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लंदन । वेस्टइंडीज के सहायक कोच रोडी एस्टविक का मानना है कि उनका तेज आक्रमण किसी भी टीम को कड़ी चुनौती दे सकता है और गुजरे जमाने के तेज गेंदबाजों की तरह खौफनाक साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि टीम ने फिटनेस पर काफी मेहनत की है। यही सत्तर और अस्सी के दशक में वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों की सफलता का राज था। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा तेज गेंदबाजों को अपनी पहचान स्वयं बनानी होगी। उन्होंने कहा ,‘‘ हमें अच्छे तेज गेंदबाज मिल रहे हैं। हमने फिटनेस पर काफी मेहनत की है जो बहुत जरूरी है। अस्सी के दशक के हमारे तेज गेंदबाज काफी फिट थे।’’ वेस्टइंडीज के पास इस समय केमार रोच, शेनॉन गैब्रियल, अलजारी जोसफ और कप्तान जासन होल्डर जैसे तेज गेंदबाज रहे है।वेस्टइंडीज को आठ जुलाई से इंग्लैंड के खिलाफ तीन टेस्ट की श्रृंखला खेलनी है। कोरोना महामारी के कारण मार्च में क्रिकेट बंद होने के बाद से इस श्रृंखला के जरिये एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू होगा, ऐसे में यह बेहद अहम बतायी जा रही है।

नई दिल्ली । इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) फुटबॉल टीम ओडिशा एफसी ने मिडफील्डर थोइबा सिंह  के साथ अनुंध किया है। इस अनुबंध के तहत थोइबा अब तीन साल तक ओडिशा एफसी की ओर से खेलेंगे। 17 वर्षीय थोइबा ने कहा, ‘ओडिशा एफसी के साथ शुरुआत करने और आईएसएल में अपनी पहचान बनाने के लिए मैं बेताब हूं। मुझे भरोसा है कि ओडिशा एफसी में खेलने से मेरा खेल बेहतर और और मुझे काफी कुछ सीखने को मिलेगा।’ मणिपुर के थोइबा ने भारत का प्रतिनिधित्व किया है। वह पिछले दो सत्र से आई-लीग टीम मिनर्वा पंजाब एफसी के साथ खेलते रहे हैं। वह पिछले साल एएफसी कप में गोल करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बने थे। वहीं ओडिशा एफसी क्लब के अध्यक्ष रोहन शर्मा ने कहा, ‘थोइबा एक बहुत ही रोमांचक और बहुमुखी प्रतिभा के धनी खिलाड़ी हैं। मुझे वास्तव में खुशी है कि हम उन्हें इस साल टीम में लाने में सफल रहे हैं।’

लंदन । वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज केमार रोच ने कहा है कि इंग्लैंड के खिलाफ अगले महीले आठ जुलाई से शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में उनकी टीम जीत के इरादे से खेलेगी है। इंडीज तेज गेंदबाज रोच ने कहा इस दौर इंग्लैंड की ओर से खेल रहे कैरेबियाई मूल के तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि इस सीरीज में उसके प्रति कोई नरमी नहीं करते हुए कड़ी टक्कर दी जाएगी। रोच के अनुसार जब दोनों टीमें मैदान पर एक-दूसरे के आमने-सामने होंगी तो उनका ध्यान केवल जीत पर रहेगा। रोच ने कहा, ‘जोफ्रा ने अपना फैसला कर लिया है और मैं समझता हूं कि उसने अब तक के अपने करियर में शानदार प्रदर्शन किया है पर इस सीरीज में बेहतर क्रिकेट खेलना और जीतना ही हमारा लक्ष्य है। जब हम जोफ्रा के सामने होंगे तो हमारे पास उसका मुकाबला करने के लिए एक शानदार योजना होगी। मैं और मेरी टीम उस पल का इंतजार कर रहे हैं।' वेस्टइंडीज की 11 रिजर्व खिलाड़ियों सहित कुल 25 सदस्यीय टीम इस दौरे पर पहुंची है और इस समय वह मैनचेस्टर में 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन पर है। वेस्टइंडीज को इंग्लैंड के खिलाफ आठ जुलाई से खाली स्टेडियमों में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। कोरोना महामारी के कारण पिछले तीन महीने से दुनिया भर में क्रिकेट मुकाबले रुके हुए हैं और इस सीरीज से उनकी वापसी होने जा रही है।

कराची । पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद ने कहा है कि इंग्लैंड दौरे पर जाने के लिए किसी खिलाड़ी पर कोई दबाव नहीं है। सरफराज के अनुसार पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने टेस्ट और टी20 श्रृंखला के लिए इंग्लैंड जाने का अंतिम फैसला खिलाड़ियों पर ही छोड़ दिया था। इंग्लैंड दौरे के लिए पाक टीम में वापसी कर रहे सरफराज ने कहा, ‘पीसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वसीम खान ने प्रत्येक खिलाड़ी से बात की और स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोरोना वायरस संक्रमण के हालात में इंग्लैंड जाने में किसी को कोई भी आपत्ति है तो हमें बिना किसी डर के उन्हें बता देना चाहिए।' इसके बाद हम सभी ने पहले अपने परिवार से बात की ओर दौरे के लिए अपनी सहमति दी है।  वहीं एक बल्लेबाज हैरिस सोहेल ने दौरे से हटने का फैसला किया क्योंकि उनका परिवार इन हालातों में उन्हें इंग्लैंड नहीं भेजना चाहता है। वहीं तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने अपने दूसरे बच्चे के जन्म की वजह से दौरे पर नहीं जाने का फैसला किया है। राष्ट्रीय टीम में वापसी के बारे में सरफराज ने कहा, ‘जब आप टीम के नियमित सदस्य हो और आपको बाहर कर दिया जाये तो निश्चित रूप से वापसी करना कठिन होता है पर अच्छी चीज यह है कि बाहर किए जाने के बाद मैं घरेलू क्रिकेट में खेलने में व्यस्त हो गया। इससे मुझे क्रिकेट पर ध्यान लगाये रखने में मदद की और मेरे दिमाग में नकारात्मक बातें नहीं आईं।'

नई दिल्ली। एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भाला फेंक में कांस्य पदक विजेता दविंदर सिंह कांग ने रविवार को कहा कि गले में खराश के लिये ली गयी दवाईयों के कारण वह डोपिंग में नाकाम रहे, लेकिन उन्होंने इन दवाईयों के बारे में पूर्व में सूचित कर दिया था और इसलिए उन्हें अनुशासनात्मक सुनवाई में क्लीन चिट मिलने की पूरी उम्मीद है। कांग का नमूना पिछले साल अगस्त में लिया गया था, जिसमें बेटा डेक्सामेथोसान पाया गया था जो विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में आता है। इसका उपयोग गले और फेफड़ों से जुड़ी बीमारी के लिये किया जाता है और चिकित्सकों की राय पर प्रतियोगिता से इतर इसका उपयोग किया जाता है।
 कांग ने जालंधर में कहा, ‘पिछले साल इंडियन ग्रां प्री 5 से पहले मेरे गले में संक्रमण था। मैंने टीम प्रबंधन से अनुमति ली और फिर पटियाला में एक निजी चिकित्सक से परामर्श किया। चिकित्सक ने मुझे दो दवाईयां मोक्सिटास 500 और बेटा डेक्सामेथोसान दी। डोप परीक्षण के परिणाम की वजह ये दवाईयां हैं।’ उन्होंने कहा, ‘नाडा के लोग जब नमूना लेने के लिये आये तो मैंने उन्हें इन दोनों दवाईयों के बारे में बता दिया था। मैंने इन दवाईयों से अपने प्रदर्शन में किसी तरह का फायदा नहीं उठाया। इसलिए मेरी तरफ से कोई गलती नहीं हुई है। मैं नाडा के सामने अपनी बात रखूंगा और उम्मीद है कि मुझे डोपिंग आरोपों से मुक्त कर दिया जाएगा।’ कांग के मूत्र का नमूना पिछले साल 16 अगस्त को पटियाला में हुई इंडियन ग्रां प्री 5 के दौरान लिया गया था। वह इस प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे थे। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) के महासचिव नवीन अग्रवाल ने ट्वीट किया, ‘दोहा की प्रयोगशाला से मिली रिपोर्ट के अनुसार पटियाला ग्रां प्री के दौरान हमारे एक एथलीट को ग्लूकोकोर्टिकोस्टेरायड के लिये पॉजीटिव पाया गया है।’
वाडा ने पिछले साल राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला को निलंबित कर दिया था जिसके बाद भारतीय खिलाड़ियों के डोप परीक्षण दोहा प्रयोगशाला में किये जा रहे हैं। अगर कांग नाडा अनुशासनात्मक पैनल को आश्वस्त करने में नाकाम रहते हैं तो उन पर आठ साल का प्रतिबंध लग सकता है क्योंकि यह उनका डोपिंग से जुड़ा दूसरा मामला होगा। इससे पहले 2018 में उनके नमूने में मारिजुआना पाया गया था, जिसके बाद उन्हें फटकार लगाकर छोड़ दिया गया था। कांग के मामले को लेकर जब नाडा के महानिदेशक अग्रवाल से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी व्यक्तिगत मामले पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। लेकिन प्रक्रिया के अनुसार अगर कोई खिलाड़ी दूसरी बार डोपिंग में पकड़ा जाता है तो उस पर आठ साल का प्रतिबंध लग सकता है। मुझे इस एथलीट के मामले में जानकारी नहीं है।’’ वाडा संहिता के तहत दूसरी गलती पर आजीवन प्रतिबंध का प्रावधान नहीं है।

भारतीय भारोत्तोलक संजीता चानू डोपिंग के आरोपों से बरी हो गयी हैं। अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने चानू के नमूनों में एकरूपता नहीं पाए जाने के कारण उनके खिलाफ लगाए गए डोपिंग के आरोपों को खारिज कर दिया है। आईडब्ल्यूएफ ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिशों के आधार पर यह फैसला किया है। वहीं आरोपों से बरी होने के बाद आईडब्ल्यूएफ को आड़े हाथों लेते हुए चानू ने विश्व संस्था से माफी मांगने और मुआवजा दिये जाने की मांग की। साथ ही कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जानी चाहिये।
चानू ने शुरु से ही इस मामले में अपने पर लगाये गये डोपिंग के आरोपों को आधारहीन बताया था। उन्हें आईडब्ल्यूएफ के कानूनी सलाहकार लिला सागी के हस्ताक्षर वाले ईमेल के जरिए अंतिम फैसले की जानकारी मिली है। इस ईमेल में कहा गया है, ‘वाडा ने सिफारिश की है कि नमूने के आधार पर खिलाड़ी के खिलाफ मामला समाप्त किया जाना चाहिए।’
इसमें कहा गया है कि आईडब्ल्यूएफ ने वाडा को 28 मई को बताया था कि चानू के नमूनों के विश्लेषण के समय उनमें एकरूपता नहीं पायी गई है। आईडब्ल्यूएफ के अनुसार, ‘इसके बाद आईडब्ल्यूएफ ने खिलाड़ी के खिलाफ आरोप खारिज करने और यह मामला यहीं खत्म करने का फैसला किया है।’
चानू ने इस खुशी जताते हुए कहा कि आंखिरकार मुझे आधिकारिक तौर पर डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है  पर इस बीच मैंने जो अवसर खोये हैं और मैं जिस मानसिक पीड़ा से गुजरी हूं उसकी लिए जिम्मेदार संगठन से जुड़े लोगों को सजा मिलनी चाहिये। इसके साथ ही
आईडब्ल्यूएफ से माफी मांगने और मुआवजा देने को कहा
उन्होंने कहा, ‘हर स्तर पर की गईं गलतियों की जिम्मेदारी कौन लेगा। आप एक खिलाड़ी को अंतिम फैसला आए बिना ही वर्षों तक निलंबित कर देते हो और एक दिन आप मेल भेजकर कहते हो कि आपको आरोपों से मुक्त किया जाता है।’ चानू ने कहा कि आईडब्ल्यूएफ के कड़े रवैये से वह टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर पायी इस कारण उन्हें मुआवजा मिलना चाहिये।
उन्होंने कहा, ‘क्या यह किसी तरह का मजाक है। क्या आईडब्ल्यूएफ खिलाड़ी के करियर की परवाह नहीं करता. क्या मेरे ओलंपिक के अवसरों को खत्म करना आईडब्ल्यूएफ का इरादा था। हर खिलाड़ी का सपना ओलंपिक खेलों में पदक जीतना होता है। वह कम से कम उनमें भाग तो लेना ही चाहता है। वहीं आईडब्ल्यूएफ ने मुझसे यह अवसर छीन लिया।’
अर्जुन पुरस्कार मिलने की उम्मीदें
चानू को उम्मीद है कि वह इस साल अर्जुन पुरस्कार हासिल कर पायेगी। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) ने विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की सिफारिशों के आधार पर चानू को डोपिंग के आरोप से बरी कर दिया जिससे अब यह 26 वर्षीय खिलाड़ी अर्जुन पुरस्कार के लिए दावेदार बन गयी है। चानू ने कहा, ‘मैंने पहली बार 2016 में अर्जुन पुरस्कार के लिए आवेदन किया था पर तब मुझे यह पुरस्कार नहीं मिला। मुझे योग्य होने के बावजूद 2017 में भी यह अवार्ड नहीं मिला’ उन्होंने कहा, ‘ इसके बाद डोप मामले के कारण मैं इसके लिए अयोग्य हो गयी। मैं अब इसे हासिल करने के प्रयास करूंगी।’ चानू ने 2014 और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किग्रा और 53 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक भी जीते थे।
इस 26 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछले महीने ही अवार्ड के लिए आवेदन किया था क्योंकि उनका अस्थायी निलंबन हटा दिया गया था और आईडब्ल्यूएफ ने उन्हें टूर्नामेंटों में भाग लेने की अनुमति दे दी थी। उनका मामला खत्म नहीं हुआ था और इसलिए भारतीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएलएफ) ने उन्हें जानकारी दी थी कि वह खेल पुरस्कार पाने के अयोग्य है क्योंकि डोपिंग के आरोपों वाले खिलाड़ी को यह अवार्ड नहीं दिए जाते हैं। चानू ने कहा, ‘मैंने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया तथा ग्लास्गो और गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में डोपिंग के बिना दो पदक जीते। मैं 11-12 साल से इस खेल में हूं। मैं नहीं जानती कि अभी तक मुझे इस पुरस्कार से क्यों नजरअंदाज किया गया।’

मुम्बई । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का नाम विश्व क्रिकेट के शीर्ष खिलाड़ियों में आता है और इसी खेल के कारण उनकी क्रिकेट जगत में विशेष पहचान बनी है।  इसके बावजूद गावस्कर को अपने जमाने के क्रिकेट मैच देखना पसंद नहीं है। गावस्‍कर का कहना है कि उन्‍हें क्रिकेट देखना बोरिंग लगता है, इसीलिए वह अपने पुराने मैच के वीडियो को नहीं देखते। गावस्‍कर ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी वह अपने पुराने मैच के वीडियो नहीं देखते थे हालांकि वह वर्तमान दौर के क्रिकेट को देखना पसंद करते हैं क्योंकि तेजी होने के कारण इसमें रोमांच नजर आता है हालांकि गावस्‍कर का कहना है कि उन्हें आज के समय का क्रिकेट काफी पसंद है, क्‍योंकि इसमें काफी रोमांच होता है। काफी मनोरंजन होता है जबकि पहले के मैचों में ऐसा नहीं होता था उस समय के मैच बेहद धीमें और उबाऊ हुआ करते थे।
वहीं इस साल आईपीएल के आयोजन की उम्‍मीदों पर गावस्‍कर ने कहा कि उन्‍हें अब भारत के आईपीएल क्रिकेट मुकाबले का आयोजन मुश्किल लग रहा है। इसका कारण यह है कि ऑस्‍ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने घोषणा कर दी है कि अगले महीने से दर्शक स्‍टेडियम में जा सकेंगे। जिसके बाद ऑस्‍ट्रेलियाई में टी20 विश्व कप के आयोजन की संभावना बढ़ गई है और इसी वजह से आईपीएल की संभावना कम होती जा रही है। गावस्‍कर ने कहा कि विश्व कप पर संशय के कारण अब तक बीसीसीआई को यह विंडो मिल सकती थी पर अब इसकी संभावनाएं भी समाप्त हो गयी हैं।
 

वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रीय बॉस्केटबाल लीग (एनबीए) ने कोविड-19 महामारी से बाधित सत्र की बहाली के लिये  एक कार्यक्रम घोषित किया है। इसमें कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे से बचाव के लिये जरूरी परीक्षण और जुलाई में ट्रेनिंग शिविर से पहले अनिवार्य निजी वर्कआउट भी शामिल है। लीग अब भी स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधित प्रोटोकॉल पूरा करने पर काम कर रही है यह फ्लोरिडा के ओरलांडो के निकट डिज्नी बास्केटबाल परिसर में बहाली के लिये जरूरी नियम बन जायेंगे। उसने टीमों को कहा कि राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी संघ से इन मुद्दों पर चर्चा जारी है। प्रोटोकॉल की सूची में लगातार मास्क पहनना और अन्य निजी सुरक्षा उपकरण रखना भी शामिल है। इनके अलावा रोज तापमान की जांच करना और अपने लक्षण का आंकलन करना भी इस सूची में शामिल है।

नई दिल्ली । टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर मो कैफ ने युवा बल्लेबाज प्रियम गर्ग से कहा है कि राष्ट्रीय टीम में प्रवेश का रास्ता आईपीएल नहीं बल्कि रणजी ट्राफी से होकर जाता है। कैफ ने इसके अलावा गर्ग से अपने अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के दिनों पर भी बात की। भारतीय टीम के अंडर 19 कप्तान प्रियम ने सोशल मीडिया पर कैफ से लाइव बातचीत की, इस दौरान दोनो के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। कैफ ने प्रियम से कहा कि उनका मकसद आईपीएल नहीं रणजी ट्रॉफी रहना चाहिये। साथ ही कहा कि क्रिकेटरों को रणजी ट्रॉफी में अलग-अलग तरह की पिचों पर खेलने का अनुभव होना चाहिए, यहीं से उनकी टीम इंडिया में जाने की राह बनेगी। कैफ ने इस दौरान युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए बीसीसीआई का धन्यवाद भी किया। कैफ ने कहा, 'मेरी अंडर 19 टीम की कप्तानी के दौरान हमारे पास इतनी अच्छी सुविधा नहीं थी। हमारे पास राहुल द्रविड़ जैसा कोच नहीं था, हम विदेश में खेलने नहीं जाते थे लेकिन मैं बीसीसीआई के मौजूदा प्रबंधन से बेहद खुश हूं। वो युवाओं का पूरा समर्थन कर रहे हैं। द्रविड़ जैसा कोच मिलना उनके लिए बहुत बड़ी बात है।' इस दौरान प्रियम ने कैफ से पूछा कि कौन सा बल्लेबाज टी20 क्रिकेट में दोहरा शतक लगा सकता है तो कैफ ने रोहित शर्मा का नाम लिया।

मुंबई । भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से कोच और सहयोगी स्टाफ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। गोपीचंद के अनुसार पिछले तीन माह से कोच और सहयोगी स्टाफ से जुड़े लोगों की कोई आय नहीं हुई है। इसी को देखते हुए अकादमियों और खेल संस्थाओं के लिए कोष जुटाने के लिए गोपीचंद ने अर्जुन पुरस्कार विजेता एथलीटों अश्विनी नचप्पा और मालती होला के साथ मिलकर एक कार्यक्रम भी शुरू किया है। गोपीचंद ने कहा, ‘‘ लॉकडाउन में पिछले तीन महीनों के दौरान लगभग कोई आय नहीं होने के कारण कोच और स्पोर्ट्स स्टाफ को सबसे ज्यादा परेशानी आई है। हम खेलों के लिए सबसे महत्वपूर्ण जरूरत के लिए इस पहल का समर्थन और धन जुटाने की उम्मीद करते हैं।’’कोरोना वायरस प्रसार को रोकने के लिए देश भर में 25 मार्च से ही लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। उस समय से लगभग सभी खेल गतिविधियां स्थगित हैं। गोपीचंद के धन एकत्र करने के कार्यक्रम के तहत होने वाली इस दौड़ में सभी प्रतिभागियों को कुल मिलाकर 3,84,400 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। यह दूरी धरती और चांद के बीच की दूरी है। इस दौड़ की शुरूआत 20 जून को होगी जबकि इसका समापन 20 जुलाई को होगा। इसमें देश भर के पेशेवर और गैरपेशेवर धावक हजारों की संख्या में भाग लेंगे। दौड़ के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया 18 जून तक जारी रहेगी। इसमें हर धावक को 30 दिनों में न्यूनतम 65 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। वहीं पंजीकरण कराने वाले को अपने पसंद की खेल अकादमी को 100 रूपये का दान करना होगा।

  • R.O.NO.13129/65 " D

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