ईश्वर दुबे
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Bhilai
दुबई । दुबई के अल कुसैस में एक इमारत से गिरकर भारतीय मूल के पांच वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। खबर के मुताबिक लड़की 10 दिसंबर की रात करीब 9.30 बजे अपार्टमेंट की नौवीं मंजिल से खुली एक खिड़की से गिर गई। पड़ोसी ने कहा यह एक बहुत छोटी सी खिड़की है और एक बच्चे के लिए इसमें प्रवेश करना लगभग शारीरिक रूप से असंभव है। मुझे नहीं पता कि यह कैसे हुआ लेकिन यह बेहद दुखद है उन्होंने कहा बच्ची बहुत प्यारी थी हमेशा मुस्कुराती रहती थी। संयुक्त अरब अमीरात में कागजी लिखा पढ़ी के बाद परिवार बच्ची के अंतिम संस्कार के लिए भारत लाएगा। यूएई में इस साल होने वाली पांच साल की बच्ची की मौत इस तरह की तीसरी दुर्घटना है। पिछले महीने शारजाह में एशियाई मूल के तीन साल के एक बच्चे की मौत अल तावुन इलाके में एक इमारत की 14वीं मंजिल से गिरने से हो गई थी। फरवरी में शारजाह के किंग फैसल स्ट्रीट पर स्थित एक आवासीय टावर की 32वीं मंजिल से गिरने के बाद एक 10 वर्षीय एशियाई बच्चे की मौत हो गई थी।
वाशिंगटन । अमेरिकी सांसद चक ग्रासली ने भारत के अगले राजदूत के तौर पर एरिक गार्सेटी के नामांकन का विरोध किया हैं। इतना ही नहीं अपने साथी सांसदों से भी यहीं रुख अख्तियार करने की अपील की है। गार्सेटी (51) के कार्यालय के एक कर्मचारी पर यौन उत्पीड़न के ‘‘गंभीर आरोप’ लगाए गए हैं। सीनेट में ग्रासली का यह बयान उस समय में आया जब व्हाइट हाउस भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में गार्सेटी के नाम को आगे बढ़ रहा है। भारत में अमेरिकी राजदूत का पद करीब दो साल से रिक्त है। लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर गार्सेटी को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का करीबी माना जाता है।
ग्रासली ने कहा भारत के राजदूत के तौर पर गार्सेटी के नामांकन का मैं कड़ा विरोध करता हूं। मैं लॉस एंजिलिस में उनके कार्यकाल के दौरान लगाए गए यौन उत्पीड़न और नस्लीय भेदभाव के गंभीर आरोपों के मद्देनजर गार्सेटी के खिलाफ वोट करने को मजबूर हूं। अमेरिकी सीनेट के अस्थायी अध्यक्ष ग्रासली ने अपने साथी सांसदों से कहा कि मेयर के तौर पर गार्सेटी के अपने कार्यालय में कई कर्मचारियों के यौन उत्पीड़न की बात से वाकिफ होने और अपने उप चीफ ऑफ स्टाफ रिक जैकब्स की ऐसी गतिविधियों को नजरअंदाज करने जैसे गंभीर आरोपों को लेकर कई व्हिसलब्लोअर ने उनके कर्यालय से संपर्क किया था।
ग्रासली ने कहा कि उन्हें और उनके सहकर्मियों को इन आरोपों को गंभीरता से लेना चाहिए था। उन्होंने कहा मैं होशो हवास में उनके समर्थन में वोट नहीं कंरुगा। तथ्यों और सबूतों के आधार पर मैंने उनके समर्थन में वोट न करने का फैसला किया है और उम्मीद करता हूं कि मेरे सहकर्मी भी ऐसा ही करे।
अफगानिस्तान में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात करीब 1 बजकर 46 मिनट पर 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार इस भूकंप की गहराई जमीन से 267 किमी नीचे थी। इससे पहले एक दिन पहले ही इंडोनेशिया के बाली द्वीप में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि 4.9 तीव्रता का भूकंप बाली के करंगसेम जिले के शहर अमलापुरा से 35 किलोमीटर (22 मील) उत्तर में केंद्रित था। इसकी 9.6 किलोमीटर (6 मील) की उथली गहराई के कारण लोगों को बाहर भागना पड़ सकता है। इंडोनेशिया के बाली द्वीप में मंगलवार को मध्यम तीव्रता का भूकंप और दो बाद के झटके महसूस किए गए, जिससे दहशत फैल गई लेकिन नुकसान या किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है। कई निवासी और पर्यटक अपने घरों और होटलों से निकलकर ऊंचे स्थानों की ओर भागे, लेकिन स्थिति तब सामान्य हो गई जब उन्हें यह संदेश मिला कि भूकंप से सुनामी आने की कोई संभावना नहीं है। इंडोनेशिया, 270 मिलियन लोगों का एक विशाल द्वीपसमूह, अक्सर "रिंग ऑफ फायर" पर अपने स्थान के कारण भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और सूनामी से प्रभावित होता है, जो ज्वालामुखियों का एक चाप है और प्रशांत क्षेत्र में दोष रेखाएँ हैं। पहाड़ी करंगसेम में पिछले साल इसी तरह की तीव्रता के भूकंप ने भूस्खलन शुरू कर दिया था और कम से कम तीन गांवों को काट दिया था, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी। 21 नवंबर को 5.6 की तीव्रता वाले भूकंप में कम से कम 331 लोगों की मौत हो गई और पश्चिम जावा के सियानजुर शहर में लगभग 600 लोग घायल हो गए। सुलावेसी में 2018 में आए भूकंप और सूनामी के बाद से यह इंडोनेशिया में सबसे घातक था, जिसमें लगभग 4,340 लोग मारे गए थे।
वाशिंगटन । अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि वह भारत और चीन को उनकी विवादित सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर मौजूदा द्विपक्षीय माध्यमों के द्वारा चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करता है। हालांकि अमेरिका ने कहा कि वह स्थापित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सीमा पार से क्षेत्र पर दावे के किसी भी एकतरफा प्रयास’’ का कड़ा विरोध करता है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा हम इस खबर से खुश हैं कि दोनों पक्षों ने झड़प रोक दी है। हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए हैं।
प्राइस ने कहा हम इस खबर से खुश हैं कि दोनों पक्षों ने तुरंत ही झड़प रोक दी है। मेरे पास इस हालिया झड़प पर बताने को कुछ नहीं है लेकिन हम स्थिति पर करीबी नजर बनाए रखकर और अपने भारतीय समकक्षों के साथ संपर्क में हैं। उन्होंने कि भारत क्वाड और अन्य बहुपक्षीय मंचों में अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन ने भी कहा कि वह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत-चीन सीमा पर हालिया गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए है।
आटोवा । कनाडा में सीओपी15 जैव विविधता सम्मेलन में भारत की नुमाइंदगी कर रहे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत का करीब 27 फीसदी क्षेत्र संरक्षित है और वह 2030 तक 30 प्रतिशत भूमि और जल की रक्षा के लक्ष्य को आसानी से पा लेगा है। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के सचिव जे. जस्टिन मोहन ने कहा कि भारत 113 देशों के ‘हाई एम्बिशन कोलिशन (एचएसी) का सदस्य है जिसका मकसद 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को 2030 तक संरक्षित करना है। संरक्षित वन राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीव अभयारण्य मैनग्रोव रामसर स्थल पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र और सामुदायिक रूप से संरक्षित क्षेत्र सहित भारत ने पहले ही करीब 27 फीसदी क्षेत्र संरक्षित कर लिया है। भारत 2030 में आसानी से ‘30 गुणा 30’ का लक्ष्य हासिल कर सकता है। ओईसीएमएस वे इलाके होते हैं जो निजी तथा सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा संरक्षित होते हैं।
इस बारे में मोहन ने कहा भारत में ओईसीएमएस के लिए असीम संभावना है इससे अपने 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र को संरक्षित करने के हमारे लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। भारत के राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) के पूर्व अध्यक्ष विनोद माथुर ने कहा कि भारत ने ओईसीएमएस को परिभाषित करने के लिए 14 श्रेणी की वर्गीकरण प्रणाली बनाई है। उन्होंने कहा कि हालांकि इन ओईसीएमएस को संरक्षित करने के लिए स्थानीय समुदाय को जागरूक करने की आवश्यकता है।
मोहन ने कहा भारत के पास सभी स्थानीय निकाय में स्थापित 277123 जैव विविधता प्रबंधन समितियां हैं। हमारी वन्य पारिस्थितिकी के बाहर और इलाकों को जैवविविधता धरोहर स्थलों के तहत लाने की असीम संभावना है। उन्होंने कहा ये इलाके औषधीय पौधों और पक्षी से समृद्ध हो सकते है।
ढाका । 14 साल से सत्ता से बाहर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ढाका के गोलाबाग मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया। हजारों की संख्या में बीएनपी कार्यकर्ता और समर्थक आम चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन को लेकर जमा हुए। मुख्य विपक्षी दल ने आर्थिक शिकायतों और प्रधानमंत्री शेख हसीना की कथित सत्तावादी शैली के खिलाफ लोगों को लामबंद किया।
ढाका रैली में हजारों लोगों ने भाग लिया देश भर में बीएनपी द्वारा इस तरह के विरोध राजशाही चटगांव मैमनसिंह खुलना रंगपुर बरिसाल फरीदपुर सिलहट और कोमिला में पिछले एक महीने में देखने को मिले हैं। ढाका सहित हर रैली में मंच पर दो कुर्सियाँ खाली रखी जाती थीं एक पार्टी नेता और अध्यक्ष खालिदा जिया के लिए जिन्हें 2017 में सात साल के लिए जेल में डाल दिया गया था 2020 में उनकी सजा को इस शर्त पर निलंबित कर दिया गया था कि वह ढाका नहीं छोड़ेंगी। दूसरी कार्यवाहक चेयरपर्सन और उनके बेटे तारिक रहमान के लिए जो 2004 में हसीना हत्या के प्रयास मामले में आजीवन कारावास की सजा के बाद स्व-निर्वासन में लंदन में रह रहे हैं।
महीने भर की लामबंदी ने 2023 के आम चुनावों से पहले बांग्लादेश में राजनीतिक गर्मी बढ़ा दी है। न तो सरकार और न ही अवामी लीग ने मांगों पर आधिकारिक रूप से प्रतिक्रिया दी है। पार्टी कार्यालय के बाहर पुलिस से झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई। रैली से एक दिन पहले बीएनपी के दो शीर्ष नेताओं पार्टी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और स्थायी समिति के सदस्य मिर्जा अब्बास को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने हालांकि रैली की अनुमति दे दी थी।
एक नेतृत्व शून्य से पीड़ित और जमात-ए-इस्लामी के साथ संबद्ध होने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम एक पार्टी जिसने बांग्लादेश की मुक्ति की कोशिश करने और उस विफल करने के लिए पाकिस्तानी सेना के साथ सहयोग किया था। बीएनपी पिछले 15 वर्षों से बिना चुनाव जीते भटकती रही है। जेआई और अन्य इस्लामी पार्टियों के साथ इसके संबंध ने धर्मनिरपेक्ष बांग्लादेशी मतदाताओं के एक बड़े वर्ग का समर्थन खो दिया था।
मास्को । यूक्रेन पर फरवरी में भीषण हमले शुरू करने वाला रूस पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बेहाल है। यूरोपीय देशों ने रूस से तेल और गैस का आयात कम कर दिया है। इससे ऊर्जा के बड़े निर्यातक रूस के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है। इस महासंकट की घड़ी में भारत ने अमेरिकी धमकी के बाद भी खुलकर रूस का साथ दिया है। आलम यह है कि यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस से भारत को तेल के निर्यात में 14 गुना की बढ़ोत्तरी हुई है। रूस भारत को बेहद सस्ते दर से तेल मुहैया करा रहा है जिससे केंद्र सरकार को महंगाई रोकने में मदद मिली है।
भारत के रूस से तेल का आयात बढ़ाने पर यूक्रेन के विदेश मंत्री ने मोदी सरकार पर खुलकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि भारत को सस्ता तेल इसलिए मिल रहा है कि यूक्रेनी जनता भीषण रूसी हमले झेल रही है। भारत को रूसी तेल का निर्यात जहां 14 गुना बढ़ा है वहीं चीन को भी दो गुना हो गया है। इन दोनों ही खरीददारों की मदद से रूस को यूरोपीय देशों से हुए घाटे की भरपाई करने में मदद मिल रही है। भारत की इस मदद से रूस खुश है।
अमेरिकी दबाव के बाद भी तेल खरीदने पर रूस ने खुलकर भारत की तारीफ की है। भारत में रूस के उपराजदूत रोमन बाबूशकिन ने कहा कि भारत ने तेल खरीदने पर एक स्वतंत्र नीति अपनाई है। रूस ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब जी7 देश ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ ने रूसी तेल पर एक प्राइस कैप लगा दिया है। रोमन बाबूशकिन ने कहा कि यह पूरी तरह से मूर्खतापूर्ण हालात है जहां तेल के खरीदार दाम तय कर रहे हैं न कि विक्रेता। उन्होंने कहा कि रूस ऐसे किसी देश को तेल नहीं देगा जो तेल के दाम तय करने का समर्थन करता है।
इससे पहले यूरोपीय और जी7 देश रूसी तेल का दाम 60 डॉलर प्रति बैरल तय करने पर सहमत हुए हैं। यह प्रतिबंध अगले साल 5 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इसके दायरे में रूस का 90 फीसदी तेल आएगा। जी7 देशों ने यह प्रतिबंध ऐसे समय पर लगाया है जब रूस भारत जैसे कुछ देशों को कम दाम पर तेल मुहैया करा रहा है। भारत साल 2021 में औसतन 35 हजार बैरल तेल प्रतिदिन आयात करता था जो मार्च 2022 में बढ़कर 68 हजार बैरल प्रतिदिन हो गया। रूस के तेल पर प्राइस कैप से भारत की कंपनियों को बड़ा फायदा होने जा रहा है। इसकी वजह यह है कि रूसी तेल के खरीदार कम हो गए हैं।
वाशिंगटन । अमेरिका के मिनेसोटा में जहर देकर मारे गए जानवरों को खाने से कम से 13 ‘बाल्ड बाज बीमार पड़ गए और उसमें से तीन की मौत हो गई। मिनेसोटा के एक ढलाव घर में अनुचित तरीके से इन मृत जानवरों को फेंका गया था। खबरों के अनुसार इस महीने मिनियापोलिस के उपनगर इन्वर ग्रोव हाइट्स में पाइन बेंड लैंडफिल के समीप इन बाजों के पाए जाने के बाद संघीय वन्यजीव अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। इनमें से 10 बाज यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा रैप्टर सेंटर में भर्ती हैं।
सेंटर की कार्यकारी निदेशक ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि ये पक्षी जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। हॉल ने बताया कि ये बाज अचेत अवस्था में मिले थे और रैप्टर सेंटर के कर्मियों को यह मालूम नहीं था कि ये जीवित हैं। पशु चिकित्सकों को संदेह है कि जिन बाज की मौत हुई है उन्होंने इसतरह के मृत जानवर को खाया था जिन्हें पेंटोबार्बिटल दवा देकर मारा गया था और जांचकर्ताओं ने पुष्टि की कि इन जानवरों को दो दिसंबर को भराव क्षेत्र में फेंका गया।
ब्रिस्बेन । ऑस्ट्रेलिया के ग्रामीण इलाके में दो पुलिस अधिकारियों सहित छह लोगों की गोली मारकर हत्या की गई। पुलिस अधिकारी एक व्यक्ति के लापता होने की शिकायत की जांच के सिलसिले में मौके पर पहुंचे थे। पुलिस ने बताया कि हिंसा शाम करीब पौने पांच बजे हुई जब चार अधिकारी क्वींसलैंड राज्य में एक दूरस्थ संपत्ति पर पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि कम से कम दो हमलावरों ने वाईंबिला में ग्रामीण इलाके में पुलिस अधिकारियों पर गोलियां चलाईं।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने जवाबी कार्रवाई की लेकिन दो अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। मौके पर मौजूद एक अन्य व्यक्ति की भी गोली लगी और उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि शुरुआती गोलीबारी में एक अन्य अधिकारी को गोली लग गई जबकि एक अन्य अधिकारी वहां से जान बचाकर निकलने में सफल रहा। अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद विशेष पुलिस अधिकारियों और हवाई बल को सहायता के लिए बुलाकर घटनास्थल की घेराबंदी की गई।
इसके बाद रात करीब साढ़े 10 बजे के बाद पुलिस के साथ एक अन्य मुठभेड़ में दो पुरुषों तथा एक महिला की मौत हो गई। दुर्भाग्य से हाल में किसी एक घटना में हताहत हुए यह सबसे अधिक लोग हैं। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा वाईंबिला में भयानक दृश्य।
मध्य अमेरिकी देश ग्वाटेमाला में एक सक्रिय ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ है ज्वालामुखी विस्फोट के बाद ग्वाटेमाला सिटी में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट और एक प्रमुख हाईवे को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फुएगो (Fuego) नाम के ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ, जो शनिवार से रविवार तक सक्रिय रहा। इसके कारण आसमान में दो किलोमीटर तक राख उड़ती हुई दिखाई दी। हवा के कारण राख 35 किलोमीटर दूर ग्वाटेमाला सिटी तक पहुंच गई।
सिविल एरोनॉटिक्स के महानिदेशालय ने एक बयान में कहा कि ज्वालामुखी विस्फोट के बाद रनवे पर राख आने के कारण ग्वाटेमाला सिटी से छह किलोमीटर दक्षिण में स्थित ला ऑरोरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सुबह के समय अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, विपरीत परिस्थिति के चलते कम से कम दो आने वाली उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। हालांकि, गर्द-गुबार के हटने के बाद स्थानीय समयानुसार दोपहर के आसपास फिर से एयरपोर्ट को खोल दिया गया।
यातायात पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिणी और मध्य ग्वाटेमाला को जोड़ने वाले हाईवे को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया था। ज्वालामुखी विस्फोट रुकने के बाद इसे रविवार दोपहर फिर से खोल दिया गया।
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले कई महीनों से संघर्ष जारी है। इस बीच एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन में लड़ाई के लिए जाने से इनकार करने पर रूस अपने ही सैनिकों को जेल में बंद कर रहा है। साथ ही उनकी पिटाई की जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सैनिकों और उनके परिवारों ने तैयारियों में कमी को लेकर शिकायत की। लेकिन सैनिकों को उनके उद्देश्य के बारे में कम जानकारी के साथ ही आगे बढ़ने का आदेश दिया जा रहा है।
दो रूसी सैनिकों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से एक ने रूसी जवानों को मौत के मुंह में धकेलने से इनकार कर दिया था। एक सैनिक ने बताया कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया, तो उसने अग्रिम मोर्च के सैनिकों को कम समर्थन मिलने की वजह से लड़ने से इनकार कर दिया। इसके बाद उसे और अन्य सैनिकों को जेल में बंद कर दिया गया था।
एक अन्य सैन्य अधिकारी ने बताया कि जब उसने युद्ध के लिए मोर्चा संभालने से इनकार कर दिया, तो उसे और चार अन्य सैन्य अधिकारियों को एक इमारत के तहखाने में कैद कर दिया गया था। तब रूसी सेना ने उसकी मां को जानकारी दी थी कि विशेष इमारत पर की गई गोलाबारी के बाद सभी लापता हैं, जबकि उन्हें कैद किया गया था।
कनाडा के अलबर्टा प्रांत में भारतीय मूल के एक सिख युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले को लेकर पुलिस ने बयान जारी किया है जिसमें कहा गया है कि पीड़ित की पहचान सनराज सिंह के रूप में हुई है। गोली चलने की घटना तीन दिसंबर को रात को सामने आई थी। कनाडा में इस महीने इस तरह की यह दूसरी घटना है।
मृतक सनराज एक वाहन में घायल अवस्था में मिला था, आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के आने से पहले पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसके बचाने की कोशिश की उसको सीपीआर दिया। लेकिन अस्पताल में उसको मृत घोषित कर दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत के तरीके को हत्या बताया गया है।
पुलिस के मुताबिक, एक संदिग्ध वाहन को इलाके से निकलते हुए देखा गया था और जांचकर्ताओं ने इसकी तस्वीरें जारी की थीं। निवासियों को तीन दिसंबर की रात को किसी भी संदिग्ध गतिविधि के लिए अपने सीसीटीवी कैमरे फुटेज की जांच करने के लिए भी कहा गया।
इससे पहले ओंटारियो प्रांत में तीन दिसंबर को एक 21 वर्षीय सिख महिला पवनप्रीत कौर की गोली मार दी गई थी। नवंबर में, एक 18 वर्षीय भारतीय मूल के किशोर, महकप्रीत सेठी की ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में एक हाई स्कूल पार्किंग में चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में चीनी लोगों के बीच लोकप्रिय गेस्ट हाउस के पास जोरदार धमाका हुआ है। कुछ लोगों ने होटल के अंदर घुसकर गोलीबारी भी की है। विदेशी मीडिया ने स्थानीय निवासियों के हवाले से बताया कि आसपास के लोगों ने विस्फोट और गोलीबारी की आवाज सुनी। सुरक्षा अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि जान बचाने के लिए खिड़की से कूदे दो विदेशी नागरिक घायल हुए हैं, जबकि तीन हमलावरों को मार गिराया गया है। शार-ए-नॉव इलाके में यह होटल स्थित है। किसी संगठन ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। लेकिन इलाके में तालिबान विरोधी आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट सक्रिय है और पिछले साल से ही हमले तेज कर दिए हैं।
काबुल पुलिस के प्रवक्ता खालिद जदरान ने कहा, हमला कई घंटे तक जारी रहा। हमलावरों के खिलाफ अभियान चलाया गया है। वहीं, स्थानीय निवासियों ने कहा कि विस्फोट के बाद गोलीबारी की आवाजें भी सुनी गईं। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में होटल से धुएं का गुब्बार निकलते दिखाई दे रहा है। तालिबान के डर से अपना नाम गुप्त रखते हुए कुछ और लोगों ने भी बताया कि धमाकों के बाद बहुत देर तक फायरिंग की आवाज सुनाई दी।
इससे पहले अफगानिस्तान में छह दिसंबर की दोपहर में जलालाबाद शहर के मनी एक्सचेंज मार्केट में जोरदार धमाका हुआ था। जलालाबाद अफगानिस्तान का पांचवां सबसे बड़ा शहर है। इससे पहले इसी दिन उत्तरी अफगानिस्तान के बल्ख प्रांत में एक तेल कंपनी के कर्मचारियों को ले जा रहे वाहन में जोरदार धमाका हुआ था। इस धमाके में कई लोगों की मौत भी हुई थी।
अंकारा| तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने तुर्की-रूस संबंधों पर चर्चा की, जिसमें ब्लैक सी ग्रेन कॉरिडोर के माध्यम से निर्यात और तुर्की-सीरिया सीमा पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई शामिल है। रविवार को जारी बयान के मुताबिक, एर्दोगन ने एक फोन कॉल में पुतिन से कहा कि अनाज सौदे ने 13 मिलियन टन से अधिक अनाज को जरूरतमंदों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया, यह देखते हुए कि वे अनाज गलियारे के माध्यम से विभिन्न खाद्य उत्पादों और धीरे-धीरे अन्य वस्तुओं के निर्यात पर काम करना शुरू कर सकते हैं।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, 22 जुलाई को रूस और यूक्रेन ने अलग से तुर्की और संयुक्त राष्ट्र के साथ इस्तांबुल में एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए, ताकि रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच वैश्विक बाजार में अनाज और उर्वरक की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
अंकारा का कहना है कि वह विश्व बाजारों में भी रूसी अनाज और उर्वरक निर्यात को फिर से शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास कर रहा है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने तुर्की सुरक्षा बलों और कुर्दिश पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स के बीच हाल के तनाव पर भी विस्तार से बताया और रूस से 2019 के समझौते को लागू करने का आग्रह किया, जिसमें सीरिया के साथ तुर्की की सीमा से 30 किमी दूर सीरियाई कुर्द लड़ाकों की वापसी की परिकल्पना की गई है।
22 अक्टूबर, 2019 को एर्दोगन और पुतिन ने सोची, रूस में एक बैठक की, जिसमेंपीजी सेनानियों को तुर्की की सीमा से 30 किमी दक्षिण में खींचने और तुर्की और रूसी सैनिकों के बीच संयुक्त गश्त शुरू करने पर सहमति हुई।
तुर्की ने 13 नवंबर को तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में बम विस्फोट के बाद उत्तरी सीरिया में वाईपीजी और उत्तरी इराक में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के खिलाफ 20 नवंबर को एक हवाई अभियान चलाया, जिसमें छह लोग मारे गए और अन्य 81 घायल हो गए।
हमले के बाद तुर्की पुलिस ने कहा कि उन्होंने अहलम अलबशीर नाम की एक सीरियाई महिला को हिरासत में लिया है, जिसने वाईपीजी से आदेश लेने की बात स्वीकार की, जिसे अंकारा पीकेके की सीरियाई शाखा मानता है।
तुर्की सुरक्षा पट्टी बनाने के लिए सबसे सुविधाजनक समय पर उत्तरी सीरिया में एक जमीनी अभियान शुरू करेगा, एर्दोगन ने पिछले हफ्तों में कई बार शपथ ली है।
तुर्की, अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध पीकेके ने तीन दशकों से अधिक समय तक तुर्की सरकार के खिलाफ विद्रोह किया है।