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मुंबई ।  शिवसेना यूबीटी ने महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 65 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने अपने अधिकांश विधायकों को फिर से उम्मीदवार बनाया है, जो 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे के साथ बने रहे। आदित्य ठाकरे मुंबई के वर्ली से चुनाव लड़ेंगे। वरुण देसाई बांद्रा ईस्ट से चुनाव लड़ेंगे। ठाणे की कोपरी-पंचपाखड़ी सीट पर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने  शिवसेना (यूबीटी) ने केदार दिघे को मैदान में उतारा है। केदार दिघे दिवंगत नेता आनंद दिघे के रिश्तेदार हैं। आनंद दिघे को शिंदे का राजनीतिक गुरु माना जाता है।

 

 

हालांकि, विदर्भ की 12 सीटों पर कांग्रेस से विवाद चल रहा था, लेकिन अभी जारी हुई लिस्ट में ठाकरे की शिवसेना ने विदर्भ की 8 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है।वहीं रामटेक चुनाव क्षेत्र पर महाविकास अघाड़ी में चल रही दरार खत्म हो गई लगती है। शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे के उम्मीदवार विशाल बारबेटे को रामटेक से टिकट दिया गया है। विशाल बारबेटे का मुकाबला शिवसेना के शिंदे ग्रुप के उम्मीदवार एडवोकेट आशीष जायसवाल से होगा। यहां कांग्रेस पीछे हट गई। पिछले कई महीनों से जनसंपर्क कर रहे कांग्रेस जिला अध्यक्ष राजेंद्र मुलक अब रामटेक से चुनाव नहीं लड़ेंगे।

 

 

हालांकि, शिवसेना के नेता संजय राउत ने एक पेच फंसा दिया है। सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि नंबर बदल भी सकते हैं। क्योंकि अभी सीटों पर चर्चा होनी बाकी है। संजय राउत ने कहा कि हम महा विकास अघाड़ी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में हमारी सरकार बनेगी।

 

 

आपको बता दें कि ऐसा दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में सीटों का बंटवारा हो गया है। कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की बुधवार को हुई बैठक में सीटों के समझौते पर आखिरी मुहर लग गई है। तीनों पार्टियों ने 85-85-85 पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बाकी 18 सीटें क्षेत्रीय पार्टियों के साथ अलायंस के लिए रखी गई हैं। इनमें समाजवादी पार्टी भी शामिल है। महाराष्ट्र की 288 सीटों में से बाकि की सीटें दूसरे सहयोगी दलों को दी जाएंगी। महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं। यहां एक ही फेज में 20 नवंबर को वोटिंग होगी। 

 

झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने 66 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को धनवार से प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं झारखंड के पूर्व सीएम और पूर्व जेएमएम नेता (अब भाजपा में) चंपई सोरेन को सरायकेला से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला सुरक्षित सीट से मौका दिया गया है। भाजपा ने पूर्व जेएमएम नेता (अब भाजपा में) लोबिन हेम्ब्रम को बोरियो विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है।

 

इन बड़े चेहरों को भाजपा ने दिया टिकट

 

भाजपा की तरफ से जारी सूची के अनुसार, झारखंड के पूर्व सीएम और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक शिबू सोरेन की बड़ी बहू और भाजपा नेता सीता सोरेन को पार्टी ने जामताड़ा से उम्मीदवार बनाया है। इस कड़ी में अगला नाम पूर्व केंद्रीय मंंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा का है, जिन्हें पोटका सुरक्षित सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। पूर्व सीएम और ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास की बहू पूर्णिमा दास साहू को जमशेदपुर पूर्व से टिकट मिला है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि सरकार खेत से लेकर थाली तक बागवानी उत्पाद (सब्जियों) की कीमतों में भारी अंतर को दूर करने के लिए समिति गठित करेगी।राष्ट्रीय राजधानी में कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा, किसान पांच रुपये में सब्जियां बेचता है, तो उपभोक्ता 50 रुपये चुकाता है। इस अंतर को कम करने की जरूरत है।

 

अगले महीने 'कृषि चौपाल' शुरू होगी

 

टमाटर की कीमतों में उछाल रोकने के लिए उन्होंने प्रस्ताव दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें संयुक्त रूप से परिवहन लागत में सब्सिडी दे सकती हैं ताकि शहरी उपभोक्ताओं को सब्जियां उचित दरों पर मिलें और किसानों के हितों की रक्षा हो सके। कृषि मंत्री चौहान ने अगले महीने 'कृषि चौपाल' शुरू करने की योजना के बारे में बताया। उन्होंने देशभर में 730 से अधिक कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के कामकाज को ठीक करने की आवश्यकता पर बल दिया।

 

कृषि भारत की आर्थिक रीढ़

 

उन्होंने कहा, कुछ राज्य केवीके पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते हैं। हमें बेहतर समन्वय की आवश्यकता है। उन्होंने राज्यों से कृषि में सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करने के लिए 2-2.5 एकड़ के माडल फार्म विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, कृषि भारत की आर्थिक रीढ़ है। इस क्षेत्र को मजबूत किए बिना कोई प्रगति संभव नहीं है।

 लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने रांची में 'संविधान सम्मेलन कार्यक्रम' को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नीतियों की जमकर आलोचना की. राहुल गांधी ने बीजेपी को आदिवासियों और गरीबों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कहा कि, 'देश के सबसे पहले मालिक आदिवासी थी, लेकिन बीजेपी इन्हें वनवासी कहती है.'

 

'देश के सबसे पहले मालिक थे आदिवासी'

 

कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रांची कार्यक्रम का एक वीडियो पोस्ट किया है. राहुल राहुल गांधी को ये बयान देते हुए सुना जा सकता है. राहुल गांधी ने कहा, 'जब BJP के लोग आदिवासी को वनवासी कहते हैं. तब वे आपके इतिहास, आपके जीने के तरीके को खत्म करने की कोशिश करते हैं. आदिवासी का मतलब है: देश के सबसे पहले मालिक आदिवासी सिर्फ एक शब्द नहीं हैं, बल्कि आपका पूरा इतिहास है.'

 

साथ ही राहुल गांधी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का भी मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में उद्योगपतियों को तो बुलाया गया लेकिन राष्ट्रपति को निमंत्रण नहीं दिया गया क्योंकि वह एक आदिवासी हैं.' उन्होंने कहा कि बीजेपी आदिवासियों के साथ हर तरह से भेदभाव करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने आदिवासियों की धरोहर, इतिहास, परंपरा और चिकित्सा पद्धतियों को नष्ट करने की कोशिश की है.

 

 कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण संस्थानों जैसे कि चुनाव आयोग, सीबीआई, ईडी, और आयकर विभाग पर कब्जा कर रखा है. उन्होंने कहा कि हमारी एजुकेशन सिस्टम में आदिवासी, किसान और ओबीसी समुदायों के इतिहास को नष्ट कर दिया गया है.

 

पटना ।  बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन ने चार विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की। इन चार में से तीन सीट विधायकों के लोकसभा सदस्य बनने के बाद खाली हुई थीं। वहीं इमामगंज सीट पर जीतन राम मांझी ने अपनी बहू को टिकट दिया है। 

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तीन सीट रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) तरारी से चुनाव लड़ेगी। रामगढ़ से जगदानंद सिंह के बेटे तथा सुधाकर सिंह के भाई अजित सिंह को राजद का उम्मीदवार बनाया गया है। सुधाकर सिंह के बक्सर से लोकसभा सदस्य बनने के बाद रामगढ़ सीट खाली हुई थी। बेलागंज में विश्वनाथ कुमार सिंह चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले, इस सीट से उनके पिता सुरेन्द्र प्रसाद यादव चुनाव लड़ते थे, जो अब जहानाबाद से सांसद हैं। इमामगंज से राजद ने गया जिला परिषद के पूर्व सदस्य रोशन मांझी को टिकट दिया है।

तरारी में भाकपा (माले) के उम्मीदवार राजू यादव हैं, जिन्होंने 2019 में आरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। तरारी से विधायक रहे सुदामा प्रसाद के इस साल आरा से लोकसभा सदस्य बनने के बाद उपचुनाव हो रहा है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से भाजपा ने रामगढ़ और तरारी से अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। रामगढ़ से भाजपा के उम्मीदवार अशोक कुमार सिंह पूर्व विधायक हैं, जबकि तरारी के प्रत्याशी विशाल प्रशांत कई बार विधायक रह चुके सुनील पांडेय के बेटे हैं।

इमामगंज सीट पर जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा चुनाव लड़ेगी, जिनके गया से लोकसभा सदस्य बनने के कारण उपचुनाव हो रहा है। जीतन राम मांझी ने इसके लिए अपनी बहू दीपा मांझी को टिकट दिया है, जो मांझी के बेटे और राज्य के मंत्री संतोष सुमन की पत्नी हैं। बेलागंज सीट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) चुनाव लड़ सकती है, जो 2020 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर दूसरे नंबर पर रही थी। पार्टी ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है। मतदान 13 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी।

 

पंचकुला। हरियाणा में सियासी हलचल के बीच, नायब सिंह सैनी को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद ज़िम्मेदारी सौंपे जाने का फैसला ले लिया गया है। यह फैसला विधायक दल की बैठक में लिया गया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव मौजूद थे। 

 

 

विधायक दल की अहम बैठक में सर्वसम्मति से नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के फैसले पर पर मुहर लगा दी गई। इसके साथ ही अब सैनी दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हरियाणा में सैनी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। भाजपा को सैनी के नेतृत्व में ही बड़ा जनसमर्थन हासिल हुआ है, ऐसे में उनके मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी मजबूत रही है।

 

 

इसके साथ ही हरियाणा में भाजपा तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के साथ ही अब कैबिनेट के चेहरे तय होना बाकी है। इससे पहले सीएम पद पर फंसी पेंच को सुलझाने पार्टी के बड़े नेता हरियाणा पहुंचे और पंचकुला में विधायक दल की बैठक आयोजित कर सर्वसर्म्मति से सैनी को अलगा मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया। विधायक दल की बैठक में 48 विधायक सहित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शामिल हुए। 

 

 

यहां बताते चलें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को 90 में से 48 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है। ऐसे में भाजपा ने लगातार तीसरी बार राज्य में अपना कब्जा जमाया और अब वह सैनी के नेतृत्व में सरकार बनाने जा रही है। 

पंचकूला । हरियाणा में भाजपा सरकार का शपथ ग्रहण जारी है। पंचकूला के सेक्टर 5 स्थित दशहरा मैदान में नायब सिंह सैनी ने सबसे पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अब बारी-बारी से विधायक मंत्रीपद की शपथ ले रहे हैं। एक दिन पहले ही नायब सिंह सैनी विधायक दल के नेता चुने गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विशेष उपस्थिति में विधायक दल का नेता चुना गया था।

 

मंच पर मौजूद 11 विधायक, लेंगे मंत्री पद की शपथ

 

बरवाला के विधायक रणबीर गंगवा

नरवाना के विधायक कृष्ण बेदी

इसराना के विधायक कृष्णलाल पंवार

रादौर के विधायक श्याम सिंह राणा

अटेली की विधायक आरती राव

तोशाम की विधायक श्रुति चौधरी

गोहाना के विधायक डा. अरविंद शर्मा

अंबाला छावनी के विधायक अनिल विज

पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा

फरीदाबाद के विधायक विपुल गोयल

तिगांव के विधायक राजेश नागर

 

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित हैं। एनडीए घटक दलों के नेता भी हैं।

पहले शपथ ग्रहण कार्यक्रम का समय 11 बजे बताया गया था, लेकिन देरी हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने पर दोपहर 1.15 बजे शपथ ग्रहण कार्यक्रम शुरू हो सका। एक दिन पहले विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नायब सिंह सैनी ने राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की थी और सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने विधायकों की लिस्ट भी सौंपी थी।

 

नायब सिंह सैनी मार्च 2024 में मनोहर लाल की जगह हरियाणा के मुख्यमंत्री बने थे। पार्टी के ओबीसी चेहरे सैनी ने विधानसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से जीत दर्ज की है। सैनी भाजपा का ओबीसी चेहरा हैं, जो लो-प्रोफाइल रहकर काम करते हैं। सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। संघ में रहते हुए ही उनकी मुलाकात मनोहर लाल खट्टर से हुई थी। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। पहले अंबाला छावनी में अध्यक्ष सहित कई स्थानीय पार्टी कार्यालयों में काम किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में सैनी कुरुक्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए थे। अक्टूबर 2023 में ओम प्रकाश धनखड़ की जगह सैनी को हरियाणा इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था।

रांची। केंद्र सरकार ने अपर मुख्य सचिव रैंक की अधिकारी अलका तिवारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से मुक्त कर उन्हें पस मूल सेवा में लौटने का निर्देश दिया है। इस आदेश के साथ राष्ट्रीय जनजातीय आयोग में सचिव रहीं अलका तिवारी वापस झारखंड कैडर में लौट आई हैं। इसके साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि वह झारखंड की मुख्य सचिव बन सकती हैं। वर्तमान में जितने भी अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी हैं, उनमें सबसे वरीय अलका तिवारी ही हैं। 1988 बैच की आइएएस अलका तिवारी को 15 अक्टूबर को विमुक्त किया गया है।

 

 

ज्ञात हो कि वर्तमान मुख्य सचिव एल. खियांग्ते 31 अक्टूबर को रिटायर्ड हो रहे हैं। उनकी सेवानिवृत्ति के साथ ही राज्य सरकार तीन अधिकारियों का नाम केंद्रीय कार्मिक विभाग को भेजेगी, जिसमें से किसी एक को मुख्य सचिव बनाया जाएगा। चुनाव होने के कारण इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को भी देना जरुरी है।

अलका तिवारी 1988 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह रसायन और उर्वरक मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार के रूप में काम कर चुकी हैं। इसके अलावा जनजाति आयोग के सचिव रह चुकी हैं। बता दें मुख्य सचिव पूरे सचिवालय के काम को नियंत्रित करता है। वह सचिवालय संगठन का हेड होता है। मुख्य सचिव का काम सीएम के हर काम में मदद करना होता है। मुख्य सचिव राज्य प्रशासन से जुड़े सभी मामलों में सीएम के प्रधान सलाहकार के रूप में दायित्व निभाता है।

 

 

वहीं झारखंड में होने वाले चुनाव को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने स्वीप कार्यक्रम के तहत समाहरणालय सभागार में सभी प्रशासनिक-पुलिस पदाधिकारियों को मतदाता शपथ दिलाई और समावेशी चुनाव प्रक्रिया में सबकी सहभागिता तय हो इसे लेकर जन-जन तक मताधिकार के प्रयोग को लेकर जागरूकता लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सुदृढ़ लोकतंत्र के लिए प्रत्येक मतदाता की सहभागिता जरुरी है। 13 नवंबर को जिले के सभी मतदाता अपने मत का प्रयोग करने बूथों तक जाएं और लोकतंत्र की मजबूती में अपना योगदान दें।

 

नई दिल्ली। वाल्मीकि जयंती पर कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वाल्मीकि मंदिर में पूजा-अर्चना की। राहुल के इस कदम के बाद बीजेपी ने उन पर हमला बोला। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी की बाल्मीकि मंदिर यात्रा को ढोंग बताते हुए कांग्रेस पर आरक्षण विरोधी होने का गंभीर आरोप लगाया।

 

 

अमित मालवीय ने अपने एक्स पर पोस्ट में कहा कि राहुल गांधी वाल्मीकि मंदिर जाकर ढोंग कर रहे हैं। कांग्रेस का आरक्षण विरोधी इतिहास है और राहुल गांधी ने खुद अमेरिका यात्रा के दौरान कहा था कि वह आरक्षण हटा देंगे। यह वही धुन है जो गांधी परिवार ने नेहरू के समय से गाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उस समय की नेहरू सरकार ने 1956 में काका कालेलकर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, जिसने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सिफारिश की गई थी। इसके अलावा नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आरक्षण का विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि इससे अक्षमता और दोयम दर्जे का मानक पैदा होता है।

 

 

उन्होंने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने में देरी की और राजीव गांधी ने भी 1990 में ओबीसी आरक्षण का विरोध किया। उन्होंने कांग्रेस पर मुस्लिम आरक्षण के नाम पर ओबीसी समुदाय के अधिकारों को कम करने का भी आरोप लगाया। बीजेपी नेता ने अपने बयान में कांग्रेस के आरक्षण विरोधी रुख को बार-बार उजागर किया और यह दावा करते हुए कि नेहरू से लेकर राहुल गांधी तक, कांग्रेस हमेशा से ही सामाजिक न्याय और आरक्षण के खिलाफ रही है।

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी के मौके पर आज महाराष्ट्र के नागपुर में रेशम बाग मैदान में शस्त्र पूजन किया। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्वंयसेवकों को संबोधित करते हुए देश और दुनिया से जुड़े कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि इजरायल-हमास जंग की आग में कौन-कौन झुलसेंगे और इसकी चपेट में कौन-कौन आएगा पूरा विश्व इससे चिंतित है। मोहन भागवत ने कहा कि दुनिया में भारत की साख बढ़ी है। जम्मू-कश्मीर के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए हैं। दुनिया में ऐसे देश हैं, जो इस तरह की चाल चलेंगे कि भारत आगे नहीं बढ़े, वो भारत को रोकना चाहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पहले जैसा आपस में अब युद्ध करना आसान नहीं है। मंत्र विप्लव चल रहा है। ऐसी स्थिति में उनको देश के अंदर ऐसे साथी मिल जाते हैं। भारत के चारों ओर, विशेषकर सीमावर्ती प्रातों में क्या-क्या हो रहा है ये हम देख सकते हैं। समय पर हमको जगना है। मोहन भागवत ने कोलकाता रेप-मर्डर मामले का जिक्र करते हुए कहा, आरजी कर अस्पताल में लज्जाजनक घटना हुई। जैसे वहां समाज के लोग खड़े हो गए डॉक्टर लोगों के साथ लेकिन होने के बाद जिस तरह से वहां टालमटोल का प्रयास हुआ ये राजनीति के अपराधीकरण का प्रमाण है।

आरएसएस चीफ ने आगे कहा कि भारत आगे ना बढ़े ऐसा चाहने वाली शक्तियां भी हैं। तरह-तरह की चालें वो चलेंगे, अभी तक भारत छोड़कर बाकी विश्व ने अपने स्वार्थ छोड़कर बलि देने का मार्ग नहीं चुना है। बांग्लादेश में क्या हुआ? उत्पात के कारण वहां के हिन्दू समाज पर अटैक हुआ। हिन्दू पर अत्याचार हुआ, हिन्दू वहां अपने बचाव के लिए सड़क पर आया। कट्टरपंथी जब तक हैं, तब तक अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचार होगा, हिन्दू को सोचना होगा कि अगर हम दुर्बल हैं और असंगठित है तो गलत है। जहां हैं वहां संगठित रहो, हिंसक मत बनो, लेकिन दुर्बल नहीं रहना है।भागवत ने आगे कहा कि बांग्लादेश में ऐसी चर्चाएं चलती हैं कि भारत से खतरा है इसलिए पाकिस्तान को साथ लेना है। ये चर्चाएं कौन करा रहा है, ये किन-किन देशों के हित की बात है। भारत बड़ा बनेगा तो स्वार्थ की दुकानें बंद हो जाएंगी। मोहन भागवत ने कहा कि हम देख रहे हैं कि भारत वर्ष में इस प्रकार मन वचनों पर कुप्रभाव हो रहा है। कोई बात छिपती नहीं है। बच्चों के हाथ पर भी मोबाइल है। वो क्या देख रहे हैं इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है। इस पर नियंत्रण करना घर परिवार और विधि व्यवस्था पर भी जरूरी है। इसके कुपरिणाम भी हैं। कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है। एक द्रौपद्री के वस्त्र का हरण हुआ, महाभारत हो गया। सीता हरण हुआ रामायण हो गया। आरजी कर अस्पताल में क्या हुआ वो लज्जित करने वाला हो गया है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वो अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है।

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