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नई दिल्ली । इंडियन नेवी की न्यूक्लियर सबमरीन ‘आईएनएस अरिघात  स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड (एसएफसी) का हिस्सा बन गई है। यह भारत की दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन है। आधिकारिक तौर पर इसके शामिल होने के बाद भारत के पास 2  न्यूक्लियर सबमरीन हो जाएंगी। इससे पहले साल 2016 में स्वदेशी न्यूक्लियर सबमरीन आईएनएस अरिहंत को जंगी बेड़े में शामिल किया था।

अरिघात शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है। संस्कृत में इसका अर्थ है- दुश्मनों का संहार करने वाला। भारत की इस दूसरी न्यूक्लियर सबमरीन को विशाखापट्टनम स्थित शिपयार्ड में बनाया गया है। आईएनएस अरिघात समुद्र से 750 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली के -15 बैलिस्टिक मिसाइल (न्यूक्लियर) से लैस है। इतना ही नहीं इंडियन नेवी इस सबमरीन को 4000 किलोमीटर तक मार करने वाली के-4 मिसाइल से भी लैस करेगी।

नई दिल्ली। गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ के कारण 939 सड़कों में आवागमन बंद कर दिया गया है। गुजरात में पिछले 4 दिन से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। यहां मौसम विभाग ने गुरुवार को गुजरात, उत्तराखंड समेत 19 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 

गुजरात में बारिश और बाढ़ के कारण हुए हादसों में अब तक 28 लोगों की मौत हुई है। वहीं 18 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने सीएम भूपेंद्र पटेल से फोन पर चर्चा कर गुजरात की बाढ़ व हालात का जायजा लिया था। भारतीय महिला टीम की स्पिनर राधा यादव और उनका परिवार वडोदरा में बाढ़ में फंस गए थे, जिन्हें बुधवार को नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला था। जानकारी अनुसार गुजरात में 7 नेशनल हाइवे, 66 स्टेट हाइवे, 92 अन्य सड़कें और 774 पंचायत सड़कें कुल मिलाकर 939 सड़कें बंद हैं। 238 तहसीलें भारी बारिश के चलते आई बाढ़ की चपेट में हें। 

 

नई दिल्ली। अब भारतीय छात्रों को हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाकर पढ़ाई करने की जरुरत नहीं है। विदेशी विश्वविद्यालय ही भारत में खोले जाएंगे। इसकी शुरुआत यूनाइटेड किंगडम में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन से हो गई है। क्यूएस रैंकिंग में यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन को दुनिया की टॉप 100 यूनिवर्सिटीज में शामिल किया गया है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन का भारतीय कैंपस हरियाणा के गुरुग्राम में स्थापित किया जाएगा। जो स्टूडेंट्स विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर सपनों को नई उड़ान देना चाहते हैं, उनके लिए यह अवसर बहुत मायने रखता है। अब वह भारत में रहकर ही विदेशी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर सकते हैं। एनईपी-2020 के तहत कई विदेशी यूनिवर्सिटी को भारत में कैंपस खोलने की परमिशन दी गई है।

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन के भारतीय कैंपस में दी जाने वाली डिग्रियां ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के बराबर ही होंगी। भारतीय कैंपस में सुविधाएं भी वही जाएंगी, जो यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन में दी जाती हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की गुणवत्ता भी यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन के समान होगी। दोनों कैंपस के स्टूडेंट्स के बीच में किसी तरह का फर्क नहीं किया जाएगा। यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन के भारतीय कैंपस से जुड़ी डिटेल्स दी हैं। उम्मीद की जा रही है कि विदेशी यूनिवर्सिटी का कैंपस जुलाई 2025 में शुरू हो जाएगा। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन के भारतीय कैंपस में रिसर्च, साइंस और बिजनेस जैसे कोर्सेस पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। ब्रिटेन की इस यूनिवर्सिटी के भारतीय कैंपस में बिजनेस और मैनेजमेंट, कंप्यूटिंग, लॉ, इंजीनियरिंग, आर्ट्स, साइंस समेत कई विषयों की डिग्री मिलेगी। ब्रिटेन के स्टूडेंट्स भी यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन के भारतीय कैंपस में एडमिशन ले पाएंगे। इससे उन्हें भारत में रहकर अध्ययन करने का मौका मिलेगा। अभी तक के प्लान के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन के भारतीय कैंपस में 100 डिग्री कोर्स शुरू होंगे। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथेम्पटन के अलावा कई अन्य यूनिवर्सिटी भी भारत में कैंपस खोलने की तैयारी में हैं। एक ऑस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी ने गुजरात की स्मार्ट सिटी में अपना कैंपस खोलने की रजामंदी भी दी थी।

 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया कि एक महिला अपने स्त्रीधन की एकमात्र मालकिन है। इसमें विवाह के समय उसके माता-पिता द्वारा दिए गए सोने के आभूषण और अन्य सामान शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तलाक के बाद महिला के पिता को उसके पूर्व ससुराल वालों से उन उपहारों को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं है। पी वीरभद्र राव की बेटी की शादी दिसंबर 1999 में हुई थी और शादी के बाद पति और पत्नी दोनों अमेरिका चले गए थे। शादी के 16 साल बाद बेटी ने तलाक के लिए अर्जी दी। मिसौरी में लुइस काउंटी सर्किट कोर्ट ने फरवरी 2016 में आपसी सहमति से तलाक को मंजूरी दे दी। संपत्ति और वित्तीय मामले एक अलगाव समझौते के जरिये दोनों पक्षों के बीच सुलझाए गए थे।

इसके बाद महिला ने मई 2018 में दोबारा शादी कर ली। तीन साल बाद पी वीरभद्र राव ने हैदराबाद में अपनी बेटी के पूर्व ससुराल वालों के खिलाफ उसका स्त्रीधन वापस करने के लिए एफआईआर दर्ज कराई। महिला के ससुराल वालों ने एफआईआर को रद्द करने के लिए तेलंगाना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वे असफल रहे। फिर उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने ससुराल वालों के खिलाफ मामला खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट कहा कि पिता के पास अपनी बेटी के स्त्रीधन को वापस मांगने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वह पूरी तरह से उसका था।जस्टिस करोल ने फैसला लिखते हुए कहा कि ‘आम तौर पर मंजूर नियम, जिसे न्यायिक रूप से मान्यता हासिल है, यह है कि महिला को स्त्रीधन पर पूरा अधिकार है। अदालत महिला (पत्नी या पूर्व पत्नी, जैसा भी मामला हो) के स्त्रीधन की एकमात्र मालिक होने के एकमात्र अधिकार के संबंध में साफ है। पति के पास कोई अधिकार नहीं है, और तब यह आवश्यक रूप से निष्कर्ष निकाला जाना चाहिए कि जब बेटी जीवित है, स्वस्थ है और अपने स्त्रीधन की वसूली जैसे निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम है, तो पिता के पास भी कोई अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि ‘आपराधिक कार्यवाही का उद्देश्य गलत काम करने वाले को न्याय के कटघरे में लाना है। यह उन लोगों के खिलाफ बदला लेने या प्रतिशोध लेने का साधन नहीं है, जिनके साथ शिकायतकर्ता की दुश्मनी हो सकती है।’ पिता के खिलाफ एक और पहलू यह था कि उन्होंने शादी के दो दशक से अधिक समय बाद, तलास होने के पांच साल बाद और अपनी बेटी के फिर से शादी के तीन साल बाद ‘स्त्रीधन’ की वसूली के लिए आपराधिक कार्यवाही शुरू की। 

 

श्रीनगर। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की नई सूची जारी कर दी है। इस बार बीजेपी ने सिर्फ़ 15 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इससे पहले पार्टी ने 44 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी, लेकिन कुछ ही समय बाद उसने उस सूची को वापस ले लिया।

 

बता दें कि, इस साल जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होगा। दूसरे और तीसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा। मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।

नई दिल्ली । मोदी सरकार ने केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि इन जिलों के नाम जंस्कार, द्रास, शाम, नुबरा और चांगथांग है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि लद्दाख को समृद्ध बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने पूरा करने के लिए गृह मंत्रालय ने पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है। इससे लद्दाख के लोगों को बेहतर प्रशासन और सेवाएं उपलब्ध होगी।

बता दें कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया था। इसके बाद लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया। फिलहाल लद्दाख में दो ही जिले थे। एक कारगिल और दूसरा लेह। वहीं नए जिलों के साथ कुल संख्या सात होगी। 31 अक्टूबर 2019 को लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश बना था। लद्दाख का कारगिल जिला मुस्लिम बहुल है। यहां के लोग आजीविका के लिए सिंधु नदी और कृषि पर निर्भर हैं। लद्दाख ट्रांस हिलाय क्षेत्र में आता है। लद्दाख के लेह में एक मात्र हलाई अड्डा है। इसका नाम कुशोक बकुला रिम्पोची एयरपोर्ट है। लद्दाख में ठंड के मौसम में भयंकर बर्फबारी होती है। यहां लेह जिले में बौती और कारगिल में हिंदू, उर्दू, पुरखी और अंग्रेजी भाषा बोली जाती है। बौती एक तिब्बती भाषा है। लद्दाख में पर्यटन राजस्व का मुख्य स्रोत है। जांस्कर जिले का नाम झील के नाम पर रखा गया है। यहां जांस्कर नाम की झील है।

लद्दाख में पांच नए जिले बनने के शाह के फैसले की पीएम मोदी ने की तारीफ 

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में केंद्र सरकार ने पांच नए जिले बनाने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को सोशल मीडिया के जरिए दी। गृह मंत्रालय के इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। पीएम मोदी ने इस फैसले की तारीफ करते हुए सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, लद्दाख में पांच नए जिलों का निर्माण बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम है। ज़ांस्कर, द्रास, शाम, नुबरा और चांगथांग पर अब ज्यादा ध्यान केंद्रित दिया जाएगा, जिससे सेवाओं और अवसरों लोगों के और भी करीब लाएंगे। वहां के लोगों को बधाई।

 

मथुरा ।   मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास पूरे ब्रज में हिलोर ले रहा है। कान्हा के स्वागत को ब्रज स्वर्ग सा सजा गया है। सोमवार मध्यरात्रि 12 बजे घर-घर कन्हाई जन्म लेंगे। हर घर में मंगल बधाई गीत गूजेंगे। उनके दर्शन के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु ब्रज में आ चुके हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर मुख्य उत्सव का आयोजन होगा। यहां सुबह 5:30 बजे से रात्रि 1:30 बजे तक निरंतर प्रवेश रहेगा। वहीं, ब्रज के सभी छोटे-बड़े मंदिर, चौराहों को भी सजाया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर पुलिस, पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है। खुफिया एजेंसियों के अनुमान के मुताबिक 50 लाख से अधिक श्रद्धालु कृष्ण जन्मोत्सव के गवाह बनेंगे। लल्ला के स्वागत में पूरा ब्रज ही नहीं देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालु आतुर हैं। मथुरा-वृंदावन के प्रमुख मंदिरों में सोमवार रात 12 बजे कन्हैया के जन्म लेते ही माहौल हाथी-घोड़ा पालकी जय कन्हैयालाल की जयघोष से गूंज उठेगा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, द्वारिकाधीश मंदिर, प्रेम व इस्कॉन मंदिर में दर्शन के लिए रविवार को ही हजारों लोग उमड़ पड़े और यह सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। रोशनी से नहाए इन मंदिरों की आभा हर किसी को आकर्षित कर रही थी। विद्युत झालरों से सजे इन मंदिरों को देख लोगों के कदम वहीं थम गए। उधर, सेवायत गोस्वामी उल्लास के साथ बधाई गुनगुनाते नजर आए। बांकेबिहारी मंदिर, इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर एवं वृंदावन के प्राचीन सप्त देवालयों को शिखर से लेकर चौखट तक रंगबिरंगी विद्युत झालरों से सजाया गया है। मंदिर के अंदर चौक और गर्भगृह को देशी-विदेशी सुगंधित पुष्पों आर गुब्बारों से सजाया गया है। इस्कॉन मंदिर, प्रेम मंदिर, चंद्रोदय मंदिर समेत प्राचीन सप्त देवालयों को भी रोशनी से सजाया गया है, जो कि देशभर से आए श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर आज यह रहेंगे कार्यक्रम

 

श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर सोमवार प्रातः दिव्य शहनाई एवं नगाड़ों के सुमधुर वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन प्रातः 5:30 बजे से होंगे। प्रातः 8:00 बजे भगवान का दिव्य पंचामृत अभिषेक होगा। भगवान के पवित्र स्त्रोतों का पाठ एवं पुष्पार्चन होगा। सुबह 9:00 बजे भव्य पुष्पांजलि एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव संकल्प का अलौकिक कार्यक्रम श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार के श्रीचरणों में भागवत-भवन के प्रांगण में होगा। भगवान का कमल-पुष्प एवं तुलसीदल से पुष्पार्चन, मंगलार्चन एवं वेदमंत्रों के मध्य किया जाएगा। ब्रज के उत्कृष्ट गायक इस अवसर पर ठाकुरजी के सम्मुख दिव्य भजन-गायन की प्रस्तुति देंगे। जन्म महाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात्रि 11:00 बजे श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन से आरंभ होगा। उसके बाद 1008 कमल-पुष्पों से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन करते हुए आह्वान किया जाएगा। रात्रि 12:00 बजे भगवान का प्राकट्य होगा। इसी के साथ महाआरती शुरू होगी, जो रात्रि 12:10 बजे तक चलेगी। श्रीठाकुर जी के जन्माभिषेक कामधेनु स्वरूपा गऊ द्वारा रात्रि 12:10 बजे से रात्रि 12:25 बजे तक किया जाएगा। इसके बाद रजत कमल पुष्प में विराजित श्रीठाकुरजी का जन्म महाभिषेक रात्रि 12:25 बजे से 12:40 बजे तक होगा। इसके बाद ठाकुरजी की शृंगार आरती रात्रि 12:45 बजे से 12:50 बजे तक होगी। श्रद्धालुओं का प्रवेश रात्रि 1:30 बजे तक होगा।

चेन्नई । साउथ की मशहूर एक्ट्रेस और भाजपा नेता नमिता को तमिलनाडु के प्रख्यात मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में घुसने नहीं दिया गया। उनसे हिंदू होने का सबूत पेश करने के लिए कहा गया, जाति प्रमाण पत्र मांगा गया। नमिता ने कहा कि मेरे बेटे का नाम भगवान कृष्ण के नाम से है और मैं पूरी तरह से हिंदू हूं लेकिन, मंदिर अधिकारियों द्वारा मेरे साथ किया गया व्यवहार उचित नहीं था।

तमिलनाडु में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की सदस्य नमिता ने आरोप लगाया कि मंदिर के एक अधिकारी ने उन्हें दर्शन करने से रोका और हिंदू होने का सबूत पेश करने के लिए कहा। उन्होंने बाद में पत्रकारों से कहा, “उन्होंने मुझसे यह साबित करने के लिए प्रमाण पत्र मांगा कि मैं हिंदू हूं और साथ ही मेरा जाति प्रमाण पत्र भी मांगा। मैंने देश में जितने भी मंदिरों के दर्शन किए, उनमें मुझे ऐसी पीड़ा नहीं झेलनी पड़ी। ”

एक्ट्रेस बोली- मेरे बेटे का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर नमिता ने कहा कि यह सर्वविदित तथ्य है कि वह हिंदू परिवार में जन्मी हैं और उनकी शादी तिरुपति में हुई थी तथा उनके बेटे का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर रखा गया था। उन्होंने कहा, “ऐसा होने पर उन्होंने अशिष्टता और अहंकार से बात की तथा मेरी जाति व मेरे धर्म को साबित करने के लिए प्रमाण पत्र मांगा।”

मंदिर के अधिकारियों की सफाई मंदिर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने मास्क पहनी हुईं नमिता और उनके पति को रोककर पूछा कि क्या वे हिंदू हैं। अधिकारी ने कहा कि उन्होंने अभिनेत्री को मंदिर की परंपरा के बारे में बताया। उन्होंने कहा, उनके स्पष्टीकरण के बाद उनके माथे पर कुमकुम लगाया गया और उन्हें देवी मीनाक्षी के दर्शन के लिए मंदिर के अंदर ले जाया गया।

नई दिल्ली। बांग्लादेश के सीमावर्ती जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। पड़ोसी देश ने इसका ठीकरा भारत पर फोड़ा। भारत ने इसे खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने अपने में कहा कि हमने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि बांग्लादेश की पूर्वी सीमा पर स्थित जिलों में बाढ़ की मौजूदा स्थिति त्रिपुरा में गुमटी नदी के ऊपर डंबूर बांध के खुलने के कारण हुई। यह तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और बांग्लादेश से होकर बहने वाली गुमटी नदी के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों भारी बारिश हुई। बांग्लादेश में बाढ़ मुख्य रूप से बांध के नीचे की ओर बड़े जलग्रहण क्षेत्रों के पानी के कारण है। डंबूर बांध सीमा से काफी दूर है। यह बांग्लादेश से 120 किलोमीटर ऊपर स्थित है।

त्रिपुरा और बांग्लादेश के आसपास के जिलों में बुधवार से भारी बारिश हो रही है। भारी बाढ़ की स्थिति में स्वचालित रूप से पानी छोड़ा जाता है। अमरपुर स्टेशन द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का हिस्सा है, जिसके तहत भारत-बांग्लादेश को वास्तविक समय में बाढ़ के आंकड़े भेज रहा हैं।

21 अगस्त 2024 को तीन बजे तक के बांग्लादेश को बाढ़ के बढ़ते रुझान को दर्शाने वाले आंकड़े भेजे गए। 6 बजे बाढ़ के चलते बिजली गुल हो गई, जिससे संचार में समस्याएं पैदा हो गईं। फिर भी भारत ने संचार बनाए रखने की कोशिश की। भारत और बांग्लादेश के बीच आम नदियों में बाढ़ एक समस्या है, जिससे दोनों देशों के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 

नई दिल्ली। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद से ही देशभर के डॉक्टरों का गुस्सा फूट पड़ा है। ये मामला बीते कई दिनों से गर्माया है। देशभर में रेजिडेंट डॉक्टर इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं दिल्ली में रेजिडेंट डॉक्टरों का अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार को भी जारी रहा है। 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से काम पर लौटने का अनुरोध किया था। विरोध प्रदर्शन के चलते दिल्ली के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले मंगलवार को इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की सुरक्षा देने के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया।

वाइस एडमिरल आरती सरीन की अध्यक्षता वाली दस सदस्यीय टास्क फोर्स को तीन सप्ताह के अंदर अपनी अंतरिम रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हालाँकि, कुछ डॉक्टर्स एसोसिएशनों ने टास्क फोर्स की संरचना पर असंतोष जताया है। उन्होंने कहा कि हम टास्क फोर्स के सदस्यों के चयन के आधार को नहीं समझ पा रहे हैं। इसमें रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए था, जिसकी हम वकालत करते रहे हैं। इसमें सरकारी मेडिकल कॉलेजों के प्रोफेसरों का भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए, क्योंकि हिंसा की घटनाएं मुख्य रूप से सरकारी अस्पतालों में होती हैं, निजी अस्पतालों में नहीं।

इस बीच, अखिल भारतीय चिकित्सा महासंघ ने एनटीएफ की सिफारिशों के लागू होने तक डॉक्टरों के लिए अंतरिम सुरक्षा की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चल रही कार्यवाही में हस्तक्षेप की मांग करते हुए याचिका में कहा गया है कि डॉक्टरों को अक्सर हिंसा और उनकी सुरक्षा खतरे की घटनाओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि रेजिडेंट डॉक्टरों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व हो, क्योंकि वे नियमित आधार पर वास्तविक समय की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।  

याचिका में अस्पताल और छात्रावास के प्रवेश और निकास द्वार और गलियारे क्षेत्रों सहित सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है। याचिका में प्रमुख मांगों में सीसीटीवी लगाना, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के प्रावधानों का सख्त अनुपालन, आपातकालीन स्थितियों में स्वास्थ्य कर्मियों को तत्काल मदद देने के लिए 24 घंटे संकट कॉल सुविधा स्थापित करना शामिल है।

 

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