ईश्वर दुबे
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में AIMIM उम्मीदवार ताहिर हुसैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को राहत देते हुए कस्टडी पैरोल दे दी है. वह चुनाव में प्रचार कर सकेंगे. उन्हें 29 जनवरी से 3 फरवरी तक कस्टडी पैरोल मिली है.
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. 3 फरवरी को प्रचार पर रोक लग जाएगी. चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित होंगे. ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद से AIMIM के उम्मीदवार हैं. वह इससे पहले आम आदमी पार्टी में थे. ताहिर पार्षद रह चुके हैं.
कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
ताहिर हुसैन सभी आश्वासन का पालन करेंगे. उनको 29.01.2025 से 03.02.2025 तक जेल मैनुअल के समय के अनुसार चार्ट में दर्शाए गए खर्च का आधा जमा करने पर रिहा किया जाएगा. जो 2 दिनों के लिए 2,07,429 रुपये है.
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जेल नियमों के अनुसार रिहाई 12 घंटे के लिए होगी. आदेश को नजीर नहीं माना जाए. हाई कोर्ट के समक्ष जमानत आवेदन पर इस अदालत के आदेशों से प्रभावित हुए बिना अपने गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा.
रोजाना जेल से चुनाव प्रचार के लिए ताहिर सुबह 6 बजे निकलेंगे और शाम 6 बजे वापस जेल जाएंगे. सार्वजनिक बयान में वह अपने केस से संबंधित कोई बात नहीं करेंगे.
दिल्ली पुलिस ने अर्जी का किया विरोध
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए एसवी राजू ने अर्जी का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी जाती है तो यह मिसाल बन जाएगी और कैदियों को प्रचार के लिए जमानत देने की मांग की कतार अदालतों में लग जाएगी. कस्टडी पैरोल का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि बाकी आरोपी भी कस्टडी पैरोल की मांग करने लगेंगे.
जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा कि आपने नामांकन के लिए कस्टडी पैरोल का विरोध नहीं किया. एएसजी ने कहा कि वह नामांकन कर वापस आ गए थे. जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा कि यहां भी वह वापस आएंगे. घर पर नहीं रुकेंगे.
एएसजी ने कहा कि कृपया खर्चों पर ध्यान दें. जस्टिस मेहता ने कहा कि यह उन्हें देखना है. एएसजी ने कहा कि चुनाव के कारण बड़ी भीड़ हो सकती है, उसे प्रबंधित करना होगा. इसपर ताहिर के वकील ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मेरे सह-अभियुक्त को यूएपीए मामले में परीक्षा के लिए 2 सप्ताह की हिरासत पैरोल दी गई थी.
भगवानपुर: हरिद्वार के भगवानपुर में नगर निकाय चुनाव के दौरान कथित गड़बड़ियों और पुलिस की सख्ती को लेकर कांग्रेस विधायक ममता राकेश का रोते हुए विरोध जताने वाला वीडियो अब सुर्खियों में है. वीडियो में तीन बार की विधायक भावुक होकर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए फूट-फूट कर रो रही हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे प्रदेश में सियासी हलचल पैदा कर दी है. भगवानपुर से कांग्रेस विधायक ममता राकेश दिवंगत कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश की पत्नी हैं. उन्होंने मतदान के दिन गड़बड़ियों का आरोप लगाया इस दौरान वो बेहद आहत दिखीं. वायरल वीडियो में वह भावुक होकर कहती नजर आ रही हैं, "यह लोकतंत्र के खिलाफ साजिश है. मतदाताओं को डराया-धमकाया गया और मतदान प्रक्रिया को बाधित किया गया."
कांग्रेस विधायक का रोते हुए वीडियो वायरल
दरअसल निकाय चुनाव की वोटिंग के दिन वार्ड नंबर 5 में बाहरी लोगों द्वारा मतदाताओं को धमकाने और पुलिस लाठीचार्ज की घटनाओं के वीडियो सामने आए थे. आरोप है कि पुलिस ने लाइन में खड़े मतदाताओं को शाम 5 बजे के बाद लाठीचार्ज कर खदेड़ दिया और मीडिया को जबरन मतदान केंद्र से बाहर निकाल दिया. सूचना मिलते ही विधायक ममता राकेश अपने बेटे अभिषेक राकेश और सैकड़ों समर्थकों के साथ मतदान केंद्र पहुंचीं. लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोका गया. जिसके बाद वो गेट के सामने ही धरने पर बैठ गईं.
केरल के वायनाड में मननथावाडी गांव के प्रियदर्शिनी एस्टेट में शुक्रवार की सुबह को बाघ के हमले में एक 47 वर्षीय महिला की मौत हो गई। इस हादसे को लेकर इलाके में स्थानीय लोगों ने तीव्र विरोध प्रदर्शन किया। यह घटना राज्य विधानसभा में केरल वन मंत्री एके ससींद्रन के बयान के बाद घटी, जिसमें उन्होंने राज्य में मानव-पशु संघर्ष कम होने का दावा किया था। उन्होंने बताया था कि राज्य सरकार इस पर प्रभावी कार्रवाई कर रही है।
प्रियदर्शिनी एस्टेट में बाघ के हमले वाली घटना के बाद वन मंत्री ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, बाघ को पकड़ने या मारने के आदेश जारी किए गए हैं। ससींद्रन ने यह भी कहा कि हादसे के बाद से लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओ आर केलू प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए मौके पर पहुंचे। जिला प्रशासन ने बताया कि महिला जब कॉफी तोड़ने गई थी तब बाघ ने उनपर हमला किया। वन अधिकारियों को पेट्रोलिंग के दौरान महिला का शव मिला।
स्थानीय लोगों ने महिला के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं ले जाने देकर मंत्री केलू के समक्ष अपना विरोध जताया। एस्टेट की कई महिलाओं ने मंत्री केलू ने कहा कि बाघ को पकड़ लिया जाना चाहिए या फिर उसे मार दिया जाना चाहिए। मंत्री ने आश्वासन दिया कि बाघ को पकड़ने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इलाके में बाड़ लगाने की परियोजना के अलावा कुछ भी नहीं किया गया है। मंत्री ने कहा, लोगों से आग्रह किया कि आगे की प्रक्रिया पोस्टमॉर्टम के लिए महिला के शव को छोड़ दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र के लोगों के लिए अधिकतम संभव सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आरआरटी (रैपिड रिस्पांस टीम) इकाइयों की तैनाती समेत कई कदम उठाए जाएंगे।
प्रयागराज: मशहूर फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ मेले में कदम रख दिया है। ममता अब गृहस्थ जीवन से संन्यास लेकर साध्वी का जीवन जिएंगी। उन्हें महामंडलेश्वर बनाया जाएगा। शुक्रवार को ममता कुलकर्णी भगवा वस्त्र धारण कर महाकुंभ के सेक्टर नंबर 16 स्थित किन्नर अखाड़े की छावनी में पहुंचीं। यहां उनका राज्याभिषेक किया जाएगा। ममता कुलकर्णी के पहुंचने की सूचना पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
किन्नर अखाड़े की ओर से जारी सूचना के अनुसार मशहूर फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी शुक्रवार को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनेंगी। संगम पर पिंडदान के बाद शाम छह बजे किन्नर अखाड़े में उनका राज्याभिषेक किया जाएगा। अब उनका नाम श्री यामिनी ममता नंद गिरि होगा।
पश्चिम बंगाल के बर्धमान शहर में एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल में गुरुवार रात जमकर हंगामा हुआ। देखते ही देखते मामला हिंसक हो गया। अस्पताल में उस समय हंगामा मचा, जब कथित चिकित्सा सुविधा की कमी को लेकर विवाद हो गया। पुलिस ने बताया कि विवाद के दौरान लोगों के एक समूह ने चिकित्सकों, अस्पताल कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों पर हमला किया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, पूर्वी बर्धमान के शक्तिगढ़ में स्वेतिपल्ली के एक युवक को पैर में चोट लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज से नाखुश मरीज के कुछ परिजन और दोस्तों ने कथित तौर पर अस्पताल के अधिकारियों के साथ बहस की।
झड़प में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए
अस्पताल अधीक्षक शकुंतला सरकार ने बताया कि ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की। इसके बाद भी लोग नहीं माने और आक्रामक हो गए। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर हमला किया। चिकित्सकों और कर्मचारियों को भी घसीटा। उन्हें पीटा और अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। झड़प में पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए।
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
अधिकारियों ने बताया कि एक को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। घटना का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। शक्तिगढ़ थाने के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को काबू किया। पुलिस ने शुक्रवार को सुबह हिंसा के सिलसिले में छह लोगों को हिरासत में लिया।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के लोगों को उनके स्थापना दिवस पर बधाई दी। इस मौके पर पीएम मोदी ने देश के विकास में मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा के लोगों के योगदान की सराहना की। आपको बता दें कि मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा आज अपना स्थापना दिवस मना रहे हैं। इन तीनों राज्यों को 21 जनवरी 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला था। तीनों ही राज्य देश के पूर्वोत्तर में स्थित हैं और अपनी जीवंत संस्कृति, प्रेरक इतिहास के साथ-साथ प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाने जाते हैं।
प्रयागराज: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी मंगलवार को संगम नगरी प्रयागराज पहुंचे. जहां महाकुंभ में उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति अडानी के साथ 'संगम घाट' पर पूजा-अर्चना की. उन्होंने महाकुंभ मेले में इस्कॉन मंदिर के शिविर का भी दौरा किया. इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद तैयार किया और उसका वितरण भी किया. गौतम अडानी ने इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की और महाकुंभ में आने पर खुशी जाहिर की।
गौतम अडानी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "अद्भुत, अनोखा और अलौकिक! प्रयागराज आकर ऐसा लगा जैसे पूरी दुनिया की आस्था, सेवा भावना और संस्कृतियां मां गंगा की गोद में आकर विलीन हो गई हों. कुंभ की भव्यता और दिव्यता को जीवंत रखने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर सभी साधु-संतों, कल्पवासियों और शासन-प्रशासन, सफाई कर्मचारियों और सुरक्षा बलों का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं. "मां गंगा की कृपा हम सभी पर बनी रहे."
नई दिल्ली: सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को प्रयागराज आ सकते हैं। इस संभावित दौरे के दौरान वह कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की समीक्षा और कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकते हैं। प्रधानमंत्री के इस दौरे के दौरान संगम क्षेत्र और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के खास इंतजाम किए जा रहे हैं। प्रशासन ने अधिकारियों को सभी तैयारियां समय से पूरी करने के निर्देश दिए हैं। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 22 जनवरी को योगी कैबिनेट की बैठक होगी। इसके बाद 27 जनवरी को गृह मंत्री अमित शाह महाकुंभ में शामिल होंगे।
उनके कार्यक्रम का शेड्यूल जारी कर दिया गया है, जिसमें संगम स्नान, गंगा पूजन और अधिकारियों के साथ बैठक शामिल है। गृह मंत्री के आगमन को देखते हुए पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। शहर के प्रमुख चौराहों और कार्यक्रम स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है
नई दिल्ली। उत्तर-पश्चिम भारत में इस समय मौसम सुहावना बना हुआ है। अच्छी धूप के बीच हल्की ठंडी हवाओं ने ठंड के असर को कम कर दिया है। तापमान में बढ़ोतरी से लोगों को सर्दी के सख्त मौसम से राहत मिली है। हालांकि, यह राहत ज्यादा दिन तक नहीं टिकेगी, क्योंकि एक बार फिर बारिश का दौर शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, आज उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान बढ़ सकता है। वहीं, हिमालय के ऊपरी क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। तमिलनाडु में भी हल्की बारिश के आसार हैं। इसी बीच कल 22 जनवरी से एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय पहुंचेगा, जिससे पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बारिश का असर 23 जनवरी को बढ़़ने के आसार हैं। इसके तहत दिल्ली, पश्चिमी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।
इस बारिश से दिन के अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी, जिससे हाल के असामान्य गर्म मौसम से राहत मिलेगी। हालांकि, 24 जनवरी के बाद न्यूनतम तापमान में फिर से गिरावट हो सकती है और ठंड का प्रभाव लौटने की संभावना है।
किसानों के लिए राहत
22 और 23 जनवरी की बारिश उत्तर-पश्चिम भारत के किसानों और निवासियों को राहत देगी, हालांकि यह बारिश जल संकट को पूरी तरह हल नहीं कर सकेगी। 24 जनवरी के बाद एक सप्ताह तक शुष्क मौसम का अनुमान है, जिससे ठंड का प्रभाव फिर से बढ़ सकता है। यह बारिश अस्थायी राहत तो देगी लेकिन क्षेत्र में जल संतुलन को बेहतर करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। मौसम विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि आने वाले दिनों में पश्चिमी विक्षोभ और शुष्क हालात पर नजर बनाए रखें।
नई दिल्ली। प्रयागराज महाकुंभ मेला शुरु हो चुका है और इसमें करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। कुंभ मेला हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और सबसे पवित्र मेला है। जो कि हर 12 साल में लगता है। इसका आयोजन विशेष रूप से चार प्रमुख स्थानों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में होता है। प्रयागराज के बाद अगला कुंभ नासिक में गोदावरी नदी के तट पर लगेगा। जो कि 2027 में आयोजित किया जाएगा। यहां पिछली बार 2015 में जुलाई से सितंबर तक कुंभ मेला लगा था।
ऐसी मान्यता है कि प्रयागराज में जब सूर्य मकर राशि और गुरु वृष राशि में होते हैं तब गंगा, युमना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र तट पर महाकुंभ लगता है। कहा जाता है कि जब कुंभ राशि में गुरु और मेष राशि में सूर्य हो तब हरिद्वार में गंगा के तट पर कुंभ लगता है। मान्यता है कि जब सिंह राशि में गुरु और सूर्य हो तब नासिक में गोदावरी नदी के तट पर कुंभ लगता है। वहीं जब सिंह राशि में गुरु और मेष राशि में सूर्य हो तब उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर कुंभ लगता है।
नासिक कुंभ मेले का इतिहास सदियों पुराना है। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक यह आयोजन उस समय की याद दिलाता है जब देवता और राक्षस अमरता के अमृत के लिए लड़ रहे थे। लड़ाई के दौरान अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर चार स्थानों- नासिक, प्रयागराज, हरिद्वार और उज्जैन में गिरीं। ऐसा माना जाता है कि ये चार स्थान हैं जहां कुंभ मेला लगता है।
नासिक कुंभ मेला गोदावरी नदी के तट पर लगता है। इसे भारत की सबसे पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। नासिक कुंभ मेले का पहला रिकॉर्ड 17वीं शताब्दी में दर्ज किया गया था और तब से यह लोकप्रियता में बढ़ गया है। हर 12 साल में लाखों लोग इस आयोजन में शामिल होते हैं। नासिक कुंभ मेला कई कारणों से भी अहम है। एक तो जब लोग यहां एक साथ आकर अपनी आस्था का जश्न मना सकते हैं। यह ऐसा समय भी है जब लोग पवित्र गोदावरी नदी में डुबकी लगाकर अपने पापों को धो सकते हैं।
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देजनर मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए नगर निगम भी लोगों को लुभाने का प्रयास कर रहा है। इसके तहत निगम जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही मतदान करने वालों को खाने के लिए रेस्तरां में छूट देने की घोषणा की है। निगम के दक्षिणी जोन ने होटल व रेस्तरां संचालकों से समन्वय करके मतदान करने के बाद 5 से 9 फरवरी तक 25 फीसदी की छूट देने की घोषणा की है।
दक्षिणी जोन के निगम उपायुक्त ने बताया कि जोन के क्षेत्राधिकार में आने वाले डीएलएफ साकेत मॉल, सेलेक्ट सिटी वाक मॉल, पीवीआर अनुपम साकेत के साथ ही अरविंदों मार्ग, मालवीय नगर मार्केट, डीएलएफ वंसत कुंज मॉल, जीके, ग्रीन पार्क की विभिन्न मार्केट की दुकानों पर खाने पर 25 फीसदी की छूट दी जाएगी। निगम उपायुक्त के मुताबिक इसके लिए नागरिकों को मतदान करने के बाद अंगुली पर मतदान की स्याही का निशान दिखाना होगा।
उन्होंने बताया कि अभी मतदान जागरूकता अभियान के तहत छूट देने के लिए 47 रेस्तरां को जोड़ा गया है। आगे भी जोड़ने की प्रक्रिया जारी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन में अब दो ही दिन बाकी हैं। ऐसे में नामांकन की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। बुधवार को सर्वाधिक नामांकन दाखिल किए गए। पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, नई दिल्ली क्षेत्र से उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी प्रत्याशी प्रवेश वर्मा, कालकाजी से बीजेपी उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी, समयपुर बादली से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव और रोहिणी से बीजेपी उम्मीदवार विजेंद्र गुप्ता सहित कई चर्चित प्रत्याशियों ने बुधवार को पर्चा दाखिल किया था।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुताबिक बुधवार को कुल 256 नामांकन दाखिल किए गए। इसके साथ ही 235 उम्मीदवार अब तक कुल 341 नामांकन दाखिल कर चुके हैं। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की जनता इस बार भी काम की राजनीति को ही चुनेगी। आम आदमी पार्टी से पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन, कैबिनेट मंत्री इमरान हुसैन और गोपाल राय के साथ साथ सुरेंद्र सिंह बिट्टू व सहीराम पहलवान ने तुगलकाबाद से नामांकन दाखिल किया। बीजेपी के कुल 32 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन किया।
नई दिल्ली । यूं तो सर्दियों का मौसम सेहत बनाने के लिए अनुकूल माना जाता है। इसके साथ ही इस मौसम में कई प्रकार की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है, जिसमें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) संक्रमण भी शामिल है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सर्दियों में वायरल गैस्ट्रोएंटेराइटिस या पेट फ्लू के मामले अधिक बढ़ते हैं, जो मुख्यतः नोरोवायरस और रोटावायरस से उत्पन्न होते हैं। यह संक्रमण पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और आमतौर पर ठंडी परिस्थितियों में फैलने वाले वायरस, बैक्टीरिया और परजीवियों के कारण होता है। ये वायरस दूषित भोजन, पानी या सतहों के माध्यम से तेजी से फैलते हैं। इस संक्रमण के लक्षणों में दस्त, उल्टी और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, साल्मोनेला और ई. कोली जैसे बैक्टीरिया संक्रमण भी खराब भोजन के सेवन से हो सकते हैं, जबकि गियार्डियासिस जैसे संक्रमण गंदे पानी के सेवन से होते हैं।
इन संक्रमणों से बचाव के लिए, विशेषज्ञों का कहना है कि स्वच्छता बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है। खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोना, शौचालय का उपयोग करने के बाद हाथ धोना और बार-बार छूने वाली सतहों को साफ रखना जरूरी है। इसके अलावा, भोजन पकाने और स्टोर करने के दौरान उचित सफाई का ध्यान रखना चाहिए और जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं को सही तापमान पर ही स्टोर करना चाहिए।
पानी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए फिल्टर किया हुआ पानी पीना चाहिए या फिर पानी को उबालकर इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने यह भी सलाह दी है कि एक मजबूत इम्यून सिस्टम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमणों से बचने में मदद कर सकता है। इसके लिए फलों, सब्जियों और प्रोबायोटिक्स से भरपूर संतुलित आहार लिया जाना चाहिए। हाइड्रेटेड रहना और पर्याप्त नींद लेना भी जरूरी है। संक्रमण से बचने के लिए संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचें और व्यक्तिगत वस्तुओं जैसे बर्तन और तौलिये को शेयर करने से बचें। यदि लक्षण बने रहते हैं या बिगड़ते हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
नई दिल्ली। केरल, जिसे भारत का यूरोप कहा जाता है, अपने बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और प्रति व्यक्ति आय के लिए जाना जाता है। हालांकि, अब यहां की आबादी में जिस गति से गिरावट आ रही है, वह चिंता का विषय बन गई है। 2024 में केरल की अनुमानित आबादी 3.6 करोड़ थी, जबकि 1991 में यह संख्या 2.90 करोड़ थी।
पिछले 35 वर्षों में राज्य की आबादी केवल 70 लाख बढ़ी है। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां की आबादी 3.34 करोड़ थी, जो अब स्थिरता के करीब पहुंच गई है। लेकिन कोरोना महामारी के बाद से स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। पहले राज्य में सालाना 5 से 5.5 लाख बच्चों का जन्म होता था, लेकिन 2023 में यह संख्या घटकर केवल 3,93,231 पर आ गई, जो कि चार लाख से भी कम है। यह संख्या अब तक का सबसे कम आंकड़ा है। जनसंख्या वैज्ञानिकों के अनुसार, किसी भी राज्य की आबादी को स्थिर बनाए रखने के लिए 2.1 की फर्टिलिटी रेट की आवश्यकता होती है। केरल ने यह लक्ष्य 1987-88 में ही हासिल कर लिया था। यहां शिशु मृत्यु दर भी काफी कम है, जो प्रति एक हजार बच्चों पर सिर्फ छह है, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 है। इसके बावजूद, पिछले तीन दशकों से यहां की आबादी स्थिर है, और पैदा होने वाले बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। केरल में फर्टिलिटी रेट 1987-88 में 2.1 प्रतिशत था, लेकिन इसके बाद यह घटने लगा। 1991 के बाद से यह दर 1.7 से 1.8 के बीच रही और 2020 में यह घटकर 1.5 प्रतिशत पर आ गई। 2021 में यह 1.46 प्रतिशत तक गिर गई और अब 2023 के आंकड़ों के अनुसार यह 1.35 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
इसका मतलब यह है कि यहां के अधिकांश दंपतियों के पास एक ही बच्चा है, और एक बड़ी संख्या ऐसे दंपतियों की है जिनके कोई बच्चे नहीं हैं। अगर यह ट्रेंड जारी रहता है, तो आने वाले समय में केरल की आबादी घटने लगेगी, जो न केवल सामाजिक और आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, बल्कि राज्य की भविष्यवाणी के लिए भी एक गंभीर संकट बन सकता है। बता दें कि दक्षिण कोरिया, जापान और यूरोप जैसे देशों में घटती आबादी एक गंभीर समस्या बन चुकी है, और अब यह समस्या भारत के विकसित राज्य केरल में भी दिखने लगी है।
नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने हवाई अड्डों और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने वाले केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के लिए 2,000 से अधिक कर्मियों वाली दो नई बटालियनों को मंजूरी दे दी है। नई बटालियन के गठन से बल के कर्मियों की संख्या करीब 2 लाख हो जाएगी। इस फैसले से न सिर्फ सीआईएसएफ की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा भी मजबूत होगी।
2,000 से अधिक युवाओं को मिलेगा रोजगार
सीआईएसएफ के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा, "गृह मंत्रालय (एमएचए) ने दो नई बटालियनों के गठन को मंजूरी देकर सीआईएसएफ के महत्वपूर्ण विस्तार को मंजूरी दी है।" उन्होंने कहा, "हाल ही में मंजूर महिला बटालियन के साथ इस फैसले से बल की क्षमता बढ़ेगी, राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी और 2,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।" प्रवक्ता ने कहा कि मंजूरी सोमवार को मिल गई है।
पिछले साल महिला बटालियन को मंजूरी मिली थी
पिछले साल के अंत में बल के लिए महिला बटालियन को मंजूरी दी गई थी। बल में वर्तमान में 12 रिजर्व बटालियन हैं, जिनमें से प्रत्येक में 1,025 कर्मी हैं। आंतरिक सुरक्षा से संबंधित तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों का एक पूल बनाकर CISF की “बढ़ती” मांगों को पूरा करने में भी नई बटालियन महत्वपूर्ण होंगी। देश के 68 नागरिक हवाई अड्डों की सुरक्षा के अलावा, 1969 में गठित CISF परमाणु और एयरोस्पेस क्षेत्र में कई प्रतिष्ठानों और ताजमहल और लाल किले जैसे ऐतिहासिक स्मारकों को आतंकवाद विरोधी सुरक्षा प्रदान करता है।