ईश्वर दुबे
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भोपाल, लखनऊ में हिन्दू महासभा के अध्यक्ष कमलेश तिवारी के नृशंस के बाद यूपी से लेकर एमपी तक जमकर सियासत हो रही है। नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है।वही कांग्रेस द्वारा कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की जमकर घेराबंदी की जा रही है। अब कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को लेकर सवाल उठाए है और एक के बाद एक कई ट्वीट किए है।
एक वीडियो का लिंक शेयर करते हुए दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा है कि जिस व्यक्ति का नाम कमलेश तिवारी की मॉं ले रही है उसे उप्र की पुलिस गिरफ़्तार क्यों नहीं कर रही है? और क्या प्रमाण चाहिये?शिव कुमार गुप्ता जिस का नाम कमलेश की माता जी ले रही हैं क्या वह भाजपा का नेता है? भाजपा स्पष्ट करे।
दिग्विजय ने अगले ट्वीट में लिखा है कि पहले कमलेश की सुरक्षा हटाई फिर उसकी हत्या उसी के घर में और उस समय घर में एक उप्र पुलिस का सुरक्षा कर्मी मौजूद और हत्यारे हत्या कर निकल गये? यह सुनोयोजित हत्या है या नहीं? योगी जी क्या आप गुरू गोरखनाथ जी की गादी पर रहते हुए एक ब्राह्मण की हत्या होती देखते हुए भी आप चुप रहेंगे? भाजपा के हत्यारे को गिरफ़्तार नहीं करेंगे? मुझे आप से यह उम्मीद नहीं थी।
बता दे कि शुक्रवार को लखनऊ में दो बदमाशों ने हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या कर दी थी। घटना के बाद गुस्साए समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया था।वही उनके बेटे ने शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जांच की मांग की थी।पुलिस को जांच में आज रविवार को पता चला है कि हत्यारों ने अशफाक और मोइनुद्दीन के नाम से होटल में कमरा बुक किया था। पुलिस ने बताया कि दोनों अपने असली नाम से वहां ठहरे थे। होटल के कमरे से तौलिया मिला है, जिसमें खून के निशान मिले हैं। फॉरेंसिक विभाग से इन कपड़ों में मिले खून के धब्बों का मिलान कमलेश तिवारी के खून के करवाया जाएगा।इधर कमलेश की मां आज सीएम योगी से मुलाकात करने पहुंची है। इसके अलावा कमरे से भगवा रंग के कपड़े भी मिले हैं।मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस की 10 टीमें काम कर रही हैं। लखनऊ के एसपी क्राइम गुजरात में भेजी गई टीम को लीड कर रहे हैं।
इंदौर. हनी ट्रैप की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी का प्रमुख बार-बार बदलने को लेकर मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सरकार को फटकार लगाई है। सोमवार को जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा हनी ट्रैप मामले की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी पेश नहीं की गई इस पर भी कोर्ट नाराज हुई। मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी।
हनी ट्रैप की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी का प्रमुख बार-बार बदलने और सीबीआई को केस सौंपने की मांगों को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई हुई। एसआईटी प्रमुख बदलने के क्या कारण रहे इसका जवाब राज्य सरकार कोर्ट में पेश नहीं कर सकी। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए अगली सुनवाई तक एसआईटी प्रमुख को बदलने का कारण और मामले की जांच प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
सबूतों को जांच के लिए हैदराबाद भेजा जाए
मामले की जांच में एसआईटी ने आरोपी महिलाओं से सीडी, मोबाइल, पेन ड्राइव सहित काफी सामान जब्त किया था। इनकी जांच पुलिस ने अपनी ही लैब में करवाई है। इसे कोर्ट ने अनुचित मानते हुए जब्त किए गए सभी इलेक्ट्रॉनिक सबूतों को हैदराबाद स्थित लैब में जांच के लिए भेजने के निर्देश दिए।
एसआईटी में होेता रहा बदलाव
सरकार ने सबसे पहले एसआईटी बनाई तो उसका प्रमुख आईपीएस डी. श्रीनिवास वर्मा को बनाया था, लेकिन उन्होंने खुद ही इस पद को छोड़ दिया था। इसके बाद डीजीपी ने सीनियर आईपीएस संजीव शमी को माॅनिटरिंग के लिए नियुक्त किया था। उनके हटने पर प्रदेश के प्रमुख सीनियर आईपीएस में शुमार राजेंद्र कुमार को जवाबदारी सौंपी गई।
इंदौर. विजयनगर स्थित गोल्डन गेट होटल में सोमवार सुबह आग लग गई। दमकलकर्मी स्थिति पर काबू पाते तब तक पांच मंजिला होटल पूरी तरह जल गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने कड़ी मशक्कत से होटल में फंसे कर्मचारियों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला। तबीयत बिगड़ने पर पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक युवक जान बचाने के लिए छत से कूद रहा था, जिसे समझाकर बचाया गया।
पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आई है। होटल का ज्यादातर हिस्सा लकड़ी से बना था, इस वजह से आग तेजी से फैली। सूचना के बाद दमकल की आठ गाड़ियों मौके पर भेजा गया। करीब एक घंटे बाद होटल के अगले हिस्से में लगी आग पर काबू पाया जा सका। आग से करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान है।
थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि होटल मैनेजर ने यहां 7 से 8 लोगों के ठहरने की बात बताई थी। दमकलकर्मी सीढ़ियों की मदद से कमरों तक पहुंचने और कांच तोड़कर अंदर दाखिल हुए। धुआं ज्यादा होने से रेस्क्यू में परेशानी आ रही थी। इस कारण होटल के भीतर एक सीढ़ी लगाई गई और एक लंबा चादरनुमा कपड़ा फेंका गया। जिसे पकड़कर लोग बाहर निकले।
मध्यप्रदेश के मुख्यसचिव श्री एस.आर. मोहंती की एक नोटशीट बायरल हुई है। जिसको लेकर कई तरह की चर्चाएं की जा रही हैं।
जिसमें मुख्यसचिव एस.आर. मोहंती द्वारा विभागों को लिखा जाना उल्लेखित किया गया हैं कि बचन पत्र के उन बिंदुओं के क्रियान्वयन के लिए कार्यबाही करें जिनमें शासन पर वित्तीय भार नहीं पड़ रहा है। इस संबंध में बचन पत्र के उन बिंदुओं के क्रियान्वयन करने के लिए समय समय पर निर्देश दिए गए हैं। इनकी समीक्षा मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा शीघ्र की जाएगी।
भोपाल । अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन जूनियर चैंबर इंटरनेशनल ने राजधानी भोपाल के ब्लाइंड स्कूल में दिव्यांग बच्चों के साथ दीपावली उत्सव के तहत जॉय ऑफ गिविंग प्रोग्राम का आयोजन किया। जेसीआरटीअध्यक्ष पूनम मंत्री ने ईएमएसटीवी को बताय कि उन्होने इस बार दिपावली उत्सव स्पेशल बच्चों के साथ मनाया है। उन्होने कहा कि इन बच्चों के साथ दीपावली मनाकर उन्हे खुशी महसूस हुई है। जेसीआई अध्यक्ष योगेश भूतड़ा ने बताया कि जेसीआई ने एक साल के लिए इस स्कूल को गोद लिया है। इसके अंतर्गत आज बच्चों को ठंड को देखते हुए गर्म कपड़े वितरत किए गए।
भोपाल । इंदौर से नागपुर जा रही एक निजी बस पलट गई, इससे 4 यात्री घायल हो गए। घायल यात्रियों को जिला अस्पताल लाया गया है। यह हादसा बैतूल-इंदौर नेशनल हाइवे पर जोगली गांव के पास हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सैयद बस सर्विस की बस क्रमांक यूपी-75/एम-4962 इंदौर से बैतूल की ओर आ रही थी। इस बीच जोगली के अंधे मोड़ पर सुबह 5 बजे ड्राइवर ने बस से नियंत्रण खो दिया। इससे बस पलट गई। हादसे में बस में सवार 4 यात्री घायल हो गए। सूचना मिलते ही 108 एम्बुलेंस, 100 डायल और चिचोली पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को चिचोली अस्पताल पहुंचाया। बस में लगभग 50 यात्री सवार थे यात्रियों को अधिक चोटें आने से उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया है। बस में लगभग 50 यात्री सवार थे।
घायल यात्रियों में प्रबुद्ध पिता मिथलेश दुबे 40 इंदौर, बस चालक मोहम्मद सईद पिता अंसारी इंदौर, अर्चना पत्नी मितलेश 60 वर्ष इंदौर, माला पत्नी गगन मिश्रा 55 वर्ष को गंभीर चोट आई है। इन्हें प्राथमिक उपचार के बाद 108 से जिला अस्पताल रेफर किया गया है। 108 एम्बुलेंस के कोमल राठौर और अनिल लिखितकर ने बताया कि अन्य यात्रियों को मामूली चोट आई है जिन्हें उसी कंपनी की अन्य बस में शिफ्ट करा दिया गया है। मालूम हो कि बस दुर्घटना का यहां यह पहला मामला नहीं है, इस हाईवे पर 26 सितंबर को इंदौर से नागपुर जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त होग गई थी। हादसे में बस ड्राइवर की मौत हो गई थी और 15 यात्री घायल हो गए थे। यहां बैतूल-इंदौर नेशनल हाइवे पर अंधी रफतार स दौडने वाले भारी वाहन अक्सर दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं।
भोपाल। प्रदेश की झाबुआ विधानसभा उपचुनाव का चुनावी शोर थम गया है। यहां मतदान 21 अक्टूबर को होने जा रहा है और 24 अक्टूबर को परिणाम आएगा। इस उपचुनाव में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के 15 साल और मौजूदा कमलनाथ सरकार के 10 महीने के कार्यकाल से जोड़कर देखा जा रहा है। दोनों पार्टियां इसी नाम पर वोट भी मांग रही हैं। इधर, शुक्रवार रात कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया के पैतृक गांव मोरडुंडिया में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान रुके। शनिवार दोपहर बाद उनका रानापुर में रोड शो हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी 40 साल का हिसाब दें। हमारे समय की सभी जनहितैषी योजनाओं को प्रदेश की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया है। रानापुर में ही हुई सभा में सीएम कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान झूठ बोलने में माहिर हैं। लोगों को गुमराह करते हैं। आप हमें जिताइए, हम नया अध्याय लिखेंगे। बता दें कि झाबुआ में वचन पत्र बनाम भाजपा का 15 साल का शासन चुनावी मुद्दा बना है। कांग्रेस जहां भाजपा के 15 साल के शासन में आदिवासियों की उपेक्षा को मुद्दा बना रही है, वहीं भाजपा कांग्रेस के दस माह के कामकाज का हिसाब मांगते हुए वचन पत्र को मुद्दा बना रही है। भाजपा आरोप लगा रही है कि कांग्रेस ने जितने भी वादे किए वे सारे अधूरे हैं। चाहे कर्जमाफी की बात हो बेरोजगारों को भत्ता देने की बात हो, सौ फीसदी काम किसी पर नहीं हुआ।
इसी तरह शिवराज शासनकाल की योजनाओं को बंद किए जाने को भी गरीब विरोधी बताकर भाजपा नेता कांग्रेस की घेराबंदी कर रहे हैं। यहां कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया और भाजपा से भानू भूरिया के बीच मुकाबला है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झाबुआ में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कहा कि भाजपा की सरकार ने गरीबों और आदिवासियों को एक रुपए किलो गेहूं, चावल और नमक दिया। आदिवासियों की बच्चियों को साइकिलें दी। गरीब एवं आदिवासी बच्चों को सही शिक्षा मिले, इसलिए हमने छात्रावास खोले, स्कॉलरशिप दी, किताबें दीं, स्मार्टफोन, लेपटॉप दिए, लेकिन कांग्रेस हमेशा यही चाहती रही है कि गरीब, आदिवासी बच्चे हंसिया लेकर खेतों में मजदूरी करते रहें। भाजपा ने हर वर्ग की चिंता की है, लेकिन कांग्रेस हमेशा इनका शोषण करती रही है।
भोपाल,भोपाल के युवा इंजीनियर सिद्धार्थ पाठक वर्तमान में बैंगलोर में सेवारत ने राॅयल एनफील्ड के हिमालयन बाइक अभियान में भाग लेकर आठ हजार मीटर की तीन चोटियों माउंट एवरेस्ट, शीशापंगमा एवं चो ओयू के बेस कैम्प तक मोटर साईकिल से यात्रा की। राॅयल एनफील्ड द्वारा यह यात्रा 08 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक आयोजित थी, जिसमें पूरे भारत से 11 बाइकर्स ने भाग लिया जो यात्रा के दौरान लगभग 4000 मीटर की उंचाई पर रहे। यह अत्यन्त दुर्गम व कठिन यात्रा थी।
सिद्धार्थ ने बैंगलोर से काठमाॅडू तक की यात्रा भी हिमालयन बाइक से की। इससे पूर्व वे बैंगलोर से गोवा की यात्रा बाइक से तथा अपनी पत्नी के साथ जिप्सी से मुबंई से लेह की यात्रा भी कर चुके है।
सिद्धार्थ भोपाल निवासी डाॅ. (श्रीमती) नयनतारा जीवेन्द्र पाठक के सुपुत्र है। इस यात्रा के दौरान उनकी इंजीनियर पत्नी ऋचा तथा परिवार के सदस्य विशेष रूप से शालिनी, सौरभ पूरे समय उत्साहवर्धन करते रहे।
कम्पनी की ओर से बाइकर्स की सुरक्षा व स्वास्थ्य के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।
नीमच,राज्य सरकार से फसल बीमा (Crop insurance) का मुआवज़ा (compensation) नहीं मिलने और केंद्र सरकार द्वारा जारी नई अफीम नीति (opium policy) से किसानों (farmer) की नाराज़गी के चलते फिर मालवा सुलगने की राह पर है. आए दिन किसान ज्ञापन और धरना दे रहे हैं. माहौल को देखते हुए लगता है, यदि सरकारों ने किसानों के मामलों पर गंभीरता से नहीं सोचा तो मालवा में 2016 जैसे हालात बन जाएंगे.
गौरतलब है कि नीमच में आई बाढ़ के बाद करीब एक लाख 25 हज़ार हेक्टेयर में लगी सोयाबीन और करीब 32 हज़ार हेक्टेयर में लगी चना, उड़द और मूंग की फसल तबाह हो गई, लेकिन इन किसानों को अभी तक न तो मुआवजा मिला न ही फसल बीमा की राशि ही मिली है. साथ ही कर्ज माफी का काम अधर में लटकने से किसानों में जमकर गुस्सा है.
इस मामले में किसान नेता अर्जुन सिंह बोराना कहते हैं कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार की कर्जमाफी छलावा साबित हुई है, जसके चलते कई किसान आज बैंकों में डिफाल्टर घोषित हो चले हैं. ऐसे में किसानों को बीमे तक का लाभ नहीं मिल पाया है. वहीं केंद्र सरकार की नई अफीम नीति से भी किसान खुश नहीं है. किसानों को लगता है कि दोनों ही मामलों में सरकार किसानों के हित में नहीं सोच रही है.
किसानों में खासा आक्रोश है और जल्द मुआवजा, बीमा राशि और कर्जमाफी को लेकर MP सरकार और अफीम नीति पर केंद्र सरकार विचार नहीं करती है तो किसानों को आंदोलित होकर सड़क पर आना पड़ेगा. अधूरी कर्जमाफी, मुआवजा और फसल बीमा नहीं मिलने से नाराज किसानों को नई अफीम नीति ने और अधिक आक्रोशित कर दिया है.
ऐसे में किसान मांग कर रहे हैं कि पट्टा औसत के पुराने नियम के आधार पर दिया जाएं और केंद्र सरकार नीति में परिवर्तन करे. अफीम किसान मोहन नागदा कहते हैं कि किसान कैसे पता करें कि अफीम में कितनी मॉर्फिन है और अफीम में मॉर्फिन का पर्सेंटेज कम या ज्यादा किसान के हाथ में नहीं, कुदरत के हाथ में है. वहीं इस मामले में भाजपा प्रदेश कार्य समिति के सदस्य करण सिंह परमाल कहते हैं कि किसान कमलनाथ सरकार को सबक सिखाने के लिए तैयार है और जल्द कोई आंदोलन इसके लिए खड़ा होगा जबकि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार अहीर कहते हैं कि नई अफीम नीति किसान विरोधी है. केंद्र सरकार किसानों की दुख की घड़ी में मदद को तैयार नहीं है.
झाबुआ. भाजपा द्वारा महाराष्ट्र चुनावों के लिए जारी घोषणा पत्र में जब से इस बात की घोषणा की गई है कि अगर उनकी राज्य में सरकार बनी तो वह वीर सावरकर को भारत रत्न देने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजेंगे। इस बात से देश की तमाम विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
विपक्ष यह कह कर भाजपा पर हमला किया है कि वह एक ऐसे व्यक्ति को कैसे भारत रत्न देने की मांग कर रही है जिस पर देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में शामिल होने का आरोप हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी इस बात के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वीर सावरकर के जीवन के दो पहलू थे, पहले में उनका जेल से लौटने के बाद आजादी की लड़ाई में भागीदारी और दूसरे पहलू में उनका राष्ट्रपिता की हत्या में शामिल होना।
दिग्विजय ने कहा कि सावरकर के जिंदगी के दो पहलू थे, जिसमें पहले पहलू में अंग्रेजों से माफी मांगने के बाद लौटने पर स्वाधीनता संग्राम में उनकी भागीदारी। दूसरे पहलू में, सावरकर का नाम महात्मा गांधी की हत्या के मामले में साजिश रचने वाले के तौर पर दर्ज किया गया था।
दिग्विजय ने कहा कि हमें भूलना नहीं चाहिए कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाले षड्यंत्रकारियों की सूची में सावरकर का नाम भी था। वह तो माफी मांग कर लौट आए थे।
दिग्विजय ने राजनीति से संयास के दिए संकेत
वहीं, दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह ने बुधवार को एक रैली को संबोधित करते हुए इशारा किया है कि वह अब सक्रिय राजनीति से संयास की घोषणा कर सकते हैं।
झाबुआ जिले के बोरी क्षेत्र में अपने विश्वासपात्र और पार्टी के उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया के लिए आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने और कांतिलाल भूरिया सक्रिय राजनीति में लंबे समय से हैं, और अब हम एक ऐसे उम्र में आ चुके हैं, जहां से हमें संयास ले लेना चाहिए।
दिग्विजय ने कहा कि अब हम युवा पीढ़ी को तैयार कर रहे हैं, जो हमारे साथ काम कर रहे हैं। मैंने बहुत सारे चुनाव लड़े हैं और अब कांतिलाल भूरिया भी अपना आखिरी चुनाव लड़ रहे हैं। मैं आप लोगों से कहना चाहूंगा कि 1980 से आजतक आप लोगों के लिए कांतिलाल भूरिया द्वारा किए गए कार्यों को देखते हुए हर एक वोट उन्हीं को दिया जाना चाहिए।
सिंह के भाषण को 69 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री भूरिया (जो सिंह के नेतृत्व में तत्कालीन मप्र सरकार में मंत्री भी थे) को 21 अक्तूबर के विधानसभा उपचुनाव में समर्थन के लिए मतदाताओं से एक भावनात्मक अपील के रूप में देखा गया जो 37 वर्षीय भाजपा उम्मीदवार भानु भूरिया के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
दिग्विजय के इस बयान के राजनीति के गलियारों में एक उनके सक्रिय राजनीति से संयास के तौर पर देखा गया है जो 16 साल के अंतराल के बाद कुछ ही महीने पहले लोकसभा चुनावों के लिए मैदान में उतरे थे, जहां उन्हें भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर से हार का सामना करना पड़ा।
सिंह को अप्रैल 2014 में संसद के ऊपरी सदन के लिए चुना गया था और मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल 9 अप्रैल, 2020 को समाप्त हो रहा है।
72 वर्षीय राज्यसभा सदस्य ने यह कहकर एक और दूरगामी राजनीतिक बयान दिया कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार वर्तमान सीएम कमलनाथ के नेतृत्व में पूरे पांच साल तक जारी रहेगी। इस प्रकार दिग्विजय ने सरकार में बदलाव के बारे में अटकलों पर विराम लगाते हुए भविष्य में सरकार में नेतृत्व में परिवर्तन को नकार दिया है।
भाेपाल. महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए करवा चाैथ का व्रत रखती है। यही व्रत एक परिवार काे जाेड़ने का सबब बन गया है। फैमिली काेर्ट में तलाक के लिए पहुंचे एक केस में जज ने उस समय सुनवाई राेक दी, जब पत्नी ने कहा कि उसने पिछली साल करवा चाैथ का व्रत रखा था अाैर पति उसे तुड़वाने तक नहीं अाया। पति ने कहा कि उसने फाेन लगाया था, लेकिन साली ने कह दिया कि दीदी बात तक नहीं करना चाहती। इसके बाद उसने कभी फाेन नहीं लगाया। इस पर जज ने कहा- बीती बाताें काे छाेड़ दाे। इस साल का करवा चाैथ सेलीब्रेट कराे। उन्होंने पति से करवा चाैथ की शाॅपिंग कराने को कहा। जज ने फाॅलाेअप करने के लिए काउंसलर नुरुनिसा खान काे निर्देशित किया है। उनकी रिपाेर्ट के बाद अगली सुनवाई हाेगी।
पति बोला....अफेयर की बात स्पष्ट नहीं की
फैमिली काेर्ट में लालघाटी निवासी एक पुरुष ने तलाक के लिए अावेदन दिया था। काउंसलिंग में पति ने बताया कि उनकी शादी मई 2014 में हुई थी। पत्नी संविदा पर नाैकरी करती है। तीन साल तक ताे सब कुछ अच्छा चला। पत्नी के अाॅफिस के लाेगाें से उनका मिलन जुलना अाैर पारिवारिक रिश्ते थे। एक दिन पत्नी के साथ नाैकरी करने वाले दाे पुरुष साथियाें ने बताया कि उसका अफेयर चल रहा है। पत्नी से पूछा ताे वह कुछ बताने तैयार नहीं थी। इसकाे लेकर उनके बीच इतना तनाव बढ़ा कि पत्नी सामान लेकर घर चली गई। उसके बाद उनके बीच बातचीत बंद हाे गई। दाे साल तक दाेनाें ने एक दूसरे से बातचीत नहीं की। इसके बाद उन्हाेंने अापसी सहमति से तलाक का प्रकरण लगा दिया।
पत्नी बोली...दूसराें की बाताें पर किया विश्वास
पत्नी ने बताया कि उनकी अरेंज मैरिज है। पति के साथ तीन साल बहुत ही अच्छे बीते। पति उनकी मदद करते थे। हर बात में साथ देते थे। उनके अाॅफिस के लाेगाें से मिलते जुलते थे। अचानक पति का व्यवहार बदल गया। वे कटे-कटे से रहने लगे। बात-बात पर झगड़ा करते। कई बार बीच में ही अाॅफिस पहुंच जाते। किस से मिल रही हो किससे नहीं। उन्हें हर शाम काे इसका हिसाब देना पड़ता था। हद ताे तब हाे गई जब इन्हाेंने टूर के दाैरान एक पुरुष साथी के साथ नाम जाेड़कर जलील किया। उस दिन उसके अात्मसम्मान काे ठेस पहुंची। जबकि उस पुरुष साथी से उनका काेई लेना देना नहीं था। महिला का भी कहना था कि वह एेसे पुरुष के साथ नहीं रह सकती थी जाे शक की नजर से उसे देखता हाे।
काउंसलर बोलीं...वो साथ रहने को ही तैयार नहीं थे
काउंसलर नुरुनिसा खान ने बताया कि उन्हाेंने दाेनाें की तीन काउंसलिंग की लेकिन दाेनाें साथ रहने तैयार ही नहीं थे। पत्नी का कहना था कि उसका काेई अफेयर नहीं है। यह बात पति मानने तैयार नहीं था। उन्हाेंने रिपाेर्ट बनाकर प्रधान न्यायधीश अारएन चंद काे दी थी। फाइनल सुनवाई में जज साहब को उम्मीद की किरण दिखी।
मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के जिला अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके साथ ऐसी अमानवीयता हुई जिससे कि आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इस मरीज का नाम बालचंद्र लोधी था जिसकी उम्र 50 साल थी। उसे पेट में दर्द के कारण जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मौत के बाद उनकी आंखों और चेहरे पर चीटिंयां चिपकी हुई थीं। इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में पांच डॉक्टरों सहित सिविल सर्जन को निलंबित कर दिया गया है।
लोधी की पत्नी रामश्री बाई ने रोते हुए बताया कि मेरे बच्चे छोटे हैं इसी वजह से मैं सोमवार शाम सात बजे घर चली गई थी। मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे किसी ने मुझे फोन करके बताया कि मेरे पति की मौत हो गई है। अस्पताल पहुंची तो बेड पर उनका शव पड़ा था। उनकी आंखों और चेहरे पर चीटियां लगी हुई थीं। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और नर्स के अंदर इतनी भी मानवीयता नहीं थी कि वे शव को ढंक देते।
मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा कि यह मामला काफी संवेदनशील है। शिवपुरी में जिला अस्पताल में एक मरीज की मौत होने पर उसके शव पर चींटियां चलने व इस घटना पर बरती गई लापरवाही की घटना बेहद असंवेदनशीलता की परियाचक। ऐसी घटनाएं मानवता व इंसानियत को शर्मसार करती है, बर्दाश्त कतई नहीं की जा सकती है। घटना के जांच के आदेश, जांच में दोषी व लापरवाही बरतने वालों पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश।
जानकारी के अनुसार बालाचंद्र टीबी की मरीज था और भर्ती कराए जाने के पांच घंटे बाद ही उनकी मौत हो गई थी। वार्ड में मौजूद अन्य मरीजों ने डॉक्टरों को इसकी जानकारी दी लेकिन स्टाफ ने कथित तौर पर उसके शव को वहीं पर पड़े रहने दिया। ड्यूटी पर मौजूद एक डॉक्टर ने भी सुबह 10 बजे के आसपास वार्ड में अपना राउंड पूरा किया लेकिन शव की उपेक्षा की। लोधी की पत्नी ने उनकी आंखों और चेहरे पर चिपकी चीटिंयों को हटाया।
होशंगाबाद/पिपरिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यकर्ता अनुज पुर्बिया की हत्या के तीन आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा दी है। तीन साल पहले अनुज की हत्या हुई थी। प्रथम अपर सत्र न्यायधीश आदेश कुमार जैन की अदालत ने मंगलवार को आरोपी शाइना बी और उसके साथी फंटी उर्फ महेंद्रनाथ और अखिलेश उर्फ पलिया को आजीवन कारावास के साथ 5000 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों को उम्रकैद के साथ ही इसी मामले में मारपीट की धारा में छह माह की सजा और 1000 रुपए जुर्माना किया है। पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी कैलाश पटेल और अपर जिला लोक अभियोजन अधिकारी सुनील चौधरी ने की।
पटेल ने बताया 28 अगस्त 2017 को शास्त्री वार्ड क्षेत्र में स्थित कला मंदिर गली में अनुज पुर्बिया नामक युवक की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। शाइना बी पर मादक पदार्थों को बेचने के आरोप थे और अनुज पुर्बिया के द्वारा शाइना बी और उसके साथियों की असामाजिक गतिविधियों का विरोध किया जा रहा था। इसके चलते इन तीनों ने मिलकर उसकी चाकूओं से गोदकर हत्या की थी।
भोपाल. लोकायुक्त पुलिस की टीम ने मंगलवार सुबह सहायक आबकारी आयुक्त आलोक कुमार खरे के भोपाल में दो, इंदौर में दो जगह, रायसेन में दो, छतरपुर में एक साथ छापा मारा। खरे के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत मिली थी, जिस पर लोकायुक्त पुलिस ने यह एक्शन लिया। लोकायुक्त डीएसपी नवीन अवस्थी का कहना है कि ये प्रदेश की सबसे बड़ी कार्रवाई निकल सकती है।
प्रारंभिक जांच में ही करीब 100 करोड़ से अधिक की संपति का खुलासा हो चुका है। इंदौर के पॉश इलाके में एक पैंट हाउस और एक बंगला मिला है। यहां से तीन किलो सोना मिलने की भी खबर है। भोपाल के चूनाभट्टी और बाग मुगालियां में दो बड़े बंगले और कोलार में फार्म हाउस, रायसेन में दो फार्म हाउस का खुलासा हुआ है। लोकायुक्त डीएसपी नवीन अवस्थी ने बताया कि लोकायुक्त टीम के 70 सदस्य एक साथ सात जगह कार्रवाई कर रहे हैं। एक दर्जन से अधिक लग्जरी गाड़ियां मिल चुकी हैं। इंदौर के बंगले से 10 लाख रुपए और रायसेन के फार्म हाउस से पांच लाख रुपए मिले हैं।
खरे का छतरपुर स्थित निवास की कीमत भी करोड़ों रुपए बताई जा रही है। सूचना यह भी है कि खरे के छतरपुर स्थित निवास से विदेशी मुद्रा भी मिली है। रायसेन स्थित खरे का लग्जरी फार्म हाउस देखकर लोकायुक्त टीम भी हैरान रह गई।
इंदौर में कार्रवाई करने के लिए इंदौर लोकायुक्त टीम की मदद ली गई है। इंदौर के ग्रेंड एक्सओटिका सहित एक अन्य स्थान पर जब टीम पहुंची तो उन्हें ताला मिला। यहां लोकायुक्त टीम के लोग अभी खड़े हुए हैं। खरे की पत्नी रायसेन में फलों की खेती कर रही हैं और वे पत्नी के नाम से ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे थे।
इंदौर के सहायक आबकारी आयुक्त नरेश चौबे के ट्रांसफर के बाद भोपाल से सहायक आबकारी आयुक्त आलोक खरे को इंदौर सहायक आबकारी आयुक्त की जिम्मेदारी दी गई थी।