ईश्वर दुबे
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Bhilai
पुणे। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, संघ के कार्यकर्ता मणिपुर मे तमाम चुनौतियों के बीच अपने काम में डटे हुए हैं। उन्होंने कहा सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होने के बावजूद, संघर्ष ग्रस्त उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में संघ के कार्यकर्ता डटे हुए हैं।
मोहन भागवत यहां पर शंकर दिनकर काले की 100 वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। शंकर दिनकर 1971 तक मणिपुर में बच्चों को शिक्षित करने के काम की जिम्मेदारी उठा रहे थे। मोहन भागवत ने कहा कि जब वहां के स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। ऐसे समय पर संघ के कार्यकर्ता वहां से भागे नहीं है। ना ही हाथ पर हाथ रख कर बैठे हैं। संघ के कार्यकर्ता वहां पर राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह संघ की बड़ी सफलता है।
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर बड़ा हमला किया है। अपने बयानों के लिए मशहूर गिरिराज सिंह ने ये तक कह दिया है कि 1947 में मोहम्मद अली जिन्ना की तरह ओवैसी भारत का दूसरा बंटवारा करवाएंगे। गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया है कि असदुद्दीन ओवैसी कानून के खिलाफ बोलते हैं और लोगों को भड़काने वाली बातें करते हैं।
औवैसी दूसरे विभाजन का नेतृत्व करेंगे ओवैसी- गिरिराज
बता दें कि, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और AIMIM सांसद ओवैसी अक्सर एक दूसरे पर हमले करते रहते हैं। शुक्रवार को भी केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ओवैसी कानून के खिलाफ बोलते हैं और भड़काने वाली बातें करते हैं। जिन्ना के बाद औवैसी भारत के दूसरे विभाजन का नेतृत्व करेंगे। गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत के विभाजन के बाद बहुत सारे लोग पाकिस्तान और बांग्लादेश में रह गए थे। उनके साथ दोनों देशों में बहुत सी घटनाएं हुईं लेकिन ओवैसी ने कभी इस चीज की निंदा नहीं की। अगर यह पाकिस्तान या बांग्लादेश होता तो अब तक ओवेसी की आवाज दबा दी गई होती।
अगर NRC लागू नहीं हुआ तो भारतवंशी खत्म हो जाएंगे- गिरिराज
गिरिराज सिंह ने कहा कि जब हम NRC की बात करते हैं तो राहुल गांधी इसका विरोध करते हैं। लेकिन हिमाचल में कांग्रेस की सरकार, मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सदन में कांग्रेस के मंत्री कह रहे हैं कि इसकी जांच होनी चाहिए और लोगों को इसका सर्टिफिकेट दिया जाना चाहिए, यानी NRC होना चाहिए। NRC की जरूरत सिर्फ बिहार के 4 जिलों में नहीं बल्कि पूरे बिहार, देश में है। अगर NRC लागू नहीं हुआ तो भारतवंशी ही खत्म हो जाएंगे।
बंद हो वक्फ बोर्ड की गुंडागर्दी - गिरिराज सिह
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में वक्फ बोर्ड को कोई भी जमीन हड़पने का अधिकार दिया था। इसका सबूत हिमाचल प्रदेश के मंत्री विधानसभा में दे रहे हैं। वक्फ बोर्ड की संपत्ति कैसे बढ़ रही है? रेलवे विभाग की कई परियोजनाएं रोक दी गईं क्योंकि वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि यह उनकी संपत्ति है। गिरिराज ने कहा कि वक्फ बोर्ड की गुंडागर्दी बंद होनी चाहिए।
नई दिल्ली । कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में 31 प्रत्याशियों के नाम हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी परंपरागत सीट गड़ी सापला किलोई से चुनाव लड़ेंगे, वे अभी वहीं से विधायक हैं। राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव को भी कांग्रेस ने टिकट दिया है। जुलाना से विनेश फोगाट, उदय भान, होडल से पीसीसी प्रमुख, प्रदेश अध्यक्ष उदय भान को भी टिकट दिया गया है।
कांग्रेस ने जेल में बंद सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पवार को भी टिकट दिया है। बादली के विधायक को फिर से टिकट दिया गया है। इस लिस्ट में ज्यादातर विधायकों को दुबारा उम्मीदवार बनाया गया है। पार्टी ने राव दान सिंह को भी टिकट दिया है। वे 2024 के लोकसभा चुनाव में भिवानी महेंद्रगढ़ सीट पर हारे थे, हालांकि वह मौजूदा विधायक हैं।
कन्नौज । उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में किशोरी से दुष्कर्म के मामले में पूर्व ब्लॉक प्रमुख और सपा नेता अखिलेश यादव का करीबी नवाब सिंह यादव का डीएनए सैंपल पीड़िता से मैच हुआ है। घटना के मौके से फॉरेंसिक टीम ने लिए नमूने और डीएनए टेस्ट रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि है। इसके बाद नवाब सिंह की मुश्किलें बढ़ना तय है।
एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट प्राप्त मिली गई है। नवाब सिंह ने किशोरी से दुष्कर्म किया है। विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट से इसकी पुष्टि करती है।
किशोरी से पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब के दुष्कर्म के मामले में पुलिस को 60 दिन के अंदर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करना होगा। इससे पुलिस ने करीब 70 पन्नों की केस डायरी तैयारी की है। जल्द ही पुलिस मामले में चार्जशीट दाखिल कर सकती है।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह की गिरफ्तारी का वीडियो इंटरनेट और मीडिया पर प्रचलित हुआ था। इसमें पीड़िता बगैर टॉप के कॉलेज के गेट पर खड़ी है। वीडियों में पीड़िता के साथ पुलिस अंदर कमरे में पहुंचती है। कमरे के अंदर बेड पर नवाब सिंह लेटा हुआ है। जबकि पीड़िता की बुआ पास में कुर्सी पर बैठी हैं।
कौन है नवाब सिंह यादव
बालिक से दुष्कर्म के प्रयास से सुर्खियों में आए नवाब सिंह ने छात्र संघ की राजनीति से सियासती पारी शुरू की। इसके बाद कम समय में ब्लॉक प्रमुख से लेकर सपा में मिनी मुख्यमंत्री के नाम से रसूक कायम किया।
अखिलेश के बेहद खास माने जाने वाले नवाब सिंह डिंपल यादव का प्रतिनिधि भी रहा है।
आरोपित नवाब सिंह यादव के खिलाफ जघन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं। वर्ष 2007 से अबतक उस पर 16 मामले दर्ज हैं। इनमें अपहरण, गुंडा एक्ट, मारपीट और महामारी अधिनियम के मामले शामिल हैं।
मुंबई । महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। कई नेताओं ने चुनाव से पहले दल बदल भी शुरू कर दिया है। इस बीच डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के करीबी एक नेता के पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। पिछले माह भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट से पूर्व सांसद शिशुपाल पटले ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वहीं अब एक पूर्व विधायक के कांग्रेस में जाने के कयास हैं। वह इसी महीने कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं।
पूर्व विधायक गोपालदास शंकरलाल अग्रवाल 2004, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज कर चुके हैं। 2019 के चुनाव से पहले वे बीजेपी में शामिल होकर इसी सीट से चुनाव में उतरे। हालांकि उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक विधानसभा सदस्यों द्वारा चुने जाने के लिए विधान परिषद की उम्मीदवारी पर जैसे ही पूर्व मंत्री परिणय फुके के नाम पर मुहर लगने से वह नाराज हैं। वह विधानमंडल की लोक लेखा समिति (पीएसी) के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। लगातार दो बार वह भंडारा-गोंदिया स्थानीय स्वशासन निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद के सदस्य भी रहे हैं।
बताया जा रहा कोई गारंटी नहीं है, कि इस बार विधानसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी से टिकट मिलेगा या नहीं। इससे वे पार्टी बदलने को बेचैन हो गए हैं। हालांकि पूर्व विधायक की कांग्रेस में घर वापसी को लेकर पार्टी की तरफ से कोई जानकारी नहीं मिली है। उनके दल बदलने की बातें समर्थक ही कर रहे हैं।
गोंदिया विधानसभा क्षेत्र से फिलहाल निर्दलीय विधायक हैं और वह बीजेपी का समर्थन करते हैं। इसके बाद पूर्व विधायक को पार्टी में अपना भविष्य नजर नहीं आ रहा है।
लखनऊ। बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर यूपी सरकार पर कई सवाल उठाए। अपना दौर याद किया और कानून सम्मत कार्रवाई की वकालत की। बसपा सुप्रीमो ने लिखा, देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए तथा इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ’कानून द्वारा कानून का राज’ (रूल ऑफ लॉ बाय लॉ) स्थापित करके भी दिखाया है। उन्होंने आगे लिखा, बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब माननीय सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालांकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही न पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत भी निपटा जा सकता है।अगले पोस्ट में फिर बुलडोजर का जिक्र करते हुए उन्होंने अपनी बात रखी। कहा, जबकि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई के मामले पर सख्त टिप्पणी की है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा कि आपराधिक कानून में आरोपी के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई दोषी भी है तो उसके खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई नहीं की जा सकती, यह कानून के खिलाफ है। दरअसल, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में जमीयत ने अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया है। याचिका में सरकार को आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने से रोकने की मांग की गई है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में 29 अगस्त को हुई पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में हरियाणा के 50 से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग गई थी, लेकिन अब बताया जा रहा है कि हरियाणा की तेजी से बदलती राजनीतिक परिस्थितियों और पार्टी में लगातार हो रही जॉइनिंग के कारण पार्टी को इनमें से भी कई सीटों पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा में उम्मीदवारों के नाम पर विचार मंथन जारी है। सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी नेताओं संग बैठक कर उम्मीदवारों के नामों पर गहन चर्चा की।
पार्टी के राष्ट्रीय सदस्यता अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम के समापन के बाद केंद्रीय कार्यालय विस्तार में हुई बैठक में हरियाणा के प्रदेश चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, हरियाणा के प्रदेश चुनाव सह-प्रभारी एवं त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली, केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा से सांसद राव इंद्रजीत सिंह,सतीश पुनिया और सुरेंद्र नागर सहित कई अन्य अहम नेता मौजूद रहे। पार्टी के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के हिसाब से सोमवार की इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि भाजपा अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कब जारी करेगी, इसे लेकर तस्वीर अभी तक साफ नहीं है। आपको बता दें कि, हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होना है और राज्य में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर है। हरियाण के साथ-साथ जम्मू कश्मीर में भी 8 अक्टूबर को मतगणना होगी।
कभी कांग्रेस का गढ़ रही महाराष्ट्र की विदर्भ पट्टी मेें कांग्रेस इस बार फिर पैर जमाना चाहती हैै। लोकसभा चुनाव मेें कांग्रेस यहां मजबूती से उभरी है। अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होना है। विदर्भ में इस बार भाजपा की राह आसान नहीं दिख रही। लोकसभा चुनाव मेें भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।विदर्भ की दस लोकसभा सीटों मेें से भाजपा सिर्फ दो सीटें ही जीत पाई। इन हालातों के बीच भाजपा को विधानसभा चुनाव में टिकट चयन, बंटवारे के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करना बड़ी चुनौती है। इससे निपटने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर की 12 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे दो मर्तबा नागपुर का दौरा कर मैराथन बैैठकेें ले चुके है और विदर्भ की राजनीति का मिजाज समझ रहे है। वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से भी मुलाकात कर चुके है। विजयवर्गीय योग्य चेहरे पर फोकस कर रहे है। नए चेहरों को इस बार मौका दिया जा सकता है।
भाजपा के लिए 12 सीटें प्रतिष्ठा का प्रश्न
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस नागपुर साउथ-वेस्ट सीट से विधायक हैै। नागपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सांसद है। नागपुर मेें आरएसएस का मुख्यालय भी है। इस लिहाज से भाजपा के लिए नागपुर की 12 सीटें प्रतिष्ठा का प्रश्न है। कटोल, सावनेर,हिंगना, उमरेड, नागपुर,साउथ वेस्ट, नागपुर साउथ, नागपुर ईस्ट, नागपुर सेंट्रल, नागपुर वेस्ट, नागपुर नार्थ, कामठी, रामटेक विधानसभा सीट पर भाजपा महायुति सहयोगियों के साथ चुनाव लड़ेगी,इसलिए भाजपा को टिकटों के बंटवारे पर सबसे पहले कसरत करना होगी। इन 12 सीटों पर टिकटों के चयन पर काफी कुछ निर्भर रहेगा। भाजपा के पास छह विधासभा सीटें है। जिनमें से चार तीन विधायक एंटी इंकमबैंसी फैक्टर से जूझ रहे हैै। कांग्रेस केे पास पांच, जबकि रामटेक सीट पर निर्दलीय आशीष जायसवाल चुनाव जीते है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव मेें नागपुर जिले में भाजपा का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। 12 सीटों में से 11 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया था और नागपुर सीट से चुनाव जीते देवेंद्र फडनवीस मुख्यमंत्री बने।
आपरेशन छिंदवाड़ा विजय के बाद नागपुर का जिम्मा
लोकसभा चुनाव मेें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को छिंदवाड़ा लोकसभा सीट का जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्ष 2019 में भी मोदी लहर में यह सीट बीजेपी नहीं जीत पाई थी। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटेे नकुल नाथ इस सीट से चुनाव हार गए। इस जिले की एक विधानसभा सीट भी कांग्रेस उपचुनाव में हार गई। नागपुर के कुछ सीटे छिंदवाड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों से सटी हैै। इस कारण विजयवर्गीय को नागपुर के क्षेत्रीय, जातिगत समीकरणों को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
ढाका । बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने बांग्लादेश और भारत के बीच के रिश्तों को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का नई दिल्ली में लगातार रहना दोनों देशों के संबंधों को खराब कर सकता है। इसलिए भारत-बांग्लादेश संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करना जरूरी है, जिसकी शुरुआत हसीना के प्रत्यर्पण से होनी चाहिए।
पिछले मतभेदों को दूर करने के लिए तैयार
बीएनपी के दूसरे नंबर के नेता आलमगीर ने भारत के साथ मजबूत संबंधों के लिए अपनी पार्टी की इच्छा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वे पिछले मतभेदों को दूर करने और सहयोग करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बीएनपी कभी भी बांग्लादेशी धरती पर ऐसी किसी भी गतिविधि की अनुमति नहीं देगी, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा हो।
ढाका में रहने वाले आलमगीर ने कहा कि अगर बीएनपी सत्ता में आती है तो वह आवामी लीग शासन के दौरान हुए अदाणी बिजली सौदे की समीक्षा और पुनर्मूल्यांकन करेगी क्योंकि यह बांग्लादेश के लोगों पर काफी दबाव डाल रहा है।
नई दिल्ली बांग्लादेशियों को समझने में नाकाम रही
बीएनपी के महासचिव ने दावा किया कि बांग्लादेश के लोगों की मानसिकता को समझने में नाकाम रहना नई दिल्ली की कूटनीतिक विफलता है। उन्होंने कहा कि जनांदोलन और हसीना सरकार के गिरने के बाद भी भारत अभी तक बीएनपी से संपर्क नहीं कर पाया है, जबकि चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और पाकिस्तान पहले ही ऐसा कर चुके हैं।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक आंतरिक मामला
उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक आंतरिक मामला है। हिंदुओं पर हुए हमलों की रिपोर्ट एक दम सटीक नहीं हैं क्योंकि अधिकांश घटनाएं सांप्रदायिक होने के बजाय राजनीति से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा, 'शेख हसीना को उनके और उनके शासन द्वारा किए गए सभी अपराधों और भ्रष्टाचार के लिए बांग्लादेश के कानून का सामना करना होगा। इसे पूरा करने और बांग्लादेश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए भारत को उनकी वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए।'
यह है पूरी घटना
गौरतलब है कि बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन शुरू होने के बाद शेख हसीना सरकार पर इन्हें खत्म करने के लिए सख्ती करने के आरोप हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान ही कई जगहों पर हिंसा हुई थी और सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। इन मामलों के बाद 5 अगस्त को जबरदस्त प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत रवाना हो गई थीं।
बेगूसराय । केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने इंडिया गठबंधन पर फिर से हमला बोला है। बेगूसराय में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बड़ा बयान दे दिया है। गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव ओर राहुल गांधी मुस्लिम वोट बैंक के ठेकेदार हैं। इनकी सरकार आई तो बिहार और उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को छुट्टी का दिन घोषित कर देंगे। अगर देश में राहुल गांधी, अखिलेश यादव एवं तेजस्वी यादव की सरकार बनती है तो यह लोग भारत को पाकिस्तान और बांग्लादेश बना देंगे।
मुसलमानों का संरक्षण करते हैं यह लोग
उन्होंने हिंदुओं का पक्ष रखते हुए कहा कि किसी हिंदू ने तो कभी यह नहीं कहा कि मंगलवार को हनुमान जी की सोमवार को महादेव या अन्य दिनों अन्य देवी देवताओं की पूजा होती है तो उन्हें छुट्टी दिया जाए। लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले तेजस्वी यादव, राहुल गांधी एवं अखिलेश यादव जैसे लोग मुसलमान का संरक्षण ही नहीं करते बल्कि उनकी कहीं बातों पर अमल भी कर रहे हैं।
भारत में एक देश और एक कानून ही चलेगा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत में एक देश और एक कानून ही चलेगा। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा एवं असम विधानसभा का धन्यवाद करते हुए कहा कि असम सरकार द्वारा एक देश एक कानून पर अमल किया जा रहा है और इसलिए वह धन्यवाद के पात्र हैं।
नई दिल्ली। अमेठी की पूर्व सांसद स्मृति इरानी ने कहा कि अमेठी की हार का शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर विश्लेषण हो चुका है। क्या बात हुई। यह यहां नहीं बताया जा सकता। स्मृति इरानी ने कहा कि मैंने तो अमेठी में अपनी उपलब्धता रखी, जो वहां सांसद को लेकर शिकायत होती थी कि वे मिलते नहीं हैं। स्मृति इरानी ने कहा कि मैं तो दो बार अनसेफ सीटों से लड़ी हूं। मैंने 2014, 2019 या 2024 में भी टिकट नहीं मांगी। बिना मांगे ही मुझे पार्टी ने मौका दिया था।
स्मृति इरानी ने अमेठी में अपनी हार को लेकर कहा कि मेरे लिए बड़ी जीत यह है कि वहां के बहुत से लोगों ने कहा कि मैं वापसी करूंगी। जनता का मुझ पर यह भरोसा ही मेरी जीत है। उन्होंनेएक पॉडकास्ट में कहा कि मैं जब अमेठी गई तो वहां 4 लाख लोगों के लिए घर बनाए। साढ़े 3 लाख लोगों के घरों में शौचालय बनाए गए। ऐसे पचासों गांव थे, जहां आजादी के बाद से अब तक सड़क ही नहीं बनी थी। मैंने 80 हजार लोगों को गैस के कनेक्शन दिलाए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए सफलता यह है कि 50 हजार बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में दाखिला दिलाने में मदद की।
पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी भी चुनाव हारे थे। नरेंद्र मोदी ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं, जो कभी चुनाव नहीं हारे। यही नहीं इस दौरान उन्होंने बदलते राजनीतिक नैरेटिव की भी बात की और कहा कि अब जाति को लेकर जिस तरह से बातें हो रही हैं, वह परेशान करने वाली हैं। स्मृति इरानी ने कहा कि आज यह विडंबना है कि जाति और गोत्र तक की बातें हो रही हैं। मुझसे लोग पूछते हैं कि आपने तो पारसी से शादी की है। आपके माता और पिता कौन थे। उनकी जाति और गोत्र क्या था।
240 लोकसभा सीटें ही जीतने पर नरेंद्र मोदी क्या कमजोर हो गए हैं? इस सवाल पर स्मृति इरानी ने कहा कि वह कमजोर नहीं हो सकते। मैंने उन्हें 20 सालों से देखा है। उन्होंने कहा कि अमेठी को लेकर बहुत बातें हो रही हैं। लेकिन यह भी सच है कि वहां गांधी परिवार चुनाव लड़ने नहीं आया। स्मृति इरानी ने कहा कि मैंने 2019 में कांग्रेस के अध्यक्ष को हराया था। इस तथ्य को कोई मिटा नहीं सकता। उन्होंने कहा कि यदि मैं अमेठी हारने वाली होती तो गांधी परिवार से कोई न कोई जरूर लड़ता।
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने पर माफी मांगी है। इसके साथ ही उन्होंने बहुत जल्द एक बड़ी मूर्ति बनवाने का आश्वासन भी दिया है। प्रतिमा का उद्घाटन 4 दिसंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले में डिप्टी सीएम अजित पवार ने पहले ही महाराष्ट्र की जनता से माफी मांग ली थी। अजित पवार की एनसीपी ने राज्य में मौन विरोध प्रदर्शन किया है। इस अवसर पर अजित ने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुंबई। विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होता इसके पहले महाराष्ट्र में सियासी दांव-पेच शुरू हो गए है। टक्कर महायुति और महा विकास अघाड़ी में ही है। महायुति की ओर से सीएम पद के लिए एकनाथ शिंदे रहेंगे या कोई और, इसे लेकर सस्पेंस बरकरार है। इस बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने ऐसी गुगली फेंकी है, जिससे सियासी हलचल बढ़ गई है। देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे या अजित पवार, महायुति में नंबर वन कौन होगा, यह चुनाव के बाद ही फैसला होगा। फिलहाल, देवेंद्र फडणवीस ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं कि वह दिल्ली नहीं जा रहे हैं। वह महाराष्ट्र की सियासत में ही रहेंगे।
हालांकि, यह हकीकत है कि महाराष्ट्र की सत्ता को अपने पास रखने और महाविकास अघाड़ी को कमजोर करने के लिए भाजपा ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनने दिया था। इससे पहले देवेंद्र फडणवीस सीएम रह चुके हैं। उनका सीएम से डिप्टी सीएम बनना, सियासी मजबूरी थी। मगर चुनाव के नतीजों के बाद नंबर गेम से तय हो जाएगा कि सीएम पद किसका होगा। एनसीपी, शिवसेना या भाजपा, जिसके भी नंबर अधिक होंगे, पलड़ा उसी का भारी होगा। अगर भाजपा के पक्ष में महायुति में नतीजे आते हैं तो इसमें कोई शक नहीं कि देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री बनेंगे। यही वजहै है कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से भाजपा महाराष्ट्र में फूंक-फूंककर कदम रख रही है।
एक कार्यक्रम में देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र की सियासत में आगे क्या होने वाला है, इसकी धुंधली तस्वीर दिखा दी। उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि मुख्यमंत्री पद पर फैसला नतीजों के बाद ही होगा। कार्यक्रम के दौरान जब उनसे पूछा गया कि महायुति में नंबर वन कौन होगा? तो इस सवाल पर उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि अभी तो एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री हैं। उन्हीं के चेहरे पर हम चुनाव में जा रहे हैं। चुनावी नतीजे आने के बाद हम बैठकर तय कर लेंगे कि आगे क्या करना है।इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि फिलहाल वह दिल्ली नहीं जा रहे हैं। वह महाराष्ट्र की सियासत में ही बने रहेंगे। देवेंद्र फडणवीस के इस बयान के बहुत मायने हैं। सीएम पद पर नतीजों के बाद फैसला होना और फिर महाराष्ट्र में ही खुद को बनाए रखना, यह इशारा करता है कि देवेंद्र फडणवीस के मन में कुछ चल रहा है। ऐसे लग रहा है कि महायुति में आने वाले वक्त में बड़े बदलाव दिख सकते हैं। महायुति में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी है। चुनावी नतीजों से ही साफ होगा कि नंबर वन कौन होगा? फिलहाल, देवेंद्र फडणवीस हर संभावना के लिए दरवाजे खोलकर रखना चाहते हैं। यहां बताना जरूरी है कि देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में भाजपा का मुख्य चेहरा हैं।
दरअसल, 30 जून 2022 को भाजपा और शिंदे गुट शिवसेना ने मिलकर सरकार बनाई थी। इस सरकार में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया। बाद में एनसीपी का अजित पवार गुट भी शामिल हो गया और अजिप पवार भी डिप्टी सीएम बने। इस तरह अभी महाराष्ट्र में महायुति की सरकार है। देवेंद्र फडणवीस चाहते तो उस वक्त भी सीएम पद के लिए अड़े रह सकते थे। मगर तब भाजपा एकनाथ शिंदे को बड़ा पद देकर उद्धव की शिवसेना को और कमजोर करना चाहती थी। यही वजह है कि न चाहते हुए भी देवेंद्र फडणवीस को सीएम से सीधे डिप्टी सीएम पर मानना पड़ा था। हालांकि, वह ऐसे ही नहीं माने थे। उन्हें पीएम मोदी और अमित शाह ने समझाया था। फिलहाल, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति और विपक्षी अलायंस महा विकास अघाड़ी कमर कस चुकी है।