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नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में बेरोजगारी की दर दो साल के उच्चतम स्तर पर चले जाने संबंधी खबर को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी ने ‘सूटबूट वाले दोस्तों को फायदा पहुंचाने और युवाओं के सपने को मिट्टी में मिलाने का काम किया है।’गांधी ने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘‘2014-ठग विद्या 1: मुझे प्रधानमंत्री बनाओ, मैं 2 करोड़ रोज़गार दिलाऊँगा। 2016-ठग विद्या 2: नोटबंदी में मेरा साथ दो, मैं काला धन वापस लाऊंगा।2018- असलियत: सूट बूट वाले दोस्तों को राफेल में उड़ाऊंगा, नौजवानों के सपने मिट्टी में मिलाऊँगा।’’
 
दरअसल, थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सीएमआईई) के मुताबिक इस साल अक्टूबर में देश में बेरोजगारी की दर 6.9 फीसदी पर पहुंच गई है जो पिछले दो सालों में सबसे ज्यादा है। श्रमिक भागीदारी भी घटकर 42.4 फीसदी पर पहुंच गया है जो जनवरी 2016 के आंकड़ों से बी नीचे है। 

घरेलू रसोई गैस और महंगी हो गई है। सरकार के एलपीजी डीलरों के कमीशन बढ़ाये जाने के बाद भारतीय घरों में पहुंचने वाली एलपीजी गैस सिलेंडर की दरों में यह बढ़ोतरी हो गई है। एलपीजी कीमत में दो रुपये प्रति सिलेंडर की कीमत की बढ़ोतरी की गयी है। 

 

सार्वजनिक क्षेत्र की खुदरा ईंधन कंपनियों की कीमत अधिसूचना के अनुसार 14.2 किलो के सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की दिल्ली में कीमत 507.42 रुपये होगी जो पहले 505.34 रुपये थी। 

इससे पहले, पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीलर कमीशन बढ़ाने का आदेश दिया था। आदेश में मंत्रालय ने कहा कि 14.2 किलो और 5 किलो के सिलेंडर पर घरेलू एलपीजी वितरकों का कमीशन पिछली बार सितंबर 2017 में क्रमश: 48.89 रुपये तथा 24.20 रुपये नियत किया गया था।

आदेश के अनुसार एलपीजी वितरकों के कमीशन की नये सिरे से समीक्षा के लिये अध्ययन के लंबित होने के बीच परिवहन लागत, वेतन आदि में वृद्धि को देखते हुए अंतरिम उपाय के रूप में वितरकों का कमीशन 14.2 किलो के सिलेंडर के लिये बढ़ाकर 50.58 रुपये प्रति सिलेंडर तथा 5 किलो के सिलेंडर के मामले में 25.29 रुपये करने का फैसला किया गया है।

इस महीने यह दूसरा मौका है जब एलपीजी सिलेंडर के दाम बढ़ाये गये हैं। इससे पहले, एक नवंबर को मूल कीमत पर कर के कारण प्रति सिलेंडर 2.84 रुपये की वृद्धि की गयी थी। जून से एलपीजी सिलेंडर के दाम हर महीने बढ़े हैं। इसका कारण उच्च मल कीमत पर जीएसटी भुगतान है और कुल मिलाकर कीमत 16.21 रुपये बढ़ा है।

मुंबई में 14.2 किलो के एलपीजी सिलेंडर की लागत अब 505.05 रुपये जबकि कोलकाता में 510.70 रुपये तथा चेन्नई में 495.39 रुपये होगी। विभिन्न राज्यों में स्थानीय करों तथा परिवहन लागत के कारण दाम अलग-अलग हैं।

जम्मू। भारत और पाकिस्तान के सैनिकों ने दिवाली की पूर्व संध्या पर मंगलवार को जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर एक दूसरे को मिठाइयां दी। उन्होंने एक दूसरों को त्योहार की शुभकामनाएं भी दीं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने एक ट्वीट में कहा, "दिवाली के अवसर पर, विश्वास बहाली उपाय के तहत, भारतीय और पाकिस्तान सेनाओं ने छह नवंबर को पुंछ और मेंधर में मिठाइयों का आदान-प्रदान किया गया।" दोनों सेनाओं ने एक दूसरे को मिठाइयों के साथ शुभकामनाएं भी दी। 

इस बीच, एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि जनरल ऑफिसर कमांडिंग, ‘‘फायर एंड फ्यूरी कोर’’ लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी ने दिवाली की पूर्व संध्या पर पश्चिमी लद्दाख के दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में शून्य से कम तापमान में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की।प्रवक्ता ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने सैनिकों और उनके परिवारों को बधाई दी। बाद में लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और सैनिकों के साथ बातचीत की।
दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और इसे देश में ही नहीं अब तो विदेशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। रोशनी के इस त्योहार की छटा भारत के हर कोने में देखते ही बनती है। दीपावली के दिन मां लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व है। इसलिए मां लक्ष्मी की आराधना में हर कोई काफी पहले से जुट जाता है। लक्ष्मी जी के स्वागत और उनको प्रसन्न करने के लिए दीपावली से काफी समय पहले ही लोग अपने घरों की पुताई सफाई करवाते हैं और घर पर विभिन्न प्रकार की रोशनी करते हैं ताकि मां लक्ष्मी उनके घर की ओर आकर्षित हो सकें और उनकी कृपा हासिल की जा सके।
 
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त
 
इस वर्ष दीपावली पर माँ लक्ष्मी जी की पूजा का मुहूर्त 17 बजकर 57 मिनट से लेकर 19 बजकर 53 मिनट तक है और पूजा मुहूर्त की कुल अवधि 1 घंटा 55 मिनट की रहेगी। इसके अलावा महानिशिता काल 23 बजकर 38 मिनट से लेकर 24 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इस अवधि में माँ लक्ष्मी की पूजा से विशेष लाभ होना निश्चित है। इसके अलावा भी कई अन्य उपाय हैं जिनसे मां लक्ष्मी को प्रसन्न किया जा सकता है। जरूरत है तो बस सच्चे मन से उनका ध्यान करने की। भक्त चाहे अमीर हो या गरीब, मां लक्ष्मी सब पर कृपा करती हैं।
 
दीपावली के दिन सामूहिक पूजन में भाग लेने के बाद यदि संभव हो तो रात्रि पूजन अवश्य करें। इसके लिए श्रीयंत्र, कुबेर यंत्र, कनक धारा श्री यंत्र और लक्ष्मी यंत्र को मंदिर में स्थापित कर पूजन करें। इस दौरान कमल गट्टे की माला लेकर 'ओम श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ओम महालक्ष्म्ये नमः' का जाप करें। इस मंत्र को जपने के दौरान यदि हवन में घी की आहुति भी डालें तो और अच्छा रहेगा।
 
पूजा की तैयारी ऐसे करें
 
घर की सफाई करके लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी में दीवारों को रंग कर लक्ष्मीजी का चित्र बनाएं। संध्या के समय विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाएं। लक्ष्मीजी के चित्र के सामने एक चौकी रखें। इसे मोली बांधें। इस पर मिट्टी के गणेशजी स्थापित करें। उसे रोली लगाएं। दो सामान्य दीपक और छह चौमुखे दीपक बनाएं तथा 26 छोटे दीपक रखें। इनमें तेल तथा बत्ती डालकर धूप आदि सहित पूजा करें। पूजा पहले पुरुष करें बाद में स्त्रियां। पूजा करने के बाद एक एक दीपक घर के कोनों पर जलाकर रखें। एक छोटा तथा एक चौमुखा दीपक रखकर लक्ष्मीजी की मूर्ति रखकर विधिवत पूजन करें। अपनी इच्छानुसार घर की बहुओं को रुपए दें। लक्ष्मी पूजन रात के समय बारह बजे करना चाहिए। इस समय एक पाट पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर एक जोड़ी लक्ष्मी तथा गणेश जी की जोड़ी रखें। समीप ही रुपए, सवासेर चावल, गुड़, केले, मूली, हरी ग्वार फली तथा पांच लड्डू रखकर सारी सामग्री सहित लक्ष्मी गणेश का पूजन करके लड्डुओं से भोग लगाओ। दीपकों का काजल सब स्त्री पुरुषों की आंखों में लगाना चाहिए। रात्रि जागरण करके गोपालसहस्त्र का पाठ करना चाहिए। इस दिन घर में बिल्ली आए तो उसे भगाना नहीं चाहिए। बड़ों के चरणों की वंदना करनी चाहिए। दुकान गद्दी की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए।
 
रात को बारह बजे दीपावली पूजन के उपरांत चूने अथवा गेरु में रुई भिगोकर चक्की, चूल्हा, सिल्ल, लोढ़ा तथा छाज (सूप) का तिलक काढ़ना चाहिए। दूसरे दिन चार बजे प्रातःकाल उठकर पुराने छाज में कूड़ा रखकर कूड़े को दूर फेंकने के लिए ले जाते हुए कहते जाओ− लक्ष्मी आओ, दरिद्र जाओ। इसके बाद लक्ष्मी जी कथा सुनें।
 
माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु के पूजन की विधि
 
आचमन प्राणायाम करके संकल्प के अंत में− स्थिरलक्ष्मीप्राप्त्र्यथं श्रीमहालक्ष्मीप्रीत्र्यथं सर्वारिष्टनिवृत्तिपूर्वकसर्वाभीष्टफलप्राप्त्र्यथम् आयुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धर्यथं व्यापारे लाभार्थं च गणपति नवग्रह कलशादि पूजनपूर्वकं श्रीमहाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती लेखनी कुबेरादीनां च पूजनं करिष्ये कहकर जल छोड़ें। इसके बाद गणपति, कलश और नवग्रह आदि का पूवोक्त विधि से पूजन करके महालक्ष्मी का पूजन करें।
 
कई लोग लक्ष्मी पूजन के समय सिर्फ उन्हीं की तस्वीर की पूजा करते हैं। मां लक्ष्मी अपने पति भगवान श्री विष्णु के बगैर कहीं नहीं रहतीं इसलिए उनकी तस्वीर अथवा मूर्ति के साथ भगवान श्री विष्णु की तस्वीर या मूर्ति होना भी आवश्यक है। इसके अलावा मां लक्ष्मी के साथ ही भगवान श्री गणेश की भी तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर विधिपूर्वक पूजन करना चाहिए। तभी मां लक्ष्मी का वहां स्थायी वास होता है। इसके अलावा पूजन के समय वहां शालिग्राम, शंख, तुलसी और अनंत महायंत्र भी होना चाहिए। मां लक्ष्मी चूंकि समुद्र देवता की पुत्री हैं इसलिए पूजन के समय मंदिर में यदि कुबेर पात्र, मोती और शंख इत्यादि भी हों तो अच्छा रहेगा।
 
मां लक्ष्मी को कमल बेहद पसंद है। उनका एक नाम कमला भी है। मां लक्ष्मी को पूजन के समय कमल अर्पित किया जाए तो वह बेहद प्रसन्न होती हैं। इसके अलावा कमल गट्टे की माला से उनका पूजन भी किया जाता है। कमल गट्टे की माला लेकर 'ओम श्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद मम गृहे आगच्छ आगच्छ महालक्ष्म्ये नम:' का जाप करें। नित्य यदि यह जाप करें तो और भी अच्छा एवं फलदायक होगा।
 
मान्यताएं
 
दीपावली पूजन के अलावा इस पर्व के बारे में कुछ मान्यताएं भी प्रचलित हैं जैसे कि हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि त्रेता युग में इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास और रावण का वध करने के बाद अयोध्या लौटे थे। इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने समूची नगरी को दीपों के प्रकाश से जगमग कर जश्न मनाया था और इस तरह तभी से दीपावली का पर्व मनाया जाने लगा।
 
इसके अलावा बौद्धों के प्राकृत जातक में दिवाली जैसे त्योहार का जिक्र है जिसका आयोजन कार्तिक महीने में किया जाता है। जैन लोग इसे महावीर स्वामी के निर्वाण से जोड़ते हैं। कहा जाता है कि करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी की रात में पावा नगरी में भगवान महावीर का निर्वाण हुआ। महावीर के निर्वाण की खबर सुनते ही सुर असुर मनुष्य नाग गंधर्व आदि बड़ी संख्या में एकत्र हुए। रात अंधेरी थी इसलिए देवों ने दीपकों से प्रकाश कर उत्सव मनाया और उसी दिन कार्तिक अमावस्या को प्रातः काल उनके शिष्य इंद्रमूर्ति गौतम को ज्ञान लक्ष्मी की प्राप्ति हुई। तभी से इस दिन दीपावली मनाई जाने लगी।
 
दीपावली के बारे में एक मान्यता यह भी है कि जब राजा बलि ने देवताओं के साथ लक्ष्मी जी को भी बंधक बना लिया तब भगवान विष्णु ने वामन रूप में इसी दिन उन्हें मुक्त कराया था। पुराणों में कहा गया है कि दीपावली लक्ष्मी के उचित उपार्जन और उचित उपयोग का संदेश लेकर आती है।
 
- शुभा दुबे
केदारनाथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दीपावली के पर्व पर उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदारनाथ धाम पहुंचे और भगवान के दर्शन तथा पूजा—अर्चना की। मंदिर के कपाट बंद होने से दो दिन पूर्व मंदिर के दर्शन करने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के साथ उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्रे सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह भी मौजूद थे। मंदिर के अंदर करीब 10—15 मिनट पूजा करने के बाद मोदी ने मंदिर की परिक्रमा की और पिछले कुछ दिनों में धाम में हुई बर्फबारी से खूबसूरत हुए नजारे का भी दीदार किया। प्रधानमंत्री ने मंदिर प्रांगण में लगायी गयी केदारनाथ की तस्वीरों का भी अवलोकन किया जिसमें वर्ष 2013 में आयी प्रलयंकारी भीषण आपदा से उजड़ गये क्षेत्र के पुनर्निर्माण की यात्रा को दर्शाया गया था।
मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग 'आस्था पथ' के दोनों ओर खडे़ श्रद्धालुओं तथा स्थानीय लोगों का भी प्रधानमंत्री ने हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया और उन्हें दीपावली की शुभकामनायें भी दीं। मोदी ने केदारनाथ मंदिर के चारों तरफ घूम—घूम कर वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों तथा व्यवस्था का भी जायजा लिया। प्रधानमंत्री ने इसके अलावा धीमी गति से चल रहे एक विशेष वाहन में बैठकर मंदाकिनी नदी के किनारे केदारपुरी में पुनर्निर्माण परियोजनाओं का भी निरीक्षण किया। आपदा में क्षतिग्रस्त होने के बाद पुनर्निर्मित उदक कुंड का भी उन्होंने अवलोकन किया।

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकी ढेर हो गए। उनमें से एक आतंकी, पहले सेना में था जो बाद में आतंकी संगठन में शामिल हो गया था। पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के जैनापोरा के सफानगरी इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने मंगलवार को तड़के घेराबंदी की और तलाशी अभियान चलाया था।

उन्होंने बताया कि जब तलाशी अभियान चल रहा था तब छिपे हुए आतंकियों ने बल पर गोलीबारी की। जवानों ने जवाबी गोलीबारी की जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई और दो आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों की पहचान मोहम्मद इदरिस सुल्तान उर्फ छोटा अबरार और आमिर हुसैन राथर उर्फ अबु सोबान के रूप में की गई। सुल्तान सफानगरी शोपियां का रहने वाला था जबकि सोबान अवनीरा शोपियां का रहने वाला था।

इंदौर। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत बताया है कि नोटबंदी के बाद वापस आये कुल 15,310.73 अरब रुपये मूल्य के विमुद्रित बैंक नोटों को नष्ट करने की प्रक्रिया इस वर्ष मार्च के आखिर में खत्म हो चुकी है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने आरटीआई कानून के एक प्रावधान का हवाला देते हुए यह जाहिर करने में असमर्थता जतायी है कि 500 और 1,000 रुपये के इन बंद हो चुके नोटों को नष्ट करने में सरकारी खजाने से कितनी रकम खर्च हुई। 

मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने मंगलवार को बताया कि उन्हें आरबीआई के मुद्रा प्रबंध विभाग के 29 अक्टूबर को भेजे पत्र से विमुद्रित बैंक नोटों को नष्ट किये जाने के बारे में जानकारी मिली। गौड़ की आरटीआई अर्जी पर आरबीआई के एक आला अधिकारी ने जवाब दिया, "मुद्रा सत्यापन एवं प्रसंस्करण प्रणाली (सीवीपीएस) की मशीनों के जरिये 500 एवं 1,000 रुपये के विनिर्दिष्ट बैंक नोटों (एसबीएन) को नष्ट किया गया। यह प्रक्रिया मार्च अंत तक खत्म हुई।" 
 
यहां एसबीएन से तात्पर्य 500 एवं 1,000 रुपये के बंद नोटों से है। आरटीआई के तहत यह भी बताया गया कि आठ नवंबर 2016 को जब नोटबंदी की घोषणा की गयी, तब आरबीआई के सत्यापन और मिलान के मुताबिक 500 और 1,000 रुपये के कुल 15,417.93 अरब रुपये मूल्य के नोट चलन में थे। विमुद्रीकरण के बाद इनमें से 15,310.73 अरब रुपये मूल्य के नोट बैंकिंग प्रणाली में लौट आये। 
आरटीआई के जवाब से स्पष्ट है कि नोटबंदी के बाद केवल 107.20 अरब रुपये मूल्य के विमुद्रित नोट बैंकों के पास वापस नहीं आ सके। 

बेंगलुरु। कर्नाटक में शनिवार को हुए उपचुनावों के लिए डाले गए मतों की गिनती आज सुबह से शुरू हो गई और शुरूआती रुझान के मुताबिक सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के उम्मीदवार लोकसभा की दो सीटों और विधानसभा की दो सीटों पर आगे चल रहे हैं। वहीं भाजपा शिवमोगा लोकसभा सीट पर आगे चल रही है। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस को बेल्लारी सीट पर बढ़त है और गठबंधन की उसकी सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) मांड्या संसदीय सीट पर आगे है।

दिल्ली कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कांग्रेस नेता पवन खेरा द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में बरी कर दिया है। 

 केजरीवाल ने साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर टेलीविजन प्रोग्राम में और प्रदर्शन के दौरान अभद्र टिप्पणी थी। इसी टिप्पणी के लिए शीला के राजनीतिक सचिव पवन खेड़ा ने केजरीवाल पर केस किया था जो अब तक चल रहा था। आरोप के मुताबिक, केजरीवाल ने दावा किया था कि शीला दीक्षित और बिजली कंपनियों के बीच गठबंधन था। 


  क्या है मामला
इस मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने याचिका दायर कर निचली अदालत में चल रहे मानहानि मामले की सुनवाई पर रोक लगाते हुये उसे खारिज करने की मांग की थी। मानहानि की यह शिकायत पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के राजनीतिक सचिव पवन खेड़ा ने 2012 में दायर की थी।

जस्टिस एके पाठक ने अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली सरकार व शिकायतकर्ता पवन खेड़ा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था। उस फैसले के मुताबिक सांसद व विधायकों के मामलों की सुनवाई एक साल के भीतर पूरी होनी चाहिये।

याचिका पर जिरह करते हुए वरिष्ठ सुधीर नंदराजोग ने कहा था कि मानहानि की यह शिकायत दायर करने का पवन खेड़ा को कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उनकी मानहानि नहीं हुई है। इसलिये इस मामले को खारिज किया जाना चाहिये।

पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पूर्व राजनीतिक सचिव पवन खेड़ा ने शिकायत दायर कर कहा था कि एक टीवी शो के दौरान अरविंद केजरीवाल ने अक्तूबर 2012 में बिजली की बढ़ी दरों पर बोलते हुये ऐसी बातें कही जिससे तत्कालीन मुख्यमंत्री की बदनामी हुई थी।

पटियाला हाउस अदालत ने इस शिकायत पर अरविंद केजरीवाल को 31 जनवरी 2013 को बतौर आरोपी समन जारी किया गया था। इस शिकायत पर अदालत ने 28 अक्तूबर 2013 को आरोप तय किये थे।

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