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भूस्खलन : कोलंबिया से एक बार फिर से भूस्खलन की खबर है। यहां की एक सड़क को भूस्खलन ने अपनी चपेट में ले लिया। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों का कहना है कि अभी भी 20 लोगों के फंसे होने की खबर है, जिन्हें निकालने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है। 

अधिकारियों के मुताबिक, बचाव दल एक बस और एक मोटरसाइकिल सवार लोगों की तलाश में जुटा हुआ है, जिनकी भूस्खलन में फंसे होने की खबर है। इस बीच राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने जानकारी दी कि अभी तक नौ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है, जिसमें तीन की मौत हो गई। करीब 20 लोग लापता हैं। सिविल डिफेंस के एक अधिकारी के मुताबिक, बस में करीब 25 यात्री सवार थे।

दक्षिणी रूस के कैस्पियन सागर तट पर लगभग 2500 सील मृत पाई गई हैं। रविवार को अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि इनकी सामूहिक मौत किस वजह से हुई। अधिकारियों ने शुरू में शनिवार को बताया था कि तट पर 700 सील की मौत हो गई, लेकिन रूसी प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण मंत्रालय के दागेस्तान डिवीजन ने बाद में आंकड़ा बढ़ाकर लगभग 2,500 कर दिया।

कैस्पियन पर्यावरण सुरक्षा सेंटर के प्रमुख जौर गैपिजोव ने कहा, कुछ हफ्ते पहले सील की मौत हो गई थी। इस बात के कोई संकेत नहीं है कि उन्हें मार दिया गया या मछली पकड़ने के जाल में फंस गए। वहीं विशेषज्ञों को अभी तक समुद्र तट से कोई प्रदूषक तत्व नहीं मिला है।

ईरान में जासूसी के आरोप में रविवार को चार लोगों को फांसी पर लटका दिया गया। इन पर इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। ईरान के सुप्रीम कोर्ट ने इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए काम करने और लोगों का अपहरण करने के लिए इन्हें मौत की सजा सुनाई थी। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जिन कथित जासूसों को फांसी दी गई है, उनमें शाहीन इमानी मोहमदाबादी, हुसैन ओरदोखानजादा, मिलाद अशरफी और मनौचेहर शाहबंदी शामिल हैं। रिवोल्यूशनरी गार्ड (ईरानी सेना) ने जासूसी के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया था और आरोप लगाया गया था कि इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े हुए थे। रिवोल्यूशनरी गार्ड ने इनके पास से हथियार और क्रिप्टोकरेंसी जब्त करने का दावा था, जो इन्हें मोसाद से हासिल हुआ था। ईरान द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ये लोगों को अगवा कर उनसे सरकारी जानकारी हासिल करते थे। बता दें, ईरान और इस्राइल एक दूसरे के कट्टर दुश्मन हैं। 

तेहरान| ईरान ने शनिवार को अपने दक्षिण-पश्चिमी प्रांत खुजेस्तान में एक नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण शुरू किया। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने समाचार एजेंसी नूर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद एस्लामी और कुछ स्थानीय अधिकारियों ने 300 मेगावाट के करून परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण की शुरुआत देखी, जो एक दबावयुक्त प्रकाश जल रिएक्टर स्थापित करेगा जो 4 प्रतिशत समृद्ध यूरेनियम ऑक्साइड का उपयोग करता है।

एस्लामी ने कहा, ईरान ने 'तेज गति' पर परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण शुरू कर दिया है, करून संयंत्र को जोड़ने से ईरान को कुल बिजली टोकरी के लगभग 20 प्रतिशत परमाणु ऊर्जा के हिस्से को बढ़ाने के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

समाचार एजेंसी नूर के मुताबिक, ईरान ने करून संयंत्र के निर्माण के लिए 1.5 से 2 अरब डॉलर और आठ साल खर्च करने की योजना बनाई है।

1,000 मेगावाट बुशेहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र, जो ईरान में पहला नागरिक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, ने रूस के सहयोग से सितंबर 2011 में बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी थी।

नई दिल्ली| स्थानीय छोटे किसानों के लिए लागत कम करने, उपज बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन की अग्रिम पंक्ति में आजीविका की रक्षा के लिए एक अग्रणी समाधान, भारतीय स्टार्टअप खेती, द अर्थशॉट पुरस्कार के पांच विजेताओं में से एक है। प्रिंस विलियम और द अर्थशॉट प्राइज ने शुक्रवार को बोस्टन में 2022 के विजेताओं का खुलासा किया - उद्यमियों और नवप्रवर्तकों का एक निपुण समूह जो ग्रह की मरम्मत और पुन: उत्पन्न करने के लिए अभूतपूर्व समाधानों का नेतृत्व कर रहा है।

प्रत्येक विजेता को दूसरे वार्षिक अर्थशॉट पुरस्कार पुरस्कार समारोह में 10 लाख पाउंड के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसे रविवार को बीबीसी पर प्रसारित किया जाएगा और 5 दिसंबर को पीबीएस डॉट ऑर्ग और पीबीएस ऐप पर स्ट्रीमिंग शुरू होगी।

1960 के दशक में दिवंगत अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के मूनशॉट चैलेंज से प्रेरित, जिसने एक दशक के भीतर एक व्यक्ति को चंद्रमा पर भेजने के लक्ष्य के आसपास लाखों लोगों को एकजुट किया था। द अर्थशॉट पुरस्कार का उद्देश्य दुनिया को मजबूती से रखने वाले अभिनव समाधानों की खोज करना और उनकी मदद करना है। 2030 तक एक स्थिर जलवायु की दिशा में पथ पर - एक ऐसी दुनिया जिसमें समुदाय, महासागर और जैव विविधता सद्भाव में पनप सकते हैं।

ग्रह के लिए इस महत्वपूर्ण दशक के दौरान प्रत्येक वर्ष पांच विजेताओं को हमारे ग्रह के सामने आने वाली पांच सबसे बड़ी पर्यावरणीय चुनौतियों के लिए उनके अभूतपूर्व समाधान के लिए चुना जाएगा।

ये पांच अर्थशॉट हैं : प्रकृति की रक्षा और पुनस्र्थापन, हमारी वायु को स्वच्छ करो, हमारे महासागरों को पुनर्जीवित करें, अपशिष्ट मुक्त विश्व का निर्माण करें और हमारी जलवायु को ठीक करें।

समारोह के दौरान प्रिंस ऑफ वेल्स ने कहा, "मेरा मानना है कि आज शाम आपने जो अर्थशॉट समाधान देखे हैं, वे साबित करते हैं कि हम अपने ग्रह की सबसे बड़ी चुनौतियों पर काबू पा सकते हैं। और उनका समर्थन और विस्तार करके हम अपना भविष्य बदल सकते हैं।"

"आज रात के विजेताओं और फाइनलिस्टों के साथ-साथ, जिन्हें आने वाले वर्षो में खोजा जाएगा, यह मेरी आशा है कि अर्थशॉट विरासत बढ़ती रहेगी, हमारे समुदायों और हमारे ग्रह को फलने-फूलने में मदद करेगी।"

पांच 2022 विजेता हैं :

प्रकृति की रक्षा और पुनस्र्थापन : खेती - स्थानीय छोटे किसानों के लिए लागत कम करने, उपज बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन की सीमा पर एक देश में आजीविका की रक्षा के लिए एक अग्रणी समाधान।

भारत 10 करोड़ छोटे किसानों का घर है, जिनमें से कई जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों से प्रभावित हैं, जिनमें हीटवेव और कीट शामिल हैं।

खेती ने एक सरल समाधान विकसित किया है जिसका पहले से ही काफी प्रभाव पड़ रहा है। इसका ग्रीनहाउस-इन-ए-बॉक्स छोटे किसानों और उनके द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के लिए डिजाइन किया गया है, जो अप्रत्याशित तत्वों और विनाशकारी कीटों से आश्रय प्रदान करता है।

यह सुनिश्चित करने के लिए किसानों को प्रशिक्षित और समर्थन भी करता है कि उनका ग्रीनहाउस जितना संभव हो उतना प्रभावी हो।

परिणाम नाटकीय हैं। ग्रीनहाउस में पौधों को बाहर की तुलना में 98 प्रतिशत कम पानी की आवश्यकता होती है और पैदावार सात गुना अधिक होती है। मानक ग्रीनहाउस की तुलना में नब्बे प्रतिशत सस्ता, खेती का समाधान किसानों की आय को दोगुना करने से अधिक है, जिससे उन्हें अपने खेतों और अपने परिवारों में अधिक निवेश करने में मदद मिलती है।

कम पानी और कम कीटनाशकों का उपयोग करके वे ग्रह की रक्षा भी कर रहे हैं। आज, 1,000 खेतों में खेती ग्रीनहाउस है, और 2027 तक खेती को उम्मीद है कि वे ग्रीनहाउस-इन-द-बॉक्स के साथ 50,000 किसानों तक पहुंच सकते हैं।

चीन : कोकीन को सदियों से दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालांकि कुछ लोग इसे ज्यादा मात्रा में लेकर नशा करने लगते हैं। ऐसे में यह पदार्थ किसी भी ड्रग जितना खतरनाक बन जाता है। वैसे तो कोकीन को कोका प्लांट से निकाला जाता है, लेकिन हाल ही में वैज्ञानिक इसे तंबाकू की पत्तियों से बनाने में कामयाब हुए हैं।

यह कारनामा चीन की कुनमिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बॉटनी के रिसर्चर्स ने कर दिखाया है। तंबाकू की पत्तियों को कोकीन में बदलने की प्रोसेस काफी जटिल है। कोकीन के अलावा इन पत्तियों को और भी अच्छे कामों के इस्तेमाल के लिए तैयार किया गया है।

जान लें, क्या है कोकीन?
कोकीन एक प्रकार का कार्बनिक अणु (organic molecules) है, जो ट्रोपेन एल्केलॉयड्स की श्रेणी में आता है। इसे ऐसे पौधों से निकाला जाता है, जो पूरी तरह से शाकाहारी हैं। इंसान ने इनकी पैदावार अपनी जरूरतों के हिसाब से बढ़ाई। पुराने जमाने में कोका की पत्तियों को चबाकर एनर्जी बूस्टर के जैसे यूज किया जाता था। आज इसे मरीजों को एनेस्थीसिया के रूप में दिया जाता है।

बायो-इंजीनियरिंग कर बनाया कोकीन
वैज्ञानिकों ने कोकीन के 6 जीन्स को तंबाकू के पौधे में लगाया। इसके जरिए इंजीनियर्ड तंबाकू प्लांट से कोकीन बना। इससे वैज्ञानिकों के रफ आइडिया मिला कि यह ड्रग कैसे बनता है। नई तकनीक से फार्मा इंडस्ट्री को फायदा होगा। कोकीन रिलेटेड दवाएं बनाने में आसानी होगी। इससे रिसर्चर्स को कोकीन से जुड़े और भी कंपाउंड्स के बारे में जानकारी मिलेगी और उन पर रिसर्च करने का मौका मिलेगा।

Russia-Ukraine : पिछले 10 माह से जारी रूस-यूक्रेन जंग में अब परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा बढ़ गया है। यूक्रेन की सेना का दावा है कि रूस अब परमाणु मिसाइलों के इस्तेमाल की तैयारी में है। जानकारों का कहना है कि यदि परमाणु हमला हुआ तो चंद घंटों में लाखों लोग मारे जाएंगे। यूक्रेन के रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि जंग के मैदान में ऐसी पूर्व सोवियत मिसाइलें मिली हैं, जिनका इस्तेमाल परमाणु हमलों के लिए किया जाता है। इन विशेषज्ञों ने इन मिसाइलों के टुकड़े भी मीडिया को दिखाए। 

यूक्रेन के दावे की अभी रूस ने पुष्टि नहीं की है, लेकिन यूरोपीय देशों की नींद उड़ गई है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन ने गुरुवार को दावा किया कि रूस ने यूक्रेन पर परमाणु हथियारों में सक्षम मिसाइलों से हमला शुरू कर दिया है। ये हमले यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में किए गए। 

यूक्रेन के सैन्य अधिकारी माइकोला डेनिल्यिुक ने पत्रकारों को बताया कि रूस ने लविवि और खमेलनित्स्की इलाकों में परमाणु मिसाइलों का इस्तेमाल किया। उन्होंने मीडिया को एक्स-55 क्रूज मिसाइलों के हिस्से भी दिखाए। उन्होंने कहा कि ये हमले देश की वायु रक्षा प्रणाली को खत्म करने के इरादे से किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन मिसाइलों के टुकड़ों की जांच में रेडियोधर्मिता के परीक्षण में असामान्य स्तर नहीं दिखा। 

संयुक्त राष्ट्र, भारत ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की अध्यक्षता आधिकारिक तौर पर संभाल ली. भारत को दिसंबर महीने के लिए यूएनएससी का अध्यक्ष चुना गया है. इस दौरान यूएन में भारत की पहली महिला स्थाई प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भारत में लोकतंत्र पर सवाल उठाने वालों को दो टूक जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारत को लोकतंत्र के मामले में किसी से सीखने की जरूरत नहीं है. उन्होंने यूएन हेडक्वाटर्स में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें 2500 साल से भी पुरानी है. ऐसे में भारत को किसी से सीखने की जरूरत नहीं है कि उसे लोकतंत्र के मामले में क्या करना है. दरअसल इस दौरान उनसे भारत में लोकतंत्र और प्रेस की आजादी को लेकर सवाल पूछा गया था, जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि लोकतंत्र को लेकर क्या किया जाए.

कंबोज ने कहा, भारत की सभ्यता शायद दुनिया में सबसे प्राचीन है. भारत में लोकतंत्र की जड़ें 2500 साल से अधिक पुरानी हैं. हम हमेशा से लोकतंत्र रहें. भारत में लोकतंत्र के चारों स्तंभ कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका और प्रेस सशक्त हैं. भारत का सोशल मीडिया भी काफी वाइब्रेंट हैं. इस तरह भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. उन्होंने कहा कि हर पांच साल में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में चुनाव होता है. भारत में हर किसी के पास अभिव्यक्ति की आजादी है. देश में तेजी से बदलाव और विकास हो रहा है. मुझे इस पर कहने की जरूरत नहीं है क्योंकि बाकी सभी भारत के बारे में बात कर रहे हैं. बता दें कि भारत 15 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है और वह लगातार स्थाई सदस्य बनने के प्रयास कर रहा है.

वाशिंगटन| एप्पल के सीईओ टिम कुक ने चीन में हिंसक विरोध पर सवालों को नजरअंदाज कर दिया है, जिसने देश में अपने प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं की फैक्ट्रियों में आईफोन प्रोडक्शन में बाधा उत्पन्न की है।

फॉक्स बिजनेस ने गुरुवार देर रात सांसदों से मिलने के लिए वाशिंगटन, डीसी में कैपिटल हिल पहुंचने पर कुक से कई सवाल पूछे।

कुक ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि क्या उन्होंने चीनी लोगों के विरोध के अधिकार का समर्थन किया।

एप्पल के सीईओ इस बात पर भी चुप रहे कि क्या वह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ अपनी कंपनी के व्यापारिक सौदों के साथ खड़े हैं या नहीं।

कुक इस सप्ताह रिपब्लिकन लीडरों से मिलने के लिए वाशिंगटन में थे, क्योंकि हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी ऐप स्टोर से संबंधित अविश्वास मुद्दों पर गौर करेगी।

एयरड्रॉप सुविधा उपयोगकर्ताओं को एप्पल उपकरणों के बीच कंटेंट साझा करने की अनुमति देती है। हांगकांग के 2019 के लोकतंत्र समर्थक विरोध के दौरान इस टूल का व्यापक रूप से उपयोग किया गया था।

इस महीने की शुरुआत में, एप्पल आईओएस के एक अपडेट में एक अतिरिक्त एयरड्रॉप फीचर शामिल था जो केवल मुख्य भूमि चीन में बेचे जाने वाले आईफोन्स पर लागू होता था।

अपडेट के तहत, आईफोन्स अब अपने एयरड्रॉप को स्विच ऑफ करने से पहले केवल 10 मिनट के लिए 'सभी' से संदेश प्राप्त करने के लिए सेट कर सकते हैं।

अन्य सेटिंग्स 'केवल संपर्क' या 'प्राप्त करना' के बीच फाइल-साझाकरण की अनुमति देती हैं।

चीन में कोविड से संबंधित विरोध के बीच, एप्पल को आईफोन की बढ़ती कमी का सामना करना पड़ रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हॉलिडे सेल में कमजोर बिक्री की चिंताओं के कारण पिछले सप्ताह से कंपनी के बाजार मूल्य में 165 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है।

एप्पल के आईफोन 14 प्रो मॉडल के शिपमेंट में कथित तौर पर चौथी तिमाही में 20 मिलियन की गिरावट आ सकती है।

एप्पल के विश्लेषक मिंग-ची कुओ के अनुसार, आईफोन 14 प्रो और आईफोन 14 प्रो मैक्स मॉडल की शिपमेंट उम्मीद से 15 मिलियन से 20 मिलियन यूनिट कम होगी।

पिछले हफ्ते, चीन में एप्पल के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता फॉक्सकॉन की फैक्ट्री के कार्यकर्ता कोविड लॉकडाउन के दौरान देर से बोनस भुगतान पर विरोध के बीच सुरक्षा बलों और कंपनी के अधिकारियों से भिड़ गए।

इस्लामाबाद । पाकिस्तान के दक्षिणी वजीरिस्तान जिले में लड़कियों के स्कूल में हुए आतंकी हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई। जिले के आजम वारसाक इलाके में स्थित एक आर्मी स्कूल में हुई जहां चल रही मीटिंग के दौरान आतंकियों ने हमला किया। जिला पुलिस के हवाले से बताया कि आर्मी पब्लिक स्कूल फॉर गर्ल्स में पैरेंट्स डे समारोह के दौरान आतंकवादियों ने पास के एक पहाड़ से गोलीबारी की। हमले के समय स्कूल में मौजूद छात्र अभिभावक कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी बाल-बाल बचे। 
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतक की पहचान मस्ती खान के रूप में हुई है वह स्कूल के पास से गुजर रहा था तभी एक गोली मस्ती खान को लगी। घायल सुरक्षा अधिकारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में हमलावर पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा क्षेत्र की ओर भाग गए। इस घटना ने 2014 में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल पर हुए हमले की यादें ताजा कर दीं जिसने स्थानीय लोगों में भय और दहशत पैदा की है। अभिभावकों ने भविष्य में किसी भी तरह की त्रासदी से बचने के लिए स्कूल की पुख्ता सुरक्षा की मांग की है। 
आतंकवादी इलाके में पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं और पिछले 40 दिनों के दौरान सिर्फ आजम वारसक पुलिस थाने पर ही छह हमले हुए हैं जिनमें सात पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। बताया जाता है कि उग्रवादियों के हमले तेज करने के बाद पुलिस ने सीमा से सटे रघजई और खानकोट थानों को खाली करा लिया है। प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान द्वारा 28 नवंबर को राज्य के साथ संघर्ष विराम समाप्त करने और देश भर में हमले करने की कसम खाने के बाद से इलाके में लड़कियों के स्कूल को निशाना बनाकर किया गया यह पहला हमला था। 

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