ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उनका सवाल है कि क्या वे युद्ध क्षेत्र में रूसी सेना के लिए लड़ रहे भारतीय नागरिकों के सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने पूछा कि क्या वे अपनी यात्रा में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस में आयोजित होने वाले 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए जा रहे हैं। मंगलवार को पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार करेंगे। बता दें कि यह 2019 के बाद से रूस की उनकी पहली यात्रा है। वहीं फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की शुरुआत के बाद से उनकी पहली यात्रा है। कांग्रेस महासचिव, प्रभारी संचार, जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री के लिए कई सवाल पूछे। इस पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, "भारत को दशकों से विभिन्न कांग्रेस सरकारों की कूटनीति और रणनीतिक पहलों के कारण पहले यूएसएसआर और बाद में रूस के साथ एक समृद्ध संबंध विरासत में मिला। प्रधानमंत्री के रूप में अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह ने व्लादिमीर पुतिन और दिमित्री मेदवेदेव से भारत या रूस में कुल 16 बार मुलाकात की। उन्होंने कहा कि तुलना करें तो यह पीएम मोदी की राष्ट्रपति पुतिन के साथ 10 साल के कार्यकाल के बाद केवल 11वीं मुलाकात है। जयराम रमेश ने सवाल किया "उनके प्रचारक रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकने के बड़े-बड़े दावे करते हैं, क्या पीएम मोदी के शासन में दोनों देशों के बीच संबंध कुछ हद तक ठंडे हुए हैं?" उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2023 के बीच रूस को भारत का निर्यात स्थिर रहा। यह निर्यात 3.17 बिलियन अमेरिकी डॉलर से गिरकर 3.14 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। हालांकि आयात बिल में तेजी से वृद्धि हुई। यह 6.34 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 46.21 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। जयराम रमेश ने कहा कि इस तरह का असंतुलित व्यापार संबंध लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है, और हमारे घरेलू उद्योग के लिए इसके हानिकारक परिणाम हैं। कांग्रेस नेता ने सवाल किया, "क्या राष्ट्रपति पुतिन के साथ गैर-जैविक प्रधानमंत्री की वार्ता के एजेंडे में इस व्यापार असंतुलन को सुधारना शामिल है? दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन को बेहतर बनाने के लिए उनका क्या दृष्टिकोण है?" उन्होंने कहा कि मॉस्को में भारतीय दूतावास के अनुसार, कम से कम 50 भारतीय नागरिक रूसी सेना में शामिल हुए हैं। जयराम रमेश ने कहा कि युद्ध में कम से कम दो व्यक्तियों की मृत्यु की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। उन्होंने कहा, "कई अन्य लोगों को एक ऐसे युद्ध में 'धोखा' दिया गया है, जिसमें उनका कोई हित नहीं है। सिवाय गरीबी और बेरोजगारी के संकट से बचने के, जिसे गैर-जैविक प्रधानमंत्री ने घरेलू स्तर पर बनाए रखा है। क्या गैर-जैविक प्रधानमंत्री इन युवाओं के हित में काम करेंगे? क्या वे जल्द से जल्द उनकी सुरक्षित भारत वापसी सुनिश्चित करेंगे?
'महाराष्ट्र के मुंबई में हिट एंड रन मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि वे राज्य में इस तरह की घटनाओं को लेकर बेहद चिंतित हैं। सीएम शिंदे ने कहा कि शक्तिशाली और प्रभावशाली लोग व्यवस्था में हेरफेर करने के लिए अपनी प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि आम लोगों का जीवन उनके लिए बहुत कीमती है। इसी के साथ उन्होंने राज्य पुलिस विभाग को इन मामलों को गंभीरता से संभालने के निर्देश दिए। सीएम शिंदे ने कहा, "मैं महाराष्ट्र में बढ़ते हिट एंड रन मामलों के लिए चिंतित हूं। कुछ शक्तिशाली और प्रभावशाली लोग व्यवस्था में हेरफेर करने के लिए अपनी प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करते हैं। आम लोगों का जीवन मेरे लिए बहुत कीमती है। मैंने राज्य पुलिस विभाग को इन मामलों को गंभीरता से संभालने का निर्देश दिया है। उन्हें न्याय सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है। हम हिट एंड रन मामलों के अपराधियों के लिए सख्त कानून और कठोर दंड लागू कर रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "जब तक मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं, चाहे किसी को भी, चाहे वह अमीर हो, प्रभावशाली हो, या नौकरशाहों या मंत्रियों की संतान हो, किसी भी पार्टी से जुड़ा हो, इन मामलों में छूट नहीं मिलेगी। मैं किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं करूंगा।" मुंबई के वर्ली इलाके में रविवार को एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने एक स्कूटर को टक्कर मार दी थी। इस घटना में एक महिला की मौत हो गई। कार मिहिर शाह चला रहा था। पुलिस को शक है कि मिहिर घटना के समय नशे में था। आरोपी अभी फरार है। उसे ढूंढने के लिए लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है। पुलिस ने बताया कि मिहिर शाह ने बीती रात जुहू के एक बार में शराब पी थी। घर जाते समय उसने चालक से उसे लॉन्ग ड्राइव पर ले जाने को कहा। कार वर्ली आई तो मिहिर ने जोर देकर कहा कि वाहन को वह चलाएगा। इसके बाद तेज रफ्तार कार ने कुछ देर बाद एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी। दोपहिया वाहन पर कावेरी नखवा और उनके पति प्रदीप नकवा सवार थे। जो वर्ली के कोलीवाड़ा इलाके के निवासी थे। दंपती मछुआरा समुदाय से थे। सुबह जब वे दोपहिया वाहन से काम पर जा रहे थे, तभी बीएमडब्ल्यू कार उनके वाहन से टकरा गई। इसके बाद दोनों हवा में उछल गए। कार का बोनट क्षतिग्रस्त हुआ। इसके बाद कार ने कावेरी को कुचल दिया। फिर आरोपी मौके से फरार हो गए। महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनके पति प्रदीप को मामूली चोटें आईं। पुणे शहर में 18-19 मई की दरम्यानी रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में 17 साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। गाड़ी की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी।
दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दी है। उन्होंने शराब नीति मामले में ट्रायल के शुरू होने में देरी की शिकायत की है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मनीष सिसोदिया की याचिका का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शराब नीति मामले में ट्रायल देरी से शुरू किया गया। सिसोदिया पिछले 16 महीने से जेल में हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने का आश्वासन दिया। बता दें, मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। वहीं, ईडी ने नौ मार्च 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। 28 फरवरी 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। कोरोना काल के बीच दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने 'दिल्ली आबकारी नीति 2021-22' लागू की थी। इस शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितता की शिकायतें आईं जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। इसके साथ ही दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 सवालों के घेरे में आ गई। हालांकि, नई शराब नीति को बाद में इसे बनाने और इसके कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोपों के बीच रद्द कर दिया गया था। सीबीआई ने अगस्त 2022 में इस मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ नियमों के कथित उल्लंघन और नई शराब नीति में प्रक्रियागत गड़बड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की। बाद में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में ईडी ने पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच शुरू कर दी। ईडी और सीबीआई दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में कथित घोटाले की अलग-अलग जांच कर रही हैं। ईडी नीति को बनाने और लागू करने में धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है। वहीं, सीबीआई की जांच नीति बनाते समय हुई कथित अनियमितताओं पर केंद्रित है। सुप्रीम कोर्ट 2006 के सनसनीखेज निठारी कांड में सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सोमवार को सहमत हो गया। न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने हाईकोर्ट के 16 अक्तूबर, 2023 के फैसले के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर कोली से जवाब मांगा। शीर्ष अदालत मई में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली पीड़ितों में से एक के पिता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी। पीठ ने कहा कि सीबीआई की ओर से दायर याचिकाओं पर इस याचिका के साथ ही सुनवाई होगी।
पेरिस ओलंपिक के लिए खिलाड़ियों की रवानगी से पहले पीएम मोदी ने उनसे शुक्रवार को खास मुलाकात की और उन्हें विजय मंत्र दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों से ओलंपिक 2036 की मेजबानी की भारत की दावेदारी कामयाब रहने को लेकर पेरिस में व्यवस्थाओं का अनुभव साझा करने का आग्रह किया।प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस ओलंपिक जा रहे खिलाड़ियों से व्यक्तिगत और आनलाइन बातचीत में कहा कि उनके द्वारा साझा की जाने वाली जानकारी 2036 ओलंपिक की मेजबानी का दावा मजबूत करने में काम आएगी।प्रधानमंत्री ने कहा, "भारत की कोशिश है कि हम 2036 में ओलंपिक की मेजबानी करें। इससे भी बड़ा माहौल बनता है और हम प्रयास कर रहे हैं। बुनियादी ढांचा तैयार करने पर विशेषज्ञ काम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं ओलंपिक से पहले नहीं लेकिन बाद में वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेने का आपसे आग्रह करूंगा । आप लोग भी खेल के बाद वहां व्यवस्थायें क्या हैं , उसे देखें । खिलाड़ियों से जो इनपुट मिलेगा , वह 2036 के लिये काम आयेगा। आप यह देखकर आयेंगे तो हमें बहुत सुविधा होगी।"पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से 11 अगस्त के बीच खेले जाएंगे। भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन टोक्यो ओलंपिक में रहा है जिसमें भालाफेंक में नीरज चोपड़ा के ऐतिहासिक स्वर्ण समेत सात पदक जीते।भारत के 100 से अधिक खिलाड़ियों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है जिसमें 21 निशानेबाज हैं।
देश में 2023-24 के वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन हुआ है। इस दौरान देश में 1.27 लाख करोड़ रुपये की कीमत के हथियार और रक्षा उपकरण बने हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि यह अब तक का एक वित्तीय वर्ष में सबसे ज्यादा रक्षा उत्पादन है। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया अभियान के तहत यह एक मील का पत्थर है। राजनाथ सिंह ने कहा सरकार भारत को एक शीर्ष वैश्विक रक्षा विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मेक इन इंडिया कार्यक्रम साल दर साल नए मील के पत्थर पार कर रहा है। भारत ने 2023-24 में रक्षा उत्पादन में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है। 2023-24 में 1,26,887 करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन हुआ, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 16.8 प्रतिशत ज्यादा है।' राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा कंपनियों और रक्षा उत्पादों का निर्माण करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों को बधाई दी।
सरकार ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में यह अहम है। सरकार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में देश में रक्षा उत्पादन 1,08,684 करोड़ रुपये का हुआ था। सरकार ने बताया कि 2023-24 में जो कुल रक्षा उत्पादन हुआ है, उसमें से 79.2 प्रतिशत रक्षा उत्पादन सरकारी और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा किया गया है। वहीं 20 प्रतिशत उत्पादन निजी कंपनियों द्वारा किया गया है। सरकार के बयान के अनुसार, बीते 10 वर्षों में सरकारी नीतियों और रक्षा उत्पादन क्षेत्र में लाए गए सुधारों के चलते यह उपलब्धि हासिल हुई है। गौरतलब है कि 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात भी बढ़ा है और इस वित्तीय वर्ष में ये 21,083 करोड़ रुपये रहा। वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में यह 32 प्रतिशत ज्यादा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा उत्पाद शुल्क नीति मामले से जुड़े एक सीबीआई मामले में जमानत की मांग करने वाली याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया। हाई कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सीबीआई को एक सप्ताह के अंदर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अगली तारीख 17 जुलाई है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को इस मामले में 26 जून को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में हैं।
दिल्ली सीएम ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एक जुलाई को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 26 जून को सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट ने केजरीवाल को तीन दिनों की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था। जिसके बाद 29 जून को केजरीवाल को कोर्ट ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।सीबीआई से पहले इसी मामल में ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में लंबी पूछताछ के बाद सीएम केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। ईडी की भी गिरफ्तारी को भी सीएम केजरीवाल ने कोर्ट में चुनौती दी थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित है।
इस साल पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन की मेजबानी करने वाला है। इस बैठक में समूह देशों के सभी शासनाध्यक्षों को आमंत्रित किया जाता है। भारत भी इस समूह का हिस्सा है। वहीं, पाकिस्तान और भारत के रिश्तों से दुनिया वाकिफ है। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या एससीओ में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान जाएंगे?मोदी सरकार की नीति पाकिस्तान को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है। विदेश मंत्री एस जयशंकर कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता रहेगा तब तक दोनों देशों के बीच कोई बातचीत नहीं होगी।हालांकि, पाकिस्तान हमेशा भारत के साथ संबंध को बेहतर बनाने की पैरवी करता आया है। जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ ली तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ ने उन्हें बधाई दी थी।
नवाज शरीफ ने एक्स पर लिखा था,"मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर मेरी हार्दिक बधाई। हाल के चुनावों में आपकी पार्टी की सफलता आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास को दर्शाती है। आइए हम नफरत की जगह उम्मीद लाएं और दक्षिण एशिया के दो अरब लोगों की नियति को आकार देने के अवसर का लाभ उठाएं।"हालांकि, पीएम मोदी ने नवाज शरीफ को बधाई के लिए शुक्रिया अदा करते हुए पाकिस्तान को खरी-खरी सुना भी दी। उन्होंने कहा," नवाज शरीफ आपके संदेश की सराहना करता हूं। भारत के लोग हमेशा शांति, सुरक्षा और प्रगतिशील विचारों के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने कहा,"हमारे लोगों की भलाई और सुरक्षा सदैव हमारी प्राथमिकता रहेगी।"
आज पूरे देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं। आज से देश में आईपीसी सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नये कानून भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय लागू हो रहे हैं। नए कानून लागू होने को लेकर विपक्ष ने इसका विरोध किया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट करके तीनों कानूनों को तुरंत रोकने की मांग की है। उन्होंने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।उन्होंने कहा कि इन कानूनों के जरिए पुलिसिया स्टेट की नींव डाली जा रही है। नए क्रिमिनल कानून भारत को वेलफेयर स्टेट से पुलिस स्टेट बनाने की नींव रखेंगे। उन्होंने कहा कि संसद में इन कानूनों पर फिर से चर्चा हो उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
'कट, कॉपी और पेस्ट हैं नए कानून'
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी इन कानूनों का विरोध जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन आपराधिक कानून आज से लागू हो गए हैं। 90-99 प्रतिशत तथाकथित नए कानून कट, कॉपी और पेस्ट का काम हैं। जो कार्य मौजूदा तीन कानूनों में कुछ संशोधनों के साथ पूरा किया जा सकता था, उसे एक बेकार प्रक्रिया में बदल दिया गया है ।
वहीं कांग्रेस सांसद बी मनिकम टैगोर ने लोकसभा में नीट मुद्दे पर चर्चा के लिए कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया है। साथ ही कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने नीट-यूजी और यूजीसी नेट समेत परीक्षाओं के संचालन में पेपर लीक के मामलों और एनटीए की विफलता पर चर्चा के लिए आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार को फिर से लोकसभा और राज्यसभा का सत्र शुरू हुआ। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, नीट और अग्निपथ जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। इस दौरान दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। वहीं, राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और स्पीकर जगदीप धनखड़ के बीच फिर से ठन गई। दरअसल, खरगे ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए मोहन भागवत का नाम ले लिया, जिस पर धनखड़ गुस्सा हो गए।मल्लिकार्जुन ने कहा, 'सबसे पहले मैं आपकी उदारता का धन्यवाद देता हूं, जो आपने मुझे बोलने का समय दिया।' इतना ही सुनते वहां मौजूद सब लोग हंसने लगे। इस पर खरगे ने पूछा आप लोग हंस क्यों रहे हैं।
राज्यसभा की कार्यवाही आगे बढ़ी और खरगे ने कहा, 'राष्ट्रपति संसद का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। चुनौतियों से कैसे निपटेंगे यह बताना जरूरी था, लेकिन कुछ ऐसा तो सुनाई ही नहीं दिया। इस साल राष्ट्रपति का पहला संबोधन जनवरी में और दूसरा जून में था। पहला अभिभाषण चुनावी था और दूसरा उसकी कॉपी था। उनके संबोधन में दलितों, अल्पसंख्यक वर्गों और पिछड़े वर्गों के लिए कुछ नहीं था। राष्ट्रपति के अभिभाषण में न तो दूरदृष्टि थी और न ही दिशा। पिछली बार की तरह, यह सरकार के लिए प्रशंसा के शब्दों से भरा था।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद का प्रस्ताव सदन में पेश किया। इस दौरान भाजपा सांसद ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने गरीबों को और गरीब किया। जनता ने भी कांग्रेस को बार-बार नकारा है और तीसरी बार देश में स्थिर सरकार बनाई है। वहीं इस दौरान अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि हमने वर्क फ्रॉम होम तो देखा था, लेकिन अब वर्क फ्रॉम केज भी देख लिया।
इस दौरान इंडिया पर निशाना साधते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने इस चुनाव में भय और भ्रम की राजनीति की। आपने प्रधानमंत्री को अपशब्द कहने वालों को भी टिकट देकर सांसद बनाने का काम किया। मैं पूछता हूं कि किसको टिकट दिया, टुकड़ों-टुकड़ों गैंग वालों को? आपकी सरकारों में अंग्रेजों की मानसिकता दिखती थी। पहले दंड देने वाले कानून थे, अब हमने न्याय देने वाला कानून दिया। अब नाबालिग से रेप करने वाले को फांसी की सजा होगी। विद्रोह करने वाले को जेल होगी। वहीं राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह कानून होगा और देश के खिलाफ बोलना गुनाह होगा।
संसद भवन परिसर में विपक्षी दलों के सांसदों ने केंद्र सरकार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) समेत केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष के प्रमुख सांसदों में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसद मौजूद रहे।
इस दौरान विपक्षी नेताओं ने विपक्ष को चुप कराने के लिए एजेंसियों का दुरुपयोग बंद करो और भाजपा में जाओ भ्रष्टाचार का लाइसेंस पाओ, 'विपक्ष का सम्मान करें, डराना-धमकाना बंद करें! लिखी तख्तियों के साथ नारेबाजी भी की। वहीं आम आदमी पार्टी के कुछ सांसदों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सलाखों के पीछे खड़े होने के पोस्टर भी दिखाए।
विपक्षी सांसदों में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, केसी वेणुगोपाल, मनीष तिवारी, के सुरेश, वर्षा गायकवाड़, बेनी बेहनन, एंटो एंटनी, केरल कांग्रेस (एम) के सांसद जोस के. मणि, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सांसद राघव चड्ढा, तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और सीपीआई (एम) के जॉन ब्रिटास समेत कई सांसदों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले शताब्दी वर्ष में संघ ने अपने पंच परिवर्तन पर आधारित विषयों को लेकर समाज के बीच में उतरने का फैसला किया है। वहीं, शताब्दी वर्ष मनाने से पहले अपने जमीनी प्रचारकों की टीम को मजबूत करने का काम भी शुरू कर दिया है। इसके तहत उप्र में संघ के कई वरिष्ठ प्रचारकों के केंद्र में बदलाव किया गया है। निरालानगर स्थित सरस्वती कुंज में आयोजित संघ की चार दिवसीय बैठक के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को सरकार्यवाह दत्रात्रेय होसबाले की मौजूदगी में शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। वहीं, वरिष्ठ प्रचारकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव भी किए गए। सूत्रों के मुताबिक संघ की ओर से मंडल स्तर तक शाखा विस्तार का लक्ष्य पूरा नहीं होने के मद्देनजर यह बदलाव किया गया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह क्षेत्र संपर्क प्रमुख मनोज कुमार का केंद्र अयोध्या से हटाकर गोरखपुर किया गया है। मनोज अवध और काशी प्रांत में भी सह प्रांत प्रचारक रह चुके हैं। इसी तरह अखिल भारतीय सह गो सेवा प्रमुख नवल किशोर का केंद्र प्रकृति भारती मोहनलालगंज लखनऊ में किया गया है। वह अभी गोरखपुर में थे। पूर्वी क्षेत्र के सेवा प्रमुख युद्धवीर को सुल्तानपुर से हटाकर सेवा भारती कार्यालय काशी, मुख्य मार्ग संपर्क प्रमुख राजेन्द्र सक्सेना का केंद्र काशी से लखनऊ और पर्यावरण प्रमुख अजय कुमार का केंद्र काशी किया गया है। पूर्वी क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख राजेन्द्र सिंह का केंद्र कानपुर से हटाकर भारती भवन लखनऊ किया गया है। लंबे समय से उनका केंद्र कानपुर था।
इन पंच परिवर्तन पर रहेगा खास फोकस
बैठक में तय किया गया शताब्दी वर्ष में पूरे साल जमीन पर पंच परिवर्तन पर खास फोकस किया जाएगा। संघ के इन पांच आयामों में सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी व नागरिक कर्तव्य शामिल हैं। संघ कार्यकर्ता इन्हीं पांच विषयों को लेकर समाज के बीच जाएंगे और इसके तहत कार्य भी करेंगे। शताब्दी वर्ष के लिए तय कार्यक्रमों में वसुधैव कुटुम्बकम पर भी खास ध्यान रखने पर चर्चा हुई है। बैठक में इस बात पर चिंता व्यक्त की गई कि गई समाज में परिवार की व्यवस्था बिखरती जा रही है। बदलते माहौल में संयुक्त परिवार अब एकल परिवार बनते जा रहे हैं, इसलिए सपिरवार सामूहिक भोजन, भजन, उत्सवों और तीर्थाटन का आयोजन, स्वदेशी का आग्रह, पारिवारिक व सामाजिक परंपराओं का संवर्धन व संरक्षण के प्रति लोगों जागरूक करने के कार्यक्रमों पर अधिक फोकस किया जाना चाहिए।
नीट पेपर लीक का मुद्दा इस वक्त सरकार के लिए गले की फांस बन चुका है. विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार को रोजाना घेर रहा है. वर्तमान में संसद सत्र भी चल रहा है, जहां विपक्ष इस पर चर्चा के लिए एनडीए सरकार पर दबाव बना रहा है. शुक्रवार (28 जून) को भी एक बार फिर से लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा के लिए समय देने की मांग की गई. हालांकि, स्पीकर ओम बिरला ने तुरंत समय देने से इनकार कर दिया और कहा कि आपको चर्चा के लिए आगे वक्त मिलेगा. यहां गौर करने वाली बात ये है कि जिस वक्त नीट पर चर्चा को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान मचा हुआ था, उस वक्त एक बहुत बड़ा आरोप भी लग गया. दरअसल, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी सांसदों ने कहा कि माइक बंद किया गया है. उनके इस आरोप पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने तुरंत जवाब दिया और कहा कि यहां पर कोई बटन नहीं होता है, जिससे माइक को बंद किया जाए. कांग्रेस ने भी माइक बंद करने के मुद्दे पर हमला बोला है. कांग्रेस ने माइक बंद करने के मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला है. पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक ट्वीट में कहा, "जहां एक ओर नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज सदन में उठा रहे है, लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है."
लोकसभा चुनाव के बाद कर्नाटक कांग्रेस में सीएम पद को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से समर्थक खुले तौर पर नेतृत्व परिवर्तन का राग छेड़ा है तो सिद्धारमैया समर्थक मंत्रियों ने तीन डिप्टी सीएम के फॉर्मूले को लागू करने का दांव चल दिया है। कई मंत्री लिंगायत, दलित और अल्पसंख्यक डिप्टी सीएम बनाने के लिए आवाज बुलंद करने लगे हैं। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के बदलाव की मांग भी शुरू हो गई है। यह पद अभी डीके शिवकुमार के पास ही है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट मानते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद निकाले गए फॉर्मूले के तहत डीके शिवकुमार सीएम पद के दावेदार हैं। पार्टी में वह संकटमोचक के तौर पर उभरे हैं। उन्हें केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास भी हासिल है, ऐसे में सिद्धारमैया समर्थकों ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। फिलहाल इस खेल के शुरू होने के बाद डीके शिवकुमार ने चुप्पी साध रखी है। कर्नाटक में फिर से सत्ता का नाटक शुरू होने वाला है। सिद्धारमैया के समर्थक मंत्रियों केएन राजन्ना, बी जेड ज़मीर अहमद खान और सतीश जरकीहोली ने तीन डिप्टी सीएम की मांग रख दी। माना जा रहा है कि मंत्रियों ने डीके शिवकुमार को काबू में करने के लिए तीन डिप्टी सीएम का मुद्दा उछाला गया है। अभी कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है और डीके फॉर्मूले तहत सीएम पद के दावेदार हैं। विश्व वोक्कालिगा महास्थानम के प्रमुख स्वामी चंद्रशेखर ने सिद्धारमैया को सीएम की कुर्सी डीके शिवकुमार को देने की सलाह दे दी है। उन्होंने यह बयान कैंपा गौड़ा जयंती समारोह में उस समय दिया, जब मंच पर शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों मौजूद थे। इसके बाद स्वामी निर्मलानंद ने भी डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की वकालत की। डीके वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और विधानसभा चुनाव के दौरान मठ की ओर से कांग्रेस को खुले तौर पर समर्थन मिला था। ओल्ड मैसुरू इलाके में मठ की अपील का फायदा भी कांग्रेस को मिला था।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के बहाने सिद्धारमैया समर्थक का पलटवार
2023 के कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को 135 सीटें मिली थीं। इसके बाद कई दिनों तक सीएम पद को लेकर माथापच्ची चलती रही। सोनिया गांधी के करीबी डीके शिवकुमार सीएम पद के प्रबल दावेदार बनकर सामने आए। सूत्रों के अनुसार, आलाकमान ने इस मुद्दे पर मध्यस्थता की और ढाई-ढाई साल के सीएम पद का फॉर्मूला तैयार किया। सिद्धारमैया पहले ढाई साल के लिए सीएम बनाए गए। साथ ही यह भी तय किया गया कि सिद्धारमैया सरकार में डीके शिवकुमार एकमात्र डिप्टी सीएम भी रहेंगे। केंद्रीय नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (केपीसीसी) बनाए रखने का ऐलान किया। समझौते के तहत अभी सिद्धारमैया का कार्यकाल 17 महीने बाकी है, मगर डीके समर्थक अभी से भूमिका तैयार करने में जुटे हैं। चन्नागिरी के कांग्रेस विधायक बसवराजू वी शिवगंगा ने बुधवार को पार्टी से शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने का आग्रह किया। इसके बाद सिद्धारमैया के समर्थकों ने डीके शिवकुमार की घेराबंदी शुरू कर दी। उन्होंने सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर डीके शिवकुमार का घेराव किया। सहकारिता मंत्री राजन्ना ने नए प्रदेश अध्यक्ष की मांग कर डाली है। अगर प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर डीके शिवकुमार की विदाई हुई तो सिद्धारमैया की राह आसान हो जाएगी।