ईश्वर दुबे
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Bhilai
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, लोगों ने पीएम मोदी को देश की सेवा करने के लिए फिर से आशीर्वाद दिया है। रेलवे की बहुत बड़ी भूमिका होगी। पिछले 10 सालों में पीएम नरेंद्र मोदी ने रेलवे में बहुत सारे सुधार किए हैं। चाहे रेलवे का विद्युतीकरण हो, नई पटरियों का निर्माण हो, नई तरह की ट्रेनें हों, नई सेवाएं हों या स्टेशनों का पुनर्विकास हो, ये पिछले 10 सालों में पीएम मोदी की बड़ी उपलब्धियां हैं और पीएम ने रेलवे को फोकस में रखा है क्योंकि रेलवे आम आदमी के परिवहन का साधन है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था की बहुत मजबूत रीढ़ है, इसलिए रेलवे पर बहुत फोकस है।
भूपेंद्र यादव ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री का कार्यभार संभाला।इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे एक महत्वपूर्ण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। मैं इस जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए पूरी तत्परता से काम करूंगा। मिशन लाइफ की शुरुआत पीएम मोदी ने ग्लासगो सीओपी में दुनिया में पर्यावरण संकट के लिए एक बहुत बड़े एक्शन प्रोग्राम के रूप में की थी। आज मिशन लाइफ सतत विकास और सचेत उपभोग की मदद से पूरी दुनिया में चल रहा है। पीएम मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को हमारी धरती को हरा-भरा रखने के लिए पूरी जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए। पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में इस मंत्रालय द्वारा कई कदम उठाए गए हैं और हम पर्यावरण और विकास को एक साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने कपड़ा मंत्री का पदभार संभाला। पबित्रा मार्गेरिटा ने कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री का पदभार संभाला। इस दौरान पूर्व कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद रहे।
कीर्ति वर्धन सिंह ने आज पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है। कार्यभार संभालने से पहले कीर्ति वर्धन सिंह ने अपने आवास पर पौधारोपण किया।
आंध्र प्रदेश में सरकार गठन की तैयारियां तेज हो गई हैं। मंगलवार को तेदेपा और एनडीए ने चंद्रबाबू नायडू को अपना विधायक दल का नेता चुन लिया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद तेदेपा, भाजपा और जनसेना गठबंधन के नेता राज्यपाल एस अब्दुल नजीर से मुलाकात करेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बुधवार को चंद्रबाबू नायडू के साथ कई और नेता भी शपथ ले सकते हैं। नायडू के साथ शपथ लेने वाले नेताओं के नाम मंगलवार को तय कर लिए जाएंगे।विजयवाड़ा में एनडीए गठबंधन के विधायकों की बैठक हुई। इस बैठक में टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नाडयू, जनसेना के प्रमुख पवन कल्याण और आंध्र प्रदेश भाजपा की अध्यक्ष डग्गुबाती पुरुंदेश्वरी समेत एनडीए के सभी विधायक शामिल हुए। इस बैठक में जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने एनडीए की तरफ से चंद्रबाबू नायडू का नाम सीएम पद के लिए प्रस्तावित किया, जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया।
टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू का कहना है, 'बीजेपी, जनसेना और टीडीपी के सभी विधायकों ने मुझे आंध्र प्रदेश की एनडीए सरकार का आगामी मुख्यमंत्री बनने के लिए अपनी सहमति दे दी है।' आंध्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. दग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने बताया, 'आज एनडीए की बैठक हुई, जिसमें चंद्रबाबू नायडू को एनडीए विधानसभा का नेता चुना गया। हम अभी राज्यपाल के पास आए हैं और उन्हें एक अनुरोध पत्र सौंपा है कि 'वह चंद्रबाबू को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें'। इस पर राज्यपाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए वह उन्हें तुरंत सरकार बनाने के लिए बुलाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह कल होगा।'
तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को अपने मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया। मोदी ने अपने पुराने सिपहसालारों पर भरोसा करते हुए मंत्रिमंडल में किसी बड़े बदलाव से गुरेज किया है। उन्होंने अमित शाह, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर और अश्विनी वैष्णव समेत कई मंत्रियों पर फिर से विश्वास जताया है। वहीं, कुछ मंत्रालय में बदलाव भी किया है। आइए जानते हैं किसने कौन से मंत्रालय का पदभार संभाला। केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर पीएम मोदी ने एक बार फिर भरोसा दिखाया। उन्हें फिर से केंद्रीय गृह मंत्री का कार्यभार सौंपा गया है। उन्होंने गृह मंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया। वहीं, सहकारिता मंत्री का भी कार्यभार संभाला।
इन मंत्रियों ने भी संभाला पदभार
किरेन रिजिजू ने संसदीय कार्य मंत्री, संजय सेठ ने रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री और एल. मुरुगन ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला। वहीं, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने पर्यटन मंत्रालय के राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला। साथ ही डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री का पदभार संभाला। राजीव रंजन(ललन) सिंह ने पंचायती राज मंत्री और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री के रूप में पदभार संभाला।
रिजिजू ने कहा, 'संसद में हमारे देश के भविष्य की चर्चा होती है और यहां से निर्णय लेकर हम देश की सेवा करते हैं। हर राजनीतिक दल का मकसद एक है-देश की सेवा...इसलिए संसद चलाने में सबका योगदान चाहिए।'
गुवाहाटी। सबसे अधिक अंतर से लोकसभा के लिए चुने गए कांग्रेस नेता रकीबुल हुसैन ने मंगलवार को असम विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने उपसभापति नुमाल मोमिन और कई कांग्रेस नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी को अपना त्यागपत्र सौंपा।धुबरी से निर्वाचित सांसद को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) द्वारा विदाई भी दी गई। नागांव जिले के सामगुरी से पांच बार विधायक रहे हुसैन मौजूदा विधानसभा में सीएलपी के उपनेता थे।
विदाई समारोह में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया और मुख्य सचेतक वाजिद अली चौधरी, भरत चंद्र नारा, जाकिर हुसैन सिकदर और नंदिता डेका सहित कई वरिष्ठ नेता और विधायक उपस्थित थे।समारोह को संबोधित करते हुए हुसैन ने कहा कि विधानसभा से निकलकर लोकसभा में प्रवेश करते समय उनके लिए मिश्रित भावनाएं थीं। उन्होंने कहा, 'आज यह गर्व के साथ-साथ दुख का भी क्षण है।'उन्होंने धुबरी के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, यह सीट उन्होंने 10.12 लाख वोटों से जीती, जो अब तक की सबसे बड़ी जीत थी क्योंकि उन्होंने एआईयूडीएफ के मौजूदा सांसद बदरुद्दीन अजमल को हराया था।
कांग्रेस नेता ने सामगुरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों का भी आभार व्यक्त किया।उन्होंने कहा, 'मैं 2001 से सामगुरी से जीतता आ रहा हूं, चाहे लहर कांग्रेस के पक्ष में रही हो या नहीं। मैं लोगों का मुझ पर लगातार भरोसा दिखाने के लिए आभार व्यक्त करता हूं।'हुसैन ने कहा कि हालांकि वह नई दिल्ली के राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं, लेकिन वह राज्य की राजनीति में वापस आएंगे।उन्होंने कहा कि वह शुरू में धुबरी से चुनाव लड़ने के लिए अनिच्छुक थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें बताया कि उनकी उम्मीदवारी 'कुछ ताकतों' को हराने के लिए महत्वपूर्ण है। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए हुसैन ने कहा कि धुबरी से उनके चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी ने लिया था।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत आने के बाद देश में एनडीए सरकार बनाने जा रहा है। एनडीए नेता चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की अपनी पूरी कैबिनेट के साथ गोपनीयता की शपथ लेंगे। मोदी सरकार 3.0 में राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयुष गोयल, ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेताओं का मंत्री बनना तय हो गया है। इस सरकार में सहयोगी दलों को भी मौका दिया जा रहा है। लोजपा से चिराग पासवान, हम प्रमुख जीतन राम मंझी और अपना दल की अनुप्रिया पटेल को भी शपथ ग्रहण के लिए बुलाया गया है। अभी तक जिन नेताओं को शपथ ग्रहण के लिए फोन किए गए हैं उनमें बीजेपी से राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, पीयुष गोयल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जीतेंद्र सिंह, मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह, शांतनु ठाकुर, मनसुख मांडविया, अश्विनी वैष्णव का नाम शामिल है।
टीडीपी से दो नेताओं को मंत्री बनाया जा रहा है। टीडीपी की ओर से उन दोनों सांसदों के नाम तय कर दिए गए हैं। राम मोहन नायडू किंजरापु कैबिनेट मंत्री और चंद्रशेखर पेम्मासानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर आज शपथ लेंगे। वहीं एनसीपी के खाते में एक सीट गई है। प्रफुल्ल पटेल मंत्री बनाए जाएंगे।
केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने के लिए जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी, हम चीफ जीतन राम मांझी, लोजपा से चिराग पासवान, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, जेडीयू से ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर, आईएनएलडी के जयंत चौधरी को भी आज पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। ये सभी नेता दिल्ली पहुंच रहे हैं।
नई दिल्ली। मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने जा रही हैं इस बार मोदी सरकार में उसके घटक दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के दो सांसद मंत्री बनने जा रहे हैं। टीडीपी की ओर से दोनों सांसदों के नाम दे दिए हैं। इसमें राम मोहन नायडू किंजरापु कैबिनेट मंत्री और चंद्रशेखर पेम्मासानी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद की शपथ लेंगे। आंध्र प्रदेश की श्रीकाकुलम सीट से तीसरी बार चुनकर आए राम मोहन नायडू (36) अबतक के सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री होंगे।
राम मोहन नायडू का जन्म निम्माडा में 18 दिसंबर, 1987 को हुआ था। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री और टीडीपी नेता येरन नायडू के बेटे हैं। उन्हें राजनीति विरासत में मिली है.। राम मोहन ने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल, आरके पुरम से की। उसके बाद अमेरिका से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की। इसके बाद लॉन्ग आईलैंड से एमबीए किया। उन्होंने सिंगापुर में करियर बनाना शुरू किया था कि 2012 में कार हादसे में उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद वह राजनीति में आए और 2014 में 26 साल की उम्र में श्रीकाकुलम से पहली बार सांसद चुने गए और 16वीं लोकसभा में दूसरे सबसे कम उम्र के सांसद बने।
राम मोहन नायडू को चंद्रबाबू नायडू का करीबी माना जाता है। उनकी गिनती अपने पिता येरन नायडू की तरह टीडीपी चीफ के करीबियों में होती है। जब चंद्रबाबू की गिरफ्तारी हुई, उस समय में राम मोहन ने दिल्ली में टीडीपी चीफ के बेटे नारा लोकेश के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राम मोहन करीब 9 साल से दिल्ली में एक्टिव थे। नारा लोकेश के साथ मिलकर उन्होंने टीडीपी चीफ की गिरफ्तारी के खिलाफ मोर्चा बनाया। चंद्रबाबू ने उन्हें ही दिल्ली की सभी यात्राओं में उनके साथ रहने की जिम्मेदारी सौंपी है।
राम मोहन नायडू को 2020 में संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वहीं 2024 में उन्होंने अपनी सीट से 3.27 हजार वोटों से जीत हासिल की है। वह संसद की कई समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं। राम मोहन ने 2017 में श्री श्रव्या से शादी है, 2012 में उनकी एक बच्ची हुई. वह न केवल पारिवारिक व्यक्ति हैं, बल्कि राजनीति में भी रूढ़िवादिता को तोड़ने का प्रयास करते हैं। वह संसद में मासिक धर्म स्वास्थ्य शिक्षा और यौन शिक्षा की वकालत करने वाले पहले सांसदों में से एक हैं और उन्होंने सैनिटरी पैड पर जीएसटी हटाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाया है।
बोलीं-लोकसभा चुनाव में मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार हुई
नई दिल्ली। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक बार फिर पार्टी संसदीय दल का प्रमुख नेता चुना लिया गया है। इस मौके पर सोनिया ने नरेन्द्र मोदी पर करारा प्रहार किया और कहा कि लोकसभा चुनाव में मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार हुई है और उन्होंने नेतृत्व करने का अधिकार खो दिया है।
पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी को सीपीपी नेता बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसका पार्टी के तीन सांसदों गौरव गोगोई, तारिक अनवर और के. सुधाकरन ने अनुमोदन किया। सीपीपी प्रमुख चुने जाने पर सोनिया ने पार्टी नेताओं का आभार माना और कहा कि कांग्रेस ने इस चुनाव में अपनी दृढ़ता का परिचय दिया है। उन्होंने यह दावा भी किया कि लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की राजनीतिक और नैतिक हार हुई है तथा ऐसे में उन्होंने न सिर्फ जनादेश बल्कि नेतृत्व करने का अधिकार भी खो दिया है।
सोनिया ने कहा कि देश की जनता ने विभाजन की राजनीति और तानाशाही को खारिज करने के लिए वोट किया। जनता ने संसदीय राजनीति को मजबूत करने और संविधान की रक्षा के लिए मतदान किया।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा ऐतिहासिक आंदोलन थे, जिन्होंने पार्टी में हर स्तर पर नई जान फूंकी। राहुल गांधी अभूतपूर्व व्यक्तिगत व राजनीतिक हमलों का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता के लिए विशेष धन्यवाद के पात्र हैं। सोनिया के सीपीसी प्रमुख चुने जाने से पहले पार्टी की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालने का आग्रह किया गया।
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वे नेहरू के बाद ऐसा करने वाले दूसरे पीएम बन गए हैं। मोदी के बाद राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा ने शपथ ली। कयास हैं कि मोदी के साथ करीब 63 मंत्री शपथ ले सकते हैं।
देश के फिल्म स्टार भी इस समारोह में पहुंचे
राष्ट्रपति भवन में 7 देशों के लीडर्स के अलावा देश के फिल्म स्टार भी इस समारोह में पहुंचे। इनमें अक्षय कुमार, शाहरुख खान, विक्रांत मेसी और राजकुमार हिरानी शामिल हैं। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी भी दिखे।
मोदी ने रविवार सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे अटल जी की समाधि और नेशनल वॉर मेमोरियल गए। सुबह मोदी ने अपने आवास पर संभावित मंत्रियों के साथ मीटिंग की।
मुंबई। लोकसभा चुनाव में भाजपा महायुति को महाराष्ट्र में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. उसकी तुलना में महाविकास अघाड़ी को बड़ी सफलता हासिल हुई है. बीजेपी ने राज्य में 9 सीटों पर जीत हासिल की है. ऐसे में एनसीपी के अजित पवार गुट को एक सीट से ही संतोष करना पड़ा. महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को मिली सफलता के बाद अब आघाडी विधानसभा के लिए तैयारी कर रही हैं. सूत्रों की मानें तो उत्तरी महाराष्ट्र के दो विधायक एनसीपी के शरद पवार गुट में शामिल होने की तैयारी में हैं, वहीं चर्चा है कि राज्य में एक बार फिर बड़ा सियासी भूचाल आ सकता है. कहा जा रहा है कि दो विधायक, एक अजित पवार गुट से और एक कांग्रेस से, शरद पवार गुट में जाने की राह पर हैं। शरद पवार के उत्तर महाराष्ट्र से दो सांसद चुने जाने के बाद स्थानीय राजनीति में पवार गुट की ताकत बढ़ गई है. सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार गुट के विधायक का शरद पवार गुट में शामिल होने का फैसला लगभग तय है क्योंकि स्थिति महाविकास अघाड़ी के भी अनुकूल है. उधर कांग्रेस ने महाराष्ट्र में 13 लोकसभा सीटें जीती हैं। महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस अब बड़ा भाई बन गई है. लेकिन इसके बावजूद ऐसी जानकारी सामने आ रही है कि कांग्रेस का एक असंतुष्ट विधायक शरद पवार के गुट में शामिल होगा. चर्चा है कि विधायकों ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी बदलने का फैसला किया है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ये दोनों विधायक कौन हैं.
चंडीगढ़ । चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर दोपहर 3:40 बजे सीआईएसएफ की कुलविंदर कौर पर कंगना को थप्पड़ मारने का आरोप है। जब वह चंडीगढ़ से दिल्ली वापस जा रही थीं। बताया जा रहा है कि किसानों पर कंगना के दिए बयान को लेकर महिला सिपाही नाराज थी। सूत्रों के अनुसार कंगना रनौत चंडीगढ़ से मुंबई के लिए शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जब चैकिंग कर रही थीं तो वहां उपस्थित सीआईएसएफ में तैनात महिला सुरक्षा कर्मी ने जब उनसे पूछा कि मैडम आप बीजेपी से जीती हैं।आपकी पार्टी किसानों के लिए कुछ क्यों नहीं कर रही।
इसको लेकर बहस हो गई। इसके बाद आरोप लग रहे है कि सीआईएसएफ की महिला कर्मी ने उन्हें थप्पड़ लगा दिया। हालांकि एयरपोर्ट से सीईओ की ओर से जानकारी जुटाई जा रही है। लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट पर भाजपा प्रत्याशी बॉलीवुड क्वीन कंगना रणौत के सिर जीत का ताज सजा है। कंगना ने मंडी की बाजी मार ली, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह को हार का सामना करना पड़ा है।संसदीय क्षेत्र मंडी के चुनावी रण में 10 प्रत्याशी उतरे थे। मंडी सीट पर देशभर की नजरें लगी हुई थीं। मुख्य मुकाबला कंगना और विक्रमादित्य सिंह के बीच ही रहा। कंगना ने कुल 5,37,022 वोट हासिल किए।
कैबिनेट में जेडीयू कोटे से शामिल होने वाले मंत्रियों की सूची हो रही तैयार
पटना। लोकसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनने की कवायत शुरु हो गई है। देश में एनडीए की सरकार बनना लगभग तय है। ऐसा माना जा रहा है कि नई सरकार का शपथग्रहण समारोह 8 जून को होगा। इसी बीच सूत्रों से खबर मिली है कि नई सरकार बनते ही नीतीश कुमार लंदन जाने वाले है। नीतीश बुधवार को एनडीए की बैठक के बाद पटना लौटना था, लेकिन नीतीश दिल्ली में ही रुक गए हैं। सूत्रों ने बताया कि लंदन जाने से पहले नीतीश कुमार मोदी कैबिनेट में जेडीयू कोटे से शामिल होने वाले मंत्रियों की सूची तैयार कर रहे हैं। इसके लिए बीजेपी के आला नेताओं से बातचीत करेंगे।
बता दें कि नीतीश कुमार के दिल्ली में रुकने की राजनीतिक व्यस्तता तो है ही, एक और वजह से नीतीश दिल्ली में रुके हुए हैं। सूत्रों की मानें तो नीतीश अगले मंगलवार को लंदन जाने वाले हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले भी नीतीश कुमार लंदन चले गए थे। हालांकि, इस बार मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद वह लंदन जाएंगे। यह भी कहा जा रहा है कि नीतीश एक बार फिर इलाज के लिए लंदन जा रहे हैं। इसलिए मंत्री पद जैसे मुद्दों को सुलझाने वह दिल्ली में रुक गए हैं। दिल्ली की राजनीतिक गलियारों में कल से ही जेडीयू कोटे से कौन मंत्री बनेगा और कौन सा मंत्रालय मिलेगा, इसकी चर्चा चल रही है। एनडीए में शामिल अन्य घटक दलों ने भी मंत्री पद को लेकर जोर आजमाइश शुरू हो गई है। ऐसे में नीतीश दिल्ली में रहकर यह मामला सुलझाना चाहते हैं।
ऐसी संभावना है कि लंदन दौरे से पहले नीतीश चुनाव के बाद रणनीतियों पर मंथन के लिए दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे। सूत्र बता रहे हैं कि नीतीश की अनुपस्थिति में बिहार चीफ सेक्रेटरी को नीतीश कुमार अपना अधिकार देकर जाएंगे। इस साल सात मार्च को भी नीतीश लंदन गए थे। तब उनके साथ राज्यसभा सांसद संजय झा भी गए थे। माना जा रहा है कि संजय झा ही उनके साथ जा रहे हैं।
फडणवीस के इस्तीफे की पेशकश पर संजय राउत ने बीजेपी को घेरा
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ी मुश्किल से एनडीओ को तीसरी बार जीत मिली और अब वह सरकार बनाने जा रही है। बीजेपी की अगुवाई में मोदी सरकार 3.0 शपथ लेने की तेयार में है, लेकिन बीजेपी के मन में एक सवाल रह रह उठा रहा होगा कि आखिर यूपी और महाराष्ट्र में इतना बड़ा झटका कैसे मिला? बीजेपी ने यूपी-महाराष्ट्र समेत हिंदी बेल्ट के राज्यों के सहारे 400 पार का सपना देखा था लेकिन लोकसभा चुनाव के नतीजों ने उसके सपने को चकनाचूर कर दिया। अपने दम पर बहुमत न मिलने और यूपी-महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन से पिछड़ने के बीजेपी में साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं।
यही वजह है कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हार की जिम्मेदारी ले ली है। साथ ही उन्होंने इस्तीफे की पेशकश करके सियासी हलचल बढ़ा दी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या महाराष्ट्र की हार की जिम्मेदारी लेकर क्या देवेंद्र फडणवीस यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं?
दरअसल, फडणवीस के इस्तीफे की पेशकश पर संजय राउत ने एक सवाल दाग दिया है संजय राउत का मानना है कि देवेंद्र फडणवीस तो बहाना हैं, सीएम योगी असली निशाना हैं। संजय राउत का कहना है कि फडणवीस इस्तीफे की पेशकश देकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं। राउत ने यहां तक कह दिया कि बीजेपी के इस नतीजे की जिम्मेदारी पीएम मोदी को लेनी चाहिए और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। अगर महाराष्ट्र में फडणवीस के नेतृत्व में बीजेपी हारी है, तो यूपी में भी योगी के नेतृत्व में हारी है। इसीलिए फडणवीस इस्तीफे की बात कर रहे हैं।
चुनावी नतीजों से पहले अरविंद केजरीवाल ने भी योगी आदित्यनाथ को लेकर एक दावा किया था। अब उस दावे में संजय राउत ने ट्विस्ट दे दिया है। दरअसल, महाराष्ट्र और यूपी… ये दो ऐसे राज्य हैं, जहां बीजेपी को बहुत नुकसान हुआ है। महाराष्ट्र में जहां उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस ने मिलकर बीजेपी को बड़ा झटका दिया। वहीं यूपी में अखिलेश यादव की सपा ने बीजेपी को शिकस्त दी। यूपी में सपा अब बीजेपी से आगे हो गई है।
यह पहली बार नहीं है, जब विपक्षी गठबंधन के टारगेट पर सीएम योगी हैं। इससे पहले भी संजय राउत योगी पर निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा था कि सीएम योगी को यूपी में ही रहना चाहिए क्योंकि वहां की स्थिति ‘गंभीर’ है। बीजेपी पर दूसरी पार्टियों में दरार पैदा करने का आरोप लगता रहा है, अब इंडिया गठबंधन उसी के हथियार से बीजेपी को शिकार बना रहा है। सीएम योगी को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं के बयान बीजेपी में दरार पैदा करने की कोशिश की है।
दो बजे तक की काउटिंग में यह लगभग साफ हो गया है कि इस बार भाजपा अपने दम पर सरकार नहीं बना पाएगी। दो बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए को कुल 295 सीटें मिलती दिख रही है। अबतक की काउंटिंग में भाजपा अकेले दम पर 240 सीट पर लीड बनाए हुए है। वहीं, एनडीए 229 सीटों पर लीड बनाकर कड़ी टक्कर देता दिख रहा है।इस बीच इस बात की चर्चा तेज हो रही है कि नीतीश कुमार एक बार फिर पलटी मार सकते हैं। इंडी गठबंधन के कई नेता व प्रवक्ता इस संबंध में बयानबाजी कर रहे हैं। इस बीच जदयू नेता और नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले केसी त्यागी ने सफाई दी है।केसी त्यागी ने कहा है कि नीतीश कुमार कल प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर पटना लौटे हैं। हम अपने पुराने स्टैंड पर कायम हैं। JDU नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर एक बार NDA में अपनी आस्था का इजहार करता है और हम NDA में ही बने रहेंगे।
लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा दे रही बीजेपी को झटका लगा है। 400 सीटें तो दूर, रुझानों में बीजेपी अकेले दम पर भी सरकार बनाती नहीं दिख रही है। अब तक के रुझानों में एनडीए 295 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि 239 बीजेपी सीटों पर आगे चल रही है। वहीं, इंडी गठबंधन 225 सीटों पर आगे चल रहा है।इस बीच बीजेपी नेताओं ने टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू को फोन किया है। बीजेपी नेताओं ने नायडू से फोन पर बातचीत की है। बतादें कि टीडीपी ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है। टीडीपी फिलहाल 16 सीटों पर आगे चल रही है।पीएम मोदी और अमित शाह ने टीडीपी प्रमुख से बातचीत की है। दोनों नेताओं ने नायडू को फोन पर बधाई दी है।बता दें कि टीडीपी एनडीए में सहयोगी है। टीडीपी एनडीए की सरकार बनाने में किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।