राजनीति

राजनीति (6705)


चंडीगढ़। हरियाणा के कद्दावर नेता और राज्य की भाजपा सरकार में मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर तीखे तेवर दिखाए हैं। इससे पहले भी उन्होंने राज्य में सीएम बनाए जाने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन उन्हे मौका नहीं मिला। तभी से विज बगावती तेबर अपनाए हुए हैं और लगातार तीखे बयान दे रहे हैं। इस बार उन्होंने गुस्से में यहां तक कह दिया कि मेरी गाड़ी छीनी जा सकती है लेकिन विधायकी और वरिष्ठता कोई नहीं छीन सकता। 7 बार का विधायक हूं।
पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से लेकर मौजूदा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी तक से वह कई मुद्दों पर सीधे उलझ जाते हैं। इन दिनों भी डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और एक एसएचओ के ट्रांसफर को लेकर वह सीएम को सीधे निशाने पर ले रहे हैं। वहीं नायब सिंह सैनी उन्हें वरिष्ठ नेता बताते हुए बयानबाजी से बच रहे हैं। इस बीच अनिल विज रविवार को रोहतक पहुंचे तो अचानक ही बिजली विभाग के दफ्तर पहुंच गए। उन्होंने कर्मचारियों को 4 घंटे के अंदर लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने को कहा। इसके अलावा सरकार में अपने कद को लेकर भी बड़ी बात कह गए।
अनिल विज ने कहा कि मुझसे सब कुछ छीना जा सकता है, लेकिन मेरी वरिष्ठता तो नहीं ली जा सकती। मैं 7 बार का चुना हुआ विधायक हूं। इस दौरान जब उनसे अधिकारियों के ट्रांसफर को लेकर सवाल किया तो उन्होंने अंबाला के डीसी का जिक्र कर दिया। उन्होंने कहा, इसमें 100 दिन लगा दिए। वह भी तब जबकि मैंने खुले मंच से बात रखी थी। वह अधिकारी चुनाव के दौरान मेरे खिलाफ काम कर रहा है। अब यह मायने नहीं रखता कि किसी का ट्रांसफर किया जाता है या नहीं। सरकार में मंत्रालय के बंटवारे पर पूछा गया तो उस पर भी वह खुलकर बोल गए। अनिल विज ने कहा कि मैंने कोई सरकारी मकान नहीं लिया। हां, एक कार जरूर मेरे पास है। यदि इसे ले लिया गया तो मेरे समर्थकों का कहना है कि वे खरीद कर दे देंगे। मेरी विधायकी कोई नहीं ले सकता। मैं जनता का चुनाव विधायक हूं। मुझे किसी बात से फर्क नहीं पड़ता।
हरियाणा की सरकार में नायब सिंह सैनी को अनिल विज एक तरह से चुनौती दिखते नजर आ रहे हैं। दरअसल नायब सिंह सैनी को जब सीएम बनाया गया था, तब से ही अनिल विज असहज हैं। मनोहर लाल खट्टर ने जब इस्तीफा दिया था और पहली बार नायब सिंह सैनी सीएम बने थे, तब भी वह शपथ ग्रहण समारोह नहीं पहुंचे थे। उन्होंने यहां तक कहा था कि मैं सीएम बनने के योग्य हूं और सबसे वरिष्ठ नेता हूं। ऐसा मेरे समर्थक मानते हैं। उन्हें मंत्री बनाया जाना था, लेकिन वह शपथ समारोह में ही नहीं पहुंचे। इसके बाद जब लगातार तीसरी बार भाजपा की सरकार बनी तो वह शपथ समारोह में गए और मंत्री भी बनाए गए। हालांकि इस बार उनसे होम मिनिस्ट्री ले ली गई और अब वह ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री के तौर पर कामकाज संभाल रहे हैं।

अमरावती। पूरे देश में केवल तीन राज्यों में कांग्रेस सरकार है, लेकिन इन तीनों राज्यों में पार्टी आंतरिक कलह से जूझ रही है। कर्नाटक में सीएम की कुर्सी की लड़ाई जगजाहिर है। सीएम सिद्दारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच तकरार से पार्टी की किरकिरी हो रही है। इस बीच तेलंगाना से बुरी खबर है। यहां सीएम रेवंत रेड्डी सरकार के दो मंत्रियों से नाराज विधायकों ने बैठक की है। इसके साथ ही तेलंगाना कांग्रेस के एक सर्वे से भी कांग्रेस के अंदर की आंतरिक कलह सामने आ गई है।
रिपोर्ट के मुताबकि कांग्रेस के 10 विधायकों ने विधायक अनिरुद्ध रेड्डी के नेतृत्व में दो मंत्रियों के खिलाफ नाराजगी को लेकर डिनर पर बैठक की। नाराज विधायकों में ज्यादातर सीएम रेवंत रेड्डी के जिले महबूबनगर से हैं, इसलिए सीएम रेड्डी एक्शन में आ गए हैं। रेड्डी मामले को खत्म करने के लिए मंत्रियों और विधायकों से जल्द मिलने वाले है। विधायकों की नाराजगी मुख्य तौर पर पी श्रीनिवास रेड्डी से है। विधायकों की नाराजगी है कि उनकी और उनके समर्थकों की जमीन को नियमित नहीं किया जा रहा है और मंत्री इसके लिए 40 फीसदी कमीशन मांग रहे हैं।
वित्त मंत्रालय की तरफ से पेंडिंग बिल क्लियर न होने से भी विधायक नाराज हैं। पोल सर्वे में लोगों से सवाल किया गया था कि फार्महाउस शासन या जनता के शासन में से किसको तरजीह देते हैं। कांग्रेस का पोल सर्वे कांग्रेस के खिलाफ चला और 66 फीसदी से ज्यादा लोगों ने तेलंगाना कांग्रेस के सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में फॉर्महाउस शासन को पसंद किया। इस घटनाटक्रम के बाद सीएम रेवंत रेड्डी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष महेश कुमार नाराज हैं और जल्द इसकी गाज जिम्मेदार लोगों पर गिर सकती है। माना जा रहा है कि पोल सर्वे में कांग्रेस के खिलाफ नतीजे उसकी अंदरूनी राजनीति का ही नतीजा है।


मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने दावा किया कि सत्तारूढ़ भाजपा के कई नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। राउत ने कहा कि हालांकि शिवसेना (यूबीटी) के भीतर ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन पार्टी के कुछ सदस्य भी ऐसी ही भावनाएं रख सकते हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इन दावों को न केवल खारिज किया बल्कि आईना भी दिखा दिया। दिल्ली में पत्रकारों के एक सवाल पर फडणवीस ने कहा कि सामान्य बैठकों को राजनीतिक रूप से नहीं देखा जाना चाहिए। राउत के दावों को खारिज करते हुए फडणवीस ने कहा, किसी को भी इतना भोला नहीं होना चाहिए... लोग प्रीतिभोज में मिलें और गठबंधन बन जाए या दल करीब आ जाएं।
यह पूछे जाने पर कि क्या शिवसेना (उबाठा) के नेता भी भाजपा के साथ गठबंधन करने की यही भावना रखते हैं, राउत ने कहा, हो सकता है। हम भाजपा के कुछ नेताओं की वजह से एमवीए के साथ गए। आपने हमारी पार्टी को विभाजित कर दिया और एकनाथ शिंदे को वह दे दिया जिसकी हम मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा, हमने पहले भी कई बार इस तरह की चर्चा की है। हालांकि शिवसेना (उबाठा) में अभी तक ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है। इस तरह की बयानबाजी उस वक्त शुरु हुई जब ठाकरे के सहयोगी और विधान परिषद सदस्य मिलिंद नार्वेकर एवं भाजपा के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के बीच बुधवार रात विधायक पराग अलवानी की बेटी के विवाह समारोह में शिवसेना प्रमुख की मौजूदगी में हुई कुछ हंसी-मजाक वाली बातचीत के बाद आई है। भाजपा के अलवानी मुंबई के उपनगरीय क्षेत्र विले पार्ले से तीन बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने बताया कि ठाकरे के अलवानी के साथ अच्छे संबंध हैं। राउत ने कहा कि भाजपा में कई लोग पाटिल की स्वर्णिम क्षण वाली भावनाओं को साझा करते हैं। उन्होंने कहा, मुझे संदेह है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना कितने समय तक भाजपा के साथ रहेगी। हम इंतजार करो और देखो की स्थिति में हैं।


नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान गुरुवार को आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा की केजरीवाल ने समाजसेवी अन्ना हजारे को धोखा दिया है उनकी उंगली पकडकर चले और उन्ही को धक्का देकर उस वक्त खुद मुख्यमंत्री बन बैठे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के पूर्व सीएम ने वादा किया था कि वह यमुना नदी को साफ करेंगे और अपने मंत्रिमंडल के साथ इसमें डुबकी लगाएंगे। मगर दिल्ली का पानी पहले के मुकाबले अब और गंदा हो गया है। अब उन्हे यमुदना के गंदे पानी में डुबकी लगाकर प्राश्यिचत करना चाहिए।
बलबीर नगर की एक रैली में महाराष्ट्र सीएम फडणवीस ने यमुना प्रदूषण को लेकर आप नेता पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि वह यमुना नदी को साफ करेंगे और अपने मंत्रिमंडल के साथ इसमें डुबकी लगाएंगे और वोट मांगेंगे। लेकिन यमुना का पानी पहले से भी ज्यादा गंदा है। अरविंद केजरीवाल जी अभी अपने मंत्रिमंडल के साथ चुल्लू भर पानी में डुबकी मारो और दिल्ली से अलविदा हो जाओ। यही दिल्ली की जनता आपसे कह रही है।
फडणवीस ने केजरीवाल पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को धोखा देने का आरोप लगाया और दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लिए अन्ना हजारे को दरकिनार कर दिया। उन्होंने कहा, दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल के दस साल के शासन को देखा है। जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली आए थे, तो वे अन्ना हजारे का हाथ और उंगली पकड़कर आए थे और कह रहे थे कि भ्रष्टाचार को खत्म करना है। दिल्ली को सजाना है, ऐसी बातें कह रहे थे। मुझे नहीं पता कि उन्होंने कब अन्ना हजारे को भी धक्का दे दिया और दिल्ली की कुर्सी (सीएम सीट) पर आकर बैठ गए। मैं महाराष्ट्र से हूं और मैं हमेशा अन्ना हजारे से मिलता हूं, जो कहते हैं कि अगर देश में सबसे बेईमान व्यक्ति कोई होगा, तो वह केजरीवाल होगा।

 


संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ ही आज से बजट सत्र शुरू हो चुका है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने बड़ा बयान दिया है। इस पर भाजपा ने उन्हें निशाने पर लिया है।

खबरों के अनुसार, संसद के बाहर कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर कहा कि अभिभाषण के अंत तक राष्ट्रपति बहुत थक गईं थीं। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। वहीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण को बोरिंग बताया है। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी की इस टिप्पणी को भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रपति का अपमान करार दिया।

खबरों के अनुसा, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस संबंध में बताया दिया कि सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति का अपमान किया है। धर्मेंद्र प्रधान ने इस दौरान बोल दिया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के खिलाफ जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया, मैं उसकी कल्पना भी नहीं कर सकता।

 

राष्ट्रीय राजधानी की 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान पांच फरवरी को होगा। इसे लिए राजनीतिक दलों का प्रचार अभियान चरम पर पहुंच चुका है। पीएम नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतर चुके हैं।

इसी बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बड़ा बयान दिया है। राहुल गांधी ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ी बात कही है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को आरक्षण, गरीबों,दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताया है।

उन्होंने एक्स के माध्यम से कहा कि केजरीवाल यह साफ-साफ क्यों नहीं कहते कि वह दिल्ली में जाति जनगणना करवाएंगे और आरक्षण को 50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाएंगे? मैं गारंटी देता हूं कि केजरीवाल ऐसा नहीं कहेंगे, क्योंकि वो भी मोदी की तरह आरक्षण के खिलाफ हैं, गरीबों के खिलाफ हैं, दलितों के खिलाफ हैं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं।

 


नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा सरकार पर यमुना के पानी में जहर मिलाने के लगाए गए आरोपों पर भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच जुबानी हमले तेज हो गए हैं। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल से माफी मांगने की मांग की है और कहा है कि अगर वह अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। वहीं, चुनाव आयोग ने आप के आरोपों पर सैनी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। सैनी सरकार आज दोपहर 12 बजे तक चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखेगी। केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर यमुना में जहर मिलाने का आरोप लगाया था और इसे सामूहिक नरसंहार की साजिश बताया था। हालांकि, दिल्ली जल बोर्ड ने केजरीवाल के दावे को खारिज कर दिया है।


केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने सोमवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाएगी और पार्टी के लिए अगले 25 सालों में सत्ता में वापसी करना मुश्किल होगा। अठावले ने कहा, "राहुल गांधी कहते हैं कि अगर हम सत्ता में आए तो हम यह करेंगे। आपके सत्ता में आने का सवाल ही नहीं उठता। अगले 25 सालों में आपका सत्ता में आना बहुत मुश्किल है। जब तक मोदी जी और मैं साथ हैं, यह असंभव है।" दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गांधी दिल्ली में चुनाव के लिए कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलेगी।

कल शाम 8 बजे तक मांगा सबूत


नई दिल्ली । दिल्ली में विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच यमुना के पानी में जहर का मामला गरमा गया है। चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा है। यह नोटिस हरियाणा की ओर से यमुना के पानी को जहरीला करने के उनके आरोपों पर है। केजरीवाल ने दावा किया था कि अगर दिल्ली जल बोर्ड ने जहर नहीं पकड़ा होता, तो सामूहिक नरसंहार हो सकता था। EC ने चिंता जताई है कि केजरीवाल के आरोपों से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इनमें क्षेत्रीय समूहों के बीच दुश्मनी, पड़ोसी राज्यों के निवासियों के बीच तनाव और पानी की कमी के कारण कानून-व्यवस्था की समस्याएं शामिल हैं। EC ने केजरीवाल से कल शाम 8 बजे तक सबूत देने को कहा है।

नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिल्ली के पटपड़गंज में रैली में कहा- अरविंद केजरीवाल जब आए थे, उनके पास छोटी सी गाड़ी थी। आपने केजरीवाल के घर की तस्वीर भी देख ली, वे शीशमहल में रहते हैं। उन्होंने कहा कि बाकी पार्टी वाले मोदी से डरें या न डरें, पता नहीं। लेकिन केजरीवाल जरूर कांप जाते हैं। जब दिल्ली में हिंसा हुई तो केजरीवाल कहीं नहीं दिखे। उन्होंने कहा था साफ राजनीति करूंगा और सबसे बड़ा शराब घोटाला कर दिया। मोदी तो शराब घोटाले जैसा फर्जी केस बनाकर भी लोगों को जेल में डाल देते हैं। डर और बहादुरी पर ज्ञान ना ही दें तो अच्छा है। देश जानता है कौन कायर है और कौन बहादुर।

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