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नई दिल्‍ली। कोविड‑19 की महामारी और देशव्‍यापी लॉकडाउन के बीच सरकार सस्‍ते में सोना खरीदने का अवसर दे रही है। केंद्र सरकार की ओर से वित वर्ष 2020–21 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्‍ड की दूसरी सीरीज सोमवार से ओपन हो रही है। यदि आप सोना खरीदने का सोच रहें हैं, तो इस सीरिज में आप सोना को सस्‍ते में खरीद सकते हैं। भारत सरकार की यह स्‍कीम 11 मई से लेकर 15 मई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्‍ड में सबसक्रिप्शन के बाद निवेशकों को बांड जारी किए जाएंगे। इस स्कीम में निवेशक, निवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के इस चरण के लिए भाव 4,590 प्रति ग्राम तय की गई है, जबकि पहले चरण के लिए इश्यू भाव 4,639 रुपये प्रति ग्राम था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का पहला इश्यू 20 अप्रैल से 24 अप्रैल 2020 तक खुला था।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने वाला एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है, जबकि न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। इसके साथ ही स्कीम के तहत निवेश पर 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा।

आरबीआई के एक बयान के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की इश्यू प्राइस 4,590 प्रति ग्राम तय किया गया है। बॉन्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन और भुगतान पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी। इस छूट के साथ इस बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4,540 रुपये प्रति ग्राम होगा। इस स्कीम के अंतगर्त सबसे छोटा बॉन्ड 1 ग्राम के सोने के बराबर होगा।

उल्‍लेखनीय है कि कोई भी व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 4 किलो ग्राम सोने का बॉन्‍ड खरीद सकता है, जबकि कोई ट्रस्ट और संगठन के लिए 20 किलो ग्राम सोने का बॉन्‍ड खरीद सकता है। इस योजना की परिपक्वता अवधि 8 साल है. लेकिन यदि कोई समय से पहले बॉन्ड बेचना चाहता है तो उसे पांच साल का इंतजार करना होगा। इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी।

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड की बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुने गए पोस्ट ऑफिस, एनएसई और बीएसई के जरिए बिक्री होती है। रिजर्व बैंक के अनुसार , अप्रैल सीरीज बॉन्‍ड को 17.73 लाख यूनिट के लिए करीब 822 करोड़ रुपये का सब्सक्रिप्शन मिला था, जो कि अक्टूबर 2016 के बाद का सबसे ज्यादा सब्सक्रिप्शन था। 

नई दिल्ली। भारत की आर्थिक मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज ने ताजी रिपोर्ट में कहा कि कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) गिरकर शून्य फीसदी पर आ जाएगी। वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी वृद्धि र 0.8 प्रतिशत रह सकती है। केंद्र सरकार ने देश को कई जोन में बांटकर लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया है। बार्कलेज का मानना है कि भारत में लॉकडाउन आंशिक आधार पर 6 जून तक जारी रह सकता है। बार्कलेज के राहुल बाजोरिया ने रिपोर्ट में लिखा है कि हमारे पिछले जीडीपी के पूर्वानुमान में अप्रैल के अंत से एक आंशिक लॉकडाउन की बात कही गई थी। यह सही साबित हो रही है। छह जून से आगे शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन के बढ़ने के कारण से कुछ नकारात्मक जोखिमों को स्वीकार करते हुए, हम कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए जीडीपी में शून्य प्रतिशत की वृद्धि और वित्त वर्ष 21 के लिए 0.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान पर कायम हैं। इस बार के लॉकडाउन में देश के बड़े हिस्सों में महत्वपूर्ण छूट की घोषणा की गई है। जोखिम के आधार पर अब देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा गया है। ऑरेंज और ग्रीन जो में आर्थिक गतिविधियों में कई महत्वपूर्ण छूट दी गई है। बाजोरिया का कहना है कि शहरी क्षेत्र और आर्थिक रूप से अधिक अहम शहर जैसे मुंबई, दिल्ली, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता सभी रेड जोन में हैं। इसलिए आर्थिक सामान्य स्थिति से उभरने में ज्यादा समय लगेगा।

नई दिल्ली। डिजिटल भुगतान में तेजी को लॉकडाउन ने थाम लिया है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में डिजिटल भुगतान से होने वाले भुगतान में 40 फीसदी की गिरावट आई है। अप्रैल में आईएमपीएस (इमिडिएट पेमेंट सर्विस) लेनदेन गिरकर 1.21 लाख करोड़ रुपये रह गया। जबकि इस साल मार्च में यह आंकड़ा 2.02 लाख करोड़ रुपये के स्तरक पर था। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में डिजिटल भुगतान से होने वाले लेन-देन की संख्या गिरकर 12.25 करोड़ रह गई, जो मार्च में 21. 7 करोड़ थी। ने इन आंकड़ों को सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर और फेसबुक पर जारी किया है। लॉकडाउन शुरू होने से पहले फरवरी में आईएमपीएस से होने वाले लेन-देन की संख्या 24.8 करोड़ थी। इस दौरान करीब 2.15 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन हुए थे। आईएमपीएस का उपयोग आमतौर पर 50,000 रुपए तक के लेनदेन के लिए किया है। सूत्रों के अनुसार भीम और यूपीआई के जरिए होने वाला लेन-देन मार्च में 2.06 लाख करोड़ रुपये से 26.7 प्रतिशत घटकर 1.51 लाख करोड़ रुपये रह गया। आंकड़ों के मुताबिक भारत बिलपे में दूसरे भुगतान विकल्पों की तुलना में कम गिरावट आई है। अप्रैल में इससे कुल लेन-देन घटकर 1371.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो मार्च में 1953.99 करोड़ थी। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आधार से जुड़े बायोमैट्रिक भुगतान में इजाफा देखने को मिला है।

रिलायंस ने 53,125 करोड़ रुपए का राइट्स इश्यू लाने की घोषणा की
नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने कहा ‎कि उन्होंने ‎दिसंबर तक रिलायंस इंडस्ट्रीज को पूरी तरह ऋणमुक्त करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.61 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। अंबानी कंपनी के साथ और रणनीतिक निवेशकों को जोड़कर कंपनी को कर्ज से मुक्त करना चाहते हैं। रिलायंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंबानी ने पिछले साल अगस्त में मार्च, 2021 तक कंपनी को पूरी तरह कर्जमुक्त करने का लक्ष्य रखा था। उन्होंने हाल में फेसबुक के साथ 5.7 अरब डॉलर यानी 43,547 करोड़ रुपए का करार किया है। फेसबुक रिलायंस जियो में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। इसके अलावा रिलायंस ने 53,125 करोड़ रुपए का राइट्स इश्यू लाने की घोषणा की है। साथ ही कंपनी सऊदी अरामको को अपने तेल एवं पेट्रो रसायन कारोबार में हिस्सेदारी की बिक्री करने जा रही है। ऐसे में रिलायंस इस साल दिसंबर तक लक्ष्य को हासिल कर सकती है।
पिछले सप्ताह फेसबुक ने रिलायंस की डिजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म में 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपए) का निवेश करने की घोषणा की है। इसके अलावा इस 1.04 लाख करोड़ रुपए की राशि में कंपनी को ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को अपने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से मिली 7,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है। रिलायंस ने अपने तेल-से-रसायन कारोबार का मूल्य 75 अरब डॉलर आंका है। इसमें गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरियां, रसायन परिसंपत्तियां, वाहन ईंधन और विमान ईंधन खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। सऊदी अरामको इस उपक्रम में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। मार्च 2020 अंत तक कंपनी पर बकाया कर्ज 3,36,294 करोड़ रुपए और हाथ में नकदी 1,75,259 करोड़ रुपए थी। नकदी को समायोजित करने के बाद शुद्ध कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपए बचता है। इसमें से 2,62,000 का कर्ज रिलायंस इंडस्ट्रीज पर और 23,000 करोड़ रुपए का कर्ज जियो के खाते में है।

मुंबई। भारती एयरटेल ने चल रहे कोविड -19 संकट के दौरान अपने वितरकों और भागीदारों का समर्थन करने के लिए एक अटूट बंधन अभियान शुरू किया है। एयरटेल अपने वितरक और खुदरा फ्रेंचाइजी के कर्मचारियों को अप्रैल के वेतन का भुगतान करेगा। कृतज्ञता के एक इशारे के रूप में, एयरटेल ने अपने वितरकों के साथ काम करने वाले सभी फील्ड सर्विस अधिकारियों को मुफ्त कोविड-19 बीमा प्रदान किया है। इसके अलावा, एयरटेल अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप स्कीम पेश करती रहेगी, जिसका उद्देश्य उनके परिवारों का समर्थन करना है। एयरटेल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़  के सर्कल सीईओ धर्मेंद्रर खजुरिया द्वारा सभी वितरकों और भागीदारों को संचार भेजा गया है।

मुंबई। वै‎श्विक बाजारों से ‎‎मिले अच्छे संकेतों की वजह से सप्ताह के पहले कारोबारी ‎दिन सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 600 अंक से ज्यादा की बढ़त रही। वहीं निफ्टी भी 9,300 अंक के पार खुला। इस तेजी की प्रमुख वजह रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक तथा इंफोसिस में बढ़त रहना है। बीएसई सेंसेक्स 31,977.82 अंक के उच्च स्तर पर खुलने के साथ ही सुबह के कारोबार में 632.65 अंक की बढ़त के साथ 31,959.87 अंक पर चल रहा है। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी का स्तर 174.20 अंक की तेजी के साथ 9,328.60 अंक पर चल रहा है। सेंसेक्स में शामिल बजाज ऑटो इस शुरुआती तेजी से सबसे अधिक लाभ में रहा। उसका शेयर 4 प्रतिशत से अधिक बढ़त लिए रहा। सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, मारुति, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक बैंक के शेयर भी लाभ में रहे। पिछले सत्र के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 31,327.22 अंक पर और एनएसई निफ्टी 9,154.40 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी का ऑटो इंडेक्स 2,54 फीसदी, फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स 2.06 फीसदी, एफएमसीजी इंडेक्स 0.82 फीसदी, आईटी इंडेक्स 2.02 फीसदी, मेटल इंडेक्स 1.73 फीसदी, फार्मा इंडेक्स में 2.12 फीसदी और रियल्टी इंडेक्स में 1.80 फीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है।

शीर्ष दस कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर कायम रही 

नई ‎दिल्ली। ‎पिछले सप्ताह सेंसेक्स की प्रमुख 10 कंपनियों में से पांच का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 1,63,795.48 करोड़ रुपए बढ़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे अधिक लाभ हुआ। रिलायंस के अलावा शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक के बाजार पूंजीकरण में भी बढ़ोतरी हुई। वहीं हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक को बाजार मूल्यांकन में नुकसान उठाना पड़ा। सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 1,21,904.63 करोड़ रुपए बढ़कर 8,98,499.89 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसकी प्रमुख वजह 22 अप्रैल को फेसबुक द्वारा रिलायंस जियो में बड़े निवेश की घोषणा है। फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म में 5.7 अरब डॉलर (करीब 43,574 करोड़ रुपए) का निवेश कर 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। समीक्षाधीन सप्ताह में एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 14,941.95 करोड़ रुपए बढ़कर 5,14,140.35 करोड़ रुपए, इन्फोसिस का 12,351.08 करोड़ रुपए बढ़कर 2,80,369.48 करोड़ रुपए, कोटक महिंद्रा बैंक का 10,282.58 करोड़ रुपए बढ़कर 2,37,255.01 करोड़ रुपए और टीसीएस का 4,315.24 करोड़ रुपए बढ़कर 6,82,296.11 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वहीं दूसरी तरफ आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 26,571.92 करोड़ रुपए घटकर 2,16,778.54 करोड़ रुपए, हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 21,983.99 करोड़ रुपए गिरकर 4,94,212.28 करोड़ रुपए, एचडीएफसी का 17,502.34 करोड़ रुपए गिरकर 2,73,550.94 करोड़ रुपए, आईटीसी का 9,956.71 करोड़ रुपए घटकर 2,21,260.16 करोड़ रुपए और भारती एयरटेल का 4,309.89 करोड़ रुपए गिरकर 2,69,695.48 करोड़ रुपए पर आ गया। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष दस कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर कायम रही। इसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक का स्थान रहा।

मुंबई। भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या सरकार के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है. इस बीच मुंबई एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कहा है कि वह हवाई सेवा फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. अथॉरिटी के अनुसार उन्होंने हवाई सेवा शुरू करने के सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक यात्रा के दौरान सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया जा चुका है. इस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट मुंबई की तरफ से हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. हालांकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ये भी साफ कर दिया है कि वह अभी ये नहीं कह सकती कि विमान सेवाओं को कब तक शुरू किया जाएगा. बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट पर 1.5 मीटर की दूरी पर मार्किंग की गई है. एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से या​त्रियों को इन दूरी का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. इसके अलावा   या​त्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि वह एयरपोर्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों से कम से कम बात करें और ऑनलाइन चेक-इन का इस्तेमाल करें, जिससे उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े. एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से यात्रियों से अनुरोध किया गया है अभी कुछ महीनों तक सफर के दौरान कम से कम सामान लेकर ही यात्रा करें. इसी के साथ एयरपोर्ट परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और भीड़ के साथ एयरपोर्ट पर आने से बचें.

 सेंसेक्स 500 और निफ्टी 125 अंक टूटा
मुंबई। वै‎श्विक बाजारों से ‎मिले खराब संकेतों की वजह से शुक्रवार के कारोबारी ‎दिन सेंसेक्स और निफ्टी में कमजोरी देखने को मिल रही है। सेंसेक्स में करीब 500 अंकों की गिरावट देखने को मिल रही है। दिग्गज शेयरों के साथ ही मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोरी देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.6 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.68  फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। तेल-गैस शेयरों में भी आज कमजोरी नजर आ रही है। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.52 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। बाजार में चौतरफा बिकवाली दिख रही है। आज के कारोबार में बैंकिंग, एनबीएफसी, ऑटो, आईटी शेयरों और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा कमजोरी देखने को मिल रही है। बैंक शेयरों पर दबाव के चलते बैंक निफ्टी 2.81 फीसदी की कमजोरी के साथ 19,700 के स्तर करे नीचे नजर आ रहा है। बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स करीब 450  अंक की कमजोरी के साथ 31,410 के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी करीब 125 अंक की कमजोरी के साथ 9,190 के आसपास कारोबार कर रहा है।

मुंबई। भारतीय ‎रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को ओवरड्राफ्ट खाते रखने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने की अनुमति दी। यह सुविधा उन ओवरड्राफ्ट खातों के लिए है जो व्यक्तिगत ऋण की तरह हैं और उस पर किसी विशिष्ट अंतिम उपयोग को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। रिजर्व बैंक ने कहा कि केंद्रीय बैंक के जुलाई 2015 के दिशानिर्देश के अनुसार बैंकों को बचत बैंक या चालू खाते वाले ग्राहकों को डेबिट कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है लेकिन यह सुविधा नकदी क्रेडिट, ऋण खाता धारकों को नहीं दी गई। लेकिन अब बैंकों को उन ओवरड्राफ्ट खाते रखने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है जिसकी प्रकृति व्यक्तिगत ऋण की तरह हैं और उस पर किसी विशिष्ट अंतिम उपयोग को लेकर कोई पाबंदी नहीं है।
केंद्रीय बैंक के परिपत्र के अनुसार अनुसार कार्ड ग्राहक को दी गई सुविधा की वैधता से अधिक की अवधि के लिए नहीं जारी किया जाएगा और ऋणदाता के रूप में बैंकों के सामान्य अधिकारों के अधीन होगा। इसमें कहा गया है कि व्यक्तिगत ऋण की प्रकृति वाले ओवरड्राफ्ट खातों के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड का उपयोग केवल देश में लेनदेन के लिए किया जा सकेगा। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नियंत्रण और जांच प्रक्रिया रखी जाएगी कि ऐसे कार्ड का उपयोग केवल ऑनलाइन सुविधाओं/गैर-नकद लेनदेन तक ही सीमित हो। इसमें कहा गया है कि नकद लेनदेन पर यह प्रतिबंध प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के साथ प्रदान की गई ओवरड्राफ्ट सुविधा पर लागू नहीं होगा। आरबीआई ने बैंकों से इस उत्पाद को आरंभ करने से पहले उपर्युक्त ओवरड्राफ्ट खातों के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने को लेकर निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीति बनाएंगे। इसमें उपयुक्त जोखिम प्रबंधन, निश्चित समय पर समीक्षा प्रक्रिया, शिकायत निवारण प्रणाली आदि शामिल होंगे।

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