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पश्चिमी दिल्ली के सांसद ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा कि यहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर निर्मित मस्जिदों को निश्चित रूप से गिराया जाएगा। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतदान आठ फरवरी को होगा और 11 फरवरी को चुनाव परिणाम की घोषणा होगी।

नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने शनिवार को कहा कि अगर भाजपा दिल्ली में सत्ता में आती है तो शहर की सरकारी जमीनों को धार्मिक संरचनाओं के अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा। पश्चिमी दिल्ली के सांसद ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा कि यहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर निर्मित मस्जिदों को निश्चित रूप से गिराया जाएगा। दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतदान आठ फरवरी को होगा और 11 फरवरी को चुनाव परिणाम की घोषणा होगी। वर्मा ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘ दिल्ली में भाजपा की सरकार बनते ही उन सरकारी जमीनों को खाली कराया जाएगा जिन पर धार्मिक स्थलों का निर्माण किया गया है। दिल्ली में 54 से ज्यादा मस्जिद, मदरसे सरकारी जमीन पर बने होने की शिकायत अभी तक आई है। सूची दिल्ली के उपराज्यपाल को पहले ही दी जा चुकी है।’’ सोमवार को उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें दिल्ली में किसी भी मंदिर या गुरुद्वारा द्वारा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किए जाने की शिकायत मिलेगी तो वह इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाएंगे। उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ लेकिन कोई भी मंदिर या गुरुद्वारा सरकारी जमीन पर बना हुआ नहीं मिला। सिर्फ मस्जिद ही सरकारी जमीन पर बने हुए मिले हैं।’’ पिछले साल जून में वर्मा ने उप राज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिख कर कथित तौर पर सरकारी जमीनों पर बने मस्जिदों और क्रबिस्तानों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने कार्रवाई के लिए 50 स्थलों का नाम भी गिनाया था। हालांकि वर्मा के दावे को संज्ञान में लेते हुए दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने एक तथ्य अन्वेषण समिति का गठन भी किया था जिसने जांच के बाद उनके दावे को ‘झूठा’ करार दिया।

आदित्य ठाकरे ने संजय राउत के बयान से किनारा करते हुए कहा कि शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन मजबूत है और हम राज्य के विकास के लिए एक साथ आए हैं।
संजय राउत के बयान से शिवसेना ने किनारा कर लिया। आदित्य ठाकरे ने राउतके बयान को निजी बताते हुए कहा कि हमें इतिहास की बजाए आज के मुद्दों पर बात करने की जरूरत है। ठाकरे ने शिवसेना- कांग्रेस के गठबंधन को मजबूत बताते हुए कहा कि हम दोनों महाराष्ट्र के विकास के लिए साथ हैं। बता दें कि संजय राउत ने कहा था कि जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं, वे शायद किसी भी विचारधारा या पार्टी से हैं, उन्हें अंडमान सेलुलर जेल में सेल में सिर्फ दो दिनों के लिए रहने दें, जहां सावरकर को रखा गया था। तब उन्हें सावरकर के बलिदान और राष्ट्र के लिए उनके योगदान का एहसास होगा। राउत का बयान कांग्रेस के सीनियर नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान के बाद आया था जिसमें कांग्रेस नेता ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार अगर सावरकर को भारत रत्न देती है तो इसका विरोध किया जाएगा।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने वीर सावरकर को लेकर फिर एक बार कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जो लोग वीर सावरकर का विरोध करते हैं वे किसी भी विचारधारा या पार्टी से हों। उन्हें अंडमान के सेल्यूलर जेल में दो दिन रहने दें। जहां सावरकर को बंधक बनाया गया था। तब उन्हें उनके बलिदान और उनके योगदान का अहसास होगा।
बता दें कि सावरकर को लेकर कांग्रेस के सेवा दल की किताब के किए गए दावे पर भी संजय राउत ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। संजय राउत ने कहा था कि सावरकर महान थे और महान रहेंगे। जो लोग उनकी देशभक्ति पर सवाल उठा रहे हैं और उनकी आलोचना कर रहे हैं, उनके दिमाग में गंदगी भरी है।
वहीं, भाजपा महासचिव अनिल जैन ने कहा था कि दुनिया कांग्रेस नेताओं के कई रिश्तों के बारे में जानती हैं, लेकिन वह किसी पर कीचड़ उछालना नहीं चाहते। कांग्रेस में किसी ने भी सावरकर की तरह प्रताड़ना नहीं झेली। हिंदुत्व विचारधारा का अपमान करने के लिए कांग्रेस और कितना नीचे गिरेगी। 

नई दिल्ली ।केन्द्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने आज निर्भया मामले के आरोपीयों में से एक आरोपी मुकेश की दया याचिका को राष्ट्रपति  राम नाथ कोविन्द द्वारा खारिज किये जाने का स्वागत किया। दिल्ली भाजपा कार्यालय पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुये श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि जिस तरह केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति महोदय को तेजी से दया याचिका फैसले के लिए प्रेषित की और उस पर राष्ट्रपति महोदय ने अविलम्ब खारिज करने का जो फैसला लिया उससे देश की महिलाओं में न्याय के प्रति एक नयी उम्मीद जगी है। पत्रकारवार्ता में भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया सहृ-प्रमुख  संजय मयूख, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. मोनिका पंत एवं श्रीमती योगिता सिंह और मीडिया प्रमुख  अशोक गोयल देवराहा उपस्थित थे।
श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि निर्भया को जो न्याय मिल रहा है उसमें उनकी मां श्रीमती आशा देवी के संघर्ष की बड़ी भूमिका है और हम उनके जज्बें को सलाम करते है।
श्रीमती स्मृति ईरानी ने कहा कि यह अत्यन्त दुखद है कि जहां सारा देश निर्भया को त्वरित न्याय के पक्ष में लामबन्द है तो गत पांच साल में अनेक बार निर्भया मामले में न्यायलयों में पाया गया कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने मामले में तालमटौल की।
उन्होनें कहा कि मैं एक महिला कार्यकर्ता के नाते आम आदमी पार्टी की सरकार की इस तालमटौल पर आक्रोश व्यक्त करती हुं  और देश के सभी नागरिकों को बताना चाहती हुं कि जेल विभाग दिल्ली सरकार के अन्तर्गत आता है और माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने जुलाई 2018 में निर्भया के आरोपियों की रिव्यू पीटिशन खारिज कर दी थी पर उसके बाद लम्बे समय तक जेल प्रशासन और फिर केजरीवाल सरकार खुद भी मामले को दबाये बैठे रहे। इसी तरह दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने अभी दो दिन पहले न्यायलय में मामले को व्यवस्थाओं का हवाला देकर लटकवाने का प्रयास किया।
श्रीमती स्मृति ईरानी ने पूछा दिल्ली व देश की जनता जानना चाहती है कि आखिर क्या कारण है कि निर्भया मामले में उसकी मां को न्याय से वंचित रखा गया। क्या कारण है कि आम आदमी पार्टी के वकिल ने कोर्ट में कहा कि वर्तमान में बलात्कारियों को सजा देने में देरी हो सकती है। क्या कारण है कि जिस जुआनिल पर आरोप लगा बलात्कार में सबसे अधिक बर्बरता करने का जिसने राष्ट्र के सम्मूख अपना अपराध कबूल किया कि वो इस जघन्य अपराध में संलिप्त था। उसकी रिहाई पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने उसे 10 हजार रूपये दिये। उन्होनें कहा कि मैं आम आदमी पार्टी की सरकार से कहना चाहती हुं कि जुलाई 2018 के रिव्यू पीटिशन न्यायलय द्वारा खारिज किये जाने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार की वजह से निर्भया के गुनहगारों को तय समय पर फांसी नहीं हो पाई। ऐसी पार्टी पर धिक्कार है यह मेरा मानना नहीं है हिन्दूस्तान के हर न्याय प्रेमी का मानना है।  

 

भारतीय राजनीति में ‘परिश्रमी व आत्मनिर्भर’ नरेंद्र मोदी के सामने ‘पांचवी पीढ़ी के वंशज’ राहुल गांधी के लिए कोई मौका नहीं है। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचक कहे जाने वाले मशूहर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कही। शुक्रवार को केरल साहित्यिक समारोह (केएलएफ) के दूसरे दिन ‘देशभक्ति बनाम अंध राष्ट्रवाद’ विषय पर बोल रहे गुहा के सुर कुछ बदले-बदले रहे। 61 वर्षीय गुहा ने कहा, मैं निजी तौर पर राहुल गांधी के खिलाफ नहीं हूं। वह एक भले और अच्छे संस्कार वाले आदमी हैं। लेकिन युवा भारत पांचवी पीढ़ी के वंशवादी को नहीं चाहता। यदि आप मलयाली 2024 में भी राहुल गांधी को दोबारा चुनने की गलती करोगे तो आप महज नरेंद्र मोदी को ही लाभ पहुंचाओगे।

उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी ने 15 साल तक एक राज्य की सत्ता संभाली है, उन्हें प्रशासनिक अनुभव है, वह बेहद मेहनती इंसान हैं और वह कभी यूरोप में छुट्टी बिताने नहीं जाते हैं। मैं यह सब पूरी गंभीरता से कह रहा हूं।'

गुहा ने कहा, अगर आप लोग 2024 में दोबारा राहुल गांधी को चुनने की गलती करेंगे, तो इससे आप नरेंद्र मोदी को ही फायदा पहुंचाएंगे क्योंकि नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह राहुल गांधी नहीं है।

'केरल ने राहुल गांधी को चुनकर विनाशकारी कदम उठाया'

गुहा ने कहा कि केरल ने कांग्रेस नेता को संसद के लिए चुनकर बेहद विनाशकारी कदम उठाया था। वामपंथी विचारक गुहा ने कहा, स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान एक महान दल रही कांग्रेस का ‘निराश पारिवारिक कंपनी’ में पतन हो गया है, जो भारत में हिंदुत्व और अंध राष्ट्रवाद के प्रभुत्व बढ़ने के कारणों में से एक है। 

गुहा ने कहा, केरल (चर्चा में मौजूद केरल निवासियों को संबोधित करते हुए), तुमने भारत में कई अनूठे काम किए हैं, लेकिन राहुल गांधी को संसद के लिए चुनकर तुमने एक विनाशकारी काम भी कर दिया। गुहा ने कहा, नरेंद्र मोदी का सबसे मजबूत पक्ष यह है कि वो राहुल गांधी नहीं हैं।

बीजेपी ने आज 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। बाकी बचे हुए 13 उम्मीदवारों का एलान एक या दो दिन में किया जाएगा।

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी आज अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर,  श्‍याम जाजू व मनोज तिवारी की संयुक्‍त प्रेस वार्ता में उम्मीदवारों का ऐलान किया। बीजेपी ने आज 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। बाकी बचे हुए 13 उम्मीदवारों का एलान एक या दो दिन में किया जाएगा। बीजेपी ने अपने सभी चारों विधायकों को टिकट देने के साथ 12 पार्षदों को भी टिकट देने का फैसला किया है।

 
  • नरेला- नीलदमन खत्री
  • तीमारपुर- सुरेंद्र सिंह बिट्टू
  • आदर्श नगर- राजकुमार भाटिया
  • मुंडका- मास्टर आजाद सिंह
  • किराड़ी- अनिल झा
  • ग्रेटर कैलाश- शिखा राय
  • विश्वास नगर- ओपी शर्मा
  • त्रिनगर- तिलकराम गुप्ता
  • सुल्तानपुर माजरा- रामचंद्र छाबड़िया
  • मंगोलपुरी- करम सिंह कर्मा
  • रोहिणी- विजेंद्र गुप्ता
  • शालीमार बाग- रेखा गुप्ता
  • शकूर बस्ती- डॉ एससी वत्स
  • त्रिनगर- तिलकराम गुप्ता
  • वजीरपुर- डॉ महेंद्र नागपाल
  • मॉडल टाउन- कपिल मिश्रा
  • उत्तम नगर- श्रीकृष्ण गहलोत
  • द्वारका- पदर्मण राजपूत
  • मटियाला- राजेश गहलोत
  • नजफगढ़- अजीत खरखरी

पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस राज्य विधानसभा में शुक्रवार को प्रस्ताव लाएगी और संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन एक मंत्री प्रस्ताव पेश करेंगे और केंद्र से अधिनियम को रद्द करने की मांग करेंगे।

चंडीगढ़। पंजाब में सत्तारूढ़ कांग्रेस राज्य विधानसभा में शुक्रवार को प्रस्ताव लाएगी और संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन एक मंत्री प्रस्ताव पेश करेंगे और केंद्र से अधिनियम को रद्द करने की मांग करेंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाने की संभावना से बृहस्पतिवार को इनकार नहीं किया था।

उनसे पूछा गया था कि क्या राज्य सरकार केरल की तर्ज पर सीएए के खिलाफ कोई प्रस्ताव लाने वाली है। इस पर सिंह ने कहा, ‘‘कल तक इंतजार कीजिए।’’ राज्य की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को कहा था कि वह सीएए, एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर सदन की भावना के अनुसार आगे बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि उनकी सरकार विभाजनकारी सीएए को लागू नहीं करने देगी।

सिंह ने कहा कि वह और कांग्रेस धार्मिक उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन उनका विरोध सीएए में मुस्लिमों समेत कुछ अन्य धार्मिक समुदायों के प्रति किए गए भेदभाव को लेकर है। केरल विधानसभा ने इस विवादित कानून को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पारित किया है। ऐसा करने वाला केरल पहला राज्य है।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर का विषय उठाने की कोशिश में पाकिस्तान की मदद करने पर गुरुवार को चीन को आड़े हाथ लिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि चीन को इस वैश्विक सहमति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उचित सबक सीखना चाहिए और भविष्य में ऐसे कदम से बचना चाहिए।

नयी दिल्ली। भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर का विषय उठाने की कोशिश में पाकिस्तान की मदद करने पर गुरुवार को चीन को आड़े हाथ लिया और कहा कि चीन को वैश्विक आम-सहमति पर गंभीरता से सोचना चाहिए और भविष्य में इस तरह के कृत्य से बचना चाहिए। भारत ने चीन की मदद से कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश के लिए पाकिस्तान पर भी निशाना साधा और कहा कि हताश इस्लामाबाद घाटी के बारे में चिंताजनक परिदृश्य प्रस्तुत करते हुए आधारहीन आरोप लगा रहा है और उसमें विश्वसनीयता का अभाव है।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया से कहा कि पाकिस्तान अपनी ऊर्जा का रचनात्मक उपयोग कर बार-बार होने वाली इस वैश्विक शर्मिंदगी से बच सकता है। पाकिस्तान के घनिष्ठ सहयोगी चीन ने बुधवार को न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद की एक बैठक में कश्मीर मुद्दे को उठाने का फिर प्रयास किया। कुमार ने कहा कि सुरक्षा परिषद का बहुमत के साथ विचार है कि इस तरह के मुद्दों के लिए यह सही मंच नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने यूएनएससी का दुरुपयोग करने की कोशिश की। इस्लामाबाद के पास भविष्य में इस तरह की वैश्विक शर्मिंदगी से बचने का विकल्प है।

कुमार ने कहा कि चीन को इस वैश्विक सहमति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उचित सबक सीखना चाहिए और भविष्य में ऐसे कदम से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सुझाव है कि यह प्रश्न चीनी पक्ष के सामने भी प्रस्तुत किया जाना चाहिए।’’ कुमार ने कहा कि सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारी बहुमत से वैश्विक सहमति को रेखांकित किया गया कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मुद्दा है तो उस पर द्विपक्षीय रूप से चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा परिषद के एक सदस्य के जरिए फिर से द्विपक्षीय मामले पर चर्चा के लिए उस मंच का दुरुपयोग करने का प्रयास किया गया।

कुमार ने कहा कि यूएनएससी के अधिकतर सदस्यों का मानना ​​था कि वह ऐसे मुद्दों के लिए सही मंच नहीं है और इस पर भारत तथा पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से चर्चा होनी चाहिए। इसलिए अनौपचारिक बैठक बिना किसी नतीजे के संपन्न हुई।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरूवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रियों का जम्मू कश्मीर के दौरे की व्यवस्था करना, प्रदेश से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद पैदा हुई स्थिति के बारे में केंद्र सरकार का ‘‘झूठ फैलाने का तीसरा प्रयास है।’’

जम्मू। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरूवार को कहा कि केंद्रीय मंत्रियों का जम्मू कश्मीर के दौरे की व्यवस्था करना, प्रदेश से विशेष दर्जा वापस लेने के बाद पैदा हुई स्थिति के बारे में केंद्र सरकार का ‘‘झूठ फैलाने का तीसरा प्रयास है।’’ पार्टी सहयोगी अम्बिका सोनी के साथ यहां दो दिवसीय दौरे पर आये आजाद ने कहा कि केद्रीय मंत्री यहां केंद्र शासित क्षेत्र के दौरे पर जम्मू कश्मीर की ‘‘बर्बादी’’ का जश्न मनाने आ रहे हैं।

आजाद ने कहा, ‘‘यह दुनिया, जम्मू कश्मीर और भारत के लोगों का ध्यान भटकाने तथा उन्हें भ्रमित करने का यह तीसरा प्रयास है। वह यहां तीसरी बार झूठ बोलने आ रहे हैं।’ ’राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय मंत्रियों का एक दल 18 जनवरी से जम्मू कश्मीर के दौरे पर आ रहा है। वह घाटी के संवेदनशील क्षेत्रों में जाएगा और संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को वापस लिये जाने के सकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाएगा तथा क्षेत्र में सरकार की ओर से चलाये जा रहे विकास के कार्यों से लोगों को अवगत कराएगा। इसके एक दिन बाद आजाद की यह टिप्पणी आयी है।

आजाद ने इस कदम की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘आज तक, उन्हें पता नहीं चला कि सरकार कैसे चलायें। वह विफल रहे हैं।’’  उन्होंने जोर देकर कहा कि अतीत में सरकार यूरोपीय संसद के सदस्यों और विदेशी राजनयिकों का ‘गाइडेड टूर’ करा कर दो बार देश तथा दुनिया के लोगों को धोखा दे चुकी है। राज्य सभा सदस्य ने कहा कि ‘बर्बादी’ और कश्मीर की स्थिति पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से सरकार ने यूरोपीय संसद के सदस्यों तथा विदेशी राजनयिकों के टूर का आयोजन कराया था ताकि उनकी कहानी का दुनियाभर में प्रचार हो सके।

इस महीने की नौ तारीख को अमेरिकी राजदूत समेत 15 देशों के राजनयिकों ने जम्मू कश्मीर की दो दिवसीय यात्रा की थी। दिल्ली स्थित एक थिंक टैंक की अगुवाई में इससे पहले 23 यूरोपीय सांसदों का दल भी केंद्र शासित क्षेत्र के दौरे पर गया था। सरकार ने इससे खुद को अलग कर लिया था।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कश्मीर घाटी से गिरफ्तार पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह के मामले को एनआईए को सौंपे जाने को लेकर शुक्रवार को सवाल किया कि आखिर कौन इस ‘आतंकी’ को चुप कराना चाहता है। गांधी ने कहा कि आतंकी डीएसपी दविंदर को खामोश करने का सबसे अच्छा तरीका है कि मामले को एनआईए के हवाले कर दिया जाए।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कश्मीर घाटी से गिरफ्तार पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह के मामले को एनआईए को सौंपे जाने को लेकर शुक्रवार को सवाल किया कि आखिर कौन इस ‘आतंकी’ को चुप कराना चाहता है। गांधी ने ट्वीट किया, ‘आतंकी डीएसपी दविंदर को खामोश करने का सबसे अच्छा तरीका है कि मामले को एनआईए के हवाले कर दिया जाए।’ उन्होंने दावा किया, ‘‘एनआईए का नेतृत्व एक और मोदी-वाईके कर रहे हैं जिन्होंने गुजरात दंगों और हरेन पंड्या की हत्या की जांच की थी। वाईके की देखरेख में यह मामला खत्म होने की तरह है।’’


कांग्रेस नेता ने सवाल किया, कौन आतंकी दविंदर को खामोश करना चाहता है और क्यों चाहता है? राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को सवाल किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल खामोश क्यों हैं? उन्होंने यह भी कहा था कि दविंदर के खिलाफ त्वरित अदालत में मुकदमा चलना चाहिए और दोषी पाए जाने पर उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

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