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रायपुर 9 मई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुशासन तिहार के तृतीय चरण में आज महासमुंद जिले में जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और मरीजों से आत्मीय संवाद कर उनका हालचाल जाना। इस अवसर पर प्रदेश के खाद्य एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयालदास बघेल, सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी तथा महासमुंद विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से संवाद किया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय 60 वर्षीय मरीज श्री गंगाराम से भी मिले, जिन्होंने बताया कि कमजोरी के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन चार दिन के उपचार के पश्चात अब वे स्वस्थ अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था, इलाज और चिकित्सकों के व्यवहार की सराहना की।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री साय ने डायलिसिस वार्ड का निरीक्षण कर किडनी पीड़ित मरीजों से बातचीत की और उनके इलाज संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता वाले मरीज श्री अतुल चंद्राकर से आत्मीयता से बात की। जब श्री चंद्राकर ने मदद की गुहार लगाई, तो मुख्यमंत्री श्री साय ने आश्वस्त किया कि डोनर की व्यवस्था होते ही ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च हम उठाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएं तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, ताकि प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ इलाज मिल सके।

इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय लंगेह, पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पताल स्टाफ तथा बड़ी संख्या में मरीज और उनके परिजन उपस्थित थे।

 

रायपुर : सुशासन तिहार के तीसरे चरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अचानक मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम माथमौर पहुंचे। बिना किसी पूर्व सूचना के जब मुख्यमंत्री माथमौर गांव पहुंचे, तो गांव में उत्साह की लहर दौड़ गई। अचानक पहुंचे मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए ग्रामीणों ने आस-पास लगे फूलों से सुन्दर गुलदस्ता तैयार कर उनका आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने गांव के बीच स्थित महुआ के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई और वहां मौजूद ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। ग्रामीणों से शासकीय योजनाओं के लाभ की जानकारी लेते हुए कहा कि, नई बहुओं को भी जल्द महतारी वंदन योजना का लाभ मिलेगा। वहीं ग्राम सरपंचों को पीएम आवास के लिए पात्र परिवारों की सूची बनाकर भेजने के लिए कहा।

मुख्यमंत्री ने चौपाल की शुरुआत भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारों के साथ की। उन्होंने गांव के सरपंच को अपने पास बिठाया और पंचायत में विकास कार्यों एवं जनहित की योजनाओं के क्रियान्वयन तथा समस्याओं की विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री के आगमान की खबर पाकर आसपास के कोलियारी और कुवांरपुर पंचायत के साथ निकट के कई ग्रामों से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण माथमौर पहुंचे थे, जिन्होंने अपनी समस्याएं और मांगें मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सामने रखीं।

चौपाल में मुख्यमंत्री श्री साय ने राशन दुकान संचालन, महतारी वंदन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति पर ग्रामीणों से फीडबैक लिया। उन्होंने महिलाओं से पूछा कि, क्या उन्हें हर माह हजार रुपये की राशि समय पर मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि जिन नवविवाहित महिलाओं की पात्रता बनती है, उन्हें भी जल्द महतारी वंदन योजना का लाभ मिलेगा।

कुवांरपुर में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र की होगी स्थापना

जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी सच्चाई जानने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने माथमौर और उसके आसपास के गांवों के लिए कई बड़ी घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कुवांरपुर में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की घोषणा की। साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत फुलझर से चंदेला, तिलौली से दर्रीटोला, सनबोरा से पण्डो, कुवांरपुर से गाजर और पटपर टोला से चंदेला तक नई सड़कों के निर्माण की बात कही।

राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए लगेगा बंदोबस्त कैंप

मुख्यमंत्री श्री साय ने कुवांरपुर में नायब तहसीलदार कार्यालय के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति भी दी और राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए बंदोबस्त कैंप आयोजित करने एसडीएम को निर्देशित किया। माथमौर में सामुदायिक भवन की भी स्वीकृति दी गई है, जिससे ग्रामीणों को सामाजिक आयोजनों और बैठकों के लिए एक स्थायी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

जनकपुर में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का जल्द होगा निर्माण, मिल चुकी है स्वीकृति

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को यह भी जानकारी दी कि जनकपुर में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण स्वीकृत हो चुका है, जिससे इस आदिवासी अंचल के लोगों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुवांरपुर में पढ़कर बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से उनके भविष्य की करियर प्लानिंग पर बात करते हुए गांव में स्कूल की व्यवस्था की जानकारी ली।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

 

रायपुर : राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र और विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के बच्चों में अब शिक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। इसकी बानगी राज्य के अंतिम छोर पर बसे एक गांव में संचालित स्कूल से सामने आई है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा से लगे गांव कुवांरपुर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की बैगा समुदाय की छात्रा कंगना बैगा ने हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा (10वीं) में 83.67 प्रतिशत अंक प्राप्त कर स्कूल में टॉप किया है।

कंगना बैगा की इस उपलब्धि पर न केवल उनके परिजन और स्कूल प्रशासन बल्कि पूरा गांव गर्वित है और परिणाम के बाद से जश्न मना रहा है।

इस बीच सुशासन तिहार-2025 की कड़ी में औचक निरीक्षण के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एम.सी.बी.) जिले के भरतपुर विकासखंड अंतर्गत माथमौर गांव पहुंचे। जैसे ही बच्चों को यह जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री उनके गांव आए हैं, वे अपनी सफलता की खुशी साझा करने के लिए उनसे मिलने पहुंच गए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आत्मीयता और वात्सल्य के साथ बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने अभिभावक के रूप में संवाद करते हुए उनकी शिक्षा और भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में सुशासन तिहार का आयोजन किया जा रहा है। इसके तीसरे चरण में समाधान शिविरों के माध्यम से प्रदेशवासियों की समस्याओं, मांगों और शिकायतों के निराकरण की जानकारी दी जा रही है। कई स्थानों पर स्वयं मुख्यमंत्री पहुंचकर आमजन से सीधा संवाद कर रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री साय सुदूर अंचलों में शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए आकस्मिक दौरे कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री के आज माथमौर गांव आने की खबर मिलते ही ग्रामीणों के साथ कई विद्यार्थी भी प्रदेश के मुखिया से मिलने पहुंचे। इस दौरान शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुवांरपुर में पढ़ने वाली 10वीं की टॉपर छात्रा कंगना बैगा (83.67%), मीनाक्षी शुक्ला (82.83%) तथा 12वीं के विद्यार्थी विद्यासागर तिवारी, सचिन कुमार बांधे और कु. शशि सिंह को मुख्यमंत्री ने पेन देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने विद्यार्थियों से भविष्य की शिक्षा और करियर संबंधी योजनाओं पर संवाद किया।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जहां राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रहे हैं, वहीं शिक्षा के प्रसार पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं। इसी का सकारात्मक परिणाम है कि अब सुदूर वनांचल क्षेत्रों के बच्चे परीक्षाओं में प्रवीण्य सूची में स्थान पा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के द्वारा 7 मई को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी परीक्षाओं का परिणाम घोषित किया गया था।

 

रायपुर : कांकेर जिले में सुशासन तिहार 2025 के सफल क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु आज प्रभारी सचिव श्रीमती शम्मी आबिदी ने जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप सुशासन तिहार अंतर्गत प्राप्त आवेदनों, शिकायतों और मांगों का गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित किया जाए, जिससे आमजन तक योजनाओं का वास्तविक लाभ पहुंच सके।

बैठक में सुशासन तिहार के तहत विभागवार प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि निराकरण की प्रगति में और तेजी लाई जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन की प्राथमिकता है कि जनकल्याण की योजनाओं का जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन हो ताकि अंतिम छोर तक प्रत्येक व्यक्ति को इनका लाभ मिले।

प्रभारी सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा करते हुए जिले के दूरस्थ अंचलों में राजमिस्त्री की कमी को दूर करने के लिए स्थानीय स्तर पर इच्छुक युवाओं को राज मिस्त्री का प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राजस्व के लंबित प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करें। जल जीवन मिशन के माध्यम से जिले में पेयजल समस्या के स्थायी समाधान के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कृषि विभाग द्वारा फसल चक्र परिवर्तन के प्रयासों की सराहना की और खाद-बीज की उपलब्धता की जानकारी ली। जन औषधि केंद्रों के संचालन की जानकारी लेते हुए उन्होंने आम नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने हेतु इन केंद्रों के प्रचार-प्रसार और संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने महतारी वंदन योजना, पोषण ट्रैकर, आधार सीडिंग, गर्भवती माताओं को पोषण आहार और बच्चों के आधार सत्यापन जैसे कार्यक्रमों की प्रगति पर विशेष रूप से ध्यान के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि महिला एवं बाल विकास की योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में आयुष्मान भारत योजना, सिकल सेल स्क्रीनिंग, आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र, ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल, पीएम श्री विद्यालय, राशन कार्ड, उज्ज्वला योजना और सामाजिक सुरक्षा पेंशन जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की गई। इस अवसर पर कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरेश मंडावी, डीएफओ श्री डी.पी. साहू, श्री हेमचंद पहारे सहित विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों के अधिकारियों की ली बैठक

पेयजल, प्रधानमंत्री आवास और ग्रामीण रोजगार को लेकर दिए आवश्यक निर्देश

रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज सूरजपुर जिले के जिला पंचायत सभागार में सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री ने बैठक में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त शिकायतों के अनुसार जिन हैंडपंपों में मरम्मत की आवश्यकता है, उन्हें 10 दिवस के भीतर दुरुस्त कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि हैंडपंपों में राइजिंग पाइप का विस्तार कर जल्द मरम्मत की व्यवस्था की जाए, जिससे ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों राजस्व प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण करने के साथ ही स्वामित्व योजना के अंतर्गत अधिकार अभिलेखों का वितरण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और नक्शा बंटांकन जैसे मामलों का शीघ्र निराकरण करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शासन की प्राथमिकता वाली योजना है। इसकी प्रगति पर विशेष ध्यान रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इस योजना के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई हितग्राही प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है तो उसके द्वारा मकान बनाने के लिए परिवहन की जा रही रेत के वाहन को खनिज विभाग द्वारा नहीं रोका जाना चाहिए। प्रधानमंत्री आवास योजना के मामले में किसी भी तरह की कोई भी गड़बड़ी पर संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि जो आवास मित्र अपने कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि आगामी में प्रधानमंत्री आवासों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है, ऐसे में अधिक से अधिक प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों की आवश्यकता होगी। इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत राजमिस्त्रियों को भवन निर्माण की सेट्रिंग और मेशन का प्रशिक्षण सुनिश्चित दिया जाए, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें और निर्माण कार्य भी तीव्र गति से पूरे होंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और आमजन तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता में गांव, गरीब और किसान हैं, जिनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, जिला पंचायत सूरजपुर की अध्यक्ष श्रीमती इंदुमणी पैकरा, विधायक श्री भैयालाल राजवाड़े, मनेन्द्रगढ़ जिले के प्रभारी सचिव श्री भुवनेश यादव, सरगुजा संभाग के आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, तीनों जिलों के पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सुशासन लाने हम कर रहे भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद

गुमेटी घाट को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने 81.90 करोड़ और सरना-देवगुड़ी के विकास के लिए 45.42 लाख रूपए की घोषणा

48 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों को दी मंजूरी

पटना के समाधान शिविर में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के सभी 11 हजार से अधिक पंचायतों में एक साल के भीतर बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नए-नए रिफॉर्म लाकर भ्रष्टाचार के रास्ते बंद कर रही है। भ्रष्टाचार को रोकने भूमि रजिस्ट्री के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। वे आज सुशासन तिहार के अंतर्गत सूरजपुर जिले के ग्राम पटना में आयोजित समाधान शिविर को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर गुमेटी घाट को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने 81.90 करोड़ तथा सरना-देवगुड़ी के विकास के लिए 45.42 लाख रूपए की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभिन्न सड़कों, पुल-पुलियों के लिए 48 करोड़ 26 लाख रूपए की मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर में कहा कि भूमि रजिस्ट्री के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। अब भूमि के ऑनलाइन रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण भी उसी दिन हो जा रहा है। पहले भूमि के रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए महीनों चक्कर काटना पड़ता था। अब रिफॉर्म के बाद एक ओर जहां भूमि की रजिस्ट्री में होने वाली धोखाधड़ी रूकेगी, वहीं लोगों को सुविधा भी मिलेगी। इसी प्रकार पारिवारिक दान और हक त्याग के मामलों को भी आसान किया गया है। अब 500 रूपए के शुल्क के साथ परिवार के सदस्यों को भूमि एवं संपत्ति दी जा सकती है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पंचायतों में बैंकिग सुविधा उपलब्ध कराने पहले चरण में राज्य में 24 अप्रैल राष्ट्रीय पंचायत दिवस के दिन से 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजीटल सेवा केन्द्र (कॉमन सर्विस सेंटर) शुरू किए गए हैं। जिसके माध्यम से ग्रामीणों को राशि के लेन-देन तथा विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 6 माह के भीतर 5 हजार ग्राम पंचायतों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि आवासहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिए आवास प्लस-प्लस के लिए सर्वे किया जा रहा है। सभी आवासहीन इस सर्वे करा लें, जिससे कि उन्हें आवास मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का तत्परतापूर्वक निराकरण के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा की। उन्होंने शिविर में चार हितग्राहियों को मछली जाल, 5 हितग्राहियों को राशन कार्ड, चार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास की चाबी सौंपी। इसी प्रकार उन्होंने चार हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृति और दो-दो हितग्राहियों को पशु शेड और बकरी शेड की स्वीकृति आदेश प्रदान किया।

कार्यक्रम को खाद्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि और 15 ग्राम पंचायतों से आए बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

उप मुख्यमंत्री एवं सागर जिले के प्रभारी मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने सागर ज़िले के बीना अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर टेली-मेडिसिन से जिला चिकित्सालय एवं बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टरों से परामर्श लें एवं संबंधित पीड़ित व्यक्ति की वीडियो कांफ्रेंसिंग से चर्चा कराकर, स्वास्थ्य परीक्षण करें। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने सौ बिस्तरों वाले अस्पताल की सभी अनापत्तियां पूर्ण कर शीघ्र कार्य शुरू करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जिला खनिज प्रतिष्ठान के तहत अर्जित फंड एक रिजर्व फंड है। इस फंड से जिलों के खनन प्रभावित क्षेत्रों में सार्वजनिक हित और सबके उपयोग के लिए स्थायी प्रकृति के ठोस काम ही कराए जाएं। काम ऐसे हों, जिसका लाभ अधिकतम लोगों को मिले। इस (डीएमएफ) मद से स्कूल भवन, अस्पताल, सामुदायिक भवन, औषधालय भवन, पशु चिकित्सालय/औषधालय, खेल मैदान सहित विशेष पिछड़े एवं कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) की बसाहट क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी श्रेणी के काम कराए जाएं। उन्होंने कहा कि अस्थायी प्रकृति के एवं मरम्मत आदि के काम संबंधित विभागों के विभागीय बजट से कराए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में जिला खनिज प्रतिष्ठान के भाग-ख के तहत हो सकने वाले विकास कार्यों की मंजूरी के लिए आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य की सभी विकास परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित किया जाए तथा उन्हें समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के लक्ष्यों की प्राप्ति में गति लायी जाए और हर स्तर पर नियोजन की स्पष्टता हो। मुख्यमंत्री डॉ. ने कहा कि परियोजनाओं की सफलता का मूल मंत्र समर्पण, पारदर्शिता और समय प्रबंधन है। उन्होंने कहा कि अधूरी अथवा लंबित परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य में तेजी लायी जाए, जिससे जनहित में समय रहते लाभ पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंत्रालय में जल संसाधन विभाग की वृहद परियोजना नियंत्रण मंडल की 126 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय एवं जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी सहित जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य में सड़कों का निर्माण पूर्ण गुणवत्ता के साथ किया जाए और उसमें दीर्घकालिक जरूरतों को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाएं। उन्होंने कहा कि सड़कें प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास की रीढ़ हैं। उनका निर्माण टिकाऊ, सुरक्षित और आधुनिक मानकों के अनुरूप हो।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों में पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता सुनिश्चित की जाएं। साथ ही सड़क परियोजनाओं के निर्माण में तय समय-सीमा का पालन किया जाए, ताकि जनता को जल्द से जल्द बेहतर आवागमन सुविधाएं मिल सकें। बैठक में प्रदेश में चल रही प्रमुख सड़क परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई एवं आगामी कार्य योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सड़क निर्माण में नवीन तकनीकों को अपनाया जाए और पर्यावरणीय मानकों का पालन कर पारिस्थितिकीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाए।

बैठक में लोक निर्माण मंत्री एवं मप्र सड़क विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री राकेश सिंह, मुख्य सचिव एवं मप्र सड़क विकास निगम के उपाध्यक्ष श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास श्री संजय कुमार शुक्ल, प्रमुख सचिव श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव खनिज साधन श्री उमाकांत उमराव, प्रबंध संचालक मप्र सड़क विकास निगम श्री भरत यादव, निगम में स्वतंत्र संचालक एवं संचालक मंडल के विशेष सदस्य श्री वेंकटेश बालासुब्रमण्यम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में निगम के प्रबंध संचालक श्री यादव ने बताया कि निगम द्वारा गत वित्त वर्ष 2024-25 में कुल 1586 करोड रुपए की लागत से 1127 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कराया गया। इसी दौरान सड़क विकास के पूंजीगत कार्यों पर 2761.47 करोड रुपए एवं संधारण व मरम्मत कार्यों पर 280.79 करोड रुपए इस प्रकार कुल 3042.29 करोड रुपए व्यय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जारी वित्त वर्ष के लिए 1425 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य लिया गया है। इस पर 3134 करोड़ रुपए खर्च किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा चिन्हित मार्गो के पुनर्निर्माण, संधारण, डामरीकृत नवीनीकरण, सुदृढ़ीकरण, रेगुलर कॉन्ट्रैक्ट एवं उपभोक्ता शुल्क संग्रहण के लिए निविदा आमंत्रित की गयीं। निविदा समिति के अनुमोदन उपरांत 35 प्रकार के सड़क निर्माण कार्यों के लिए 3443.72 करोड रुपए की निविदाएं स्वीकृत कर न्यूनतम दर वाले निविदाकारों को निविदा स्वीकृति पत्र जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि भोपाल-जबलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 46 में नवीन प्रस्तावित एकरेखण (एलाईनमेंट) के लिए कार्यवाही की जा रही है। इससे भोपाल-जबलपुर मार्ग की दूरी कम हो जाएगी।

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