ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
कैनबरा । वैज्ञानिकों को ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तान के बीचो बीच करोड़ों वर्ष पुराना कोरल रीफ मिला है। दरअसल, कोरल रीफ समुद्र की गहराइयों में पाए जाते हैं, जिन पर समुद्र के अंदर जीवन चलता है। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया का नुलरबोर मैदान में ये कोरल रीफ मिला है। नुलरबोर लगभग 1 लाख 20 हजार स्क्वायर किमी वाला चूना पत्थर की चट्टान वाला रेगिस्तान है। ये रेगिस्तान आज से 1.4 करोड़ साल पहले सेनोजोइक काल में महासागर के नीचे था।
ऑस्ट्रेलिया के पर्थ के कर्टिन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ अर्थ एंड प्लैनेटरी साइंसेज के शोधकर्ताओं ने नए हाई-रिज़ॉल्यूशन वाली सैटेलाइट तस्वीरों में इसे देखा। इस खोज ने उनकी पिछली धारणाओं को चुनौती दी, जिसके मुताबिक नुलरबोर मैदान हमेशा से फीचर रहित रहा है। स्टडी के सह-लेखक और कर्टिन यूनिवर्सिटी के भूविज्ञानी मिलो बरहम ने कहा दुनिया के कई हिस्सों के विपरीत, नुलरबोर मैदान में मौसम और क्षरण प्रक्रियाओं से बड़ा बदलाव नहीं आया है, जिससे प्राचीन इतिहास को समझने की यह सबसे अच्छी जगह है।
बरहम ने कहा हाई रिज़ॉल्यूशन सैटेलाइट तस्वीरों में हमने इमेजरी और फील्डवर्क के जरिए लाखों वर्षों से संरक्षित एक मूल समुद्री संरचना के स्पष्ट अवशेष की पहचान की है, जो कि नुलरबोर मैदान में खोजी गई है। ऑस्ट्रेलिया का अधिकांश हिस्सा आज के समय सूखा है। देश के 18 फीसदी हिस्से को रेगिस्तान के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। लेकिन सैकड़ों लाखों साल पहले ऑस्ट्रेलिया वर्षा वनों और समुद्रों से घिरा था। इसमें वह महासागर भी था जो कभी नुलरबोर मैदान को पानी के नीचे रखता था। एक जर्नल में प्रकाशित पेपर के मुताबिक कोरल रीफ संरचना गोल है और वह बाकी सतह से ऊंची है। इसके बीच में एक गुंबद जैसी आकृति है। देखने पर ये निशाने के लिए इस्तेमाल बुल्स आई की तरह दिखती है। इसकी संरचना का व्यास 3,950 से 4250 फीट का है।
फ्लोरिडा । जीव-जंतुओं में सर्प को सबसे घातक श्रेणी में रखा जाता है। मनुष्य अपने आसपास या टीवी पर जिन जीवों को अक्सर देखता है, उसे सिर्फ उनके बारे में ही ज्यादा पता होता है पर जब कोई विचित्र जीव सामने आ जाता है और जब उसकी शक्तियों का पता चलता है तो डर जाना लाजमी है। हाल ही में एक सेंटीपीड यानी चालीसपद को देखकर लोगों को ऐसा ही लगा। अमेरिका का ये मामला लोगों को हैरान कर रहा है। एक पार्क में लोगों को सांप मरा मिला जिसके मुंह में चालीसपद फंसा हुआ था। रिपोर्ट के अनुसार फ्लोरिडा के जॉन पेनीकैंप कोरल रीफ स्टेट पार्क में एक शख्स टहलने गया था जब उसे अचानक एक छोटा सांप पत्ते के ऊपर मरा मिला। सांप के मुंह में एक सेंटीपीड भी फंसा हुआ था। ये मामला इस साल की शुरुआत का है जब शख्स ने इस घटना की फोटो खींची थी। सांपों का कीड़े-मकौड़े खाना आम बात है मगर उसे निगलते वक्त मर जाना काफी दुर्लभ है।
फोटो में दिख रहा सांप उत्तरी अमेरिका के सबसे दुर्लभ सांपों में से एक है। इसका नाम रिम रॉक क्राउन स्नेक है। वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने इस सांप को पिछले 4 सालों में नहीं देखा। जब ये तस्वीरें उन्हें मिली तो वो तुरंत पार्क पहुंचे और देखकर दंग रह गए। सांप ने अपने साइज से बड़े सेंटीपीड को निगलने की कोशिश की और उसमें उसकी सांस अटक गई, जिससे वो मर गया। हाल ही में लाइव साइंस वेबसाइट ने दावा किया कि सांस रुकने के अलावा एक संभावना ये भी है कि उस सेंटीपीड का तेज जहर सांप ने निगल लिया जिससे उसकी मौत हो गई।
रिम रॉक सांप 6 से 11 इंच के होते हैं और ये जहरीले नहीं होते। ये फ्लोरिडा कीज में ज्यादा पाए जाते हैं और राज्य के दक्षिण पूर्वी एटलांटिक कोस्ट पर पाए जाते हैं। साल 1975 से इसे फ्लोरिडा में दुर्लभ प्रजाति की लिस्ट में डाल दिया गया था। फ्लोरिडा फिश एंड वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन कमिशन के वैज्ञानिक केविन ने बताया कि ये मिट्टी के नीचे रहते हैं और भारी बारिश में पानी भरने के कारण ही बाहर निकलते हैं।
लंदन । पुरुषों के लिए तीखे नैन नख्श वाली महिलाएं आकर्षण का केंद्र रहती हैं। ताजा मामले में एक विदेशी वेबसाइट ने अपने सर्वे में पाया कि सितंबर के महीने में लोग अपने जीवनसाथी को सबसे ज्यादा धोखा देते हैं। मगर धोखा देना महीने पर नहीं, इंसान पर निर्भर करता है। अगर वो अपने पार्टनर को चीट करना चाहता है तो वो महीने का इंतजार नहीं करेगा। इन दिनों एक महिला काफी चर्चा में है जिसका दावा है कि वो मर्दों को विवश कर देती है जिससे वो अपने पार्टनर को धोखा दे देते हैं। उसने बताया कि इसी वजह से उसे सितंबर का महीना पसंद है।
रिपोर्ट के अनुसार ग्वेनेथ ली खुद को सीरियल किलर की तरह सीरियल चीटर बताती हैं। उनका दावा है कि वो 1000 पुरुषों के साथ संबंध बना चुकी हैं। वो पुरुषों को मजबूर कर देती हैं कि वो अपने पार्टनर को धोखा देकर उनके नजीदक आएं। उन्होंने कहा कि सितंबर का महीना बेवफाई करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, इसलिए उन्हें भी ये महीना बहुत पसंद है। 50 साल की ग्वेनेथ ने कहा कि उन्होंने कई शादीशुदा मर्दों के साथ भी संबंध बनाए हैं, साथ में अलग-अलग व्यवसाय के लोगों के साथ भी उनका अफेयर रहा है। फिल्म प्रोड्यूसर, फाइनैंस से जुड़े लोग, आदि जैसे कई लोगों के साथ उनका अफेयर अभी चल रहा है। वो मैरेड हैं मगर दूसरी महिला के साथ अफेयर चाहती हैं।
लंदन से लेकर कैलिफोर्निया तक ग्वेनेथ के अफेयर हैं। आपको बता दें कि इस स्टडी में पाया गया कि 32 प्रतिशत महिलाएं और 34 प्रतिशत मर्द गर्मियों के बाद सितंबर के महीने से अपने पार्टनर को धोखा देने की शुरुआत करते हैं। इस महीने में अन्य महीनों के मुकाबले 22 प्रतिशत ज्यादा चीटिंग के मामले शुरू होते हैं। ग्वेनेथ ने कहा कि वो तलाकशुदा हैं, उनकी पहले शादी हो चुकी थी। मगर अब वो किसी लंबे रिश्ते को नहीं चाहती हैं। उनका कहना है कि मर्द इसलिए धोखा देते हैं क्योंकि वो अपने पार्टनर को देखकर बोर हो जाते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि वो शादीशुदा मर्दों को और अमीरों को पसंद करती हैं जो उनके महंगे गिफ्ट दिलाते हैं और लंबे वक्त तक रिश्ता नहीं चाहते। उनको काफी आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ता है मगर उन्हें इन बातों से फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई औरतें उन्हें घर तोड़ने वाली महिला कहती हैं।
जकार्ता । एक नए शोध से पता चला है कि पाषाण काल के इंसानों के पास मेडिकल साइंस की एडवांस जानकारी थी। इंडोनेशिया की एक गुफा में पुरातत्वविदों को एक कंकाल मिला है जो मेडिकल हिस्ट्री को बदल सकता है। रेडियो कार्बन डेटिंग से वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 31,000 हजार साल पहले पूर्वी कालीमंतन प्रांत में लियांग तेबो गुफा में ये कंकाल दफन किया गया था। ये कंकाल एक महिला का है या पुरुष का इसके बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं को इस कंकाल की खोज के दौरान एक हैरान करने वाली चीज मिली है। जर्नल नेचर में छपे शोध में उन्होंने पाया कि इस कंकाल में बायां पैर नहीं है। शोध से पता चला है कि किशोर अवस्था से पहले ही इसका पैर बेहद सावधानी और सफाई के साथ काट दिया गया था। 19 से 21 साल की उम्र में अज्ञात कारणों से इसकी मौत हो गई। साल 2020 में भी ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में पुरातत्वविदों को एक पूरा कंकाल मिला था, जिसमें सर्जिकल कौशल का पता चला था। ये शुरुआती रेकॉर्ड हैं जो पाषाण काल के लोगों के प्रति हमारी समझ को एक दम बदल देते हैं। विशेषज्ञों का मानना था कि पिछले 10 हजार साल में खेती शुरु करने और स्थायी बस्तियों में रहने से पहले इंसानों के पास चिकित्सा या कठिन ऑपरेशन से जुड़ा ज्ञान नहीं था। अध्ययन में कहा गया कि इस खोज से पहले अंग काटने से जुड़ा सबसे पुराना कंकाल सात हजार साल पुराना था। ये फ्रांस में है, जिसके हाथ को कोहनी के ऊपर से काटा गया था। ग्रिफ़िथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ता टिम मैलोनी ने कहा कि सिर्फ 100 साल पहले ही सर्जिकल तरीके से अंगों को काटना पश्चिम में आदर्श बना। इससे पहले अंगों को काटने के दौरान ज्यादा खून बहने, इनफेक्शन या शॉक से ही लोगों की मौत जाती थी।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अक्तूबर में होने वाली 20वीं कांग्रेस और नेपाल में नवंबर में होने वाले आम व प्रादेशिक चुनाव से पहले राष्ट्रपति शी के करीबी चीनी अधिकारी ली झानसू सोमवार को नेपाल के आधिकारिक दौरे पर पहुंचे। चीन के नेतृत्व में ली तीसरे स्थान पर हैं। मार्च में विदेश मंत्री वांग यी ने नेपाल यात्रा की थी।नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत रंजीत रे नेपाल की घरेलू राजनीति और अमेरिका-चीन प्रतिद्वंद्विता की दृष्टि से इस दौरे को बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं। नेपाल के विदेश मंत्री ने भी मार्च में चीन का दौरा किया था।नेपाल की घरेलू राजनीति में पहले भी चीन का करीबी हस्तक्षेप रहा है। चीन ने सभी कम्युनिस्ट पार्टियों को साथ लाने का प्रयास किया और काफी हद तक कामयाब भी रहा।
यूक्रेन द्वारा 3,000 वर्ग किमी भूमि पर दोबारा नियंत्रण लेने के बाद रूस ने स्वीकार किया कि उसने खारकीव के लगभग पूरे उत्तरी क्षेत्र को खो दिया है। इस बीच, यूक्रेन ने आरोप लगाया कि हमारी कार्रवाई से बौखलाए रूस ने यूक्रेनी ऊर्जा संयंत्रों और अन्य बुनियादी ढांचों पर बड़े हमले किए हैं जिससे देश में बिजली संकट पैदा हो गया है। उधर, यूक्रेन ने भागती रूसी सेना से सोमवार को गोला-बारूद जब्त कर उन्हें रूस की सीमा तक खदेड़ दिया।वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन की सेना ने महीने की शुरुआत से दक्षिणी और पूर्वी यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले 6,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।यूक्रेन ने उत्तर-पूर्व के इजियम क्षेत्र भागती रूसी सेना से पिछले दिनों 20 से ज्यादा कस्बों-गांवों पर फिर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से उसे और हथियार भेजने को कहा, ताकि अभियान और तेज हो सके। खारकीव के क्षेत्रीय गवर्नर ओले सिनीहुबोव ने कहा, कुछ जगहों पर हमारे रक्षक रूस से लगती सीमा तक पहुंच गए हैं।
फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना मंगलवार से भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर रहेंगी। इस दौरान वह अपने समकक्ष एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर वार्ता करेंगी। विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 13-15 सितंबर तक अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान कोलोना मुंबई में उद्योग जगत की शख्सियतों के साथ मुलाकात करेंगी।विदेश मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया कि मंत्री कोलोना 13 से 15 सितंबर तक भारत अपनी अधिकारिक यात्रा पर आ रही हैं। नई दिल्ली में रहने के दौरान कोलोना 14 सितंबर को विदेश मंत्री जयशंकर से मिलेंगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी है, जो नियमित उच्च स्तरीय परामर्श और विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते संपर्क से मजबूत हुई है।
अमेरिका के जेफ बेजोस की अंतरिक्ष की सैर कराने वाली कंपनी ब्लू ओरिजिन द्वारा छोड़ा गया न्यू शेपर्ड रॉकेट का बूस्टर दुर्घटना का शिकार हो गया। ब्लू ओरिजिन ने बताया कि वेस्ट टेक्सास में कंपनी के प्रक्षेपण स्थल से सोमवार को सुबह 8.30 बजे न्यू शेपर्ड रॉकेट लांच किया गया था। इसमें कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं था, क्योंकि यह एक पेलोड मिशन था। ब्लू ओरिजिन ने ट्वीट कर इस हादसे के बारे में जानकारी दी। कंपनी ने बताया कि रॉकेट की उड़ान के दौरान बूस्टर के फेल होते ही ‘कैप्सूल एस्केप सिस्टम‘ यानी कैप्सूल को बचाने वाला तंत्र सक्रिय हो गया और उसने कैप्सूल को बूस्टर से अलग कर दिया। इसके बाद कैप्सूल सुरक्षित धरती पर उतर गया। बूस्टर ने जमीन को प्रभावित किया। इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। लेकिन कंपनी के अंतरिक्ष पर्यटन के लिए यह एक आघात माना जा रहा है।
जर्मनी । जर्मन के वैज्ञानिकों ने मानव शरीर से बने ओएच रेडिकल का पता लगाया है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह एक स्व विकसित ऑक्सीकरण की प्रक्रिया है। साइंस मैगजीन में यह शोध प्रकाशित हुआ है। जिसमे वैज्ञानिकों ने हवा में मौजूद ओजोन, मानव त्वचा से बने तेल के संपर्क में आते हैं। तब ऐसे अणुओं का निर्माण होता है। जो हमारे आसपास की हवा को शुद्ध करते हैं।
वाशिंगटन । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वैश्विक चिप निर्माण उद्योग अपने संयंत्र स्थापित करने के लिए चीन और जापान जैसे देशों की अपेक्षा उनके देश को तरजीह दे रहा है। बाइडन ने ओहायो के न्यू अल्बानी में ‘इंटल ग्राउंडब्रेकिंग साइट’ पर देश में इन कंपनियों के दो बड़े निवेश का जिक्र करते हुए कहा कि चीन, जापान, उत्तर कोरिया और यूरोपीय संघ, ये सभी अपने देशों में चिप निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए अरबों डॉलर निवेश कर रहे हैं, लेकिन इस क्षेत्र के अग्रणी उद्योगपति हमें चुन रहे हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि अमेरिका अपने पुराने रंग में लौट आया है और नेतृत्व कर रहा है। इंटेल की नई निर्माण सुविधा की नींव रखे जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इंटेल यहीं ओहायो में भविष्य के एक कार्यबल का निर्माण करेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस चिप का आविष्कार किया। राष्ट्रपति ने कहा, अमेरिका ने इसका आविष्कार किया। इसने नासा के चंद्रमा मिशन को संचालित किया। संघीय निवेश ने इन चिप को बनाने की लागत कम करने, बाजार और एक संपूर्ण उद्योग बनाने में मदद की। नतीजतन, करीब 30 साल पहले 30 प्रतिशत से अधिक वैश्विक चिप निर्माण अमेरिका में होता था।
उन्होंने कहा कि फिर अमेरिका की अर्थव्यवस्था की रीढ़ यानी निर्माण क्षेत्र खोखला हो गया। कंपनियों ने खासकर औद्योगिक मध्य पश्चिम से विदेशों में नौकरियां स्थानांतरित कर दीं। इसके परिणामस्वरूप, चिप अनुसंधान और डिजाइन में अग्रणी होने के बावजूद आज हम दुनिया के केवल 10 प्रतिशत चिप का निर्माण कर रहे हैं। बाइडन ने कहा कि लेकिन कोरोना वायरस के कारण इनके निर्माण की लागत बढ़ जाने के कारण उद्योगपति फिर से अमेरिका का रुख करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिकी कंपनी माइक्रोन ने आगामी 10 साल में कारखानों के निर्माण के लिए 40 अरब डॉलर निवेश करने की घोषणा की है, जिससे देश में 40,000 नौकरियां पैदा होंगी और मेमोरी चिप बाजार में अमेरिका की साझेदारी 500 प्रतिशत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि दो अन्य कंपनियों ग्लोबलफाउंड्रीज और क्वालकॉम ने अमेरिका में चिप का निर्माण करने के लिए चार अरब डॉलर की साझेदारी की घोषणा की।
कीव । यूक्रेन में रूसी हमले से तबाह हुए यहां के परमाणु ऊर्जा ऑपरेटर ने कहा कि यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र के आखिरी रिएक्टर को बंद कर दिया गया है। संयंत्र को बिजली ग्रिड से पुन: जोड़ने के बाद बंद कर दिया गया। छह रिएक्टर वाले जापोरिज्जिया संयंत्र को इलाके में लड़ाई के परिणामस्वरूप उसकी सभी बिजली लाइन काटने के बाद पिछले सप्ताह ग्रिड से हटा दिया गया था। यह संयंत्र कई दिनों से ‘आइलैंड मोड’ पर काम कर रहा था और अपने एकमात्र चालू रिएक्टर से अहम कूलिंग उपकरणों के लिए बिजली पैदा कर रहा था। ‘आइलैंड मोड’ का मतलब ऐसे संयंत्र से होता है जो अन्य ऊर्जा संयंत्रों से नहीं जुड़ा होता। एनर्गोटम कंपनी ने कहा कि एक पावर लाइन शनिवार देर रात बहाल की गई, जिससे संयंत्र के संचालकों ने अंतिम रिएक्टर को भी बंद कर दिया। कंपनी ने कहा कि यह खतरा अब भी बना हुआ है कि बाहर बिजली फिर से काटी जा सकती है और ऐसी स्थिति में संयंत्र को रिएक्टरों को ठंडा रखने तथा परमाणु रिएक्टर को अत्यधिक गर्म होने से बचाने के लिए आपात डीजल जेनरेटर चलाने होंगे। कंपनी के प्रमुख ने बृहस्पतिवार को बताया था कि संयंत्र के पास महज 10 दिनों के लिए डीजल बचा है। दुनिया में 10 सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा केंद्रों में से एक इस संयंत्र पर युद्ध की शुरुआत से ही रूसी सेना ने कब्जा कर रखा है। यूक्रेन और रूस संयंत्र के आसपास बमबारी के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं। इस बमबारी ने संयंत्र को ग्रिड से जोड़ने वाली बिजली की लाइनों को तबाह कर दिया है। एनर्गोटम ने रविवार को एक बयान में रूसी सेना से जापोरिज्जिया संयंत्र छोड़ने तथा इसके आसपास ‘असैन्यीकृत क्षेत्र’ बनाने देने का अनुरोध किया। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। इस संयंत्र में उसके दो विशेषज्ञ हैं। एजेंसी के निदेशक ने किसी आपदा से बचने के लिए संयंत्र के आसपास सुरक्षित क्षेत्र बनाने का आह्वान किया है।
मिशीगन । कई बार जीवन में अपनी ही संपत्ति को पाने के लिए कुछ लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है ऐसा ही कुछ एक बुजुर्ग महिला के साथ अमेरिका में घटा। महिला के खाते में करीब 10 लाख रुपये आ गए थे लेकिन जब वह इसे निकलवाने के लिए बैंक गई तो उसे गहरा धक्का लगा। बैंक के कर्मचारियों ने रकम निकालने से इनकार कर दिया। इतना ही नहीं, बैंक कर्मचारियों ने यह तक कह दिया कि महिला का चेक फर्जी है और उसने धोखाधड़ी की है। इस बात से आहत होकर महिला ने बैंक के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया। 70 साल की इस महिला का नाम लिजी पुघ है। वह अमेरिका के मिशीगन की रहने वाली हैं। लिजी ने बीते 9 अप्रैल को एक जैकपॉट जीता था, जिसमें उन्हें 9 लाख 55 हजार रुपये इनाम में मिले थे। लेकिन जब वह चेक लेकर पैसे निकालने बैंक गईं तो उन्हें वहां से 'फ्रॉड' बताकर लौटा दिया गया। एक मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लिजी ने बैंक से पैसे निकालने की कोशिश की लेकिन उनके चेक को फर्जी बताकर बैंककर्मियों ने उन्हें वापस भेज दिया। बैंक ने उनका चेक भी वापस देने से इनकार कर दिया। लिजी ने जब विरोध किया तो कर्मचारियों ने उन्हें पुलिस बुला लेने की धमकी दी। इस बात से खफा होकर लिजी ने बैंक पर केस कर दिया।
इस केस की सुनवाई अभी चल रही है। इसी हफ्ते बैंक ने अपनी प्रतिक्रिया कोर्ट में दायर की है। बैंक ने महिला के आरोप से इनकार किया है। बैंक का कहना है कि वह अपने कर्मचारियों के साथ खड़ा है। बैंक की ओर से यह भी कहा गया है कि वह निष्पक्ष और जिम्मेदार बैंकिंग के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करता है। बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमारे कर्मचारियों को प्रत्येक ग्राहक को उनकी बैंकिंग जरूरतों के साथ मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, और हमारे कर्मचारी प्रक्रियाओं का पालन करते हैं। हमारे बैंककर्मियों के कार्यों की गलत व्याख्या की गई है। फिर भी हमें खेद है कि लिजी को असुविधा हुई। संभावित धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंक का चेक की जांच-पड़ताल करना जरूरी था। वहीं, लिजी की ओर से आरोप लगाया कि उसे अश्वेत होने के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा। उस वक्त बैंक से पैसे ना निकाल पाने के कारण उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लिजी ने यह भी कहा कि अगर बैंक ने चेक लौटा दिया होता तो वह दूसरी जगह से पैसे निकाल लेती।
लंदन। यूरोपीय देशों की चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से लड़खड़ा गई है। कोरोना महामारी के बाद हेल्थ केयर पर यहां के नागरिक सबसे ज्यादा स्वास्थ्य सेवाओं पर हो गए हैं। लोगों को इलाज के लिए डॉक्टरों और नर्सों को रिश्वत देनी पड़ रही है। डॉक्टर भी इससे अछूते नहीं रहे।
पश्चिमी यूरोप के विकसित देश भी
अव्यवस्था के शिकार हो गए हैं।ब्रिटेन में 65 लाख मरीज प्रतीक्षा सूची में है। स्पेन जैसे देश में ऑपरेशन कराने के लिए 4 माह से अधिक की प्रतीक्षा सूची है।यूरोपीय देशों में 5 लाख डॉक्टरों एवं 10 लाख स्वास्थ्य कर्मियों की की कमी है। कोरोनावायरस के बाद लोगों कोकई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां के नागरिकों को समुचित चिकित्सा सुविधा और परामर्श नहीं मिल पा रहा है।
40 फ़ीसदी डिप्रेशन के शिकार
यूरोपीय मेडिकल काउंसिल की रिपोर्ट में यूरोप के हर 10 में से चार व्यक्ति डिप्रेशन के शिकार हैं।डॉक्टरों की कमी के कारण डिप्रेशन के मरीजों को अपॉइंटमेंट भी नहीं मिल पा रहा है। फ्रांस जैसे विकसित देश में 60 दिन तक की प्रतीक्षा सूची का सामना मरीजों को करना पड़ रहा है।
स्विट्जरलैंड में सबसे ज्यादा खर्च
यूरोपीय यूनियन के अनुसार स्विट्जरलैंड में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति व्यक्ति 7।73 लाख रुपए का खर्च होता है। नार्वे में प्रति व्यक्ति इलाज का खर्च 6।40 लाख रुपए है। जो वहां की सरकार खर्च करती है।
स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने भारी भरकम बजट
यूरोप के कई देशों में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है।नागरिकों को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। डॉक्टरों की कमी होने के कारण मरीजों को परामर्श भी नहीं मिल पा रहा है। ऑपरेशन तो बहुत दूर की बात है। स्वास्थ्य संकट को बेहतर बनाने के लिए यूरोपीय देशों द्वारा 24 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। जर्मनी ने 8 लाख करोड़, फ्रांस ने 5 लाख करोड, इटली ने 4 लाख करोड़ रुपया भारतीय मुद्रा में खर्च किया है।इससे समझा जाता है कि यूरोपीय देशों में चिकित्सा सुविधा के क्या हाल हैं।
जिनेवा । रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच भारत ने अंतरराष्ट्रीय नाभिकीय ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की टीम द्वारा हाल ही में किए गए यूक्रेन के जपोरिज्जिया परमाणु संयंत्र के दौरे को सराहनीय बताया और कहा कि वह युद्ध से प्रभावित देश के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और अन्य प्रतिष्ठानों की रक्षा और सुरक्षा पर करीब से नजर रख रहा है। महीनों लंबी बातचीत के बाद परमाणु निगरानी समिति की 14 सदस्यीय टीम पिछले सप्ताह परमाणु संयंत्र पहुंची। टीम में से दो लोग संयंत्र पर रूकेंगे, जिसपर युद्ध के शुरूआती दिनों से रूस का नियंत्रण हो गया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थाई प्रतिनिधि रूचिरा काम्बोज ने मंगलवार को कहा, ‘यूक्रेन में स्थित परमाणु संयंत्रों की रक्षा और सुरक्षा भारत के लिए बहुत मायने रखती है, क्योंकि परमाणु संयंत्र में किसी भी हादसे का लोगों की सेहत और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव होगा।’यूक्रेन के जपोरिज्जिया परमाणु संयंत्र के आईएईए टीम के दौरे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में काम्बोज ने कहा, ‘हम आईएईए टीम के हालिया दौरे की प्रशंसा करते हैं और यूक्रेन के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों और अन्य प्रतिष्ठानों की रक्षा और सुरक्षा के संबंध में घटनाक्रम पर करीब से नजर रखते रहेंगे।