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ईरान में 22 साल की महिला महसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद हंगामा मच गया है। दरअसल महसा को न्याय दिलाने के लिए कई जगहों पर लोग सड़कों पर उतर आए हैं और महसा की मौत का विरोध कर रहे हैं। यहां तक कि विरोध कर रही महिलाओं ने चेहरे से हिजाब उतारकर अपने कड़े विरोध का प्रदर्शन किया है। गौरतलब है कि ईरान में महसा अमिनी नाम की महिला को हिजाब के नियमों के खिलाफ जाना इतना महंगा पड़ा कि पुलिस हिरासत में उसे जान गंवानी पड़ गई। कुछ महीने पहले महसा को हिजाब हटाने को लेकर ईरान की मोरल पुलिस ने गिरफ्तार किया और लगातार प्रताड़ित किया। पुलिस हिरासत में उसकी तबियत इतनी बिगड़ गई कि वह कोमा में चली गई, उसके बाद महसा की मौत हो गई। इसी को लेकर ईरान में महिलाओं में रोष है।

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन आज ब्रिटेन पहुंचेंगे। व्हाइट हाउस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, जो बाइडन व उनकी पत्नी ने शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) सुबह ज्वाइंट बेस एंड्रयूज से लंदन के लिए उड़ान भरी।

ब्रिटेन पहुंचने के बाद दोनों महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद दोनों महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के लिए आधिकारिक शोक पुस्तक पर हस्ताक्षर करेंगे। व्हाइट हाउस की ओर से बताया गया कि 19 सितंबर को महारानी के अंतिम संस्कार के बाद जो बाइडन वापस अमेरिका के लिए प्रस्थान करेंगे। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिकी राष्ट्रपति अपने ब्रिटेन दौरे के दौरान ब्रिटेन की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लिज ट्रस से भी मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात बेहद खास होने वाली है। गौरतलब है कि हाल ही में लिज ट्रस बोरिस जॉनसन को गद्दी से हटाकर प्रधानमंत्री निर्वाचित हुई हैं।  

बता दें कि बाइडन एकमात्र प्रमुख व्यक्ति नहीं हैं जो रानी के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। अन्य यूरोपीय सम्राटों, राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों के शामिल होने की उम्मीद है। बता दें कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अंतिम संस्कार 19 सितंबर को लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में किया जाएगा। 

पश्चिम नेपाल के अछाम जिले से बड़े हादसे की खबर आ रही है जहां विभिन्न जगह पर भूस्खलन के कारण कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा 10 लोग लापता हैं और 10 को बचाया गया है। उप मुख्य जिला अधिकारी दीपेश रिजाल ने इस घटना की जानकारी दी है। वहीं आपदा के मद्देनजर गृह मंत्री ने खोज एवं बचाव अभियान के लिए हेलीकॉप्टर तैनात करने का आदेश दिया है।

चीनी शहर चांग्शा में शुक्रवार को एक 42 मंजिला बिल्डिंग में भीषण आग लग गई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए घटनास्थल पर 36 फायर टेंडर और 280 फायर फाइटर्स मौजूद हैं। कुछ घंटों बाद आग पर काबू पा लिया गया। बिल्डिंग में आग लगने का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। इस वीडियो में बिल्डिंग से आग की लपटें और काला धुंआ आसमान में उड़ता दिखाई दे रहा है। वीडियो में यह भी दिखाई दे रहा है कि बिल्डिंग के बाहर का हिस्सा पूरी तरह से काला हो गया है। इस बिल्डिंग में सरकारी टेलिकोम कंपनी समेत कई अन्य कंपनियों के दफ्तर थे। हालांकि घटना में अभी किसी के हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है। हुनान प्रांत की राजधानी चांग्शा की आबादी करीब एक करोड़ है।

इस्राइल ने सीरिया पर हवाई हमला किया है। हमले में 5 सीरियाई सैनिक मारे गए हैं। सरकारी मीडिया के हवाले से समाचार एजेंसी एएफपी ने यह खबर दी है। सीरिया के रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस्राइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और राजधानी के दक्षिण में अन्य स्थानों पर हवाई हमले किए। इनमें पांच सैनिक मारे गए और संपत्ति को नुकसान पहुंचा। मंत्रालय के एक बयान में कहा कि सीरियाई वायु रक्षा प्रणाली ने हमले को रोक लिया और अधिकांश मिसाइलों को मार गिराने में कामयाब रहे। इस्राइली हमले में दमिश्क हवाईअड्डे की उड़ानों पर क्या असर पड़ा, यह अभी पता नहीं चला है। क्षेत्रीय राजनयिक और खुफिया सूत्रों ने बताया कि सीरिया और लेबनान में सहयोगियों को हथियार पहुंचाने के लिए ईरान द्वारा हवाई आपूर्ति को रोकने के लिए इस्राइल ने सीरियाई हवाई अड्डों पर हमले तेज कर दिए हैं। दोनों पड़ोसी देशों के बीच अक्सर झड़प होती रहती है। दोनों के बीच काफी पुराना विवाद है। गोलान हाइट्स या गोलान पहाड़ियों पर कब्जे को लेकर दोनों में कई बार सैन्य टकराव हो चुका है। 

बीजिंग । चीन में प्राकृतिक आपदा का रुप धर ‘मुइफा’ तूफान ने यहां के पूर्वी तट पर रौद्र रूप दिखाया है। इससे पहले, बीती रात तूफान के चलते शंघाई शहर में तेज हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई। चीन के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, बुधवार देर रात तूफान के तट से टकराने के बाद अधिकतम 125 किलोमीटर (77 मील) प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं, लेकिन सुबह तक तूफान कमजोर होकर ऊष्णकटिबंधीय चक्रवात में बदल गया। बृहस्पतिवार को इसके जियांग्सू प्रांत के पूर्वी हिस्सों की तरफ बढ़ते समय और कमजोर होने का पूर्वानुमान है।
शंघाई क्षेत्र में तूफान से किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है और गुरुवार को सार्वजनिक परिवहन सेवाएं फिर से शुरू की जा रही हैं। इससे पहले, तूफान के क्षेत्र से गुजरते समय इन सेवाओं पर रोक लगा दी गई थी। सोशल मीडिया पर दक्षिणी शंघाई के निंगबो शहर में जलभराव की तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में बीती रात हुई भारी बारिश के बाद कई स्कूटर और कार पानी में डूबी हुई दिख रही हैं।
जियांग्सू में तूफान की दस्तक के साथ भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है और प्रांत के सभी जिलों में बृहस्पतिवार को स्कूल बंद कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि गुरुवार सुबह अधिकतम 108 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है, जो दिन ढलते-ढलते धीरे-धीरे कमजोर होती चली जाएंगी। इस बीच देखा जाए तो शंघाई क्षेत्र में आए तूफान के चलते किसी के हताहत होने या बड़े नुकसान की सूचना नहीं म‍िली है। तूफान के चलते मेट्रो सेवा को भी बंद कर द‍िया गया था। लेक‍िन अब इसके कमजोर पड़ने के बाद गुरुवार को सार्वजन‍िक पर‍िवहन सेवाओं को फ‍िर से बहाल कर द‍िया गया है।
सोशल मीड‍िया पर शेयर तस्‍वीरों में रात भर हुई भारी बारिश के चलते शंघाई के दक्षिण में स्थित निंगबो शहर में वाटर लॉग‍िंग की स्‍थ‍िति पैदा हो गई। कई-कई फीट जमा पानी में स्कूटर और कारें डूब गईं। हालांकि, आधिकारिक तौर पर केवल कुछ सड़कों को ही बंद करने का ज‍िक्र क‍िया गया है। स्थानीय मीडिया का कहना है क‍ि शंघाई में एक आवासीय परिसर में पूरी रात में 15 सेंटीमीटर (6 इंच) पानी बरसा है।
इस बीच मौसम व‍िभाग ने जिआंगसू प्रांत में आंधी के साथ-साथ भारी बारिश होने की चेतावनी भी जारी की है। इसके चलते प्रांत के सभी जिलों ने गुरुवार को स्कूल बंद रखने का ऐलान कर द‍िया है। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा कि गुरुवार सुबह अधिकतम हवाएं 108 किलोमीटर (67 मील) प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। लेक‍िन द‍िन ढलते-ढलते इसके और कमजोर पड़ने की प्रबल संभावना है। केंद्र के मुताब‍िक गुरुवार रात के बाद तूफान के शेडोंग प्रांत से टकराने से पहले पीले सागर तक पहुंचने की उम्‍मीद है, ज‍िसके चलते वह करीब 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ेगा।

लंदन । आजकल हर उम्र के लोग किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। सर्दी, जुकाम से लेकर गंभीर बीमारियों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा हैं। दुनियाभर में इन बीमारियों की वजह से हर साल करोड़ों लोग जान गंवा रहे हैं। मेडिकल साइंस की तमाम कोशिशों के बावजूद बीमारियों पर लगाम नहीं लग पा रही। आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों हो रहा है? एक हालिया स्टडी में बीमारियां फैलने की सबसे बड़ी वजह का खुलासा हुआ है।
मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ती बीमारियों की सबसे बड़ी वजह क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन है। स्टडी में पता चला है कि दुनियाभर में इंसानों को प्रभावित करने वाली 375 संक्रामक बीमारियों में से 58 फीसदी डिजीज का प्रकोप क्लाइमेट चेंज की वजह से बढ़ गया है। ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन जलवायु संबंधी खतरों को बढ़ा रहा है, जिसके कारण इंसान मौत के मुंह में जा रहे हैं। बैक्टीरिया और वायरस फैलने के लिए क्लाइमेट में बदलाव काफी हद तक जिम्मेदार हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि भविष्य में अगर क्लाइमेट चेंज को लेकर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तब परिस्थितियां ज्यादा गंभीर होगी हैं।
शोधकर्ताओं ने इन्फ्लुएंजा, मलेरिया और सार्स जैसे रोगों को प्रभावित करने वाले जलवायु खतरों की तलाश में 77000 से ज्यादा स्टडीज की जांच की। इसमें पता चला कि ज्यादा गर्मी, सूखा, जंगल की आग, अत्यधिक वर्षा, बाढ़, तूफान. समुद्र के लेवल में वृद्धि, महासागरीय जलवायु परिवर्तन और भूमिगत बदलाव बीमारियों की प्रमुख वजह बनकर सामने आए हैं।इन कारणों की वजह से मलेरिया, इंफ्लुएंजा, सार्स, अस्थमा, स्किन एलर्जी जैसे रोग गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन रहे हैं।

बीजिंग । चीन चांद पर खेती करने की योजना बना रहा है। चीन ने चांद पर की फॉस्फेट खनिज की खोज कर ली है जो उसको खेती करने में मदद करेगा। यह खनिज फॉस्फेट है जो चांद पर क्रिस्टल के रूप में मिला है। इन तत्व को चेंजसाइट  का नाम दिया गया है। इसके साथ ही अमेरिका और रूस के बाद चीन तीसरा ऐसा देश बन गया है जिसने चांद पर नए तत्व की खोज की है।
 चीन से पहले अमेरिका और रूस ही ऐसे दो देश हैं जिन्होंने चांद पर एक नया खनिज खोजा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक क्रिस्टल के रूप में फॉस्फेट 2020 में चांद से वापस लाए गए सैंपल में पाया गया है। चीन का चांग’ए-5 प्रोब 17 दिसंबर, 2020 को चीन के पहले चंद्रमा के नमूनों के साथ पृथ्वी पर लौटा था। शोधकर्ताओं के मुताबिक चेंजसाइट- (वाय) नामक स्तंभ क्रिस्टल फॉस्फेट खनिज है, जिसे चट्टान और मिट्टी के नमूनों में पहचाना गया था, जिसे 2020 में चंद्र सतह से वापस लाया गया था। चीन के नेशनल न्यूक्लियर कॉर्प के प्रमुख संस्थानों में से एक, बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ यूरेनियम जियोलॉजी के अनुसार, खनिज को 140,000 से अधिक छोटे कणों से शोधकर्ताओं द्वारा सावधानीपूर्वक अलग किया गया था और फिर उन्नत खनिज विधियों की एक श्रृंखला के माध्यम से विश्लेषण किया गया था।
चेंजसाइट- (वाय) चंद्र मेरिलाइट की श्रेणी में आता है, जो चंद्र चट्टानों और उल्कापिंडों में पाया जाने वाला खनिज है, और 1969 में अपोलो 11 मिशन के दौरान पहले नमूने एकत्र किए जाने के बाद से मनुष्यों द्वारा पाया जाने वाला छठा नया खनिज है और मानव शरीर के लिए उच्च स्तर पर फॉस्फोरस का संपर्क हानिकारक हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अतिरिक्त फास्फोरस शरीर में परिवर्तन का कारण बनता है जो आपकी हड्डियों से कैल्शियम को बाहर निकालता है, जिससे वे कमजोर हो जाते हैं। चंद्रमा पर, हालांकि, यह तत्व अंतरिक्ष के नायकों को चंद्र सतह पर खेती करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हालांकि, फॉस्फेट को चंद्रमा पर पनपने के लिए जाना जाता है, लेकिन यह पहली बार है जब मनुष्यों ने इसे एक स्तंभ क्रिस्टल में देखा है।
फॉस्फेट, जो पृथ्वी पर भी पाया जाता है, फॉस्फोरस का प्राकृतिक स्रोत है, एक ऐसा तत्व जो पौधों को उनके विकास और विकास के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्वों का एक चौथाई प्रदान करता है।फॉस्फेट, जो पृथ्वी पर पाया जाता है, पौधे की वृद्धि के लिए एक आवश्यक तत्व है – लेकिन क्रिस्टल के रूप में इसके गुणों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है। नए खनिज में गुण हैं तो इसका उपयोग पृथ्वी पर किया जा सकता है।

सियोल। कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड केयर एंड एजुकेशन ने 1 से 7 साल के उम्र के बच्चों के साथ 1,500 माता-पिता पर सर्वे किया। सर्वे में 70.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को रोजमर्रा के कामों को संभालने के लिए घर पर स्मार्टफोन सौंपे हैं।
 रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल अगस्त में किए गए सर्वे की रिपोर्ट संस्थान ने हाल ही में प्रकाशित की है। उत्तरदाताओं में से 74.3 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों को सार्वजनिक गतिविधियों के दुष्प्रभाव से दूर रखने के लिए स्मार्टफोन दिया, जबकि 52 प्रतिशत ने शैक्षिक उद्देश्यों का हवाला दिया। सर्वे के अनुसार, 12 से 18 महीने की उम्र में पहली बार स्मार्टफोन के संपर्क में आने वाले बच्चों की दर 20.5 प्रतिशत थी। वहीं 18 से 24 महीने की उम्र के बच्चों का प्रतिशत 13.4 प्रतिशत है। बच्चों द्वारा स्मार्टफोन, टैबलेट या कंप्यूटर इस्तेमाल करने की अवधि प्रति सप्ताह 55.3 मिनट था।
सर्वे के अनुसार, वीकेंड में यह 97.6 मिनट दर्ज किया गया है। सर्वे के नतीजे देश में युवाओं में स्मार्टफोन की बढ़ती लत की समस्या को दर्शाता है।साल 2020 में विज्ञान और आईसीटी मंत्रालय द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, 35.8 प्रतिशत किशोर और 27.3 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन पर निर्भर होते जा रहे हैं। यह सर्वे देश में युवाओं के बीच स्मार्टफोन की बढ़ती लत के एक ग्राफ को भी दर्शाता है।

लॉस एंजिलिस । कोविड-19 महामारी के वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए नाक से दी जाने वाली एंटी-वायरल दवा के विकास को लेकर शोधकर्ताओं के तथ्य सामने आए हैं। जो संक्रमित पशुओं से सार्स-सीओवी2 के प्रसार को कम तथा इसके संक्रमण को सीमित कर सकती है। जब लोगों की जांच में कोविड-19 होने का पता चलता है तब तक वायरस उनके श्वसन तंत्र में पैठ बना चुका होता है। वहीं लोग हर सांस के साथ अदृश्य संक्रामक तत्वों को शरीर से बाहर निकालते हैं। इस समय कोविड-19 के उपचार वाली दवाएं वायरस के प्रकोप से होने वाले लक्षणों पर केंद्रित हैं लेकिन उनसे संक्रमण को फैलने से रोकने की दिशा में बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिलती।
अमेरिका के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने पूर्व में संक्रामक रोगों के उपचार के लिए अनोखा तरीका इजाद किया जिसमें एक खुराक में नाक से दवा दी जाती है जो सार्स-सीओवी2 के गंभीर संक्रमण से बचाव करती है। ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडेमी ऑफ साइंसेस’ पत्रिका में प्रकाशित एक नये अध्ययन में वे दर्शाते हैं कि ‘थेरप्यूटिक इंटरफियरिंग पार्टिकल’ (टीआईपी) नामक यह उपचार संक्रमित पशुओं से वायरस के संक्रमण को कम करता है और इसके प्रसार को सीमित भी करता है। अनुसंधानकर्ता लियोर वीनबर्गन ने कहा, ‘ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में देखें तो एंटीवायरल और टीकों के लिए सांस के जरिये फैलने वाले वायरस के संक्रमण को सीमित करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘यह अध्ययन दिखाता है कि टीआईपी की एक खुराक में नाक से दी जाने वाली दवा पशुओं से वायरस के प्रसार को कम करती है।’
वीनबर्गर और अनुसंधानकर्ता सोनाली चतुर्वेदी ने सार्स-सीओवी2 से ग्रस्त चूहों का उपचार एंटीवायरल टीआईपी से किया और फिर उनकी नाक में रोजाना वायरस की संख्या मापी। उन्होंने देखा कि जिन चूहों का उपचार नहीं किया गया है, उनकी तुलना में उपचार वाले चूहों की नाक में हर बार वायरस कम गिने गये।  डब्ल्यूएचओ प्रमुख ट्रेडोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर हर 44 सेकेंड में अभी भी एक शख्स की जान कोविड 19 के चलते हो रही है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने इसको लेकर कहा, ‘यह वायरस आसानी से खत्म नहीं होगा। रिपोर्ट किए गए मामलों और मौतों में वैश्विक गिरावट जारी है। यह बहुत उत्साहजनक है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि ये रुझान बने रहेंगे।’ घेब्रेयियस ने जो आंकड़ा जारी किया वह कम चौंकाने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, ‘फरवरी के बाद से साप्ताहिक रिपोर्ट की मौतों की संख्या में 80 फीसद से अधिक की गिरावट हो सकती है।

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