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मुंबई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अजंता गुफाओं की नई रेल कनेक्टिविटी परियोजना के बारे में मीडिया को जानकारी दी। यह महत्वाकांक्षी पहल मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है। मध्य रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रस्तावित रेल लाइन, जो जालना से जलगाँव तक 174 किलोमीटर लंबी होगी, 7,106 करोड़ रूपये की लागत से विकसित की जाएगी, जिसमें महाराष्ट्र सरकार और रेल मंत्रालय की समान भागीदारी होगी। इस परियोजना से 60 लाख मानव-दिनों का रोजगार सृजित होने की उम्मीद है और सीओ 2 उत्सर्जन को 54 करोड़ किलोग्राम तक घटाया जाएगा, जो 2.2 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। नई दिल्ली में आयोजित इस प्रेस ब्रीफिंग में वे मुंबई और महाराष्ट्र से भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे ,श्री वैष्णव ने परियोजना के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। नई रेल लाइन जालना और जलगाँव के बीच यात्रा की दूरी को लगभग 50% घटा देगी, जो कि 336 किलोमीटर से 174 किलोमीटर तक की होगी। इस विकास से मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा। परियोजना में भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग शामिल होगी, जिसकी लंबाई 23.5 किलोमीटर होगी और इसके लिए 935 हेक्टेयर भूमि की अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। रेल लाइन को 4 से 5 वर्षों में पूरा किए जाने की उम्मीद है। श्री वैष्णव ने कहा कि इस रेल लाइन से मराठवाड़ा क्षेत्र और उत्तर महाराष्ट्र को कई लाभ होंगे। यह बंदरगाह कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, सोयाबीन और कपास जैसे कृषि उत्पादों की परिवहन को सुगम बनाएगा, और उर्वरक और सीमेंट जैसे उद्योगों का समर्थन करेगा। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना अजंता गुफाओं के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की पहुंच में सुधार कर पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। अजंता गुफाओं की रेल कनेक्टिविटी परियोजना मराठवाड़ा क्षेत्र और उत्तर महाराष्ट्र में पर्यटन में वृद्धि करने तथा नए व्यापार के अवसर प्रदान करेगी जिससे क्षेत में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा साथ ही निवासियों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी।

जोधपुर । देश के उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि देश में कुछ लोग साजिश के तहत ऐसा नैरेटिव चला रहे हैं कि पड़ोसी देश (बांग्‍लादेश) में हाल ही में जैसा घटनाक्रम हुआ है, भारत में भी वैसा ही घटित होगा। उपराष्‍ट्रपति राजस्थान हाई कोर्ट की प्लेटिनम जुबली के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतें वैधता प्राप्त करने के लिए संवैधानिक संस्थानों को प्लेटफार्म बना रही हैं और देश तोड़ने को तत्पर हैं। उन्‍होंने कहा कि देशहित सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता। धनखड़ ने ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील की है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये लोग अपने जीवन में उच्च पदों पर रहे हैं, देश की संसद के सदस्य रहे हैं, मंत्री रहे हैं और उनमें से एक को विदेश सेवा का लंबा अनुभव है। ऐसे जिम्मेदार पदों पर रहे लोग ऐसा मिथ्या प्रचार कैसे कर सकते हैं।
इसके साथ ही उपराष्‍ट्रपति ने देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने में न्यायपालिका की भूमिका की सराहना की। साथ ही कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में केवल एक समय ऐसा आया जब आपातकाल के दौरान न्यायपालिका इंदिरा गांधी की तानाशाही के आगे झुक गई और आजादी एक व्यक्ति की बंधक बन कर रह गई। उन्‍होंने कहा कि यदि इमरजेंसी नहीं लगती तो भारत दशकों पहले ही विकास की नई ऊंचाईयों को छू लेता।
उन्होंने आगे कहा कि नई पीढ़ी को आपातकाल के काले दौर की जानकारी बहुत कम है। उन्होंने युवाओं को आपातकाल के बारे में बताने का आह्वान किया।
साथ ही 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने की घोषणा की सराहना की और कहा कि यह दिन देशवासियों को आगाह करेगा कि किस तरह 1975 में संविधान पर कुठाराघात किया गया और उसकी मूल भावना को कुचला गया। इस दौरान उन्‍होंने राजस्थान हाई कोर्ट में बिताए अपने दिनों को भी याद किया।

 

नई दिल्ली । दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आप ऑफिस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- सुप्रीम कोर्ट ने संविधान का इस्तेमाल करते हुए कल तानाशाही को कुचला। केजरीवाल भी जल्द बाहर आएंगे। भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं है।
सिसोदिया ने कहा कि कई बिजनेसमैन को सिर्फ इसलिए जेल में रखा गया है, क्योंकि उन्होंने भाजपा को डोनेशन नहीं दिया था। जब मैं जेल में था तब मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ था कि इन बिजनेसमैन पर झूठे केस लगाए गए हैं। दुनियाभर में आतंकवादियों और ड्रग माफियाओं पर जो कानून लगाए जाते हैं, वो कानून नेताओं, व्यापारियों और आम आदमियों पर लगाए जा रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि हमारे देश की बेटी विनेश ने दुनियाभर में हमारा मान बढ़ाया। वह जंतर-मंतर पर खड़े होकर कहती है कि भाजपा के सांसद ने हमें छेड़ा है तो केंद्र सरकार उस सांसद को गिरफ्तार तक नहीं करती। इसके उलट सोशल मीडिया पर उस बेटी को ट्रोल किया जाता है। यह तानाशाही नहीं है तो और क्या है? उस बेटी के साथ बहुत गलत हुआ है। सबको पता है कि यह किसने किया है।

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से विकसित भारत के लिए 11 सूत्रीय प्रोग्राम की घोषणा कर सकते हैं। इसके लिए मंत्रालय द्वारा व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। इन 11 सूत्रीय कार्यक्रम में विश्व बंधु भारत का संकल्प देशवासियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिलाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला संबोधन, लाल किले से होगा। पहले वह 10 बार लाल किले से देश की जनता को संबोधित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद वह दूसरे प्रधानमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 11वीं बार लाल किले से संबोधन देंगे।

 

नई दिल्ली । भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेर‍िस ओलंप‍िक में डिसक्‍वालिफाई करने पर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाव‍िया ने लोकसभा में बयान दिया। केंद्रीय खेलमंत्री ने बताया क‍ि सुबह विनेश का वजन दो बार चेक क‍िया गया। उनका वजन 50 क‍िलो 100 ग्राम पाया गया। ज‍िसके बाद उन्‍हें डिसक्‍वाल‍िफाई किया गया। केंद्र सरकार की ओर से इंटरनेशनल संस्‍थाओं से कड़ा व‍िरोध दर्ज कराया है। हालांकि, इसके बाद भी संसद में हंगामा जारी रहा।
खेल मंत्री ने कहा, इंडियन ओलंपिंक एसोस‍िएशन ने इंटरनेशनल ओलंपिक संघ से श‍िकायत की है। अंतरराष्‍ट्रीय कुश्ती संघ में भी हमने विरोध दर्ज कराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इंडियन ओलंप‍िक कमेटी प्रमुख पीटी ऊषा से बात की है। पीटी ऊषा वर्तमान में पेर‍िस में ही हैं। लोकसभा में खेल मंत्री ने बताया क‍ि विनेश को सरकार की ओर से क‍िस तरह की मदद मुहैया कराई गई।
खेल मंत्री मंडाव‍िया ने बताया क‍ि केंद्र ने उन्‍हें हर संभव मदद दी। उनके ल‍िए पर्सनल स्‍टाफ नियुक्‍त किए। हंगरी के मशहूर कोच वोलेर अकोस और फ‍िज‍ियो अश्व‍िनी पाट‍िल को तैनात किया गया। कई स्‍पारिंग पार्टनर्स, स्‍ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग एक्‍सपर्ट को पैसे दिए गए।
लेकिन खेल मंत्री की बात से विपक्षी सांसदों संतुष्ठ नहीं दिखाई दिए। उन्होंने सरकार से इस मामले को हाई लेवल पर उठाने की मांग की। इसके पहले संसद में भी यह मुद्दा उठा। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह सहित कई नेताओं ने सरकार से सवाल पूछा। संजय सिंह ने ओलंप‍िक का बह‍िष्‍कार तक करने का ऐलान कर दिया। उन्‍होंने कहा ये सिर्फ विनेश नहीं देश का अपमान है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ब्‍लैक डे करार दिया।

नई दिल्ली । महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ दिल्ली के सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और उनके माता-पिता से मुलाकात की। आप सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहे। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन से खुद को सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश किए जाने की इच्छा को लेकर इशारा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर मैनें अच्छा काम किया है कि तो मेरे एमवीए गठबंधन के सहयोगियों से पूछा जाए कि क्या मैं सीएम बनने के लिए ठीक हूं? लोग इस बारे में फैसला लेंगे। उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ ब्रायन, आप नेता संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के लोकसभा सदस्य आदित्य यादव से मुलाकात की। इस दौरान उनके बेटे आदित्य ठाकरे और राज्यसभा सदस्य संजय राउत भी साथ थे।

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पेश किया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया। वेणुगोपाल ने कहा कि यह बिल संविधान की ओर से दिए धर्म और फंडामेंटल राइट्स पर हमला है। उन्होंने साफ कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है।
वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ भी एक धार्मिक संस्था है। इस बिल से समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा के चुनावों के लिए बनाया गया है। आप नहीं समझते कि पिछली बार भारत की जनता ने आपको साफ तौर पर सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।
एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि या तो इस बिल को पूरी तरह से वापस ले या इसे स्थायी समिति को भेज दिया जाए। कृपया बिना परामर्श के एजेंडा आगे न बढ़ाया जाए। लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को पूरी तरह से कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप व्यवस्था को खत्म कर रहे हैं। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि अगर इस कानून की न्यायिक जांच की गई तो यह निश्चित रूप से रद्द हो जाएगा।

 

नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ विपक्ष के आरोप से इतने नाराज हुए कि कुछ देर के लिए यह कहते हुए सदन से चले गए कि उन्हें वह समर्थन नहीं मिला जो उन्हें मिलना चाहिए था। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के नेताओं की बैठक बुलाई। बैठक में उन्होंने साफ कहा कि सदन में जो दृश्य बना वह अभूतपूर्व और असहनीय था। कड़े फैसले लेना हमारा कर्तव्य है। इससे पहले सभापति ने कहा कि इस पवित्र सदन को अराजकता का केंद्र बनाना, भारतीय लोकतंत्र पर हमला करना, अध्यक्ष पद की गरिमा को धूमिल करना, ये सिर्फ अभद्र आचरण नहीं है, ये सारी मर्यादाएं लांघने वाला आचरण है।
सभापति धनखड़ ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से जो मैं देख रहा हूं और जिस तरह से शब्दों, पत्रों और अखबारों के जरिए से चुनौती दी जा रही है, कितनी गलत टिप्पणियां की गई हैं। ये चुनौती मुझे नहीं दी जा रही है बल्कि ये चुनौती अध्यक्ष पद को दी जा रही है। ये चुनौती इसलिए दी जा रही है क्योंकि विपक्ष को लगता है कि इस पद पर बैठा व्यक्ति इसके लायक नहीं है। इस घटनाक्रम से सभापति धनखड़ और विपक्षी दलों के बीच असहज संबंध एक बार फिर सामने आ गए हैं।
उच्च सदन की कार्यवाही शुरु होने पर सूचीबद्ध दस्तावेज सदन में पेश किए जाने के बाद विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पेरिस ओलंपिक में स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने के मुद्दे पर चर्चा की मांग की और जानना चाहा कि इसके पीछे कौन है। सभापति ने यह मुद्दा उठाने की इजाजत नहीं दी। इस बीच टीएमसी के डेरेक ओब्रायन कुछ मुद्दे उठाने के लिए खड़े हुए लेकिन सभापति ने उन्हें भी अनुमति नहीं दी। सभापति ने विनेश के मामले पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा कर रहे सदस्यों की बात को अनसुनी कर दिया तो सदन में शोरगुल और हंगाम तेज हो गया। इससे सभापति नाराज हो गए और सदन से उठा कर चले गए।

जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ वसुंधरा राजे ने बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ के पदभार ग्रहण समारोह में पद-मद और कद का जिक्र किया तो बीजेपी में हलचल मचा गई। वसुंधरा राजे ने समारोह में इशारों ही इशारों में एक तीर से कई निशाने किए। राजे के बयान के बाद अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है लेकिन राजे के बयान से माना जा रहा है कि बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है। अभी भी अंदरखाने में ‘साइलेंट जंग’ चल रही है। यह जंग 5 विधानसभा सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में अपना असर दिखा सकती है।
जयपुर में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में मदन राठौड़ के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की मौजूदगी चर्चाओं में रही। इस समारोह में राजे ने पद-मद और कद का जिक्र कर बिना नाम लिए कई नेताओं पर हमला बोला। राजे की मौजूदगी और उनका भाषण राजनीति के गलियारों में चर्चा बना गया है। राजे ने मदन राठौड़ की तारीफ करते हुए कहा कि केन्द्रीय नेतृत्व ने सेवाभावी, सरल और ईमानदार नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। उन्हें राठौड़ पर विश्वास है। इसके साथ ही राजे ने कहा कि आपको सबको साथ लेकर चलना है लेकिन यह सबसे मुश्किल काम है।
वसुंधरा राजे ने कहा कि राजनीति में हर व्यक्ति के सामने तीन चीजें आती हैं। पद, मद और कद। पद और मद स्थाई नहीं होते लेकिन कद स्थाई होता है। राजनीति में यदि किसी को पद का मद आ जाए तो फिर उसका कद कम हो जाता है। आजकल लोगों को पद का मद आ ही जाता है। उन्होंने कहा कि उनकी नजर में सबसे बड़ा पद है जनता की चाहत। इस दौरान राजे की दर्द भी सामने आया। उन्होंने कहा कि राजनीति का दूसरा नाम है उतार-चढ़ाव है। हर व्यक्ति को इस दौर से गुजरना पड़ता है। बहरहाल मदन राठौड़ के पदभार संभालने के बाद उनकी पहली परीक्षा आने वाले विधानसभा उपचुनाव हैं। वह अंदरखाने चल रही जंग को खत्म कर पाएंगे या फिर जुबानी तीर यूं ही चलते रहेंगे।

 

नई दिल्ली। वायनाड में इस वक्त लोग भूस्खलन त्रासदी की मार झेल रहे हैं और परेशान हैं। अभी भी वहां कई लोग लापता हैं जिसकी तलाश में बचाव टीमें जुटी हुई हैं। इसी बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर भूस्खलन प्रभावित वायनाड में राहत कार्य का एक वीडियो शेयर करने के बाद लोगों के निशाने पर आ गए हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए तिरुवनंतपुरम के सांसद थरूर ने लिखा-वायनाड में एक यादगार दिन की कुछ यादें। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग उनकी आलोचना करने लगे। लोगों की आपत्ति यादगार शब्द पर थी।
लोगों की आलोचनाओं को देखते हुए शशि थरूर ने यादगार शब्द के अपने इस्तेमाल का बचाव करते हुए इसका अर्थ भी समझाया है। शेयर किए गए वीडियो में थरूर को ट्रक से राहत सामग्री उतारते हुए दिखाया गया है इसके बाद राहत शिविरों और भूस्खलन प्रभावित स्थानों पर उनके दौरे की तस्वीरें भी दिखाए गई हैं। शशि थरूर ने लिखा-सभी ट्रोल्स के लिए यादगार की परिभाषा कुछ ऐसा जो यादगार हो, याद करने या याद रखने लायक हो, क्योंकि यह खास या अविस्मरणीय हो। मेरा बस इतना ही मतलब था।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता शशि थरुर की इस पोस्ट के लिए उन पर हमला बोलते हुए कहा कि शशि थरूर के लिए मौतें और आपदा यादगार हैं। वहीं, अन्य यूजर्स ने भी यादगार शब्द के लिए थरूर की खिंचाई की है। एक अन्य यूजर ने शशि थरूर पर निशाना साधते हुए कहा कि तीन सौ से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और आप इसे यादगार दिन कह रहे हैं।

 

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