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जम्मू-कश्मीर । जम्मू-कश्मीर के पुंछ के सिंधरा इलाके में सुरक्षा बलों ने संयुक्त ऑपरेशन में चार आतंकियों को मार गिराया है। ऑपरेशन में मारे गए सभी आतंकवादी विदेशी हैं। सोमवार रात करीब 11:30 बजे शुरू हुई मुठभेड़ मंगलवार सुबह तक चली। 9 घंटे के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भारी गोलीबारी हुई। भारतीय सेना के विशेष बल, राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान इस ऑपरेशन का हिस्सा थे। इंडियन आर्मी ने बताया, ऑपरेशन त्रिनेत्र 2 के तहत पुंछ इलाके में घेराबंदी के बाद तलाशी अभियान चलाया गया था।

 

कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को बधाई दी और देश के संघीय ढांचे को मजबूत बनाने का संकल्प लिया। टीएमसी का गठन एक जनवरी 1998 को किया गया था। ममता बनर्जी ने कांग्रेस छोड़कर टीएमसी के रूप में अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई थी। इस अवसर पर ममता बनर्जी ने कहा वे सभी लोग जिन्होंने शुरू से हमारा समर्थन किया और विभिन्न राज्यों में पार्टी में शामिल हुए नए सदस्य मिलकर अपने महान देश के संघीय ढांचे को मजबूत बनाना जारी रखेंगे हम लोगों की सेवा में खुद को समर्पित करते हैं और एक बार फिर उनका कल्याण सुनिश्चित करने का वादा करते हैं।
तृणमूल कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने दावा किया कि 2024 में केंद्र में विपक्षी दलों की सरकार बनेगी और तृणमूल कांग्रेस उसकी धुरी के रूप में उभरने का संकल्प लेती है। टीएमसी महासचिव घोष ने कहा यह वास्तव में बहुत गर्व और सम्मान की बात है कि टीएमसी ने आज अपने 25वें वर्ष में कदम रखा है जिसमें से 13 साल से हम पश्चिम बंगाल में सत्ता में हैं। अब हमारा लक्ष्य 2014 में विपक्षी दलों के नेतृत्व में बनने वाली केंद्र सरकार की धुरी के रूप में उभरना है। हम जनता को एक विकल्प प्रदान करना चाहते हैं।

वाशिंगटन  । अमेरिकी महिलाएं अपनी नौकरी छोड़कर अब अपने बच्चों को पालने में लग गई हैं। अमेरिका में प्रशिक्षित आया की भारी कमी हो गई है। इसका फायदा अमेरिका की कंपनियों द्वारा उठाया जा रहा है। जिन कंपनियों के केयर सेंटर खुले हुए हैं। वहां कालेज की फीस से ज्यादा केयर सेंटर बच्चों के देखरेख की फीस वसूल कर रहे हैं।
 अमेरिका में बच्चों की देखभाल करने के लिए अब मध्यम और निम्न वर्ग केयर सेंटर का खर्चा नहीं उठा पा रहा है। अमेरिका में आमतौर पर पति पत्नी दोनों ही काम करते हैं। अमेरिका में 1।20 करोड़ बच्चों के लिए आया की जरूरत है। चाइल्ड केयर कंपनियों द्वारा संचालित केयर सेंटर में केवल 10 लाख बच्चों की ही देखभाल हो पा रही है।
 अमेरिका में बच्चों की देखभाल कोरोना बीमारी के बाद सबसे महंगी हो गई है। चाइल्ड केयर कंपनियों ने समूह बनाकर लग्जरी रेट तय किए हैं। वहीं सरकार द्वारा जो कानून बनाया जा रहा था। माता-पिता की आय के अनुरूप चाइल्ड केयर का खर्च तय करने का बिल प्रस्तावित था। चाइल्ड केयर कंपनियों के दबाव में यह बिल प्रस्तुत नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण अब महिलाओं को नौकरी छोड़कर अपने बच्चों को पालना पड़ रहा है। निम्न एवं मध्यम वर्ग के लिए महंगाई की मार इतनी ज्यादा हो गई है कि अब अमेरिका में रहना मुश्किल हो रहा है।लोग अमेरिका छोड़कर आसपास के देशों में शरण ले रहे हैं।

वाशिंगटन  । अमेरिकी महिलाएं अपनी नौकरी छोड़कर अब अपने बच्चों को पालने में लग गई हैं। अमेरिका में प्रशिक्षित आया की भारी कमी हो गई है। इसका फायदा अमेरिका की कंपनियों द्वारा उठाया जा रहा है। जिन कंपनियों के केयर सेंटर खुले हुए हैं। वहां कालेज की फीस से ज्यादा केयर सेंटर बच्चों के देखरेख की फीस वसूल कर रहे हैं।
 अमेरिका में बच्चों की देखभाल करने के लिए अब मध्यम और निम्न वर्ग केयर सेंटर का खर्चा नहीं उठा पा रहा है। अमेरिका में आमतौर पर पति पत्नी दोनों ही काम करते हैं। अमेरिका में 1।20 करोड़ बच्चों के लिए आया की जरूरत है। चाइल्ड केयर कंपनियों द्वारा संचालित केयर सेंटर में केवल 10 लाख बच्चों की ही देखभाल हो पा रही है।
 अमेरिका में बच्चों की देखभाल कोरोना बीमारी के बाद सबसे महंगी हो गई है। चाइल्ड केयर कंपनियों ने समूह बनाकर लग्जरी रेट तय किए हैं। वहीं सरकार द्वारा जो कानून बनाया जा रहा था। माता-पिता की आय के अनुरूप चाइल्ड केयर का खर्च तय करने का बिल प्रस्तावित था। चाइल्ड केयर कंपनियों के दबाव में यह बिल प्रस्तुत नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण अब महिलाओं को नौकरी छोड़कर अपने बच्चों को पालना पड़ रहा है। निम्न एवं मध्यम वर्ग के लिए महंगाई की मार इतनी ज्यादा हो गई है कि अब अमेरिका में रहना मुश्किल हो रहा है।लोग अमेरिका छोड़कर आसपास के देशों में शरण ले रहे हैं।

लंदन  । ब्रिटेन में बढ़ती महंगाई और बिजली संकट ने लोगों को बचत करना सिखा दिया है। ब्रिटेन में बिजली संकट दिनोंदिन गहरा रहा है।भारी-भरकम बिजली बिल को चुकाने की हैसियत निम्न और मध्यम वर्ग की नहीं है। जिसके कारण उन्होंने बिजली का बिल कम करने और ठंड से बचने का रास्ता खोज लिया है।
 ब्रिटेन के 96 फ़ीसदी लोग हीटर और ब्लोअर का उपयोग कम से कम कर रहे हैं। 63 फ़ीसदी लोगों ने घर को गर्म रखने के लिए बिजली और गैस का उपयोग कम कर दिया है। ब्रिटेन के 82 फ़ीसदी नागरिकों ने ज्यादा कपड़े और ब्लैंकेट एकत्रित कर उन से ठंड का बचाव कर बिजली और गैस के बिलों को नियंत्रित किया जा रहा है।बिजली और गैस की बढ़ती कीमतेंब्रिटेन में रहने वालों के लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन गई हैं। अब लोगों ने इससे निपटने के तरीके को सीखना शुरू कर दिया है।
 ब्रिटेन में इन दिनों महंगाई बहुत ज्यादा है।अनाज खत्म ना हो जाए इसके लिए अनाज का स्टॉक करना भी शुरू कर दिया है। वह निश्चित आय में रहने का तरीका सीख रहे हैं।
 ब्रिटेन के 4962 घरों के सर्वे के बाद उपरोक्त तथ्य उजागर हुए हैं।बिजली गैस और खाने-पीने के दामों में वृद्धि होने के कारण अब लोग अपने खर्चे में कटौती कर रहे हैं।बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा निर्धारित 2 फ़ीसदी की  दर  से ऊपर है। 34 फ़ीसदी लोगों ने सर्वे में स्वीकार किया हैकि कटौती के कारण उनके स्वास्थ्य और रोजमर्रा के जीवन में नकारात्मक असर पड़ रहा है। ब्रिटेन में जीवन जीना मुश्किल हो गया है।

सियोल । उत्तर कोरिया ने रविवार को अपने पूर्वी तट की तरफ दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं जो बीते एक महीने में हथियारों का उसका पहला परीक्षण है। उत्तर कोरिया ने दो दिन पहले मुख्य अमेरिकी भूभाग तक मार करने में सक्षम एक शक्तिशाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) बनाने के लिए आवश्यक अहम परीक्षण करने का दावा किया था। 
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि उनकी सेना ने उत्तर कोरिया द्वारा उसके उत्तर-पश्चिमी तोंगचांगरी इलाके से दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागे जाने का पता लगाया है। मिसाइलों ने उत्तर कोरिया के पूर्वी समुद्र की ओर उड़ान भरी। तोंगचांगरी इलाके में उत्तर कोरिया का सोहेए उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र स्थित है जहां देश अतीत में उपग्रह ले जाने वाले लंबी दूरी के कई रॉकेट का प्रक्षेपण कर चुका है। दक्षिण कोरियाई अधिकारी ने बताया कि मिसाइलें करीब 50 मिनट के अंतराल पर दागी गईं लेकिन उन्होंने अन्य जानकारियां नहीं दीं जैसे कि उत्तर कोरिया ने किस तरह के हथियारों का परीक्षण किया और उन्होंने कितनी दूर उड़ान भरी। ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि दक्षिण कोरियाई सेना ने अपनी निगरानी मजबूत की है और वह अमेरिका के साथ करीबी समन्वय बनाए रखे हुए हैं।
जापानी अधिकारियों ने भी कहा कि उन्होंने उत्तर कोरिया द्वारा दो मिसाइलें दागे जाने का पता लगाया है। जापान के तटरक्षक बल ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से दागी गई मिसाइलें जापान और कोरियाई प्रायद्वीप के बीच समुद्र में गिरीं।अधिकारियों ने बताया कि दोनों मिसाइलें जापान के विशेष आर्थिक क्षेत्र के बाहर गिरीं। बृहस्पतिवार को सोहेए केंद्र में उत्तर कोरिया ने एक नए सामरिक हथियार ‘हाई-थ्रस्ट सॉलिड-फ्यूल मोटर’ का परीक्षण किया था। इससे उत्तर कोरिया को अमेरिका के मुख्य भूभाग पर हमला करने के लिए एक बैलिस्टिक मिसाइल बनाने में मदद मिल सकती है।
हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है कि क्या रविवार को हुआ परीक्षण सोहेए केंद्र से किया गया। यह पिछले महीने लंबी दूरी की हवासोंग-17 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) के परीक्षण के बाद से उत्तर कोरिया द्वारा हथियारों का पहला सार्वजनिक परीक्षण है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने हथियारों का परीक्षण तेज कर रहा है ताकि वह उस पर लगे प्रतिबंधों में राहत पाने एवं अन्य छूट लेने के लिए अमेरिका पर दबाव बना सके।

येरुशलम । इजराइल ने कहा है कि उसने एक फिलस्तीनी वकील और सामाजिक कार्यकर्ता को रविवार तड़के फ्रांस निर्वासित कर दिया है। इजराइल ने दावा किया है कि उसका प्रतिबंधित उग्रवादी समूह से रिश्ता है। हालांकि फ्रांस की सरकार ने इज़राइली सरकार के कदम पर ऐतराज़ जताया है। सामाजिक कार्यकर्ता सलाह हम्मोरी का निष्कासन पूर्वी येरुशलम में फलस्तनियों की खराब हालत को दर्शाता है। 
पूर्वी येरुशलम के इस क्षेत्र पर इज़राइल ने कब्जा कर लिया है और अपने मुल्क से जोड़ लिया है। इसमें रहने वाले फलस्तनियों के पास सिर्फ निवास का अधिकार है। उन्हें नागरिकता हासिल नहीं है। हम्मोरी के निष्कासन से फ्रांस के साथ कूटनीतिक विवाद को खड़ा हो सकता है। फ्रांस ने इज़राइल से कई बार गुजारिश की थी कि वह हम्मोरी को निर्वासित नहीं करे। 
इज़राइल के गृहमंत्री आयलेट शेक्ड ने एक वीडियो में कहा मुझे यह ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि आज इंसाफ कर दिया गया और आतंकवादी सलाह हम्मोरी को इज़राइल से निर्वासित कर दिया गया है। हम्मोरी का जन्म येरुशलम में हुआ था लेकिन उनके पास फ्रांस की नागरिकता है।
इज़राइल का कहना है कि हम्मोरी ‘पॉपुलर फ्रंट फॉर लिबरेशन ऑफ फलस्तीन’ (पीएफएलपी) के कार्यकर्ता हैं। इज़राइल ने इस समूह को प्रतिबंधित किया हुआ है ओर वह उसे आतंकवादी संगठन बताता है। 
हम्मोरी ‘अदमीर’ के लिए बतौर वकील काम कर चुके हैं। अदमीर एक ऐसा अधिकारवादी संगठन है जो उन फलस्तीनी कैदियों की मदद करता है जिन्हें इज़राइल ने पीएफएलपी के साथ कथित रिश्तों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। हम्मोरी को एक प्रतिष्ठित यहूदी धर्मगुरु की हत्या की कथित साज़िश रचने के मामले में दोषी ठहराया गया था। वह सात साल तक जेल में बंद रहे थे लेकिन 2011 में हमास के साथ कैदियों की अदला बदली के तहत उन्हें रिहा कर दिया गया था।

वॉशिंगटन । जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने डराने वाली चेतावनी दी है। उन्होंने बताया है कि इस शताब्दी के अंत तक पृथ्वी पर मौजूद हर 10 में से एक प्रजाति विलुप्त हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत नए शोध में कहा गया है कि 21वीं सदी के अंत तक पृथ्वी अपनी प्रजातियों के दसवें भाग को खो सकती है। इस खतरनाक हालात से निपटने के लिए दुनियाभर के 3000 वैज्ञानिकों ने अपने-अपने देश की सरकारों से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। 
इस शोध में जैव विविधता पर द्वितीयक प्रभावों का अध्ययन भी किया गया है जो दूसरी प्रजातियों पर निर्भर रहते हैं।
शोधकर्ताओं ने रिसर्च के दौरान इस नतीजे को पाने के लिए एक सुपरकंप्यूटर की मदद से पृथ्वी का एक सिमुलेशन मॉडल बनाया। इस सिमुलेशन मॉडल को कृत्रिम प्रजातियों के साथ आभासी दुनिया में बदला गया। इसके बाद इन पर ग्लोबल वॉर्मिंग और जमीन के इस्तेमाल के प्रभाव को देखा गया। इस शोद में शामिल हेलसिंकी विश्वविद्यालय के डॉ जियोवन्नी स्ट्रोना ने कहा कि हमने एक आभासी दुनिया को पृथ्वी पर मौजूद जीवों से आबाद किया है। यह देखने में बिलकुल धरती पर पाए जाने वाले पर्यावरण की तरह था। फिर हमने ग्लोबल वॉर्मिंग और इंसानों के जमीन उपयोग करने के तरीकों को लागू किया।
उन्होंने बताया कि सिमुलेशन में हमने देखा कि सबसे ज्यादा खराब स्थिति में 27 फीसदी प्रजातियां मर सकती हैं। अगर प्रभाव मध्यम रहा तो 13 फीसदी जानवर और पौधे विलुप्त हो जाएंगे। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह एक अद्वितीय अध्ययन है क्योंकि इसमें जैव विविधता पर द्वितीयक प्रभावों को ध्यान में रखा गया है जब एक प्रजाति के विलुप्त होने पर दूसरी प्रजाति अपने आप खत्म हो जाती है।
ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कोरी ब्रैडशॉ ने कहा कि आप किसी शिकारी प्रजाति के बारे में सोचें जो जलवायु परिवर्तन के कारण अपने शिकार को खो देती है। शिकार होने वाली प्रजाति का खत्म होना प्राथमिक विलोपन है क्योंकि उसका अंधाधुंध शिकार किया गया। अब उसका शिकार करने वाली प्रजाति के पास भी खाने के लिए कुछ नहीं बचेगा। इससे शिकारी भी विलुप्त हो जाएंगे। कल्पना कीजिए कि कोई परजीवी जंगलों की कटाई के कारण अपने आहार न पा सके या एक फूल वाला पौधा धरती के अधिक गर्म होने के कारण अपने परागणकों को खो दे तो क्या होगा। हर प्रजाति किसी न किसी तरह से दूसरी प्रजाति पर निर्भर है।

ढाका| बांग्लादेश की पहली मेट्रो का वाणिज्यिक परिचालन 28 दिसंबर से शुरू होगा। एक अधिकारी ने यहां यह घोषणा की। सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग के सचिव एबीएम अमीन उल्लाह नूरी ने पत्रकारों को बताया, प्रधानमंत्री शेख हसीना 28 दिसंबर को एक समारोह में राजधानी के उत्तरा से अगरगांव क्षेत्र तक मेट्रो रेल की मास रैपिड ट्रांजिट (एमआरटी लाइन 6) का औपचारिक रूप से उद्घाटन करेंगी।

उन्होंने कहा कि सभी तरह के निर्माण कार्य पूरे कर लिए गए हैं और एमआरटी लाइन-6 वाणिज्यिक परिचालन के लिए तैयार है।

ढाका मास ट्रांजिट कंपनी लिमिटेड (डीएमटीसी), एक बांग्लादेशी राज्य के स्वामित्व वाली उद्यम 20.1 किलोमीटर की मेट्रो के पीछे है, घरेलू फर्मों के साथ-साथ भारतीय थाई, चीनी और जापानी कंपनियों द्वारा काम किया जा रहा है।

बांग्लादेश ने मेट्रो रेल परियोजना को चरणों में वित्तपोषित करने के लिए जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) से धन उधार लिया।

मेट्रो अंतत: राजधानी शहर के बड़े हिस्से को कवर करेगी।

पहली ट्रेन ने अगस्त में 16 एलिवेटेड स्टेशनों के साथ लाइन के एक खंड पर ट्रायल रन किया।

कीव । रूस के साथ महीनों से जंग लड़ रहे यूक्रेन पर फिर से बमवर्षा शुरू हुई है। रूस ने ताबड़तोड़ भीषण मिसाइल हमले कर पूरे यूक्रेन में खलबली मचा दी है। बताया जा रहा है कि रूस ने ब्लैक सी से यूक्रेन पर कम से कम 60 क्रूज मिसाइलें दागी हैं। 
रिपोर्ट के अनुसार रूस ने नए सिरे से मिसाइल के जरिए यूक्रेन पर बमवर्षा शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इस बार रूस ने यूक्रेन के तीन प्रमुख शहरों को निशाना बनाया है। रूसी मिसाइल अटैक से पूरे यूक्रेन में हड़कंप मच गया है। रूसी हमलों ने खार्किव में बुनियादी सुविधाओं को निशाना बनाया है। वहीं यूक्रेनी अधिकारियों ने कम से कम 3 शहरों में विस्फोटों की रिपोर्ट दी है। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि रूस ने ‘बड़े पैमाने पर मिसाइल हमले’ शुरू कर दिए हैं। बता दें कि इससे पहले पूरे यूक्रेन में हवाई हमले के सायरन बजाए गए और लोगों को अपने-अपने घरों में रहने की अपील की गई थी।  यूक्रेन के प्राधिकारियों ने दावा किया कि रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों और बुनियादी ढांचों पर एक और बड़ा मिसाइल हमला किया है। 

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