ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एलान किया कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि स्थल पर तीन महीनो में मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। उन्होंने मंदिर मुद्दे पर भी विपक्ष को कठघरे में खड़ा करते हुए उस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सैकड़ों साल पुराने मामले को कांग्रेस सहित विपक्षी दल लटकाए रखने चाहते थे। लेकिन मोदी सरकार के प्रयास से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई तेज हुई। हम लोगों का जीवन धन्य है कि हमारे जीवन काल में अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर का बनने जा रहा है। शाह मंगलवार को लखनऊ के बंगला बाजार में रामकथा पार्क में सीएए के समर्थन में आयोजित रैली को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कई बार राम मंदिर पर सुनवाई का विरोध किया। उस दिन हमारा जीवन धन्य हो जाएगा जिस दिन ‘श्रीराम जन्मभूमि’ पर बनने वाले गगनचुंबी मंदिर में रामलला विराजमान हो जाएंगे। शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से बनने वाले राम मंदिर का भी कांग्रेस, अखिलेश और मायावती विरोध कर रहे हैं। कहा कि पांच सौ साल पहले भगवान राम का मंदिर आक्रमणकारियों ने तोड़ दिया था। मंदिर निर्माण के लिए लगातार आंदोलन हुए। लाखों लोगों ने बलिदान दिया। जब तक कांग्रेस सरकार थी उसने राम मंदिर का निर्माण नहीं होने दिया। कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल कोर्ट में कहते रहे कि अभी सुनवाई न करिए। केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में जल्द सुनवाई शुरू कराने की कोशिश हुई तो भी सिब्बल ने कई बार अड़ंगा डाला। शाह ने कहा कि जनता ने 303 सीटों के साथ मोदी की सरकार फिर बनवाई तो केंद्र के प्रयास से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई फिर तेज हुई।
रायपुर। नगर निगम की मेयर इन काउंसिल के गठन के बाद नई समिति के सदस्यों की बैठक अधिकारियों के साथ आज होगी। बैठक में महापौर एजाज़ धिवर भी मौजूद रहेंगे। एमआईसी सदस्यों और अधिकारियों को आपस में समन्वय बनाकर शहर के विकास कार्य के लिए महापौर द्वारा निर्देश दिए जाएंगे। महापौर ने अपनी एमआईसी में 49 पार्षदों के अलावा अन्य वरिष्ठ पार्षदों को शामिल किया है।
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी राजधानी रायपुर में नागरिकता संशोधन कानून सीएए के समर्थन में एक रैली करने जा रही है। रैली में उप्र सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल होंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सीएए पर उप्र के संबंध में केशव प्रसाद मौर्य को घेरने की कोशिश की है। उन्होंने 5 सवालों के बेबाक जवाब मौर्य से मांगे हैं।
मोहन मरकाम ने पूछा कि
1. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को इस बात का जवाब देना चाहिए कि पूरे देश में भाजपा शासित राज्यों में ही उत्तर प्रदेश में सीएम विरोधी प्रदर्शनों का इतनी क्रूरता से दमन क्यों किया गया? सिर्फ उत्तर प्रदेश में 28 लोग मारे गये।
2. बाबा साहब अंबेडकर के बनाए हुए संविधान में सभी धर्मों के एक होने की बात कही गई है, धर्म के आधार पर भारत में किसी से भेदभाव नहीं किया जाएगा यह बात कही गई है। इसके बावजूद सीएए कानून हिंदू और मुसलमान में भेद क्यों करता है? धर्म से धर्म को लड़ाने की यह साजिश क्या उचित है?
3. गरीब और खासकर भूमिहीन, अशिक्षित आदिवासी, अनुसूचित जाति के लोग अपनी नागरिकता साबित करने के लिये पासपोर्ट, डिग्री, जमीन का कागज कहां से लायेंगे? नोटबंदी की ही तरह पूरे देश को कतार में खड़ा करने से मोदी और शाह को क्या मिलेगा?
4. आसाम में एनआरसी लागू करते समय 40 लाख से अधिक लोगों को नागरिकता से वंचित किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ के भी बहुत सारे लोग शामिल है। उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ भेदभाव करने वाली एनआरसी को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री होने के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य कितना सही मानते हैं?
5. संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह स्पष्ट रूप से क्रोनोलॉजी बता चुके हैं, पहले सीएए फिर एनपीआर और उसके बाद एनआरसी। इसके बाद भी मोदी जी और केशव प्रसाद मौर्य कैसे कह सकते हैं कि एनपीआर और एनआरसी की तो अभी बात ही नहीं है?
नई दिल्ली। राजधानी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को नई दिल्ली सीट से नामांकन दाखिल कराया। उन्होंने एफिडेविट में अपनी कुल संपत्ति 3.40 करोड़ बताई है। बीते पांच सालों में केजरीवाल की संपत्ति में 50 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2015 के चुनाव में इनकी कुल संपत्ति 2.10 करोड़ रुपये थी, जिसमें 1.03 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। सीएम के पास 9.65 लाख रुपये की एफडी और नकद राशि हैं। वर्ष 2015 से अब तक इनकी अचल संपत्ति में कोई इजाफा नहीं हुआ है। इनके पास अचल संपत्ति 1.92 करोड़ रुपये के आसपास है। इसमें 1 करोड़ रुपये की संपत्ति पत्नी सुनीता केजरीवाल के नाम है। सुनीता के पास 57 लाख रुपये की नकदी व एफडी हैं। कुछ ही समय पहले सुनीता केजरीवाल ने सरकारी नौकरी से वीआरएस लिया था, जिसके बाद उन्हें 32 लाख रुपये मिले थे।
केजरीवाल की संपत्ति 2020 2015
कुल संपत्ति 3.40 करोड़ रुपये 2.10 करोड़ रुपये
चल संपत्ति 9.65 लाख रुपये 2,26,005 लाख रुपये
अचल संपत्ति 1.92 करोड़ रुपये 1.92 करोड़ रुपये
छह घंटे हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद केजरीवाल ने किया नामांकन
दिल्ली विधानसभा चुनाव में नामांकन के आखिरी दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पर्चा भरने के कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। करीब छह घंटे के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से नामांकन दाखिल करने में सफल रहे।
दोपहर 12:30 बजे परिवार के साथ जामनगर हाउस स्थित निर्वाचन कार्यालय पहुंचे सीएम को टोकन नंबर 45 मिला था, लेकिन सीधे केंद्र में प्रवेश देने पर वहां पहले से अपनी बारी का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद केजरीवाल को वेटिंग रूम में इंतजार करना पड़ा। शाम 6:30 बजे वह नामांकन कर सके। दरअसल, एक दिन पहले सोमवार को भी मुख्यमंत्री नामांकन दाखिल नहीं कर सके थे। रोड शो में भारी भीड़ की वजह से वह दोपहर तीन बजे तक जामनगर हाउस नहीं पहुंच सके थे।
मंगलवार को जब वह पर्चा भरने पहुंचे तो पुलिस ने वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत उन्हें अंदर प्रवेश कराया। इससे नाराज प्रत्याशियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इस बीच निर्वाचन अधिकारी को मौके पर आना पड़ा और उन्होंने प्रत्याशियों को शांत कराया। इनमें से कई डीटीसी के पूर्व कर्मचारी भी थे। इन प्रत्याशियों ने सीएम को घेर लिया। किसी ने बस सेवा तो किसी ने बिजली बिलों को लेकर अपनी भड़ास निकाली। कोई कह रहा था कि हम चुनाव नहीं जीतना, लेकिन सीएम को आम आदमी का दर्द बताने के लिए वे यहां तक पहुंचे हैं। कुछ वीडियो चैट के जरिये परिवारों को मुख्यमंत्री से मिला रहे थे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को नामांकन दाखिल करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। वह दोपहर करीब 12 बजे नामांकन के लिए परिवार के साथ जामनगर हाउस पहुंचे। यहां अन्य उम्मीदवारों की भी भारी भीड़ होने के कारण अफरातफरी मची थी। इस दौरान निर्दलीय उम्मीदवारों ने जमकर हंगामा भी किया। इनका कहना था कि केजरीवाल को सीधे एंट्री क्यों दे दी गई जबकि बाकी सभी अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। हालांकि उन्हें यहां पर टोकन नंबर 45 मिला और वह नामांकन दाखिल करने का इंतजार करते रहे। करीब 6 घंटे बाद उनका नंबर आया और उन्होंने नामांकन दाखिल किया। मनीष सिसोदिया ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने भी इसके पीछे भाजपा का हाथ बताया। उन्होंने बताया कि केजरीवाल को टोकन नंबर 45 दिया गया। हालांकि, केजरीवाल ने मामले को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा कि कई उम्मीदवार पहली बार नामांकन कर रहे हैं। गलतियां कर रहे होंगे। हमने भी पहली बार गलतियां की थीं। सब मेरे परिवार का हिस्सा हैं। इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में केजरीवाल ने कहा कि आज से पांच साल की यात्रा शुरू हो रही है। सभी दल मुझे हराने में लगे हैं। सभी पार्टियां मेरे खिलाफ एक हो गई हैं। वहीं नामांकन भरने से पहले आज सुबह उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट किया था कि एक तरफ भाजपा, जदयू, लोजपा, जजपा, कांग्रेस और राजद। दूसरी तरफ स्कूल, अस्पताल, पानी, बिजली, फ्री महिला यात्रा और दिल्ली की जनता। मेरा मकसद है भ्रष्टाचार को हराना और दिल्ली को आगे ले जाना। वहीं, उन सब का मकसद है मुझे हराना।
एक तरफ़ - भाजपा, JD(U), LJP, JJP, Congress, RJD
दूसरी तरफ़ - स्कूल, अस्पताल, पानी, बिजली, फ़्री महिला यात्रा, दिल्ली की जनता
मेरा मक़सद है - भ्रष्टाचार हराना और दिल्ली को आगे ले जाना,
उनका सबका मक़सद है - मुझे हराना
आप प्रमुख ने कहा, वे (विपक्षी दल) कह रहे हैं कि केजरीवाल को हराओ और मैं कह रहा हूं कि स्कूलों को बेहतर बनाओ, अस्पतालों को बेहतर बनाओ। उनका एकमात्र उद्देश्य केजरीवाल को हराने का है।
वहीं, नामांकन से पहले मुख्यमंत्री केजरीवाल की मां ने उन्हें जीत का आशीर्वाद देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी दिल्ली में सभी 70 सीटों पर जीत हासिल करेगी।
सोमवार को रोड शो में उमड़ी भीड़ के कारण देरी हो गई थी और केजरीवाल पर्चा दाखिल नहीं कर पाए थे। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन था।
नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ लगातार आवाज उठाने वाले जदयू नेता प्रशांत किशोर ने गृह मंत्री अमित शाह को इसे लागू करने की चुनौती दी है। प्रशांत किशोर ने अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि अगर आप नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध करने वालों की परवाह नहीं कर रहे हैं तो फिर क्यों नहीं आगे बढ़ जाते हैं और इसे लागू करने की कोशिश करते हैं? बता दें कि इससे पहले भी प्रशांत किशोर एनआरसी और सीएए को लेकर आवाज मुखर कर चुके हैं।
जदयू उपाध्यक्ष और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को ट्वीट कर गृह मंत्री अमित शाह पर हमला बोला। प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया,' नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता। अमित शाह जी, अगर आप नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं, तो आप इस कानून पर आगे क्यों नहीं बढ़ते? आप सीएए और एनआरसी को उसी क्रोनोलॉजी में लागू करने का प्रयास करें, जो आपने राष्ट्र के लिए इतनी बड़ी घोषणा की है!'
दरअसल, प्रशांत किशोर का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब एक दिन पहले लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के पक्ष में अमित शाह ने दोहाराय था कि जिसे विरोध करना है करे, मगर हम नागरिकता कानून को वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रदर्शनों के बीच पैदा हुए हैं, प्रदर्शनों के बीच ही बड़े हुए हैं। विपक्ष में जब थे, तब यही कहा था और अब सत्ता में हैं तो यही कर रहे हैं।
लखनऊ में अमित शाह ने क्या कहा था:
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को उन्हें चुनौती दी कि जिसको विरोध करना है, करे लेकिन सीएए वापस नहीं होने वाला है। शाह ने सीएए के समर्थन में राजधानी के बंग्लाबाजार स्थित कथा पार्क में आयोजित विशाल जनसभा में कहा, 'इस बिल को लोकसभा में मैंने पेश किया है। मैं विपक्षियों से कहना चाहता हूं कि आप इस बिल पर सार्वजनिक रूप से चर्चा कर लो। यदि ये अगर किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकता है, तो उसे साबित करके दिखाओ।' उन्होंने कहा, 'देश में सीएए के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं। सीएए में कहीं पर भी किसी की नागरिकता लेने का कोई प्रावधान नहीं है, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है ... मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, सीएए वापस नहीं होने वाला है।'
विपक्ष पर बोला हमला:
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है। उन्होंने कहा, 'सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले। हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं।' शाह ने कहा कि सीएए की कोई भी धारा मुसलमान तो छोड़ दें, किसी भी बाशिंदे की नागरिकता लेती हो तो बता दें। गृह मंत्री ने दावा किया, 'बंटवारे के वक्त पूर्वी पाकिस्तान में 30 प्रतिशत और पश्चिमी पाकिस्तान में 23 प्रतिशत हिन्दू, सिख बौद्ध और जैन थे मगर अब वहां अब वे सिर्फ सात और तीन प्रतिशत ही रह गये हैं। बाकी कहां गये? वे या तो मार दिये गये या उनका धर्म परिवर्तन किया... या फिर भारत आकर शरण ली। इन आंखों के अंधों को दिखायी नहीं दिया कि करोड़ों लोगों पर अत्याचार हुआ।''
नई दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि पत्रकारिता एक 'मुश्किल दौर' से गुजर रही है। फर्जी खबरें नए खतरे के रूप में सामने आई हैं, जिनका प्रसार करने वाले खुद को पत्रकार के रूप में पेश करते हैं और इस महान पेशे को कलंकित करते हैं। उन्होंने कहा सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को उजागर करने वाली खबरों की अनदेखी की जाती है और उनका स्थान सामान्य बातों ने ले लिया है। वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने में मदद के बजाय कुछ पत्रकार रेटिंग पाने और ध्यान खींचने के लिए अतार्किक तरीके से काम करते हैं। उन्होंने कहा 'ब्रेकिंग न्यूज सिंड्रोम' के शोरशराबे में संयम और जिम्मेदारी के मूलभूत सिद्धांत की अनदेखी की जा रही है।
कोविंद ने कहा कि पुराने पत्रकार 'फाइव डब्ल्यू -व्हाट (क्या), व्हेन (कब), व्हाई (क्यों), व्हेयर (कहां), हू (कौन) और हाउ (कैसे) के मूलभूत सिद्धांतों को याद रखते थे, जिनका जवाब देना खबर के लिए अनिवार्य था। राष्ट्रपति ने कहा पत्रकारों को अपने कर्तव्य के निर्वहन के दौरान कई तरह का काम करना पड़ते हैं। इन दिनों वे अक्सर एक साथ जांचकर्ता, अभियोजक और न्यायाधीश की भूमिका निभाने लगे हैं। कोविंद ने कहा सच्चाई तक पहुंचने के लिए पत्रकारों को काफी आंतरिक शक्ति और जुनून की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा पत्रकारों की बहुमुखी प्रतिभा प्रशंसनीय है। राष्ट्रपति ने कहा कि सत्य की खोज निश्चित रूप से कठिन है। यह कहना बेहद आसान है लेकिन इसे करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा हमारे जैसा लोकतंत्र तथ्यों के उजागर होने और उन पर बहस करने की इच्छा पर निर्भर करता है। लोकतंत्र तभी सार्थक है, जब नागरिक अच्छी तरह से जानकार हो।
लखनऊ,नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखऊ में एक जनसभा की। यहां पर उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत 'भारत माता की जय' के नारों से करते हुए समाजवादी पार्टी (एसपी), कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को नागरिकता कानून को लेकर हो रही हिंसा का जिम्मेदार ठहराया। अमित शाह ने कहा, 'नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इसकी वजह से इस देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। ममता दीदी, राहुल बाबा, अखिलेश यादव चर्चा करने के लिए सार्वजनिक मंच तलाश लो, हमारा स्वतंत्र देव चर्चा करने के लिए तैयार है। सीएए की कोई भी धारा, मुसलमान छोड़ दीजिए, अल्पसंख्यक छोड़ दीजिए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता ले सकती है तो वह मुझे दिखा दीजिए।'
जेएनयू के मुद्दे पर भी बोले शाह
अमित शाह ने कहा, 'नेहरू जी ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो करना चाहिए वह करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया।' उन्होंने कहा, 'दो साल पहले जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के अंदर देश विरोधी नारे लगे। मैं जनता से पूछने आया हूं कि जो भारत माता के एक हजार टुकड़े करने की बात करें, उसको जेल में डालना चाहिए या नहीं। मोदी जी ने उनको जेल में डाला और ये राहुल ऐंड कंपनी कह रही है कि यह बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार है।'
'गांधी जयंती के दिन हुए बलात्कार'
अमित शाह ने कहा, 'पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान...जहां भारत के विभाजन के बाद करोड़ों हिंदू वहां रह गए, सिख वहां रह गए, ईसाई, जैन, बौध, पारसी वहां रह गए। मैंने उनके दर्द को सुना है। महात्मा गांधी की जयंती के दिन एक हजार माताओं-बहनों से बलात्कार किया जाता है, उनको जबरन निकाह पढ़ाया जाता है। हजारों की संख्या में मंदिर-गुरुद्वारे तोड़े जाते हैं। अफगानिस्तान के अंदर आसमान को छूने वाली मूर्ति को तोप के गोले से जीर्णशीर्ण कर दिया गया।'
'नागरिकता कानून नहीं होगा वापस'
अमित शाह ने कहा, 'मैं आज डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसको विरोध करना है करे, CAA वापस नहीं होने वाला है।' उन्होंने कहा, 'मैं वोट बैंक के लोभी नेताओं को कहना चाहता हूं, आप इनके कैंप में जाइए, कलतक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे, वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं।'
'कांग्रेस की वजह से देश के दो टुकड़े हुए'
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस के पाप के कारण धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की संख्या कम होती रही। आखिर कहां गए ये लोग। कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। तब से शरणार्थियों के आने का सिलसिला चल रहा है। नरेंद्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है।'
एसपी-बीएसपी-कांग्रेस, टीएमसी पर वार
गृहमंत्री ने कहा, 'देश में भ्रम फैलाया जा रहा है, दंगे कराए जा रहे हैं, आगजनी फैलाई जा रही है, यह धरना प्रदर्शन, यह विरोध, यह भ्रांति एसपी-बीएसपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस फैला रही है। इसमें किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। इस बिल के अंदर नागरिकता देने का प्रावधान है।'
नई दिल्ली ,भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जगत प्रकाश नड्डा यानी जेपी नड्डा ने भाजपा की कमान संभाल ली है। सोमवार को जेपी नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। आने वाले समय में उनके सामने भाजपा शासित राज्यों में पार्टी को सत्ता में बरकरार रखने और विपक्ष से राज्यों को छीनने की बड़ी चुनौती है। जेपी नड्डा के सामने फिलहाल दिल्ली विधानसभा चुनाव किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। साल 2020 में होने वाले विधानसभा चुनावों में जेपी नड्डा की असली परीक्षा होगी। हालांकि, उनके नेतृत्व में यूपी में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन कर रखा है।
दरअसल, जेपी नड्डा को ऐसे समय में भाजपा का नेतृत्व करने का अवसर मिला है, जबकि पार्टी को लोकसभा में तो भारी बहुमत मिला, मगर राज्यों में उसे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनको एक ऐसी पार्टी की कमान मिली है जो दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है और केंद्र के साथ 11 राज्यों में अपनी सरकारों के साथ 17 राज्यों में गठबंधन के साथ सत्ता संभाले हैं। जेपी नड्डा को देश के हर हिस्से में और हर बूथ पर मजबूत संगठन के जरिए पार्टी को अपनी पहुंच से दूर राज्यों में भी मुख्य चुनावी लड़ाई में लाना है।
जमीन से शिखर तक: जनसंघ से जनता पार्टी होते हुए 1980 में नए राजनीतिक दल के रूप में उभरी भाजपा ने चार दशकों में जमीन से सत्ता के शिखर का रास्ता तय किया है। अटल और आडवाणी जैसे ने नेताओं के साथ पली बढ़ी भाजपा अब देश की नंबर एक पार्टी बन गई है। नड्डा के पास इन राज्यों में सरकार बरकरार रखने के साथ विपक्षी सत्ता वाले राज्यों में सरकार बनाने की चुनौती होगी। इसी से उनका आकलन होगा।
दिल्ली चुनाव से चुनौती शुरू
नड्डा के सामने सबसे पहले दिल्ली के विधानसभा चुनाव हैं। दिल्ली में भाजपा दो दशक से सत्ता से बाहर है और पिछली बार को वह महज तीन सीटें जीत सकी थी। दिल्ली में जिस तरह से अरविंद केजरीवाल सरकार ने वादों की फेहरिस्त सामने रखी है और जिस तरह से मुफ्त बिजली, पानी का ऐलान किया है, वोटरों को लुभाना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा। मगर जेपी नड्डा कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं। बताया जा रहा है कि दिल्ली चुनाव में प्रचार के लिए बीजेपी पीएम, सीएम से लेकर केंद्रीय मंत्रियों की फौज उतारने वाली है।
इसके बाद जेपी नड्डा के सामने बिहार की चुनौती होगी, जहां जद (यू) के साथ गठबंधन सरकार है। इन दोनों राज्यों में उनकी अग्नि परीक्षा होगी। बिहार के बाद बंगाल की भी बारी है। बंगाल में बीजेपी भले ही पूरी कोशिश कर रही है, मगर जिस तरह से एनआरसी और सीएए को लेकर विरोध देखने को मिल रहे हैं, वहां भी चुनावी राह आसान नहीं है। इसलिए जेपी नड्डा के सामने चुनौतियों की कमी नहीं है।
संगठन के लिहाज से नड्डा को भाजपा के सबसे बड़े दल के विस्तार को और आगे ले जाना होगा। देश के हर बूथ पर पार्टी को पहुंचाना और वहां पर संगठन के जरिए चुनावी जमीन तैयार करना होगा। केंद्र सरकार व विभिन्न राज्यों में अपनी सरकारों के साथ बेहतर समन्वय बनाना चुनौती होगी।
नई दिल्ली,नागरिकता संशोधन ऐक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में महीने भर से प्रदर्शन जारी है। सोमवार की देर रात कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह प्रोटेस्ट में हिस्सा लेने के लिए शाहीन बाग पहुंचे। उन्होंने इस दौरान नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर विरोध जताया और कहा कि इस देश में जो कोई भी रह रहा है, उससे नागरिकता का प्रूफ मांगने का अधिकार किसी को नहीं है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें यहां भाषण देने के लिए भी कहा गया था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि वह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। बता दें कि सिंह से पहले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भी शाहीन बाग के प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया था। उन्होंने यहां मंच पर भाषण देते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ आपत्तिजनक बयान भी दे डाला था, जिसे लेकर कांग्रेस मुश्किल में पड़ गई थी।
'संविधान के खिलाफ है CAA, NPR और NRC'
सोमवार को शाहीन बाग पहुंचे दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम सब सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ हैं क्योंकि ये तीनों संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार की विभाजनकारी नीतियों का विरोध करते हैं। इस देश में किसी के पास भी यह अधिकार नहीं है कि उन लोगों से नागरिकता का सबूत मांगे, जिन्होंने इस देश में रहना चुना है।
तिरुअनंतपुरम,कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने केरल की एक जनसभा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को देशद्रोही करार दिया है। उन्होंने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने सरकार के कश्मीर में 36 मंत्रियों को भेजे जाने के फैसले की आलोचना की और उन्हें डरपोक बताया।
अय्यर ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग धोखेबाज हैं। ये लोग जनता के प्रतिनिधि नहीं हैं। अगर होते तो कई साल पहले से चुने गए होते। उन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार घाटी में अपने 36 मंत्री भेज रही है। वे लोग इतने डरपोक हैं कि उनमें से 31 केवल जम्मू जा रहे हैं और सिर्फ 5 कश्मीर जाएंगे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में केंद्र के संपर्क कार्यक्रम के तहत 36 केंद्रीय मंत्री प्रदेश का दौरा करेंगे। इनमें से केवल 5 मंत्री 4 दिनों में कश्मीर का दौरा करेंगे। बाकी, जम्मू इलाके की यात्रा करेंगे। इसे लेकर अधिकारियों ने बताया कि यात्रा पर आने वाले मंत्री लोगों से संवाद करेंगे और उनसे विकास के विषय पर बातचीत करेंगे।
नॉमिनेशन दाखिल करने से पहले केजरीवाल ने बीजेपी, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को हराने के लिए सभी पार्टियां एक हो गई हैं। इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा है कि उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार को खत्म करने की है और वह स्कूलों और हॉस्पिटल्स को भी बेहतर बनाएंगे।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से नामांकन भरने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर जामनगर हाउस पहुंचे हैं। नॉमिनेशन दाखिल करने से पहले केजरीवाल ने बीजेपी, कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को हराने के लिए सभी पार्टियां एक हो गई हैं। इसके साथ ही केजरीवाल ने कहा है कि उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार को खत्म करने की है और वह स्कूलों और हॉस्पिटल्स को भी बेहतर बनाएंगे।बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है और बीते दिन रोड शो के दौरान जाम में फंसने की वजह से केजरीवाल नामांकन नहीं कर सके थे। नई दिल्ली की विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी ने अंतिम समय में सुनील यादव को और कांग्रेस ने रोमेश सब्बरवाल को मैदान में उतारा है। दिल्ली के दंगल में आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ी रही है। बीजेपी ने 67 तो कांग्रेस ने 66 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।
भारतीय जनता पार्टी का निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर जेपी नड्डा के लिए पार्टी मुख्यालय में आयोजित स्वागत कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उसे जनता ने नकार दिया है इसलिए अब उसने झूठ और भ्रम को हथियार बना लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या-क्या कहा
विपक्ष को जनता ने नकार दिया है और अब उन्होंने झूठ और भ्रम को हथियार बना लिया है। हमारे लिए और सक्रियता की आवश्यकता है, जन-जन तक पहुंचने की आवश्यकता है। नकारे गए लोग भ्रम फैला रहे हैं, लेकिन लोगों का भरोसा डिगा नहीं है। उनका झूठ चलता रहेगा और हम भी चलते रहेंगे।
जनता ही हमारी ताकत है। उसी शक्ति ने पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी पार्टी को पूर्ण बहुमत दिया और दोबारा उससे भी मजबूत बहुमत देकर चुना। चुनावी राजनीति में जनता ने जिन्हें नकार दिया, उनके पास अब बहुत कम शस्त्र बचे हैं। इनमें है झूठ फैलाना, बार-बार झूठ फैलाना। यह हम लगातार देख रहे हैं।
हिमाचल के लोगों को लगता होगा कि हिमाचल का एक बेटा आज बीजेपी का अध्यक्ष बना है लेकिन नड्डा जी पर जितना हक हिमाचल का है, उतना ही बिहार का भी है। नड्डाजी की पढ़ाई लिखाई बिहार से हुई है। उन पर बिहार ज्यादा गर्व कर रहा होगा। हिमाचल तो गर्व कर सकता है कि अटलजी भी उन्हीं के थे। मेरे जीवन का सबसे ऊर्जा भरे दिन हिमाचल के ही थे।
हम सबके लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि राजनीति में जिन आदर्शों और मूल्यों को लेकर हम चले थे, जिन आदर्शों, मूल्यों के लिए 4-5 पीढ़ियां खप गईं, उन्हीं आदर्शों और मूल्यों को लेकर और राष्ट्र की आशा-आकांक्षों को लेकर भाजपा ने अपने आप को ढाला और अपना विस्तार किया।
प्रारंभ से ही पार्टी का स्वभाव रहा कि हॉरिजेंटली पार्टी का जितना विस्तार हो, वो करेगी और कार्यकर्ता का वर्टिकल विस्तार होता रहे, उसी परंपरा के कारण भाजपा को नई-नई पीढ़ी मिल रही है। जो पार्टी को आगे बढ़ाने में सफल होती है।
मेरा सौभाग्य रहा है कि यहां बैठे हुए सभी वरिष्ठ जनों के हाथ के नीचे मुझे पार्टी का काम करने का अवसर मिला है। कभी राज्य स्तर पर और कभी राष्ट्रीय स्तर पर इन सबकी अंगुली पकड़कर चलने का मुझे मौका मिला है।
हम सबके लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि राजनीति में जिन आदर्शों और मूल्यों को लेकर हम चले थे, जिन आदर्शों, मूल्यों के लिए 4-5 पीढ़ियां खप गईं, उन्हीं आदर्शों और मूल्यों को लेकर और राष्ट्र की आशा-आकांक्षाओं को लेकर भाजपा ने अपने आप को ढाला, अपना विस्तार किया।
राजनीतिक दलों के लिए चुनाव अब लगातार चलने वाली प्रक्रिया हो गयी है। अकेले में तो सब दल बोलते हैं कि बार-बार चुनाव, लेकिन जब एक सामूहिक स्टैंड लेना होता है तो हर एक को कुछ न कुछ कठिनाई आती है।
संघर्ष और संगठन इन पटरियों पर हमारी पार्टी चलती रही है। देशहित की समस्याओं को लेकर संघर्ष करना, संगठन को बढ़ाना, कार्यकर्ता का विकास करना ये पार्टी का उद्देश्य है, लेकिन सत्ता में रहते हुए दल को चलाना ये अपने आप में बड़ी चुनौती होती है।
इतने कम समय में भाजपा ने विस्तार भी किया है, जनाकांक्षाओं से खुद को जोड़ा है और समयानुकूल परिवर्तन भी किया है। एक जीती जागती चेतन वृंद पार्टी, सिर्फ संख्या बल पर बनी हुई सबसे बड़ी पार्टी नहीं बल्कि जन-सामान्य के दिलों में जगह बनाकर बनी हुई पार्टी है।
भाजपा की दूसरी विशेषता रही है कि पार्टी चले लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार को मजबूती मिलती रहे। भाजपा की विशेषता रही है कि हमें एक सुचारू रूप से चलने वाली व्यवस्था से जुड़ने वाले दल की तरह आगे बढ़ना चाहिए।
हम लंबे समय तक मां भारती की सेवा करने के लिए आए लोग हैं। हमें सदियों तक ये काम करना है। और जिन आशा-आकांक्षाओं के कारण इस दल का जन्म हुआ है, उसे पूरे किए बिना चैन से बैठना नहीं है।
एक कार्यकर्ता, लगातार जो भी उसकी शक्ति-सामर्थ है, उसे लेकर चलता रहे, जब जो जिम्मेदारी मिले उसे निभाता रहे और अपना उत्तम से उत्तम देने का प्रयास करता रहे, ये नड्डा जी में हमने भली-भांति देखा है।
उसी विश्वास से हमें आगे बढ़ना है, नड्डा जी का नेतृत्व हमें नई प्रेरणा और ऊर्जा देगा और हम सब कार्यकर्ताओं का काम है कि नड्डा जी यशस्वी हो। नड्डा जी जो भी चाहे, हम उसे पूरा करके दें।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने बीती देर रात अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इस सूची में कांग्रेस ने छह और बीजेपी ने 10 उम्मीदवारों की घोषणा की है। खास बात यह है कि इस सूची में यह साफ हो गया कि नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस के रोमेश सभरवाल और बीजेपी के सुनील यादव टक्कर देते हुए नजर आएंगे। वहीं, हरि नगर से तेजेंद्रपाल बग्गा को मैदान में उतारा गया है।
दूसरी सूची के मुताबिक कांग्रेस ने तिलक नगर से रमिंद्र सिंह बमराह, राजिंदर नगर से रॉकी टूसिड, बदरपुर से प्रमोद कुमार यादव, कोंडली से अमरीश गौतम, घोंडा से भीष्म शर्मा, करावल नगर से अरविंद सिंह को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अब तक 61 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है।
वहीं, बीजेपी ने नांगलोई जाट से सुमनलता शौकीन, राजौरी गार्डन से रमेश खन्ना, हरि नगर से तेजेंद्रपाल बग्गा, दिल्ली कैंट से मनीष सिंह, कस्तूरबा नगर से रविंद्र चौधरी, महरौली से कुसुम खत्री, कालका जी से धर्मवीर सिंह कृष्णा नगर से अनिल गोयल और शाहदरा से संजय गोयल को टिकट दिया है। इस तरह बीजेपी ने 67 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इससे पहले बीजेपी ने पहली सूची जारी की थी जिसमें 57 उम्मीदवारों के नाम शामिल थे।
दूसरी तरह बिहार में गठबंधन के बाद बीजेपी ने अन्य बची तीन सीटों में से दो जनता दल यूनाइटेड (जदयू) औक एक लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के लिए छोड़ी हैं। इनके बीच दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा हो चुकी है। गठबंधन के मुताबिक जदयू को संगम बिहार और बुराड़ी की सीटें दी गई हैं और लोजपा को सीमापुरी।
इससे पहले कांग्रेस ने शनिवार रात 54 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया था, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) से कांग्रेस में शामिल हुए आदर्श शास्त्री को अलका लांबा को चांदनी चौक से टिकट दिया गया था। कांग्रेस की 54 उम्मीदवारों की पहली सूची में कई पूर्व मंत्रियों और कुछ नए चेहरों के नाम शामिल थे। पार्टी की ओर से जारी की गई सूची में 10 महिलाओं को टिकट दिया गया था। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ पड़पड़गंज विधानसभा सीट से कांग्रेस ने लक्ष्मण रावत को टिकट दिया था।