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अमेरिका ने भारत पर रूस से एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल खरीदने को लेकर कुछ राहत दे ही है। इसके बाद अमेरिकी प्रशासन से अपने रिश्तों को नियंत्रित करने के लिए भारत ने अमेरिका के साथ एक मेगा सुरक्षा सौदा करने के लिए औपचारिक कदम आगे बढ़ा दिए हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक गुरुवार को एनडीए सरकार ने अमेरिकी सरकार को एक पत्र लिखा है जिसमें 13,400 करोड़ रुपये कीमत के 24 एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर का सौदा करने की बात कही गई है। ये हेलीकॉप्टर कई भूमिकाओं में काम कर सकते हैं। साथ ही ये तारपीडो और मिसाइल सिस्टम से भी लैस हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये सौदा भारतीय नौसेना को और मजबूत कर सकता है। 

 

2020-2024 तक यह हेलिकॉप्टर भारत को मिल सकते हैं जो भारतीय नौसेना को मजबूत बनाने का कार्य करेंगे। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब चीन के परमाणु और डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन प्रशांत महासागर के क्षेत्र में नियमित अंतराल पर नजर आते रहते हैं। एमएच-60 चॉपर की यह डील सरकार से सरकार के बीच होगी। इनका निर्माण सिरलोस्की-लॉकहीड मार्टिन कंपनी अमेरिका के सैन्य बिक्री कार्यक्रम के अंतर्गत करती है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक इस सौदे पर हस्ताक्षर हो जाएंगे। 2007 से भारत ने अमेरिका से होने वाले सैन्य रक्षा सौदे को 17 बिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया है।

ग्लोबल टेंडर प्रक्रिया के बजाए फ्लेक्सिबल मैनुफैक्चरिंग सिस्टम (एफएमएस) को आसान और साफ-सुथरा माना जाता है। टेंडर प्रक्रिया में काफी समय लगता है और कई बार यह सौदा भ्रष्टाचार के आरोप लगने की वजह से पटरी से उतर जाता है। भारत ने अपने ज्यादातर हथियार सिस्टम अमेरिका से खरीदे हैं। जिसमें एफएमएस कार्यक्रम के तहत सी-17 ग्लोबमास्टर-3 स्ट्रैटिजिक एयरलिफ्टर्स, सी-130 जे सुपर हरक्युलिस विमान और एम-777 अल्ट्रालाइट होवित्जर शामिल हैं। हेलिकॉप्टर अधिग्रहण करने का यह कार्य लगभग एक दशक से लंबित था। 

हेलिकॉप्टर को खरीदने के लिए भारत सरकार ने अमेरिकी प्रशासन को 13,500 करोड़ रुपये का 'लेटर ऑफ रिक्वेस्ट' भेज दिया है। यदि पिछले एक दशक का आकलन किया जाए तो बीते 3-4 सालों में अमेरिका भारत को रूस से ज्यादा सैन्य उपकरणों की आपूर्ति कर रहा है। भारत इन लड़ाकू हेलिकॉप्टर की डील को जल्द से जल्द करना चाहता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वाले कुछ माओवादियों के खिलाफ पुणे पुलिस ने बृहस्पतिवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। आरोपपत्र के मुताबिक माओवादियों ने मोदी की हत्या के अलावा देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हथियारों की खरीद की भी साजिश रच रहे थे।

 पुलिस ने चार्जशीट में यह भी दावा किया कि पुणे में पिछले साल दिसंबर में यलगार परिषद सम्मेलन का आयोजन और दलितों के ध्रुवीकरण व उन्हें भड़काने की कोशिश इसी रणनीति का हिस्सा थे। चार्जशीट में कहा गया है कि माओवाद समर्थित सम्मेलन ने 1 जनवरी को भीमा कोरेगांव में हिंसा को बढ़ावा दिया था। 5000 पन्ने से ज्यादा की चार्जशीट में सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, शोमा सेन, रोना विल्सन और सुधीर धावले सहित 10 लोगों के नाम हैं। पांच लोगों को 6 जून को गिरफ्तार किया गया था। 


माना जाता है कि इन पांच नामों के अलावा अन्य माओवादी नेता दीपक उफ मिलिंद तेलतुंबाडे, किशन दा उफ प्रशांत बोस, प्रकाश उर्फ रितुपर्णा गोस्वामी, दीपू और मंगलू भूमिगत हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि रोना विल्सन और भगोड़ा किशन दा ने प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रची थी।

नयी दिल्ली। भाजपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर के राफेल सौदे पर किये गये दावों ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के झूठ को उजागर कर दिया है जिनका व्यवहार भारत की सुरक्षा जरूरतों के प्रति गैर-जिम्मेदाराना होता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्रैपियर के साक्षात्कार ने कंपनी की ऑफसेट प्रतिबद्धताओं के बारे में फैल रहे झूठ को उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि सीईओ ने साफ कर दिया है कि अनिल अंबानी की रिलायंस और 30 अन्य कंपनियों के साथ इस तरह की प्रतिबद्धता केवल दसॉल्ट की होगी और भारत सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। गांधी राफेल सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते आ रहे हैं और उन्होंने दावा किया है कि अंबानी को लाभ पहुंचाने के लिए हेराफेरी की गयी। सरकार और रिलायंस इन आरोपों को खारिज कर चुके हैं। प्रसाद ने कहा, ‘‘साक्षात्कार ने कांग्रेस और उसके अध्यक्ष के सारे झूठ का पर्दाफाश कर दिया है।’’
 
उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान को भारतीय वायुसेना की सुरक्षा जरूरतों में सहयोग के लिए शामिल किया गया है। उन्होंने गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनका व्यवहार देश की सुरक्षा जरूरतों के हिसाब से गैर-जिम्मेदाराना और लापरवाही वाला होता जा रहा है। हैरानी की बात नहीं है कि राहुल गांधी और पाकिस्तान में उनके दोस्तों की भाषा एक जैसी है।’’ भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने जबलपुर में संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी का झूठ एक और बार पकड़ा गया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘झूठ, कपट और षड्यंत्र की राहुल गांधी की राजनीति एक बार फिर सामने आ गयी है। वह इस हद तक बेशर्म हो गये हैं जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती।’’ ट्रैपियर ने एक मीडिया इंटरव्यू में सौदे का बचाव करते हुए दावा किया था कि 58 हजार करोड़ रुपये के सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं की गयी और यह साफ-सुथरा करार है। उन्होंने दावा किया कि उनकी कंपनी ने ऑफसेट साझेदार के रूप में रिलायंस को चुना।कांग्रेस ने ट्रैपियर के दावों को खारिज करते हुए उन्हें ‘सोचा-समझा झूठ’ करार दिया।
नयी दिल्ली। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती की पूर्व संध्या पर कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर परोक्ष हमला बोला और आरोप लगाया कि मौजूदा समय में सरकार में बैठे लोगों द्वारा नेहरू की लोकतांत्रिक मूल्यों के सम्मान वाली विरासत को कमतर करने का प्रयास किया जा रहा है। आधुनिक भारत के निर्माण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री के योगदान को याद करते हुए सोनिया ने यह भी कहा कि नेहरू ने जिन लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाया, आज उनको चुनौती दी जा रही है। वह कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पुस्तक "नेहरू: द इन्वेंशन ऑफ इंडिया' पुनर्विमोचन के अवसर पर बोल रही थीं। सोनिया ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के तौर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लोकतंत्र को मजबूत किया और भारत की राजनीतिक व्यवस्था को समृद्ध बनाने का भी काम किया। आज हम इन्हीं मूल्यों पर गर्व करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नेहरूवाद के मुख्य स्तंभों के तौर पर शशि थरूर (कांग्रेस सांसद) ने कुछ मूल्यों का उल्लेख किया है। वो मूल्य हैं- लोकतांत्रिक संस्थाओं का निर्माण, भारतीय धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी आर्थिक व्यवस्था, गुटनिरपेक्षता की विदेश नीति। ये मूल्य भारतीयता के दृष्टिकोण का अभिन्न हिस्सा हैं और आज इन्हीं मूल्यों को चुनौती दी जा रही है।’’ कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने नेहरू के आर्थिक मॉडल और गुटनिरपेक्षता केंद्रित विदेश नीति को भी याद किया और कहा कि उन्होंने जिन लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाया था आज उससे जुड़ी विरासत को कमतर करने का प्रयास हो रहा है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता के साथ उन लोगों से लड़ना होगा जो (नेहरू की विरासत को) कमतर करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ सोनिया ने कहा कि नेहरू ने देश की सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति सम्मान और उनको मजबूत बनाने की संस्कृति पैदा की जिससे लोकतंत्र मजबूत हुआ।थरूर ने कहा कि नेहरू ने हमेशा इस विचार को आगे रखा कि देश किसी व्यक्ति से महत्वपूर्ण है और संस्थाओं का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज अगर देश में लोकतंत्र कायम है तो उसमें देश के पहले प्रधानमंत्री का सबसे अहम योगदान है। नेहरू की आलोचना करने वालों को आड़े हाथ लेते हुए थरूर ने कहा कि नेहरू ने देश को आईआईटी, आईआईएम, इसरो, डीआरडीओ और कई अहम संस्थान दिए और देश के विकास की मजबूत बुनियाद डाली। लोगों को आजादी के समय के भारत की स्थिति के बारे में जानना चाहिए, उसके बाद उन्हें पता चलेगा कि नेहरू ने भारत को किस तरह से विकास के पथ पर आगे बढ़ाया।

 

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल विमान सौदे की सुनवाई चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में शुरू कर दी है। बता दें कि केंद्र सरकार ने वायु सेना के लिए 36 राफेल लडाकू विमान सौदे की कीमत का ब्योरा सील बंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को सौंपा है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल एवं न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ इस मामले में अहम सुनवाई कर रहे हैं।

 

-प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राफेल की कीमत का खुलासा करते समय सरकार ने संसद में कोई गोपनीयता का मुद्दा नहीं उठाया। यह सिर्फ कहने के लिए एक फर्जी तर्क है कि वे मूल्य निर्धारण का खुलासा नहीं कर सकते। नए सौदे में राफले जेट्स को पहले सौदे की तुलना में 40% अधिक कीमत पर खरीदा गया है। 

-पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी की तरफ से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में दलील रख रहे हैं। अरुण शौरी भी राफले सौदा मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक हैं। प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सौदे में फ्रांस सरकार की तरफ से कोई सॉवरेन गारंटी नहीं दी गई थी।

-आप नेता संजय सिंह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 36 राफले विमान सौदे का मूल्य दो बार संसद में सामने आया था। इसलिए सरकार का ये कहना कि मूल्यों को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता ये स्वीकार करने योग्य नहीं है। 

-याचिकाकर्ता के वकील एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, अदालत में सरकार द्वारा दायर की गई रिपोर्ट से पता चलता है कि मई 2015 के बाद निर्णय लेने के दौरान गंभीर धोखाधड़ी की गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि इस मामले की सुनवाई पांच न्यायाधीशों की बेंच से कराने की मांग की है। 

  • पत्रकार प्रिया रमानी पर अकबर द्वारा लगाए गए मानहानि के मामले में सोमवार को हुई सुनवाई
  • सुनवाई के दौरान महिला संपादक ने अकबर को बेहतरीन शिक्षक बताया

नई दिल्ली.  एक महिला संपादक ने पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर का समर्थन करते हुए उन्हें जेंटलमैन बताया। द संडे गार्डियन की संपादक जोयिता बसु ने अकबर के साथ लगभग 15 सालों तक काम किया। सोमवार को दिल्ली की एक अदालत में अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी पर लगाए गए मानहानि केस में सुनवाई हुई। इस दौरान बसु ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। इस मामले में अगली सुनवाई 7 दिसंबर को होगी।


बसु उन 6 लोगों में से एक हैं, जिन्हें प्रिया रमानी मानहानि मामले में अकबर की ओर से गवाह बनाया गया है। उन्होंने एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल को बताया कि रमानी के आरोपों वाले ट्वीट्स से अकबर की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचा है। इन्हें जानबूझ कर अकबर की छवि को नुकसान पहुंचाने और समाज में अपनी साख बनाने के उद्देश्य से किया गया था।


मेरे साथ अकबर का बर्ताव कभी गलत नहीं रहा: बसु
बसु ने कोर्ट में बताया, "मैंने 15 सालों तक उनके साथ काम किया। इस दौरान मेरे साथ उनका बर्ताव कभी गलत नहीं रहा। वे सही मायने में पेशेवर व्यक्ति थे और पूरे दफ्तर में कठिन से कठिन काम करने वाले लोगों में से थे। अकबर के लिए मेरे मन में हमेशा सम्मान रहा है।''


अकबर पर 17 महिलाओं ने लगाए उत्पीड़न के आरोप
अकबर पर प्रिया समेत 17 महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। आरोपों की शुरुआत 8 अक्टूबर को प्रिया रमानी के एक ट्वीट के बाद हुई थी। 17 अक्टूबर को अकबर ने विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

  • 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी
  • 10 से 50 साल की महिलाओं के सबरीमाला में प्रवेश पर थी राेक, कोर्ट के फैसले हो रहे प्रदर्शन

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए अपने फैसले पर आज विचार कर सकता है। इस संबंध में अदालत में 48 रिव्यू पिटीशन दायर की गई हैं। इस मामले में 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने 4-1 से फैसला दिया था। इसमें सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। 

 पांच जजों की बेंच के फैसले पर पुनर्विचार के मांग वाली सभी याचिकाएं चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की बेंच के सामने रखी जाएंगी। इन याचिकाओं के अलावा, इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली तीन अलग-अलग याचिकाएं चीफ जस्टिस गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच के सामने खुली अदालत में सुनवाई के लिए रखी जाएंगी। शीर्ष अदालत ने 9 अक्टूबर को एक संगठन की पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया था। 

 

फैसले के पक्ष और विपक्ष में हो रहे प्रदर्शन
सबरीमाला मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केरल में विरोध-प्रदर्शन हुए। कई संगठन कोर्ट के फैसले के खिलाफ तो कई इसके पक्ष में प्रदर्शन कर रहे हैं। 

 

17 नवंबर से 2 महीने के लिए खुलेंगे द्वार
सबरीमाला स्थित भगवान अयप्पा का मंदिर 17 नवंबर को दो महीना के लिए खुलेगा। केरल सरकार इस सप्ताह शुरू हो रहे तीर्थयात्रा से पहले सबरीमाला मंदिर से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक कर सकती है।

  • एस्कोर्ट्स मुजेसर से बल्लभगढ़ तक हाई स्पीड में मेट्रो का किया अंतिम ट्रॉयल

फरीदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर काे दोपहर 1.11 बजे गुड़गांव के सुल्तानपुर से रिमोट के जरिए बल्लभगढ़ मेट्राे सेवा का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम का यहां लाइव प्रसारण किया जाएगा। तैयारियों को लेकर सोमवार को बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा, हुडा के मुख्य प्रशासक जी. गणेशन, डीसी अतुल कुमार, नगर निगम के चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर समेत अन्य अधिकारियों ने मेट्रो स्टेशन का  दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया।  

 सोमवार को एस्कोर्ट्स मुजेसर से बल्लभगढ़ तक हाई स्पीड में मेट्रो का अंतिम ट्रॉयल किया गया। ट्रॉयल पूरी तरह से सफल रहा। करीब 95 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 4 से 5 बार ट्रॉयल किया गया। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण बल्लभगढ़ में भी किया जाएगा।

 कार्यक्रम स्थल पर प्रोजेक्टर के जरिए प्रसारण होगा। लाइव प्रसारण दोपहर 12.30 बजे से शुरू कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री 12.30 बजे मंच पर पहुंच जाएंगे। करीब एक घंटे 1.30 बजे तक प्रधानमंत्री मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर मग्गू सिंह, विधायक मूलचंद शर्मा शिरकत करेंगे। 

 12 से 15 हजार यात्री करेंगे सफर : रेलवे सूत्रों के मुताबिक बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन से ट्रेन के जरिए रोज करीब 13 हजार दैनिक यात्रियों का दिल्ली आना-जाना है। जबकि रोडवेज बसों से करीब 10 से 12 हजार यात्री आते जाते हैं। मेट्रो सेवा शुरू होने से रेलवे और रोडवेज बसों के करीब 8 से 10 हजार यात्री मेट्रो की ओर मुड़ेंगे।

मेट्रो अधिकारियों का अनुमान है कि बल्लभगढ़ से रोज 12 से 15 हजार यात्री मेट्रो से सफर करेंगे। इनमें निजी साधनों से दिल्ली जाने वाले लोग भी शामिल होंगे। इस मेट्रो का फायदा बल्लभगढ़ ब्लॉक से जुड़े 67 ग्राम पंचायतों के यात्रियों को भी होगा। 

 छह से सात मिनट की रहेगी फ्रीक्वेंसी : मेट्रो सूत्रों का कहना है कि बल्लभगढ़ मेट्रो रेल की फ्रीक्वेंसी छह से आठ मिनट के बीच होगी। अभी वाईएमसीए से चलने वाली मेट्रो रेल की फ्रीक्वेंसी पीक आवर्स (सुबह 8 से 11 बजे, शाम 5 से 8 बजे) में 6 मिनट 40 सेकेंड और नॉन पीक आवर्स में 7 मिनट 30 सेकेंड की होती है।बल्लभगढ़ मेट्रो स्टेशन पहला एेसा स्टेशन होगा जिसके 300 मीटर के दायरे में लोगों को रोडवेज, रेलवे और मेट्रो परिवहन की सुविधा मिलेगी।

 
  • सूत्रों के मुताबिक पिछले शुक्रवार को दिल्ली में बैठक हुई
  • एमएसएमई को कर्ज के मुद्दे पर सहमति के संकेत, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के मुद्दे पर स्थिति साफ नहीं
  • आरबीआई और सरकार के बीच कैपिटल फ्रेमवर्क, केंद्रीय बैंक की स्वायतत्ता को लेकर विवाद
     

नई दिल्ली. आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल पिछले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिले। सूत्रों से हवाले से सोमवार को यह जानकारी सामने आई। बताया जा रहा है कि मोदी और उर्जित पटेल की मीटिंग में सरकार और रिजर्व बैंक के बीच चल रहे विवाद सुलझाने पर चर्चा हुई। 

 

सूत्रों के मुताबिक ऐसे संकेत मिले हैं कि आरबीआई लघु और मध्यम उद्योगों को कर्ज देने के लिए विशेष इंतजाम कर सकता है। नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए लिक्विडिटी बढ़ाने और आरबीआई के सरप्लस में से सरकार को रकम जारी करने के मुद्दे पर स्थिति साफ नहीं हो पाई।

आरबीआई का सरप्लस हो सकता है विवाद की वजह

  1.  

    पिछले हफ्ते कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि केंद्र सरकार ने आरबीआई के सरप्लस में से 3.6 लाख करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन, आरबीआई ने इसे नहीं माना। उसका कहना था कि इससे माइक्रो इकोनॉमी को खतरा हो सकता है।

     

  2.  

    आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने जवाब देते हुए कहा था कि सरकार को फंड की कोई जरूरत नहीं है। आरबीआई को 3.6 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर करने का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है।

     

  3.  

    पिछले दिनों सरकार ने आरबीआई की धारा 7 का इस्तेमाल करते हुए रिजर्व बैंक को तीन पत्र भेजे थे। इसके बाद सरकार और आरबीआई के बीच विवाद बढ़ गया। यह खबर भी आई कि सरकार धारा 7 लागू करती है तो उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं।

     

  4.  

    अक्टूबर में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा था कि सरकार को केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता बढ़ानी चाहिए। जो सरकार इसका ध्यान नहीं रखती उसे नुकसान उठाना पड़ता है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि मौजूदा विधानसभा चुनाव साधारण चुनाव नहीं हैं बल्कि देश के लिए "बहुत महत्वपूर्ण" हैं क्योंकि इनमें पार्टी की जीत से नरेंद्र मोदी सरकार की 2019 में सत्ता में वापसी के लिए मजबूत नींव तैयार होगी और पार्टी लंबे समय के लिए "अजेय" हो जाएगी। शाह ने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं को वीडियो के जरिए संबोधित करते हुए कहा कि भारत को महान और विश्वगुरु बनाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए भाजपा का पंचायत से लेकर संसद तक लंबा और निर्बाध शासन होना चाहिए जैसा कांग्रेस को 30 साल से ज्यादा समय तक मिला था।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बहुत कुछ किया लेकिन दशकों के लंबे कांग्रेस शासनकाल के बाद ‘‘कुव्यवस्था’’ से देश को बाहर निकालने के लिए तथा इसे आर्थिक और सैन्य महाशक्ति बनाने के लिए पांच साल पर्याप्त नहीं हैं। विधानसभा चुनाव पांच राज्यों में हो रहे हैं और इनमें से तीन राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भाजपा सत्ता में है तथा उसका काफी कुछ दांव पर है। भाजपा 2003 से ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता में है। उसके प्रतिद्वंद्वियों का मानना ​​है कि तीन राज्यों में उसके प्रदर्शन में ज्यादा गिरावट आने से अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष को नयी ऊर्जा मिल जाएगी।
 
तेलंगाना और मिजोरम दो अन्य चुनावी राज्य हैं। शाह ने मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सिर्फ जीत के लिए काम नहीं करें बल्कि ऐसी भारी जीत के लिए काम करें जिससे मतों की गिनती के दिन भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों का जोश ठंडा हो जाए। उन्होंने कहा कि 2018 के चुनावों को सामान्य चुनाव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। ये देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण चुनाव हैं क्योंकि इसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा केंद्र में दो बार सत्ता में रही है- पहले अटल बिहारी वाजपेयी के तहत और अब मोदी के तहत। मौजूदा सरकार को पुननिर्वाचित करने से देश तेजी से आगे बढ़ेगा। 
 
शाह ने कहा कि 2019 के चुनावों में जीत से भाजपा लंबे समय तक पंचायत से लेकर संसद तक अजेय हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें पक्का भरोसा है कि अजेय भाजपा से खुशहाल, सुरक्षित और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। 2014 में केंद्र में सत्ता में आने के बाद पार्टी को कई चुनावों में मिली जीत का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि यह मोदी के नेतृत्व और पार्टी कार्यकर्ताओं की कठोर मेहनत का नतीजा है।
 
उन्होंने कांग्रेस पर घुसपैठियों और नक्सलियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया तथा कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को इन मुद्दों पर अपनी पार्टी का रूख स्पष्ट करना चाहिए। शाह ने कहा कि यदि 2019 में भाजपा सत्ता में आयी तो उसकी सरकार घुसपैठियों की पहचान और निष्कासन के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया है कि राज्य को कैसे चलाया जाना चाहिए। शाह ने कहा कि चौहान ने "बीमारू" मध्य प्रदेश को एक विकसित राज्य में बदल दिया और उनकी सरकार का मकसद अपने अगले कार्यकाल में इसे देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक बनाना है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह भाजपा के विकास एजेंडे से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से राज्य सरकार के कार्यों, मोदी के संदेश और पार्टी की विचारधारा को हर घर तक पहुंचाने को कहा।
 
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