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रावलपिंडी| पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा है कि सेना ने 'कैथार्सिस' की अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है और उम्मीद है कि राजनीतिक दल भी इसका पालन करेंगे और अपने व्यवहार पर विचार करेंगे। बाजवा ने रक्षा दिवस कार्यक्रम में कहा, यह वास्तविकता है कि राजनीतिक दलों और नागरिक समाज सहित हर संस्थान से गलतियां हुई हैं। अपने भाषण के अंतिम भाग में, उन्होंने कहा कि वह 'राजनीतिक मामलों' पर कुछ शब्द कहना चाहते हैं।

सेना प्रमुख ने कहा कि दुनिया भर में सेनाओं की शायद ही कभी आलोचना की जाती है लेकिन हमारी सेना की अक्सर आलोचना की जाती है। डॉन ने बताया बाजवा ने कहा कि, मुझे लगता है कि इसका कारण सेना का राजनीति में शामिल होना है। इसीलिए फरवरी में सेना ने राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया।

उन्होंने कहा- कई क्षेत्रों ने सेना की आलोचना की और अनुचित भाषा का इस्तेमाल किया। सेना की आलोचना करना राजनीतिक पार्टियों और लोगों का अधिकार है, लेकिन जिस भाषा का इस्तेमाल किया गया है वह ठीक नहीं है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल बाजवा ने कहा कि एक 'झूठी कहानी गढ़ी गई', जिससे 'अब भागने की कोशिश की जा रही है'।

जनरल बाजवा ने अपने भाषण की शुरूआत में कहा, आज मैं आखिरी बार सेना प्रमुख के रूप में रक्षा और शहीद दिवस को संबोधित कर रहा हूं। मैं जल्द ही सेवानिवृत्त हो रहा हूं।

कीव । ब्रिटेन ने सैन्य सहायता के रूप में यूक्रेन को लेजर-गाइडेड ब्रिमस्टोन मिसाइल का अपडेटेड मॉडल भेजा है, इसकी रेंज पिछले डिजाइन से दोगुनी है। यूक्रेन को रूसी सेना को पीछे धकेलने में मदद करने के लिए रॉयल एयर फोर्स द्वारा दी जा रही ब्रिमस्टोन-2 मिसाइलों की आपूर्ति की फुटेज सामने आई है। यूक्रेनी सैनिकों ने लंबी दूरी से रूसी टैंकों और अन्य वाहनों को नष्ट करने के लिए मोबाइल लांच प्लेटफॉर्म के रूप में काम करने के लिए ट्रकों को संशोधित किया है। यूक्रेन के अन्य पश्चिमी सहयोगियों द्वारा भेजे गए इसी तरह के एंटी-टैंक हथियारों के साथ मिसाइलें हाल के महीनों में मास्को को जवाब देने के लिए लगाई जाएगी। 
ईरान निर्मित शहीद-136 ड्रोन के बढ़ते अटैक में ब्रिमस्टोन मिसाइल काफी प्रभावशाली साबित हो सकती है। ब्रिटेन ने करीब छह महीने पहले यूक्रेन को ब्रिमस्टोन मिसाइलें दी थीं। इसी से रूसी सेना के हथियारों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। बता दें कि प्रत्येक की कीमत लगभग 1,69,26,884 रुपये थी। यह सैनिकों, विमानों या वाहनों द्वारा दागे गए लेजर को ट्रेस करके लक्ष्य को भेद सकती है। यह प्रणाली युद्ध मैदान में मौजूद हथियारों को स्कैन कर तबाह कर देती है। इसकी खासियत है कि यह नागरिक वाहनों की पहचान कर उस पर अटैक नहीं करती।

दोहा । कतर में फीफा वर्ल्ड कप का आगाज हो चुका है, लेकिन फुटबॉल फैंस के रहने के लिए कई केबिन अभी भी अधूरे पड़े हैं। निर्माण पूरा करने के लिए प्रवासी मजदूरों को दिन में 14 घंटे काम करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब एक तिहाई फ्री जोन कॉम्प्लेक्स अभी भी निर्माणाधीन है। कई केबिन अभी भी पूरी तरह तैयार नहीं हुए हैं। बड़ी संख्या में भारतीय मजदूर साइट पर काम कर रहे हैं जिन्हें एक दिन का सिर्फ 25 पाउंड मिलता है। 
वहां काम कर रहे श्रमिकों ने बताया कि जल्दी काम खत्म करने के लिए उनके बॉस 25 पाउंड बोनस का ऑफर दे रहे हैं। कतर की 30 डिग्री सेल्सियस गर्मी में काम कर रहे मजदूरों में से एक ने कहा वे हम से कह रहे हैं जल्दी-जल्दी काम पूरा करो। वे चार मजदूरों को बोनस देने वाले हैं। वे कह रहे हैं कि इस काम को पांच दिनों में पूरा करना है और कोई भी काम छोड़कर कहीं और नहीं जा सकता।
एक मजदूर ने बताया कि वह सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक काम करता है जिस दौरान उसे सिर्फ एक घंटे का ब्रेक मिलता है। पूरी तरह तैयार केबिन में रात गुजारने के लिए फैंस को 180 पाउंड प्रति दिन के हिसाब से भुगतान करना पड़ रहा है। लेकिन वे इनमें मिलने वाली सुविधाओं से संतुष्ट नहीं हैं। फैंस का कहना है कि 'अगर आप 180 पाउंड का भुगतान करते हैं तो बेहतर गुणवत्ता की उम्मीद करते हैं।' 
विदेशी मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार की वजह से अक्सर कतर की आलोचना होती रहती है। इससे पहले खबर आई थी कि प्रशासन ने राजधानी दोहा के उस इलाके में विदेशी श्रमिकों के अपार्टमेंट खाली करवा दिए हैं, जहां वर्ल्ड कप के दौरान फुटबॉल फैंस रुकने वाले हैं। विदेशों से आने वाले महिला और पुरुषों के लिए कड़े ड्रेसकोड नियम से लेकर स्टेडियम में बियर बैन तक, फीफा वर्ल्ड कप 2022 की मेजबानी कर रहा कतर लगातार विवादों में बना हुआ है। कतर की 30 लाख आबादी में से करीब 85 फीसदी विदेशी कामगार हैं। उनमें से कई ड्राइवर और दिहाड़ी मजदूर या कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं। कतर में ज्यादातर मजदूर भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे एशियाई देशों से गए हैं।

मेलर्बन । ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीस ने घोषणा की कि भारत के साथ देश का मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) उसकी संसद से पारित हो चुका है। अलबनीज ने कहा कि भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है। अल्बनीज के अगले साल मार्च में भारत का दौरा करने की बात कहने के कुछ दिनों बाद यह बात सामने आई है। 
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीस ने कहा कि मैंने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की, जहां हम दोनों ने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने पर चर्चा की, जिसे हम ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच आर्थिक संबंधों के विस्तार के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं। मैं मार्च में भारत का दौरा करूंगा। हम एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल को भारत ले जाएंगे। यह एक महत्वपूर्ण यात्रा होगी और हमारे दोनों देशों के बीच हमारे संबंधों में सुधार होगा। वहीं मोदी सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट में कहा, खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है।'
भारत के साथ व्यापार समझौते के बारे में, ऑस्ट्रेलियाई व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने पिछले सप्ताह के दौरान कहा था कि यह सौदा ऑस्ट्रेलियाई सेवा कंपनियों और पेशेवरों के लिए भारतीय बाजार तक पहुँचने का एक बड़ा अवसर है। फैरेल ने कहा, हमारी द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता। ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) पर 2 अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे। एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी।

न्‍यूयॉर्क । दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था माल ढुलाई हड़ताल की दहलीज पर खड़ी है। सरकार और यूनियन के बीच समझौता नहीं होने की स्थिति में हालात बिगड़ सकते हैं। रेल-रोड कंडक्‍टर के संगठन ने बाइडेन सरकार द्वारा किए गए श्रम समझौते को मानने से इनकार कर दिया है। इससे अमेरिका में छुट्टियों से ठीक पहले राष्‍ट्रव्‍यापी माल ढुलाई हड़ताल होने की आशंका बढ़ गई है। 
दिसंबर के दूसरे सप्‍ताह के शुरुआत तक यदि सरकार और यूनियन के बीच कोई समझौता नहीं होता है तो अमेरिका वासियों को अप्रत्‍याशित स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। श्रम संगठन के नेताओं ने सरकार के साथ फिर से बातचीत बहाल करने की बात कही है। रेल कंपनियों और यूनियन के पास अभी भी ढाई सप्‍ताह का वक्‍त है। यदि दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बनती है, तो 9 दिसंबर से हड़ताल शुरू हो सकती है। हड़ताल होने की स्थिति में देश को रोजाना 2 अरब डॉलर (16,331 करोड़ रुपए) का नुकसान होगा। 
हड़ताल के ज्‍यादा लंबी होने की स्थिति देश को गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। अमेरिका में तकरीबन 30 फीसद माल की ढुलाई रेल से होती है। नेशनल करियर कॉन्‍फ्रेंस कमेटी के अनुसार, समय रहते करार न होने की स्थिति में खराब होने वाले माल के शिपमेंट में कटौती होनी शुरू हो जाएगी, जिसका असर आर्थिक गतिविधियों पर पड़ सकता है। बता दें कि अमेरिका में 4 यूनियन हैं, जिनमें तकरीबन 60 हजार सदस्‍य हैं। यदि सरकार और श्रम संगठनों के बीच 8 दिसंबर तक कोई करार नहीं होता है, तो दो बातें हो सकती हैं। पहली, रेल-रोड कामगारों को काम पर आने से रोक सकता है या फिर कामगार खुद ही हड़ताल पर जा सकते हैं। हड़ताल होने की स्थिति में अमेरिकी संसद (कांग्रेस) हस्‍तक्षेप कर सकती है। रेलवे श्रम कानून में इस बात का प्रावधान किया गया है कि संसद रेल सेवा को बहाल करने के लिए कोई भी कानून बना सकती है। 

वॉशिंगटन : सोलोमन द्वीप पर मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि द्वीप के दक्षिण-पूर्व मलांगो में भूकंप आया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर सात मापी गई। भूकंप के झटके सुबी साज बजकर 33 मिनट पर महसूस किए गए। भूकंप की गहराई जमीन की 13.6 किलोमीटर गहराई में था।  

इससे पहले सोमवार को एक शक्तिशाली भूकंप ने इंडोनेशिया के जावा के मुख्य द्वीप को दहला दिया है, जिसमें अब तक 162 लोगों की मौत हो गई और 5.6 तीव्रता के भूकंप का केंद्र राजधानी जकार्ता से लगभग 75 किमी (45 मील) दक्षिण-पूर्व में पहाड़ी पश्चिम जावा में सियांजुर शहर के पास था। 

क्यों आता है भूकंप
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती हैं। इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर  कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपन हो जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है।

भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से धरती हिलने लगती है। इस स्थान पर या इसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का असर ज्यादा होता है। अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है।

न्यूजीलैंड मतदान की उम्र 18 से घटाकर 16 करने पर विचार कर रहा है और प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने संसद में एक कानून लाने का वादा किया है। 16 साल के बच्चों को मतदान का अधिकार देने पर विचार करने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद लिया गया था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि 18 साल की मौजूदा उम्र भेदभावपूर्ण है और युवाओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन करती है।

पीएम जैसिंडा अर्डर्न ने व्यक्तिगत रूप से इस बदलाव का समर्थन किया है। जैसिंडा अर्डर्न ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से मतदान की आयु में कमी का समर्थन करती हूं, लेकिन मेरी सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है। इस प्रकृति के चुनावी कानून में किसी भी बदलाव के लिए 75 प्रतिशत संसदीय समर्थन की आवश्यकता होती है।

न्यूजीलैंड की अदालत ने तर्क दिया कि युवा लोगों को जलवायु संकट जैसे मुद्दों पर मतदान करने में सक्षम होना चाहिए, जो कि उनके और उनके भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। ब्राजील, ऑस्ट्रिया और क्यूबा जैसे कुछ ही देश 18 साल से कम उम्र के लोगों को वोट देने की अनुमति देते हैं। 

कोलंबिया में सोमवार को एक छोटा विमान हादसे का शिकार हो गया। दुर्घटनाग्रस्त होकर विमान आवासीय इलाके में जा गिरा। विमान में सवार सभी आठ लोगों की मौत हो गई। विमान हादसा कोलंबिया के दूसरे सबसे बड़े शहर मेडेलिन में हुआ। इस विमान ने सोमवार सुबह ओलाया हेरेरा हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। एक मकान पर गिरने के पहले पायलट ने निकटस्थ एटीसी को इंजन में खराबी की सूचना दी थी। कुछ ही देर में यह क्रैश हो गया। घटना स्थल से काले धुएं के घने गुबार उठते देखे गए। मृतकों में छह यात्री व दो चालक दल के सदस्य हैं। मेयर डैनियल क्विंटो के अनुसार हादसा बेलेन रोसेल्स सेक्टर में हुआ। यह दो इंजन वाला पाइपर विमान था, जो मेडेलिन से पिजारो जा रहा था। विमान ने खतरे की सूचना दी, लेकिन वह हवाई अड्डे पर नहीं लौट सका।  विमान जिस मकान पर गिरा वह क्षतिग्रस्त हो गया है। हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इसकी ऊपरी मंजिलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। मौके पर बिखरी हुई टाइलों और टूटी हुई ईंट की दीवारें नजर आईं। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया।मेडेलिन शहर एंडीज पहाड़ों से घिरी एक संकरी घाटी में स्थित है।  

बीजिंग | चीन से मंगलवार सुबह एक बड़ी खबर आई। बताया जा रहा है कि सेंट्रल चीन के हेनान प्रांत में एक कारखाने में आग लग गई। हादसे में करीब 36 लोगों की मौत हो गई। घटना अन्यांग शहर के कारखाने में हुई। घटना में दो अन्य लोग घायल हुए हैं और दो लोग लापता बताए जा रहे हैं। आन्यांग शहर का हाई-टेक जोन है।जानकारी के मुताबिक, आग स्थानीय समय के अनुसार सोमवार शाम करीब 4 बजे लगी। आग पर काबू पाने के लिए दमकलकर्मियों को कई घंटों तक भारी मशक्कत करनी पड़ी। करीब 200 से ज्यादा राहतकर्मी और 60 के करीब दमकलकर्मी आग बुझाने की कोशिशों में जुटे रहे। घटना के बाद इलाके में कई घंटों तक अफरा-तफरी का माहौल रहा।रिपोर्ट की मानें तो दमकल टीमों ने 63 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया था। स्थानीय समयानुसार आग पर रात 8 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया। रात 11 बजे पूरी तरह से आग को बुझा दिया गया। डॉक्टरों का कहना है कि भर्ती कराए गए लोगों की हालत फिलहाल ठीक है।

बीजिंग। ताइवान को चीन से मिले 2 पांडां में से एक तुआन तुआन की  बीमारी के बाद मौत हो गई। ताइपे के चिड़ियाघर ने यह जानकारी दी। पांडा की मौत की कारणों की जानकारी नहीं दी गई है। इससे पहले आ रही खबरों में   बताया गया था कि मृतक पांडा ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित था, इसकी जानकारी होते ही  चीन ने इलाज में मदद के लिए दो विशेषज्ञों को ताइवान भेजा था।
  ताइवान की मीडिया में आईं खबरों के अनुसार तुआन तुआन के शरीर में कोई हरकत नहीं थी और कई दौरे पड़ने के कारण वह कोमा में चला गया था। चीन और ताइवान के बीच गर्मजोशी भरे संबंधों के दौरान 2008 में तुआन तुआन और युआन युआन को चीन ने उपहार में दिया था। ताइवान और चीन 1949 में गृह युद्ध के दौरान अलग-अलग हुए थे। 
  पांडा की औसत आयु 15 से 20 साल होती है। मनुष्य की देखभाल में रहने पर वह 30 या उससे अधिक साल जी सकता है। पांडा की जोड़ी के ताइवान आने के बाद से चीन और ताइवान के रिश्तों में लगातार गिरावट आई है। चीन ने स्वतंत्रता समर्थक त्साई इंग-वेन के राष्ट्रपति बनने के बाद साल 2016 में ताइवान से संपर्क खत्म कर लिए थे। 

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