ईश्वर दुबे
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Bhilai
हासेगांव में बसाया गया है एचआईवी विलेज।
रवि ने 2007 में एचआईवी गांव बसाया था, यहां 18 साल से कम उम्र के 50 और उससे ज्यादा के 28 लोग रहते हैं
11 साल में एक भी एचआईवी पॉजिटिव बच्चे की मौत नहीं हुई, गांव में किसी से भेदभाव नहीं
लातूर. महाराष्ट्र के लातूर के रहने वाले रवि बापटले पत्रकार थे। 2007 में उनकी मुलाकात एक एचआईवी पॉजिटिव लड़के से हुई। उसे गांव वालों ने बेदखल कर दिया था। रवि ने बच्चे की बसाहट का जिम्मा उठाया। हासेगांव में अपनी जमीन पर सेवालय आश्रम खोला और बच्चे को यहां ठहराया। यहीं से सिलसिला चल पड़ा। जिन एचआईवी पॉजिटिव लोगों को घर से, गांव से निकाल दिया गया, रवि ने उनके रहने की व्यवस्था की। अलग गांव ही बसा दिया। नाम भी अनूठा दिया- एचआईवी, यानी हैप्पी इंडियन विलेज। गांव के आस-पास के लोग विरोध करते रहे, पर रवि सबको समझाते रहे कि- एचआईवी संक्रामक बीमारी नहीं है। रोगी को अकेला तो नहीं छोड़ सकते। धीरे-धीरे बात समझने वाले भी मिलने लगे और अच्छी पहल आसान होने लगी। अब यहां 18 साल से कम के 50 बच्चे हैं। 18 से ऊपर के भी 28 लोग यहां रह रहे हैं। वयस्कों को व्यवसाय प्रशिक्षण भी दिया जाता है। खास बात ये कि रवि इस पूरे काम के लिए कोई सरकारी अनुदान भी नहीं लेते।
11 साल में एक भी मौत नहीं: पूरा गांव सुबह साथ में व्यायाम करता है। फिर बच्चे स्कूल चले जाते हैं, बड़े प्रशिक्षण पर। शाम को थियेटर होता है। चेकअप के लिए डॉक्टर्स आते रहते हैं। 11 वर्षों में यहां एक भी एचआईवी पॉजिटिव बच्चे की मौत नहीं हुई।
अब ऐसी कोई संस्था नहीं बने
जब रवि से पूछा गया कि गांव के साथ-साथ अब तो आपकी संस्था भी काफी बड़ी हो रही है। रवि का जवाब था- ‘मैं नहीं चाहता कि अब ऐसी कोई संस्था बने। ऐसी संस्था बड़ी नहीं, बंद होनी चाहिए। हमें भविष्य में ऐसा समाज बनाना है, जहां कोई बच्चा एचआईवी पॉजिटिव हो ही नहीं। ऐसा समाज, जहां एचआईवी पॉजिटिव लोगों से कोई भेदभाव ना हो। सब साथ रहें।"
आर्ची लेग स्पिनर है, उसकी इतनी कम उम्र में तीन बार ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी है
मेक-ए-विश फाउंडेशन की कोशिश से वे ऑस्ट्रेलियाई टीम का हिस्सा बने
भारत के खिलाफ 26 दिसंबर से मेलबर्न में होना है बॉक्सिंग डे टेस्ट
मेलबर्न. भारत के खिलाफ 26 दिसंबर से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए ऑस्ट्रेलिया की 15 सदस्यीय टीम में सात साल के लेग स्पिनर आर्ची शिलर को भी शामिल किया गया है। आर्ची को टिम पेन के साथ टीम का सह-कप्तान बनाया गया है। उनको अपने देश के बेस्ट क्रिकेटर्स के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने का यह मौका मेक-ए-विश फाउंडेशन की कोशिश का नतीजा है। यह संगठन मुश्किल हालात का सामना कर रहे बच्चों की इच्छाएं पूरी करने के लिए काम करता है। आर्ची दिल की बीमारी से पीड़ित हैं और उनकी तीन बार ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी है। वे बड़े होकर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का कप्तान बनना चाहते हैं, इसीलिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने उनकी यह इच्छा पूरी की।
कोच लैंगर ने दी थी टीम में शामिल करने की सूचना
आर्ची इस शनिवार को ही सात साल के हुए हैं। उन्होंने अपने जन्मदिन पर यारा पार्क में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान टिम पेन और भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के साथ मंच भी साझा किया। ऑस्ट्रेलियाई टीम जब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज खेल रही थी, तभी आर्ची को कोच जस्टिन लैंगर की ओर से उन्हें टीम में शामिल किए जाने की जानकारी मिली थी।
एडिलेड टेस्ट में अभ्यास सत्र में भी हिस्सा लिया था
आर्ची ने एडिलेड में हुए पहले टेस्ट से पहले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ अभ्यास सत्र में भी भाग लिया था। आर्ची को इतनी छोटी सी उम्र में ढेरों परेशानियों से जूझना पड़ा है। जब वे तीन महीने के थे, तभी उनका सात घंटे तक दिल का ऑपरेशन हुआ था। छह महीने बाद उनके दिल में फिर से वॉल्व और धड़कन से जुड़ी समस्या सामने आई। इस कारण उनका फिर ऑपरेशन करना पड़ा। पिछले साल दिसंबर में उनकी यह समस्या फिर उभर आई। इस वजह से आर्ची की मेलबर्न में तीसरी बार ओपन-हार्ट सर्जरी हुई।
हम उनके साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने को आतुर : टिम पेन
टिम पेन ने भावुक होते हुए कहा, 'जब आर्ची के पिता ने उससे पूछा कि वह क्या करना चाहता है, तो उसने कहा, 'मैं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का कप्तान बनना चाहता हूं।' कभी-कभी हम एक जीवन जीते हैं, यह बहुत अच्छा है, लेकिन तब यह जिंदगी और बेहतर लगती है, जब आपके समूह में कोई ऐसा व्यक्ति होता है, जो वास्तव में प्रेरक हो। उसे (आर्ची) को अपने आसपास रखना बहुत अच्छा है। हम उसके साथ बॉक्सिंग डे टेस्ट की शुरुआत करने को आतुर हैं।'
यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी को 500 किलोमीटर कम कर देगा। यह दूरी 100 किलोमीटर रह जाएगी।
उद्घाटन से पहले बोगीबील पुल को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया।
शिलान्यास से लेकर अब तक इस पुल को बनाने में 21 साल लगे।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर को असम के डिब्रूगढ़ में देश के सबसे लंबे रेल-रोड पुल बोगीबील का उद्घाटन करेंगे। यह ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण तट को जोड़ेगा। पुल की लंबाई 4.94 किमी है। एक अफसर के मुताबिक- 25 दिसंबर को सरकार गुड गवर्नेंस दिवस मना रही है। इसी मौके पर प्रधानमंत्री देश की जनता को पुल की सौगात देंगे।
देवेगौड़ा ने रखी थी नींव
1997 में संयुक्त मोर्चा सरकार के प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने पुल का शिलान्यास किया था, वहीं 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इसका निर्माण शुरू किया था। पुल के पूरा होने में 5920 करोड़ रुपए की लागत आई।
बीते 16 साल में पुल के पूरा होने की कई डेडलाइन चूकीं। इस पुल से पहली मालगाड़ी 3 दिसंबर को गुजरी। बोगीबील पुल को अरुणाचल से सटी चीन सीमा तक विकास परियोजना के तहत बनाया गया है। भारत-चीन सीमा करीब चार हजार किमी लंबी है।
डिब्रूगढ़ से धेमाजी को जोड़ेगा
बोगीबील पुल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना बताया जा रहा है। यह असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल के धेमाजी जिले को जोड़ेगा। इससे असम से अरुणाचल प्रदेश जाने में लगने वाला वक्त 10 घंटे कम हो जाएगा। पुल बनने से डिब्रूगढ़-धेमाजी के बीच की दूरी 500 किमी से घटकर 100 किमी रह जाएगी।
नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे के सीपीआरओ प्रणब ज्योति सरमा के मुताबिक- "ब्रह्मपुत्र नदी पर पुल बनाना चुनौतीपूर्ण था। इस इलाके में बारिश ज्यादा होती है। सीस्मिक जोन में होने के चलते यहां भूकंप का खतरा भी होता है। पुल कई लिहाज से खास है।''
रेलवे ने बनाया डबल-डेकर पुल, टैंक भी निकल सकेंगे
रेलवे द्वारा निर्मित इस डबल-डेकर पुल से ट्रेन और गाड़ियां दोनों गुजर सकेंगी। ऊपरी तल पर तीन लेन की सड़क बनाई गई है। नीचे वाले तल (लोअर डेक) पर दो ट्रैक बनाए गए हैं। पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि इससे मिलिट्री टैंक भी निकल सकेंगे।
नयी दिल्ली। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सरकार बनाएगी और किसी को भी उनका जनादेश हड़पने का प्रयास नहीं करना चाहिए। सिलसिलेवार ट्वीट में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि समूचे देश ने संविधान और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश के मतदाताओं को मुबारकवाद दी है।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस तीनों राज्यों में सरकार बनाएगी। ना तो भाजपा को और ना ही राज्यपालों को, किसी को भी तीनों राज्यों में जनादेश हड़पने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। भाजपा को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए।’ चिदंबरम ने कहा कि सबके लिए एक सीख है। कठिन मेहनत को कम करके मत आंकिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हार नहीं मानी। भाजपा के धन और सत्ता बल के खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी और उन्हें जीत मिली।
यी दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतगणना के रुझानों पर आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया कि 2019 में भारत “भाजपा मुक्त” हो जाएगा। ताजा रुझानों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राजस्थान और कांग्रेस में अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से पीछे है जबकि मध्यप्रदेश में उसके और विपक्षी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं और इन विधानसभा चुनावों को आम चुनावों से पहले एक सेमीफाइनल मुकाबला बताया जा रहा है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी दमखम के साथ लड़ा। इन चुनावों में भाजपा ने दिग्ग्जों को चुनाव प्रचार के लिए उतारा। इन्हीं प्रचारकों में से एक थे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। योगी आदित्यनाथ ने इन राज्यों में कुल 70 सभाएं कीं थी। पर जिस तरीके के शुरुआती रुझान देखने को मिल रहे हैं उसके बाद कहीं से ऐसा नहीं लग रहा कि इन चुनावों में योगी आदित्यनाथ का जादू चला है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों के बाद आज मतगनणा जारी है। लेकिन सबसे दिलचस्प आकड़े मध्य प्रदेश और राजस्थान से आ रहे हैं जहां किसी भी पार्टी को बहुमत मिलती नहीं दिख रही है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस को सरकार गठन के लिए अन्य की जरूरत पड़ेगी। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दोनों दल समर्थन जुटाने की कोशिश में जुट गई है। फिलहाल मध्य प्रदेश और राजस्थान में मायावती की पार्टी बसपा को कुछ सीटें मिलती दिख रही है। ऐसे में
लंदन. भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (62) के प्रत्यर्पण मामले में लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत सोमवार को फैसला सुना सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत आने पर माल्या को डर है कि राजनीति की वजह से निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी। उस पर नए आरोप भी लग सकते हैं।
माल्या पर भारतीयों बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। भारत ने पिछले साल फरवरी में यूके से उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी। भारत में फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड में माल्या की गिरफ्तारी हुई लेकिन, जमानत पर छूट गया। उसके प्रत्यर्पण का मामला 4 दिसंबर 2017 से लंदन की अदालत में चल रहा है।
माल्या की 5 दलील
भारतीय जांच एजेंसियों की दलील
माल्या ने जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया। वह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत भगोड़ा घोषित है। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है। वह ब्रिटेन के कानून के मुताबिक भी आरोपी है।
मार्च 2012 में माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस ने यूरोप और एशिया के लिए फ्लाइट्स बंद कर दीं। घरेलू बाजार में जहां किंगफिशर हर दिन 340 फ्लाइट्स ऑपरेट करती थीं, उन्हें घटाकर 125 कर दिया गया। लेकिन यह फॉर्मूला 8 महीने भी नहीं चला। अक्टूबर 2012 में किंगफिशर की सारी फ्लाइट्स बंद हो गईं।
साल 2013-14 तक एयरलाइंस का घाटा बढ़कर 4,301 करोड़ रुपए हो चुका था। इसी साल माल्या दुनिया के टॉप-100 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गया। लोन के प्रिंसिपल अमाउंट पर ब्याज बढ़ता गया। मार्च 2016 तक माल्या 9,000 करोड़ रुपए का कर्जदार हो गया और विदेश भाग गया।
आर्थिक अपराध के 18 मामलों में 23 भगोड़ों का प्रत्यर्पण बाकी
भारत की 48 देशों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है। साल 2014 से अब तक आर्थिक अपराध के मामलों में सिर्फ 5 अपराधियों का प्रत्यपर्ण हो पाया है। 23 भगोड़ों को अभी तक नहीं लाया जा सका है। इनके लिए संबंधित देशों से प्रत्यर्पण की अपील की जा चुकी है।
आर्थिक अपराधों से जुड़े प्रत्यर्पण के 3 बड़े मामले
आरोपी | मामला | जिस देश से प्रत्यर्पण होना है |
विजय माल्या | बैंक लोन | ब्रिटेन |
नीरव मोदी | पीएनबी घोटाला | ब्रिटेन |
मेहुल चौकसी | पीएनबी घोटाला | एंटीगुआ |
कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा ने रविवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल समेत देश के विभिन्न संस्थानों को नष्ट कर दिया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा आयोजित एक टॉक शो ‘आइडिया ऑफ बंगाल’ में सिन्हा ने आरोप लगाया कि प्रमुख विधेयकों को पारित किये जाने के दौरान प्रधानमंत्री राज्यसभा को ‘कमजोर’ किये जाने का प्रयास कर रहे है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार ने देश के विभिन्न संस्थानों को नष्ट कर दिया है। इसकी सबसे बड़ी मार केन्द्रीय मंत्रिमंडल पर पड़ी है।’ अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त और विदेश मंत्रालयों का कामकाज संभालने वाले सिन्हा ने कहा, ‘मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मंत्रिमंडल को सूचित किये बगैर महत्वपूर्ण निर्णय लिये जा रहे हैं।’ सिन्हा ने कहा कि दूसरी सबसे बड़ी मार संसद पर पड़ी है क्योंकि मोदी सरकार ने कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने के दौरान राज्यसभा को ‘‘कमजोर करने का प्रयास’’ किया है।
भाजपा का संसद के ऊपरी सदन में बहुमत नहीं हैं। सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी में एक बेहतर प्रधानमंत्री बनने के ‘सभी गुण’ मौजूद है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पश्चिम बंगाल और टीएमसी 2019 के आम चुनावों में मोदी को पराजित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग करने के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने कहा, ‘‘ हम दखल नहीं देना चाहते (राज्यपाल के फैसले में)।’’ पीठ भाजपा नेता गगन भगत की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। भगत भंग विधानसभा के सदस्य थे।
नयी दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को करोड़ों देशवासियों की भावना का प्रतीक बताते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि देश एक संवैधानिक व्यवस्था से चलता है, ऐसे में उच्चतम न्यायालय को इस बारे में जल्द फैसला देकर मामले का पटाक्षेप करना चाहिए। यह देश के विकास एवं सौहार्द के लिये जरूरी है।