ईश्वर दुबे
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Bhilai
मेष राशि :- प्रत्येक कार्य में विलम्ब तथा धन हानि, चिन्ता, असमर्थता का वातावरण क्लेशयुक्त होगा।
वृष राशि :- असमंजस-असमर्थता का वातावरण कष्टप्रद रखे, सामर्थ सुरक्षा समय की स्थिति से बनेगा।
मिथुन राशि :- योजनाएं फलीभूत हों, सफलता के साधन जुटायें तथा कार्य-दुर्धटना से बचेंगे।
कर्क राशि :- भाग्य का सितारा प्रबल हो, प्रयत्न से सफलता मिले, बिगड़े कार्य अवश्य ही बनेंगे।
सिंह राशि :- समृद्धि के साधन बनें, सतर्कता से रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे।
कन्या राशि :- समृद्धि के साधन बनेंगे, सामाजिक तनाव व उद्विघ्नता तथा क्लेश से अशांति अवश्य होगी।
तुला राशि :- स्वास्थ्य नरम रहे, असमर्थता के वातावरण से मानसिक उलझनबनी रहेगा।
वृश्चिक राशि :- कुटुम्ब में क्लेश व अशांति, आरोप, विभ्रम, असमंजस का वातावरण बनेगा।
धनु राशि :- दैनिक कार्यगति में सुधार, सफलता की कार्ययोजना बने, विशेष कार्य बन जायेंगे।
मकर राशि :- कार्यवृत्ति में सुधार, चिन्ता निवृत्ति तथा सफलता के साधन अवश्य ही जुटायें।
कुम्भ राशि :- इष्ट मित्र सुखवर्धक रहें, दैनिक कार्यगति में सुधार, इष्ट मित्र सहायक बने रहेंगे।
मीन राशि :- आर्थिक योजना पूर्ण होगी, दुर्घटना के योग बनेंगे, समय कष्टप्रद, ध्यान रखें।
सनातन सभ्यताओं में घरों को बनना या फिर घर में किसी चीज को स्थापित करना भीं हों तो वास्तु शास्त्र का ध्यान रखा जाता हैं इसके अनुसार ही कोई काम किया जाता हैं, आज हम आपको वस्तु शास्त्र से हीं जु़ड़ी कुछ खास चीजें बता रहें हैं , यह बात आपके घर से जुड़ी हैं अगर इसका ध्यान रखा जाता हैं तो आपके घरो में सुख-समृद्धि आती है दरअसल आज बात हम औषधीय गुणों से भरपूर पौधें तुलसी की करने वालें हैं , जो लोगों की आस्था का भी प्रतीक है। हिंदू धर्म के लोग तुलसी की पूजा करते हैं तुलसी का पौधा लगभग हर घर में पाया जाता है. तुलसी का पौधा बुध का प्रतिनिधित्व करता है, जो भगवान कृष्ण का एक स्वरूप माना गया है. कई घरों में तुलसी की पूजा भी की जाती है लेकिन अगर तुलसी सही जगह ना रखी जाए तो ये अशुभ फल भी देती है. घर की बालकनी की उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी के पांच पौधे लगाने चाहिए। इससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। आज के समय में जगह की कमी होने के कारण लोग अपनी छत के सबसे ऊपर तुलसी लगा देते हैं लेकिन वास्तु के अनुसार यह सही नहीं माना जाता है, इससे आपको धन हानि उठानी पड़ सकती है।
- : इन बातों का रखें ध्यान
• तुलसी का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ ही आस्था का भी प्रतीक माना जाता है. इसलिए आपको यह पता होना चाहिए कि वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा किस दिशा में रखना चाहिए. वास्तु शास्त्र के मुताबिक यदि आपके घर में तुलसी का पौधा है तो आपको बता दें कि इस पौधे का घर की बालकनी या खिड़की की उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में लगाना चाहिए. इन दिशाओं में देवी-देवताओं का निवास माना जाता है और इन जगहों पर तुलसी के पौधे को रखना शुभ होता है.
• ध्यान रखें तुलसी के साथ कभी भी कैक्टस और कांटेदार पौधे को कभी नहीं रखना चाहिए.
मान्यता है कि अमावस्या, द्वादशी और चतुर्दशी तिथि को तुलसी के पत्तों को भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए.
• रविवार के दिन तुलसी में की पूजा नहीं की जाती और न ही जल अर्पित करना चाहिए. ध्यान रखें रविवार के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए.
• कहा जाता है कि तुलसी के पौधे को कभी नाखून से नहीं तोड़ना चाहिए.
• तुलसी का पौधा यदि सूख गया है तो उसे ज्यादा दिन घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इसे नकारात्मकता आती है.
• तुलसी का पौधा सूख गया है तो उसे गमले से निकालकर नदी में प्रवाहित कर दें.
• मान्यता है कि पूजा के दौरान देवी-देवताओं को तुलसी पत्र अर्पित करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
• याद रखें कि गणेश जी की पूजा में तुलसी के पत्तों को भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए.
-: घर के अंदर यहां नहीं लगाएं
• घर के आंगन के अलावा तुलसी का पौधा किचन में लगाया जा सकता है. मान्यताओं के मुताबिक, किचन में तुलसी लगाने से परिवार में कलह, क्लेश दूर होता है.
• घर में तुलसी का पौधा उत्तर, पूर्व दिशा या उत्तर-पूर्व में लगाना चाहिए. इससे घर में सकरात्मक ऊर्जा बनी रहती है. वास्तु के मुताबिक, दक्षिण दिशा में तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए. इससे घर में नकरात्मक असर हो सकता है.
• कारोबार में नुकसान हो रहा है तो तुलसी को दक्षिण-पश्चिम कोने में रखें और हर शुक्रवार को सुबह कच्चा दूध चढ़ाएं. इसके अलावा मिठाई का भोग लगाकर किसी सुहागिन स्त्री को मीठी चीज दें. इससे कारोबार में फायदा होने लगेगा.
• अगर आपकी शादी होने में दिक्कत आ रही है तो तुलसी को अग्नि कोण में लगाएं और हर रोज जल चढ़ाएंय इससे आपकी शादी जल्द हो जाएगी.
• तुलसी के पौधें को पूर्व दिशा की खिड़की के पास रखने से यदि बच्चे जिद्दी हो तो उनका जिद्द करना बंद हो जाता है.
• तुलसी को तोड़ने ही नहीं, बल्कि इसे लगाने और पूजा में इस्तेमाल करने को लेकर भी कई मान्यताएं प्रचलित हैं. इस घर के आंगन में यानि बीचोबीच में लगाना चाहिए.
मुंबई दो निजी और दो सरकारी सेक्टर के बैंकों ने मंगलवार को फाइनेंशियल रिजल्ट जारी किया। इसमें एक्सिस बैंक और कैनरा बैंक सबसे ज्यादा फायदा सितंबर तिमाही में कमाए। सेंट्रल कम फायदा कमाने वाला रहा जबकि कोटक महिंद्रा बैंक का फायदा इस बार घटा है।
एक्सिस बैंक को 3,133 करोड़ रुपए का फायदा
निजी सेक्टर के तीसरे सबसे बड़े बैंक एक्सिस बैंक को सितंबर तिमाही में 3,133 करोड़ रुपए का शुद्ध फायदा हुआ है। एक साल पहले समान तिमाही में हुए 1,683 करोड़ रुपए के फायदे की तुलना में यह 86% ज्यादा है। बावजूद इसके बैंक का शेयर मामूली गिरावट के साथ 842 रुपए पर बंद हुआ। बैंक ने बताया कि उसके इतिहास में किसी एक तिमाही में यह सबसे ज्यादा फायदा का रिकॉर्ड है। बैंक के मुताबिक, उसकी शुद्ध ब्याज आय 8% बढ़कर सालाना आधार पर 7,900 करोड़ रुपए रही जो कि एक साल पहले समान तिमाही में 7,326 करोड़ रुपए थी।
बैंक का NPA 3.53% रहा
बैंक का ग्रॉस बुरा फंसा कर्ज (NPA) सितंबर तिमाही में 3.53% रहा। एक साल पहले यह 4.28% था। पिछली 20 तिमाहियों यानी 5 साल में बैंक का यह सबसे कम NPA रहा। बैंक की फी इनकम 17% बढ़कर सालाना आधार पर 3,231 करोड़ रुपए रही। रिटेल फी 19% बढ़ी है।
कोटक महिंद्रा बैंक का फायदा घटा
निजी सेक्टर के दूसरे बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक ने भी रिजल्ट जारी किया। बैंक ने बताया कि सितंबर तिमाही में उसका फायदा 7% घटकर 2,032 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले बैंक को 2,184 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। जून तिमाही में बैंक को 1,642 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। बैंक ने बताया कि उसकी शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 4,021 करोड़ रुपए रही, जबकि ग्रॉस बुरा फंसा कर्ज (NPA) 3.19% रहा। एक साल पहले NPA 2.7% था।
बैंक की करेंट अकाउंट की डिपॉजिट बढ़ी
कोटक महिंद्रा बैंक की करेंट अकाउंट की डिपॉजिट 32% बढ़कर 53,280 करोड़ रुपए रही जो एक साल पहले 40,454 करोड़ रुपए थी। सेविंग अकाउंट की डिपॉजिट 13% बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपए रही। एक साल पहले यह 1.08 लाख करोड़ रुपए थी।
कैनरा बैंक का फायदा 1,333 करोड़ रुपए रहा
कैनरा बैंक का शुद्ध फायदा सितंबर तिमाही में एक साल पहले की तुलना में करीबन दो गुना बढ़ा है। इसका फायदा सितंबर 2021 की तिमाही में 1,333 करोड़ रुपए रहा जो कि एक साल पहले 444 करोड़ रुपए था। बैंक का कुल कारोबार 17.19 लाख करोड़ रुपए रहा जो कि एक साल पहले की तुलना में 7.61% बढ़ा है। इसकी कुल जमा रकम 10.32 लाख करोड़ रुपए और उधारी 6.86 लाख करोड़ रुपए रही।
बेहतर परिणामों के बावजूद कैनरा बैंक का शेयर 4.23% गिरकर 193 रुपए पर बंद हुआ। हालांकि सुबह में यह 207 रुपए तक गया था जो इसका एक साल का हाई है। एक साल पहले यह शेयर 84 रुपए पर था जबकि एक महीने पहले 158 रुपए पर था। तब से इस शेयर में लगातार तेजी बनी रही। बैंक ने बताया कि कुल उधारी में सालाना आधार पर 7.61% की बढ़त दूसरी तिमाही में रही है। रिटेल पोर्टफोलियो 11.19 लाख करोड़ रुपए का रहा। इसमें सालाना आधार पर 10.46% की बढ़त दिखी है।
होम लोन पोर्टफोलियो 14.21% बढ़कर 67,386 करोड़ रुपए हो गया है। व्हीकल लोन पोर्टफोलियो 13,697 करोड़ रुपए रहा। बैंक ने बताया कि उसका शुद्ध NPA सितंबर 2021 में 3.21% रहा जो जून में 3.46% था। बैंक की कुल 9,800 शाखाएं हैं।
सेंट्रल बैंक का फायदा 250 करोड़ रुपए
दूसरे सरकारी बैंक, सेंट्रल बैंक का फायदा सितंबर तिमाही में 250 करो़ड़ रुपए रहा। एक साल पहले इसी तिमाही मैं बैंक को 161 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। उसकी तुलना में बैंक को इस बार 55.28% ज्यादा का फायदा हुआ है। बैंक का शेयर 4.66% बढ़कर 23.60 रुपए पर बंद हुआ। एक साल पहले यह शेयर 10 रुपए पर था जबकि एक महीने पहले 20 रुपए पर था।
जून तिमाही में 206 करोड़ रुपए का फायदा
बैंक ने बताया कि उसे चालू वित्तवर्ष की पहली तिमाही में 206 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। बैंक का ऑपरेटिंग फायदा 1,401 करोड़ रुपए सितंबर तिमाही में रहा जो 2020 सितंबर में 1,386 करोड़ रुपए था। चालू और बचत अकाउंट यानी कासा अनुपात 49.79% रहा जो एक साल पहले 47.72% था। बैंक का NPA 4.51% रहा जो कि एक साल पहले सितंबर तिमाही में 5.60% था। इसमें 1.09% की कमी आई। जून तिमाही में यह 5.09% था।
शुद्ध ब्याज आय 2,459 करोड़ रुपए रही
बैंक की शुद्ध ब्याज आय 2,459 करोड़ रुपए रही जो कि एक साल पहले 2,354 करोड़ रुपए थी। सालाना आधार पर इसमें 599% की बढ़त दिखी है। जून तिमाही की तुलना में इसमें 16.86% की बढ़त दिखी है। बैंक की नेटवर्थ 19 हजार करोड़ रुपए रही। इसके पास 2.83 एक्टिव डेबिट कार्ड ग्राहक हैं। एक साल पहले 2.53 करोड़ डेबिट कार्ड थे। बैंक का कुल बिजनेस 5.12 लाख करोड़ रुपए रहा जो कि एक साल पहले 5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा था। कुल जमा रकम 3.36 लाख करोड़ रुपए सितंबर तिमाही में रही। एक साल पहले यह रकम 3.23 लाख करोड़ रुपए थी।
आचार्य चाणक्य बहुत गुणवान और विद्वान थे। वह शिक्षक होने के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। अपनी कुशलता को प्रबल करने के लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था। चाणक्य ने अपने कौशल और बुद्धि के बल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं। चाणक्य द्वारा बनाई गई उन सभी नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति शास्त्र में है। आज हम उन्हीं नीतियों में से कुछ नीतियां आपको बताने जा रहे हैं जिससे आपके विचारों में बदलाव होने के साथ ही आपके दैनिक जीवन में भी सुधार हो जाएगा। साथ ही आज हम जानेंगे की चाणक्य की नजरों में किस दौलत का मेल नही है।
जिसका ज्ञान किताबो में सिमट गया है और जिसने अपनी दौलत दुसरो के सुपुर्द कर दी है वह जरुरत आने पर ज्ञान या दौलत कुछ भी इस्तमाल नहीं कर सकता।
वह व्यक्ति जिसका ह्रदय हर प्राणी मात्र के प्रति करुणा से पिघलता है। उसे जरुरत क्या है किसी ज्ञान की, मुक्ति की, सर के ऊपर जटाजूट रखने की और अपने शारीर पर राख मलने की।
काटो से और दुष्ट लोगो से बचने के दो उपाय है, पैर में जुते पहनो और उन्हें इतना शर्मसार करो की वो अपना सर उठा ना सके और आपसे दूर रहे।
एक सच्चा भोजन वह है जो ब्राह्मण को देने के बाद शेष है। प्रेम वह सत्य है जो दुसरो को दिया जाता है। खुद से जो प्रेम होता है वह नहीं, वही बुद्धिमत्ता है जो पाप करने से रोकती है, वही दान है जो बिना दिखावे के किया जाता है।
चाणक्य की नजरों में उस दौलत का कोई मोल नही है जिसके लिए कठोर यातना सहनी पड़े, या सदाचार का त्याग करना पड़े या अपने शत्रु की चापलूसी करनी पड़े।
आचार्य चाणक्य बहुत गुणवान और विद्वान थे। वह शिक्षक होने के साथ ही एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे। अपनी कुशलता को प्रबल करने के लिए चाणक्य ने पूरी निष्ठा से गहन अध्ययन किया था। चाणक्य ने अपने कौशल और बुद्धि के बल से जीवन में सफलता प्राप्त करने की कई नीतियां बनाई थीं। चाणक्य द्वारा बनाई गई उन सभी नीतियों का संग्रह चाणक्य नीति शास्त्र में है। आज हम उन्हीं नीतियों में से कुछ नीतियां आपको बताने जा रहे हैं जिससे आपके विचारों में बदलाव होने के साथ ही आपके दैनिक जीवन में भी सुधार हो जाएगा। साथ ही आज हम जानेंगे की चाणक्य की नजरों में किस दौलत का मेल नही है।
जिसका ज्ञान किताबो में सिमट गया है और जिसने अपनी दौलत दुसरो के सुपुर्द कर दी है वह जरुरत आने पर ज्ञान या दौलत कुछ भी इस्तमाल नहीं कर सकता।
वह व्यक्ति जिसका ह्रदय हर प्राणी मात्र के प्रति करुणा से पिघलता है। उसे जरुरत क्या है किसी ज्ञान की, मुक्ति की, सर के ऊपर जटाजूट रखने की और अपने शारीर पर राख मलने की।
काटो से और दुष्ट लोगो से बचने के दो उपाय है, पैर में जुते पहनो और उन्हें इतना शर्मसार करो की वो अपना सर उठा ना सके और आपसे दूर रहे।
एक सच्चा भोजन वह है जो ब्राह्मण को देने के बाद शेष है। प्रेम वह सत्य है जो दुसरो को दिया जाता है। खुद से जो प्रेम होता है वह नहीं, वही बुद्धिमत्ता है जो पाप करने से रोकती है, वही दान है जो बिना दिखावे के किया जाता है।
चाणक्य की नजरों में उस दौलत का कोई मोल नही है जिसके लिए कठोर यातना सहनी पड़े, या सदाचार का त्याग करना पड़े या अपने शत्रु की चापलूसी करनी पड़े।
मेष राशि :- सफलता के साधन जुटायें, कार्य-व्यावसाय अनुकूल हो, समय पर कार्य अवश्य करें।
वृष राशि :- कार्य अनुकूलता से चिन्ताएं कम होंगी, सफलता से संतोष, व्यावसायक गति उत्तम होगी।
मिथुन राशि :- दैनिक कार्यक्षमता में वृद्धि, अधिकारियों का समर्थन फलप्रद बना ही रहेगा, ध्यान रखें।
कर्क राशि :- स्वाभाव नरम रहे, शारीरिक क्षमता कमजारे हो, आर्थिक चिंता संभव होगी, कार्य निपटायें।
सिंह राशि :- आशानुकूल सफलता का हर्ष, कार्यगति में सुधार, कार्ययोजना बनेगी तथा अर्थ लाभ होगा।
कन्या राशि :- मानसिक तनाव व उद्विघ्नता, उद्वेग व अशांति, कार्य-व्यावसाय में बाधा अवश्य होगी।
तुला राशि :- मित्रों की उपेक्षा कष्टप्रद होगी, प्रयत्न सफल होंगे, कार्यवृत्ति में सुधार अवश्य होगा।
वृश्चिक राशि :- तनाव, क्लेश व अशांति, मानसिक बेचैनी तथा व्यर्थ धन का व्यय, कष्ट होगा।
धनु राशि :- तर्क-विर्तक से हानि, कष्ट होगा, प्रबलता, प्रभुत्व वृद्धि से कार्यकुशलता व कार्य बनेंगे।
मकर राशि :- दूसरों के आरोप से बेचैनी तथा असमंजस तथा असमर्थता का वातावरण बना ही रहेगा।
कुम्भ राशि :- कुटुम्ब की समस्याएं सुलझें, सामाजिक कार्यों में मान-प्रतिष्ठा अवश्य ही बढ़ेगी।
मीन राशि :- विरोधी तत्व परेशान करें, लेनेदेन के मामले में हानि अवश्य होगी, ध्यान दें।
पीसीओएस की समस्या महिलाओं में आम होती जा रही है जिसके साथ नॉर्मल लाइफ जीना आसान नहीं। हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट द्वारा ही कुछ हद तक इससे राहत मिलना पॉसिबल है। साथ ही साथ कुछ हर्बल चाय भी इस प्रॉब्लम में फायदा पहुंचाती हैं। जिनके बारे में जानेंगे।
1. डंडेलियन रूट टी- एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो पीसीओएस (PCOS) के लक्षणों से निपटने में कारगर है। डंडेलियन रूट टी पीने से सूजन, हाई डायबिटीज और यूरिन इंफेक्शन की समस्या भी दूर होती है।
2. कैमोमाइल चाय: कैमोमाइल लोकप्रिय रूप से आपके शरीर पर शांत और आरामदेह प्रभाव डालने के लिए जाना जाता है। पीसीओएस (PCOS/PCOD) से परेशान महिलाएं पेट में हो रहे दर्द, मरोड़ को शांत करने और मूड को ठीक करने के लिए इस चाय को पीती हैं। लेकिन ये हर्बल टी आपको कई और दूसरे गंभीर बीमारियों से भी बचाती है। यह डिम्बग्रंथि के सिस्ट, सामान्य सर्दी के इलाज में भी फायदेमंद है।
3. स्पीयरमिंट टी- स्पीयरमिंट पेपरमिंट से काफी मिलता-जुलता है। पुदीने की चाय में बड़ी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं जो पाचन संबंधी परेशानियों के लिए बेहद फायदेमंद है। यह शरीर पर एंटी-एंड्रोजेनिक प्रभाव भी डालता है और टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।
4. दालचीनी की चाय- हमने हमेशा सुना है कि जब हम सुबह सबसे पहले दालचीनी का पानी पीते हैं तो वजन घटाने में कैसे मदद मिलती है। लेकिन जब पीसीओएस की बात आती है तो इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। दालचीनी महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाती है, गर्भाशय फाइब्रॉएड से निपटती है और सामान्य मासिक धर्म प्रवाह को नियंत्रित करने में भी मदद करती है।
5. अदरक की चाय: अदरक के अपने कई स्वास्थ्य लाभ हैं। अदरक महिला हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है। अदरक की चाय अक्सर ऐंठन दूर कर, मूड ठीक करने और सिरदर्द कम करने में भी फायदेमंद है।
शास्त्रों की बात , जानें धर्म के साथ जीवन में सफलत कौन नहीं पाना चाहता, लगभग प्रत्येक व्यक्ति का यही सपना होता है कि वह व्यक्ति एक दिन अपने परिश्रम के बल बूते पर सफलता को हासिल करें। परंतु आपको बता दें इसके लिए केवल परिश्रम करना ही काफी नहीं होता। बल्कि सफलता पाने के लिए व्यक्ति को अपने विचारों को बदलने और निखारने की भी आवश्यकता होती है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही अनमोल विचारों से अवगत करवाने जा रहे हैं, जिसे अपने जीवन में अपनाने वाला व्यक्ति को सफलता पाने में बहुत मदद मिलती है। तो आइए जानते हैं बेहद कारगर अनमोल विचार-
सबसे पहला विचार-
कहा जाता है कि दुनिया में हर सफल व्यक्ति के पीछे नाकामियों की पूरी फेहरिस्त होती है, मगर व्यक्ति इनमें से अधिकांश को समय रहते पकड़कर, अपनी नाकामी को रोक सकता है। जानकार बताते हैं कि हर गलती के लिए माफी या सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। मगर इसके लिए सबसे जरूरी होता है, व्यक्ति द्वारा उसकी गलती को स्वीकारना।
नीतिकार व विद्वान बताते हैं कि सफलता हो या नाकामी, हर किसी का जवाब उसी वक्त देना कभी सही नहीं हो सकता है और न ही हमेशा इनका जवाब देना अच्छा होता है। बल्कि कई बार व्यक्ति को कुछ सवालों के जवाब वक्त पर छोड़ देने चाहिए।
प्राचीन समय में हुए विद्वान आदि का मानना था कि अक्सर बड़ी-बड़ी बातें करने वाला व्यक्ति अपने जीवन की बहुत छोटी-छोटी बातों को समझने में कमजोर रह जाता है। जिस कारण कभी कभी उसको इसका बहुत बुरा भुगतान पड़ जाता है।
इसके अलावा कहा जाता है सुख में तो हर किसी को हजार साथी बन जाते हैं, लेकिन हमेशा उस व्यक्ति की तलाश में रहना चाहिए जो आपके दुख और दर्द में भी आपके साथ समान रूप में मौजूद हो। जो व्यक्ति सुख में साथ दे मगर दुख में नहीं, वो हितकारी नहीं माना जाता है।
कहा जाता है कि जिस तरह किसी खाने वाली व पीने वाली वस्तु में भरपूर स्वाद होता है, ठीक उसी तरह मुख से निकलने वाले प्रत्येक शब्द का स्वाद होता है। इसलिए इन्हें किसी के आगे परोसने से पहले इन्हें एक बार चख जरूर लेना चाहिए कि कहीं उनमें कड़वाहट तो नहीं। अर्थात कुछ भी कहने से पहले शब्दों को चयन और उनके भावों को स्वयं को समझ जरूर लेना चाहिए।
शास्त्रों की बात , जानें धर्म के साथ जीवन में सफलत कौन नहीं पाना चाहता, लगभग प्रत्येक व्यक्ति का यही सपना होता है कि वह व्यक्ति एक दिन अपने परिश्रम के बल बूते पर सफलता को हासिल करें। परंतु आपको बता दें इसके लिए केवल परिश्रम करना ही काफी नहीं होता। बल्कि सफलता पाने के लिए व्यक्ति को अपने विचारों को बदलने और निखारने की भी आवश्यकता होती है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही अनमोल विचारों से अवगत करवाने जा रहे हैं, जिसे अपने जीवन में अपनाने वाला व्यक्ति को सफलता पाने में बहुत मदद मिलती है। तो आइए जानते हैं बेहद कारगर अनमोल विचार-
सबसे पहला विचार-
कहा जाता है कि दुनिया में हर सफल व्यक्ति के पीछे नाकामियों की पूरी फेहरिस्त होती है, मगर व्यक्ति इनमें से अधिकांश को समय रहते पकड़कर, अपनी नाकामी को रोक सकता है। जानकार बताते हैं कि हर गलती के लिए माफी या सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। मगर इसके लिए सबसे जरूरी होता है, व्यक्ति द्वारा उसकी गलती को स्वीकारना।
नीतिकार व विद्वान बताते हैं कि सफलता हो या नाकामी, हर किसी का जवाब उसी वक्त देना कभी सही नहीं हो सकता है और न ही हमेशा इनका जवाब देना अच्छा होता है। बल्कि कई बार व्यक्ति को कुछ सवालों के जवाब वक्त पर छोड़ देने चाहिए।
प्राचीन समय में हुए विद्वान आदि का मानना था कि अक्सर बड़ी-बड़ी बातें करने वाला व्यक्ति अपने जीवन की बहुत छोटी-छोटी बातों को समझने में कमजोर रह जाता है। जिस कारण कभी कभी उसको इसका बहुत बुरा भुगतान पड़ जाता है।
इसके अलावा कहा जाता है सुख में तो हर किसी को हजार साथी बन जाते हैं, लेकिन हमेशा उस व्यक्ति की तलाश में रहना चाहिए जो आपके दुख और दर्द में भी आपके साथ समान रूप में मौजूद हो। जो व्यक्ति सुख में साथ दे मगर दुख में नहीं, वो हितकारी नहीं माना जाता है।
कहा जाता है कि जिस तरह किसी खाने वाली व पीने वाली वस्तु में भरपूर स्वाद होता है, ठीक उसी तरह मुख से निकलने वाले प्रत्येक शब्द का स्वाद होता है। इसलिए इन्हें किसी के आगे परोसने से पहले इन्हें एक बार चख जरूर लेना चाहिए कि कहीं उनमें कड़वाहट तो नहीं। अर्थात कुछ भी कहने से पहले शब्दों को चयन और उनके भावों को स्वयं को समझ जरूर लेना चाहिए।
नई दिल्ली । केंद्र की मोदी सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटीस) से कहा कि वे कोविड के टीकों की पर्याप्त उपलब्धता के तहत टीकाकरण की दूसरी खुराक पर ध्यान दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बड़ी संख्या में लाभार्थी जो पात्र हैं,उन्हें वैक्सीन की दूसरी खुराक नहीं मिली है।राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दूसरी खुराक पर ध्यान देना चाहिए।चूंकि देश एक अरब वैक्सीन खुराक देने के करीब पहुंच चुका है,केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने स्वास्थ्य सचिवों और राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशकों के साथ देश भर में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान पर चर्चा कर समीक्षा की।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ऐतिहासिक टीकाकरण कवरेज को हासिल करने के प्रयासों को रेखांकित करते हुए, उन्होंने कह कि कई राज्यों के पास टीकाकरण के लिए पर्याप्त खुराक है, जो अपनी दूसरी खुराक की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गति में सुधार और टीकाकरण अभियान में तेजी लाने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अतिरिक्त वैक्सीन खुराक प्रदान कर सकती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कम कवरेज वाले जिलों की पहचान करने और उन्हें प्राथमिकता देने के लिए कहा है और स्थानीय चुनौतियों का समाधान करने के साथ अतिरिक्त कोविड टीकाकरण केंद्रों की आवश्यकता और ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच में सुधार के लिए आवश्यकता का पता लगाने के लिए कहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले एक साल में अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए विभिन्न मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की हैं। मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए दिशानिर्देशों की समीक्षा करने के लिए गृह मंत्रालय, आप्रवासन ब्यूरो, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय सहित सभी हितधारकों के साथ परामर्श कर रहा है। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर अपने सुझाव साझा करने को कहा है।
नैनीताल | जिले में तीन दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश से रेलवे स्टेशन को भी गंभीर क्षति पहुंची है। गौला नदी ने रौद्र रूप दिखाते हुए रेलवे स्टेशन की पटरी को भी उखाड़ दिया है, जो बह कर नदी में चला गया है। ऐसे में ट्रेनों का आवागमन भी प्रभावित हो गया है। वहीं कई ट्रेनों को स्थगित करने के साथ, कई को शार्ट टर्मिनेट किया गया है।
भारी बारिश के चलते काठगोदाम रेलवे स्टेशन की करीब 100 मीटर पटरी नदी में बह गई है। जिससे रेलवे स्टेशन प्रशासन में हड़कंप की स्थिति है। सीनियर सेक्शन इंजीनियर केएन पांडे ने बताया कि सोमवार की देर शाम से ही गोला नदी उफान पर थी। जिससे खतरे की संभावना बनी हुई थी। सोमवार की देर रात काठगोदाम स्टेशन के आगे रेलवे ट्रैक के पास तक पानी पहुंचने लगा और पटरी को नुकसान होने लगा।
देर रात करीब 12 बजे के बाद पानी रेलवे ट्रैक से टकराने लगा। जिसके बाद सुबह जब देखा गया तो रेलवे स्टेशन का बड़ा हिस्सा पानी में बह गया है। जिससे गंभीर स्थिति पैदा हो गई है। रात होने के चलते मौके पर फोटोग्राफी करना भी मुश्किल कार्य हो गया है। ऐसे में रेलवे प्रशासन की ओर से ड्रोन फोटोग्राफर को मौके पर बुलाया जा रहा है। जिससे नदी के बीच में जाते हुए रेलवे स्टेशन व पटरी को हुए कुल क्षति के बारे में नुकसान का आकलन किया जा सके।
वहीं लगातार बारिश होने से रेलवे स्टेशन के आसपास खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन ने भी आसपास के क्षेत्रों में लोगों को सावधान रहने की अपील की है। जिससे लोग नदी किनारे से दूर रहें। रेलवे पटरी के आसपास रहने वाले लोगों को भी भारी बारिश के चलते खतरा बना हुआ है। वहीं रेलवे स्टेशन प्रशासन बाढ़ से बचने के लिए प्रयास करने में जुटा हुआ है। जबकि लाल कुआं से हल्द्वानी व काठगोदाम रेलवे स्टेशन के पास सोमवार की देर शाम से ही ट्रैक पर पानी भर गया था। जिससे आने जाने वाली गाड़ियों को भी रास्ते में ही रोकना पड़ गया था।
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान छत्तीसगढ़ के आरएसएस का नागपुर और नक्सलियों का आन्ध्र से संचालन होता है, यहां पर केवल बंधुआ मजदूर है। कांग्रेस ने समर्थन किया है पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री ने संघ की हकीकत को सामने रखा है। कवर्धा तनाव के बाद आरएसएस की जो गतिविधियां एक बार फिर से सामने आई है उससे साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ के आरएसएस के कार्यकर्ता नागपुर के हाथों की कठपुतली है। यदि आरएसएस का संचालन छत्तीसगढ़ के लोग कर रहे होते उनमें जरा भी छत्तीसगढ़ के प्रति लगाव होता अपने ही प्रदेश के दंगा भड़काने की साजिश नहीं रची जाति। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सही कहा है, नक्सली और संघ दोनों समाज के लिए घातक होते हैं।
नई दिल्ली| आयुर्वेद में त्रीदोष सिद्धांत का जिक्र है। ये स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी है। वात, कफ और पित्त पर शरीर टिका हुआ है। हम जानेंगे कि पित्त क्या है, कौन से रोग ऐसे हैं जो पित्त की श्रेणी में आते हैं।
पित्त दोष के कारण आने वाली बीमारी
1. सिर दर्द की बीमारी
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि सिर में किसी भी प्रकार का दर्द, चाहे वो गर्मी की वजह से भी क्यों न हो रहा हो उसका कारण पित्त दोष हो सकता है। इससे बचाव के लिए आप डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं।
2. गर्दन से जुड़ी बीमारी
एक्सपर्ट बताते हैं किगर्दन से जुड़ी बीमारी जैसे गर्दन में जलन, खट्टी ढकारें, किसी भी प्रकार का अल्सर पित्त दोष के कारण होता है। इन स्थितियों में भी बीमारी का लक्षण दिखने पर डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए।
3. पीलिया की बीमारी भी है पित्त दोष का कारण
एक्सपर्ट बताते हैं कि पित्त दोष होने के कारण लिवर से संबंधित पीलिया की बीमारी हो सकती है। ये रोग भी इसी श्रेणी में आता है, शरीर में यदि आपको इस प्रकार की समस्या हो तो डॉक्टरी सलाह लें।
4. स्किन में दाने व चक्कते और सफेद दाग
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि स्किन संबंधी बीमारी में आने वाले रोग जैसे स्किन में दाने और चकत्तों का आना या फिर सदेफ दाग की समस्या पित्त दोष के कारण होने वाली बीमारी है। शरीर में यदि इस प्रकार की बीमारी है तो आपको डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।
5. मधुमेह और पैनक्रियाज से जुड़ी बीमारी
एक्सपर्ट बताते हैं कि पैनक्रियाज में इंसुलिन की कमी भी पित्त दोष के कारण होने वाली बीमारी में आती है। मधुमेह के कारण कोई भी गुप्त रोग पित्त दोष के कारण होते हैं। यदि आप भी इन बीमारी से ग्रसित हैं तो डॉक्टरी सलाह लेकर इलाज करवाएं।
6. नाभि के आसपास मरोड़े आना
एक्सपर्ट बताते हैं कि यदि आपको पेट दर्द, ब्लॉटिंग आदि की समस्याएं हो या फिर नाभि के आसपास मरोड़े आए तो तमाम बीमारी पित्त दोष की श्रेणी में आने वाली बीमारी होती है। ऐसे में आपको डॉक्टरी सलाह लेने की आवश्यकता है।
7. पुरुषों में स्वप्न दोष की समस्या
एक्सपर्ट बताते हैं कि नाभि से नीचे की समस्या भी पित्त दोष की श्रेणी में आती है। पुरुषों की बात करें तो शीघ्रपतन, स्वप्नदोष आदि समस्याएं जो युवा अवस्था में होती है वो इसी के कारण होती है। यदि आप भी इन बीमारियों से ग्रसित हैं तो डॉक्टरी सलाह लें।
8. महिलाओं की बीमारी
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि महिलाओं में पीरियड्स में अनियमितता, ल्यूकोरिया की समस्या, ओवेरी में छाले आदि की समस्या का कारण पित्त दोष में गड़बड़ी का होना है। शरीर में इस प्रकार की बीमारी होने पर डॉक्टरी सलाह लेकर उचित इलाज करवाना चाहिए।
नई दिल्ली |स्वास्थ्य संबंधी तमाम तरह के लाभ प्राप्त करने के लिए दुनियाभर में ऑलिव ऑयल को व्यापक रूप से प्रयोग में लाया जाता है। एंटीऑक्सीडेंट और मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर इस तेल का सेवन करने से कई तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक खाने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले कई अन्य प्रकार के तेलों के मुकाबले ऑलिव ऑयल का सेवन सेहत के लिए तमाम तरह के स्वास्थ्य लाभ से भरपूर हो सकता है। ऑलिव ऑयल में पाया जाने वाला एंटीऑक्सिडेंट, शरीर को सेलुलर डैमेज से बचाता है, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। अध्ययनों में एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के उपयोग को ज्यादा फायदेमंद बताया गया है।
हृदय रोगियों के लिए फायदेमंद है ऑलिव ऑयल
अध्ययनों से पता चलता है कि ऑलिव ऑयल का सेवन करने वाले लोगों की जीवन प्रत्याशा अधिक होती है। अन्य लोगों की तुलना में ऐसे लोगों में हृदय रोगों का खतरा भी कम होता है। कुछ अध्ययनों में इसे हृदय रोग निवारक दवा के रूप में भी वर्णित किया गया है। हृदय संबंधी जोखिम को कम करने के लिए प्रतिदिन लगभग 20 ग्राम या दो बड़े चम्मच एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के सेवन की सलाह देता है।
कैंसर से मिल सकती है सुरक्षा
कुछ अध्ययनों में पाया गया कि जैतून के तेल में कई ऐसे यौगिक होते हैं जो स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं, हालांकि सभी निष्कर्ष इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।जैतून के तेल में मौजूद यौगिकों में कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने का क्षमता होती है। लैब परीक्षणों में भी इस बात के प्रमाण मिले हैं कि जैतून के तेल में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर को सूजन, ऑक्सीडेटिव डैमेज और एपिजेनेटिक परिवर्तनों से बचाने में मदद कर सकते हैं।
लिवर को स्वस्थ रखने में सहायक
एक्सट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के यौगिक लिवर डैमेज के खतरे को कम करने के साथ लिवर को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक होते हैं। तेल में पाए जाने वाले ओलिक एसिड सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, इंसुलिन प्रतिरोध और अन्य परिवर्तनों को रोकने में मदद करते हैं।