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कोयला घोटाला मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल में एक निजी कंपनी को कोयला खदान आवंटन में अनियमितताओं के लिये दोषी ठहराए गए पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और पांच अन्य को 5 दिसंबर को सजा सुनाएगी।

 

विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने सजा की अवधि को लेकर दलीलों पर सुनवाई पूरी कर ली है। सीबीआई ने पांचों दोषियों को अधिकतम सात साल के कारावास और निजी कंपनी पर भारी जुर्माना लगाने की मांग की।

गुप्ता और चार अन्य दोषियों के वकील ने सजा में नरमी बरते जाने की मांग की है। गुप्ता के वकील ने कहा कि वह 70 साल के हैं और विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। उनके परिवार का गुजारा चलाने के लिये उनके पास सिर्फ पेंशन का सहारा है।

गत 30 नवंबर को अदालत ने गुप्ता, निजी फर्म विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के साथ-साथ कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर रहे और अभी भी सेवारत के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) के सी सामरिया को मामले में दोषी ठहराया था।

अदालत ने कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पाटनी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी मामले में दोषी ठहराया था।

यह मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) कोयला खदानों को वीएमपीएल को देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। सीबीआई ने सितंबर 2012 में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी।

पांचों राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव परिणाम लोकसभा चुनाव के लिए बड़ी हलचल साबित करने वाले होंगे। भाजपा तो अभी से इन्हें लोकसभा चुनावों के रास्ते के एक पड़ाव के रूप में देख रही है। अगर दिल्ली में लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिहाज से बात की जाये तो आम आदमी पार्टी अपने दोनों प्रतिद्वंदियों से काफी आगे है। पार्टी ने अभी से न सिर्फ लोकसभा चुनाव क्षेत्र के प्रभारी तय कर दिए हैं, बल्कि कमोबेश उम्मीदवारों के नाम भी तय हो गए हैं। 

 सभी लोकसभा प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में जी जान से जुटे हुए हैं। आम आदमी पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनावों से सीख लेते हुए इस बार बेहद जमीनी रणनीति पर काम करने का फैसला किया है। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने चुनावी तैयारी को सिर्फ निचले स्तर के कार्यकर्ताओं के भरोसे नहीं छोड़ा है। खुद पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया रोज निचले स्तर पर मीटिंग ले रहे हैं।


आतिशी की आतिशी पारी 

आम आदमी पार्टी ने पूर्वी दिल्ली से आतिशी को लोकसभा प्रभारी बनाया है। माना जा रहा है कि वही लोकसभा चुनाव में पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ेंगी। उनका मुकाबला महेश गिरी से होने वाला है जो पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से इस समय भाजपा सांसद हैं। आर्ट ऑफ लिविंग के प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का साथ छोड़ राजनीति में आये महेश गिरी को क्षेत्र में अभी भी राजनेता कम और आध्यात्मिक गुरु के रूप में ज्यादा जाना जाता है। वे पार्टी के केंद्रीय नेताओं और प्रदेश के शीर्ष नेताओं से सम्बंध बनाने के लिए ज्यादा जाने जाते हैं जबकि जमीनी स्तर पर उनके कामकाज को लेकर अभी भी जनता अनभिज्ञ बनी हुई है। 

वहीं आम आदमी पार्टी की आतिशी रोजाना चार से पांच कार्यकर्ताओं, जिन्हें आम आदमी पार्टी की भाषा में वालंटियर कहा जाता है, उनके घर पर मिल रही हैं। अपने रोजाना के इस दिनचर्या में वे जिस भी कार्यकर्ता के घर पहुंचती हैं, दस से बीस लोगों के छोटे समूहों में लोगों से मिल रही हैं। इससे लोग न सिर्फ उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर समझ रहे हैं, बल्कि उन्हें ये भरोसा भी पैदा हो रहा है कि वे उनके पिछले नेता से कहीं बेहतर साबित होंगी जिनका चेहरा उन्होंने लम्बे समय से नहीं देखा है। 

आतिशी के चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी देख रहे अक्षय मराठे अमर उजाला से बात करते हुए कहते हैं, हम एक भी भाजपा नेता की कमी जनता से 'डिस्कस' नहीं करते। हम सिर्फ उनसे ये पूछते हैं कि आपके आसपास वह कौन सा काम है जो आपके सांसद ने करवाया है जिसका फायदा आपको या आपके बच्चों को मिल रहा है। अक्षय के मुताबिक अक्सर लोगों के पास उनके इस सवाल का कोई जवाब नहीं होता। ऐसे में उनका काम तब आसान हो जाता है जब वे लोगों को यह बताते हैं कि उनके बच्चे जिस स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनमें दिल्ली सरकार की वजह से क्या परिवर्तन आया है। मोहल्ला क्लिनिक में उनके तत्काल मुफ्त इलाज ने जनता के मन में आप के लिए एक भरोसा पैदा किया है। और यह भरोसा ही हमारी पूंजी है। अक्षय के मुताबिक अब तक वे पूर्वी दिल्ली के सात हजार घरों के लोगों से व्यक्तिगत स्तर पर मिल चुके हैं। 

बात सिर्फ पूर्वी दिल्ली तक सीमित नहीं है। उत्तर पूर्वी दिल्ली से दिलीप पांडेय को प्रभारी बनाया गया है। यहां से भाजपा के मनोज तिवारी सांसद हैं। वे अपनी स्टार छवि के कारण लोकप्रिय तो बहुत हैं लेकिन ज़मीनी स्तर पर अभी भी कम सक्रिय हैं जबकि दिलीप पांडेय पार्टी की रणनीति के मुताबिक रोजाना बैठकें कर रहे हैं। सुबह से शुरू होने वाली बैठकों का सिलसिला देर रात तक चलता रहता है। आम आदमी पार्टी के पंकज गुप्ता व्यापारियों के छोटे-छोटे समूह में बैठकें ले रहे हैं। उनकी कोशिश दिल्ली के चांदनी चौक और नई दिल्ली के व्यापारी समुदाय में घुसपैठ करना है। उनके हाथ में नोटबन्दी और जीएसटी का हथियार है जिससे वे व्यापारियों को अपने पक्ष में करने में जुटे हैं। 

कांग्रेस खेमा सबसे पीछे

दिल्ली की लड़ाई में कांग्रेस अब तक सक्रिय नहीं है। अजय माकन अभी भी पार्टी के दिग्गजों को एक साथ एक मंच पर लाकर अपनी मजबूती दिखाने में असफल रहे हैं। प्रदेश स्तर के शीर्ष नेताओं से साथ न मिलने के कारण उनका प्रयास भी बहुत सफल नहीं रहा है। अरविंदर सिंह लवली, जयप्रकाश अग्रवाल, महाबल मिश्रा और संदीप दीक्षित जैसे उसके बड़े चहरे अभी भी सक्रिय नहीं हैं। एमसीडी चुनाव ने भी पार्टी को अपनी बड़ी जीत के लिए आश्वस्त नहीं किया है। अगर पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे को समय रहते गम्भीरता से नहीं लेता तो लोकसभा चुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सीधी टक्कर होना तय है जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज भी राजस्थान के दौरे पर हैं। अमित शाह आज चित्तौड़गढ़ पहुंचे और यहां सांवलिया सेठ मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने यहां पूजा अर्चना की और इसके बाद रैली में पहुंचे। इस रैली में शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कांग्रेस को बिना सिद्धांतों वाली पार्टी करार दिया। उन्होंने राहुल गांधी से कांग्रेस के सीएम उम्मीदवार का नाम भी पूछा। 

 अमित शाह ने कहा, एक तरफ देशभक्तों की ऐसी पार्टी है जिसकी अगुवाई मोदी जी कर रहे हैं, दूसरे तरफ राहुल बाबा की अगुवाई वाली कांग्रेस है जिसका कोई सिद्धांत और नीति नहीं है। लोगों को कांग्रेस और भाजपा में से एक को चुनना है। 


सीएम पद के उम्मीदवार के सवाल पर शाह ने कहा, राहुल गांधी राजस्थान की जनता को अपने सेनापति का नाम क्यों नहीं बता रहे हैं? 

अमित शाह ने रैली सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि देश को सुरक्षित करने का काम भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने किया है। एक ओर सर्जिकल स्ट्राइक में कांग्रेस के लोगों को राजनीति दिखाई पड़ती है और वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी देश में घुसे घुसपैठियों के समर्थन में खड़ी हो जाती है। कांग्रेस पार्टी अपने वोट बैंक के स्वार्थ के चलते देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है।

उन्होंने कहा, जब राजस्थान में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की सरकार थी, तब इस प्रदेश को क्या मिला? इसके 13वें वित्त कमीशन से 10924 करोड़ रुपये मिले थे। भाजपा सरकार ने इसे बढ़ाते हुए 2,63,580 करोड़ रुपये तक पहुंचाया। और वो हमसे पूछ रहे हैं कि हमने क्या किया है?

सेना के आपरेशन आल आउट में हिजबुल व लश्कर के टाप कमांडरों समेत कई आतंकियों के मारे जाने से आतंकी संगठनों में खलबली मच गई है। अब वे अपने को छिपने छिपाने में जुट गए हैं। 

 

आतंकी जाकिर मूसा के नेतृत्व वाले आतंकी संगठन अंसार गज्वातुल हिंद का एक इसी आशय का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें उसने भी आतंकियों से बचने के  लिए गुप्त ठिकाने को खुद चुनने की सलाह दी है। 

यह ठिकाना ऐसा हो जिसके बारे में किसी को जानकारी न हो। हालांकि, इस पत्र के बारे में पुलिस की ओर से कोई भी आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। 

पत्र में कहा गया है कि घाटी में भारत की तरफ  से कही सारी एजेंसियां काम कर रही हैं जिनका एक ही लक्ष्य है घाटी में आतंकवाद का सफाया हो लेकिन हमें इस कोशिश को विफ ल बनाना है। 
 

 

सेना रात के समय बिना आवाज वाली ड्रोन से आतंकियों पर नजर रख रही है। इसके बाद तत्काल वहां पहुंचकर घेराबंदी करती है। पत्र में यह भी लिखा है कि जो आतंकियों के लिए काम करते हैं वह भरोसेमंद होने चाहिए। 

आतंकी फोन का कम इस्तेमाल करें, इंटरनेट का उपयोग बिल्कुल न करें। इंटरनेट वीपीएन से ही चलाए। खाने-पीने की आवश्यक सामग्री अपने गुप्त ठिकाने पर ही रखें। जो भी आतंकी अपने परिजनों या दोस्तों से मिलना चाहे तो वह किसी बस्ती में उनसे ना मिलकर अन्य स्थान का चयन करे।

नवीद जट मिला हुआ था सेना से, वीडियो वायरल

क्या लश्कर का टाप कमांडर नवीद जट सेना के लिए काम करता था। इस आशय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वीडियो में एक व्यक्ति अपना नाम नहीं बता रहा है लेकिन कह रहा है कि नवीद काफी समय से फौज से मिला हुआ था। हाल ही में कई आतंकियों को सेना-पुलिस ने आपरेशन में मार डाला। जब आतंकियों को नवीद पर शक होने लगा तो उसे भी एक आपरेशन में मार डाला गया। हालांकि, इस वीडियो की कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।

चीन ने घरेलू मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार के भारत के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। इस प्रस्ताव का लक्ष्य पड़ोसी देश के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को कम करना था। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2017-18 में भारत ने चीन को 13.4 अरब डॉलर का निर्यात किया था। वहीं इस दौरान चीन से कुल आयात 76.4 अरब डॉलर रहा था। इस तरह चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 63 अरब डॉलर का रहा था। वित्त वर्ष 2016-17 में यह आंकड़ा 51.11 अरब डॉलर का रहा था।

 

भारत ने अपने निर्यात को बढ़ावा देने और बढ़ते व्यापार घाटे के समाधान के लिए चीन को युआन-रुपये में व्यापार का सुझाव दिया था। अधिकारी ने बताया, “उन्होंने प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया।” अक्तूबर में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी। बैठक में यह कहा गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक और आर्थिक मामलों का विभाग चीन के साथ युआन-रुपये में व्यापार की संभावनाओं की तलाश करेंगे। 

भारत ने रूस, ईरान और वेनेजुएला सहित कुछ अन्य देशों के साथ भी घरेलू मुद्राओं में व्यापार का प्रस्ताव दिया है। इन तीन देशों के साथ भी भारत का व्यापार घाटा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (एफआईईओ) के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार को घरेलू मुद्रा में भारत से निर्यात को बढ़ावा देना चाहिए। 

गुप्ता ने कहा, “इससे चीन जैसे देशों के साथ व्यापार घाटे को पाटने में मदद मिलेगी।” व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को घरेलू मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार का लाभ केवल ऐसे देशों के साथ मिलेगा, जिसके साथ उसके व्यापार में संतुलन की स्थिति है। 

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि उनकी पार्टी फिलहाल अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने के बारे में विचार नहीं कर रही है। विजयवर्गीय ने हालांकि कहा कि भाजपा ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कर सकती है क्योंकि किसी और में ऐसा करने का दम नहीं है।

 उनके मुताबिक, मंदिर के मुद्दे ने भाजपा को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाया है क्योंकि विपक्ष इस मसले का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों को डराने और वोटों के ध्रुवीकरण के लिए कर रहा है। उन्होंने कहा, 'हम अदालत से एक बार फिर इस मसले पर फैसला सुनाने की अपील करेंगे। जब तक मामला अदालत में है, हमें जल्दबाजी न करते हुए उसे फैसले के लिए उचित समय देना चाहिए।'


विजयवर्गीय ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'अगर लोगों की आकांक्षाएं बढ़ती रहीं, तो सरकार को इस पर (अध्यादेश लाने या न लाने पर) फैसला लेना होगा। लेकिन फिलहाल हम ऐसा नहीं सोच रहे हैं।' विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और शिवसेना की ओर से अध्यादेश लाने की बढ़ती मांग पर विजयवर्गीय ने फिर दोहराया कि उन्हें जल्द फैसले की अपील लेकर अदालत के पास जाना चाहिए। 

विजयवर्गीय ने विपक्ष के इन आरोप को खारिज किया कि भाजपा चुनावों से पहले राम मंदिर मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश में जुटी है। उन्होंने कहा, 'इस मुद्दे को भाजपा ने नहीं बल्कि संतों और दूसरे संगठनों ने उठाया है। पार्टी कभी राम मंदिर मुद्दे को लेकर चुनावों में नहीं उतरी। हमारा एजेंडा हमेशा 'सबका साथ सबका विकास' रहा है।'

कोहिमा। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को नगालैंड में पुलिस और दमकल जैसी विभिन्न आपात सेवाओं के लिए एक मोबाइल एप्प का शुभारंभ करते हुए कहा कि इसमें महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास फीचर होगा जो उन्हें पुलिस और स्वयंसेवकों से तुरंत सहायता मुहैया कराएगा। सिंह ने कहा कि ‘112 इंडिया’ मोबाइल एप्प पर ‘एसएचओयूटी’ (शाउट) फीचर को खासतौर पर महिलाओं के लिए उपलब्ध कराया गया है। यह ‘इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम’ (ईआरएसएस) से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि यह एप्प किसी परेशान महिला की जगह का पता लगाने के लिए जीपीएस का इस्तेमाल करेगा।

 गृह मंत्री ने कहा कि देश की करीब आधी आबादी महिलाओं की है और जिन देशों में महिलाएं महफूज होती हैं तो वे देश मजबूत होते हैं और उसका विकास कोई नहीं रोक पाता है। सिंह ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार विभिन्न पहलें कर रही है जिनमें महिला सुरक्षा मंडल स्थापित करना और यौन हमलों से संबंधित मामलों का निपटान फास्ट ट्रैक अदालतों में कराना शामिल है। उन्होंने नगालैंड में ‘इमरजेंसी रिस्पोंस सपोर्ट सिस्टम’ (ईआरएसएस) परियोजना शुरू करने पर राज्य के लोगों, सरकार और पुलिस को बधाई दी। नगालैंड पहला पूर्वेत्तोर राज्य है जिसने यह एप्प शुरू की है। 
 
 
उन्होंने कहा कि ईआरएसएस परियोजना के तहत, समूचे देश के लिए आपात स्थिति के लिए एक नंबर ‘112 ’ का इस्तेमाल करने पर लोगों को पुलिस, स्वास्थ्य और दमकल विभाग समेत अन्य एजेंसियों से तुरंत सहायता मिलेगी।  
 
 
ईआरएसएस में पुलिस (100), दमकल (101), स्वास्थ्य (108) और महिला (1090) हेल्पलाइनों को मिला दिया गया है और अब इन आपात सेवाओं को 112 नंबर के जरिए संपर्क किया जा सकता है। विभिन्न आपात सेवाओं के लिए एक नंबर धीरे-धीरे पूरे देश में शुरू होगा। ये अमेरिका के ‘911’ की तरह है। हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है जिसने इस हफ्ते के शुरू में यह परियोजना को शुरू किया। इसके बाद नगालैंड में इसका शुभारंभ किया गया।
 

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश से सशस्त्र बल सप्ताह 2018 में भाग लेने की अपील की जो 1 से 7 दिसंबर 2018 के बीच चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बल के जवान हमारे लिए गौरव हैं। उनकी बहादुरी और बलिदान का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि आइए हम सशस्त्र बल का झंडा पहन कर और उत्साह के साथ सशस्त्र बल सप्ताह मनाकर अपने सैनिकों को अपना समर्थन दे।वहीं रक्षा प्रवक्ता ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि भारत के सभी कोनों में सभी उम्र और सभी समाज के लोग इस जश्न को मनाते हैं। मजदूर वर्ग हो या फिर स्कूल या कोई आम नागरिक, सभी इस जश्न में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और सशस्त्र बल ध्वज दिवस कोष के लिए अपना योगदान देते हैं। इसके साथ ही रक्षा प्रवक्ता ने एक विडियो भी शेयर किया है जिसमें हमारे जवान लोगों को एक खास संदेश दे रहे हैं।

उधर रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने भी लोगों से अपने सैनिकों और उनके परिवारों के साथ खड़े रहने की अपील की और कहा कि सशस्त्र बलों को गर्व के साथ ध्वजांकित करें और जो भी आप #ArmedForcesFlagDay फंड की ओर कर सकते हैं उसमें योगदान दें।

जयपुर। राफेल विमान सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमला कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से एक कदम आगे निकलते हुए पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को कहा कि 'चौकीदार का कुत्ता भी चोर से मिल गया है।' राजस्थान के अलवर जिले के खैरथल में चुनावी रैली में सिद्वू ने राफेल लडाकू विमान सौदे में कथित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘500 करोड़ रुपये का विमान 1600 करोड रुपये में खरीदा गया तो 1100 करोड रुपये किसकी जेब में डाले? 

इस पर जनता ने नारे लगाये कि ‘चौकीदार चौर है’ तो सिद्वू बोले कि 'चौकीदार का कुत्ता भी चोर से मिल गया है।' सिद्वू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर हमला करते हुए कहा कि, ‘अंधा गुरु बहरा चेला, दोनों नरक में खेलम खेला।’ उन्होंने कहा, ‘‘आपने (भाजपा सरकार) ने किसानों की कमर तोड दी है।
आप गरीब और किसानों के नहीं है आप अंबानी और अडाणी के हो। आप बडे़ बडे़ पूंजीपतियों की कठपुतली बन गये हो और वो रोज गाना गाते है कि नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा।’’ उन्होंने विश्वास जताया कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनेगी और सत्ता में आने में दस दिन के अंदर किसानों का कर्जा माफ कर दिया जायेगा और किसानों को उचित एमएसपी मिलेगा।

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद राकेश सिंह ने कांग्रेस द्वारा ईवीएम को लेकर किए जा रहे प्रोपेगंडा पर गंभीर आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का यह इतिहास रहा है कि वह संवैधानिक संस्थाओं पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आरोप लगाकर उनकी गरिमा को भंग करती रहती है। संवैधानिक व्यवस्था के तहत चुनाव आचार संहिता के दौरान सारा कंट्रोल चुनाव आयोग के पास होता है। किसी राजनीतिक दल अथवा सरकार का चुनाव संचालन और अन्य व्यवस्थाओं में कोई दखल नहीं होता। इसके बावजूद कांग्रेस अनर्गल प्रलाप कर भ्रम की स्थिति पैदा कर रही हैं।

 
राकेश सिंह ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नेताओं को पता है कि वह बुरी तरह हार का सामना करने वाले हैं, इसलिए कांग्रेस के लोगों ने मतदान के दिन से ही ईवीएम को लेकर प्रलाप करना शुरु कर दिया है। यह कांग्रेस का शगल बन गया है की जब हार रहे हैं तो ईवीएम को दोष देना शुरू कर दो और जब जीत रहे हैं तो ईवीएम पर चुप्पी साधे रहो। सिंह ने प्रश्न किया है कि यदि ईवीएम कांग्रेस के विरुद्ध ही चलती है तो पंजाब में कांग्रेस की सरकार कैसे बनी ? यदि ईवीएम भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में ही काम करती है तो फिर भारतीय जनता पार्टी को किसी भी चुनाव क्षेत्र में पराजित नहीं होना चाहिए। सच्चाई यह है कि कांग्रेसी घपले घोटालों के अपने काले अध्याय से बाहर नहीं आना चाहते है।
 
आज वह जिस प्रकार से चुनाव प्रक्रिया को लांछित करने पर उतारू है, इससे स्पष्ट है कि चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से होने के कारण कांग्रेस के पेट में मरोड़ हो रही है। यह इस बात का भी संकेत है पांच-छह दशकों तक लगातार सरकारों ने रहने वाली कांग्रेसी शायद चुनाव में गड़बड़ियां कराकर ही सत्ता प्राप्त करती रही होगी। चुनाव से पूर्व ही कांग्रेस ने चुनाव आयोग के विरुद्ध वातावरण बनाना शुरू कर दिया था। चुनाव आयोग पर फर्जी मतदाता सूची जैसे गंभीर आरोप लगाए गए, लेकिन आयोग ने जब पूरी सतर्कता और परिश्रम के साथ इस मतदाता सूची  का परीक्षण निरीक्षण कराया तो फर्जी मतदाता नाम का कोई व्यक्ति प्राप्त नहीं हुआ। कांग्रेस ने इस मोर्चे पर भी बुरी तरह मुंह की खाई, लेकिन बेशर्मी की पराकाष्ठा देखिए कि कांग्रेस नए-नए विषय रोज लेकर आती है।
 
जहां तक ईवीएम के लेट पहुंचने का या समय पर पहुंचने का विषय है तो इसका भारतीय जनता पार्टी या सरकार से क्या लेना देना है। सारी व्यवस्थाएं चुनाव आयोग के अधीन होने के कारण चुनाव आयोग लापरवाही के विरुद्ध जो कार्यवाही करना चाहिए और करता ही है और कर भी रहा है। मूल बात यह है कि कांग्रेस बुरी तरह पराजय की ओर बढ़ गई है, इसलिए चुनाव परिणाम के बाद अपनी कमियों को छुपाने के लिए ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने की भूमिका तैयार कर रही है। कांग्रेस हार के बाद यही बयान देने वाली है कि ईवीएम में गड़बड़ी के कारण कांग्रेस पराजित हुई है।
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