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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार के साथ ये संगठन समझौता किया गया। जिसके तहत अब बोडोलैंड की मांग नहीं की जाएगी।

पूर्वोत्तर में एक अलग राज्य की लंबे समय से जारी मांग पर अब पूर्णविराम लग गया है। असम में पिछले लंबे समय से अलग बोडोलैंड की मांग करने वाले गुटों नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोरोलैंड, ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन और केन्द्र सरकार के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में असम सरकार के साथ ये संगठन समझौता किया गया। जिसके तहत अब बोडोलैंड की मांग नहीं की जाएगी।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आगामी 30 जनवरी को 130 हथियारों के साथ 1550 कैडर आत्मसमर्पण करेंगे। शाह ने कहा कि गृह मंत्री के रूप में, मैं सभी प्रतिनिधियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सभी वादें समयबद्ध तरीके से पूरे होंगे।

बता दें कि इस बड़े समझौते के एक दिन पहले असम बम धमाकों से दहल गया था। गणतंत्र दिवस के अवसर पर असम के डिब्रूगढ़, चराईदेव और तिनसुकिया में 5 धमाके हुए। हालांकि, इन धमाकों में किसी तरह के बड़े नुकसान की खबर नहीं हुई थी। इन धमाकों की जिम्मेदारी उल्फा (I) ने ली थी, जिसके कुछ सदस्यों ने बीते दिनों आत्मसमर्पण किया था।

नई दिल्ली। रविवार को दिल्ली के बाबरपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी सभा में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध जताने की कोशिश कर रहे एक युवक की लोगों ने पिटाई कर दी। शाह बाबरपुर इलाके में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, उसी दौरान एक युवक सीएए को वापस लेने की मांग करने लगा तभी आसपास मौजूद लोगों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। इस बीच अमित शाह ने सिक्योरिटी को उस युवक को सही सलामत वहां से ले जाने का निर्देश दिया। गृहमंत्री ने लोगों से शांत रहने की अपील की।

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ट्वीट किया, ‘‘गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर मैं सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षा जगत से जुड़े समस्त लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं । ’’सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘ देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद।’’

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को 71वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत बधाई। जय हिंद! ’’प्रधानमंत्री के अलावा केन्द्रीय मंत्रियों ने भी सुबह-सुबह देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी।
 गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘‘ सभी देशवासियों को 71वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।’’

 मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ट्वीट किया, ‘‘गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर मैं सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षा जगत से जुड़े समस्त लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं । ’’सूचना एंव प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘ देशवासियों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘ सभी देशवासियों को 71वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। #गणतंत्रदिवस।’’भारत के 71वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर आज रविवार को एक समारोह में देश की बढ़ती हुई सैन्य शक्ति, बहुमूल्य सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक-आर्थिक प्रगति का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। भारत के गणतंत्र के रूप में स्थापित होने की वर्षगांठ पर नब्बे मिनट के इस समारोह में इस बार ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो मुख्य अतिथि हैं।

राष्ट्रपति ने देश के संबोधन में कहा कि जनता की भागीदारी के कारण ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल की है। भागीदारी की यही भावना अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों में भी दिखाई देती है

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 71वें गणतंत्रदिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। राष्ट्रपति ने देश और विदेश में बसे, भारत के सभी लोगों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि देश और विदेश में बसे, भारत के सभी लोगों को, हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं। लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें।

राष्ट्रपति ने कहा कि कल्याण के लिए, सरकार ने कई अभियान चलाए हैं। यह बात विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि नागरिकों ने, स्वेच्छा से उन अभियानों को, लोकप्रिय जन-आंदोलनों का रूप दिया है । जनता की भागीदारी के कारण ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने बहुत ही कम समय में प्रभावशाली सफलता हासिल की है। भागीदारी की यही भावना अन्य क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों में भी दिखाई देती है - चाहे रसोई गैस की सब्सिडी को छोड़ना हो, या फिर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना हो । प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की उपलब्धियां गर्व करने योग्य हैं। लक्ष्य को पूरा करते हुए, 8 करोड़ लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जा चुका है। ऐसा होने से, जरूरतमंद लोगों को अब स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल पा रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश की सेनाओं, अर्धसैनिक बलों और आंतरिक सुरक्षा बलों की मैं मुक्त-कंठ से प्रशंसा करता हूं। देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने में उनका बलिदान, अद्वितीय साहस और अनुशासन की अमर गाथाएँ प्रस्तुत करता है। राष्ट्र-निर्माण के लिए, महात्मा गांधी के विचार आज भी पूरी तरह से प्रासंगिक हैं। सत्य और अहिंसा का उनका संदेश हमारे आज के समय में और भी अधिक आवश्यक हो गया है।

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अधपकी दाढी में एक तस्वीर शनिवार को ट्विटर पर सामने आई। इस तस्वीर में उन्हें पहचानना खासा मुश्किल है। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है।

नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अधपकी दाढी में एक तस्वीर शनिवार को ट्विटर पर सामने आई। इस तस्वीर में उन्हें पहचानना खासा मुश्किल है। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल्ला भूतपूर्व जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों में शामिल हैं जिन्हें पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के बाद से हिरासत में रखा गया है।
इस तस्वीर में वह नीले रंग की जैकेट पहने हुए हैं जिसपर बर्फ पड़ी है। काली-सफेद दाढ़ी में दिख रहे अब्दुल्ला मुस्कुरा रहे हैं। बनर्जी ने ‍ट्वीट किया, “ मैं इस तस्वीर में उमर को नहीं पहचान सकी। मुझे दुख हो रहा है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह हमारे लोकतांत्रिक देश में हो रहा है। यह कब खत्म होगा।” कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि भारत सरकार को अब्दुल्ला के आर्थिक और राजनीतिक विचारों से काफी फायदा हुआ है। उन्होंने कहा,“.... उन जैसे राष्ट्रवादी को चुप करना हमारे राष्ट्रीय विमर्श को कमज़ोर करता है। जल्दी ही, पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल होनी चाहिए।”
 
कांग्रेस प्रवक्ता सलमान सोज़ ने कहा कि अब्दुल्ला का ‘लीक’ फोटो देखने के बाद कुछ लोग कह रहे हैं कि नेकां नेता को ट्विटर पर वापसी करनी चाहिए।उन्होंने कहा, “ सरकार ने उन्हें (और अन्य को) अवैध रूप से हिरासत में लिया है और इसमें न्यायपालिका ने साथ दिया और अधिकांश मीडिया ने कोई सवाल नहीं किया। आप इसमें शामिल हैं।’’ शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह कितना बुरा है कि हम जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला की मुस्कुराती तस्वीर को देखकर खुशी महसूस कर रहे हैं। सही मायने में ख़ुशी का पल तब होगा जब वह और अन्य सक्रिय हों, नज़रबंदी नहीं हों, उनके ट्वीट पढ़ें। तब तक यही तस्वीर उम्मीद है।

अमर जवान ज्योति’ पर एक झुकी हुई बंदूक के ऊपर जवान का हेलमेट रखा हुआ है तथा उसके नीचे निरन्तर ज्योति जलती रहती है। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में इंडिया गेट के नीचे 1972 में इसका निर्माण किया गया था।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति के बजाय पहली बार यहां नव निर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इंडिया गेट परिसर में स्थित इस स्मारक का पिछले साल 25 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। ‘अमर जवान ज्योति’ पर एक झुकी हुई बंदूक के ऊपर जवान का हेलमेट रखा हुआ है तथा उसके नीचे निरन्तर ज्योति जलती रहती है। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में इंडिया गेट के नीचे 1972 में इसका निर्माण किया गया था।

तकरीबन 40 एकड़ क्षेत्र में फैले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में चार चक्र ‘अमर चक्र’, ‘वीरता चक्र’, ‘त्याग चक्र’ और ‘रक्षक चक्र’ हैं जिन पर ग्रेनाइट के पत्थरों पर स्वर्ण अक्षरों से 25,942 जवानों के नाम लिखे हैं। इसमें 15.5 मीटर ऊंचा एक स्मारक स्तंभ, निरंतर जल रही ज्योति और कांस्य के छह भित्ति चित्र हैं जो भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा लड़ी गई प्रसिद्ध लड़ाइयों को दर्शा रहे हैं। यह स्मारक 1962 में भारत-चीन युद्ध, 1947,1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध, श्रीलंका में भारतीय शांति रक्षा बल के अभियानों और 1999 में कारगिल युद्ध तथा संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा अभियानों के दौरान शहीद जवानों को समर्पित है।

42 मीटर ऊंचा इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध (1919) में मारे गए जवानों के सम्मान में ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल आर्च के रूप में ब्रिटिश राज के दौरान बना था।

नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस परेड 2020 के मुख्य अतिथि, ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर उनका औपचारिक स्वागत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम मोदी ने किया। इससे पहले उन्होंने शनिवार को ही विदेशमंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश समेत अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में चर्चा हुई। भारत और ब्राजील के बीच तेल और गैस, खनन और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को, पीएम मोदी और बोलसनारो दोनों देशों के बीच पहले से ही करीबी और रणनीतिक संबंधों को फिर से मजबूत करने के उद्देश्य से व्यापक वार्ता करेंगे। बोलसनारो शुक्रवार को अपनी बेटी लॉरा बोलसनारो, बहू लेटिसिया फर्मो, आठ मंत्री, ब्राजील की संसद के चार सदस्य और एक बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत पहुंचे।भारत पहुंचने के कुछ घंटे बाद, बोलसनारो ने अधिकारियों के साथ अक्षरधाम मंदिर का दौरा किया। लेटिन अमेरिका के सबसे बड़े देश ब्राजील के साथ भारत के संबंध पिछले कुछ सालों में उथल-पुथल भरे रहे हैं। देश की आबादी 210 मिलियन है और इकोनॉमी 1.8 मिलियन अमरीकी डॉलर की है। उन्होंने कहा वार्ता के बाद, दोनों पक्ष 15 समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसमें एक निवेश सहयोग और सुविधा संधि, सामाजिक सुरक्षा, आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी सहायता और बायोएनेर्जी में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन शामिल होगा।

नयी दिल्ली. दिल्‍ली में चुनाव से पहले भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है. निर्वाचन आयोग ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी कपिल मिश्रा को विवादित ट्वीट करने के कारण शनिवार को 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है. आयोग के सूत्रों के अनुसार मॉडल टाउन से भाजपा प्रत्याशी मिश्रा पर प्रतिबंध की समयसीमा शनिवार को शाम पांच बजे से शुरू होगी.

मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्तों के हस्ताक्षर वाला प्रतिबंध आदेश संबद्ध जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से मिश्रा को भेज दिया गया है. इस बीच, ट्विटर इंडिया ने निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मिश्रा के विवादित ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए शुक्रवार रात को इसे हटा दिया. साथ ही जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 के तहत मिश्रा के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ विभिन्न समुदायों के बीच कटुता पैदा करने का मामला दर्ज किया गया है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली में आठ फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा.

भाजपा प्रत्‍याशी कपिल मिश्रा के विवादित ट्वीट के बाद अब सूचना आ रही है कि उन पर कुछ समय के लिए बैन लग गया है. बताया जा रहा है कि कपिल मिश्रा पर कम से कम 48 घंटे का बैन लगा है. यह बैन आज यानी शनिवार शाम पांच बजे से शुरू होगा, इस दौरान वे चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे. इससे पहले चुनाव आयोग के निर्देश के बाद Twitter ने बीजेपी उम्‍मीदवार कपिल मिश्रा के विवादित ट्वीट को हटा दिया था. चुनाव आयोग ने Twitter से वह Tweet हटाने को कहा था. दिल्ली पुलिस ने इस ट्वीट के मामले में कपिल मिश्रा के खिलाफ जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 के तहत मॉडल टाउन थाने में प्राथमिकी भी दर्ज की थी.

कपिल मिश्रा ने विवादित ट्वीट में दिल्ली में आठ फरवरी को होने वाले चुनाव को भारत बनाम पाकिस्तान जैसा मुकाबला करार दिया था. बीजेपी ने कपिल मिश्रा को मॉडल टाउन विधानसभा सीट से उतारा है. कपिल मिश्रा ने 23 जनवरी को यह ट्वीट किया था. मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा था कि दिल्ली में आठ फरवरी का चुनाव भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले की तरह होगा. नागरिकता कानून के खिलाफ विपक्षी दलों की आलोचना पर भाजपा उन पर पाकिस्तान की भाषा में बोलने का आरोप लगाती रही है.

चुनाव आयोग के नोटिस के बाद बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने अपने बयान पर अडिग रहते हुए एक और ट्वीट किया- सच बोलने में डर कैसा, अपने बयान पर अडिग हूं. चुनाव आयोग की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि कपिल मिश्रा के कृत्य से आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन होता है और इस कानून के अंतर्गत यह दंडनीय अपराध है. उनसे यह भी पूछा गया है कि कारण बताएं कि आपके खिलाफ क्यों न कार्रवाई शुरू की जाए?

जयपुर. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (जेएलएफ) में कहा कि सबसे पहले दो राष्ट्र की बात सावरकर ने की थी। वे चाहते थे कि हिंदू और मुस्लिम के दो देश बने। यह प्रस्ताव मुस्लिम लीग के पाकिस्तान रिजॉल्यूशन पास होने से तीन साल पहले हिंदू महासभा में आया था। दीन दयाल उपाध्याय को मोदी अपना मेंटर मानते हैं। यह उन्होंने भी स्वीकार किया था कि मुस्लिमों के लिए अलग देश होना चाहिए।
कांग्रेस सांसद और अंग्रेजी साहित्यकार शशि थरूर ने गांधी और नेहरू पर बात करते हुए कहा कि आज जो सत्ता में हैं वो एक अलग राजनीतिक परंपरा के साथ आए हैं। विभाजन के वक्त कुछ मुस्लिम पाकिस्तान बनाना चाहते थे। वहीं, भारत में बहुत बड़ी संख्या में लोग जिन्होंने गांधी और नेहरू को फॉलो किया, वो चाहते थे कि हमारी पहचान धर्म से नहीं होनी चाहिए। सभी स्वतंत्र और देशप्रेमी होने चाहिए। इस कारण हमारा संविधान बना। हिंदुत्व मूवमेंट ने इस संविधान को नहीं माना, जो 1952 में सावरकर के मूवमेंट से शुरू हुआ। हिंदुत्व मूवमेंट ने संविधान को नकार दिया था। इसके बारे में सावरकर ने भी लिखा है।
हमारा संविधान गांधीजी के विजन से अलग नहीं था- थरूर
सांसद थरूर ने कहा- हमारा संविधान गांधीजी के विजन से अलग नहीं था। गांधीजी हिंदूज्म में विश्वास रखते थे। दूसरों के धर्म का भी सम्मान करते थे। रोज सुबह भजन के साथ कुरान, गुरुग्रंथसाहब भी पढ़ी जाती थी। तकरीबन हर धर्म की प्रार्थना की जाती थी। गांधीजी भी इस तरह का देश चाहते थे, जिन्हें आरएसएस के एक पूर्व कार्यकर्ता ने मार दिया था। वह मानता था कि गांधीजी मुस्लिमों को हिंदुओं से पहले रखते हैं।
ओणम का जिक्र करते हुए अमित शाह पर साधा निशाना
सांसद थरूर ने कहा- ओणम केरल का सबसे बड़ा उत्सव है, जिसे हर धर्म के लोग मनाते है, जो महाबली की कहानी से शुरू हुआ है। उसमें विष्णुजी वामन का अवतार लेकर आते हैं और तीन कदम जमीन मांगते हैं। विष्णु पहला पांव धरती पर रखते हैं। दूसरा स्वर्ग पर और तीसरा महाबली के सिर पर, जिससे महाबली दूसरी दुनिया में चले जाते हैं। लेकिन, वो जाने से पहले विष्णु भगवान से कहते हैं कि वो हर साल अपनी जनता को देखने आना चाहते हैं। विष्णु उन्हे आशीर्वाद देते हैं, जिसके कारण महाबली हर साल आते हैं और ओणम मनाया जाता है। इस पर अमित शाह और भाजपा क्या करती है। ओणम से एक दिन पहले वो क्या करते हैं। वो ट्वीट करते हैं हैप्पी वामनपूजा। आप सोच सकते हैं, महाबली हर साल अपनी जनता के बीच आते हैं और भाजपा कहती है वामनपूजा। इसी वजह से भाजपा केरल में कभी सीटें नहीं जीत पाई।
साइंस में टॉपर होने के बाद भी ह्यूमेनिटी चुनी
सांसद थरूर ने कहा- मैं पढ़ाई में अच्छा था। उन सब्जेक्ट में भी फर्स्ट आता था, जिनकी मुझे परवाह नहीं थी, जिसके कारण मैने साइंस को छोड़कर ह्यूमेनिटी सब्जेक्ट चुना। इससे मेरी टीचर भी नाराज हो गई थी। उन्होंने मेरे पिता को बुलाकर पूछा कि ये इतना अच्छा स्टूडेंट है साइंस क्यों नहीं ले रहा। पिता ने मुझसे पूछा तो मैने कहा कि मुझे पसंद नही है। मुझे लिटरेचर और इतिहास में रुचि है। उन्होंने भी इसकी सराहना की।
11 साल की उम्र में पहली रचना छपी
सांसद थरूर ने कहा कि उस दौर में किताबे ही मेरे एंटरटेंनमेंट का एक जरिए था। न मोबाइल था, न इंटरनेट। इस दौरान मैंने काफी किताबें पढ़ीं। इस दौरान मैंने लिखना भी शुरू किया। मैंने पहली बार 11 साल की उम्र में कुछ लिखकर जमा करवाया था, जो जूनियर स्टेट्समैन नाम की मैग्जीन में प्रकाशित हुआ था।

नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हो रहे कलाकारों और स्कूली बच्चों को संबोधित कर कहा है कि भारत की श्रेष्ठता की एक और शक्ति इसकी भौगोलिक और सामाजिक विविधता में ही है। हमारा ये देश एक प्रकार से फूलों की माला है, जहां रंग-बिरंगे फूल भारतीयता के धागे से पिरोए हुए हैं। पीएम ने कहा, 'परेड में आप एक प्रकार से मिनी इंडिया-न्यू इंडिया को शोकेस करने वाले हैं। भारत असल में क्या है, ये हमारा देश और पूरी दुनिया आपके माध्यम से समझती है।'
पीएम मोदी ने कहा कि जब हम एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात करते हैं,तब हमें ये भी याद रखना है कि भारत असल में है क्या। भारत क्या सिर्फ सरहदों के भीतर 130 करोड़ लोगों का घर भर ही है? नहीं, भारत एक राष्ट्र के साथ-साथ एक जीवंत परंपरा है, एक विचार है, एक संस्कार है, एक विस्तार है। पीएम ने कहा, राजपथ पर आपके प्रदर्शन से पूरी दुनिया भारत की इस शक्ति के भी दर्शन करती है। इसका असर भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ के प्रचार-प्रसार में भी होता है और भारत के टूरिज्म सेक्टर को भी इससे मजबूती मिलती है।'
पीएम ने परेड में शामिल होने जा रहे युवाओं से कहा, यहां जितने भी युवा साथी आए हैं, मेरा आपसे आग्रह रहेगा कि राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों की ज्यादा से ज्यादा चर्चा करें। चर्चा ही नहीं, बल्कि खुद अपने जीवन में इन बातों का अमल करें, उदाहरण पेश करें। हमारे इसतरह के प्रयास न्यू इंडिया का निर्माण करेंगे 'परेड के उद्देश्य को लेकर पीएम ने कहा, 'हम जिस न्यू इंडिया की तरफ आगे बढ़ रहे हैं, वहां यही आकांक्षाएं, यही सपने हमें पूरे करने हैं। भारत का कोई भी व्यक्ति, कोई भी क्षेत्र पीछे ना रह जाए, ये हमें सुनिश्चित करना है। गणतंत्र दिवस की परेड के पीछे भी यही ध्येय है।' पीएम ने कहा कि एनसीसी और एनएसएस के माध्यम से अनुशासन और सेवा की एक समृद्ध परंपरा जब राजपथ पर दिखती है, तो देश के करोड़ों युवा प्रेरित और प्रोत्साहित होते हैं।

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