ईश्वर दुबे
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Bhilai
बेंगलुरु । भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम के खिलाड़ी अभी एक महीने के ब्रेक के कारण अपने-अपने घरों में पहुंच गये हैं। यह सभी अभी खुश हैं और अपने परिजनों के साथ आराम के क्षण बिता रहे हैं। महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल भी अपने घर लौटने से बेहद खुश हैं। रानी ने कहा, ‘लॉकडाउन के दौरान मैं परिवार से मिलने को बेचैन थी। मैं बहुत खुश हूं कि मैं आखिरकार यहां हूं और उनके साथ कुछ दिन बिता सकती हूं।’ रानी सहित पूरी टीम को पिछले तीन महीने से लॉकडाउन के कारण साई परिसर में ही रहना पड़ा था। अब सभी को एक माह का ब्रेक दिया गया है ताकि वह अपने परिवार से मिल सकें। उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से, इसके लिए मैं हॉकी इंडिया और साई की बहुत आभारी हूं, जिन्होंने हमारी बहुत देखभाल की। अब मेरा ध्यान घर पर भी अपनी फिटनेस बनाए रखने पर रहेगा।वहीं भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत ने कहा, ‘परिवार के लिए घर लौटना एक बहुत अच्छा अहसास था। भले ही मैं वीडियो कॉल पर लगातार संपर्क में था, पर मैं वास्तव में इनकी कमी का अनुभव करते हुए घर वापस आने के लिए उत्सुक था। अब मैं कह सकता हूं कि घर वापस आना बहुत अच्छा लगा।’पुरुष टीम के ही फॉरवर्ड मनदीप सिंह ने कहा, ‘जब मैंने घर में कदम रखा तो ऐसा लगा कि अभी ही दुनिया में आया हूं। मैं काफी समय बाद घर लौटा हूं, इसलिए अपने परिवार से मिलना और उनके साथ समय बिताना अच्छा होगा।’इन सभी खिलाड़ियों को अगले माह 19 जुलाई को फिर से अभ्यास के लिए साई परिसर पहुंचना होगा जिससे आगामी टोक्यो ओलंपिक के लिए फिर अभ्यास शुरु किया जा सके।
बेंगलुरू । भारतीय हॉकी टीम के पूर्व सहायक कोच रमेश परमेश्वरन ने खेल प्रशिक्षकों को दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मान द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए आवेदन किया है। परमेश्वरन ने कर्नाटक हॉकी संघ के जरिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए आवेदन किया है। परमेश्वरन ने कहा कि मेरे लिए जूनियर खिलाड़ी से लेकर राष्ट्रीय कोच बनने तक लंबी, शानदार और संतोषजनक यात्रा रही। मेरे जीवन में भी उतार चढ़ाव आए, हार और जीत मिली पर कुल मिलाकर यह मेरे पास सबसे अच्छा अनुभव है। परमेश्वरन साल 2015 से ही कर्नाटक हॉकी अकादमी में कोच हैं इसमें वह युवा खिलाडिय़ों को निखार रहे हैं। द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये आवेदन करने के समर्थन में कई दिग्गज खिलाड़ी भी हैं। 1980 की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता रही भारतीय टीम के कप्तान वासुदेवन भास्करन, पूर्व राष्ट्रीय कोच एमके कौशिक, दिलीप टिर्की, आशीष बलाल सहित कई खिलाड़ियों ने परमेश्वरन की दावेदारी का समर्थन किया है। वहीं हॉकी इंडिया ने बी जे करियप्पा और रोमेश पठानिया के नाम की सिफारिश द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए की है।
टोक्यो । जापान में कोरोना वायरस महामारी के कारण वार्षिक टूर्नामेंट के रद्द होने से निराश बेसबॉल खिलाड़ियों को सांत्वना पुरस्कार के तौर पर मिट्टी दी जाएगी। यह कोई आम मिट्टी नहीं है बल्कि कोशेन स्टेडियम की मिट्टी है जहां बेसबॉल मुकाबलों का आयोजन होता है। यह बेसबॉल के दिवानों के लिए सबसे अहम स्टेडियम है। हर साल यहां तीन हजार से अधिक टीमें क्षेत्रीय प्ले ऑफ से गुजरकर फाइनल्स में पहुंचती हैं जिसका आयोजन मध्य जापान के निशिनोमिया शहर के कोशेन स्टेडियम में किया जाता है। हर साल हारने के बाद यहां खिलाड़ियों को रोते देखा जा सकता है और वे डग आउट के करीब की मिट्टी को प्रतीक चिन्ह के रूप में अपने साथ ले जाते हैं। हाल ही में पेशेवर क्लब हेनशिन टाइगर्स के सदस्यों को हाथ से कोशेन स्टेडियम की मिट्टी निकालते देखा गया था। यह स्टेडियम हेनशिन टाइगर्स का घरेलू स्टेडियम है। इस मिट्टी को की-चेन के साथ लटकी पारदर्शी गेंदों में भरकर करीब 50 हजार बेसबॉल खिलाड़ियों को दिया जाएगा। प्रत्येक गेंद पर लिखा है ‘‘2020 में 102वां कोशेन’’ जो दर्शाता है कि इस बार कोशेन में 102वें टूर्नामेंट का आयोजन होना था। इसके अलावा गेंद, बल्ले और स्टेडियम की तस्वीर भी दी जाएंगी।
न्यूयॉर्क । कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इस साल अमेरिकी ओपन टेनिस में व्हीलचेयर स्पर्धा को शायद ही शामिल किया जाए। अमेरिकी ओपन के आयोजकों ने कहा है कि वह इस साल का कार्यक्रम जारी करने से पहले व्हीलचेयर खिलाड़ियों से एक बार बात करेंगे। आयोजकों ने साथ ही कहा है कि वह इसके बाद अपने फैसले पर एक बार फिर विचार कर सकते हैं। इससे पहले अमेरिका टेनिस संघ (यूएसटीए) ने व्हीलचेयर टेनिस नेतृत्व से बात की और कहा कि अमेरकी ओपन का कार्यक्रम जारी करने से पहले उन्हें व्हीलचेयर खिलाड़ियों के साथ मिलना चाहिए था। अमेरिकी ओपन का आयोजन 31 अगस्त से 13 सितंबर के बीच में होना है। यूएसटीए ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक बयान में कहा, ‘यूएसटीए खिलाड़ियों और आईटीएफ के साथ मिलकर व्हीलचेयर स्पर्धा के लिए संभावित विकल्पों पर काम कर सकता है।’उन्होंने कहा, ‘यूएसटीए खिलाड़ियों से उनके विचार मांगेगी और आईटीएफ के साथ मिलकर 2020 संस्करण में व्हलीचेयर स्पर्धा को लेकर काम करेगी।’ इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के डायलन एल्कोट ने व्हीलचेयर स्पर्धा को टूर्नामेंट में शामिल न करने पर नाराजगी व्यक्त की थी।
सिडनी । ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी बल्लेबाज स्टीव स्मिथ ने कहा है कि वह इस साल के अंत में भारतीय टीम के साथ खेलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। भारतीय टीम को इस साल के अंत में टेस्ट, एकदिवसीय और टी20 सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है। भारतीय टीम इस साल आस्ट्रेलियाई दौरे पर अक्टूबर और जनवरी 2021 तक तीन एकदिवसीय, चार टेस्ट और तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेगी। स्मिथ ने कहा, ‘उनकी टीम काफी शानदार है और इस साल आस्ट्रेलिया के दौरे पर मैं उनके साथ खेलने को उत्साहित हूं, यह श्रृंखला काफी अच्छी होगी।' भारतीय टीम 11 अक्टूबर को ब्रिसबेन में होने वाले टी20 मैच के अपना दौरा शुरु करेगी। इसके बाद टीम 14 अक्टूबर को कैनबरा और 17 अक्टूबर को एडिलेड में अगले दो मैच खेलेगी। चार मैचों की यह टेस्ट श्रृंखला तीन दिसंबर से ब्रिसबेन में प्रारंभ होगी। दूसरा टेस्ट दिन-रात्रि प्रारुप में होगा और यह एडिलेड में 11 से 15 दिसंबर तक खेला जाएगा।
बगदाद । कोरोना वायरस के कारण इराक के दिग्गज फुटबॉलर अहमद राढी का निधन हो गया है। राढी के निधन की घोषणा से इराकी खेलप्रेमियों में शोक की लहर छा गयी। राढी 56 वर्ष के थे और उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो रही थी। इराकी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह फुटबॉलर कोरोनो वायरस से संक्रमित था। मंत्रालय के अनुसार, उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसके बाद ही उन्हें पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी COVID-19 जांच के परिणाम पॉजिटिव पाये गये। गुरुवार को उनकी स्थिति में सुधार हुआ पर इसके बाद फिर उनकी हालत बिगड़ने लगी। जिससे उनकी जाना बचायी नहीं जा सकी। राजधानी बगदाग में राढी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए लोगों ने एक जुलूस भी निकाला। स्थानीय मीडिया आउटलेट्स पर जारी किए गए वीडियो फुटेज में दर्जनों पुरुषों को एक एम्बुलेंस के चारों चलते दिख रहे हैं। इस दौरान कई प्रशंसक रोते नजर आये। इस फुटबॉलर ने अपने करियर में कुल 121 मैच खेलते हुए 62 गोल दागे थे। वहीं क्लब करियर की बात करें तो उन्होंने विभिन्न क्लबों की ओर से खेलते हुए कुल 338 मैचों में 211 गोल किये थे।
कोलकाता । टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली खेल के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में भी भी अपना योगदान देने में पीछे नहीं रहते हैं। सौरव ने देश में कोरोना महामारी फैलने के बाद से ही पीड़ितो के लिए जो सहायता अभियान शुरु किया था वह अब भी जारी है। अब गांगुली ने कोलकाता की टॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े छोटे कलाकारों की सहायता की है। गांगुली ने टॉलीगंज सिनेमा से जुड़े कर्मचारियों के लिए 10 लाख रुपये दान में दिये हैं.
इससे पहले गांगुली ने लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान में 50 लाख रुपये का दान दिया। इसके अलावा उन्होंने 2000 किलो चावल भी गरीब परिवारों में बंटा था। गांगुली ने अपनी फाउंडेशन के जरिए अब तक 10 हजार लोगों को खाना भी खिलाया है। कोरोना ही नहीं वह अम्फान तूफान के पीड़ितों की सहायता में भी पीछे नहीं रहे। गांगुली ने अपनी एसोसिएशन के जरिये लोगों की मदद की है।
गांगुली इसके साथ ही आईपीएल आयोजित करने की भी योजना बना रहे हैं क्योंकि इस टूर्नामेंट से कई लोगों के हित जुड़े हैं। अगर यह टूर्नामेंट नहीं हुआ तो बीसीसीआई को करीब चार हजार करोड़ा का नुकसान हो सकता है। आईपीएल का प्रभाव कई खिलाड़ियों के साथ ही टीमों और उनसे जुड़े कर्मचारियों पर भी पड़ेगा।
मुम्बई । भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अगले महीने से छह सप्ताह के एक अभ्याय शिविर का आयोजन करने जा रहा है। इस शिविर में पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का बुलाया जाएगा या नहीं इस पर अटकलें लगनी शुरु हो गयी हैं। चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद उन्हें बुलाया जाने के पक्ष में हैं, वहीं चयन से जुड़े कुछ लोगों का मानना है कि धोनी एक साल से अधिक समय से खेल से दूर हैं ऐसे में उनको शामिल किया जाना सही नहीं रहेगा।
प्रसाद ने कहा कि धोनी की मौजूदगी से शिविर में विकेटकीपरों को काफी फायदा होगा। पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को लगता है कि अगर धोनी स्वयं खेलना चाहेंगे तो उन्हें टीम में होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर मैं राष्ट्रीय चयनकर्ता होता, तो धोनी मेरी टीम में होते पर सवाल यह है कि वह खेलना चाहते हैं या नहीं। आखिर में यह मायने रखता है कि धोनी क्या चाहते है।’ दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह शिविर में युवा खिलाड़ियों शामिल किये जाने के पक्ष में है। उन्होंने कहा, ‘मैं उस शिविर में सूर्यकुमार यादव सहित युवा खिलाड़ियों को देखना चाहूंगा जिसमें अंडर -19 टीम के लेग स्पिनर रवि बिश्नोई और यशस्वी जायसवाल जैसे खिलाड़ी होने चाहिये। उन्हें सीनियर खिलाड़ियों के साथ बात करने का मौका मिलना चाहिए। टी-20 टीम के लिए सूर्यकुमार यादव से बडा अधिकारी कोई नहीं है।’
पूर्व विकेटकीपर और विश्लेषक दीप दासगुप्ता के अनुसार चयनकर्ताओं को इस बारे में धोनी के साथ बातचीत करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘शिविर सप्ताह तक चलेगा और अगर धोनी इसका हिस्सा होंगे तो दूसरे विकेटकीपरों को उनसे सीखने का भी अवसर मिलेगा। अगर वह शिविर का हिस्सा नहीं होंगे तब भी मैं उनकी दावेदारी को खारिज नहीं किया जा सकता। ।’
कोलंबो । श्रीलंका के खेलमंत्री ने विश्व कप 2011 फाइनल में मैच फिक्सिंग के पूर्व खेलमंत्री महिंदानंदा अलुथगामे के आरोपों की जांच शुरु कर दी है। अलुथगामेगे ने आरोप लगाये थे कि उनकी टीम भारत के खिलाफ विश्वकप फाइनल में जानबूझकर हार गयी थी। खेलमंत्री डल्लास अलाहाप्पेरूमा ने जांच के आदेश देने के साथ हर दो सप्ताह में इस मामले की रिपोर्ट देने को कहा है। खेल सचिव के रूवानचंद्रा ने खेलमंत्री के निर्देश पर मंत्रालय की जांच ईकाई के समक्ष औपचारिक रुप से शिकायत दर्ज कराई थी। अलुथगामेगे के मैच फिक्सिंग के आरोपों को पूर्व कप्तानों कुमार संगकारा और महेला जयवर्धने ने सिरे से खारिज करते हुए सबूत मांगे हैं। वहीं अलुथगामेगे ने कहा कि फाइनल फिक्स था। इस मैच में भारत ने 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए गौतम गंभीर के 97 और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 91 रन की मदद से खिताब जीता था। उस समय खेलमंत्री रहे अलुथगामेगे ने कहा ,‘‘ आज मैं आपको बताता हूं कि हमने विश्व कप 2011 बेच दिया था। जब मैं खेलमंत्री था, तब भी मैंने यही कहा था।’’अलुथगामगे ने कहा, ‘‘एक देश के रूप में मैं यह घोषणा नहीं करना चाहता था। मुझे याद नहीं कि वह 2011 था या 2012। लेकिन हमें वह मैच जरुर जीतना चाहिए था।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं जिम्मेदारी के साथ आपको कह रहा हूं कि मैंने महसूस किया कि वह मैच फिक्स था। मैं इस पर बहस नहीं कर सकता हूं, मुझे पता है कि लोग इसे लेकर चिंतित हैं।’’ वहीं उस समय के श्रीलंकाई कप्तान संगकारा ने भ्रष्टाचार रोधी जांच के लिए सबूत उपलब्ध कराने को कहा है। संगकारा ने ट्वीट किया, ‘‘उन्हें अपने ‘साक्ष्य’ आईसीसी और भ्रष्टाचार रोधी एवं सुरक्षा इकाई के पास लेकर जाने की जरूरत है जिससे कि इस आधारहीन दावे की पूरी जांच हो सके।’’उस मैच में शतक जड़ने वाले पूर्व कप्तान जयवर्धने ने भी फिक्सिंग के आरोपों को एकदम गलत बताया है। अलुथगामगे ने कहा कि उनका मानना है कि परिणाम को फिक्स करने में खिलाड़ी नहीं बल्कि कुछ पक्ष शामिल थे।
रोम । पूर्व फॉमूला-वन रेसर और पैरालिंपिक चैंपियन एलेक्स जानार्डी एक सड़क हादसे में गंभीर रुप से घायल हो गये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जानार्डी इटली में पिएन्जा के टस्कन शहर में हैंडबाइक रेस के दौरान सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादसे के बाद उन्हें हेलिकॉप्टर में एक स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक अन्य वाहन ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी थी। इससे पहले जानार्डी एक हादसे का शिकार हुए थे जिसमें उनके दोनो पैर कट गये थे। वह दो बार कार्ट चैंपियन रहे थे। जानार्डी ने चार स्वर्ण पदक भी जीते हैं। इसके अलावा साल 2012 और 2016 के पैरालिम्पिक्स में भी उन्होंने हिस्सा लिया था।
मेलबर्न । इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रास भी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के मुख्य कार्यकारी बनना चाहते हैं। हाल में केविन राबर्ट्स के इस्तीफे के बाद से ही यह पद खाली हुआ है। सीए कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से ही आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसी से निपटने में असफल करने के कारण राबर्ट्स को राबर्ट्स ने अप्रैल में ही सीए का 80 फीसदी स्टाफ कम कर दिया था। उन्होंने प्रांतों की अनुदान राशि में भी कमी कर दी थी और वह खिलाड़ियों के साथ नये भुगतान करार पर काम कर रहे थे। राबर्ट्स के कुछ फैसलों की कड़ी आलोचना भी हुई। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार स्ट्रास इससे पहले 2015 से 2018 तक इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के निदेशक रहे हैं। राबर्ट्स के इस्तीफे के बाद अभी निक हॉकले अंतरिम रुप से मुख्य कार्यकारी बनाये गय हैं पर सीए इस काम के लिए किसी पूर्णकालिक मुख्य कार्यकारी की तलाश कर रहा है। स्ट्रास ने 100 टेस्ट में 7037 रन और 127 एकदिवसीय में 4205 रन बनाये। उन्हें इंग्लैंड क्रिकेट की सेवाओं के लिये नाइट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया है। स्ट्रास की उम्मीद्वारी पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया हो सकती है क्योंकि उन्होंने 2005, 2009 और 2010-11 के एशेज अभियान में इंग्लैंड की तरफ से अहम भूमिका निभायी थी। दक्षिण अफ्रीका में जन्में इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने ईसीबी निदेशक के रूप में इंग्लैंड क्रिकेट की संस्कृति को बदलने में भी अहम भूमिका निभायी।
सिडनी । ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने कहा है कि सहयोगी स्टाफ की संख्या कम होने से खिलाड़ियों पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। इससे पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी कोच रहे ग्रीम हिक को बुधवार को कोचिंग स्टाफ की सूची से हटा दिया। कोरोना महामारी के चलते आये आर्थिक संकट को देखते हुए क्रिकेट आस्ट्रेलिया ने जिन 40 लोगों को निकाला है उनमें हिक भी शामिल हैं। लैंगर ने कहा, ‘‘कोई भी मेरी यह आलोचना नहीं कर सकता कि मैं काम करने के लिए तैयार नहीं रहता। निश्चित तौर पर हमारे साथ कम स्टाफ है पर इसके बावजूद खिलाड़ियों को हमारा अच्छा समर्थन मिलेगा।’’ लैंगर ने कहा कि हिक को उनके हटाए जाने के बारे में बताना बिना हेलमेट के कर्टली एंब्रोस और कर्टनी वाल्श का सामना करने की तरह था। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं हैं कि वह शानदार व्यक्ति है। आप हिक से अधिक काम के प्रति ईमानदार व्यक्ति से नहीं मिल सकते। काम के प्रति उसकी निष्ठा अविश्वसनीय है, खेल के प्रति उसका ज्ञान अविश्वसनीय है, इसलिए निश्चित तौर पर यह मुश्किल फैसला था।’’ वहीं लैंगर ने संकेत दिए कि पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग और स्टीव वॉ बड़ी श्रृंखलाओं के लिए टीम के साथ जुड़ सकते हैं।
मैनचेस्टर । वेस्टइंडीज के बल्लेबाज शाई होप ने कहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में वह साल 2017 में खेले गसे हेडिंग्ले टेस्ट जैसी बल्लेबाजी करना चाहेंगे। होप ने साल 2017 में हेंडिग्ले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाये थे। इससे वेस्टइंडीज ने इस मैच में 322 रनों से जीत दर्ज की थी। हालांकि इसके बाद होप टेस्ट मैचों में और शतक नहीं लगा पाए थे। होप ने अगले 8 जुलाई से शुरू होने वाली सीरीज से पहले कहा, ‘मुझे अपने पर भरोसा रखने की जरूरत है क्योंकि मैं जानता हूं कि मैं ऐसा करने में सक्षम हूं। ऐसा नहीं है कि मैंने पहले अच्छी बल्लेबाजी नहीं की है।’कारोना महामारी के बाद यह पहली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सीरीज होगी। होप ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि वह जैव सुरक्षित वातावरण में फिर से वेस्टइंडीज के लिए बड़ी पारियां खेलने में सफल रहेंगे। उन्होंने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, हालांकि टेस्ट मैचों में वह अब तक निरंतर रन नहीं बना पाये हैं पर इस बार उनका लक्ष्य बेहतर प्रदर्शन कर अपने रिकॉर्ड को ठीक करना है। उन्होंने कहा, ‘लाल गेंद से क्रिकेट खेलना मुझे बहुत पसंद है, पर रन और रिकॉर्ड वैसा नहीं है जैसा हम चाहते हैं। मैं इस पर काम रहा हूं। मैं अभी किसी चीज को गलत नहीं कह सकता क्योंकि मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि मैंने अलग तरह से तैयारियां की हैं।’
मैनचेस्टर । मैनचेस्टर सिटी के कोच पेप गार्डियोला के अनुसार इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) की लंबे समय के बाद फिर शुरुआत से खिलाड़ियों के चोटिल होने का खतरा बना रहेगा। गार्डियोला के अनुसार कई खिलाड़ी पूरी तरह मैच फिट नहीं होने के कारण भी इसमें भाग लेने का प्रयास करेंगे और उनको लेकर ही ये आशंकाएं और ज्यादा हैं। कोरोना वायरस महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के कारण लंबे समय तक खेल से बाहर रहने के बाद ईपीएल के क्लब तीन सप्ताह से अभ्यास कर रहे हैं। गार्डियोला ने इसे तैयारियों में कमी करार देते हुए कहा कि सिटी ने अभी तक केवल अपनी टीमों के बीच एक अभ्यास मैच खेला है। उसकी टीम अगले दो महीने में काफी व्यस्त रहेगी। सिटी को एफए कप में भी खेलना है और अगस्त के मध्य में उसे चैंपियन्स लीग में भी खेलना पड़ सकता है, इसलिए उसे एक अगस्त तक प्रति सप्ताह तीन खेलने पड़ेंगे। वह अपना पहला मैच गुरुवार को आर्सनल से खेलेगा। गार्डियोला ने कहा कि हमने इन तीन सप्ताहों में अपनी टीम में भी प्रीमियर लीग की अन्य टीमों की तरह तैयारियों में अविश्वसनीय कमी देखी। यह जर्मनी या स्पेन जैसा नहीं था जिन्हें पांच या छह सप्ताह का समय मिला। उन्होंने कहा, ‘‘आप तीन सप्ताह के अवकाश के बाद मैच खेल सकते हो पर हम तो छुट्टियों में आराम ही करते रहे और यही वजह है कि मुझे लगता है कि खिलाड़ी अभी खेलने के लिए पूरी तरह से फिट नहीं हुए हैं।