ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । दिल्ली में शीतलहर की स्थिति लगातार बनी हुई है। यहां मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में कोहरे के कारण विजिविलिटी काफी कम थी, इसके चलते उत्तर भारत में कोहरे के कारण ट्रेनों से लेकर फ्लाइट्स तक प्रभावित हो रही हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक सफदरजंग में तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पालम में तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जाने वाली लगभग 30 उड़ानों में देरी हुई और 17 उड़ानों को मौसम की स्थिति के कारण रद्द भी कर दिया गया। यहां जीरो विजिबिलिटी के कारण रेलों की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है। इस वजह से ज्यादातर रेलें देरी से चल रही हैं। एयरपोर्ट से कई उड़ानों को डायवर्ट भी करना पड़ा है। ऐसे में फ्लाइट से यात्रा करने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। बता दें कि इंडिगो फ्लाइट में हुए मुक्का कांड के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में खचाखच भीड़, घंटों की दैरी सड़क पर बैठे खाना खाते लोग दिखाई दे रहे हैं।
मिली खबर के मुताबिक फ्लाइट 10-10 घंटे की देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कत हो रही है। मौसम की बात करें तो राजधानी में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। इसके साथ ही कई यात्री अपने सामान के साथ हवाईअड्डे पर इंतजार करते हुए नजर आए। एक यात्री ने कहा कि मेरी फ्लाइट सुबह 8:40 बजे रवाना होने वाली थी, लेकिन अब यह सुबह 10:30 बजे रवाना होने वाली है। उन्होंने देरी का कारण मुख्य रूप से मौसम और कोहरा बताया है। दिल्ली एयरपोर्ट ने इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है, कि दिल्ली एयरपोर्ट पर कम दृश्यता के कारण उड़ानें प्रभावित हो रही हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे उड़ान की अद्यतन जानकारी के लिए संबंधित एयरलाइन से संपर्क करें।
इस बीच कोहरे के कारण कम दृश्यता के कारण 30 ट्रेनें भी देरी से चलीं। भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि पालम और सफदरजंग हवाई अड्डों पर 500 मीटर की दृश्यता दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने एक्स पर जारी रिपोर्ट में लिखा कि दिल्ली पालम (वीआईडीपी) और सफदरजंग हवाई अड्डे आज, 16 जनवरी को 5.30 बजे आईएसटी पर 500 मीटर दृश्यता की सूचना दे रहे हैं। वहीं घने कोहरे के चलते ट्रेनें भी घंटों-घंटों देरी से चल रही हैं।
मुंबई । 16 जनवरी को मुंबई से बेंगलुरु जा रही स्पाइसजेट की फ्लाइट में एक यात्री दुर्भाग्य से शौचालय के अंदर करीब एक घंटे तक फंसा रहा। उड़ान के दौरान दरवाजे के लॉक में खराबी आने के कारण यह स्थिति बनी। स्पाइसजेट ने बताया कि यात्रा के दौरान, हमारे चालक दल ने यात्री को सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया। स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बताया कि बंगलूरू पहुंचने पर एक इंजीनियर ने शौचालय का दरवाजा खोला और यात्री को तत्काल चिकित्सा सहायता मुहैया कराई गई। स्पाइसजेट ने यह भी कहा है कि मुंबई से बेंगलुरु जा रही फ्लाइट में करीब एक घंटे तक शौचालय के अंदर फंसे यात्री को पूरा रिफंड किया जा रहा है।
गुरुवयूर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केरल दौरे का आज दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री ने बुधवार सुबह केरल के प्रसिद्ध गुरुवयूर मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री त्रिपयार श्रीराम मंदिर में दर्शन करने जाएंगे। अपने केरल दौरे में प्रधानमंत्री राज्य को 4000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की सौगात देंगे।
अभिनेता-राजनेता सुरेश गोपी की बेटी की शादी में शामिल हुए पीएम मोदी
केरल के गुरुवयूर मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिल्म अभिनेता और राजनेता सुरेश गोपी की बेटी की शादी में भी शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। इस मौके पर मशहूर फिल्म अभिनेता मोहनलाल समेत कई अन्य हस्तियां भी मौजूद रहीं।
अयोध्या में राम लला का प्राण प्रतिष्ठाअनुष्ठान शुरू हो चुका है। सात दिन तक चलने वाले इस अनुष्ठान के खत्म होने के बाद ही प्रभु श्री राम की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को महज 5 दिन (22 जनवरी) बाकी रह गए हैं। यानी वह शुभ घड़ी बेहद करीब आ गई है, जब रामजन्मभूमि पर बने भगवान राम के मंदिर में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। राम मंदिर के उद्घाटन से पहले मंगलवार (16 जनवरी) से धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो चुके हैं। आज अनुष्ठान का दूसरा दिन है। अनुष्ठान के तहत आज रामलला की नई मूर्ति को मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा। जलयात्रा, तीर्थपूजन, ब्राह्मण-बटुक-कुमारी-सुवासिनी पूजन, वर्धिनीपूजन और कलशयात्रा के बाद आज भगवान रामलला की मूर्ति का प्रसाद परिसर में भ्रमण होगा। आपको बता दें कि अयोध्या में बनकर तैयार हो रहे भव्य मंदिर में लगने वाली मूर्ति के लिए 3 मूर्तिकार काम पर लगे थे. इनमें जयपुर के सत्यनारायण पांडेय, कर्नाटक के गणेश भट्ट और मैसुरू के अरुण योगीराज शामिल थे. योगीराज की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी, जबकि बाकी दो मूर्तियों को भी रखा जाएगा.
‘मंदिर के अंदर भगवान राम की बाकी दो मूर्तियां भी’
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव जी का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि शेष 2 अन्य मूर्तियों को भी मंदिर में ही रखा जाएगा. एक मूर्ति मंदिर में ही रहेगी विराजमान तो दूसरी प्रतिमा के सदुपयोग पर ट्रस्ट विचार करेगा. आदर के साथ रामलला के तीनों विग्रहों की देखभाल की जाएगी. उन्होंने कहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की मूर्ति पर प्रशासन और पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का जो निर्देश होगा, उसी के अनुरूप कार्य होगा.
गर्भ गृह में रखा जाएगा रामलला का वर्तमान विग्रह
ट्रस्ट की ओर से यह भी बताया गया है कि राम मंदिर ट्रस्ट के ही सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा प्राण प्रतिष्ठा के प्रमुख यजमान होंगे. वह सपत्नी अनुष्ठान में शामिल रहेंगे.राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति को ही गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में इसी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. चंपत राय ने कहा कि नई मूर्ति के अलावा रामलला के वर्तमान विग्रह को भी नए मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा.
मध्य पूर्व में स्थिरता के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ईरान पहुंचे। उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री होसैन आमिर-अबदोल्ललाहियान के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की, जिसमें चाहाबार पोर्ट का मुद्दा भी शामिल था।
पिछले कुछ सालों से चीन और ईरान के रिश्ते बेहतर बनते जा रहे हैं। वहीं, कुछ दिनों पहले एस जयशंकर ने महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत की। इस कार्यक्रम में एक 9वीं कक्षा के छात्र (भार्गव देशपांडे) ने विदेश मंत्री से भारत-चीन के संबंध पर एक सवाल पूछा।
चीन के साथ बिगड़े रिश्ते पर क्या बोले विदेश मंत्री
छात्र ने सवाल किया, क्या दोनों देश रिश्तों और बिगाड़ने वाले हैं? यह सवाल सुनकर विदेश मंत्री पहले मुस्कुराए। उसके बाद उन्होंने कहा, पिछले कुछ सालों से दोनों देशों के रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं। इसकी वजह यह है कि दोनों देशों के बीच कुछ लिखित समझौते थे कि दोनों देशों की सेना एक-दूसरे के बार्डर दाखिल नहीं होगी। वही, बॉर्डर के करीब के सीमित तादाद में सेनाओं की मूवमेंट होगी, लेकिन साल 2020 में चीन ने इस समझौता का उल्लंघन किया।
चीन ने बड़ी तादाद में अपनी सेना एलएसी पर भेजी: एस जयशंकर
एस जयशंकर ने आगे कहा, साल 2020 में एलएसी में चीन ने बड़ी तादाद में अपनी सेना भेजी। उसके बाद गलवान में घटना घटी। कोविड के दौरान, जब देश में लॉकडाउन था तो उस समय भी मोदी सरकार ने बड़ी तादाद में बॉर्डर पर सेना की तैनाती की गई। तभी से दोनों देशों की सेना बॉर्डर पर हैं। अगर हमारी सीमा में चीनी सेना दाखिल होते हैं तो हम बचाव करेंगे।
विदेश मंत्री बोले- दोनों देशों के बीच डिप्लोमेसी जारी है
विदेश मंत्री ने आगे कहा, जब तक आप बार्डर पर शांति कायम नहीं करेंगे और आमने-सामने सेना खड़ी रहेगी तो आप यह नहीं सोच सकते कि ऐसे हालात में बाकी रिश्ते बेहतर बन सकते हैं। यहां झगड़ा करो वहां बिजनेस करो। आगे देखना होगा डिप्लोमेसी जारी है।
पीएम मोदी ने कुछ दिनों पहले लक्षद्वीप का दौरा किया था। प्रधानमंत्री ने वहां की कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की। इन तस्वीरों पर मालदीव के तीन नेताओं ने भारत और पीएम मोदी के आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।
मालदीव के नेताओं के बयान की वजह से दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ गए। वहीं, चीन की ओर मुइज्जू सरकार के झुकाव की वजह से दोनों के रिश्ते और बिगड़ सकते हैं। इसी बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने आधिकारिक तौर पर भारत को अपने सैनिक हटाने के लिए 15 मार्च का समय दिया है।
मालदीव में क्या कर रहे है भारतीय सैनिक
भारत का कहना है कि सैनिक मालदीव के नागरिकों को मानवीय मदद पहुंचाने के साथ राहत बचाव कार्य में मदद करते हैं। भारत ने मालदीव को दो हेलीकॉप्टर और एक ड्रॉनियर विमान भी दे रखा है। इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से समुदी निगरानी, खोज एवं बचाव अभियान और चिकित्सा निकासी में किया जाता है। भारत के पहले हेलीकॉप्टर और चालक दल ने मालदीव में 2010 में काम शुरू किया था। उस समय मोहम्मद नशीद मालदीव के राष्ट्रपति थे।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुझ्ज्जू ने कहा है कि भारत 15 मार्च तक मालदीव में रह रहे अपने सैनिकों को वापस बुला ले।
मुइज्जू ने चीन की यात्रा से वापस लौटने के बाद यह समय सीमा तय की है। हालांकि भारत ने अब तक उनकी इस मांग पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। आइये जानते हैं मालदीव में भारत के कितने सैनिक हैं और वे वहां क्या कर रहे हैं?
कितने भारतीय सैनिक
अधिकारियों का कहना है कि मालदीव में भारत के 77 सैनिक तैनात है। इसके अलावा भारतीय सशस्त्र बलों के 12 मेडिकल कमी भी वहा है।
मालदीव में चीन की भूमिका
मालदीव ऐसी जगह पर है कि सुरक्षा के नजरिए से उसका रणनीतिक महत्व है। ऐसे में चीन भी मालदीव में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। मालदीव की लगभग पांच लाख की आबादी चावल, सब्जी, दवाओं और मानवीय मदद के लिए भारत पर निर्भर है।
लेकिन पिछले साल नवंबर में मुझज्जू राष्ट्रपति बने है। उन्होंने चुनाव में मालदीव से भारतीय सैनिको को बाहर निकालने का वादा किया था। मुइज्जू ने परंपरा से हट कर पहली विदेश यात्रा के लिए भी चीन को चुना। इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुनते रहे है। मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है।
चीन पर बढ़ रही मालदीव की निर्भरता
बता दें कि ये द्वीप हिंद महासागर में सबसे व्यस्त समुद्री व्यापार राजमार्गों में से एक पर स्थित है। यहां से चीन का लगभग 80 प्रतिशत तेल आयात गुजरता है। वहीं मालदीव में चीन की सैन्य मौजूदगी भारत की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गया है।
नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने मादक पदार्थ एलएसडी या लिसेर्जिक एसिड डायथाइलैमाइड स्टांप और हशीश तेल की तस्करी में शामिल सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उन्हें सोमवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
एनसीबी अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित नापाक गतिविधियों के लिए डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे थे। डार्कनेट का इस्तेमाल नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है। कुछ समय पहले जर्मनी से आए 10 एलएसडी स्टांप वाले एक कूरियर को एनसीबी ने रोका था। मामले की जांच के दौरान कई स्थानों पर छापेमारी की गई।
इसी दौरान आरोपितों की गिरफ्तारी हुई। 326 एलएसडी स्टांप और आठ ग्राम हशीश तेल बरामद किया गया। एलएसडी मादक पदार्थ है। कागज के छोटे वर्गों (ब्लाट) पर इसकी परत लगाई जाती है जिसे चाटा या निगला जा सकता है। इसके सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के संबंध में एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए आयुक्त ( कोर्ट कमिश्नर) नियुक्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि अदालत मामले की सुनवाई जारी रखे। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर की गई एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के 14 दिसंबर के आदेश पर रोक लगा दी।
मस्जिद कमेटी के वकील के इस तर्क पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया अंतरिम आदेश
गौरतलब है कि अपने आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक एडवोकेट कमिश्नर (कोर्ट कमिश्नर) नियुक्त करने का आदेश दिया था। इस एडवोकेट कमिश्नर को मस्जिद परिसर का सर्वे करना था। मस्जिद कमेटी की तरफ से वकील तसनीम अहमदी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुईं। वकील ने तर्क दिया कि जब पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत मथुरा मामले को खारिज करने की याचिका अभी तक लंबित है, ऐसे में हाईकोर्ट सर्वे का आदेश नहीं दे सकता। इस पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने तर्क को सही माना और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू पक्ष को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि इस मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी।
हिंदू पक्ष द्वारा की गई थी कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग
हिंदू पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शाही ईदगाह मस्जिद के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने की मांग की थी। इस याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया था कि याचिका में दावा किया गया था कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं, जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है। याचिका में दावा किया गया था कि वहां एक कमल के आकार का स्तंभ मौजूद है, जो हिंदू मंदिर की विशेषता है। साथ ही शेषनाग की छवि है। मस्जिद के स्तंभ पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी मौजूद हैं। याचिका में कोर्ट कमिश्नर द्वारा पूरे सर्वेक्षण की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराने की भी मांग की थी। मस्जिद कमेटी ने इस याचिका का विरोध किया था, लेकिन हाईकोर्ट ने विरोध को दरकिनार कर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था।
उल्लेखनीय है कि पूजा स्थल अधिनियम 1991, 15 अगस्त 1947 के बाद देश में सभी धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखने की बात कहता है। मंदिर, मस्जिद, चर्च और अन्य सभी पूजा स्थल इतिहास की परंपरा के मुताबिक वही रहेंगे, जो देश की आजादी के समय थे, उन्हें किसी भी अदालत या सरकार द्वारा बदला नहीं जा सकता। इस कानून को पीवी नरसिम्हा की सरकार में बनाया गया था। उस समय राम मंदिर आंदोलन चरम पर था और देश में इसे लेकर सांप्रदायिक माहौल बना हुआ था। इस पर सरकार ने पूजा स्थलों में बदलाव के खिलाफ यह कानून बनाया था। इसी कानून के प्रावधानों के तहत मस्जिद कमेटी ने मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले को खारिज करने की अपील की थी, जिस पर सुनवाई लंबित है।
क्या है श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद
यह पूरा विवाद 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मथुरा के कटरा केशव देव इलाके में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। उस जगह पर मंदिर बना था। कई हिंदुओं का दावा है कि मुगल काल में औरंगजेब के शासन में मंदिर के एक हिस्से को तोड़कर उस पर मस्जिद बनाई गई, जिसे ईदगाह मस्जिद के नाम से जाना जाता है। हालांकि मुसलमान पक्ष मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की बात से इनकार करता है। साल 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और ट्रस्ट शाही ईदगाह मस्जिद के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत जमीन को दो हिस्सों में बांट दिया गया था। हालांकि हिंदू पक्ष उस समझौते को अवैध बताकर खारिज कर रहा है।
नई दिल्ली । 13 दिसंबर, 2023 को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को छह आरोपियों को 27 जनवरी तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।आरोपी मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, नीलम आजाद, ललित झा और महेश कुमावत की पुलिस हिरासत की अवधि खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। न्यायाधीश ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें जांच जारी रहने के कारण सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान नीलम आजाद ने आरोप लगाया कि एक महिला अधिकारी ने पिछले शुक्रवार को उनसे 50 से अधिक खाली कागजों पर जबरन हस्ताक्षर कराए थे। विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने आरोप पर आपत्ति जताई, लेकिन अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें दर्ज कीं। पिछली सुनवाई के दौरान नीलम को छोड़कर छह आरोपियों में से पांच ने अदालत के समक्ष पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के लिए अपनी सहमति दी थी, जैसा कि दिल्ली पुलिस ने मांग की थी। पुलिस के आवेदन में कहा गया था कि जांचकर्ताओं को अधिक विवरण प्राप्त करने की जरूरत है, ताकि केस को मजबूत बनाया जा सके और पूरी साजिश का पर्दाफाश करने के लिए और सबूत जुटाए जा सकें।पुलिस ने मनोरंजन और सागर का ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराने की भी इजाजत मांगी थी।
गौरतलब है कि साल 2001 के संसद हमले की 22वीं बरसी पर 13 दिसंबर, 2023 को दोनों ने दर्शक दीर्घा से कूदने के बाद लोकसभा कक्ष के अंदर पीले धुएं का गुब्बारा फोड़ दिया था, तभी सदन में मौजूद दो सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था और पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया था। दो अन्य - नीलम और शिंदे ने भी संसद के बाहर रंगीन धुएं के डिब्बे फोड़े और सरकार विरोधी नारे लगाए। माना जाता है कि बिहार के मिथिलांचल निवासी ललित झा को पूरी योजना का मास्टरमाइंड माना जाता है, जो कथित तौर पर चार अन्य लोगों के मोबाइल फोन लेकर भाग गया था।
नई दिल्ली । उत्तर भारत के राज्यों में रविवार की सुबह घने कोहरे के साथ हुई। दिल्ली में अंगीठी जलाकर सोए 6 लोगों की मौत हो गई। इसमें 4 एक ही परिवार के हैं। कई इलाकों में जीरो विजिबिलिटी दर्ज की गई। मिनिमम टेम्परेचर 3.5एष्ट रहा। कोहरे के कारण दिल्ली आने वाली 22 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। सुबह 4.30 से 7 बजे के बीच 7 फ्लाइट्स को जयपुर और एक फ्लाइट को मुंबई डाइवर्ट किया गया। चेन्नई में भी तीन इंटरनेशनल फ्लाइट डाइवर्ट की गईं। इस सीजन में पहली बार दिल्ली के पालम, सफदरजंग, राजस्थान के श्रीगंगानगर, पंजाब के पटियाला, हरियाणा के अंबाला, चंडीगढ़, यूपी के बरेली, लखनऊ, बहराइच, वाराणसी, प्रयागराज और असम के तेजपुर में जीरो विजिबिलिटी रही।
चित्रकूट। उत्तर प्रदेश के पौराणिक एवं ऐतिहासिक तीर्थ स्थल चित्रकूट के भरतकूप स्थित कुएं में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान करके खिचड़ी गर्म कपड़े कंबल आदि का दान किया। रविवार से यहां सूर्योदय से पहले ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। पूरे विश्व में किसी भी कुएं में एक दिन में इतने श्रद्धालुओं का एक साथ स्नान करना भी एक विश्व रिकॉर्ड है।
उल्लेखनीय है कि भरतकूप विश्व का एकमात्र ऐसा कुआं है, जहां आज के दिन इतने अधिक श्रद्धालु एकत्र होकर स्नान करके दान आदि करते हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार जब भरत जी भगवान राम को वनवास काल के समय वापस लेने के लिए चित्रकूट आए थे, तब वह अपने साथ समस्त तीर्थों का जल एक कलश में लेकर के आए थे । उनका सोचना था कि प्रभु श्रीराम का वहीं पर राज्याभिषेक करके उन्हें राजा की तरह वापस अयोध्या ले जाएंगे, परंतु जब श्रीराम द्वारा बिना वनवास काल के पूर्ण हुए वापस लौटने से मना कर दिया तब अत्रि मुनि ने उस पवित्र जल को चित्रकूट के पास एक कुएं में मंत्रोच्चारण के साथ डलवा दिया था। रामचरितमानस में भी तुलसीदास जी ने भी इसका उल्लेख किया है।
भोपाल । पूरे प्रदेश में रविवार को दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। इस वजह से सोमवार को न्यूनतम तापमान में भी कमी दर्ज हो सकती है। सोमवार को भी ग्वालियर, चंबल व सागर संभाग के जिलों में हल्का कोहरा रहने के आसार हैं। हवाओं का रुख बदलने से प्रदेश में रात के तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है। रविवार को प्रदेश के छह शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया, जो पचमढ़ी में दर्ज रात के तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस से कम रहा। प्रदेश में सबसे कम 6.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दतिया में रिकार्ड किया गया। ग्वालियर में कोहरा रहने के कारण सुबह दृश्यता 100 मीटर एवं दतिया में 200 मीटर तक रही। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि रविवार को पूरे प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट हुई है। इसके अलावा पाकिस्तान के आसपास बना पश्चिमी विक्षोभ भी समाप्त हो गया है। इस वजह से सोमवार को न्यूनतम तापमान में गिरावट होने की संभावना है। सोमवार को हवा का रुख उत्तरी होने के भी आसार हैं। इस वजह से दिन में भी सिहरन महसूस हो सकती है। उधर, 16 जनवरी को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के भी उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। उसके प्रभाव से आंशिक बादल छा सकते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी एसएन साहू ने बताया कि पाकिस्तान के आसपास बना पश्चिमी विक्षोभ समाप्त हो गया है। हवाओं का रुख बदलकर दक्षिण-पूर्वी एवं दक्षिणी-पश्चिमी हो रहा है। हवाओं का रुख बार-बार परिवर्तित होने के कारण तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव हो रहा है।
मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (अटल सेतु) जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में शिलान्यास किया था वह अटल सेतु अब बन कर तैयार हो गया है। इंजीनियरिंग का यह कमाल भारत के विकास के इतिहास में एक मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री मोदी आज इस पुल का उद्घाटन दोपहर में करीब 3.30 बजे कर रहे हैैं। 17,840 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया यह पुल 21.8 किलोमीटर लंबा है और इस पुल पर 6 लेन में ट्रेफिक चलेगा। 21.8 किमी लंबे इस पुल का 16.5 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र पर बनाया गया है जबकि 5.5 किमी जमीन पर तैयार हुआ है। इस पुल के निर्माण से मुंबई और नवी मुंबई के जिस सफर में 2 घंटे का समय लगता वह अब केवल 20 मिनट में पूर हो जायेगा। भारत के पुलों के इतिहास की बात करें तो अटल सेतु भारत का सबसे लंबा पुल होगा जो कि देश में सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह पुल मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों को कम समय में यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच भी कनेक्टिविटी बनाएगा। अटल सेतु 1,77,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट के इस्तेमाल से तैयार हुआ है। इस पुल की लागत 18,000 करोड़ रुपये बतायी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस पुल पर से 70,000 वाहन गुजरेंगे। इस पुल को 100 वर्ष के इस्तेमाल किये जाने के लिये तैयार किया गया है। अटल सेतु पर वाहनों की गति को 100 प्रति घंटा चलाने की अनुमति दी गई है। लेकिन इस पुल पर बाइक, आटो रिक्शा, ट्रेक्टर और भारी वाहन को चलने की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो इस पुल को मानसून के मौसम में तेज गति की हवाईओं का सामना करने के लिये विशेष रूप से लाइटिंग पोल बनाए गये है बिजली से होने वाली क्षति के लिये भी लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम से इस पुल को लैस किया गया है।
नई दिल्ली । वायुसेना के एक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का मलबा करीब साढ़े 7 साल बाद बंगाल की खाड़ी में मिला है। इसे समुद्र में करीब 3.4 किलोमीटर की गहराई में ढूंढ लिया गया है। भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान साल 2016 में एक मिशन के दौरान लापता हो गया था। उसमें 29 लोग सवार थे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओसीयन टेक्नोलॉजी ने एक ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल से कुछ तस्वीरें कैप्चर की थीं। इसकी जांच के बाद पता चला है कि चेन्नई के समुद्री तट से करीब 310 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में कुछ मलबा मिला है, जो वायुसेना के एएन-32 विमान का है।