ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों का कर्जा माफ करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और हिन्दुस्तान की जनता से कहा कि मोदीजी ने साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये आपका पैसा लेकर 15-20 लोगों की जेब में डाला है। इसी के साथ हिन्दी भाषीय राज्यों में मिली जीत का श्रेय किसानों, दुकानदारों और गरीबों देते हुए राहुल ने कहा कि हमने वादा किया था कि 10 दिन में कर्जा माफ करने का काम शुरू हो जाएगा। दो राज्यों में 6 घंटे भी नहीं लगे और कर्जा माफ हो गया और तीसरे राज्य में जल्द ही हो जाएगा।
राहुल ने आगे कहा कि मोदी साहब को साढ़े चार साल हो गए मगर हिन्दुस्तान के किसानों का एक भी कर्जा माफ नहीं किया। हम किसानों के लिए सरकार के सामने खड़े रहेंगे और नरेंद्र मोदीजी पर दबाव डालकर कर्जा माफ कराएंगे। राहुल गांधी ने आगे कहा कि हम राफेल मामले में भी बात करेंगे। एक बार जेपीसी जांच हो जाए, सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा। मोदी सरकार उद्योगपतियों की सरकार है, जबकि हमारी सरकार गरीबों की, युवाओं की, दुकानदारों की और दबे-कुचले वर्ग के लोगों की सरकार है।
राहुल ने आगे नोटबंदी का जिक्र करते हुए उसे दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला बताया। वहीं, राफेल मामले में राहुल ने बोला कि यह लोग टाइपो एरर की बात कर रहे हैं, अभी आप देखिएगा ऐसी बहुत सी टाइपो एरर सामने आएंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि मोदी सरकार ने देश के किसानों का कर्जा माफ नहीं किया तो हम सत्ता में आने के बाद करके दिखाएंगे।
मुंबई। इंडिगो के मुंबई से दिल्ली होकर लखनऊ जाने वाले विमान में बम रखे होने की धमकी मिलने के बाद शनिवार को उसे उड़ान भरने से रोक दिया गया। सूत्रों ने बताया कि बम धमकी आकलन समिति (बीटीएसी) ने इस धमकी को गंभीरता से लिया जिसके बाद विमान को एक खाली स्थान पर ले जाया गया। उन्होंने बताया कि बाद में सुरक्षा एजेंसियों ने विमान को ‘‘सुरक्षित’’ घोषित कर दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने राफेल विमान सौदे से जुड़े उच्चतम न्यायालय के फैसले की पृष्ठभूमि में शनिवार कहा कि वह पीएसी के सदस्यों से आग्रह करेंगे कि अटॉर्नी जनरल और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को बुलाकर पूछा जाए कि राफेल मामले में कैग की रिपोर्ट कब और कहां आई है। खड़गे ने आरोप लगाया कि सरकार ने न्यायालय के समक्ष कैग रिपोर्ट तौर पर गलत जानकारी रखी जिस वजह से इस तरह का निर्णय आया है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने संवाददाताओं से कहा, 'राफेल के बारे में न्यायालय के सामने सरकार को जिन चीजों को ठीक ढंग से रखना चाहिए था, वो नहीं रखा। अटॉर्नी जनरल ने इस तरह से पक्ष रखा कि न्यायालय को यह महसूस हुआ कि कैग रिपोर्ट संसद में पेश हो गई है और पीएसी ने रिपोर्ट ने देख ली है।' उन्होंने कहा, 'जब पीएसी जांच करती है तो साक्ष्यों को देखती है। लेकिन न्यायालय को गलत जानकारी दी गयी और जिसके आधार पर गलत निर्णय आया।'
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच शनिवार सुबह मुठभेड़ शुरू हो गई। जानकारी के अनुसार, इस मुठभेड़ में अभी तक तीन आतंकवादी मारे गए हैं। जबकि अभियान में एक जवान शहीद हो गया है। यह मुठभेड़ अब भी जारी है। मारे गए आतंकी की पहचान वाटेंड जहूर ठोकर उर्फ फौजी के रूप में हुई है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेरा हुआ है। मुठभेड़ स्थल पर पत्थरबाजों पर सुरक्षा बलों की गोलीबारी में दो नागरिकों की भी मौत हो चुकी है।
जयपुर, नरेन्द्र शर्मा। राजस्थान में सत्ता के जादुई आंकड़े को पार करने के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही रस्साकशी तेज हो गई है। हालांकि इस रस्साकशी में "किसान और जाट' मुख्यमंत्री को लेकर लॉबिंग कर रहे राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी तो चुनाव हार गए, लेकिन दो प्रबल दावेदार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट भारी मतों से चुनाव जीते हैं।
दोंनों नेताओं ने चुनाव परिणाम आने के बाद विधायकों से संपर्क साधा है। दोनों नेताओं ने टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर चुनाव जीतने वाले तीन निर्दलीय विधायकों से भी बात की है। गहलोत और पायलट के समर्थक अपने-अपने नेता के लिए लॉबिंग में जुटे हैं। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए सांसद केसी वेणुगोपाल को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में बुधवार को जयपुर में केंद्रीय पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल और राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने विधायकों से फीडबैक ली। बैठक में आलाकमान पर फैसला छोड़ा गया है। अब राहुल गांधी ही यह तय करेंगे कि राजस्थान का सीएम कौन होगा। वहीं, अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट के समर्थकों ने नारेबाजी की। कांग्रेस आज शाम राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।
वेणुगोपाल और अविनाश पांडे ने नेताओं से लिया फीडबैक
चुनाव परिणाम आने के बाद पर्यवेक्षक केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने अशोक गहलोत, सचिन पायलट और डॉ. सीपी जोशी सहित कई नेताओं के साथ संभावित मुख्यमंत्री और भावी सरकार की रूपरेखा को लेकर चर्चा की। दोनों नेताओं ने कुछ नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात की, तो कुछ नेताओं से टेलीफोन पर बात की। विधायकों से भी टेलीफोन पर बात की गई। विधायकों से मिले फीडबैक के बारे में वेणुगोपाल और पांडे राहुल गांधी को अवगत कराएंगे। विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री का निर्णय राहुल गांधी पर छोड़े जाने को लेकर एक लाइन का प्रस्ताव पारित होगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अहमद पटेल राज्य के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में है।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शिरकत करते विधायक।
गहलोत और पायलट ने जीत का सेहरा राहुल के सिर बांधा
अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने राज्य में कांग्रेस की जीत का सेहरा राहुल गांधी के सिर पर बांधा है। गहलोत ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि जीत का पूरा क्रेडित राहुल गांधी को जाता है, यह उनकी मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा कि विधायकों की राय, कार्यकर्ताओं और आम जनता की इच्छा को ध्यान में रखते हुए ही राहुल गांधी भावी सीएम को लेकर निर्णय करेंगे। खुद के सीएम बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मेरे लिए कोई पद प्राथमिकता नहीं है। वहीं, सचिन पायलट ने कहा कि राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। जीत का श्रेय राहुल गांधी को देते हुए पायलट ने कहा कि उनकी मेहनत और मार्गदर्शन के कारण जीत हुई है। सीएम पद को लेकर पायलट ने कहा कि किसे क्या पद मिलेगा, इसका निर्णय राहुल गांधी को करना है। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने थे और इससे बेहतर उनके लिए कोई तोहफा नहीं हो सकता।
चार साल बाद पायलट ने पहना साफा
राजस्थान में कांग्रेस की जीत तय होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने मंगलवार को साफा पहना। पायलट ने पिछले पांच साल से अपने सिर पर साफा नहीं पहना था। सचिन पायलट ने 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि जब तक राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी, तब तक वे साफा नहीं पहनेंगे। पायलट ने बताया कि राजस्थानी संस्कृति का प्रतीक साफा पहनना उन्हें बहुत पसंद है, लेकिन 2014 में पार्टी की हार के बाद उन्होंने फैसला लिया कि वो सरकार बनने तक साफा नहीं पहनेंगे और अब वे साफा बड़ी शान से पहनेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान काफी लोगों ने उन्हें तोहफे के रूप में साफा दिया लेकिन उन्होंने उसे नहीं पहना बल्कि माथे से लगाकर रख दिया। पायलट ने कहा कि अब जीत के बाद वे साफा पहनेंगे।
नयी दिल्ली। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी शक्तिकांत दास की पहचान एक ऐसे नौकरशाह के तौर पर है जिन्होंने केन्द्र में तीन अलग अलग वित्तमंत्रियों के साथ सहजता के साथ काम किया। ऐसे में नार्थ ब्लाक से लेकर मिंट स्ट्रीट तक की उनकी यात्रा को एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर देखा जा रहा है जो कि जटिल मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास रखते हैं। शक्तिकांत दास को कार्य-क्रियान्वयन में दक्ष और टीम का व्यक्ति माना जाना जाता है। इस लिहाज से उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक गवर्नर के पद केलिए उन्हें एक उपयुक्त चयन माना जा सकता है।
उदारीकरण के पिछले तीन दशक में यह पहला मौका है जब वित्त मंत्रालय के साथ तनाव के बीच किसी गवर्नर ने त्यागपत्र दिया है। वर्ष 1980 बैच तमिलनाडु काडर के आईएएस अधिकारी दास दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नात्कोत्तर है लेकिन अपने 37 वर्ष लंबे कार्यकाल में वह राज्य अथवा केन्द्र में ज्यादातर आर्थिक एवं वित्त विभागों में ही तैनात रहे।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय पार्टी के नेता अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को दे रहे हैं। जीत के बाद संवाददताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम जनता को इस समर्थन के लिए धन्यवाद करते है। कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि विपरीत समय में आप ने जो हमारे लिए मेहनत किया है वह काबिल-ए-तारीफ है। राहुल ने MP, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रीयों का धन्यवाद करते हुए आगे कहा कि हम उनके कामों को आगे बढ़ाएंगे। इसके आलावा राहुल ने तेलंगाना और मिजोरम में जीतने वालों को बधाई दी।
र्व वित्त सचिव और वित्त आयोग के वर्तमान सदस्य शक्तिकांत दास को भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया है। पिछले साल वह आर्थिक मामलों के सचिव पद से रिटायर हुए थे। मोदी सरकार द्वारा किए गए नोटबंदी के फैसले में भी इनकी प्रमुख भूमिका रही थी।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सिखाया कि ‘क्या नहीं करना चाहिए’ और उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार से भी ‘काफी कुछ सीखा।’ राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को विशाल जनादेश मिला था, लेकिन उन्होंने ‘देश की धड़कन’ सुनने से इनकार कर दिया। हिंदीभाषी राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के फिर से उदय के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, ‘मैं कल अपनी मां से बात कर रहा था और मैं उनसे कह रहा था कि मेरे लिए सबसे अच्छी बात कुछ हुई है तो वह है 2014 का (लोकसभा) चुनाव। मैंने उस चुनाव से काफी कुछ सीखा है।’
राहुल (48) ने कहा कि 2014 के चुनाव से उन्हें जो सबसे अहम चीज सीखने को मिली, वह ‘विनम्रता’ है। उन्होंने कहा, ‘यह एक महान देश है और इस देश में सबसे अहम चीज है कि लोग क्या मानते हैं।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक नेता के तौर पर यह समझना होता है कि लोग क्या महसूस कर रहे हैं और वह जिस चीज को महसूस करते हैं, उससे जुड़ाव पैदा करना होता है। उन्होंने कहा, ‘बेबाकी से कहूं तो नरेंद्र मोदी जी ने मुझे सबक सिखाया कि क्या नहीं करना चाहिए।’
राहुल ने कहा कि पांच साल पहले उन्हें (मोदी को) इस देश में बदलाव लाने का बड़ा मौका दिया गया। दुखद चीज यह है कि उन्होंने देश की धड़कन सुनने से मना कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने युवाओं और किसानों की आवाज सुनने से इनकार कर दिया। राहुल ने जोर देकर कहा, ‘थोड़ा अहंकार आ गया है। मेरा मानना है कि यह किसी नेता के लिए घातक होता है। उनके काम करने के तरीके से मैंने यह बात सीखी है। मेरे लिए इस देश के लोग ही सबसे अच्छे शिक्षक हैं।’
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली जीत पर बधाई दी। इसी के साथ उन्होंने कहा कि हाथी अब हाथ को समर्थन देगा। मायावती के समर्थन के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनना लगभग पूरी तरह से तय हो गया है। हालांकि, मायावती ने कहा कि मैं कांग्रेस की कई नीतियों से खुश नहीं हूं फिर भी कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने के लिए तैयार हूं, जरुरत पड़े तो राजस्थान में भी।
सरकार 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेगी। इस दौरान हो सकता है वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना फोकस ग्रामीण अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, घर, रेलवे और सड़कों पर कर लें। इसके साथ ही सब्सिडी में बढ़ावा और टैक्स की दरों में और कमी की जा सकती है, जिससे आम लोगों को राहत मिल सके।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय पार्टी के नेता अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को दे रहे हैं। जिन्होंने चुनाव वाले पांचों प्रदेशों में कुछ हफ्तों के भीतर ही 82 सभाएं और सात रोड शो किए थे।
कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत का कहना है कि इन चुनावों में खासकर राजस्थान में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय राहुल गांधी के नेतृत्व को जाता है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान से जुड़े पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, राहुल गांधी ने 7 अक्तूबर को चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करने के बाद सबसे अधिक 25 जनसभाएं मध्य प्रदेश में की। उन्होंने मध्य प्रदेश में 4 रोड शो भी किए।
कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 19-19 चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने राजस्थान में 2 और छत्तीसगढ़ में एक रोड शो भी किया।
राजस्थान में कांग्रेस पांच साल बाद सत्ता में वापसी करती दिख रही है। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 15 वर्षों के बाद भारी बहुमत से सत्ता में वापसी कर रही है।
गांधी ने तेलंगाना में 17 जनसभाएं करके कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगे, हालांकि यहां पार्टी को निराशा हाथ लगी।
उन्होंने मिजोरम में 2 सभाएं की लेकिन यहां कांग्रेस अपनी सत्ता बचाने में नाकाम रही।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "इस चुनाव का एक बड़ा संदेश यह है कि जनता राहुल गांधी को एक राष्ट्रीय नेता के तौर पर स्वीकार कर रही है। यह आने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के लिए शुभ संकेत है।"
मध्य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को मतदान हुआ तो राजस्थान एवं तेलंगाना में 7 दिसंबर को वोट डाले गए। छत्तीसगढ़ में 12 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था।
आईजोल। मिजोरम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को आज तब बड़ा झटका लगा जब राज्य के मुख्यमंत्री ललथनहावला दोनों विधानसभा सीटों से अपना चुनाव हार गये। यहां रुझानों में एमएनएफ को बहुमत मिलता दिख रहा है। कांग्रेस ने राज्य में अपनी सत्ता बचाने के लिए प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी थी और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी सहित सभी स्टार प्रचारकों को चुनाव प्रचार में उतार दिया था। कांग्रेस को यहां अंतिम समय तक अपनी सरकार बनने की उम्मीद थी इसलिए उसने केंद्र से कई नेता यहां भेज रखे थे कि यदि जोड़तोड़ की जरूरत पड़े तो वह समय रहते की जा सके।
भोपाल। कांग्रेस के स्टार प्रचारक और पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस को मिल रही जीत पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को बधाई दी और कहा कि मेहनत और सब्र का फल मीठा होता है। बुरे दिन जाने वाले हैं और राहुल गांधी आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि अब लाल किले की तरफ राहुल गांधी आगे बढ़ रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि लोगों के भीतर काफी आक्रोश था और उन्होंने बीजेपी के वादों को देखा और फिर सत्य को जिताया।
इसी के साथ सिद्धू ने 2019 में राहुल के लाल किले से झंडा फहराने का दावा करते हुए कहा कि राहुल के आने से सभी के भीतर विश्वास जागा है और कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व की वजह से सभी एकजुट हुए हैं। जिसका असर चुनाव परिणामों पर दिखाई दे रहा है।