ईश्वर दुबे
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इंग्लैंड । इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स के स्मेथविक शहर में एक हिंदू मंदिर के बाहर मुस्लिम समुदाय के 200 से अधिक लोग विरोध-प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुए और जमकर नारेबाजी की। सोशल मीडिया में इसके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें कई लोगों को 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाते हुए भी सुना जा सकता है। सोशल मीडिया में शेयर किए जा रहे वीडियो में लोगों की भारी भीड़ को स्पॉन लेन स्थित दुर्गा भवन हिंदू मंदिर की ओर बढ़ते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान लोगों को 'अल्लाह हू अकबर' की तर्ज पर नारे लगाते हुए भी सुना जा सकता है। स्थानीय प्रशासन को जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली तो कार्रवाई की गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ लोगों को मंदिर की दीवारों पर चढ़ते हुए भी देखा गया। बर्मिंघम वर्ल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, अपना मुस्लिम नाम के एक सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए मंगलवार को दुर्गा भवन मंदिर के बाहर 'शांतिपूर्ण विरोध' का आह्वान किया गया था।
ढाका। बांग्लादेश सरकार ने कोमिल्ला शहर में शांतिपूर्ण तरीके से दुर्गापूजा संपन्न कराने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं, जहां पर पिछले साल उपद्रवियों ने कथित ईशनिंदा के आरोप में प्रतिमाओं को खंडित कर दिया था। सरकार ने इस साल मंदिरों के भीतर दुर्गा पूजा मनाने की सलाह दी है, ताकि प्रतिमाओं की बेहतर तरीके से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। कोमिल्ला जिले के कलेक्टर मोहम्मद कमरुल हसन ने कहा कि उत्सव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा हम शांतिपूर्ण तरीके से दुर्गा पूजा संपन्न कराने के लिए कोशिशें कर रहे हैं। बांग्लादेश सरकार ने सद्भावनापूर्ण माहौल में दुर्गा पूजा संपन्न कराने के लिए सभी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। हसन ने बताया हमने दुर्गा पूजा आयोजन समितियों की 21 सितंबर को बैठक बुलाई है। इस बैठक में प्रशासन और पुलिस के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। अधिकारी ने बताया कि एक अक्टूबर से शुरू हो रहे उत्सव के लिए सुरक्षा बढ़ाई जाएगी और प्रशासन स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं। स्थानीय सांसद एकेएम बहाउद्दीन बहार ने कहा कि दुर्गा पूजा समितियों से चर्चा की जा रही है और शांतिपूर्ण उत्सव के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले साल हुई हिंसा के बारे में उन्होंने कहा वह सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने की सुनियोजित साजिश थी, लेकिन इस बार, वे सफल नहीं होंगे क्योंकि पूरा प्रशासन सतर्क है। हम सुझाव देंगे कि पूजा मंदिर के भीतर आयोजित की जाए ताकि हम बेहतर सुरक्षा मुहैया करा सकें। सांसद ने कहा सरकार ने जिले और पूरे देश में कई मंदिरों की मरम्मत कराई है। मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 25 लाख टका (बांग्लादेशी मुद्रा) आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल जब हिंसा हुई थी तो वह शहर में नहीं थे। पाकिस्तान के साथ् 1971 की लड़ाई में लड़ने वाले मुक्तियोद्धा एवं असम के हाफलोंग में भारतीय सेना द्वारा प्रशिक्षित बहार ने कहा इस साल मैं शहर में व्यक्तिगत तौर पर पूजा की व्यवस्था को देखूंगा ताकि कोई सांप्रदायिक सदभाव को नुकसान नहीं पहुंचा सके। गौरतलब है कि पंडाल में कथित तौर पर पवित्र कुरान का अपमान करने के आरोप के बाद कोमिल्ला जिले में कई दुर्गा पूजा पंडालों पर हमला किया गया था।
काबुल । अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने चीनी ऐप आधारित मोबाइल गेम पबजी और टिकटॉक पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। कट्टरपंथी इस्लामी सरकार ने दावा किया कि मोबाइल गेम, टिक टॉक अफगानिस्तान के युवाओं को भटका रहा है। सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान में अगले तीन महीने के अंदर ऐसे कई ऐप्स को बैन किया जा सकता है। तालिबान शासन पहले ही इन दोनों ऐप्स को बैन करने की बात कह चुका है। उनका तर्क है कि इन सब के इस्तेमाल से युवा समाज बद से बदतर होता जा रहा है। हाल ही में तालिबान के प्रवक्ता इनामुल्ला समांगानी ने कहा कि युवाओं को बचाने के लिए टिकटॉक और पबजी को बैन करना बेहद जरूरी है। अफगानिस्तान के सुरक्षा सेवा प्रतिनिधियों और शरिया कानून विशेषज्ञों से परामर्श किया गया। उसके बाद तालिबान सरकार इस ऐप को बैन करने की राह पर है। निर्णय अगले 90 दिनों के भीतर प्रभावी होगा। तालिबान सरकार पहले ही इस फैसले के बारे में दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को सूचित कर चुकी है। इससे पहले तालिबान सरकार करीब एक लाख वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा चुकी है। गानों, फिल्मों आदि से मेल खाने वाली वेबसाइटों को बंद कर दिया गया है। टीवी सीरियल देखना भी बंद है।
अफगानिस्तान में मनोरंजन कार्यक्रमों को प्रसारित करने या देखने वाली किसी भी चीज़ पर प्रतिबंध है। इस बार पबजी और टिकटॉक की बारी है। विश्व के कई देश इन एप्स पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। रूस, भारत ने भी इन एप्स को बैन कर दिया है।
जेनेवा । संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने विश्व नेताओं को चेतावनी दी है कि दुनिया गहरे संकट में है। उन्होंने गत तीन साल में पहली बार विश्व नेताओं के साथ होने वाली आमने-सामने की बैठक से पहले कहा कि संघर्ष, जलवायु आपदा, बढ़ती गरीबी और असमानता एवं यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद महाशक्तियों के बीच पैदा हुई दरार को पाटने के लिए काम करने की जरूरत है।
नेताओं की मंगलवार को शुरू हो रही बैठक में भाषण और टिप्पणी से पहले गुतारेस ने रेखांकित किया कि न केवल जलवायु परिवर्तन के संकट से धरती को बचाने की बल्कि कोरोना से निपटने की भी चुनौती है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के मुताबिक पृथ्वी पहले ही बारूद के ढेर पर है। उन्होंने रेखांकित किया कि विकासशील देशों के समक्ष महामारी से उबरने के लिए वित्तीय संसाधन की कमी की चुनौती है जिसकी वजह से उन देशों में शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला अधिकारों पर विपरीत असर पड़ सकता है।
ब्रिटिश क्वीन एलिजाबेथ-II का सोमवार देर रात अंतिम संस्कार कर दिया गया। क्वीन को दफनाने से पहले उनका स्टेट फ्यूनरल हुआ, यानी क्वीन को दफनाने से पहले राजकीय विदाई दी गई। इस दौरान महारानी के पोते प्रिंस हैरी ने राष्ट्रगान नहीं गाया। जब ब्रिटेन का राष्ट्रगान 'गॉड सेव द किंग' गाया जा रहा था, तब रॉयल फैमिली के दो ही लोग खामोश थे। पहले किंग चार्ल्स-III और दूसरे उनके बेटे प्रिंस हैरी। खामोश खड़े हैरी की तस्वीरें सामने आने के बाद लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं। इसे क्वीन का अनादर बताया जा रहा है। फ्यूनरल के दौरान किंग चार्ल्स-III ने भी नेशनल एंथम नहीं गाया था, तब सवाल उठता है कि अकेले हैरी को ही ट्रोल क्यों किया जा रहा है। दरअसल, ब्रिटिश किंग या क्वीन नेशनल एंथम नहीं गाते हैं, क्योंकि इसमें ईश्वर से उनकी सलामती के लिए ही प्रार्थना की जाती है। उनके अलावा शाही परिवार समेत देश के हर नागरिक से नेशनल एंथम गाने और उसे रिस्पेक्ट देने की उम्मीद की जाती है। हालांकि, इस पर सजा तो नहीं दी जाती, लेकिन इसे अच्छा नहीं समझा जाता है। ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने प्रिंस हैरी का एक फोटो भी पोस्ट किया था। इसमें रॉयल गार्ड्स क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को सैल्यूट करते नजर आए। इस दौरान हैरी क्वीन को सैल्यूट नहीं कर रहे थे। हैरी के दोनों हाथ सीधे पैरों की तरफ थे। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि हैरी को रॉयल सैल्यूट से रोका गया या उन्होंने खुद ऐसा किया था।
मेक्सिको के मध्य प्रशांत तट पर सोमवार को 7.6 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग के मुताबिक, स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 1.05 बजे भूकंप आया। भूकंप का केंद्र अक्विला से 37 किलोमीटर (23 मील) दक्षिण-पूर्व में कोलिमा और मिचोआकन राज्यों की सीमा के पास 15.1 किलोमीटर (9.4 मील) की गहराई में था। शुरुआत में भूकंप की तीव्रता 7.5 बतायी गई थी। भूकंप के झटकों से शहर के कई इलाकों में बड़े स्तर पर नुकसान की आशंका जताई जा रही है। पटरियों पर खड़ी ट्रेनें हिलने लगी। स्टोर में रखा सामान जमीन पर बिखरा नजर आया। रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटके इतनी तेज थे कि पार्किंग में खड़ी गाड़ियां आगे-पीछे होने लगी। ऊंची-ऊंची इमारतें भी भूकंप के झटकों से दहल गईं। लोग डर के साए में घरों से निकलकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचने लगे हैं। एक जिम में भारी तबाही नजर आ रही है। बता दें, इससे पहले भी इसी दिन दो भयंकर भूकंप आए हैं। 1985 और 2017 में ऐसा हुआ था। 1985 में ग्युरेरो राज्य के तट के पास 8.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें कम से कम 9,500 लोग मारे गए थे। 2017 में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप में 360 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को बड़ी राहत देते हुए एक अदालत ने उनके खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में आतंकी आरोप हटाने का आदेश दिया। सोमवार को इमरान खान के वकील फैजल चौधरी ने कोर्ट के आदेश की जानकारी देते हुए बताया कि खान के कथित अपराध आतंकवादी गतिविधि जैसे नहीं लगते। उन्होंने कहा कि ये धाराएं इमरान खान के उस बयान से संबंधित थीं, जिसमें उन्होंने राजद्रोह के एक मामले में उनके एक करीबी की जमानत याचिका खारिज होने के बाद पुलिस और न्यायिक अफसरों को कथित तौर पर धमकी दी थी। हालांकि, इमरान खान के खिलाफ केस चलता रहेगा। लेकिन केस आतंकवाद रोधी अदालत के बजाय साधारण अदालत में चलेगा। उन्होंने इस मामले को इस्लामाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जहां मुख्य जज अतहर मिनाल्लाह की अध्यक्षता में दो सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई कर आदेश दिया कि आतंकवाद निरोधी कानून की धारा 7 के तहत लगे आरोपों को हटाने के बाद संबंधित फोरम में अन्य धाराओं पर कार्यवाही जारी रहेगी।
लंदन | इंग्लैंड के लेस्टर शहर में फैले हिंदू-मुस्लिम तनाव के बीच मंदिर पर हमले की खबर है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को झड़प के दौरान एक मंदिर को भी निशाना बनाया गया। आरोप है कि कुछ लोगों ने मंदिर पर झंडे को उतार दिया और उसमें आग लगा दी। इस घटना से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।पुलिस ने इस मामले पर बयान जारी किया है। इसमें कहा गया,'हमें इस मामले की जानकारी है। इसे लेकर वीडियो सामने आया है, जिसमें शहर के मेल्टॉन रोड पर एक धार्मिक इमारत पर लगे झंडे को एक आदमी नीचे गिराता नजर आ रहा है। हमारी टीम की ओर से इस केस की जांच की जाएगी।'वहीं, भारत ने लेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा और हिंदू परिसर में तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की है। साथ ही इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है। भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि उसने इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया है। शहर में झड़पों की खबरों के बाद ब्रिटेन के अधिकारियों से प्रभावित लोगों के लिए सुरक्षा की अपील की गई है।
अमेरिका के नेवादा स्टेट में एक जेट क्रैश हो गया। इस हादसे में पायलट की मौत हो गई। हादसा STIHL नेशनल चैंपियनशिप एयर रेस (रेनो एयर रेस) के दौरान हुआ। इस घटना के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि रेस के दौरान कई जेट्स ने उड़ान भरी। इनमें से एक जेट अचानक ही गिरता हुआ दिखाई दिया। जैसे ही जेट जमीन से टकराया उसमें आग लग गई। घटनास्थल पर धूएं का गुबार उठा और जेट का मलबा दिखा। रेनो एयर रेसिंग एसोसिएशन के चेयरमैन और CEO फ्रेड टेलिंग ने कहा- इस एयर रेसिंग इवेंट में 152 जेट्स ने हिस्सा लिया। 156 पायलट्स मौजूद थे। एयर रेसिंग के तीसरे लैप के दौरान भयानक हादसा हो गया। इसमें पायलट की मौत हो गई। हादसा कैसे हुआ, इसकी वजह फिलहाल नहीं पता चली है। नेशनल ट्रांस्पोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन इस हादसे की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा- हादसे के बाद बाकी सभी जेट्स की लैंडिंग करवाई गई। हादसे में कोई घायल नहीं हुआ है। 2022 के सभी रेस ऑपरेशन सस्पेंड कर दिए गए हैं। हम हादसे में मारे गए पायलट के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हैं।
नई दिल्ली । ग्राहकों को मोबाइल बैंकिग ट्रोजन वायरस सोवा निशाना बनाकर कंगाल बनाने में देरी नहीं कर रहा है। एक्सपटर्स की माने तो यह एक रैंसमवेयर है जो एंड्रॉयड फोन की फाइल को नुकसान पहुंचा सकता है और अंत में संबंधित व्यक्ति वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार बन सकता है। एक बार मोबाइल में आने के बाद इसे हटाना भी काफी मुश्किल है। देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने अपने ताजा परामर्श में यह कहा है। भारतीय साइबर क्षेत्र में इस वायरस का सबसे पहले जुलाई में पता चला था। तब से इसका पांचवां संस्करण आ गया है। सीईआरटी-इन (इंडियन कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम) ने कहा, ‘‘संस्थान को यह बताया गया है कि भारतीय बैंक के ग्राहकों को नये सोवा एंड्रॉयड ट्रोजन के जरिये निशाना बनाया जा रहा है।
इसमें मोबाइल बैंकिंग को लक्ष्य किया जा रहा है। इस मालवेयर का पहला संस्करण छिपे तरीके से सितंबर 2021 में बाजारों में बिक्री के लिये आया था। यह लॉगिंग के माध्यम से नाम और पासवर्ड, कुकीज चोरी करना और ऐप को प्रभावित करने में सक्षम है।’’ परामर्श में कहा कि यह मालवेयर पहले अमेरिका, रूस और स्पेन जैसे देशों में ज्यादा सक्रिय था, लेकिन जुलाई, 2022 में इसने भारत सहित कई अन्य देशों को भी निशाना बनाना शुरू किया। इसके अनुसार, इस मालवेयर का नया संस्करण उपयोगकर्ताओं को धोखा देने के लिये नकली एंड्रॉयड एप्लिकेशन के साथ छिपता है। उसके बाद यह क्रोम, अमेजन, एनएफटी (क्रिप्टो मुद्रा से जुड़े टोकन) जैसे लोकप्रिय वैध ऐप के ‘लोगो’ के साथ दिखाई देता है। यह इस रूप से होता है जिससे लोगों को इन ऐप को ‘इंस्टॉल’ करने में पता ही नहीं चलता। सीईआरटी-इन साइबर हमलों से निपटने के लिए केंद्रीय प्रौद्योगिकी इकाई है। इसका उद्देश्य ‘फिशिंग’ (धोखाधड़ी वाली गतिविधियां) और ‘हैकिंग’ तथा ऑनलाइन मालवेयर वायरस हमलों से इंटरनेट क्षेत्र की रक्षा करना है।
एजेंसी ने कहा कि मालवेयर अधिकतर एंड्रॉयड बैंकिंग ट्रोजन की तरह ‘स्मिशिंग’ यानी प्रमुख कंपनियों के नाम पर एसएमएस के माध्यम से धोखाधड़ी के इरादे से वितरित किया जाता है। परामर्श में कहा गया है, ‘‘एक बार फोन पर फर्जी एंड्रॉयड एप्लिकेशन इंस्टॉल हो जाने के बाद यह लक्षित एप्लिकेशन की सूची प्राप्त करने के लिये मोबाइल पर इंस्टॉल किए गए सभी एप्लिकेशन की सूची सी 2 (कमांड एंड कंट्रोल सर्वर) को भेजता है। इस सर्वर को वे लोग नियंत्रित करते हैं जो लक्षित एप्लिकेशन की सूची प्राप्त करना चाहते हैं।वायरस के खतरनाक होने का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह कीस्ट्रोक्स (कीस्ट्रोक का उपयोग प्रोग्रामिंग मकसद से किसी खास ‘की’ को दबाने वाले उपयोगकर्ता को प्रतिक्रिया देने के लिये किया जाता है) को एकत्रित कर सकता है, सत्यापन के विभिन्न कारकों (एमएफए) का पता लगा सकता है, स्क्रीनशॉट ले सकता है और वेबकैम से वीडियो रिकॉर्ड कर सकता है। यह ऐप को भी प्रभावित कर सकता है और एंड्रॉयड उपयोगकर्ता को धोखा देने के लिए 200 से अधिक बैंकिंग और भुगतान एप्लिकेशन की ‘नकल’ कर सकता है। परामर्श के अनुसार, यह पता चला है कि निर्माताओं ने हाल ही में इसकी स्थापना के बाद से इसका पांचवां संस्करण उन्नत किया है। इस संस्करण में एंड्रॉयड फोन पर सभी आंकड़ों को प्राप्त करने और उसके दुरुपयोग के इरादे से उपयोग की क्षमता है।
न्यूयॉर्क । दुनिया की दिग्गज टेक फर्म गूगल से बड़ी गलती हो गई। कंपनी ने पिछले महीने एक हैकर को अनजाने में ढाई लाख अमेरिकी डॉलर ट्रांसफर कर दिए। भारतीय रुपयों के अनुसार यह रकम करीब 2 करोड़ है। सैम करी नाम के हैकर को इसका कोई अंदाजा नहीं था, कि आखिर गूगल से उस यह पैसा क्यों मिल रहा है। हैकर ने बताया कि करीब 3 सप्ताह पहले गूगल ने मुझे ढाई लाख डॉलर भेज दिए। हैकर ने खुद को मिली रकम से जुड़ी एक तस्वीर भी शेयर की। सैम करी, ओमाहा में एक स्टाफ सिक्योरिटी इंजीनियर है। सैम ने बताया कि वह सिस्टम और सॉफ्टवेयर में बग ढूंढने का काम करता है और इसके लिए कई कंपनियों ने नगद ईनाम दिया है। सैम ने कहा कि वह गूगल के लिए ‘बग बाऊंटी हंटिंग’ का काम कर चुका है हालांकि इस राशि का पूर्व में किए गए काम से कोई लेना-देना नहीं है। इस घटना से पर्दा तब उठा जब गूगल ने इसकी पुष्टि कर कहा कि पैसों का यह भुगतान गलती से हो गया और इसके लिए मानवीय भूल को जिम्मेदार बताया। गूगल के प्रवक्ता ने बताया, ‘हमारी टीम ने हाल ही में किसी गलत पार्टी को पेमेंट ट्रांसफर कर दिया और ये सब गलती से हो गया। हम उस शख्स की तारीफ करते हैं जिसने हमें इस बारे में बताया। वहीं हैकर सैम करी ने कहा कि, उसने गूगल से मिली 2 करोड़ रुपये की रकम से एक पैसा खर्च नहीं किया। क्योंकि कंपनी को अपनी भूल का एहसास हुआ है और उन्हें पैसा वापस लौटाना होगा।
लंदन । दुनिया में अब तक कई मर्डर हुए हैं, जिनके हत्यारे के बारे में पता नहीं चल सका है। शातिर हत्यारे बिना किसी देरी के सारे सबूत मिटा देते हैं। पुलिस से लेकर फॉरेंसिक जानकार… सारे के सारे जांच अधिकारी चकमा खा जाते हैं। लेकिन जल्द ही अब इन हत्यारों को पकड़ने में मदद मिलेगी। दरअसल ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिक एक रिसर्च कर रहे हैं। इसके तहत 70 जानवरों की डेड बॉडी को अलग-अलग सूटकेस में बंद कर सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक रिसर्च से ये पता लगेगा कि लाशें कितने दिनों में खराब होती है। कहा जा रहा है कि इससे जांच एजेंसियों को हत्यारे तलाशने में मदद मिलेगी। ये रिसर्च पश्चिम ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में किया जा रहा है। ये इस तरह का दुनिया का सबसे बड़ा और पहला रिसर्च है। शोधकर्ता ये माप रहे हैं, कि किसी भी तापमान में बदलाव मृत जानवरों को कैसे प्रभावित करती है। साथ ही शरीर और हड्डियों में माइक्रोबायोलॉजिकल और रासायनिक परिवर्तनों को भी देखा जाएगा। शोधकर्ता ने कहा कि हर साल दर्जनों शव मिलते हैं, जो घरों के अंदर ही खराब हो जाते हैं।ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अपराधी बचने की कोशिश करते। वहां क्राइम सीन से डेड बॉडी को हटा कर दूसरे जगह फेंक देते हैं। ये प्रयोग 2022 की शुरुआत में (दक्षिणी गोलार्ध में) शुरू हुआ और गर्मियों में समाप्त होने वाला है। इसके नतीजे फरवरी 2023 में दुनिया के सबसे बड़े फोरेंसिक विज्ञान सम्मेलन में प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है। वैज्ञानिकों की टीम डेड बॉडी पर कीड़े के प्रभाव को भी देखेगी। ये जानने की कोशिश की जाएगी कि कितने दिनों के बाद शरीर पर कीड़े लगते हैं। मृत्यु के बाद के फोरेंसिक जानकार के पास लगभग तीन दिन बाद का समय होता है।हालांकि, शरीर में पाया जाने वाला कोई भी कीट मृत्यु के बाद के दिनों, महीनों और वर्षों तक की जानकारी दे सकता है।
वाशिंगटन । व्हाइट हाउस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन युद्ध पर टिप्पणी के बाद कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने आप को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग कर रहे हैं। गौरतलब है कि मोदी ने समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक में शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति से बातचीत में यूक्रेन में संघर्ष को जल्द समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं है। इसके जवाब में पुतिन ने मोदी से कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष पर भारत की चिंताओं से अवगत हैं और रूस इसे जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने इस संबंध में एक सवाल पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुझे लगता है कि आपने चीन और भारत के नेताओं से उज्बेकिस्तान में जो सुना वह इस बात को दिखाता है कि पुतिन यूक्रेन में जो कर रहे हैं उसे लेकर दूसरे लोगों की समस्याओं को नहीं सुन रहे हैं। उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि भारत की तरह अन्य देश भी सार्वजनिक रूप से अपना रुख बदलेंगे। इस पर किर्बी ने कहा कि वह अपने आप को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से और अलग-थलग कर रहे हैं। हमें नहीं लगता कि यूक्रेन में रूस जो भी कर रहा है, उसे देखते हुए अभी पहले की तरह उसके साथ व्यापार करने का वक्त है।
इस्लामाबाद । पाकिस्तान इन दिनों बारिश और बाढ़ की भयावह आपदा से जूझ रहा है। इस अप्रत्याशित बाढ़ में हजारों लोगों की जान चली गई है। जलवायु परिवर्तन की वजह से आई इस आपदा ने आर्थिक स्तर पर भी पाकिस्तान को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं और सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं। पाकिस्तान आर्थिक संकट से तो पहले से ही जूझ रहा था। अब डब्ल्यूएचओ ने पाकिस्तान में दूसरी आपदा की आशंका जताई है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक बीमारियों और मौतों की दूसरी लहर पाकिस्तान में और तबाही मचा सकती है।
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा, हम पाकिस्तान में दूसरी आपदा के बड़े खतरे को लेकर बेहद चिंतित हैं। बाढ़ के बाद पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में पानी घटने के बाद भी लाखों लोगों के सिर पर मौत मंडरा रही है। पानी की सप्लाई डिस्टर्ब होने की वजह से लोगों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है। इससे कॉलर और डायरिया फैल रहा है। वहीं रुके हुए पानी में मच्छर पनप रहे हैं जो कि मलेरिया और डेंगू फैला सकते हैं। डब्लूएचओ का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाएं बाधित होने की वजह से असुरक्षित जन्म, डायबिटीज और दिल के लोगों कि लिए खतरा और बच्चों के टीकाकरण में अवरोध पैदा होगा। डब्लूएचओ का कहना है कि अगर इस खतरे को कम करना है तो तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना होगा। इस मामले में डब्लूएचओ पाकिस्तान की मदद कर रहा है। चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं और लोगों को पीने का साफ पानी उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। 1 करोड़ डॉलर का फंड पाकिस्तान के लोगों को बचाने के लिए जारी किया है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पाकिस्तान में बाढ़ की विभीषिका से 1 करोड़ 60 लाख बच्चे प्रभावित हुए हैं। बहुत सारे बच्चे डेंगू, दस्त और त्वचा रोगों के शिकार हुए हैं। इस बाढ़ में कम से कम 530 बच्चों की जान चली गई है। वहीं बच्चे अपने परिवार के साथ असुरक्षित जगहों पर रहने को मजबूर हैं। स्कूल बंद हो गए हैं और अस्पतालों के क्षतिग्रस्त होने की वजह से बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। सड़क किनारे लोगों ने आसरा लिया है ऐसे में दुर्घटना का भी खतरा मंडराता रहता है।