राजनीति

राजनीति (6705)

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि इस कानून से अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीनी जाएगी। उन्होंने कहा किसीएए नागरिकता देने का कानून है, नागरिकता लेने का नहीं। जिन लोगों को कोई जानकारी नहीं है, वो सीएए पर लोगों भड़का रहे हैं।

आगरा (उप्र)। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर कांग्रेस के विरोध पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व मानसिक दिवालियेपन से गुजर रहा है और कांग्रेस के पिछले आठ महीने के वक्तव्य पाकिस्तान को मदद करने वाले नजर आएंगे। नड्डा ने यहां सीएए के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा, आजकल बड़े-बड़े दलित नेता सीएए का विरोध कर रहे हैं। उनको मालूम नहीं है कि जो लोग भारत में आए हैं, उनमें 70 फीसदी दलित हैं। जिनको भारत में रहने का अधिकार दिया है, उनको नागरिकता दी है।
 
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,  कांग्रेस पार्टी हताश हो चुकी है। कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व मानसिक दिवालियेपन से गुजर रहा है। कांग्रेस पार्टी के पिछले आठ महीने के वक्तव्य पाकिस्तान को मदद करने वाले दिखाई देंगे।  नड्डा ने कहा,  दलित नेता और कांग्रेस पार्टी सीएए के बारे में कुछ भी नहीं जानती है, सिर्फ भ्रम फैला रही है। उन्होंने कहा, इनकी राजनीति समाप्त हो चुकी है, इनको समझ में आ गया है कि देश बदल चुका है, मोदी जी के नेतृत्व में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि इस कानून से अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीनी जाएगी। उन्होंने कहा किसीएए नागरिकता देने का कानून है, नागरिकता लेने का नहीं। जिन लोगों को कोई जानकारी नहीं है, वो सीएए पर लोगों भड़का रहे हैं।

आगरा में जेपी नड्डा की रेली में संबोधित करते हुए योगी ने साफ कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार और प्रशासन अपनी शैली में इसका हल ढूंढेगा। सभी को अपनी बात रखने और विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इसके बहाने देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की स्वतंत्रता किसी के पास नहीं है।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में जगह-जगह हो रहे प्रदर्शन पर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग SIMI और PFI के आह्वान पर कल तक हर जगह आग लगा रहे थे, उन्हें अब यह पता चल गया है कि उनकी अवैध संपत्तियों को जब्त कर लिया जाएगा। इसलिए वो घबराए हुए हैं। योगी ने आगे कहा कि अब उन्होंने अपने महिलाओं और बच्चों को आगे बढ़ाया है और अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। आगरा में जेपी नड्डा की रेली में संबोधित करते हुए योगी ने साफ कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार और प्रशासन अपनी शैली में इसका हल ढूंढेगा। सभी को अपनी बात रखने और विरोध करने का अधिकार है, लेकिन इसके बहाने देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की स्वतंत्रता किसी के पास नहीं है। योगी ने बुधवार को कहा था कि CAA का विरोध करने वालों ने अपने घर की महिलाओं को चौराहे-चौराहे पर बैठाना शुरू कर दिया है, कितना बड़ा अपराध की पुरुष घर में सो रहा है रजाई ओढ़ के, और महिलाओं के आगे करके चौराहे-चौराहे पर बैठाया जा रहा है।
दूसरी ओर, सपा और कांग्रेस ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे आंदोलन के दौरान आजादी के नारे लगाने को देशद्रोह बताने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान की निंदा करते हुए गुरुवार को कहा कि तानाशाह की भाषा बोल रहे योगी अपना लोकतांत्रिक हक मांग रही महिलाओं को धमका रहे हैं। विधानसभा में सपा और विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने  आजादी  के नारे लगाने को देशद्रोह बताने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुधवार के बयान पर कहा  आजादी की लड़ाई के दौरान अंग्रेज भी स्वतंत्रता सेनानियों को आतंकवादी कहते थे। अब उनके वंशज या उनका साथ देने वालों के वंशज आजादी के नारे लगाने वालों को देशद्रोही कह रहे हैं, तो इसमें बुरा मत मानिये। उनकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। वे इसीलिए बड़बड़ा रहे हैं।

पवार ने कहा कि वे उन पार्टियों को वोट देते हैं जो बीजेपी को हरा सकती हैं। चुनावों के दौरान, अल्पसंख्यक ने तय कर लिया था कि किसे हारना है। राज्य में, जो हम देख रहे हैं, वह उसी के कारण है।

वरिष्ठ एनसीपी नेता शरद पवार और अजीत पवार ने पार्टी कार्यालय में आज पार्टी की अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान, मुसलमानों ने भाजपा को वोट नहीं दिया। पवार ने कहा कि वे उन पार्टियों को वोट देते हैं जो बीजेपी को हरा सकती हैं। चुनावों के दौरान, अल्पसंख्यक ने तय कर लिया था कि किसे हारना है। राज्य में, जो हम देख रहे हैं, वह उसी के कारण है। उधर, महाराष्ट्र के मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें वह कथित रूप से यह कहते नजर आ रहे हैं कि उनकी पार्टी शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार में “मुस्लिम समुदाय” के “जोर देने” पर शामिल हुई जिससे भाजपा को सत्ता में वापस आने से रोका जा सके। अब शरद पवार के बयान पर राजनीति बवाल मचने की संभावना है।

कोरबा। महापौर राजकिशोर प्रसाद ने अपनी मेयर इन काउंसिल का गठन कर दिया है। नियमानुसार 13 नवनिर्वाचित पार्षदों को मेयर इन काउंसिल का सदस्य नियुक्त किया गया है। एमआईसी सदस्यों को विभागों का वितरण भी कर दिया गया है। महापौर राज किशोर प्रसाद ने छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 37 तथा छग राज्य संशोधन अधिनियम 2004 के नियम 37(2) में निहित प्रावधान व प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए नगर पालिक निगम कोरबा की मेयर इन काउंसिल का गठन किया है। इन एमआईसी सदस्यों को विभाग भी वितरित कर दिए गए हैं। मेयर इन काउंसिल के गठन के जारी आदेश के अनुसार संतोष राठौर को नगरीय नियोजन एवं लोककर्म विभाग, सुनील पटेल को उद्यानकी विभाग, कृपाराम साहू को राजस्व विभाग, सुनीता राठौर को लेखा एवं अंकेक्षण विभाग, अमरजीत सिंह को विद्युत संधारण, खेलकूद एवं युवा कल्याण, मस्तुल सिंह कंवर को शिक्षा विभाग,प्रदीप राय जायसवाल को खाद्य एवं स्वच्छता विभाग, पालूराम साहू को लोक स्वास्थ्य एवं विरासत संरक्षण,सपना चौहान को महिला एवं बाल विकास, रोपा तिर्की को यांत्रिकी विभाग, सूखसागर निर्मलकर को सामान्य प्रशासन एवं विधायी कार्य विभाग, फूलचंद सोनवानी को गरीबी उपशमन एवं सामाजिक कल्याण और सुरती कुलदीप को संस्कृति, पर्यटन एवं मनोरंजन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।

महापौर राजकिशोर प्रसाद ने किया मेयर इन काउंसिल का गठन

गुना। राजगढ़ क्षेत्र में बुधवार को भाजपा के जंगी प्रदर्शन में प्रदेश के आला नेताओं ने जमकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। भाजपा नेताओं ने कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर पर मारपीट और तिरंगे का अपमान करने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत पुलिस को सौंपी। प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता उपस्थित थे। पूर्व सीएम और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्या किसी प्रशासनिक अधिकारी को संविधान अधिकार देता है कि जब चाहे किसी को भी थप्पड़ जड़ दें। क्या कानून आपको इसकी इजाजत देता है। उन्होंने कहा कि इमरजेंसी के दौरान मुझे गिरफ्तार किया गया और लाठियां बरसाई गई तो भी हमें कोई नहीं डरा सका।

भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राजगढ़ के ब्यावरा में कहा कि मैंने सुना है कि जेएनयू का वायरस यहां भी आ गया है। मुझे जानकारी लगी है कि जेएनयू से पढ़ी महिला ही इस जिले की कलेक्टर है। यहां की जनता जानती है कि वायरस को समाप्त करने के लिए क्या करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश विरोधी नारे लगाने की घटनाएं जेएनयू में सामने आती है। वहां पर तिरंगा का विरोध भी किया जाता है। इसलिए यहां पर तिरंगे झंडे को थामे भाजपा कार्यकर्ताओं का अपमान किया गया। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि सीएए का समर्थन कर रहे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट संविधान और भारत माता का अपमान है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा हमारे कार्यकर्ताओं को जो थप्पड़ मारा गया है वह कमलनाथ सरकार के ताबूत में आखिरी कील होगी। हमारे कार्यकर्ताओं सड़क पर उतरेंगे और संघर्ष जारी रहेगा।

नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए मोदी सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। इसके तहत विकास से संबंधित कार्य के लिए पैकेज की मंजूरी मिल गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू और कश्मीर के लिए 80 हजार करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है। दरअसल केंद्र सरकार के कई मंत्री जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए हैं। जहां वे लोगों से मुलाकात कर वहां के हालात का जायजा ले रहे हैं। इसके अलावा वहां की विकास परियोजनाओं की जानकारी ले रहे हैं। अभी हाल में पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी समेत कई मंत्रियों ने वहां का दौरा किया और विकास के बारे में जानकारी ली। इधर दिल्ली में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट बैठक में इन मंत्रियों से कश्मीर के बारे में फीडबैक लिया।

 

जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय के दौरे में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी.किशन रेड्डी भी गए हुए हैं। जहां वे कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी बुधवार को श्रीनगर के लाल चौक गए और वहां के लोगों से कुछ समय तक बातचीत की। नकवी लाल चौक पर रुके और कुछ दुकानदारों और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की। उन्होंने लोगों से उन समस्याओं के बारे में पूछा,जिसका वे सामना कर रहे हैं। नकवी ने कहा, सकारात्मक माहौल है और सरकार लोगों के बीच संवाद बना कर सकारात्मकता फैला रही है।

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता नाना पाटेकर ने कहा कि किसान भिखारी नहीं हैं और अकेले कर्जमाफी से महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों की आत्महत्या की समस्या का समाधान नहीं होगा। यह बातें बुधवार को उन्होंने चिंचवाड़ के एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। जिसका आयोजन कलारंग संस्था ने अपनी 21वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया था। पाटेकर ने कहा, 'यदि राजनेता पैसे नहीं देते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। किसानों को कर्जमाफी नहीं चाहिए। हमें उन्हें भावनात्मक सपोर्ट और धीरज देना चाहिए।

हमें उनसे बात करनी चाहिए। अकेले कर्जमाफी से कुछ नहीं होगा। किसान भिखारी नहीं हैं।' इस कार्यक्रम में विधायक महेश लांडगे, लक्ष्मण जगताप, शिक्षाविद् पीडी पाटिल और उप महापालिकाध्यक्ष तुषार हिंज भी मौजूद थे। पाटेकर ने यह भी कहा कि एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार हमेशा एक हीरो रहे हैं। उन्होंने कहा, 'वह भारतीय राजनीति के चाणक्य हैं।' उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को नाम फाउंडेशन की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। फिल्म अभिनेता ने कहा, 'मेरे सभी पार्टियों में दोस्त हैं। चाहे वह शरद पवार हों, उद्धव ठाकरे हों या देवेंद्र फडणवीस। सभी मेरे दोस्त है।'

दार्जिलिंग. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने हिंदू सभा की बंटवारे की राजनीति का विरोध किया था। वे हमेशा अखंड और धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए लड़ते रहे। उनके इस विचार को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर है, जो धर्मनिरपेक्षता का समर्थन करते हैं।
ममता ने कहा- नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 12 मई 1940 को झारग्राम में एक जनसभा को संबोधित किया। वहां उन्होंने हिंदू महासभा की आलोचना की थी। उनके विचार आज के परिदृश्य पर सटीक बैठते हैं।
नेताजी हमेशा अखंड भारत के लिए लड़े- बनर्जी
बनर्जी ने मांग की कि नेताजी की जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए। उन्होंने कहा कि नेताजी ने अपने संघर्ष के दौरान यह संदेश दिया था कि सभी विचारधारा का सम्मान किया जाए। उनका सबसे बड़ा योगदान यही था कि वे अखंड भारत के लिए लड़े।
बोस के साथ क्या हुआ था, यह नहीं जानना शर्मनाक-मुख्यमंत्री
बनर्जी ने नेताजी के अचानक लापता हो जाने के मामले को स्पष्ट न किए जाने को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- केंद्र ने केवल कुछ फाइलें सामने लाई हैं। इसके आगे कुछ नहीं हुआ। यह हम सभी के लिए शर्मनाक है कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी हम लोग नहीं जान पाए हैं कि आखिर उनके साथ हुआ क्या था।

पटना. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे जदयू नेता प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को दो टूक जवाब दे दिया। नीतीश ने कहा कि जिसे जहां जाना है चला जाए, मेरी शुभकामनाएं साथ हैं। नीतीश ने कहा ये लोग विद्वान हैं। मैं इनकी इज्जत करता हूं, भले ही वे न करें।
नीतीश ने कहा- मन में कुछ हो तो आकर बात करें
नीतीश ने कहा कि कुछ लोगों के बयान से जदयू को नहीं देखना चाहिए। जदयू बहुत ही दृढ़ता से अपना काम करती है। हम लोगों का स्टैंड साफ होता है। एक भी चीज पर हम लोग कन्फ्यूजन में नहीं रहते। अगर किसी के मन में कुछ है तो आकर बातचीत करनी चाहिए। पार्टी की बैठक में चर्चा करनी चाहिए।
प्रशांत किशोर ने अमित शाह को चुनौती दी थी
प्रशांत किशोर ने हाल ही में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा था कि नीतीश ने कहा है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा। प्रशांत ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सीएए और एनआरसी लागू करने की चुनौती दे दी थी।
पवन वर्मा ने पार्टी के खिलाफ पत्र लिखा था
पूर्व सांसद पवन वर्मा ने सीएए पर पार्टी के फैसले के खिलाफ नीतीश कुमार को पत्र लिखा था। मंगलवार को पवन वर्मा ने कहा था कि नीतीश को एनआरसी और सीएए जैसे ज्‍वलंत मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए। नीतीश ने मेरे पत्र का जवाब नहीं दिया है। जवाब मिलने के बाद तय करूंगा कि पार्टी में रहूंगा या नहीं।
दिल्ली में जदयू का भाजपा से गठबंधन नहीं चाहते थे पवन वर्मा
पवन वर्मा नहीं चाहते थे कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जदयू भाजपा के साथ चुनावी मैदान में उतरे। उन्होंने इसके खिलाफ नीतीश को लिखे पत्र में अपनी बात रखी थी। गुरुवार को पवन ने कहा कि जदयू का भाजपा के साथ गठबंधन बिहार तक सीमित था। इसे दिल्ली में विस्तार दिया गया। मैंने तो यही प्रश्न किया था कि क्या यह फैसला पार्टी में विचार-विमर्श और वैचारिक स्पष्टिकरण के बाद लिया गया? सीएए पर वैचारिक मतभेद के चलते भाजपा की पुरानी सहयोगी पार्टी अकाली दल ने दिल्ली में गठबंधन नहीं किया।
एक दिन पहले वशिष्ठ नारायण सिंह ने चेताया था
जदयू ने प्रशांत और पवन वर्मा के बयानों को अनुशासनहीनता माना है। बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा था कि वे इस मसले पर मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार से बात करेंगे। पवन हों या प्रशांत, इनकी जदयू के निर्माण में कोई भूमिका नहीं है। अगर उन्होंने किसी जगह जाने का मन बना लिया है तो स्वतंत्र हैं। उनके बयानों को देख कर लगता है कि वे दूसरी पार्टी के संपर्क में हैं। दिल्ली में जदयू-भाजपा और लोजपा का गठबंधन हो गया तो गलत क्या है? सीएए पर पार्टी का स्टैंड साफ है।
7 साल में 5 नेता नीतीश का साथ छोड़ चुके
शरद यादव: 2017 में नीतीश ने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा से हाथ मिलाया और एनडीए में शामिल होकर सरकार बना ली। शरद ने इसे वोट पर डाका बताया और जदयू से निकल गए।
उदय नारायण चौधरी: उदय नारायण चौधरी भी शरद यादव के साथ ही जदयू से अलग हुए। 2005-2015 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे चौधरी को जदयू का एनडीए में शामिल होना मंजूर नहीं था।
जीतन राम मांझी: 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू की करारी हार का जिम्मा लेते हुए नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। कुछ महीने बाद मांझी बगावती हो गए थे। पार्टी ने इस्तीफा मांगा तो उन्होंने इनकार कर दिया। फरवरी 2015 में बात फ्लोर टेस्ट तक पहुंची, लेकिन इससे पहले ही मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और जदयू भी छोड़ दी।
वृषिण पटेल: पटेल ने भी मांझी के साथ जदयू छोड़ा और दोनों नेताओं ने मिलकर हम पार्टी बनाई। वृषिण इन दिनों रालोसपा में हैं।
उपेंद्र कुशवाहा: उपेंद्र कुशवाहा ने 2013 में नीतीश का साथ छोड़ा और रालोसपा बनाई।

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को मतदान होना है. यहां मुख्य मुकाबला तीन प्रमुख दलों आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है. लेकिन बीजेपी के एक उम्मीदवार ने कहा है कि 8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होगा. यानी दिल्ली के चुनाव में भी पाकिस्तान की एंट्री हो गई है.
इससे पहले 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में पाकिस्तान ऐसे ही अचानक केंद्र में आ गया था. ये बयान भी बीजेपी नेता की तरफ से ही दिया गया था. उस वक्त बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह थे. शाह ने बिहार में चौथे चरण के मतदान से पहले रक्सौल में एक रैली को संबोधित किया. इस रैली में शाह ने कहा था कि अगर बिहार में बीजेपी हारती है तो पाकिस्तान में पटाखे फोड़कर जश्न मनाया जाएगा.
हालांकि, चुनाव नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं रहे थे. लेकिन शाह के बयान की शिकायत चुनाव आयोग तक पहुंच गई और उनका यह एक बड़ा मुद्दा बना था.
अब पांच साल बाद दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी पाकिस्तान का जिक्र आ गया है. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी जहां बिजली, पानी, शिक्षा के मुद्दे पर प्रचार कर रही है, वहीं विपक्षी दल बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा केजरीवाल सरकार को इन मुद्दों पर घेरने के साथ पाकिस्तान भी चर्चा में ले आए हैं. कपिल मिश्रा ने अपने ट्वीट में लिखा है, '8 फरवरी को दिल्ली की सड़कों पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान का मुकाबला होगा.'दिल्ली की सियासी पिच पर भले ही पाकिस्तान का नंबर आ गया हो, लेकिन राजधानी की क्रिकेट पिच पर दोनों देश आखिरी बार सात साल पहले भिड़े थे. सियासी तनातनी के बीच दोनों क्रिकेट टीमों के बीच दिल्ली में तब से अब तक कोई मैच नहीं खेला जा सका है. दिल्ली में भारत-पाकिस्तान के बीच यह वनडे मैच 6 जनू, 2013 को खेला गया था, जिसमें भारत ने 10 रनों से जीत दर्ज की थी.

Ads

R.O.NO. 13515/54 Advertisement Carousel

MP info RSS Feed

फेसबुक