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रांची। दुमका स्थित राजभवन में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ठहरे हुए थे। इसी बीच उन्होंने अपना मोबाइल फोन चेक किया तो उसमें नेटवर्क नहीं आ रहे थे। बता दें कि रघुवर दास बीएसएनएल का सिम कार्ड उपयोग करते हैं। इस घटना के तुरंत बाद मीडिया में खबर आती है कि झारखंड पुलिस ने आधी रात को बीएसएनएल के 2 बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

दरअसल, सोमवार के दिन रघुवर दास दुमका में स्थित राजभवन में रुके हुए थे। जहां पर उन्होंने मोबाइल में नेटवर्क नहीं आने पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत दर्ज होने के तुरंत बाद ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दोनों अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया और तीन घंटे तक थाने में बैठाकर रखा।

इस पूरे घटनाक्रम की अभी सीएमओ की तरफ से कोई औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, विपक्ष ने बीएसएनएल अधिकारियों को गिरफ्तार किए जाने पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा अधिकारियों को ऐसे थाने में बुलाना मुख्यमंत्री रघुवर दास की फासिस्ट सोच को उजागर करता है।

वहीं, बीएसएनएल अधिकारियों को इस तरह से आधी रात को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में इस सरकारी दूरसंचार कंपनी के अधिकारियों ने राजधानी दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही बता दें कि बीएसएनएल के यूनियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि अधिकारियों के साथ बीती रात को पुलिस वालों ने गाली गलौच की। ऐसा व्यवहार करना मानवाधिकारों का उल्लघंन है। 

नयी दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में ‘‘ यात्राएं ’’ निश्चित तौर पर निकालेगी और उसे ऐसा करने से ‘‘ कोई भी नहीं रोक सकता है।’’कलकत्ता उच्च न्यायालय ने एक दिन पहले भाजपा को कूचबिहार में ‘‘ रथयात्रा ’’ निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था क्योंकि राज्य सरकार ने ऐसा होने पर हिंसा का अंदेशा जताया था।
 
 
शाह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ हम निश्चित तौर पर यात्रााएं निकालेंगे और हमें कोई नहीं रोक सकता। पश्चिम बंगाल में बदलाव के प्रति भाजपा प्रतिबद्ध है।
 
 
‘यात्राएं’ रद्द नहीं, सिर्फ स्थगित हुई हैं।’’ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए शाह ने आरोप लगाया कि देश में सर्वाधिक सियासी हत्याएं राज्य में हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ पूरा पश्चिम बंगाल प्रशासन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहा है।’’

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिये प्रचार का दौर खत्म होने के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि पदभार संभालने के इतने दिनों बाद अब मोदी को संवाददाता सम्मेलन कर सवालों की बौछार का लुत्फ उठाना चाहिए। गांधी ने हैदराबाद में संवाददाता सम्मेलन करने के बाद ट्वीट किया, 'प्रिय मोदी जी, अब चुनाव प्रचार पूरा हो गया है। आशा करता हूं कि आप प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पार्ट टाइम जॉब के लिए कुछ समय निकालेंगे।

उन्होंने कहा, 'आपको प्रधानमंत्री बने 1,654 दिन हो गए। फिर भी कोई संवाददाता सम्मेलन नहीं? हैदराबाद में संवाददाता सम्मेलन की कुछ तस्वीरें आपके लिए शेयर कर रहा हूं। किसी दिन कोशिश करिए। सवालों की बौछार का सामना करना मजेदार होता है।' गौरतलब है कि तेलंगाना में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गांधी ने सहयोगी तेदेपा के नेता चंद्रबाबू नायडू के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया।

वाल्मीकि नगर। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) राजग सरकार से अलग हो सकती है और पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि इस संबंध में औपचारिक घोषणा गुरूवार को किए जाने की संभावना है। नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर नेता ने कहा कि कुशवाहा के केंद्रीय मंत्री पद से भी इस्तीफा देने की संभावना है। कुशवाहा अभी केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री हैं।

नेता ने कहा कि कुशवाहा का इस्तीफा महज एक औपचारिकता है जो उनके राष्ट्रीय राजधानी जाने तथा प्रधानमंत्री से मिलने के बाद पूरी कर ली जाएगी। रालोसपा ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार तथा बिहार में नीतीश कुमार सरकार की तीखी आलोचना की। वाल्मीकि नगर में पार्टी के चिंतन शिविर में कुशवाहा को राजनीतिक फैसले लेने के लिए अधिकृत किया गया। कुशवाहा गुरुवार को मोतिहारी में एक रैली को संबोधित करेंगे।

पार्टी नेता ने कहा कि रालोसपा के सख्त रूख से यह स्पष्ट हो गया है कि हमारा गठबंधन राजग के साथ था जो अब खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि राजग में रालोसपा के होने का अर्थ भाजपा और लोजपा से गठबंधन था। नीतीश कुमार की जदयू के साथ हमारा कोई गठबंधन नहीं है। वह पिछले साल गठबंधन में शामिल हुए हैं जबकि हम 2014 से ही राजग का हिस्सा हैं।

आइजोल। भाजपा नीत नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस के घटक मिजो नेशनल फ्रंट ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान को खारिज किया है कि उनकी पार्टी 2019 का चुनाव जीती तो 50 साल तक देश पर शासन करेगी। मिजोरम में मुख्य विपक्षी दल को हालांकि विश्वास है कि आम चुनाव में कांग्रेस या संप्रग जीत हासिल नहीं कर पाएगा। पूर्व मुख्यमंत्री और मिजो नेशनल फ्रंट प्रमुख जोरमथंगा ने पीटीआई-भाषा को एक दिए साक्षात्कार में कहा कि भाजपा की हिंदुत्व की राजनीति के चलते उनकी पार्टी कभी राज्य में उससे गठबंधन नहीं कर सकती।

उन्होंने कहा, ‘मुझे संदेह है, वह (शाह) भगवान नहीं हैं। वह राजनीति में कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकते।’ जोरमथंगा ने कहा कि अमित शाह यह भविष्यवाणी कर सकते हैं कि कांग्रेस सत्ता में नहीं आएगी, लेकिन 50 या 100 साल की भविष्यवाणी करना अतिशयोक्ति है। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सितंबर में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी मेहनत की वजह से पार्टी 2019 का चुनाव जीतेगी और उसके बाद भाजपा को 50 साल तक सत्ता से कोई नहीं हटा सकता।

मिजो नेशनल फ्रंट के भाजपा से रिश्तों के बारे में पूछे जाने पर दो बार मुख्यमंत्री रह चुके जोरमथंगा ने कहा कि विचारधारा और अन्य बातों को लेकर वह भाजपा के पूरी तरह खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि हम ईसाई हैं। वे हिंदुत्व का प्रचार करना चाहते हैं। जहां तक इन चीजों की बात है तो हम साथ नहीं आ सकते। हमारी विचारधारा अलग है। उन्होंने कहा कि जहां तक देश की बात है तो राजग संप्रग से बेहतर है, इसीलिए हम केंद्र में उसके साथ आए। लेकिन विचारधारा के मामले में हम बिल्कुल अलग हैं। भाजपा भी इस बात को अच्छी तरह जानती है।

मिजोरम में 28 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट ने कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ अकेले चुनाव लड़ा है। एमएनएफ और कांग्रेस ने 40-40 जबकि भाजपा ने 39 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई है। मिजोरम में वर्ष 2008 से कांग्रेस की सरकार है। 11 दिसंबर को मिजोरम चुनाव के नतीजे घोषित किये जाएंगे।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि भारत सभी समुदायों, धर्मों, जातियों, नस्लों और लिंग के बगैर अधूरा है तथा लोगों को देश का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना बनाए रखना चाहिए। उन्होंने देश की तुलना मानव शरीर से करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में छह दिसंबर को अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने को लेकर ‘शांति दिवस’ मनाया जाता है। बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘आज छह दिसंबर है। हम इस दिन शांति दिवस मनाते हैं।’इसे भी पढ़ें: ममता बनर्जी का उन्होंने लिखा है, ‘जैसे मानव शरीर सभी अंगों के बिना अधूरा है, वैसे ही भारत भी सभी समुदायों, धर्मों, जातियों, नस्लों और लिंगों के बिना अधूरा है। भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बनाए रखने की कसम लें।’ छह दिसंबर, 1992 को ही अयोध्या स्थित 16वीं सदी के विवादित ढांचे को तोड़ दिया गया था।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह राठौर के परिवार वालों को आश्वासन दिया कि उन्हें पूरा न्याय मिलेगा और घटना के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। इस मुलाकात के दौरान प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह भी मौजूद थे। मुलाकात के बाद सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने सरकार की ओर से परिवारजनों को आश्वासन दिया है कि परिवार एक अभिन्न अंग बनकर रहेगा और दिवंगत राठौर के दोनों बच्चों की पढाई में कोई हर्ज नहीं होगा।उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पहले ही सरकार की ओर से राठौर के परिवार को 40 लाख रुपये की राशि देने की घोषणा कर चुके हैं। चूंकि दिवंगत इंस्पेक्टर के माता पिता जीवित नहीं हैं इसलिए उन्हें मिलने वाली दस लाख रुपये की राशि भी पत्नी और बच्चों को मिलेगी। सिंह ने बताया कि बच्चों की पढाई के संबंध में तय किया गया है कि इसके लिए बैंक से ली गई शहीद के बड़े बेटे श्रेय ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से पूरा आश्वासन मिला है कि न्याय मिलेगा। जो भी आरोपी हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। संकट की इस घड़ी में वह हमारे साथ हैं और रहेंगे

नयी दिल्ली। अगस्त वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को भारत प्रत्यर्पित किए जाने की पृष्ठभूमि में सरकार के हमलों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार अपने ‘भ्रष्टाचार’ की सच्चाई बताने की बजाय अगस्ता मामले में ‘फर्जी’ साक्ष्य गढ़ने में लगी हुई है। पार्टी ने यह भी दावा किया कि अगस्ता वेस्टलैंड एवं उसकी मातृ कंपनी फिनमेकानिका का नाम प्रतिबंधित सूची में होने के बावजूद इनको मोदी सरकार में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिली ताकि वह भारतीय कारपोरेट समूहों की साझेदार बन सके।

 
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘अगस्ता मामले में भाजपा सिर्फ गुमराह करने और कींचड़ उछालने का काम कर रही है। वह अपने भ्रष्टाचार की सच्चाई बताने की बजाय इस मामले में फर्जी साक्ष्य गढ़ने में लगी हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सामने दिख रही करारी हार की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा झूठ पर झूठ बोल रहे हैं। मोदी सरकार अगस्ता वेस्टलैंड/फेनमेकानिका को एफआईपीबी की मंजूरी मिलने के मामले में अपने संदिग्ध भूमिका से ध्यान भटकाने की साजिश के तहत यह सब कर रही है।’’
 
 
सुरजेवाला ने कहा कि फरवरी, 2010 में 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिए 3,546 करोड़ रुपये का सौदा अगस्ता वेस्टलैंड को दिया गया और फिर मीडिया की खबरों के मद्देनजर फरवरी, 2013 में सौदा रद्द कर दिया गया। 12 फरवरी, 2013 को यह मामला सीबीआई को सौंप दिया। 10 फरवरी, 2014 को संप्रग सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड और फिनमेकानिका को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया।’’ उन्होंने जुलाई, 2017 में दुबई में मिशेल को हिरासत में लिए जाने के बाद उसकी वकील की ओर से दिए गए एक बयान का हवाला देते हुए दावा किया, ‘‘ भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री विपक्षी दलों से बदला लेने के लिए उनके खिलाफ ‘फर्जी साक्ष्य’ हासिल करने में शामिल पाया गया हो।’’
 
 दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में एक चुनावी सभा के दौरान बुधवार को मिशेल के प्रत्यर्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि ये बिचौलिया राज खोलेगा तो पता नहीं कि बात कितनी दूर तक जाएगी। मिशेल को इस मामले में संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित करके मंगलवार देर रात भारत लाया गया। गौरतलब है कि अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलाने और भारतीय अधिकारियों को गैरकानूनी कमीशन या रिश्वत का भुगतान करने के लिए बिचौलिए के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई थी।

जयपुर। राजस्थान में लगभग दो महीने के चुनावी कोलाहल पर बुधवार शाम को विराम लग गया। प्रचार की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही चुनावी रैलियों, रोड शो और जन सभाओं का क्रम शाम पांच बजे थम गया। मतदान सात दिसम्बर को होगा जिसमें राज्य के चार करोड़ से ज्यादा मतदाता 2274 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला करेंगे। राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से 199 विधानसभा सीटों के लिये 189 महिला उम्मीदवारों सहित 2274 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिये चुनावी मैदान में उतरे हैं। अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बसपा उम्मीदवार के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया है।

राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आंनद कुमार ने बताया कि आज शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिये सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये हैं। राजस्थान में 4.77 करोड मतदाता हैं। भाजपा शासित राज्य में शुरूआती चुनावी प्रचार में किसानों, भ्रष्टाचार, युवाओं के मुद्दे छाये रहे और जैसे जैसे चुनाव नजदीक आये हिन्दुत्व, भारत माता, भगवान हनुमान की जाति जैसे मुद्दे चुनावी प्रचार के दौरान सामने आये।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, भाजपा के हिन्दूवादी नेता और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित कई केन्द्रीय मंत्री, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बसपा प्रमुख मायावती सहित अन्य स्थानीय नेताओं ने लगातार चुनाव प्रचार किया। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के नाथद्वारा सीट से उम्मीदवार सी पी जोशी ने पहले प्रधानमंत्री के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी कर विवाद पैदा किया था, उसके बाद सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और प्रधानमंत्री ने अपनी रैलियों में लोगों से पूछा कि था कि ..क्या आप जाति के आधार पर वोट करेंगे और कांग्रेस को विकास की जगह जातिवाद की बात करने का आरोप लगाया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषणों में 'विकास' को अपना मंत्र बताते हुए सर्जिकल स्ट्राइक, भ्रष्टाचार के विरूद्व लड़ाई, महिलाओं के सशक्तिकरण, सरकारी योजनाओं सहित सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी को 'नामदार' और अपने आप को 'कामदार' बताते हुए हरेक अवसर पर गांधी परिवार को घेरने का प्रयास किया। मोदी ने अपनी रैलियों में कांग्रेस की चार पीढियों के शासन को देश में समस्याओं को लिये जिम्मेदार ठहराया।
 
चुनाव प्रचार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलवर में एक चुनावी सभा में हनुमान जी को दलित बताया था जिसके बाद विभिन्न नेताओं ने अपनी तीखी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की। भाजपा नेताओं ने सर्जिकल स्ट्राइक सहित केन्द्र की जनकल्याकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने किसानों, राफेल सौदे और बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों पर भाजपा को घेरा और सत्ता में आने पर दस दिनों में किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की।
 
कांग्रेस पार्टी को उस समय परेशानी का सामना करना पडा जब बीकानेर (पश्चिम) से पार्टी के उम्मीदवार बी डी कल्ला को एक वीडियो में एक समर्थक को भारत माता की जय बोलने से रोकते और पार्टी कार्यकर्ताओं को सोनिया गांधी की जय बोलते दिखाया गया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी हर दिन पांच से सात चुनावी सभाएं की। राज्य में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है और लगभग 130 सीटों पर इन दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों में सीधी टक्कर है। वहीं 50 सीटों पर मुकाबला त्रिकोणिय माना जा रहा है जिनमें से 45 सीटों पर दोनों पार्टियों के बागी उम्मीदवारों ने मुकाबले को रोचक बना दिया है।
जाट नेता हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोक तांत्रिक पार्टी ने 58 सीटों पर उम्मीदवार खडे करके दोनों पार्टियों को चुनौती दी है। बेनीवाल की मारवाड, शेखावटी और पूर्वी हिस्सों में जाट वोटों पर निगाह है। भाजपा राज्य की सभी सीटों पर चुनाव लड रही है जबकि कांग्रेस ने पांच सीटें गठबंधन की पार्टियों को देकर 195 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। बसपा के 190, माकपा के 28 व भाकपा के 16 तथा 830 निर्दलीय उम्मीवादर चुनाव मैदान में हैं।
 
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचार अभियान में 13 सभाएं की हैं। उनके कुल 38 कार्यक्रम हुए हैं। मुख्यमंत्री राजे ने 75 जनसभाएं कीं । कुल मिलाकर 222 बडी जनसभाएं भाजपा ने की। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य के विभिन्न जिलों में नौ सभाएं कीं। राज्य की कुछ चर्चित सीटों में झालरापाटन, टोंक, सरदारपुरा, व पोकरण हैं।

नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सशस्त्र बलों के एक लाख से अधिक जवानों को ज्यादा सैन्य सेवा वेतन (एमएसपी) दिए जाने की मांग को सरकार द्वारा खारिज करने को लेकर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले जवानों की नहीं, बल्कि ‘सूटबूट वालों की दुकानों’ की फिक्र है। गांधी ने एक खबर शेयर करते हुए फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘मोदी जी, जिन्होंने देश के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किया, उनके लिए आपका ये बर्ताव है?’’

 उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आपको (मोदी) ना किसान की फ़िक्र है, ना जवान की, आपको फ़िक्र है सिर्फ़ अनिल अंबानी जैसे सूट-बूट वालों की दुकान की। आपको देश ने मौक़ा दिया। आपने देश को धोखा दिया।’’ गौरतलब है कि सरकार ने थलसेना के जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) सहित सशस्त्र बलों के करीब 1.12 लाख जवानों को ज्यादा सैन्य सेवा वेतन (एमएसपी) दिए जाने की बहुप्रतीक्षित मांग खारिज कर दी है। सैन्य सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
 
सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय के इस फैसले से थलसेना मुख्यालय ‘‘बहुत नाखुश’’ है और वह इसकी तुरंत समीक्षा की मांग करेगा। रक्षा मंत्रालय भी इस फैसले से क्षुब्ध बताया जा रहा है। ।सरकार के इस फैसले से 87,646 जेसीओ और नौसेना एवं वायुसेना में जेसीओ के समकक्ष 25,434 कर्मियों सहित करीब 1.12 लाख सैन्यकर्मी प्रभावित होंगे।
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