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नई दिल्ली । थल सेना के नए अध्यक्ष, लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी को 30 जून से यह जिम्मेदारी दी गई है। इससे पहले यह जिम्मेदारी मनोज पांडे के पास थी। उपेन्द्र द्विवेदी के थल सेना अध्यक्ष बनने के साथ ही भारतीय सेना के इतिहास में पहली बार दो सहपाठी एकसाथ भारतीय सेना प्रमुख के पद पर पहुंचे हैं। दिनेश कुमार त्रिपाठी, जो उपेंद्र द्विवेदी के दोस्त और सहपाठी हैं पहले ही नौसेना के प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। दिनेश कुमार त्रिपाठी ने भी दो महीने पहले ही नौसेना की कमान संभाली है। रीवा का सैनिक स्कूल देश का पहला स्कूल, जहां के दो पूर्व छात्र एक साथ नौसेना और थल सेना अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी पांचवीं कक्षा से एक साथ पढ़े हैं। दोनों मध्य प्रदेश के रीवा में सैनिक स्कूल के छात्र रहे हैं। दोनों ने साथ पढ़ाई की सफलता हासिल की और लंबे समय तक देश सेवा करने के बाद अब यह अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। रीवा का सैनिक स्कूल देश का पहला स्कूल बन गया है, जिसके दो पूर्व छात्र एक साथ नौसेना और थल सेना की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 1970 के दशक में स्कूल की पढ़ाई करने वाले दोनों सैन्य प्रमुखों का रोल नंबर भी पास था। लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी का रोल नंबर 931 और एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का रोल नंबर 938 था।

कौन हैं दिनेश कुमार त्रिपाठी?

वाइस एडमिरल त्रिपाठी का जन्म 15 मई 1964 को हुआ था और एक जुलाई 1985 में वह भारतीय नौसेना में शामिल हुए। संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध विशेषज्ञ वाइस एडमिरल त्रिपाठी का करीब 30 वर्ष का लंबा करियर रहा है। नौसेना के उप प्रमुख का पद संभालने से पहले वह पश्चिमी नौसैन्य कमान के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे। सैनिक स्कूल और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला के पूर्व छात्र वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने गोवा के नेवल वॉर कॉलेज और अमेरिका के नेवल वॉर कॉलेज में भी कोर्स किया है।एडमिरल त्रिपाठी आईएनएस विनाश की भी कमान संभाल चुके हैं। रियर एडमिरल के तौर पर वह ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैट ऑफिसर कमांडिंग भी रह चुके हैं। वह भारतीय नौसेना अकादमी, एझिमाला के कमांडेंट भी रह चुके हैं। उन्हें नौसेना मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।

कौन हैं उपेन्द्र द्विवेदी?

उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई, 1964 को हुआ था। उनकी नियुक्ति 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की इन्फैंट्री (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) में की गई थी। उन्होंने करीब 40 साल तक विभिन्न कमान, स्टाफ, अनुदेशात्मक और विदेश में नियुक्तियों में कार्य किया है। उपेन्द्र द्विवेदी ने रेजिमेंट (18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स), ब्रिगेड (26 सेक्टर असम राइफल्स), DIG असम राइफल्स (पूर्वी) और 9 कॉर्प्स में सेवाएं दी हैं। उपेंद्र द्विवेदी ने सेना का उप प्रमुख बनने से पहले 2022-2024 तक महानिदेशक इन्फेंट्री और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (मुख्यालय उत्तरी कमान) सहित महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी है।

थल सेना प्रमुख बनने से पहले वह PVSM, AVSM भारतीय थल सेना के उपप्रमुख थे। उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक (पीवीएसएम), अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) और तीन जीओसी-इन-सी प्रशस्ति कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वह सैनिक स्कूल रीवा, नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र रहे हैं। उन्होंने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भी पढ़ाई की है। उपेंद्र द्विवेदी के पास रक्षा और मैनेजमेंट में एम फिल व सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं।

नई दिल्ली । भारत और सऊदी अरब ने सार्वजानिक और निजी सेक्टर में निवेश को लेकर हाई लेवल टास्क फोर्स की पहली बैठक वर्चुअली आयोजित की। प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल संयंत्र, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, बिजली, दूरसंचार, नवाचार सहित सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय निवेश के विभिन्न मौके पर रचनात्मक चर्चा हुई।


बैठक की सह-अध्यक्षता प्रिंस अब्दुलअजीज अल सऊद ने की


बैठक की सह-अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और सऊदी ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद ने की। बैठक के दौरान, पीएम मोदी के प्रधान सचिव ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान किए गए 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सऊदी निवेश को सक्रिय समर्थन प्रदान करने के भारत सरकार के दृढ़ इरादे को दोहराया। 

केरल सरकार की तरफ से विदेश मामलों में सचिव की नियुक्ति करना और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की तरफ से बांग्लादेश की आंतरिक स्थिति को लेकर की गई टिप्पणी विदेश मंत्रालय को बिल्कुल भी रास नहीं आई है।

विदेश मंत्रालय इसे संविधान के तहत विदेश से जुड़े मामले में केंद्र सरकार को दिए गए अधिकारों का उल्लंघन मानता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इन दोनों राज्यों को कहा है कि वह संवैधानिक क्षेत्र अधिकार का पालन करें।

बांग्लादेश में चल रहे छात्र आंदोलन को भारत ने वहां की आंतरिक स्थिति करार दिया हुआ है लेकिन सीएम बनर्जी ने कहा है कि अगर वहां की स्थिति खराब होती है और वहां की जनता पश्चिम बंगाल में शरण लेने के लिए आती है तो वह इस पर विचार करेंगी। बांग्लादेश ने इस बारे में भारत के विदेश मंत्रालय को अपनी आपत्ति जताते हुए कड़ा पत्र लिखा है।

केरल सरकार एक सचिव की नियुक्ति की है

बताते हैं कि बंग्लादेश सरकार ने कहा है कि ममता का बयान भड़काऊ और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है। बांग्लादेश सरकार समझती है कि जब हालात सामान्य हो रहे हैं तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का इस तरह का बयान स्थिति को बिगाड़ सकती है। केरल सरकार ने हाल ही में विदेशी मामलों में सहयोग के लिए एक सचिव की नियुक्ति की है।

केरल सरकार ने कही ये बात

केरल सरकार का कहना है कि चूंकि वहां की बहुत बड़ी आबादी विदेशों में रहती है इसलिए उनके साथ सामंजस्य के लिए यह कदम उठाया गया है। इस बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि, “भारतीय संविधान की 7वीं अधिसूची कें केंद्रीय सूची-एक के क्रमांक 10 में साफ तौर पर लिखा है कि विदेश मामले या इससे जुड़ा कोई भी मामला जो दूसरे देशों से जुड़ा हुआ है वह पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार में आतै हैं। यह समवर्ती सूची में शामिल नहीं है और ना ही राज्यों का मामला है। राज्य सरकारों को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए जहां उनका कोई संवैधानिक अधिकार नहीं है।''

जायसवाल ने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल की सीएम बनर्जी की टिप्पणी पर बांग्लादेश सरकार की तरफ से आपत्ति विदेश मंत्रालय को प्राप्त हो गई है। यहां भी उन्होंने संविधान की संबंधित प्रावधानों का जिक्र किया और राज्य सरकार से विदेश से जुड़े मामले में हस्तक्षेप नहीं करने को कहा।

 

केरल के त्रिशूर में एक महिला गायब हो गई है, जिसपर 20 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है। दरअसल, त्रिशूर ब्रांच से जुड़ी एक प्रमुख गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी में मैनेजर के तौर पर काम करने वाली महिला लापता हो गई है। महिला पर 20 करोड़ रुपये की ठगी करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

पुलिस ने आरोपी महिला की पहचान धन्या मोहन के तौर पर की है। धन्या करीब दो दशक से कंपनी में काम कर रही है। आरोपी धन्या मोहन के लापता होने के बाद पता चला कि वह 2019 से ही कंपनी में पैसों की हेराफेरी कर रही थी।

कंपनी के पैसे को रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर किया

पुलिस ने बताया कि महिला अपने ऑफिस से कंपनी के पैसे को अपने रिश्तेदारों के प्राइवेट बैंक खातों में ट्रांसफर करती थी। पुलिस ने बताया कि वह आलीशान जिंदगी जी रही थी और पिछले कुछ सालों में उसने संपत्ति भी खरीदी थी।

कंपनी की देश के 28 राज्यों में 5,000 से अधिक शाखाएं

केरल में मुख्यालय वाली इस अग्रणी एनबीएफसी कंपनी की देश के 28 राज्यों में 5,000 से अधिक शाखाएं हैं। कंपनी की कुल संपत्ति 400 अरब रुपये और इसमें 50,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।

 

नई दिल्ली। देश आज पाकिस्तान से हुए कारगिल युद्ध का 25वां विजय दिवस मना रहा है। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी समेत तमाम दिग्गजों ने शहीदों को नमन किया। गृह मंत्री अमित शाह ने कारगिल योद्धाओं को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा कि कारगिल विजय दिवस सेना के वीर जवानों के शौर्य के अटूट संकल्प का प्रतीक है। कारगिल के युद्ध में वीर जवानों ने हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों में पराक्रम की पराकाष्ठा का परिचय देते हुए दुश्मन की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर किया और कारगिल में फिर तिरंगा लहराकर देश को गौरवान्वित किया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरित करने वाला बलिदान बताया। उन्होंने लिखा कि आज कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर हम उन बहादुर सैनिकों की अदम्य साहस को याद करते हैं जो 1999 के युद्ध में बहादुरी से लड़े थे। उनकी अटूट प्रतिबद्धता, वीरता और देशभक्ति ने सुनिश्चित किया कि हमारा देश सुरक्षित रहे। उनकी सेवा और बलिदान हर भारतीय और हमारी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे स्वर्णिम पृष्ठ पर लिखी गौरव गाथा बताया है । उन्होंने एक्स पर लिखा कि अतुलनीय शौर्य एवं साहसपूर्ण प्रदर्शन से भारत के स्वाभिमान की विजय पताका फहराने वाले वीर जवानों की गौरवगाथा के स्वर्णिम पृष्ठ का हमेशा स्मरण रहेगा। 25वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर समस्त वीर जवानों को कोटि-कोटि नमन।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने 25 साल पहले कारगिल युद्ध में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। पीएम मोदी का वीर नारियों यानी शहीद की विधवाओं से बात करने और शिंकुन ला सुरंग परियोजना का पहला विस्फोट वस्तुतः करने का भी कार्यक्रम है।
एक्स पर पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि 26 जुलाई कारगिल विजय दिवस हर भारतीय के लिए उन सभी को श्रद्धांजलि देने का दिन है जो हमारे देश की रक्षा करते हैं। शिंकुन ला सुरंग परियोजना पर भी काम शुरू होगा। यह परियोजना लेह से कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर खराब मौसम में।
शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग है जो लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए निमू-पदुम-दारचा रोड पर करीब 15,800 फीट की ऊंचाई पर बनाई जाएगी। इसका काम पूरा होने पर यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। शिंकुन ला सुरंग न केवल सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही तय करेगी बल्कि लद्दाख में आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
26 जुलाई 1999 को, भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय की सफलता की घोषणा की, जिसमें लद्दाख में करीब तीन महीने की लंबी लड़ाई के बाद कारगिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा के भारतीय हिस्से पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया था उसे फिर से प्राप्त किया था। युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में इस दिन को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को दावा किया कि 1857 के बाद अंग्रेजों ने व्यवस्थित तरीके से देशवासियों में अपनी परंपराओं और पूर्वजों के प्रति आस्था को कम करने की साजिश रची। भागवत ने कहा कि अंधविश्वास तो होता है, लेकिन आस्था कभी अंधी नहीं होती। उन्होंने कहा कि कुछ प्रथाएं और रीति-रिवाज जो चले आ रहे हैं, वे विश्वास हैं। कुछ गलत हो सकते हैं तो उन्हें बदलने की जरूरत है। जी बी देगलुरकर की एक किताब के विमोचन के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, '1857 (जब ब्रिटिश राज ने औपचारिक रूप से भारत पर शासन करना शुरू किया) के बाद अंग्रेजों ने हमारे मन से आस्था को खत्म करने के लिए व्यवस्थित प्रयास किए। हमारी परंपराओं और अपने पूर्वजों में जो आस्था थी, वह खत्म हो गई।' उन्होंने कहा कि 'भारत में मूर्ति पूजा होती है जो आकार से परे निराकार से जुड़ी है। हर किसी के लिए निराकार तक पहुंचना संभव नहीं है, इसलिए हर किसी को कदम दर कदम आगे बढ़ना होगा। इसलिए मूर्तियों के रूप में एक आकार बनाया जाता है।' आरएसएस प्रमुख ने कहा कि 'मूर्तियों के पीछे एक विज्ञान है, भारत में मूर्तियों के चेहरे पर भावनाएँ भरी होती हैं जो दुनिया में हर जगह नहीं मिलती हैं। राक्षसों की मूर्तियों में दर्शाया गया है कि वे किसी भी चीज़ को अपनी मुट्ठी में कसकर पकड़ लेते हैं। राक्षसों की प्रवृत्ति हर चीज़ को अपने हाथ में रखने की होती है। हम अपनी मुट्ठी में (अपने नियंत्रण में) लोगों की रक्षा करेंगे। इसलिए वे राक्षस हैं। लेकिन भगवान की मूर्तियाँ कमल को थामे हुए धनुष को भी थामे रहती हैं। उन्होंने कहा कि साकार से निराकार की ओर जाने के लिए एक दृष्टि होनी चाहिए। जो लोग आस्था रखते हैं, उनके पास दृष्टि होगी।'

 

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित समारोह का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के लिए डाटा और सॉफ्टवेयर बैकअप के भंडार के रूप में सेवा करने में पीठ के योगदान की सराहना की। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने डाटा और सॉफ्टवेयर का नियमित बैकअप सुनिश्चित करने के लिए इस साल मदुरै पीठ में एक आपदा रिकवरी केंद्र स्थापित किया था। इसलिए, अगर दिल्ली को समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो उसे समाधान के लिए तमिलनाडु की ओर देखना होगा। समारोह तमुक्कम मैदान में मदुरै कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया था। इसमें सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति महादेवन ने भी शिरकत की। सभा को संबोधित करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि उच्च न्यायालय की पीठ की स्थापना का मतलब केवल बुनियादी ढांचे की स्थापना करने या अदालत कक्ष बनाने या अदालत कक्षों को सुसज्जित करना नहीं है। बल्कि, यह महत्वपूर्ण सम्मेलनों, परंपराओं की स्थापना के बारे में है, जो भविष्य तय करेगा। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि बीते बीस वर्षों में मदुरै पीठ ने वास्तव में मद्रास उच्च न्यायालय की महान परंपराओं का प्रतिनिधि बना है। प्रवेश स्तर के कनिष्ठ वकीलों को कम वेतन दिए जाने के मुद्दे पर उन्होंने इस बात की ओर से इशारा किया कि उनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा, कृपया इस पितृसत्तात्मक नजरिए को दूर करें कि वे सीखने और अनुभव हासिल करने आए हैं और आप उन्हें सलाह दे रहे हैं।

पिछले 24 घंटे में देश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने कोंकण एवं गोवा में रेल अलर्ट जारी किया है। यहां अत्याधिक बारिश का अनुमान है। आने वाले तीन दिन हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी भारी बारिश होगी।

गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। मुंबई में एक मकान की बालकनी ढहने से एक महिला की मौत हो गई और 13 लोग घायल हैं। महाराष्ट्र में कई नदियां उफान में हैं। भारी बारिश से पहाड़ी राज्यों में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड में भी झमाझम बारिश के आसार हैं।

ओडिशा तट पर मानसून के दबाव के प्रभाव के कारण विदर्भ, दक्षिण छत्तीसगढ़ के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की संभावना है। आज यानी 20 जुलाई को दक्षिण ओडिशा, उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। अगले 4-5 दिन गुजरात में भी अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने जारी की है।

इन राज्यों में रेल अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने मध्य महाराष्ट्र में अत्यंत भारी वर्षा के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। गुजरात में 20 से 24 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। 20 से 22 जुलाई तक गुजरात में सौराष्ट्र में अत्यंत भारी बारिश का रेड अलर्ट है। मौसम विभाग के मुताबिक 21 और 22 जुलाई को उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश होगी। यहां 21 और 22 जुलाई को रेड अलर्ट जारी किया गया है।

इन राज्यों में ऑरेंज अलर्ट

21 जुलाई के लिए छत्तीसगढ़ में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 21 से 24 जुलाई तक कोंकण एंव गोवा और मध्य महाराष्ट्र में ऑरेंज अलर्ट है। उत्तराखंड में भी 23 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट है। पहाड़ी राज्यों में से एक हिमाचल प्रदेश में 22 और 23 जुलाई को बहुत भारी बारिश की संभावना है। तेंलागना और तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में ऑरेंज अलर्ट है। यहां बहुत भारी बारिश हो सकती है। 20 और 21 जुलाई को तटीय कर्नाटक में मौसम मेहरबान रहेगा। यहां भी मूसलाधार बारिश होने का अनुमान है। ओडिशा में भी ऑरेंज अलर्ट है। पूर्वी राजस्थान में भी भारी बारिश का अनुमान है।

पिछले 24 घंटे में यहां हुई भारी बारिश

पिछले 24 घंटे में कोंकण और गोवा, पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, तटीय कर्नाटक, सौराष्ट्र और कच्छ में भारी से बहुत भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

तेलंगाना के मेडचल-मलकजगिरी जिले में एक दुखद घटना में कार और लॉरी की टक्कर हो गई, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई। वहीं दो अन्य लोग घायल हो गए।

घटना शुक्रवार शाम को डुंडीगल में बाहरी रिंग रोड सर्विस रोड पर हुई। पुलिस ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि कार में कुल पांच लोग सवार थे। फिलहाल मामला दर्ज कर लिया गया है।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

एएनआई ने डुंडीगल पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर शंकरैया के हवाले से बताया, 'एक कार और लॉरी की टक्कर में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और दो घायल हो गए। यह घटना कल शाम डुंडीगल में आउटर रिंग रोड सर्विस रोड पर हुई। कुल पांच लोग कार में यात्रा कर रहे थे। मामला दर्ज कर लिया गया है।'

 

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