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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत की परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने अपनी पहली प्रतिरोध गश्त (डेटरेंस पेट्रोल) सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि यह पनडुब्बी उन लोगों को एक करारा जवाब है, जो परमाणु ब्लैकमेल में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह धनतेरस और अधिक खास हो गया। 

मोदी ने सिलिसलेवार ट्वीट कर कहा कि भारत का गौरव, परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत ने अपना प्रथम प्रतिरोध गश्त सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। मैं इस उपलब्धि के लिए इसमें शामिल सभी लोगों, खासतौर पर आईएनएस अरिहंत के चालक दल के सदस्यों को बधाई देता हूं। इस उपलब्धि को इतिहास में याद रखा जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह घटनाक्रम देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। आईएनएस अरिहंत देश को बाहरी खतरों से हिफाजत करने में मदद करेगा और क्षेत्र में शांतिपूर्ण माहौल में योगदान देगा।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘इस तरह के युग में एक विश्वसनीय परमाणु प्रतिरोध वक्त की दरकार है। आईएनएस अरिहंत की सफलता उन लोगों को एक करारा जवाब है जो परमाणु ब्लैकमेल में शामिल हैं।’ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक बयान में कहा गया है कि प्रधान मंत्री ने स्ट्रेटजिक स्ट्राईक न्युकिल्यर सबमरीन (एसएसबीन) परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के अधिकारियों और कर्मियों से भी मुलाकात की।

यी दिल्ली। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर देश की जनता अब अपना मन बनाने लगी है। इसी को लेकर एक सर्वे सामने आया है। बता दें कि यह सर्वे राजनैतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की संस्था आई-पैक (I-PAC) द्वारा कराया गया है। इस सर्वे में बताया गया है कि देश की पहली पसंद आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जबकि दूसरे पायदान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, तीसरे पायदान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं।

 
I-PAC ने चुनावी माहौल जानने के लिए 57 लाख लोगों को साथ लेकर एक ऑनलाइन सर्वे किया, इस सर्वे को पूरा करने में प्रशांत किशोर की संस्था को 55 दिनों का वक्त लगा। जिसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा 48 फीसदी लोगों ने पसंद किया है, वहीं सबसे कम पसंद किए जाने वालों में दलित नेता मायावती हैं, जिन्हें महज 3 फीसदी लोग प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।
 
जब बात प्रधानमंत्री बनने की हो और राहुल गांधी का नाम न आए, ऐसा भला कहां हुआ है। इस सर्वे के मुताबिक दूसरे सबसे लोकप्रिय नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल हैं, जिन्हें महज 11 फीसदी लोग प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी से अगर राहुल गांधी की तुलना की जाए तो इस आंकड़े में 400 फीसदी ज्यादा आगे हैं प्रधानमंत्री मोदी।
 
वहीं, केजरीवाल को 9 फीसदी, अखिलेश को 7 फीसदी और 4 फीसदी लोगों ने ममता बनर्जी को अपना वोट दिया है। इसके पहले भी आए सर्वे में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही जनता की पहली पसंद थे, सर्वे ने तो अपना मूड बना लिया है- अबकी बार फिर से मोदी सरकार... अब देखना यह दिलचस्प होगा कि चुनावों के जब नतीजे आते हैं तो यह सर्वे कितना सटीक साबित होता है।  

नयी दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने रविवार को कहा कि नरेंद्र मोदी अगले लोकसभा चुनाव के लिए मुसलमानों के पसंदीदा उम्मीदवार हैं क्योंकि प्रधानमंत्री ने उस डर को दूर कर दिया है, जिसे कई पार्टियों ने उनके नाम का इस्तेमाल कर इस समुदाय के लोगों के मन में बिठा दिया था।  हुसैन ने कहा कि मोदी पर मुसलमानों में, खासतौर पर महिलाओं के बीच विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘2019 के चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद के पसंदीदा उम्मीदवार नरेंद्र मोदी हैं क्योंकि वह देश के सभी 132 करोड़ लोगों को सिर्फ भारतीय के रूप में देखते हैं। जबकि अन्य पार्टियां उन्हें वोट बैंक के रूप में देखती हैं।’’ 

गौरतलब है कि भारत की 130 करोड़ की आबादी में मुसलमान करीब 14 फीसदी हैं। यह समुदाय उत्तर प्रदेश, बिहार झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल और जम्मू कश्मीर में लोकसभा सीटों में अच्छी खासी संख्या में सीटों पर चुनाव नतीजे में अहम भूमिका निभाता है। हुसैन ने देश के मुसलमानों में गरीबी और उनके पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पार्टी ने समुदाय के साथ अन्याय किया है जबकि मोदी ने उन्हें न्याय प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि 2014 में कुछ लोग नरेंद्र मोदी का नाम लेकर दूसरों को डराया करते थे। आज, मुस्लिम समुदाय में बड़ी संख्या में लोग यह महसूस कर रहे हैं कि वह (मोदी) दिन रात काम करने वाले व्यक्ति हैं। मोदी ने सभी 132 करोड़ भारतीयों के साथ समान व्यवहार किया है। 
 
हुसैन ने कहा कि अन्य पार्टियां मोदी और भाजपा की दहशत फैला कर मुसलमानों के वोट लिया करती हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने उस डर को दूर कर दिया है। भाजपा नेता ने कहा कि अब वे लोग देख रहे हैं कि मोदी सत्ता में हैं लेकिन इससे उन्हें कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी ने मुसलमानों के खिलाफ एक भी वाक्य नहीं कहा है। पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री के ‘श्मशान - कब्रिस्तान’ बयान की गलत व्याख्या की गई, जबकि उन्होंने दोनों का ध्यान रखने की हिमायत की थी। 
 
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी में कुछ लोग भले ही बयानबाजी (कुछ खास) कर रहे हों, लेकिन भाजपा प्रमुख अमित शाह और प्रधानमंत्री के दिए बयानों पर मुसलमानों को पूरा भरोसा है।  हुसैन ने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया गया है क्योंकि अतीत में अन्याय किया गया था और अब न्याय बहाल हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका पहले का नाम प्रयागराज बदल दिया गया था। उस गलती को ठीक करने के लिए क्या यह गलत (कदम) है? ’’ 
 
हुसैन ने राम मंदिर मुद्दे पर कहा कि भाजपा के लिए यह आस्था का विषय है, ना कि कोई चुनावी मुद्दा। उन्होंने कहा कि 29 अक्टूबर से (उच्चतम न्यायलय में) रोजाना सुनवाई होगी। हमे उम्मीद है कि इस मुद्दे का शीघ्र हल हो जाएगा और यह देश के सभी लोगों को स्वीकार्य होगा। हुसैन ने कहा कि कुछ लोग राम मंदिर के निर्माण के लिए एक कानून बनाए जाने की भी मांग कर रहे हैं। हर किसी को मांग करने का अधिकार है, उसे कोई कैसे रोक सकता है? सरकार के पास फैसला करने का अधिकार है और इसने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है। 
 
उन्होंने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के बारे में बात करते हुए भरोसा जताया कि भाजपा मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मिजोरम में हमारे समर्थन के बगैर सरकार नहीं बनेगी जबकि तेलंगाना में हम सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेंगे।’’ बिहार से पूर्व सांसद हुसैन ने कहा कि भाजपा, जदयू, लोजपा और रालोसपा उनके राज्य में साथ मिल कर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार नीत जदयू के साथ गठबंधन से बिहार में राजग की संभावनाएं मजबूत हुई हैं और गठबंधन राज्य में ‘‘मिशन 40’’ यानी सभी लोकसभा सीटें जीतने पर ध्यान केंद्रित कर रहा। 
 
हुसैन ने यह भी दावा किया कि पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम भाजपा की चुनावी संभावनाओं पर असर नहीं डालेंगे क्योंकि लोग जानते हैं कि ईंधन की समस्या वैश्विक है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 2019 में ज्यादा बड़े जनादेश के साथ सत्ता में आएगी।

नयी दिल्ली। भाजपा के पूर्व नेता और विचारक के एन गोविंदाचार्य ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि 1993 के कानून में सरकार अध्यादेश के द्वारा संशोधन करके राम जन्मभूमि परिसर की पूरी जमीन का अधिग्रहण करे जिससे अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो सके। पत्र में गोविंदाचार्य ने कहा है कि "राम जन्मभूमि की 2.77 एकड़ जमीन समेत पूरे परिसर की 67 एकड़ भूमि का स्वामित्व 1993 से केंद्र सरकार के पास है। केंद्र ने इसके लिए कानून बनाया था जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने 1994 के फैसले में मान्यता भी दे दी थी। भूमि के मिल्कियत विवाद में सरकार को भूमि अधिग्रहण का पूरा अधिकार है।"

गोविंदाचार्य ने कहा है कि "तत्कालीन नरसिंहा राव सरकार द्वारा बनाए गए उपरोक्त कानून में भूमि के इस्तेमाल पर लगाई गई पाबंदियों को भी उच्चतम न्यायालय ने सही ठहराया था। इसी वजह से मंदिर निर्माण में संवैधानिक अड़चन आ रही है।" उन्होंने मांग की है कि 1993 के कानून में सरकार अध्यादेश के द्वारा संशोधन करके राम जन्मभूमि परिसर की पूरी जमीन का अधिग्रहण करे जिससे रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो सके। भाजपा के पूर्व नेता ने सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति के रिकॉर्ड समय में निर्माण के लिए देशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि "इसी तेजी के साथ अयोध्या में श्री राम मंदिर जन्म भूमि पर मंदिर का निर्माण भी हो जाए तो जनता द्वारा आपके लिए दिया गया ऐतिहासिक जनादेश सार्थक होगा।" 
 
गोविंदाचार्य ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2011 में लगाई गई रोक और इस मामले में अंतिम सुनवाई शुरू नहीं होने का उल्लेख करते हुए सरकार से इस मामले में औपचारिक पक्षकार बनकर पूरा पक्ष प्रस्तुत करने की मांग की है। गोविंदाचार्य ने कहा है कि सिविल प्रोसिजर कोड कानून के तहत जमीन की मिल्कियत के मुकदमे में भू स्वामी का पक्षकार होना जरूरी है तो फिर इस मुकदमे में केंद्र सरकार पार्टी बनकर राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त क्यों नहीं करती।गोविंदाचार्य ने कहा है कि राम की ऐतिहासिकता को अदालतों ने माना है और वर्तमान मामला सिर्फ भूमि की मिल्कियत का है। गर्भगृह के समीप स्थानों की पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में रामलला के प्राचीन मंदिर के अनेक अवशेष और प्रमाण मिले हैं। 

कोलकाता। कांग्रेस सांसद शशि थरुर ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए उन्हें ‘‘एक सफेद घोड़े पर हाथ में तलवार लेकर बैठा हीरो’’ करार दिया।गत रविवार को थरूर ने बेंगलुरु साहित्य महोत्सव में दावा किया था कि एक आरएसएस नेता ने मोदी की तुलना ‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’ से की थी। थरूर के इस बयान पर विवाद हो गया था।मोदी पर की गई थरूर की कथित ‘बिच्छू’ वाली टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया गया।थरुर ने एक बार फिर मोदी पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘‘एक सफेद घोड़े पर हाथ में तलवार लेकर बैठा हीरो’’ करार दिया जो कहता है कि ‘‘मैं सारे जवाब जानता हूं।’’ 

कांग्रेस सांसद ने एक औद्योगिक संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘मोदी एक व्यक्ति की सरकार हैं और हर कोई उनके इशारे पर नाच रहा है।’’ उन्होंने कहा कि भारत में अभी इतिहास का ‘‘सबसे केंद्रीकृत प्रधानमंत्री कार्यालय’’ है।थरूर ने कहा, ‘‘हर फैसला पीएमओ करता है। हर फाइल मंजूरी के लिए पीएमओ भेजी जाती है।’’ अगले लोकसभा चुनावों के मुद्दे पर थरूर ने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों के बीच चुनाव से पहले और चुनाव के बाद गठबंधन होंगे, लेकिन ‘‘हो सकता है’’ कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद का ‘‘चेहरा नहीं हों।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव अहम है, जिसमें भाजपा को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलने वाला।
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर फैसला सामूहिक रूप से होगा और ‘‘हो सकता है कि वह (राहुल गांधी) नहीं हों।’’ थरूर ने कहा, ‘‘भाजपा के मुकाबले कांग्रेस में बहुत वरिष्ठ नेता हैं। हमारे पास प्रणब मुखर्जी जैसे लोग थे। पी.चिदंबरम एवं अन्य हैं, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लिए राहुल गांधी नेता के तौर पर सर्वमान्य हैं और इस पर कोई सवाल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच निष्पक्ष चुनाव हो तो राहुल गांधी स्पष्ट तौर पर जीतेंगे।’’ मोदी सरकार की आलोचना जारी रखते हुए थरूर ने कहा कि एक अत्यंत-केंद्रीकृत और अक्षम सरकार देश चला रही है तथा भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ भी सकारात्मक नहीं है।
 
उन्होंने नोटबंदी, रुपए के कमजोर होने, सांप्रदायिकता, गोरक्षकों की हिंसा, भीड़ हत्या जैसी घटनाओं के लिए भी मोदी सरकार की आलोचना की। थरूर ने एक अन्य कार्यक्रम में कहा कि मूर्तियां स्थापित करना और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा उठाना केंद्र की मोदी सरकार की ‘‘नाकामियों’’ से लोगों का ध्यान हटाने की चाल है।उन्होंने कहा, ‘‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे ध्यान भटकाने वाले हैं। मैं भारत के लोगों से अपील करूंगा कि वे ध्यान भटकाने वाले मुद्दों से दूर रहें और भारतीयों की जिंदगी और वास्तविकताओं पर ध्यान दें। वास्तविकता यह है कि भारतीय आम आदमी पिछले साढ़े चार साल से परेशान है।’’ 

जयपुर। लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन (राजग) के घटक के रुप में लड़ना चाहती है और उसने भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में 15 सीटों पर दावेदारी की है। प्रदेश लोजपा अध्यक्ष सूरज कुमार बुराहड़िया ने गुरूवार को संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी राजग के घटक के रुप में भाजपा के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है। लोजपा पदाधिकारी हाल ही में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन सैनी से मिले थे और 15 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी उतारने की मांग की थी।

उन्होंने बताया कि 15 सीटों की पार्टी की मांग पर भाजपा से अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है लेकिन सैनी ने केन्द्रीय नेतृत्व का हवाला देते हुए उन्हें आश्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी अलवर ग्रामीण, उदयपुरवाटी, झुंझुनूं, वैर, मालपुरा, निवाई, टोंक हिंडौन सहित प्रदेश की 15 सीटों पर फोकस कर रही है। इस संबंध में उन्होंने लोजपा प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करने का आग्रह किया है और संभवतया दीपावली से पहले कोई निर्णय हो जायेगा।

बुराहडिया ने कहा कि यदि भाजपा के साथ सहमति नहीं बनती है तो लोजपा राजस्थान में सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से अपने प्रत्याशी उतारेगी। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी ने पूरी तरह कमर कस ली है। उन्होंने बताया कि लोक जनशक्ति के सुप्रीमों व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम को संसद में पुनः अध्यादेश के माध्यम से लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उसके सार्थक परिणाम चुनाव में देखने को मिलेंगे। दलित सेना के प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र कुमार ओझा ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोग हमेशा से ही चुनावों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे है।

देहरादून। योग गुरु रामदेव ने अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने की शनिवार को कड़ी वकालत की और कहा कि यदि उच्चतम न्यायालय मामले में जल्द फैसला नहीं देता तो संसद में कानून लाया जाना चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने गत 29 अक्टूबर को अयोध्या भूमि विवाद मामले में तत्काल सुनवाई किए जाने से इनकार कर दिया था। इसने कहा था कि एक ‘‘उचित पीठ’’ जनवरी में फैसला करेगी कि राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले में कब सुनवाई की जाए।

इसके बाद विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण की मांग तेज होने लगी है।रामदेव ने पतंजलि योग पीठ में दो दिवसीय सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि मामले में शीर्ष अदालत जल्द फैसला नहीं देती है तो लोकतंत्र में संसद सर्वोच्च संस्थान है और कानून लाने में कुछ भी गलत नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में राम मंदिर नहीं बनेगा तो और क्या बनेगा।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टाइल का खादी 'कुर्ता-जैकेट' युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। खादी ग्रामोद्योग की खादी की सात दुकानों से रोजाना 1,400 कुर्ता-जैकेट बिक रहे हैं। खादी इंडिया ने प्रधानमंत्री के जन्मदिवस पर 17 सितंबर को कनॉट प्लेस स्थित अपने स्टोर में 'मोदी जैकेट' और 'मोदी कुर्ता' की एक श्रृंखला पेश की थी।

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन वी के सक्सेना ने पीटीआई-भाषा से कहा कि हमारी 'मोदी कुर्ता-जैकेट' श्रृंखला को धीरे-धीरे देश भर के और भी दुकानों में पेश करने की योजना है। कनॉट प्लेस स्थित दुकान की अक्टूबर 2018 में कुल बिक्री रिकॉर्ड 14.76 करोड़ रुपये रही। यह पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 34.71 प्रतिशत अधिक है। 
 
सक्सेना ने कहा, "खादी इंडिया के दिल्ली, कोलकाता, जयपुर, जोधपुर, भोपाल, मुंबई और एर्नाकुलम में हर केंद्र पर 'मोदी कुर्ता-जैकेट' के रोजाना दो सौ पीस बिक रहे हैं।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खादी को अपनाने के आह्वान के चलते स्वदेशी कपड़ों को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इससे लोगों खासकर युवाओं में इसकी लोकप्रियता बढ़ी है।

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में तमाम राजनीतिक दल जीत के लिए दिन रात एक कर रहे हैं। ऐसे में बसपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने दावा किया है कि राज्य में इस बार उनकी पार्टी अपने 34 साल के इतिहास का सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए कम से कम 32 सीटें जीतेगी और सत्ता की चाबी बसपा के पास रहेगी। मध्यप्रदेश बसपा अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने ‘भाषा’ के साथ बातचीत में राज्य में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत न मिलने की भविष्यवाणी के साथ ही अपनी पार्टी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, ‘‘हम कम से कम 32 सीटों पर जीत दर्ज करेंगे और सत्ता की चाबी बसपा के पास रहेगी। कुल मिलाकर 75 सीटों पर हमारी स्थिति पहले से बहुत अच्छी है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2003 में बसपा ने राज्य विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीती थीं, 2008 में सात और 2013 में चार सीटें जीती थीं। इस बार प्रदेश में 15 साल से सत्ता पर काबित भाजपा के खिलाफ जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर एवं दलित एकता के चलते हम अच्छी जीत की स्थिति में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में एक सीट लेने वाला निर्दलीय भी कभी-कभी मुख्यमंत्री बन जाता है। मैं तो कम से कम 32 सीटों पर बसपा की जीत की उम्मीद के साथ आपको यह बता रहा हूं। हम चाहते हैं कि मध्यप्रदेश की सत्ता की धुरी बहनजी :बसपा सुप्रीमो मायावती: के आजू-बाजू रहे, लेकिन यह तय है कि खंडित जनादेश आने पर हम भाजपा को समर्थन नहीं करेंगे।’’ 
 
उन्होंने बताया, ‘‘पिछले चुनाव में प्रदेश के पांच जिलों मुरैना, रीवा, सतना, दतिया एवं ग्वालियर में बसपा का दबदबा था। इस बार भी इन जिलों की कुछ सीटों से हम जीतेंगे। इसके अलावा छतरपुर, पन्ना, शिवपुरी, श्योपुर, दमोह, कटनी, बालाघाट एवं सिंगरौली जिलों में भी पार्टी का खाता खुलने की पूरी उम्मीद है।’’ वर्ष 2008 के राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत 8.97 प्रतिशत रहा था, जो 2013 में करीब ढाई प्रतिशत गिरकर 6.29 प्रतिशत रह गया। अहिरवार ने इस बार पार्टी को 10 प्रतिशत से अधिक वोट मिलने का दावा किया। 
 
इसकी वजह स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया, ‘‘फिलहाल माहौल अलग है। दलित वर्ग अपने अधिकारों के प्रति पहले से ज्यादा जागरूक है और अपनी स्थिति बेहतर बनाने के लिए वह बसपा पर भरोसा करेंगे। राज्य में पिछले वर्ष के किसान आंदोलन के खिलाफ भाजपा सरकार ने जो कदम उठाए थे, उसकी वजह से किसान भी इस सरकार के खिलाफ हैं।’’ 
 
प्रदेश में जबर्दस्त सत्ता विरोधी लहर का दावा करते हुए अहिरवार ने कहा कि पिछले 13 साल से राज्य के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सरकार की हालत खराब है। चौहान दो सीटों से चुनाव लड़ने वाले हैं। चौहान जिस बुधनी विधानसभा सीट से जीतते हैं, वहां वह मतदाताओं की नाराजगी के चलते चुनाव सभा तक नहीं कर पा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि हम पहली बार मध्य प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ना ही पार्टी का इतिहास रहा है।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विपक्षी दल जहां अपनी-अपनी मिल्कियत बचाने के लिए आपस में हाथ मिला रहे हैं, वहीं भाजपा ने देश की तकदीर बदलने के लिए काम किया है। उन्होंने कुछ विपक्षी नेताओं को ‘‘झूठ की मशीन’’ करार दिया और कहा कि "वे एके-47 के फायर की तरह झूठ दागते हैं।" मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे विपक्षी दलों के गठबंधन से चिंतित न हों क्योंकि लोग उन्हें स्वीकार नहीं करते और यहां तक कि उनके नकारात्मक कार्यों, देश के अच्छे कार्यों को नकारने और सेना के लिए ‘‘अपशब्द तथा अपमानजनक शब्दों’’ के चलते उनसे "नफरत" करते हैं।

प्रधानमंत्री ने हालांकि किसी विपक्षी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन भाजपा अकसर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर राफेल सौदे पर उनके कथित झूठ को लेकर हमला बोलती रही है। पार्टी गांधी पर प्राय: देश तथा सेना का अपमान करने का आरोप भी लगाती रही है।विपक्षी दलों को निशाना बनाने वाली मोदी की यह टिप्पणी तब आई जब एक भाजपा कार्यकर्ता ने वीडियो वार्ता के दौरान वामपंथी और कांग्रेस जैसे ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ दलों के एकजुट होने पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछा था।पांच लोकसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं से बातचीत में एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने विपक्षी दलों पर अपनी सरकार के खिलाफ झूठ बोलने का आरोप लगाया और कहा कि लोगों के पास अब सही सूचना पाने के लिए अनेक साधन हैं।
 
मोदी ने कहा, ‘‘कुछ नेता झूठ की मशीन की तरह हैं। वे जब भी अपना मुंह खोलते हैं, एके-47 के फायर की तरह झूठ दागते हैं।’’ उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोगों तक सही सूचना पहुंचाकर उनके (विपक्षी नेताओं) झूठ का खुलासा करें।कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत की ऊंची छलांग और अपने द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए कुछ कदमों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि ‘‘एक अच्छे’’ समय की शुरुआत हुई है और प्रदर्शन तथा प्रगति के मामले में भारत की क्षमता अब बढ़ रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि करोबार सुगमता में भारत की रैंकिंग 142वें स्थान से 77वें स्थान पर आ गई है और यह देश के विकास और सुधारों को एक मान्यता है।

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