकाबले करीब 2 लाख रुपये सस्ती है। इसकी वजह यह है कि अब बाइक एफटीए के जरिए थाईलैंड से आ रही है। रॉकेट 3 बाइक में 2,500सीसी का लिक्विड-कूल्ड इंजन दिया गया है। यह मोटर 6000 आरपीएम पर 167एचपी का पावर और 4,000आरपीएम पर 221 एनएम का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। बाइक में 6 स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है। ट्रायम्फ की इस मोटरसाइकल में प्रोडक्शन बाइक के मामले में दुनिया का सबसे दमदार इंजन इस्तेमाल किया गया है। नई रॉकेट 3 मोटरसाइकल में ऑल-एल्युमीनियम फ्रेम का इस्तेमाल किया गया है। अपने पुराने मॉडल की तुलना में यह करीब 40 किलोग्राम हल्की है। राउंड हेडलैंप्स और टियरड्रॉप फ्यूल टैंक इस बाइक को काफी स्टायलिश बनाते हैं।
ट्रायम्फ की नई रॉकेट 3 बाइक चार राइडिंग मोड्स समेत लेटेस्ट इलेक्ट्रॉनिक्स से लैस है। बाइक में रेन, रोड, स्पोर्ट और राइडर कन्फिगरेबल चार मोड दिए गए हैं। इसके अलावा, बाइक में ट्रैक्शन कंट्रोल और कॉर्निंग एबीएस भी दिया गया है। बाइक में दिए गए टीएफटी डिस्प्ले के जरिए आप सारी इंफॉर्मेशंस तक पहुंच बना सकते हैं। टीएफटी इंस्ट्रूमेंट टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन को सपॉर्ट करता है। अगर सेफ्टी फीचर की बात करें तो ट्रायम्फ की इस बाइक में क्रूज कंट्रोल सिस्टम, हिल-होल्ड कंट्रोल, हीटेल ग्रिप (ऑप्शनल), डेडिकेटेड गोप्रो कंट्रोल्स, की-लेस इग्निशन और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम दिया गया है। बाइक में ब्रेकिंग ड्यूटी का काम ड्यूल 320एमएम डिस्क और टॉप ड्रार कैलीपर्स संभालते हैं।

मुंबई. महाराष्ट्र के मंत्री जयंत पाटिल ने गुरुवार को पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक को लेकर बड़ी घोषणा की. उन्होंने कहा कि पीएमसी बैंक का महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक में विलय करने की दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है और जल्द ही इसके नतीजे आपको मिलेंगे.

पाटिल ने कहा कि हम महाराष्ट्र के उन लोगों की समस्या को ठीक से समझते हैं, जिन्होंने पीएमसी बैंक में पैसे जमा किए हैं, लेकिन आज वो अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं. पीएमसी बैंक का महाराष्ट्र स्टेट कॉपरेटिव बैंक में विलय हो जाएगा तो लोगों को राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है. पाटिल ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम इस बारे में आरबीआई को भी पत्र लिखेंगे. उन्होंने कहा कि मैंने कल ही महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरपर्सन से मुलाकात की थी और पीएमसी बैंक के विलय के बारे में चर्चा की थी.

बता दें कि सितंबर में आरबीआई ने कुछ वित्तीय अनियमितताओं के चलते बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे, इसके बाद से लोग बैंक से अपना ही पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं. वहीं अब तक कई खाताधारकों की अवसाद के चलते मौत भी हो चुकी है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजे जारी किए हैं। इसके तहत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो रेट 5.15 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई की क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा में रेपो रेट नहीं घटाने पर सहमति बनी है। दरअसल एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने कटौती नहीं करने के पक्ष में वोट किया है।
रेपो रेट के अलावा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जीडीपी का अनुमान जताया है। आरबीआई के अनुसार वर्ष 2019-20 के दौरान जीडीपी में और गिरावट आ सकती है और यह 6.1 फीसदी से गिरकर 5 फीसदी पर आ सकती है। बता दें कि इस साल रेपो रेट में किल 135 आधार अंकों की कटौती हुई। 9 सालों में रेपो रेट पहली बार इतना कम हुआ। साल 2010 में मार्च के बाद ये रेपो रेट का सबसे निचला स्तर है। वहीं रिवर्स रेप रोट 4.90 प्रतिशत और बैंक रेट 5.40 प्रतिशत पर है।
गौरतलब है कि साल 2018 के दिसंबर में आरबीआई गर्वनर का पद संभालने के बाद शक्तिकांत दास ने रेपो रेट घटाया था। हालांकि इस बार कोई बदलाव नहीं है।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की क्रेडिट पॉलिसी (Credit Policy) आज (5 दिसंबर) को आएगी. दोपहर 12 बजे आरबीआई प्रेस कांफ्रेंस कर ब्याज दरों का ऐलान करेगा. जी न्यूज के पोल के मुताबिक RBI ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की कटौती कर सकता है. अगर RBI की ओर से ऐसी कटौती की जाती है तो इस बात की संभावना है कि आने वाले दिनों में आपके घर और कार लोन पर ब्याज दर थोड़ा और घट सकता है. आपको बता दें कि RBI ने बीते 5 बार में लगातार ब्याज दरों में कटौती की है.
ASSOCHAM के प्रेसिडेंट बाल कृष्ण गोयंका का मानना है कि आरबीआई के पास रेट कट का पूरा मौका है. उन्हें उम्मीद है कि आरबीआई 25 बेसिस प्वाइंट का रेट कट कर सकती है. गोयंका ने कहा कि मौजूदा आर्थिक स्थिति और सेंटीमेंट सुधार के लिए ये जरूरी कदम होगा. उन्होंने कहा कि दिक्कत इस बात की है कि सेंट्रल बैंक आरबीआई के रेट कट का फायदा अन्य बैंक चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट उपभोक्ताओं तक बाईपास नहीं करते हैं.
ASSOCHAM प्रेसिडेंट ने कहा कि अगर आरबीआई के रेट कट का फायदा अन्य बैंक आगे भी रेट कटौती के रूप में करते हैं तो यकीनन इसका फायदा छोटे और मझोले उद्यमियों को मिलेगा.  इससे पूरी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने में बड़ी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि जीडीपी के आंकड़े भले ही गिरे हों लेकिन यहां से आगे स्थिति बेहतर ही होगी. अगले दो-तीन तिमाहियों में GDP 6-7% पर पहुंचने की उम्मीद ASSOCHAM प्रेसिडेंट ने जताई है.
उनका मानना है कि राज्य में सरकार बदलने पर नए फैसले ना लेकर पुराने फैसलों की समीक्षा की जाती रही तो इससे ग्लोबल सेंटीमेंट खराब होता है. इससे विदेशी निवेशकों पर गलत असर पड़ता है. निवेशकों का भरोसा टूटता है और सबसे अहम इस सब का खामियाजा केंद्र से ज्यादा राज्य को भुगतना पड़ता है. जिसकी सीधा असर GDP पर पड़ता है.
 

नई दिल्ली. बीएसएनएल और एमटीएनएल के 92,678 कर्मचारियों ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का विकल्प चुना है। इससे सालाना 8,800 करोड़ रुपए की बचत होने की उम्मीद है। वीआरएस स्कीम चुनने का मंगलवार को आखिरी दिन था।
बीएसएनएल के सालाना 7000 करोड़ रुपए बचेंगे
बीएसएनएल के 78,300 और एमटीएनएल के 14,378 कर्मचारियों ने वीआरएस लिया है। इसके बाद बीएसएनएल के 50% और एमटीएनएल के 76% कर्मचारी कम हो गए। बीएसएनएल के चेयरमैन और एमडी पी के पुरवार ने बताया कि वीआरएस के अलावा करीब 6,000 अन्य कर्मचारी भी रिटायर हो चुके हैं। इससे कंपनी के वेतन-भत्तों का सालाना खर्च 14,000 करोड़ रुपए से घटकर 7,000 करोड़ रुपए रह जाएगा।
एमटीएनएल के चेयरमैन और एमडी सुनील कुमार ने कहा कि कर्मचारियों की संख्या घटने से सालाना वेतन का खर्च 2,272 करोड़ रुपए से घटकर 500 करोड़ रह जाएगा। अब सिर्फ 4,430 कर्मचारी बचे हैं। इतने लोग कंपनी चलाने के लिए पर्याप्त हैं।
घाटे में चल रही दोनों कंपनियों का वेतन-भत्तों का खर्च बहुत ज्यादा था। बीएसएनएल और एमटीएनएल के रिवाइवल के लिए सरकार ने अक्टूबर में पैकेज का ऐलान किया था। इसके तहत एमटीएनएल के बीएसएनएल में मर्जर और दोनों कंपनियों के कर्मचारियों के लिए वीआरएस योजना पेश की गई।
बीएसएनएल को 2018-19 में 14,904 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। इस दौरान एमटीएनएल 3,398 करोड़ के नुकसान में रही। दोनों कंपनियों पर कुल 40,000 करोड़ रुपए का कर्ज है।

नई दिल्ली. आए दिन लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी और मनचलों को सबक सिखाने के लिए साउथ दिल्ली की रहने वाली प्रियंका ने महिलाओं के लिए खासतौर पर जीपीएस से लैस हैंड बैग तैयार किए है. जो मुसीबत के समय महिलाओं के लिए खासतौर पर मददगार होंगे. साथ ही इस बैग में एक ऐसी चीज भी लगाई गई है जो छेड़छाड़ करने वाले मनचलों पर पंच की तरह काम करेगा. ये हैंड बैग महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर खासतौर पर तैयार किए गए हैं.
ये हैंड बैग करेगा महिला की हिफाजत
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर देशभर में सवाल खड़े किए जा रहे है लेकिन आए दिन छेड़छाड़ और दरिंदगी के नए मामले निकल कर सामने आ जाते हैं. घर से अकेले निकलने वाली लड़कियां जबतक अपने को सुरक्षित घर वापस नहीं लौट आतीं, घरवालों को उनकी सुरक्षा की चिंता सताती रहती है.
ऐसे में साउथ दिल्ली की रहने वाली डिजायनर प्रियंका ने जीपीएस के साथ ऐसे हैंडबैग तैयार किए हैं जो मुसीबत के समय न सिर्फ लोकेशन को दिखाएंगे बल्कि वक्त पड़ने पर हथियार की तरह काम भी करेंगे.
महिलाओं की सुरक्षा के लिए डिजायन किया ये बैग
पेशे से डिजायनिंग का काम करने वाली वाली प्रियंका ने घर से ऑफिस हो या बाजार, अकेली जाने वाली लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर खास तौर पर जीपीएस के साथ हैंडबैग्स तैयार किए हैं.
इस बैग में एक जीपीएस बटन लगाया गया है जिसको एक सॉफ्टवेयर के जरिये एक फोन नंबर से अटैच किया जाता है. मुसीबत के समय लड़की 3-4 सेकंड तक इस बटन को जैसे ही दबाएगी तुरंत घरवालों के नम्बर पर कॉल आ जायेगी और आप लोकेशन और वहां के साउंड को आसानी से सुन सकते हैं.
क्या है इन बैग्स की खासियत
इन बैग्स की खासियत ये है कि ये पूरी तरह से इंडियन टेक्नोलॉजी और प्योर लेदर से बने है और देखने काफी मजबूत और बेहद खूबसूरत है. साथ ही इन बैग्स में ब्रास से बने बेहद खूबसूरत हैंडल लगाये गए हैं जिनके सिरों को डिजायन करके खासतौर पर नुकीला और शार्प बनाया गया है जिससे मुसीबत के समय हथियार की तरह इस्तेमाल किया जा सके.
इन बैग्स को तैयार करने वाली प्रियंका बताती है कि हैदराबाद में जिस लेडी डॉक्टर का मर्डर हुआ उस हादसे के वक्त उनका मोबाइल छीन लिया गया यदि उनके पास इस तरह की कोई चीज होती तो उनसे घरवाले आसानी से संपर्क कर सकते है. इस तरह के हादसों को टाला जा सकता था.
ये बैग्स देखने मे जितने खूबसूरत है, मुसीबत के समय उतने ही उपयोगी भी है जो घर से अकेली निकलने वाली लड़कियों और महिलाओं के लिए एक हथियार से कम नहीं है. हालांकि आने वाले समय में जीपीएस को घरवालों के साथ-साथ पीसीआर से कनेक्ट करने की योजना है जिससे मुसीबत के समय घरवालों के साथ-साथ नजदीक पीसीआर को भी कॉल मिल सके.

सीबीडीटी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि आयकर विभाग द्वारा हाल ही में छापे की कार्यवाही के बाद एनसीआर स्थित एक रियल एस्टेट समूह ने 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय को "स्वीकार" किया है।
हालांकि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने फर्म की पहचान जाहिर नहीं की है। लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने इसे ओरिएंटल इंडिया ग्रुप होने का दावा किया है।
बयान के अनुसार, पिछले हफ्ते, समूह के 25 से अधिक परिसरों में खोज और पड़ताल किया गया था। इस समूह की बुनियादी ढांचे, खनन और अचल संपत्ति में दिलचस्पी रही है।
बयान में कहा गया, "250 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी प्राप्तियों के विवरण वाले नकद बहीखाते बरामद किए गए हैं और जब्त किए गए हैं। समूह ने कई संपत्ति लेनदेन पर आयकर का भुगतान भी नहीं किया है।
बयान में कहा गया है, "3.75 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति जब्त की गई है। समूह ने 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय स्वीकार की है और उसी पर आयकर का भुगतान करने के लिए सहमत हुआ है।"
सीबीडीटी, आयकर विभाग के लिए नीति निर्धारित करता है।
बयान में कहा गया कि छापे के बाद 32 बैंक लॉकरों को भी सील कर दिया गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की अध्यक्षता वाली समिति चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की नियुक्ति के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने में जुट गई है। इससे दिसंबर अंत तक सरकार को एकीकृत सैन्य सलाहकार मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। जिम्मेदारियों को अंतिम रूप देने के लिए एनएसए अजीत डोभाल की अध्यक्षता में सोमवार को एक उच्चस्तरीय समिति ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए रूपरेखा तैयार की और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।
सूत्रों के मुताबिक संभावना है कि सरकार अगले दो सप्ताह के भीतर इसकी घोषणा करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक सैन्य सुधार करते हुए 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से घोषणा की थी कि भारत की तीनों सेना के लिए एक प्रमुख होगा, जिसे सीडीएस कहा जाएगा। कारगिल रिव्यू कमेटी ने 1999 में करगिल युद्ध के बाद से ही सीडीएस नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा था।
रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि सीडीएस सूचना के अधिकार कानून के दायरे में आएगा।
प्रधानमंत्री की घोषणा के कुछ दिनों बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल की अध्यक्षता में एक कार्यान्वयन समिति को एक सक्षम ढांचे को अंतिम रूप देने और सीडीएस के लिए सटीक जिम्मेदारियों को निर्धारित करने के लिए नियुक्त किया गया था। नाइक ने राज्यसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, उक्त समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
उन्होंने कहा कि समिति को जिम्मेदारियों को निर्धारित करने और अंतिम रूप देने के लिए गठित किया गया था और इसमें शामिल सभी अन्य मुद्दों के अलावा सीडीएस के लिए एक सक्षम ढांचे का सुझाव दिया गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना ने पहले ही शीर्ष पद के लिए अपने वरिष्ठतम कमांडरों के नामों की सिफारिश रक्षा मंत्रालय से कर दी है। फिलहाल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत इस पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं। जनरल रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं और सरकार के शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, अगर सब कुछ योजना के अनुसार होता है तो सरकार उन्हें देश के पहले सीडीएस के रूप में सामने लाएगी।
सीडीएस के पास तीनों सेवाओं के अध्यक्षों की तरह चार स्टार होंगे। उसकी जिम्मेदारी भविष्य की भारतीय सैन्य जरूरतों के लिए हार्डवेयर को प्राथमिकता देने, नए थिएटर कमांड को त्रि-सेवाओं की संपत्ति आवंटित करना और संरचनाओं के लिए कार्यों को नामित करना होगा। नया सीडीएस भारतीय सैन्य कूटनीति के केंद्र में होगा।  हालांकि, प्रोटोकॉल की सूची में, सीडीएस सेवा प्रमुखों की तुलना में अधिक होगा।
सीडीएस का मुख्य कार्य तीन सेवाओं के बीच संयुक्तता सुनिश्चित करना होगा जिसमें कुछ थिएटर कमांड स्थापित करने के साथ-साथ अपने कार्यों के तालमेल के लिए सेवाओं के बीच सैन्य संपत्ति आवंटित करने के लिए काम करने की शक्तियां शामिल होंगी।
वर्तमान में, तीन सेवाएं एकीकृत रक्षा कर्मचारी (आईडीएस) के ढांचे के तहत अपने काम का समन्वय करती हैं। हालांकि, सीडीएस की नियुक्ति के बाद, आईडीएस को नए ढांचे में शामिल किया जाएगा। सीडीएस प्रमुख रक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के एकल-बिंदु सैन्य सलाहकार के रूप में भी काम करेगा।
1999 में कारगिल युद्ध के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली में अंतराल की जांच के लिए गठित एक उच्च-स्तरीय समिति ने रक्षा मंत्री के लिए एक सूत्रीय सैन्य सलाहकार के रूप में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति का आह्वान किया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में आवश्यक सुधारों का विश्लेषण करने वाले मंत्रियों के एक समूह ने भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त करने की सिफारिश की थी। टास्क फोर्स नरेश चंद्र  ने 2012 में चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के पद का गठित करने की सिफारिश की थी।

नई दिल्ली. एक दिसंबर से कुछ नियम और चीजें बदल गई हैं। इससे आपके जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। ज्यादातर मामलों में आप पर भार ही बढ़ेगा। मोबाइल कॉल दरों से लेकर आपकी बीमा पॉलिसी तक महंगी हो गई। एटीएम से नगद निकालना भी जेब ढीली कर सकता है। आइए जानते हैं क्या है  ये मामले...
1. मोबाइल बिल ज्यादा चुकाना होगा
देश की बड़ी टेलिकॉम कंपनियां रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया की कॉल दरें एक दिसंबर से महंगी हो जाएंगी। दरों में कितनी वृद्धि होगी, इस बारे में कंपनियों ने कोई खुलासा नहीं किया है। कंपनियों का कहना है कि नुकसान और उद्योग को व्यवहारिक बनाए रखने के लिए दरें बढ़ाना जरूरी हो गया है।
2. महंगी हो जाएगी बीमा पॉलिसी
बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा)  के नए दिशा-निर्देशों के कारण आपकी जीवन बीमा पॉलिसी का प्रीमियम 15 फीसदी तक महंगा हो सकता है। नए नियमों का असर एक दिसंबर 2019 से पहले बेची गई पॉलिसी पर नहीं पड़ेगा। पॉलिसी के बीच में बंद होने के पांच साल के भीतर उसे अब रिन्यू भी करा सकेंगे। अभी इसकी अवधि दो साल है।
3. बदला नगद निकालने का नियम
आईडीबीआई बैंक के एटीएम से जुड़े नियमों में भी बदलाव एक दिसंबर से होगा। अगर इस बैंक का कोई ग्राहक दूसरे बैंक के एटीएम से लेनदेन करता है और कम बैलेंस के कारण लेनदेन फेल हो जाता है तो उसे 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा।
4. एनईएफटी 24 घंटे कर सकेंगे :
एक दिसंबर से बैंक ग्राहक 24 घंटे एनईएफटी कर सकेंगे। अभी सभी कार्य दिवस पर सुबह आठ बजे से शाम सात बजे तक ही एनईएफटी हो सकती है। जनवरी से इस पर कोई शुल्क भी नहीं लगेगा।  
5. एथेनॉल की कीमतों में बढ़ोत्तरी :
सितंबर में केंद्र द्वारा 1.64 रुपए तक बढ़ाई गई एथेनॉल की कीमत एक दिसंबर से लागू होगी। सी श्रेणी के सीरे से निकलने वाले एथेनॉल की कीमत 19 पैसे बढ़कर 43.75 रुपए प्रति लीटर और बी श्रेणी के सीरे से मिले एथेनॉल की कीमत 1.84 रुपए बढ़कर 54.27 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी।

नई दिल्ली. तीन साल में यह पहली बार है, जबकि देश में कॉलिंग और डेटा टैरिफ बढ़ाने की बात हो रही है। 2016 में जियो के आने के बाद से अब तक तो सिर्फ कीमतों में कटौती की खबरें आई थीं। अब अचानक ऐसा क्या हो गया? क्यों टेलीकॉम कंपनियां ऐसा फैसला ले रही हैं? कॉलिंग-डेटा कितना महंगा हो सकता है? इन्हीं सवालों के जवाब भास्कर ने एक्सपर्ट्स के जरिए तलाशने की कोशिश की।
टेलीकॉम क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि तीन महीनों में ही डेटा-टैरिफ तीस फीसदी तक महंगा हो सकता है। जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया पहले ही कह चुकी हैं कि दिसंबर में वे दाम बढ़ाने वाली हैं। टेलीकॉम कंपनियों के इस संकट के मूल में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) का विवाद छिपा है।
2005 में सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने सरकार की इस परिभाषा को अदालत में चुनौती दी। अब इसी 14 साल पुराने केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। इसमें उसने कंपनियों को 92 हजार करोड़ रुपए चुकाने का आदेश दिया है। इसी के चलते टेलीकॉम कंपनियां चिंतित हैं।
सरकार ने भी कंपनियों की मदद के लिए कमेटी बनाई, जिसके बाद कंपनियों को दो साल की मोहलत मिल गई।  एजीआर का सबसे बड़ा नुकसान वोडाफोन को उठाना पड़ सकता है। इसकी वजह से  वोडाफोन-आइडिया को 50,921 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है। जो कि काॅपोर्रेट इतिहास में अब तक सर्वाधिक है।    
कंपनियों की इस खस्ता हालत का असर 5जी की तैयारियों पर भी पड़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार देश में अब 2022 से ही 5जी सब्सक्रिप्शन शुरू हो पाएंगे।  इतना ही नहीं,  कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम की कीमतों को घटाने की भी सरकार से मांग कर रही हैं।

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