ईश्वर दुबे
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मध्यप्रदेश के 64वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक नवम्बर को प्रदेश के 11 शहरों में विशेष 'सिटी वॉक फेस्टिवल'' का आयोजन किया जाएगा। ये शहर हैं भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, पन्ना, विदिशा, खजुराहो, चंदेरी, जबलपुर, बुरहानपुर और ओरछा। भोपाल में हेरिटेज सिटी वॉक सुबह 7 बजे कमला पार्क से शुरू होकर गौहर महल, इकबाल मैदान होते हुए सदर मंजिल पर समाप्त होगी। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा पैनल एजेन्सी सिटी एक्सप्लोरर, नई दिल्ली एवं जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद के सहयोग से वॉक आयोजित की जा रही है।
सचिव पर्यटन श्री फैज़ अहमद किदवई ने बताया है कि मध्यप्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये सिटी वॉक फेस्टिवल मनाया जा रहा है। इसके माध्यम से पर्यटक राज्य की विरासत, इतिहास, संस्कृति और परम्पराओं के बारे में जान सकेंगे। सचिव पर्यटन ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि सिटी वॉक फेस्टिवल में अवश्य शामिल हों।
प्रदेश में 12 अक्टूबर से आयोजित 'सिटी वॉक फेस्टिवल'' के तहत प्रदेश के 11 शहरों में एक साथ प्रत्येक सप्ताहांत सिटी वॉक का आयोजन किया जा रहा है। अभी तक 50 से अधिक वॉक आयोजित की जा चुकी हैं, जिसमें लगभग 1000 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले चुके हैं। सबसे दिलचस्प अनुभवों में इंदौर में खान-पान पर वॉक, भोपाल में फोटो वॉक एवं म्यूजियम टूर, जबलपुर में फूड वॉक और बोट राइड, पन्ना में हीरों की खोज पर वॉक, उज्जैन में आध्यात्मिक सैर, विदिशा में प्रकृति वॉक एवं अन्य कई प्रकार की वॉक शामिल हैं।
सभी आयु वर्ग के प्रतिनिधियों ने पर्यटन के इस आयोजन की सराहना की है। सभी ने अनुभव किया कि वास्तव में अपने शहर के बारे में जानने का यह शानदार तरीका है। इन्हीं शहरों के निवासी, जो कई वर्षों से शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में रह रहे हैं और कई जो अपने पूरे जीवन-काल से यहीं रह रहे हैं, उन्होंने भी कहा कि वे शहर की इमारतों एवं परम्पराओं के महत्व से पूरी तरह अंजान थे। वे हेरिटेज वॉक के कारण अपने शहर को जान सके हैं।
संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने अखिल भारतीय कालिदास समारोह के कार्यक्रमों में आमजन की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। आज स्वराज भवन में हुई कालिदास समारोह की केन्द्रीय समिति की बैठक में डॉ. साधौ ने कहा कि समारोह के दौरान कवि सम्मेलन, व्याख्यान और विभिन्न प्रतियोगिताओं के सुरुचिपूर्ण होने का लाभ आमजन को मिलना चाहिये। बैठक में बताया गया कि समारोह के स्वरूप का निर्धारण कर लिया गया है। परम्परानुसार संस्कृत के सुप्रसिद्ध विद्वान प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी और श्री बसंत भट्ट समारोह में पहले दिन
के कार्यक्रमों में सारस्वत अतिथि होंगे। बैठक में लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा भी
उपस्थित थे।
इस वर्ष अखिल भारतीय कालिदास समारोह उज्जैन में 8 से 14 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा। संस्कृति विभाग द्वारा इस सात दिवसीय समारोह में विक्रमविश्वविद्यालय और कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय संगोष्ठी, शोध संगोष्ठी, संस्कृत कवि सम्मेलन, व्याख्यान और विद्यार्थियों के लिये संस्कृत तथा हिन्दी में वाद-विवाद तथा काव्यपाठ प्रतियोगिताएँ होंगी। प्रथम दिवस महाकवि कालीदास के साहित्य पर आधारित संस्कृत नाटक का मंचन किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख सचिव संस्कृति श्री पंकज राग, सचिव कालिदास समिति डॉ. शीतांशु रथ, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा, महर्षि पाणनी संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति डॉ. तुलसीदास परौहा, प्रो. कृष्णकांत चतुर्वेदी जबलपुर और डॉ. योगेश शर्मा उज्जैन और विधायक श्री मोहन यादव, कमिश्नर उज्जैन श्री अजीत कुमार, कलेक्टर उज्जैन श्री शशांक मिश्रा,भी उपस्थित थे। बैठक में समिति के सदस्यों द्वारा विभिन्न सुझाव भी दिये गये।
भोपाल. इंदौर स्टेट हाईवे (Indore State Highway) स्थित फंदा टोल (Toll) पर बुधवार रात को कुछ युवकों ने जमकर तोड़फोड़ की और टोलकर्मियों के साथ मारपीट भी की. ये सभी लोग बुधवार को दोपहर में भी बूथ पर टोल नहीं चुकाने की बात को लेकर बहस कर चुके थे और फिर रात को अचानक इन सभी ने टोल नाके पर हमला बोल दिया. सभी अपने आप को शिवसेना (Shiv Sena) कार्यकर्ता बता रहे थे. टोलकर्मियों ने बताया कि तीन कारों में सवार होकर करीब 15 से 20 लोगों ने तोड़फोड़ और मारपीट की. इस दौरान 4 टोलकर्मी घायल हो गए. इनमें से एक कर्मचारी को ज्यादा चोट आने के चलते अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. वारदात के दौरान टोल पर भगदड़ का माहौल हो गया. बाद में सभी अपनी कारों में बैठकर फरार हो गए.
बिना रुपये दिए निकलना चाहते थे
जानकारी के अनुसार ये सभी युवक दिन में भी टोल पर पहुंचे थे. इस दौरान इन्होंने खुद को शिवसेना का कार्यकर्ता बताया था और टोल न देने की बात की थी. इस पर टोल प्रबंधक से इन्होंने कफी कहासुनी की थी लेकिन बाद में सभी टोल चुका कर वहां से चले गए थे. लेकिन देर रात ये फिर लौटे और इस बार इन्होंने लाठी, सरियों और डंडों से टोल पर हमला कर दिया. टोलकर्मियों ने जब इन्हें रोकने का प्रयास किया तो उनसे भी काफी मारपीट की गई. बाद में सभी अपनी गाड़ियों में बैठ कर भोपाल की तरफ रवाना हो गए.
सीसीटीवी में कैद हुई वारदात
इस दौरान टोल पर लगे हुए सीसीटीवी कैमरों में इन सभी की रिकॉर्डिंग हो गई. बाद में टोलकर्मियों ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया. हालांकि अभी तक इन कथित शिवसैनिकों की पहचान नहीं हो सकी है. लेकिन पुलिस सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग के आधार पर इन सभी की पहचान करने की कोशिश कर रही है. साथ ही जिन गाड़ियों से ये आए थे उनके नंबरों के आधार पर भी आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.
भोपाल,भेल कारखाने के दो हजार से अधिक कर्मचारी और अधिकारी 31 अक्टूबर को सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। भेल के निजीकरण को लेकर लेकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उक्त कार्यक्रम भेल के फाउंड्री गेट पर शाम 4 बजे किया जाएगा। इस प्रदर्शन में भेल की सभी यूनियन शामिल होंगी। इंटक अध्यक्ष आरडी त्रिपाठी ने बताया कि केंद्र सरकार सार्वजनिक उपक्रम भेल का निजीकरण किया तो वर्ष 1964 का इतिहास दोहराया जाएगा। उस दौरान भेल कर्मचारी अपने हक के लिए कारखाने में टूल डाउन कर अनिश्चिकालीन हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद केंद्र को देश के अन्य राज्यों में भेल की यूनिट बनाना मजबूरी हो गया और भोपाल यूनिट के कई कर्मचारी नेताओं को जेल हो गई थी।
त्रिपाठी ने कहा कि यह पहला मौका है कि जब संग्राम समिति में सभी कर्मचारी, अधिकारी और सुपरवाईजरों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। गवर्नर हाउस से लेकर सीएम हाउस तक रैली निकाली जाएगी। प्रबंधन को चेतावनी कर्मचारियों की सभी यूनियनों की हुई बैठक में दी। केंद्र ने बिकने वाले सार्वजनिक उपक्रमों की जो सूची जारी की है, उसमें भेल का भी नाम है।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने मध्यप्रदेश की स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सुधार की दिशा में हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री कमल नाथ आज मुख्यमंत्री निवास पर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि प्राथमिक, माध्यमिक और हाईस्कूल शिक्षा उत्कृष्ट हो, यह आज सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अभी शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने की जरूरत है। यह हमारे प्रदेश के बच्चों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है। इससे कोई भी समझौता करना बच्चों के साथ अन्याय करना है।
मुख्यमंत्री ने स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए इस पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर स्कूली शिक्षा और अधूरी पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों को निरंतर रखने के लिए प्रभावी निगरानी व्यवस्था बनाई जाए। इसके लिए जवाबदेही भी तय की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों को शिक्षा की बेहतर ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जाए ताकि वे बच्चों को आज की और भविष्य की जरूरत के मुताबिक शिक्षित कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार कार्य को मिशन के रूप में लिया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश की सम्पूर्ण स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए जो भी कदम उठाया जाना है, उसकी कार्य-योजना बनाकर प्रस्तुत करें।
बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
जनसम्पर्क एवं धार्मिक न्यास तथा धर्मस्व मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने यम द्वितीया पर ग्यारह सौ क्वार्टर्स, कोटरा और जवाहर चौक स्थित चित्रगुप्त मंदिरों में पहुँचकर विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। श्री शर्मा ने कोटरा में पूजा-अर्चना के बाद स्कूली बच्चों को पुस्तकें वितरित कीं। इस दौरान कायस्थ समाज के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और अन्य जन-प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने जब संप्रवर्तक द्वारा श्री विनायक सिटी शिवधाम, परियोजना खिलचीपुर तथा मंगल सिटी, तहसील कन्नौज में रेरा अधिनियम का उल्लंघन करने पर कुल दो लाख रुपये का अर्थदण्ड अधिरोपित किया, तब बिल्डर ने परियोजनाओं के आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किये। साथ ही अर्थदण्ड की राशि भी चेक द्वारा जमा कराई है। रेरा प्राधिकरण में बिल्डर ने दोनों प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी समय पर नहीं दी थी और रेरा में दोनों परियोजनाओं का पंजीयन भी नहीं कराया था। इस कारण रेरा ने दोनों प्रोजेक्ट पर अर्थदण्ड अधिरोपित किया और विक्रय पत्र के पंजीयन पर भी रोक लगा दी थी।
प्रदेश में नागरिकों को उनके निवास के समीप ही बेहतर एवं व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को "मध्यप्रदेश आरोग्यम्" के रूप में विकसित किया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इन स्वास्थ्य केन्द्रों में वर्तमान में प्रदाय की जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाया जाएगा। इसके साथ ही, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज तथा कैंसर जैसी बीमारियों की समय-पूर्व पहचान, नियंत्रण एवं उपचार भी इन संस्थाओं में उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिये इन केन्द्रों पर सभी आवश्यक मानव संसाधनों की उपलब्धता के साथ प्रयोगशाला संबंधी सभी आवश्यक जाँच की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है।
प्रदेश में वर्ष 2019-20 में 26 जिलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और 1015 उप-स्वास्थ्य केन्द्रों को आरोग्यम् के रूप में विकसित करने की कार्य-योजना बनाई जा रही है। आरोग्यम् प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जन-समुदायों को 11 स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इनमें गर्भावस्था में देखभाल एवं प्रसव, नवजात शिशु की देखभाल, बाल्य एवं किशोर स्वास्थ्य तथा परिवार नियोजन सेवाएँ, संक्रामक रोगों का इलाज एवं सामान्य बीमारियों के लिये ओ.पी.डी. सेवाएँ, गंभीर रोगों की स्क्रीनिंग और रोकथाम, आँख तथा कान से संबंधित सेवाएँ, बेसिक ओरल हेल्थ केयर, वृद्धावस्था में देखभाल, आपातकालीन मेडिकल सेवाएँ और मानसिक स्वास्थ्य के संदर्भ में जाँच एवं मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएँ प्रमुख हैं। मध्यप्रदेश आरोग्यम् केन्द्रों में योग संबंधी गतिविधियाँ भी नियमित रूप से संचालित की जाएंगी।
जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने आज यहाँ शिवाजी नगर, प्रेमपुरा, शीतलदास की बगिया और रानी कमलापति घाट पर छठ पूजा के लिये सुरक्षा सहित अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। श्री शर्मा ने घाटों पर साफ-सफाई, रौशनी और सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि घाटों पर पूजा के समय गोताखोर तैनात रहें और तालाब मेँ नाव से किसी को भी नहीँ जाने दें।
स्थानीय जन-प्रतिनिधियों सहित भोजपुरी समाज के प्रतिनिधि, जिला पुलिस और नगर निगम के अधिकारी जनसम्पर्क मंत्री के साथ थे।
गोवर्द्धन पूजा
मंत्री श्री पी. सी. शर्मा आज दीपावली की प्रथमा पर माता मन्दिर पहुँचे और गोवर्द्धन पूजा की।
श्री कृष्ण गोवर्द्धन मन्दिर समिति पाल समाज द्वारा गोवर्द्धन पूजा का आयोजन किया गयाl
व्यापारियों को शुभकामनाएँ
मंत्री श्री शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह आज न्यू मार्केट पहुँचे और व्यापारियों को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दीं। स्थानीय जन-प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक साथ रहे।
तीर्थ-दर्शन ट्रेन मेँ वृद्धजनों के लिये रहेगा अलग कोच
आनंद धाम वृद्धाश्रम मेँ बुज़ुर्गों के बीच दीपावली मनाने पहुँचे जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने घोषणा की कि तीर्थ-दर्शन ट्रेन मेँ वृद्धाश्रम के बुज़ुर्गों के लिये अलग कोच रहेगा। उन्होने कहा कि इसके लिये आवश्यक निर्देश ज़ारी कर दिये गये हैं। भोपाल से रवाना होने वाली अगली तीर्थ-दर्शन यात्रा की ट्रेन से यह व्यवस्था लागू होगी।
मंत्री श्री शर्मा ने आनंद धाम वृद्धाश्रम मेँ अगले सप्ताह कैम्प लगाकर वृद्धजनों के पेंशन प्रकरण निराकृत करने के निर्देश दिये। उन्होंने वृद्धजनों को शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया, आश्रम में दिये जलाए और फटाके चलाकर दीपावली मनाई। श्री शर्मा ने ऋषि नगर झुग्गी बस्ती मेँ बच्चों को पटाखे और मिठाई वितरित की और उनके साथ भी दीपावली मनाई। पार्षद श्री योगेन्द्र सिंह चौहान साथ थे।
भीमनगर राशन दुकान का निरीक्षण
जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने आज भीमनगर राशन दुकान का निरीक्षण किया। उन्होंने सेल्समेन से कहा कि राशन नहीँ मिलने जैसी शिकायत नहीँ आनी चाहिए। सभी कार्डधारक को महीने का निर्धारित राशन समय पर वितरित करना सुनिश्चित करें। मंत्री श्री शर्मा ने स्पष्ट किया कि बी.पी.एल. कार्ड धारक को राशन समय पर उपलब्ध हो। तकनीकी कारण से थम्ब इम्प्रेशन नहीँ मिलने पर कार्ड धारक की पहचान सत्यापित कर उसे राशन दें।
ग्वालियर. दीपावली (Diwali 2019) से पहले लोग घर की साफ-सफाई करते हैं. लेकिन त्योहार के उमंग में अपने शहर की गंदगी को भूल जाते हैं. यही वजह है कि त्योहार (Festival) के दूसरे दिन शहर की सड़कों पर गंदगी का अंबार दिख ही जाता है. ग्वालियर के भाजपा (BJP) सांसद विवेक नारायण शेजवलकर (Vivek Narayan Shejwalkar) को इससे बड़ी तकलीफ होती है. इसलिए दिवाली के दूसरे दिन सोमवार की सुबह शेजवलकर झाड़ू लेकर निकल पड़े और कई इलाकों की सफाई कर डाली. सांसद को झाड़ू लगाता देख कई स्थानीय लोग भी बाद में साथ आ गए.
गौरतलब यह है कि शेजवलकर 10 साल तक ग्वालियर के मेयर (Mayor of Gwalior) भी रहे हैं. मेयर रहते हुए ही उन्होंने दिवाली के दूसरे दिन सफाई की परंपरा शुरू की थी. वे मेयर से सांसद हो गए, लेकिन त्योहार के बाद शहर में गंदगी फैलने की 'आदत' नहीं बदल सकी. लिहाजा इस साल भी शेजवलकर को झाड़ू उठानी पड़ी.
सुबह 7 बजे ही टीम के साथ पहुंचे महाराज बाड़ा
ग्वालियर के सांसद विवेक शेजवलकर सोमवार की सुबह करीब 7 बजे ही अपनी टीम के साथ शहर के बाजारों की सफाई करने निकल पड़े. भाजपा सांसद सबसे पहले महाराज बाड़ा पहुंचे और पूरे इलाके की सफाई की. महाराज बाड़ा के बाद सर्राफा बाजार इलाके में भी सांसद और उनकी टीम ने झाड़ू लगाई. शेजवलकर ने अपनी टीम के साथ करीब 4 घंटे तक विभिन्न बाजारों की सफाई की. महाराजा बाड़ा, सर्राफा बाजार और दौलतगंज बाजार में सांसद और उनकी टीम के साथ-साथ कई स्थानीय लोगों ने भी साफ-सफाई की.
सफाई की परंपरा को निभाया
विवेक शेजवलकर करीब 10 साल तक ग्वालियर के महापौर रहे हैं. इस पद पर रहते हुए ही उन्होंने दीपावली के दूसरे दिन सुबह होते ही बाजारों की सफाई करने की परंपरा शुरू की थी. अब सांसद बनने के बाद भी उन्होंने इस सिलसिले को बरकरार रखा. यह अलग बात है कि इस साल उन्होंने अपने सफाई अभियान को प्रदूषण-मुक्ति का नाम दिया. ग्वालियर के विभिन्न बाजारों की सफाई के बाद न्यूज 18 के साथ बातचीत में सांसद विवेक शेजवलकर ने कहा कि दीपावली पर प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. सिर्फ कानून सख्त होने से ही प्रदूषण नहीं रुकेगा. इसके लिए जनता को भी जागरूक करना पड़ेगा.
जबलपुर. मल्टीप्लेक्स (Multiplex) के जमाने में अगर कोई शहर वापस 70 एमएम सिंगल पर्दे (70 mm Cinema Screen) के दौर में लौट आए तो इसे इत्तेफाक न समझें. मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर (Jabalpur) में कुछ ऐसा ही होने जा रहा है. जिस शहर में किसी जमाने में 2 दर्जन से भी ज्यादा सिनेमाघर (Cinema Hall) हुआ करते थे, वहां आज किसी का भी नामो निशान नहीं बचा है. शहर का आखिरी सिनेमा-हॉल ज्योति मार्च 2017 के बाद बंद कर दिया गया. लेकिन जबलपुर में एक बार फिर सिनेमा-हॉल का वह पुराना दौर आने वाला है. 70 साल पहले 1950 में खुला शारदा टॉकीज (Sharda Talkies), जो बंद हो गया था, एक बार फिर शुरू किया गया है. यहां 70 एमएम सिंगल पर्दे पर अब आप नई फिल्में देख सकेंगे.
नए नवेले अंदाज में शुरू हुई टॉकीज
70 एमएम सिंगल पर्दे का दौर, कभी शहरों में मनोरंजन का एकमात्र जरिया हुआ करता था. फिल्म के एक-एक सीन पर दर्शकों का सीटी बजाना, या इमोशनल सीन पर भावुक हो जाना, ये तमाम बातें आज के दौर में सिर्फ यादें बनकर रह गई हैं. जबलपुर में यादों के उसी सुनहरे दौर में लोगों को फिर से ले जाने के लिए सिंगल-स्क्रीन सिनेमा-हॉल की शुरुआत की गई है. जबलपुर में बनी 70 साल पुरानी शारदा टॉकीज अब नए नवेले रूप में फिर तैयार है दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए. हॉल के संचालकों ने बताया कि यहां दर्शकों को बॉलीवुड की तमाम फिल्में देखने को मिलेंगी. कई सालों से जर्जर हो चुकी टॉकीज को अब नया स्वरूप और परिवेश दिया गया है. संचालकों ने कहा कि कहने को यहां सिंगल पर्दा ही है, लेकिन दर्शकों के लिए आधुनिक सुविधाएं भी हैं.
शो की टाइमिंग भी रहेगी पुरानी
शारदा टॉकीज के दोबारा शुरू होने की खबर से जबलपुर के सिने-प्रेमियों में उत्साह का माहौल है. सिनेमा-हॉल में भीड़ जुटने लगी है. कई लोग तो बच्चों को टॉकीज दिखाने ला रहे हैं और पुरानी यादें ताजा कर रहे हैं. शारदा टॉकीज़ के बाहर फिल्म के शो की टाइमिंग की सूचना देने को एक कर्मचारी भी तैनात किया गया है. संचालकों ने बताया कि हॉल में पुराने ढर्रे पर यानी 12 से 3, 3 से 6, 6 से 9 और 9 से 12 के शो चलेंगे. शारदा टॉकीज के संचालक ने कहा कि मल्टीप्लेक्स में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए फिल्म देखना आसान नहीं होता. इसलिए उनका मकसद है कि इस हॉल में सभी वर्गों के लोग फिल्में देखें. उन्होंने बताया कि हॉल में टिकट दरें भी सस्ती होंगी.
इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर में तड़के सुबह एक दर्दनाक हादसा हुआ, इस हादसे में छह लोगों की मौत हो गई जबकि पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। दरअसल, शहर के तेजाजी नगर में एक तेज रफ्तार कार सामने से आ रही दूसरी कार से टकरा गई, जिससे दोनों कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस हादसे में छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, पांच लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भोपाल: मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh) के सरकारी कर्मचारियों का केंद्रीय कर्मचारियों के समान 5 फीसदी महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) बढ़ाने का फैसला फिलहाल टल गया है. इस संबंध में अगले महीने फैसला हो सकता है. बताया जा रहा है कि सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) की वित्त विभाग (Finance Department) के अधिकारियों के साथ बैठक हुई.
जानकारी के मुताबिक, बैठक में वित्त विभाग की ओर से प्रदेश की खराब आर्थिक हालत की जानकारी दी गयी, जिसके बाद अब अगले महीने महंगाई भत्ता बढ़ाने पर फैसला हो सकता है.
कर्मचारी संगठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान बढ़ा हुआ डीए देने की मांग लगातार सरकार से कर रहा है. दिवाली के पहले डीए देने की मांग कर्मचारी संगठनों ने की थी लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है. बैठक में कहा गया कि राज्य सरकार यदि कर्मचारियो को 5 फीसदी डीए देती है तो हर महीने सरकार को 227 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खर्च पड़ेगा.
यह राशि सालभर में 2750 करोड़ रुपये होगी और सरकार की माली हालत खस्ता होने के कारण अब डीए मिलना खटाई में पड़ गया है. हालांकि, अखिल भारतीय सेवा के IAS, IPS, IFS अधिकारियों को केंद्र के समान बढ़ा हुआ 5 प्रतिशत डीए देने के आदेश हो गए है. बैठक में 1 जुलाई 2019 से 12 प्रतिशत के स्थान पर 17 प्रतिशत डीए देने के आदेश हो गए है.
राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों, पेशनरों तथा दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का व्यापक हित देखते हुए वेतन, पेंशन तथा पारिश्रमिक का भुगतान दीपावली पूर्व करने का निर्णय लिया गया था। वित्त विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार दो दिवस पूर्व लिए गए इस निर्णय के परिपालन में लगभग 2 लाख 90 हजार कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया जा चुका है। एक लाख 30 हजार कर्मचारियों को भुगतान की प्रक्रिया जारी है। कुल 60 हजार में से लगभग 32 हजार नेमेत्तिक कर्मचारियों को भी भुगतान हो चुका है। शेष प्रक्रियारत हैं। पेंशनरों का भुगतान बैंकों द्वारा उनके खाते में किया जा रहा है।
वेतन भुगतान के लिए सीमित अवधि में अधिक कार्य से संचालनालय कोष एवं लेखा के सेन्ट्रल सरवर की गति अपेक्षाकृत धीमी रहने के बावजूद भी लगभग 80 प्रतिशत से अधिक का वेतन भुगतान किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि वेतन आहरण प्रक्रिया के लिए सामान्यत: पाँच कार्य दिवस का समय नियत है। संबंधित कार्यालयों द्वारा वेतन देयक जनरेट कर कोषालयों को प्रेषित किये जाते हैं। कोषालय द्वारा परीक्षण उपरांत वेतन का ऑनलाईन भुगतान कर्मचारियों के बैंक खाते में किया जाता है। संचालनालय कोष एवं लेखा द्वारा इस कार्य की लगातार मॉनीटरिंग के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।