राजनीति

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रोहतक। हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा में चुनावों को लेकर विपक्ष पर हमला बोला है। सैनी ने दावा किया कि कांग्रेस के पास सीएम उम्मीदवार तक नहीं है। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला अपने आपको सीएम घोषित कर घूम रहे हैं, क्योंकि वह बांटने और खाने में यकीन रखते हैं। सीएम ने कहा कि हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जल्द ही उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा। इसके लिए पैनल तैयार कर लिया गया है। हरियाणा प्रदेश की जनता बीजेपी द्वारा किए गए कामों से खुश है और प्रदेश में बीजेपी सरकार बनाने का मन बना चुकी है।

वहीं सीएम सैनी ने जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच हुए गठबंधन पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि दोनों दलों के बीच गठबंधन हुआ है। कांग्रेस बताए कि क्या वह नेशनल कॉन्फ्रेंस और अब्दुल्ला परिवार के भारत विरोधी मंशा का समर्थन कर रही है। क्या उन्होंने धारा 370 को वापस लाने के लिए जम्मू-कश्मीर में गठबंधन किया है

उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश के लोगों के साथ धोखा कर रही है। राहुल गांधी ऐसे लोगों के साथ गठबंधन कर रहे हैं, जो देश को तोड़ना चाहते हैं। 

उन्होंने कहा हरियाण में तीसरी बार भाजपा की सरकार बनने जा रही है। कांग्रेस के पास तो उम्मीदवार तक नहीं है। कांग्रेस में एक-एक परिवार से पांच पांच लोगों ने आवेदन दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच दलित और आरक्षण विरोधी रही है। कांग्रेस चुल्लू भर पानी से मछली पकड़ने की स्थिति में आ चुके हैं। हमसे जवाब मांगने वाले भूपेंद्र हुड्डा मेरे दस सवालों का जवाब नहीं दे पाए हैं। 

सीएम सैनी ने विनेश फोगाट का जिक्र कर भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विनेश फोगाट के कंधे पर बंदूक रखकर स्वार्थ की राजनीति करना चाहते हैं लेकिन जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा सत्ता में थे तो उन्होंने किसी खिलाड़ी को राज्यसभा क्यों नहीं भेजा। कांग्रेस के पास न तो कोई नीति है और न ही नेतृत्व है।

 

जम्मू ।   जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने 40 स्टार कैंपेनर की सूची सोमवार को जारी कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगे। सूची में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम प्रमुख है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मनोहर लाल खट्टर, जी किशन रेड्डी, शिवराज सिंह चौहान, जितेंद्र सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और स्मृति ईरानी और जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर अन्य प्रमुख चेहरे हैं जो चुनाव प्रचार के दौरान जम्मू और कश्मीर का दौरा करेंगे। बता दें कि राज्य में तीन चरणों में 18, 25 सितंबर और एक अक्तूबर को मतदान होंगे और चार अक्तूबर को परिणाम आएंगे।  

 

भाजपा ने जारी की उम्मीदवारों की सूची

 

पहले चरण के प्रत्याशी

 

इंजीनियर सैयद शौकत गयूर पांपोर से, अर्शीद भट राजपोरा से, जावेद अहमद कादरी शोपियां से, मोहम्मद रफीक वानी अनंतनाग पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे। एडवोकेट सैयद वजाहत अनंतनाग से, शगुन परिहार किश्तवाड़ और गजय सिंह राणा डोडा से चुनाव लड़ेंगे। श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा से सोफी यूसुफ, शानगुस अनंतनाग से वीर सराफ चुनाव मैदान में होंगे। इंदरवल से तारिक कीन, पाडेर नागसेनी सीट से सुनील शर्मा, भदरवाह से दिलीप सिंह परिवार चुनाव मैदान में होंगे। बनिहाल से सलीम भट्ट, रामबन से राकेश ठाकुर और डोडा पश्चिम से शक्ति राज परिहार शामिल हैं। 

 

दूसरे चरण के ये थे उम्मीदवार

 

हब्बाकदल सीट से अशोक भट्ट, गुलाबगढ़ (अजजा) विधानसभा सीट से मोहम्मद अकरम चौधरी, रियासी सीट से कुलदीप राज दुबे, माता वैष्णो देवी से रोहित दुबे, कालाकोट-सुंदरबनी से ठाकुर रणधीर सिंह, बुधल (अजजा) सीट से चौधरी जुल्फीकर आली, थन्नामंडी (अजजा) सीट से मोहम्मद इकबाल मलिक को टिकट मिला था। सुरनकोटे (अजजा) सीट से सैयद मुश्ताक अहमद बुखारी, पुंछ हवेली सीट से चौधरी अब्दुल गनी, मेंढर (अजजा) मुर्तजा खान को टिकट दिया था, हालांकि लिस्ट भाजपा ने वापस ले ली थी।

 

तीसरा चरण के उम्मीदवार किए थे घोषित, भाजपा ने वापस ली लिस्ट

 

ऊधमपुर पश्चिम सीट पर पवन गुप्ता, चिनानी विधानसभा क्षेत्र से बलवंत सिंह मनकोटिया, रामनगर (अजा) सीट से सुनील भारद्वाज, बनी से जीवन लाल को मैदान में उतारा था। बिलावर से सतीश शर्मा और बसोहली सीट से दर्शन सिंह को टिकट दिया गया था। जसरोटा सीट से राजीव जसरोटा , हीरनागर से विजय कुमार शर्मा, रामगढ़ (अजा) सीट से डॉ. देविंदर कुमार मणियाल, सांबा से सुरजीत सिंह सलाथिया को टिकट मिला था। विजयपुर से चंद्र प्रकाश गंगा, सुचेतगढ़ (अजा) से घारु राम भगत, आर.एस.पुरा-जम्मू दक्षिण से डॉ. नरिंदर सिंह रैना और जम्मू पूर्व युद्धवीर सेठी को भाजपा ने टिकट दिया था।

 

रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता चंपाई सोरेन के सुर बागी हो गए हैं। उनके हाल के एक ट्वीट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी थी। हर कोई ये सोच रहा था कि चंपाई का अगला कदम क्या होगा? अब पूर्व सीएम ने नई घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि वह राजनीति से संन्यास नहीं लेंगे और नई पार्टी बनाएंगे। उन्होंने गठबंधन के लिए भी दरवाजे खुले रखे हैं। चंपाई ने कहा कि मैंने तीन विकल्प बताए थे, रिटायरमेंट, संगठन या दोस्त। मैं रिटायर नहीं होऊंगा। मैं पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा।

पूर्व सीएम ने कहा कि मैं राजनीति से संन्यास नहीं लूंगा। मैंने तीन विकल्प बताए थे, रिटायरमेंट, संगठन या दोस्त। मैं रिटायर नहीं होऊंगा, मैं पार्टी को मजबूत करूंगा, नई पार्टी बनाऊंगा और अगर रास्ते में कोई अच्छा दोस्त मिलता है, तो उसके साथ आगे बढ़ूंगा।

 

नई दिल्ली ।   केंद्रीय मंत्री और अभिनेता सुरेश गोपी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फिल्मों में काम करने की अनुमति मांगी है। उन्होंने कहा कि मेरे पास 20-22 फिल्मों में काम करने का मौका है। यह मेरा जुनून है। अगर मैनें फिल्में नहीं कीं तो मैं मर जाऊंगा। केरल फिल्म चैंबर के एक कार्यक्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि मैनें 20-22 फिल्मों की कहानी सुनी है और मैं इसमें काम करना चाहता हूं। छह सितंबर से मेरी फिल्म ओट्टाकॉम्बन की शूटिंग शुरू हो रही है। इसमें काम करने के लिए मैनें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से अनुमति मांगी थी। अमित शाह ने मुझसे पूछा कि कितनी फिल्में हैं,तो मैने कहा करीब 22 हैं तो उन्होंने मेरे प्रार्थना पत्र को किनारे रख दिया। हालांकि उन्होंने कहा है कि अनुमति जल्द मिल जाएगी। मैंने उनसे कहा था कि मंत्रालय का काम प्रभावित न हो इसके लिए मैं अपने साथ चार अधिकारियों को लेकर जाऊंगा। उनके लिए सेट पर ही इंतजाम रहेंगे। अगर यह सफल रहा तो इससे त्रिशूर की जनता के लिए काम करना आसान रहेगा। 

 

सुरेश गोपी ने यह भी कहा कि अगर मुझे अनुमति नहीं मिलती है तो मैं छह सितंबर से शूटिंग शुरू करने जा रहा हूं। अगर इसके एवज में मुझे मंत्री पद से हटा दिया जाता है तो समझूंगा कि मैं बच गया। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मैं कभी भी मंत्री नहीं बनना चाहता था। मगर मुझे मंत्री पद त्रिशूर के लोगों के लिए दिया गया, न कि मेरे लिए। उन्होंने कहा कि मैं अपने नेताओं का आदेश मानता हूं तो मैं वैसा ही करुंगा। लेकिन अपने सिनेमा के जुनून के बिना मर जाऊंगा। इसलिए मुझे उम्मीद है कि जल्द ही फिल्मों में मुझे काम करने की अनुमति मिल जाएगी। गोपी के बयान को लेकर चर्चा का आलम है। 

नई दिल्ली । दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और नौकरशाही के बीच ताजा टकराव में, दिल्ली की मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर के बिना एक अखबार में विज्ञापन जारी करने के लिए सूचना एवं प्रचार विभाग के सचिव और निदेशक को कारण बताओ नोटिस दे दिया है। जारी नोटिस में आतिशी ने अधिकारियों से तीन दिनों के अंदर बताने को कहा कि विज्ञापन की लागत उनके वेतन से क्यों न वसूल की जाए, क्योंकि यह विज्ञापन प्रभारी मंत्री की मंजूरी के बिना प्रकाशित किया गया था।

यह नोटिस तब दिया गया जब स्वतंत्रता दिवस पर अखबारों में पूरे पन्ने के विज्ञापन में केजरीवाल की तस्वीर छापने के आतिशी के प्रस्ताव को सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) के सचिव ने सीएम की स्थिति को विचाराधीन कैदी बताकर खारिज कर दिया। 14 अगस्त को एक नोट में, डीआईपी ने मुख्यमंत्री की तस्वीर को ले जाने पर आपत्ति जाहिर की, क्योंकि स्वतंत्रता दिवस किसी अन्य त्यौहार की तरह नहीं है, यह किसी व्यक्ति को दिखाने का कार्यक्रम नहीं है, विशेष रूप से अभूतपूर्व परिस्थितियों में जब विचाराधीन व्यक्ति एक विचाराधीन कैदी है, जो कानून की उचित प्रक्रिया के अनुसार न्यायिक हिरासत में है। 15 अगस्त को अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में केजरीवाल की तस्वीर नहीं थी और यह दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित आकार से भी छोटा था। 14 अगस्त को आतिशी ने विभाग को पिछले साल की तरह पूरे पेज का विज्ञापन देने का निर्देश देकर केजरीवाल की तस्वीर वाली रचनात्मक योजना को मंजूरी दे दी। 

कोलकाता। कोलकाता हत्याकांड को लेकर सियासत गरमाई हुई है। ममता सरकार पर बीजेपी हमलावर है। अब बांकुड़ा के ओंडा से बीजेपी विधायक ने ममता बनर्जी को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने ममता बनर्जी से कहा है वह 25 लाख ले ओर एक मोला लेकर निकल जाएं।

ओंडा में बीजेपी विधायक अमरनाथ शाखा ने ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेप और हत्या ने बंगाल प्रशासन की खामियां उजागर हो गई है। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि आपकी कीमत 25 लाख रुपए है। उन्होंने कहा कि आप एक मोला लेकर चले जाएं, हम आपको 25 लाख रुपए देंगे।

बीजेपी के राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी ने पहले भी कहा है और अब भी कहा है कि हम इस तरह के बयानों का समर्थन नहीं करते हैं। यह उनका व्यक्तिगत बयान है। अमरनाथ ने बुधवार को अपने तर्क के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि वह ममता के अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग मुआवजा राशि तय की है। किसी के लिए यह 50,000 रुपए है, तो किसी के लिए 1 लाख रुपए। उन्होंने आरजी कर डॉक्टर के परिवार को 10 लाख रुपए देने की भी कोशिश की। 

विधायक अमरनाथ की टिप्पणी बीजेपी के तामलुक सांसद और कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय के एक चुनावी रैली में पूछे गए सवाल के तीन महीने बाद आई है। उन्होंने सवाल किया था कि क्या बंगाल की सीएम ममता की कीमत 10 लाख रुपए है? टीएमसी ने तब चुनाव आयोग का रुख किया था और गंगोपाध्याय को 24 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया गया था।

टीएमसी ने लोगों को बीजेपी के असली चेहरा दिखाने के लिए इस अवसर का फ़ायदा उठाने में देर नहीं की। पार्टी ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा- कभी बीजेपी सांसद गंगोपाध्याय होते हैं, कभी बीजेपी विधायक अमरनाथ शाखा होते हैं जो देश की एकमात्र महिला सीएम के लिए कीमत तय करते हैं। यह बीजेपी का असली चेहरा है। ऐसी घिनौनी टिप्पणी करने वाले महिला सुरक्षा पर सवाल कैसे पूछ सकते हैं? यह शर्मनाक और अपमानजनक है।

अहमदाबाद | केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद को ऑक्सिजन पार्क समेत रु. 1000 करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी| अमित शाह ने 188 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया| इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि धर्म के नाम पर देश के विभाजन की घटना को लोग कभी भूल नहीं सकते| अहमदाबाद में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने
पाटन, राजकोट, मोरबी, सुरेंद्रनगर और वडोदरा में रहने वाले 188 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई है। इन सभी लोगों को सीएए के तहत भारतीय नागरिकता दी गई है| इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएए को लेकर कई बातें लोगों के सामने रखीं| गृह मंत्री ने कहा कि आज एक भावनात्मक क्षण है| सीएए देश में रहने वाले लोगों को अधिकार देने का कार्यक्रम है| 1947 से 2014 तक देश में शरण लेने वालों को न्याय नहीं मिला। लेकिन 2014 के बाद पड़ोसी देश में रहने वाले हिंदू लोगों को न्याय मिल रहा है| इंडी एलायंस की नीति ने उन्हें कभी न्याय नहीं दिया| उन्होंने आगे कहा कि- देश को धर्म के नाम पर नहीं बांटा जाना चाहिए था| भारत की आजादी के समय देश को धर्म के नाम पर बांटा गया था| विभाजन की इस घटना को भारत के करोड़ों लोग भूल नहीं सकते हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को लेकर कहा कि - हिंदू, बौद्ध, जैन बहुत पीड़ित थे। कांग्रेस के सभी नेताओं ने पड़ोसी देशों से आने वाले हिंदुओं को भारतीय नागरिकता देने का वादा किया वह तब भूल जाते थे, अगर हम इन लोगों को भारतीय नागरिकता देंगे तो कांग्रेस का वोट बैंक खत्म हो जाएगा। 2014 के बाद जो यात्रा शुरू हुई उसे देश के लोग जीवन भर याद रखेंगे। अमित शाह ने कहा कि हम 2014 के वादे के मुताबिक सीएए को लागू किया और अपना वादा पूरा करते हुए हिंदुओं को नागरिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि 2019 में सीएए लाया गया था तब इसका विरोध किया गया और इसे मुस्लिम विरोधी कानून बताया गया था| आज सीएए के तहत पड़ौसी देशों से आए पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जा रही है|

कोलकाता। कोलकाता हत्याकांड मामले में डॉक्टरों की हड़ताल व प्रदर्शन को लेकर टीएमसी सांसद अरूप चक्रवर्ती का विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर अस्पतालों में मरीजों की मौत होती है, तो लोगों का गुस्सा बढ़ेगा और तब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है। सांसद के यह बयान प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को चेतावनी के रुप में देखा जा रहा है।
कोलकाता में दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने आरजी कर अस्पताल में डॉक्टरों का प्रदर्शन लगातार जारी है। इसी प्रदर्शन को लेकर टीएमसी सांसद अरूप चक्रवर्ती ने डॉक्टरों पर हमला बोलते हुए भड़काऊ बयान दिया है। इस मामले में टीएमसी और उसके नेता आपस में ही उलझे हुए हैं। रविवार को टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय और पार्टी के नेता कुणाल घोष के बीच सोशल मीडिया पर तीखी बहस हुई। सुखेंदु ने कहा था कि सीबीआई को निष्पक्षता से काम करना चाहिए और आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जानी चाहिए।
इस पर कुणाल घोष ने कहा कि सुखेंदु पुलिस कमिश्नर की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं, जबकि उन्होंने अच्छा काम किया है। घोष ने इस मांग की आलोचना की। बता दें कोलकाता दुष्कर्म व हत्या मामले में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ की जा रही है। सीबीआई आज भी संदीप घोष से पूछताछ कर रही है और अब तक कुल 36 घंटे से ज्यादा की पूछताछ हो चुकी है। इसके अलावा आरोपी संजय रॉय का मनोवैज्ञानिक परीक्षण किया गया है।

नई दिल्ली। यूपी में दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसको लेकर सभी पार्टियों ने पूरी तैयारी कर ली है लेकिन बसपा और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) में सियासी जंग देखने को मिल रही है। बसपा जहां लंबे समय बाद उपचुनाव में उतर रही है तो वहीं लोकसभा में सफलता के बाद चंद्रशेखर आजाद भी मैदान में उतरने के लिए कमर कर चुके है। आजाद समाज पार्टी ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उताने का ऐलान भी कर दिया है।
चंद्रशेखर की पार्टी ने गाजियाबाद सदर सीट से चौधरी सतपाल, मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से जाहिद हसन और मिर्जापुर की मझवां सीट से धीरज मौर्या को मैदान में उतारा है। पार्टी ने कहा है कि वह जल्द ही बाकी सात सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान करेगी। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार चित्तौड़ ने दी।
मायावती ने मिल्कीपुर और मीरापुर से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। मिल्कीपुर से रामगोपाल कोरी को वहीं मीरापुर से चंद्रशेखर आजाद के करीबी को तोड़कर अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि 2017 में भी मिल्कीपुर से बसपा की टिकट पर रामगोपाल कोरी विधानसभा चुनाव लड़े थे। तब वह तीसरे नंबर पर रहे थे।
चुनाव आयोग ने यूपी की दस विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है। इन सीटों पर मतदान की तारीखों को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। बता दें कि उपचुनाव के लिए खाली हुई दस सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थीं। वहीं, फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर बीजेपी के पास थीं। मीरापुर सीट बीजेपी के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी।

 

रांचीः झांरखंड के पूर्व सीएम चंपई सोरने से अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि पार्टी में उनका जो अपनाम हुआ है उसके बाद उनके पास झारखंड मुक्ति मोर्चा में बने रहना संभव नही था। उन्होंने विस्तार से एक्स पर पूरे घटना क्रम का जिक्र करते हुए लिखा है कि किस तरह से उन्हें अपमानित कर इस्तीफा लिया गया और आखिरी दो दिनों के सभी कार्यक्रम रद्द करवायें गए। उन्होंने एक्स लिखाः-
जोहार साथियों,

समाचार देखने के बाद, आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ, जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।

अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज उठाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक, मैंने हमेशा जन-सरोकार की राजनीति की है। राज्य के आदिवासियों, मूलवासियों, गरीबों, मजदूरों, छात्रों एवं पिछड़े तबके के लोगों को उनका अधिकार दिलवाने का प्रयास करता रहा हूं। किसी भी पद पर रहा अथवा नहीं, लेकिन हर पल जनता के लिए उपलब्ध रहा, उन लोगों के मुद्दे उठाता रहा, जिन्होंने झारखंड राज्य के साथ, अपने बेहतर भविष्य के सपने देखे थे।

इसी बीच, 31 जनवरी को, एक अभूतपूर्व घटनाक्रम के बाद, इंडिया गठबंधन ने मुझे झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्य की सेवा करने के लिए चुना। अपने कार्यकाल के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन (3 जुलाई) तक, मैंने पूरी निष्ठा एवं समर्पण के साथ राज्य के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इस दौरान हमने जनहित में कई फैसले लिए और हमेशा की तरह, हर किसी के लिए सदैव उपलब्ध रहा। बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों एवं समाज के हर तबके तथा राज्य के हर व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए हमने जो निर्णय लिए, उसका मूल्यांकन राज्य की जनता करेगी।

जब सत्ता मिली, तब बाबा तिलका मांझी, भगवान बिरसा मुंडा और सिदो-कान्हू जैसे वीरों को नमन कर राज्य की सेवा करने का संकल्प लिया था। झारखंड का बच्चा- बच्चा जनता है कि अपने कार्यकाल के दौरान, मैंने कभी भी, किसी के साथ ना गलत किया, ना होने दिया।

इसी बीच, हूल दिवस के अगले दिन, मुझे पता चला कि अगले दो दिनों के मेरे सभी कार्यक्रमों को पार्टी नेतृत्व द्वारा स्थगित करवा दिया गया है। इसमें एक सार्वजनिक कार्यक्रम दुमका में था, जबकि दूसरा कार्यक्रम पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरण करने का था। पूछने पर पता चला कि गठबंधन द्वारा 3 जुलाई को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है, तब तक आप सीएम के तौर पर किसी कार्यक्रम में नहीं जा सकते।

क्या लोकतंत्र में इस से अपमानजनक कुछ हो सकता है कि एक मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों को कोई अन्य व्यक्ति रद्द करवा दे? अपमान का यह कड़वा घूंट पीने के बावजूद मैंने कहा कि नियुक्ति पत्र वितरण सुबह है, जबकि दोपहर में विधायक दल की बैठक होगी, तो वहां से होते हुए मैं उसमें शामिल हो जाऊंगा। लेकिन, उधर से साफ इंकार कर दिया गया।

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