ईश्वर दुबे
संपादक - न्यूज़ क्रिएशन
+91 98278-13148
newscreation2017@gmail.com
Shop No f188 first floor akash ganga press complex
Bhilai
मध्य प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों में दस्तक देने के बाद मानसून मंगलवार को इंदौर की ओर बढ़ गया है। अगले 48 घंटों में इसके भोपाल पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। मानसून की दस्तक से आने वाले दिनों में प्रदेश का मौसम खुशनुमा बना रहने की संभावना है।
इससे पहले रविवार को प्री-मानसून की आहट मिली थी। दोपहर बाद इंदौर शहर के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई थी। बारिश के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों से होते हुए मानसून ने मंगलवार को इंदौर का रुख किया है। साथ ही सूबे की राजधानी तक पहुंचने में इसे 48 घंटे लगेंगे।
आईएमडी अधिकारी गुरुदत्त मिश्रा ने बताया कि जल्द ही मानसून इंदौर पहुंचेगा। पिछले 24 घंटों में ग्वालियर और चंबल क्षेत्रों को छोड़कर लगभग पूरे मध्य प्रदेश में बारिश हुई है। कहा कि रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, धार, बड़वानी, उज्जैन, आगर मालवा और इंदौर जिलों के कुछ हिस्सों में अगले 24 घंटों में भारी बारिश होने की संभावना है।
महिला का आरोप- जुयाल ने उसे नौकरी का झांसा देकर देह शोषण किया
हाईकोर्ट ने दिए थे मामला दर्ज करने के निर्देश, हो सकती है गिरफ्तारी
जबलपुर. नानाजी देशमुख वेटरनरी विवि के कुलपति डॉ. पीडी जुयाल के खिलाफ नौकरी दिलाने के नाम पर एक महिला का देह शोषण करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में कुलपति के खिलाफ न्यायालय ने एफआईआर के आदेश दिए थे, लेकिन उन्होंने स्टे ले लिया था। दो दिन पहले ही हाईकोर्ट ने स्टे खारिज कर दिया। महिला का आरोप है कि जुयाल ने उसे नौकरी का झांसा देकर देह शोषण किया।
जबलपुर निवासी महिला ने जुयाल के खिलाफ शिकायत की है कि नौकरी का झांसा देकर जुयाल ने उसे गेस्ट हाउस में मिलने के लिए बुलाया। वहां उसने शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बनाया। मना करने पर ऑफिस में बुलाकार बलात्कार किया। उसके बाद रीवा के एक होटल में भी उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और अश्लील फोटो खींचे।
हाईकोर्ट में पीड़िता द्वारा दर्ज कराए गए परिवाद को हाईकोर्ट में झूठा बताते हुए चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने पीड़िता के हाजिर न होने तक कुलपति के विरुद्ध एफआइआर दर्ज नहीं करने का अंतरिम निर्देश दिया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार को कोर्ट ने एफआइआर दर्ज करने पर लगी रोक हटा ली थी। सिविल लाइन पुलिस के अनुसार पीडि़ता की रिपोर्ट पर आरोपी कुलपति जुयाल के विरुद्ध भादंवि की धारा 376, आइटी एक्ट की धारा 67, 67 ए के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
एनएसयूआई ने किया प्रदर्शन
सोमवार को कुलपति से इस्तीफे की मांग को लेकर एनएसयूआइ के कार्यकर्ताओं ने बवाल किया। कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में रखे गमलों को फोड़ दिया, तो वहीं खिड़की दरवाजे में लगे कांचों को तोड़ दिया गया। हंगामे की खबर पुलिस प्रशासन को लगते ही दोपहर में बड़ी संख्या में पुलिस बल विश्वविद्यालय पहुंचा।
भिंड जिले के देहात क्षेत्र में भी उफने नाले में बहने से चार साल के बच्चे की मौत
झाबुआ में रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते ग्रामीण इलाकों के नदी-नाले उफने
इंदौर. मध्यप्रदेश में सोमवार को पहली मानसूनी बारिश से तीन लोगों की मौत हो गई। उज्जैन जिले के उन्हेल में तेज बारिश के बाद उफने नाले को पार करते समय एक पुजारी की बहने से मौत हो गई। वहीं, बड़वानी में देर रात तेज आंधी और बारिश से मकान की छत गिरने से सो रहे वृद्ध ने दम तोड़ दिया। भिंड जिले के देहात थाने में भी उफने नाले में बहने से एक चार साल के बच्चे की मौत हो गई।
लोगों ने मना किया पर नहीं माना पुजारी : जांच अधिकारी एमएल रावत के अनुसार सोमवार रात को शुरू हुई तेज बारिश के चलते उन्हेल स्थित नाला उफान पर था। लालबाई फूलबाई माताजी मंदिर के पुजारी संजय पाठक रात में बेडावन रोड स्थित अपने घर की ओर जा रहे थे। पुल के ऊपर से पानी बहने से लोग किनारे खड़े होकर पानी कम होने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन पुजारी संजय पाठक अपनी साइकिल लोगों के मना करने के बाद भी पुल पार करने लगे।
कुछ दूर पर बहाव में उनका संतुलन बिगड़ा और वे साइकिल सहित बह गए। उनकी साइकिल तो पुल के नीचे झाड़ियों में अटक गई, लेकिन उनक शव करीब एक किलोमीटर दूर माली धर्मशाला के पीछे झाड़ियों में अटक मिला। जिसे पुलिस ने मंगलवार सुबह खोज निकाला। शव को पोस्टमार्टम के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया, जहां से शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है। मिली जानकारी अनुसार मंदिर में पूजन संजय के भाई श्याम करते थे, लेकिन उनकी दो साल पहले हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद संजय यहां पूजन के लिए आने लगे थे।
तेज आंधी से गिरी छत के नीचे दबने से कालूराम की मौत हो गई।
तेज आंधी के बाद गिरी मकान की छत
बड़वानी में सोमवार देर रात तेज बारिश और आंधी में एक वृद्ध की मौत हो गई। वृद्ध कालूराम पिता पुनिया निवासी वार्ड 24 रानीपुरा रात में अपने टीन शेड के मकान में सो रहा था। देर रात तेज हवा और बारिश के चलते टीन शेड का कुछ हिस्सा धराशायी हो गया और कालूराम के ऊपर जा गिरा। प्रारंभिक जानकारी में पता चला है कि टीन शेड की छत पर एक पंखा लगा हुआ था। पंखा गिरने के कारण फैले करंट से कालूराम की मौत हुई है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।
झाबुआ में कई नदियां उफान पर
झाबुआ में तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के चलते कई ग्रामीण इलाकों के छोटे नदी-नाले उफन गए हैं। वहीं अनास, पंम्पावती, पदमावती, नेगडी, नौगावां, हथनी, माही नदी में भी जलस्तर बढ़ने लगा है। भू अभिलेख कार्यालय से प्राप्त जानकारी अनुसार पिछले 24 घंटे में झाबुआ जिले में औसत दो इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है। झाबुआ में 89.2 मिमी, रामा में 22 मिमी, पेटलावद में 51.4 मिमी, थांदला में 45.4 मिमी, मेघनगर में 65 मिमी तथा रानापुर में 51 मिमी बारिश दर्ज की गई है। झाबुआ जिले में इस साल अब तक 104.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल अब तक 74.7 मिमी बारिश हुई थी।
बालाघाट। मंगलवार सुबह यहां एक संत ने समाधि में प्राण त्यागने की घोषणा कर दी। संत की घोषणा का पता जैसे ही लोगों को चला उनके निवास के सामने हजारों लोगों की भीड़ लग गई। तय समय से कुछ पहले संत ध्यान की मुद्रा में समाधि लेने बैठ गए। जब तय समय के निकल जाने पर संत की सांसे चलती रही तो वहां मौजूद लोगों ने ढोंगी बाबा के जमकर नारे लगाए।
जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर हट्टा डूंडासिवनी में कबीर पंत के संत सुबोध दास उर्फ मंगल दास ने आज सुबह कहा कि वे मानव कल्याण के लिए समाधि ले रहे हैं। उनके गुरु सपने में आए तो उन्होंने कहा था कि 10.15 से उनके प्राण जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इसके बाद जैसे ही लोगों को संत सुबोध दास उर्फ मंगल दास के समाधि लेने की बात पता चली हजारों की संख्या में लोग गांव में संत की समाधि प्रक्रिया देखने आ गए। तय समय से कुछ मिनट पहले संत भी समाधि लेने बैठ गए। लेकिन जब तय समय तक संत के प्राण नहीं निकले तो कुछ लोगों ने ढोंगी बाबा और संत के नारे लगानी शुरू कर दिए। फिलहाल गांव में प्रशासन का अमला और पुलिसबल पहुंच गया है।
भारतीय वायुसेना कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने का जश्न मना रही है। सोमवार को ग्वालियर स्थित एयर बेस को एक थियेटर में तब्दील कर दिया गया। इस दौरान जम्मू और कश्मीर के द्रास-कारगिल क्षेत्र में टाइगर हिल हमले का एक प्रतिकात्मक चित्रण प्रस्तुत किया गया। ये हमला 24 जून, 1999 को टाइगर हिल पर पाकिस्तानी घुसपैठियों पर हुआ था।
इस कार्यक्रम में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ मुख्य अतिथि थे। भारतीय वायुसेना ने युद्ध के 20 वर्ष को मनाने के लिए एयर बेस पर कई तरह गतिविधियों की योजना बनाई है, जिसमें टाइगर हिल हमले का प्रतिकात्मक चित्रण और आपरेशन विजय में इस्तेमाल मिराज 2000 और अन्य विमानों के प्रदर्शन को शामिल किया गया।
वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ग्वालियर में इस कार्यक्रम के तहत कई गतिविधियों की योजना बनाई गई है।" इसके साथ ही मिराज 2000 और हमले के दौरान इस्तेमाल अन्य विमानों का प्रदर्शन भी हुआ। पांच मिराज 2000, दो मिग 21 और एक सुखोई 30 एमकेआई का भी प्रदर्शन किया गया। दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर हुई इस जंग में भारतीय वायु सेना ने अपने पराक्रम का प्रदर्शन किया था।
वायुसेना के एक अधिकारी का कहना है, "कारगिल संघर्ष ऊंचाई की परिस्थितियों में युद्ध में वायु शक्ति के उपयोग का एक अनुकरणीय अनुभव प्रदान करता है।" कई वीरता पुरस्कार विजेताओं ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। इनमें से कुछ अभी भी सेवा दे रहे हैं जबकि कुछ सेवानिवृत हो चुके हैं। एक अधिकारी का कहना है कि भारतीय सशस्त्र बलों ने दुश्मन को उसके दुस्साहस का सबसे बड़ा सबक सिखाया था।
इस दौरान हुई लड़ाईयों में मिराज-2000 की काफी अहम भूमिका रही। युद्ध के दौरान वायुसेना ने ऑपरेशन विजय सागर को सेना के ऑपरेशन विजय के एक भाग के रूप में संचालित किया था।
अधिकारियों ने इससे पहले कहा था कि कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में सेना द्वारा कई आयोजन किए जाएंगे। एक अधिकारी का कहना है कि जुलाई के पहले हफ्ते से देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना बनाई गई है।
दिल्ली में ये कार्यक्रम 14 जुलाई से शुरू होंगे। इन समारोहों का उद्देश्य विशेष रूप से युवाओं के बीच देशभक्ति की भावना को जगाना और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देना है।
चौकी के पास बने सरकारी क्वार्टर में रहते थे प्रभारी भागीरथ बघेल
फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं, पुलिस कर रही जांच
इंदौर. झाबुआ जिले की पेटलावट तहसील के झकनावदा में चौकी प्रभारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के अनुसार पेटलावद तहसील के झकनावदा में चौकी प्रभारी भागीरथ बघेल ने शनिवार-रविवार रात अपने सरकारी क्वार्टर में फांसी लगाकर जान दे दी। बघेल सरकारी क्वार्टर में अकेले रहते थे। रिववाार सुबह जब वह अपने आवास से बाहर नहीं निकले तो अन्य कर्मचारियों ने उनके मोबाइल पर कॉल किया। कॉल का जवाब नहीं मिलने पर उनके दरवाजे को खटखटाया गया। काफी प्रयास के बाद भी जब अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो खिड़की से झांककर अंदर देखा गया। इसके बाद घटना का पता चला।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच प्रारंभ कर दी थी। पुलिस के अनुसार आत्महत्या के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस अधीक्षक विनीत जैन ने भी घटनास्थल का मुआयना किया है। मामले की जांच की जा रही है।
चमकी बुखार की पुष्टि के लिए मृत बच्चे का सैंपल पुणे की वायरोलॉजी लैब भेजा जाएगा
देवास के खातेगांव में रहने वाले 9 साल के बच्चे को शनिवार रात एमवाय अस्पताल में किया गया था भर्ती
इंदौर. देवास जिले के खातेगांव के ग्राम जामनेर निवासी नौ साल के असलम पिता इब्राहिम को चमकी बुखार का संदिग्ध बताकर शनिवार रात को शासकीय महाराजा यशवंत राव होलकर चिकित्सालय के बाल गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किया गया था। रविवार सुबह बच्चे की मौत हो गई। चिकित्सालय के रिकार्ड में बच्चे को लामा (लीव अंगेस्ट मेडिकल एडवाइज) होना बताया गया हैं। उधर बच्चे की मौत के बाद सरकार हरकत में आई, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के निर्देश पर प्रशासन की एक टीम को देवास के जामनेर गांव भेजा गया है।
शिशु रोग प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रीति मालपानी ने बताया कि बच्चे की हालत क्रिटिकल थी लेकिन परिजन यह कहकर बच्चे को ले गए कि उसके पिता की तबीयत खराब है। बच्चे की हालत गंभीर थी। यहां आने के पूर्व किसी अन्य डॉक्टर के पास इलाज के लिए गए थे। जहां उन्होंने इसे चमकी बुखार कह दिया था।
बच्चे में चमकी बुखार की पुष्टि के लिए अब उसका सैंपल पुणे की वायरोलॉजी लैब भेजने की बात कही जा रही है। बहरहाल इसे लेकर डॉ. मालपानी ने बताया, यह चमकी बुखार प्रतीक नहीं हो रहा है। बच्चे में एक्यूट एनसिफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की पहचान की गई है। बुखार दिमाग पर चढ़ गया था। जब उसे चिकित्सालय लाया गया था तब वह बेसुध था। ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने उन्हें जाने से रोका था लेकिन वे नहीं माने। उनका कहना था कि बच्चे के पिता बीमार है।
उधर, असलम के मामा हलीम शाह का कहना हैं कि हम बीमार बच्चे को लेकर घर क्यों जाएंगे। हमको ड्यूटी डॉक्टर ने सुबह 5 बजे बताया कि बच्चे को अब घर ले जाओ। इसलिए सुबह एम्बुलेंस लेकर हम वापस गांव आ गए। पिता इब्राहिम का कहना है कि मेरी तबीयत बिलकुल ठीक है। अपने बच्चे को इस हालत में देखकर मैं मानसिक रूप से अस्वस्थ्य महसूस कर रहा था। उसे इस हालत में नहीं देख सकता था। इसलिए एमवायएच नहीं गया था। पूर्व सरपंच मनीष पटेल ने बताया कि बच्चे के पिता बीमार नहीं है। कोई भी व्यक्ति बीमार बच्चे को क्यों लाएगा। चिकित्सकों ने इनसे लामा लिखवाया।
बालक की मृत्यु चमकी बुखार से नहीं - सीएमएचओ
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इंदौर डॉ. प्रवीण जड़िया का कहना है कि असलम की मृत्यु चमकी बुखार से नहीं हुई है। उन्होने बताया कि एमवाय अस्पताल में उपचाररत असलम को उसके परिजन अपनी मर्जी से रविवार की सुबह 6 बजे हास्पिटल से छुट्टी करवाकर ले गए थे। अस्पताल से परिजनों द्वारा जामनेर जिला देवास ले जाने के दौरान रास्ते में बच्चे की मृत्यु हुई।
डॉक्टर जड़िया ने बताया कि शुक्रवार को तेज बुखार आने पर असलम को पहले गांव में फिर खातेगांव और हरदा में उपचार के बाद शनिवार को इंदौर के एमवाय अस्पताल में लाया गया था। चिकित्सकों द्वारा जांच में वायरल बुखार तथा मस्तिष्क ज्वर बताया गया किसकी पुष्टि रक्त और सीएसएफ की जांच से भी हुई है। चमकी बुखार जैसे कोई लक्षण जांच में नहीं मिले थे।
जेलर सहित 4 जेल प्रहरी निलंबित, कैदियों की सूचना देने वाले को 50 हजार रुपए का इनाम देने की घोषणा
रविवार अलसुबह फरार हुए कैदी, अलग-अगल जुर्म में काट रहे थे सजा
इंदौर/नीमच. मध्यप्रदेश के नीमच में रविवार अलसुबह चार कैदी जेल की दीवार फांदकर फरार हो गए। यह कैदी दुष्कर्म, नशीली दवाओं की तस्करी समेत संगीन अपराधों में सजा काट रहे थे। मामले में जेलर सहित 4 जेल प्रहरियों को निलंबित कर दिया गया। वहीं, फरार कैदियों को गिरफ्तार करने में मदद करने वालों को 50 हजार रुपए इनाम देने की घोषणा भी की गई है।
जेलर आरसी बसुनिया के मुताबिक, वारदात सुबह 3.30 बजे से 4.30 बजे की है। बैरक नंबर 11 के चार कैदी बैरक के सरीए काटकर बाहर आ गए और जेल की दीवार पर रस्सा डालकर दीवार पर चढ़ गए और बाहर छलांग लगा दी। बैरक के अंदर से आरी के चार पत्ते मिले हैं। जेल में 27 प्रहरी हैं जिनमें से 7 महिलाएं है।
प्रारंभिक जांच में प्रहरियों की लापरवाहीं के साथ वारदात में किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा मदद किए जाने की बात सामने आ रही है। सर्कल जेल अधीक्षक आरआर डांगी के अनुसार जेल प्रहरियों विजेंद्र धाकड़, ईश्वर, संचित शर्मा और बालमुकुंद लवाना को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर किया है। इसके साथ ही जेलर वसुनिया को भी सस्पेंड कर दिया गया। कैदियों को पकड़ने के लिए जिले के साथ ही आसपास के क्षेत्रों की नाकाबंदी की गई।
इससे पहले फरवरी 2017 में भी मुरैना जिला जेल से दो कैदी फरार हो गए थे। वहीं 2016 में आतंकी संगठन सीमी के आठ आतंकवादी भोपाल जेल के प्रहरी की हत्या कर फरार हो गए थे। 2009 में निमच की इसी जेल से 5 कैदी फरार हुए थे।
यह कैदी हुए फरार
नरसिंह पिता बंसीलाल बंजारा (20) निवासी ग्राम गणेशपुरा थाना भिंडर जिला उदयपुर। नरसिंह को एनडीपीएस के तहत 10 साल की सजा हुई थी।
दुबे लाल पिता दशरथ धुर्वे (19) निवासी ग्राम गोगरी थाना नौगांव जिला मंडला। दुबेलाल को धारा 376 में 10 साल की सजा हुई थी।
पंकज पिता रामनारायण मोंगिया (21) निवासी ग्राम नल वाई थाना बड़ी सादड़ी जिला चित्तौड़। पंकज एनडीपीएस के तहत सजा काट रहा था।
लेख राम पिता रमेश बावरी (29) निवासी ग्राम चंदवासा थाना मल्हारगढ़ जिला मंदसौर।
बालाघाट. जिले के लांजी थाना क्षेत्र में शुक्रवार को एक हृदय विदारक घटना में तीन बहनों की सोननदी में डूबने से मौत हो गई। घटना दलखा पौसेरा की है, जहां तीनों बहनें सोन नदी में शौच के लिए गईं थीं और फिसल कर नदी में गिरने से डूब गईं। बच्चियों के शवों बरामद होने पर शनिवार को को उनका पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
मृतक बच्चियों में दो भाईयों की तीन बेटियां श्रद्धा (5) पिता सुखचंद पांचे, सुमन (4) पिता सुखचंद पांचे और आकांक्षा (6) पिता सुखलाल पांचे की बेटियां हैं। स्थानीय लोगों ने तीनों बच्चियों के शव बाहर निकाले। बताया जाता है शुक्रवार को दोपहर बाद करीब 3 बजे तीनों बहनें शौच के लिए गईं, इस दौरान फिसल कर नदी में गिर गईं और उनकी डूबने से मौत हो गई। घटना के कुछ देर बाद ही बच्चियों का शव पानी में ऊपर आ गया। शाम करीब 4 से 5 बजे के बीच नदी की ओर शौच करने गये एक ग्रामीण ने देखा था।
पहले एक बहन का शव ऊपर आया
नदी में पहले छोटी बहन का शव पानी में ऊपर दिखाई दिया, जिसके पास ही दो अन्य बहनों के शव भी दिखाई दिए। जिसके बाद गांव के लोगों ने नदी में जाकर बच्चियों के शव को बाहर निकाला। जिन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से लांजी अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने बच्चियों को मृत घोषित कर दिया।
मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है। घटना के बाद से गांव में शोक है, पांचे परिवार की तीन बेटियों की एक साथ मौत की हृदय विदारक घटना के बाद घर में भीड़ जुट गई है। लांजी थाना टीआई नितिन अमलावतने बताया कि तीनों बच्चे की बॉडी कल शाम को परिजनों ने लेकर आज पोस्टमार्टम कराया है। घटना में मर्ग कायम कर विवेचना में लिया गया है।
अंजड़ थाना क्षेत्र के ग्राम छोटा बड़दा में नर्मदा नदी के किनारे हुआ हादसा
पांचों मजदूर मिट्टी के टीले के नीचे से रेत निकाल रहे थे
बड़वानी. मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में अवैध रेत खदान धंसने से पांच मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। जिस समय खदान धंसी, मजदूर रेत खनन का काम कर रहे थे। सूचना के बाद एसपी और कलेक्टर मौके पर पहुंचे और जानकारी ली। घटना से क्षेत्र में गम और गुस्सा देखने को मिल रहा है।
इसी खदान से रेत निकाल रहे थे मृतक।
घटना अंजड़ थाना क्षेत्र के ग्राम छोटा बड़दा की है। मजदूरों की शिनाख्त की जा रही है। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में पता चला है कि शनिवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे अवैध खुदाई के दौरान अचानक जोर की आवाज आई और खदान धंस गई। मरने वाले मजदूर खदान में भीतर काम कर रहे थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से रेस्क्यू कर सभी को बाहर निकाला।
कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि जहां पर खनन किया जा रहा था, वह शासकीय जमीन थी। किसी को अलॉट नहीं थी। प्रशासन को जहां सूचना मिलती है, वहां कार्रवाई की जाती है। इस मामले में भी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसपी तेनीवार ने कहा कि हादसा नर्मदा नदी के किनार पर हुआ है। नदी किनारे बड़े-बड़े मिट्टी के टीले हैं, इन टीलों के नीचे रेत है। इसी की खुदाई के लिए पांच लोग आए थे। मामले में जांच चल रही है।
शव नहीं उठाने दे रहे ग्रामीण
ग्रामीण दयाराम यादव ने बताया कि हादसे में प्रभु रामदास कोली, लल्लू बाबू कोली, परसराम मायाराम कोली, राकेश रमेश मानकर और लखन धुरजी मानकर की मौत हुई है। परिजन ट्रैक्टर मालिक को बुलाने की बात पर अड़ गए और शवों को नहीं उठाने दिया।
जिले में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी की रोक के बाद भी यहां पर बालू, रेत का अवैध खनन सालों से चल रहा है। कलेक्टर से लोगों ने इलाके में हो रहे अवैध खनन की शिकायत भी की। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया। लेकिन, कुछ दिनों तक सख्ती दिखाकर रेत खनन बंद करवा दिया जाता है।
दो भतीजे, बहू और बहन की हत्या, मृतकाें में दस साल का मासूम भी
पुलिस ने मुख्य हत्यारोपी को बंदूक समेत गिरफ्तार किया, बेटे फरार
बीना. जमीन को लेकर हुए विवाद में परिवार के 5 लोगों की हत्या कर दी गई। शख्स और उसके दो बेटों ने छोटे भाई के परिवार पर 12 बोर की लाइसेंसी बंदूक से अंधाधुंध गोलियां चलाईं। गोली लगने से दो भतीजों, एक भतीजे की पत्नी और पुत्र की मौत हो गई। बहन ने अस्पताल में दम तोड़ा। घटनास्थल से पुलिस को चलाए गए 9 कारतूस मिले हैं।
एसडीओपी डीआरएस चौहान ने बताया कि गणेश वाॅर्ड स्थित शंकर माली की टपरिया में रहने वाले परिवार में जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। शुक्रवार रात करीब पौने 9 बजे भी जमीन को लेकर परिवार में बहस हुई। तैश में आकर मनोहर अहिरवार एवं उसके दो पुत्र प्रवीण अहिरवार व प्रशांत अहिरवार ने 12 बोर लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग कर दी। इसमें मनोज (42) पिता राजाराम अहिरवार, उसका भाई संजीव (35), संजीव की पत्नी राजकुमारी (28) व पुत्र यशवंत (10) की मौके पर मौत हो गई। आरोपी मनोहर की बहन ताराबाई (70) पत्नी भैयालाल को गोली लगने पर सागर रैफर किया गया, लेकिन उन्होंने रास्ते में दम तोड़ दिया। पुलिस ने आरोपी मनोहर को बंदूक सहित गिरफ्तार कर लिया है।
दो फीट जमीन के पीछे हत्या
थाना प्रभारी अनिल मौर्य ने बताया कि आरोपी एवं मारे गए लोग एक ही जगह रहते थे। आरोपी के घर के पीछे उसके नाम सरकारी पट्टे की जमीन है, जिस पर मृतकों का कब्जा था। इस जमीन में से वह कुछ जमीन घर की मरम्मत करने के लिए मांग रहा था। इसके लिए उसने बहन ताराबाई को भी समझाने के लिए भेजा था। इसी बात पर विवाद हो गया और मामला यहां तक पहुंच गया।
लाइसेंसी बंदूक से किए फायर
प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सबसे पहले गोली संजीव अहिरवार को लगी। इसके बाद उसकी पत्नी राजकुमारी, फिर बड़े भाई मनोज एवं सबसे आखिर में संजीव के बेटे यशवंत को गोली लगी। इस कारण सभी की मौके पर ही मौत हो गई। ताराबाई को गोली कब और कहां लगी, इसकी जानकारी नहीं है। थाना प्रभारी ने बताया कि लाइसेंसी बंदूक मनोहर अहिरवार के नाम है, जो लोकसभा चुनाव के दौरान थाने में जमा थी। इस बंदूक को आरोपी दो दिन पहले बुधवार को थाने से लेकर गया था।
गुरुवार को ही परिवार ने मनाया था मनोज का जन्मदिन
मृतक मनोज का गुरुवार को जन्मदिन था। परिवार ने हंसी-खुशी के साथ मनाया। मनोज के भानेज सौरभ ने खून से सने हाथ दिखाते हुए कहा- मैं जी के क्या करूंगा। मनोहर को मार डालूंगा या खुद मर जाऊंगा।
कर्ज ने बनाया हत्यारा
बताया जा रहा है कि आरोपी मनोहर पर कर्ज था। वह जमीन हासिल कर उसे बेचना चाहता था, ताकि वह कर्ज चुका सके। लेकिन, परिवार के लोग जमीन देने को तैयार नहीं थे। शुक्रवार की रात बहन ताराबाई उसे समझाने गई थी, तभी विवाद हो गया और मनोहर ने अपनी बंदूक से फायरिंग कर दी।
गुरुवार सुबह से ही बादलों की आवाजाही जारी, लोगों को भीषण गर्मी से मिली राहत
खंडवा. शहर में बुधवार के बाद गुरुवार को भी ठंडी हवाओं के साथ बादलों की लुकाछिपी जारी है। तेज धूप नहीं, लेकिन उमस ने लोगों को बेचैन कर दिया है। तीन महीने से भीषण गर्मी से परेशान शहरवासियों को बादलों के कारण कुछ हद तक राहत मिली है। बुधवार को अधिकतम तापमान 37.1 दर्ज हुआ, जबकि रात का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। विशेषज्ञों की माने तो एक दो दिन में शहर सहित आसपास प्री मानसून की बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिक एसके नायक के मुताबिक पश्चिम मध्य प्रदेश में कम दबाव के क्षेत्र (चक्रवात वायु के अवशेष) के कारण बारिश देखी गई। यह लो-प्रेशर एरिया कमजोर हो गया है लेकिन उम्मीद हैं कि आगामी 24 से 48 घंटों तक प्री मानसून बारिश हाेगी। पारे में तत्काल उछाल नहीं होगा। 24 जून के आसपास, बारिश का एक और अच्छा दौर होने की उम्मीद है। यह 26 या 27 जून तक रह सकता है। ये वर्षा गतिविधियां कम दबाव क्षेत्र के कारण होगी।
25 जून को दिल्ली से आएगी एक्सपर्ट की टीम, जुलाई में देगी अपनी रिपोर्ट
इस कॉरिडोर में 121 एक्सीडेंट, 21 लोगों की हो चुकी मौत हो चुकी है
भोपाल। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने कहा है कि भोपाल में बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का काम जल्द शुरू हो सकता है। 25 जून को दिल्ली से सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएसआईआर) की टीम इसका निरीक्षण करने आएगी। दिल्ली की टीम अपनी रिपोर्ट जुलाई में देगी। उसकी रिपोर्ट के बाद इसे तोड़ने का निर्णय लिया जाएगा। ये वहीं टीम है जिसकी रिपोर्ट के बाद दिल्ली का कॉरिडोर तोड़ा गया था।
2016 से 2018 तक 24 किमी के इस कॉरिडोर में 121 एक्सीडेंट, 21 लोगों की हो चुकी मौत हो चुकी है। संत हिरदाराम नगर में कॉरिडोर में हुए हादसे और फिर पुलिस अभिरक्षा में हुई युवक की मौत के बाद बीआरटीएस के सुरक्षित सफर पर एक बार फिर सवाल खड़े हुए हैं। संतनगर में कॉरिडोर की जगह-जगह रैलिंग टूटी है और सड़क उखड़ चुकी है। मिक्स लेन और डेडिकेटेड लेन में गड्ढे हो गए हैं। यहां हर कदम पर हादसों का डर है। बीआरटीएस के चलते संतनगर का कारोबार ठप हो चुका है।
मंत्री ने किया था वादा: नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन भी व्यापारियों की तकलीफ देखकर यहां से कॉरिडोर हटाने का भरोसा दे चुके हैं लेकिन अफसर उनकी इस मंशा पर अडंगा लगा रहे हैं। 16 जनवरी को संतनगर में कॉरिडोर उखाड़ फेंकने की मंत्री की घोषणा के अगले दिन अफसरों ने नया शिगुफा छेड़ दिया था। नगर निगम कमिश्नर ने 17 जनवरी को आनन फानन में डेडिकेटेड कॉरिडोर में स्कूल बसों व सूत्र सेवा की यात्री बसों को अनुमति जारी किए जाने के आदेश दिए। हालांकि इसमें भी सात शर्तें रख दी गईं। बाद में कहा गया कि किसी बस संचालक ने इसके लिए आवेदन ही नहीं दिया।
16 जनवरी 2019 को मंत्री ने यह कहा था... संत हिरदाराम नगर पहुंचे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने व्यापारियों का भरोसा दिलाया था कि कॉरिडोर हटाने की आपकी राय पर जल्द अमल होगा।
बीआरटीएस हटाने में भी सरकार पर आएगा 100 करोड़ का भार
24 किलोमीटर लंबे बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर को हटाना इतना आसान नहीं है। इसके हटने से शहरवासी परेशान न हों इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा जो बेहद खर्चीला होगा। विशेषज्ञों की मानें तो इस 24 किमी लंबे बीआरटीएस के निर्माण में जितना खर्च हुआ है उसका 40 फीसदी अब इसे हटाने में लगेगा। इसके लिए बाकायदा एक्सपर्ट एजेंंसी को हायर कर डीपीआर बनवाना होगी। तकनीकी आधारों पर डीपीआर में बताया जाएगा कि बीआरटीएस को सामान्य मुख्यमार्ग में बदलने किन पाइंट्स पर क्या काम किए जाएं? इन कामों को करने के लिए बड़ी राशि खर्च होगी।
उद्देश्य नहीं हो पाया पूरा: जिस उद्देश्य के लिए इसे बनाया गया था वो पूरी तरह से असफर रहा है। इसमें हर पांच मिनट में एक बस चलने की बात कही गई थी। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हो पाया। अकसर के कॉरिडोर खाली रहता है। और आम लोगों के लिए बनी लेन में ट्राफिक जाम रहता है।
शिवराज सिंह ने सीबीआई जांच की मांग की, कहा- हम परिजनों को न्याय दिलाएंगे, न्यायिक जांच से कुछ नहीं होगा
भोपाल. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को सुबह पुलिस की पिटाई से मौत का शिकार हुए शिवम के परिजनों से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने सरकार से मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
शिवराज सिंह ने कहा कि मप्र पुलिस में ये वहशी कहां से आ गए। क्या इनकी अंतरात्मा नहीं है। इनका परिवार नहीं है। दिव्यांग मां-बाप के बेटे को मार डाला गया, ये साधारण अपराध नहीं असाधारण है। ये नीचता की पराकाष्ठा है। परिवार की हालत देखकर ये संकल्प लिया है कि इसके अपराधियों को छोड़ेंगे नहीं। उनके परिवार को न्याय दिलाएंगे। हमने सीबीआई जांच कराने की मांग की है। अगर सरकार में जरा भी संवेदनशीलता है तो वह सीबीआई से जांच कराएं।