ईश्वर दुबे
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झारखंड की राजधानी रांची में भाजपा झारखंड की विस्तृत कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्य की झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा की झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार देश में सबसे भ्रष्ट है, जो करोड़ों रुपये के भूमि, शराब, खनन घोटाले में शामिल है। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि बड़े पैमाने पर घुसपैठ के कारण झारखंड में जनजातीय आबादी घट रही है। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा राज्य में सरकार बनाती है तो वह जनसांख्यिकी पर एक 'श्वेत पत्र' लाएगी ताकि उनकी भूमि और अधिकारों की रक्षा की जा सके। भाजपा कार्यसमिति की बैठक को संबोधित हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कई बार हम देखते हैं कि लोकतंत्र में जीतने के बाद अहंकार आ जाता है, झारखंड में ऐसे लोग सत्ता में हैं। लेकिन हारने के बाद भी अहंकार, ये मैंने पहली बार देखा है। चुनाव कौन जीता, ये तो सबको पता है, लेकिन कांग्रेस में जो अहंकार है, वो हम सबने देखा है। रांची में पार्टी की बैठक में अमित शाह ने कहा कि - इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 2014, 2019 और 2024 में कांग्रेस की संयुक्त सीटों से अधिक सीटें मिली हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद राहुल गांधी अहंकार दिखा रहे हैं और हार स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में झारखंड में भाजपा सरकार बनाएगी और 81 में से 52 सीटों पर कब्जा जमाएगी।
'सांसद के घर से 300 करोड़ मिले, कांग्रेस दे जवाब'
इस दौरान उन्होंने कहा- कि झारखंड के एक सांसद के घर से 300 करोड़ रूपये मिलते हैं, एक नेता के पीए के घर से 30 करोड़ मिलते हैं, कांग्रेस पार्टी जवाब दे ये पैसे किसके हैं? जिसके घर से पैसे मिले हैं, कांग्रेस उसको फिर से टिकट देगी, क्योंकि अगर उसकी टिकट काटी तो वो बता देगा कि ये पैसा किसका है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह के शहर में कार्यक्रम के दौरान एक शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में डीएसपी हटिया प्रमोद कुमार मिश्रा ने कहा, वो शख्स काफिले (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के काफिले) में शामिल नहीं था। हालांकि, वह तेज गति से गाड़ी चला रहा था और काफिले का पीछा कर रहा था, इसलिए पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।
ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब यूपीएससी परीक्षा प्रक्रियां को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसकी प्रक्रिया को लेकर सरकार पर तंज किया और सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपने इस पोस्ट में लिखा, यूपीएससी देश की सबसे नामी परीक्षा है और उससे निकले लोग शासन व्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण स्तम्भ होते हैं। देश के करोड़ों लोगों का भरोसा और हमारे रोजमर्रा के शासन-प्रशासन का कामकाज इस संस्था की पेशेवर प्रणाली से जुड़ा है। मैंने खुद देखा है कि इस परीक्षा के लिए युवा कितनी मेहनत, आंखों में ढेर सारे सपने लिए और दिल में लगन के साथ तैयारियां करते हैं। यूपीएससी की प्रक्रियाओं में गड़बड़ी की खबरें बहुत हैरान करने वाली हैं। इस महत्वपूर्ण चयन प्रक्रिया में हुई एक भी गड़बड़ी बड़े सवाल खड़े करती है और लाखों युवाओं के सपनों और उनके विश्वास पर चोट करती है। जरूरी है कि इन सवालों का जवाब जनता और यूपीएससी की तैयारी करने वाले युवाओं को मिले। क्या इसके लिए यूपीएससी के उच्च पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों से आए लोग जिम्मेदार हैं? यदि हां तो उन पर कार्रवाई कब? जिस सिस्टम में एक-एक नंबर के चलते उच्च स्तर का कम्पटीशन होता है, उसमें क्या केवल सतही तौर पर जांच करके पल्ला झाड़ना उचित है? नकली सर्टिफिकेट का सिस्टम एसी, एसटी, ओबीसी, विकलांग व ईडब्ल्यूएस वर्ग के अभ्यर्थियों को मिलने वाले मौके पर चोट करता है। क्या सर्टिफिकेट जांचने की कोई ठोस संस्थागत प्रणाली विकसित नहीं की जा सकती? यूपीएससी प्रणाली को और अधिक पारदर्शी व प्रामाणिक बनाने के लिए बदलावों की सख्त जरूरत है, क्या इस पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। यूपीएससी से जुड़े सवाल इस देश के शासन-प्रशासन के प्रति भरोसे और हमारे करोड़ों युवाओं के सपनों से जुड़े सवाल हैं। इस पर सरकार से जवाब आना जरूरी है।
धार । धार सांसद और केेंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर अौर सांसद शंकर लालवानी के निर्वाचन को रद्द करने संबंधी याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में लगी है। देश में सबसे ज्यादा वोटों से जीतने वाले सांसद शंकर लालवानी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में खड़े निर्दलीय उम्मीदवार धर्मेंद्र झाला ने लगाई। याचिका में कहा गया कि उनका उन्होंने लोकसभा चुनाव मेें नाम वापस नहीं लिया। वो धर्मेंद्र कोई दूसरा था, लेकिन मुझे चुनाव लड़ने नहीं दिया गया। इस कारण इंदौर लोकसभा क्षेत्र का निर्वाचन निष्पक्ष नहीं है। केंद्रीय महिला व बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में कांग्रेस उम्मीदवार रहे राधेश्याम मुवेल ने याचिका लगाकर उनका निर्वाचन रद्द करने की मांग की है। राधेश्याम ने याचिका में कहा कि नामांकन के समय भरे गए शपथ पत्र में आय को लेकर गलत जानकारी दी है और कुछ काॅलम खाली छोड़े है। मुवेल ने कहा कि मंत्री ने वर्ष 2018 व 19 में अपनी आय 38 हजार रुपये बताई,जबकि सांसद का वेतनमान ही पौने दो लाख रुपये प्रतिमाह होता है। फार्म में परिवार की आय के ब्यौरे को भी खाली रखा। इस आधार पर ठाकुर का निर्वाचन शून्य होना चाहिए। मुवेल ने कहा कि हमने चुनाव के समय भी धार प्रशासन के समक्ष यह आपत्ति दर्ज कराई थी, लेकिन उन्होंने उसे खारिज कर दिया गया। इस कारण याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई गई है।
मुंबई। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को विश्वासघात का शिकार कहने के बाद भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन में सामने आईं। शंकराचार्य पर निशाना साधकर सांसद रनौत ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शिंदे को देशद्रोही और विश्वासघाती कहकर सभी की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। कंगना ने कहा कि राजनीति में गठबंधन और पार्टी का विभाजन होना बहुत सामान्य और संवैधानिक है। कांग्रेस पार्टी 1907 में और फिर 1971 में विभाजित हुई थी। यदि कोई राजनेता राजनीति नहीं करता है, तब क्या वह गोलगप्पे बेचेगा?
उन्होंने कहा कि धर्म भी कहता है कि यदि राजा स्वयं अपनी प्रजा का शोषण करने लगे...देशद्रोह ही परम धर्म है। कंगना ने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने ऐसी ओछी टिप्पणी करके हिंदू धर्म का अपमान किया है। भाजपा नेता ने कहा कि शंकराचार्य जी ने अपने शब्दों और अपने प्रभाव का दुरुपयोग किया है। सप्ताह की शुरुआत में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शिवसेना (यूबीटी) नेता और उद्धव ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात कर कहा कि वह विश्वासघात का शिकार हुए हैं। हालांकि, अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने वाले शंकराचार्य ने कहा कि उनकी टिप्पणी राजनीतिक प्रकृति की नहीं थी। उद्धव ठाकरे को धोखा दिया गया है। कई लोग इससे व्यथित हैं।
उन्होंने कहा कि गद्दारी करने वाला हिंदू नहीं हो सकता। जो विश्वासघात सहन करता है वह हिंदू है... महाराष्ट्र की पूरी जनता विश्वासघात से व्यथित है और यह हाल के (लोकसभा) चुनावों में परिलक्षित हुआ।
पुणे । लोकसभा चुनाव में हार के बाद एनसीपी को लोकल नेतृत्व द्वारा बड़ा झटका लगने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने गुरुवार को पुणे में पिंपरी चिंचवड़ के पार्टी नेताओं के साथ बैठक की। यह घटनाक्रम राकांपा को उस समय बड़ा झटका लगने के एक दिन बाद आया है, जब पिंपरी-चिंचवड़ इकाई के प्रमुख अजीत गव्हाणे सहित 25 नेताओं ने पार्टी छोड़कर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) में शामिल हुए। गव्हाणे के अलावा, पिंपरी-चिंचवड़ इकाई के वरिष्ठ राकांपा नेता राहुल भोसले, पंकज भालेकर और यश साने ने पार्टी छोड़ दी और एक दिन बाद पुणे में पार्टी प्रमुख शरद पवार के आवास पर राकांपा (सपा) में शामिल हो गए। पाला बदलने वाले बाकी सदस्य पूर्व पार्षद हैं।
गव्हाणे ने कहा कि हम शरद पवार की पार्टी में शामिल हो गए हैं। हमारा मानना है कि केवल यही पार्टी पिंपरी-चिंचवाड़ और शेष महाराष्ट्र को आगे ले जा सकती है। राकांपा पदाधिकारियों ने पहले आरोप लगाया था कि अजित अब सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में पार्टी प्रमुखों के साथ आसान संबंध साझा नहीं करते हैं। आरएसएस से जुड़े प्रकाशन विवेक ने दावा किया है कि अजित के नेतृत्व वाली राकांपा के साथ गठबंधन के बाद महाराष्ट्र में मतदाताओं की भावनाएं भाजपा के खिलाफ हो गईं, जिसके परिणामस्वरूप भगवा पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा।
एनसीपी-एसपी के अनुसार, यह अजित के लिए महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गुट छोड़ने का एक सूक्ष्म संदेश है। पिछले साल जुलाई में अजित और कुछ विधायकों के शरद पवार से अलग होकर शिवसेना- भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद राकांपा विभाजित हो गई थी। अजीत ने आठ अन्य वफादार विधायकों के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिन्होंने मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
हैदराबाद। उत्तर प्रदेश में कावंड यात्रा की तैयारियां की जा रहीं हैं। इसी के चलते राज्य में दुकानों एवं ठेलों पर दुकानदार के नाम लिखे जाने को लेकर बवाल मचा हुआ है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार, अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले। ओवैसी ने इसकी तुलना दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और जर्मनी में हिटलर के तानाशाही फैसले से करते हुए कहा कि इसे दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम जूडेनबॉयकॉट था। बता दें, कावड़ यात्रा के दौरान दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मार्ग पर बड़ी संख्या में कांवड़िये यात्रा करते हैं। हर वर्ष सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त गंगा तट पर जाते हैं। इस दौरान सात्विक भोजन करने पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाता है। यह यात्रा अक्सर नंगे पैर ही की जाती है। ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पुलिस अधिकारी के कावड़ यात्रा की तैयारी के वीडियो पर रिप्लाई करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से लोकसभा सांसद हैं। ओवैसी ने जिस वीडियो पर रिप्लाई दिया है, उसमें एक पुलिस अधिकारी कह रहा है कि कावड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और हमारे जनपद में लगभग 240 किलोमीटर का कावड़ मार्ग है। इस मार्ग में होटल, ढाबे और ठेले वालों से कहा गया है कि वह दुकान के मालिक और वहां काम करने वालों के नाम जरूर प्रदर्शित करें। उन्होंने कहा कि यह फैसला कावड़ियों में किसी भी प्रकार से कंफ्यूजन से बचने के लिए लिया गया है, ताकि किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इसलिए इसका निर्देश दिया गया है और सब इसका स्वेच्छा से पालन कर रहे हैं।
नई दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आरोप लगाया था कि दक्षिणी राज्य में विकास परियोजनाओं के लिए केंद्र धनराशि रोक रहा है। केंद्र सरकार ने उनके इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। साथ ही उन्होंने तमिलनाडु में पिछले दिनों योजनाओं के लिए दी गई धनराशि में वृद्धि के बारे में बताया। केंद्र ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के उन आरोपों को खारिज कर दिया है। जिसमें उन्होंने वह दक्षिणी राज्य में विकास परियोजनाओं के लिए धनराशि रोक रहा है। केंद्र सरकार ने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु में रेलवे, राजमार्ग, हवाई अड्डों और सामाजिक एवं ग्रामीण क्षेत्रों की योजनाओं के लिए धनराशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है। उन्होंने बताया कि 2009 से 2014 के बीच रेलवे के विकास के लिए तमिलनाडु को आवंटित बजट औसतन 879 करोड़ रुपये प्रति वर्ष था। जबकि केंद्र सरकार ने 2024-25 के बजट में राज्य के लिए 6,331 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। उन्होंने बताया कि इस रिकॉर्ड बजट के परिणामस्वरूप तमिलनाडु में नई रेलवे लाइनों का निर्माण, विद्युतीकरण, नई ट्रेनों का संचालन, स्टेशनों का विकास और यात्री सुविधाओं में वृद्धि का काम रिकॉर्ड गति से हो रहा है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में राजमार्गों की कुल लंबाई 2014 में 4,985 किलोमीटर से बढ़कर 6,806 किलोमीटर हो गई है। वहीं तमिलनाडु में 2014 से अब तक 64,704 करोड़ रुपये की लागत से 2,094 किलोमीटर लंबाई वाली परियोजनाएं दी गई हैं।" उन्होंने बताया कि 48,425 करोड़ रुपये की लागत से 1,329 किलोमीटर लंबाई वाली परियोजनाएं क्रियान्वयन के अधीन हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास में कुल 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। तमिलनाडु में केंद्र द्वारा 4,000 करोड़ रुपये की पांच परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से दो पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि तमिलनाडु में प्रमुख बंदरगाहों में कुल निवेश 10,168 करोड़ रुपये है। यही नहीं मत्स्य एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ) के तहत केंद्र द्वारा तमिलनाडु के लिए 1,574 करोड़ रुपये की 64 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 34 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। रिकॉर्ड के अनुसार पीएम आवास योजना के तहत केंद्र ने पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु में 15 लाख से अधिक घरों के निर्माण के लिए 20,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत तमिलनाडु में रेहड़ी-पटरी वालों को 670 करोड़ रुपये के पांच लाख से अधिक ऋण वितरित किए गए हैं। तमिलनाडु के 46 लाख से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 11,000 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि जल जीवन मिशन के तहत एक करोड़ से अधिक घरों को नल के पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिणी राज्य को केंद्र की पीएम उज्ज्वला और पीएम मातृ वंदना योजना के तहत क्रमशः 700 करोड़ रुपये मिले हैं। यही नहीं केंद्र ने तमिलनाडु में मनरेगा के तहत 13,392.89 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो 2023-24 में देश भर में कुल खर्च का 12.71 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि केंद्र ने तमिलनाडु में 11 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी और 2,145 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की और सभी 11 मेडिकल कॉलेज अब पूरी तरह से काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुंबई के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह गोरेगांव में एनईएससीओ प्रदर्शनी केंद्र में 29,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) की ठाणे-बोरीवली और बीएमसी की गोरेगांव मुलुंड लिंक रोड परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, दोनों में दो सुरंगें हैं। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मध्य रेलवे के कल्याण यार्ड रिमॉडलिंग और नवी मुंबई के तुर्भे में गति शक्ति मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल की आधारशिला रखेंगे। इसके साथ ही वह लोकमान्य तिलक टर्मिनस में नए प्लेटफॉर्म और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में प्लेटफॉर्म 10 और 11 के विस्तार को देश को समर्पित करेंग। एमएमआरडीए के एकप्रवक्ता ने कहा कि ठाणे-बोरीवली सुरंग परियोजना 16,600 करोड़ रुपये की लागत से बनाई जा रही है। संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नीचे से गुजरने वाली ट्यूब सुरंगें बोरीवली में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और ठाणे में घोड़बंदर रोड के बीच सीधा संपर्क बनाएंगी।उन्होंने आगे बताया कि 11.8 किलोमीटर लंबी बोरीवली ठाणे लिंक रोड बनने से ठाणे से बोरीवली की दूरी 12 किलोमीटर कम हो जाएगी और एक घंटे समय भी कम लेगागा। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री पहली बार मुंबई आ रहे हैं। राज्य सरकार का मानसून सत्र 12 जुलाई को समाप्त हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी आज विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद पश्चिमी उपनगर के नेस्को सेंटर (गोरेगांव) में एक सभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस बैठक की तैयारियों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन 6 में से सिर्फ 2 सीटें जीतने में कामयाब रहा। प्रधानमंत्री के मु्ंबई दौरे को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किया जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि वह मुकेश अंबानी के छोटे बेट अनंत अंबानी की शादी में शिरकत कर सकते हैं। जिसकों देखते हुए मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में सुरक्षा को कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। ट्राइडेटन होटल के आसपास की बिल्डिंग को सुरक्षित किया जा रहा है।पीएम मोदी आज विकास कार्यों की सौगात देंगे
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने कांग्रेस सरकार द्वारा साल 1975 में देश में आपातकाल लागू करने के फैसले का बचाव किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने शुक्रवार को 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का एलान किया। इस पर संजय राउत ने केंद्र पर हमला बोला और दावा किया कि अगर उन परिस्थितियों में अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री होते तो वह भी आपातकाल लागू कर देते। संजय राउत ने कहा 'आपातकाल लागू हुए 50 साल बीत चुके हैं और लोग भी आपातकाल को भूल चुके हैं। देश में आपातकाल क्यों लागू किया गया? कुछ लोग देश में अराजकता फैलाना चाहते थे। रामलीला मैदान से खुलेआम एलान किया गया, हमारे जवान, सेना को कहा गया कि वह सरकार के आदेश न मानें...ऐसी परिस्थिति में अगर अटल बिहारी वाजपेयी भी प्रधानमंत्री होते तो वो भी आपातकाल लागू कर देते। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था। देश में कुछ लोग बम बना रहे थे और विभिन्न स्थानों पर बम फट रहे थे। बालासाहब ठाकरे ने खुलकर आपातकाल का समर्थन किया था। आरएसएस ने भी उसका समर्थन किया था।' शिवसेना यूबीटी नेता ने कहा 'बालासाहब ठाकरे ने खुलकर साल 1975 में लगाए गए आपातकाल का समर्थन किया था। उन्होंने इंदिरा गांधी का भी समर्थन किया था और जब वे मुंबई आईं थी तो उनका स्वागत किया गया था। उन्होंने आपातकाल का समर्थन इसलिए किया था क्योंकि उन्हें लगा था कि देश में अराजकता को नियंत्रित करने की जरूरत है। इसमें क्या गलत था?' संजय राउत ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि 'भाजपा के बीते 10 वर्षों में जो हुआ, उसे भी याद रखा जाएगा। वे भी संविधान के रक्षक नहीं हैं।'
रुवनंतपुरम। केरल के राज्यपाल और केरल सरकार के बीच मनमुटाव बना हुआ है। अब हाल ही में राज्यपाल ने केरल सरकार के फैसलों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे ऐसे कई काम करती है जो कि कानून के मुताबिक नहीं होते हैं। दरअसल केटीयू के कुलपति के चयन के लिए कुलाधिपति के नामित व्यक्ति के बिना ही समिति गठित कर दी थी। कुछ समय से राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों सहित नियुक्तियों के मुद्दे पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और वामपंथी प्रशासन पिछले कुछ समय से आमने-सामने हैं। जहां एक ओर राज्यपाल ने सरकार पर विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है, वहीं वाम मोर्चे ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान राज्य में उच्च शिक्षा का भगवाकरण करने के लिए आरएसएस और संघ परिवार के एजेंडे को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को कहा कि केरल सरकार कई ऐसे काम करती है जो कानून के मुताबिक नहीं होते। दरअसल एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (केटीयू) के कुलपति का चयन करने के लिए कुलाधिपति के नामित व्यक्ति के बिना खोज समिति बनाने को लेकर राज्यपाल नाराज हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार पर निर्भर करता है कि वे क्या करना चाहते हैं। वे कई ऐसे काम कर रहे हैं जो कि कानून के मुलाबिक नहीं हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने शुक्रवार को कथित तौर पर केटीयू के कुलपति का चयन करने के लिए पांच सदस्यीय खोज-सह-चयन समिति का गठन किया था। इस पूरे मामले पर केरल के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, आखिरकार, इस मामले का निपटारा तो अब अदालत ही करेगी।
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सुरक्षित भविष्य के लिए पौध-रोपण ज़रूरी है। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान में पौधे ज़रूर लगाए। राज्यपाल पटेल ने स्वयं अभियान के तहत राजभवन परिसर में अधिकारी-कर्मचारियों के साथ पौध-रोपण किया। उन्होंने क्रिसमस ट्री का पौधा रोपा।
राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चंद गुप्ता, अपर सचिव उमाशंकर भार्गव, विधि अधिकारी उमेश श्रीवास्तव और राजभवन के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सोमवार को राजभवन में मध्यप्रदेश शासन के मंत्री के रूप में रामनिवास रावत को पद और गोपनीयता की शपथ दिलायी।
शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेन्द्र शुक्ल, पंचायत और ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम टेटवाल, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, सांसद वी.डी. शर्मा और महापौर भोपाल श्रीमती मालती राय भी उपस्थित थीं। शपथ विधि समारोह का संचालन मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा ने किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना, राज्यपाल के प्रमुख सचिव मुकेश चंद गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय शुक्ल सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर के दौरे पर हैं। मणिपुर पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी के दौरे से पहले जिरिबाम क्षेत्र में सोमवार की सुबह अज्ञात बंदूकधारियों ने गोलीबारी की। सुबह के साढ़े तीन बजे अज्ञात लोगों ने इलाके में गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी मैतेई इलाके में की गई। गोलीबारी की जानकारी पाकर सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे। सुबह के सात बजे तक सुरक्षाकर्मियों और बंदूकधारियों के बीच गोलीबारी जारी रही। एहतियात के तौर पर आसपास के इलाकों में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया। बता दें कि मणिपुर में पिछले एक साल से जातीय हिंसा जारी है। राहुल गांधी के राहत शिविर में लोगों से मुलाकात को लेकर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष देबब्रत ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "जिरिबाम में हाल ही में हुए हिंसा से प्रभावित लोगों से मिलने के लिए राहुल गांधी यहां आए। पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर में स्थिति सामान्य हो गई है। सब ने इसे मान लिया। लेकिन तथ्य यह है कि राहत शिविरों के पीड़ितों ने अपनी कहानियां सुनाईं। उन्होंने बताया कि उनका सबकुछ तबाह हो चुका है। सरकार की तरफ से कुछ भी नहीं किया गया। राहुल गांधी ने पीड़ितों से उनकी कहानी सुनी।" जिरिबाम में पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी इंफाल एयरपोर्ट पहुंचे। शाम में वह राज्यपाल से मिलेंगे। जिरिबाम में पीड़ितों से मिलने के बाद राहुल गांधी चुराचांदपुर जिले में तुइबोंग के मंडप पहुंचे। यहां उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की। राहुल गांधी तीसरी बार मणिपुर का दौरा कर रहे हैं। राज्य में पिछले साल जातीय हिंसा शुरू होने के बाद जून 2023 में वह मणिपुर आए थे और इस साल की शुरुआत में उन्होंने भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत भी इसी राज्य से की थी। मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पिछले साल तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 160 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।