मध्य प्रदेश

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परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के स्थित एसबीआई के बैंक एटीएम को बनाया था निशाना
इंदौर. परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के एसबीआई बैंक एटीएम से 21 लाख के घोटाले में फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से पुलिस ने 40 हजार रुपए बरामद किए हैं। आरोपी ने दोस्त के साथ मिलकर बैंक के साथ धोखाधड़ी की थी। पुलिस उससे मामले में पूछताछ कर रही है।
जांच अधिकारी राम शाक्य ने बताया कि मामला परदेशीपुरा थाना क्षेत्र का है। कुछ दिनों पहले पुलिस को शिकायत मिली थी कि एसबीआई के आईटीआई चौराहा स्थित एटीएम में 21 लाख रुपए चोरी हो गए हैं। पुलिस ने तफ्तीश कर बैंक के ही दो कर्मचारियों के मामले में संलिप्त होने की बात बताई थी। अारोपियों ने एटीएम में रुपए भरने की जगह मैन्युअल इंट्री कर दी थी और रुपए साथ ले गए थे।
मामले में पुलिस ने पूर्व में ही एक आरोपी विजय जैन को गिरफ्तार कर आरोपी से पांच लाख पचास हजार रुपए बरामद किए थे, जबकि आरोपी अंकित को पुलिस तलाश रही थी। पुलिस को सूचना मिली कि सुगनी देवी कॉलेज के पास अंकित को देखा गया है। पुलिस ने टीम गठित कर आरोपी अंकित को गिरफ्तार किया और उसके पास से 40 हजार रुपए बरामद किए। दोनों ही एसआईएस कंपनी मैं काम करते थे। दोनों के पास एटीएम का पासवर्ड भी रहता था, जिसे कैश भरते समय दोनों साथ में एटीएम में पैसे जमा करने जाते थे, लेकिन इसके बावजूद पैसे भरने की वजह पैसों की मैनुअल सेटिंग कर पैसे को महिलाओं और अय्याशी के लिए खर्च कर दिए थे। एसबीआई एटीएम में हुए फर्जीवाड़े के बाद कंपनी अन्य और भी एटीएम की जांच कर रही है। अंकित को 3 जुलाई तक रिमांड पर लिया गया है।

जबलपुर। पाटन सिविल कोर्ट शुक्रवार की दोपहर पेशी पर आए दो कैदियों को गोली मारने का मामला सामने आया है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने एक आरोपी को पिस्टल सहित गिरफ्तार कर लिया है। वारदात का कारण अपसी रंजिश बताई जा रही है।
जनकारी के मुताबिक कुछ दिनों पहले चरगवां में 10 साल के बच्चे बादल गोस्वामी की हत्या हुई थी इसी हत्याकांड के दोनों आरोपी गुड्डू तिवारी और मुकेश तिवारी को शुक्रवार सिविल कोर्ट पाटन में लाया गया था। दोनों आरोपियों को जब पुलिस कोर्ट रूम से बाहर लेकर आ रही थी तभी वहां पहले से मौजूद हमलावरों ने उन पर फायरिंग कर दी।
पुलिस ने मौके से आरोपी राजा यादव को गिरफ्तार कर लिया है जबकि दीपक जैन फरार हो गया। दोनों आरोपी जबलपुर के हनुमान ताल के रहने वाले हैं जिन्हें की सुपारी देकर बुलवाया गया था। फायरिंग के दौरान गुड्डू तिवारी के सिर पर गोली लगी है जबकि मुकेश के कंधे में गोली लगी है।

हिंदी मीडियम के छात्र-छात्राओं के लिए शुरू की सुविधा
विभिन्न विषयों की 67 बुक्स पर क्यूआर कोड आया
भोपाल। इस शिक्षण सत्र के कक्षा पहली से 10वीं तक के छात्र-छात्राओं को डिजिटल तकनीक से पढ़ाई कराई जाएंगी। उनकी किताबों पर क्यू आर कोड होगा, जिसके माध्यम से शिक्षक ऑडियो,वीडियो, पीपीटी और पीडीएफ माध्यम से पढ़ाई करवा सकेंगे। स्कूलों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस शिक्षण सत्र के लिए विभिन्न विषयों की 67 किताबें तैयार की हैं। इसका सबसे ज्यादा फायदा उन स्टूडेंट्स को मिलेगा, जो किताबाें की जगह वीडियो और ऑडियो से पढ़ाई करतेे हैं।
मार्केट में आईं हिंदी मीडियम की बुक्स
मार्केट में क्यूआर कोड की बुक्स आ गई हैं। यह फिलहाल हिन्दी मीडियम के छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग विषयों में आई हैं। एनसीईआरटी ने फिलहाल हिंदी मीडियम की 3040 बुक्स पर क्यूआर कोड अंकित किए हैं। इसमें वीडियो, ऑडियो, पीपीटी और पीडीएफ के रूप में पाठ्य सामग्री को शामिल किया गया है।
इस एप का करना होगा उपयोग
इन क्यूआर कोड का उपयोग दीक्षा एप के माध्यम से किया जा सकता है। जैसे ही आप दीक्षा एप के जरिए इस कोड को स्कैन करेंगे, वो दीक्षा पोर्टल पर पहुंच जाएगा। साथ ही उन्हें पोर्टल पर मौजूद तमाम स्टडी मटेरियल का लिंक मिल जाएगा। इस लिंक में ऑडियो और वीडियो अटैच हैं। इनकी मदद से इनको अपडेट कर सकेंगे और पढ़ाई भी कर सकेंगे।
डाउनलोड कर पढ़ा सकते ऑफलाइन
कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों को ध्यान में रखते हुए ही दीक्षा पोर्टल पर स्टडी मटेरियल अपलोड किया गया है। इसमें कार्टून कैरेक्टर के जरिए पूरे पाठ को रोचक अंदाज में समझाया गया है। इन्हें डाउनलोड करने के बाद इनको ऑफलाइन भी उपयोग किया जा सकता है।
इस सत्र से पैरेंट्स को वाट्सएप पर भेजी जाएगी रिपोर्ट
स्कूलों में बच्चें की पढ़ाई कैसी चल रही है, उसके टेस्ट में कितने अंक आए हैं और जो होमवर्क उसे स्कूल की ओर से दिया जाता है वह उसे पूरा करके लाता है या नहीं। इस प्रकार की जानकारी अब पैरेंट्स को ऑनलाइन मिलेगी। शहर के सीबीएसई और एमपी बोर्ड से संचालित विद्यालयों द्वारा इस सत्र से स्टूडेंट्स की सप्ताहिक और मंथली रिपोर्ट पैरेंट्स को वॉट्सएप पर भेजी जाएगी। इससे पैरेंट्स को पता होगा कि उनका बच्चा किस सब्जेक्ट में कमजोर है और किसमें बेहतर है। साथ ही पढ़ाई के अलावा स्कूल की अन्य एक्टिविटी में उसकी परफॉर्मेंस कैसी है। अभी तक पीटीएम में ही अभिभावकों को बच्चे का रिपोर्ट कार्ड दिया जाता था। जिस कारण उनको बच्चों की वास्तविक स्थति का पता नहीं होता है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मेधावी छात्र योजना के आवेदन शुरू
एमपी बोर्ड ने कक्षा 12वीं में स्कूल लेवल पर बेहतर स्कोर करने वाले छात्र-छात्राओं को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम मेधावी छात्र योजना का फायदा मिलेगा। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके आवेदन स्कूलों को भेज दिए गए हैं। इसमें मेधावी छात्र-छात्राओं के नाम स्कूूल स्तर पर भेज जाएंगे। इसमें विद्यार्थी की अंकसूची और पासबुक की फोटोकॉपी भेजनी होगी।

भाजपाइयों का आरोप- निगमकर्मियों ने महिलाओं के साथ कार्रवाई के दौरान अभद्रता की
आकाश ने कार्रवाई के लिए पहुंचे निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई की थी
इंदौर. निगम अधिकारी की पिटाई मामले में जेल बंद भाजपा महासचिव कैलश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश के समर्थन में भाजपा द्वारा राजबाड़ा पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान सभी ने एक सुर में कहा कि निगमकर्मियों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यहार किया है, हम विधायक के साथ हैं। वहीं प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को राजबाड़ा पर एक युवक अमित पिता राजू सोनकर निवासी पालदा ने मारपीट के आरोपी विधायक के समर्थन में आत्मदाह का प्रयास किया जिसे वहां उपस्थित लोगों ने विफल कर दिया।
राजबाड़ा पर दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन शाम 4 बजे तक चलेगा। प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सुबह से ही कार्यकर्ता राजबाड़ा पर जमा होने लगे थे। प्रदर्शन के दौरान मंच पर भाजपा के विधायक सहित सभी पदाधिकारी मंच पर माैजूद हैं। पुलिस प्रशासन के खिलाफ धरने की शुरुआत देशभक्ति गीतों से की गई। धरने पर बैठे नेताओं का कहना है कि जिस तरह से महिलाओं के साथ निगम अधिकारियों ने दुर्व्यवहार किया है और पुलिस ने एफआईआर तक नहीं लिखी, इससे साफ पता चलता है कि पुलिस कांग्रेस के कहे अनुसार कार्रवाई कर रही है। भाजपा इस प्रकार के अराजकता के लिए आज सड़क पर उतरी है। हमारा आंदोलन लगातार जारी रहेगा। धरने में विधायक रमेश मेंदोला के साथ महेंद्र हार्डिया, पूर्व विधायक जीतू जिराती भी मौजूद हैं। इसके पहले विधायक हार्डिया सुबह आकाश से मिलने जेल पहुंचे। करीब 20 मिनट तक चर्चा के बाद वे जेल से बाहर आए।
पिटाई का शिकार निगमकर्मी आईसीयू में भर्ती
विधायक आकश ने जिस निगमकर्मी धीरेन्द्र बायस की क्रिकेट के बल्ले से पिटाई की थी उन्हें गुरुवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बायस को सीने में दर्द की शिकायत थी। ग्रेटर कैलाश अस्पताल की डॉक्टर सोनाली जैन के अनुसार घबराहट, जकड़न और दर्द की शिकायत थी। जांच में उनका ब्ल्ड प्रेशर हाई था जिसके चलते उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है।
आकाश के साथ था लिस्टेड गुंडा
पिटाई कांड में विधायक विजयवर्गीय के साथ पुलिस ने 10 अन्य लोगों पर पहले दिन ही मुकदमा दर्ज कर लिया था। वहीं गुरुवार को पुलिस ने मामले में शामिल 6 अन्य आरोपियों पर भी प्रकरण दर्ज किया है। जिन लोगों पर गुरुवार को प्रकरण दर्ज किया गया है उनमें भरत खस, मोनू कल्याणे, निकुल शर्मा, जीतू खस, अभिषेक गौड़ और पंकज पांडे शामिल है। इन आरोपियों में शामिल मोनू कल्याणे निगम का बर्खास्त कर्मचारी था। भरत खस भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा का पदाधिकारी है, जो एमजी रोड थाने का सूचिबद्ध गुंडा है। खस पर 6 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज है। वहीं शुक्रवार को राजबाड़ा पर आत्मदाह का प्रयास करने वाले अमित सोनकर पर भी कई अपराध दर्ज है।
 
यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण
धरने में पहुंचे पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार आई है। तब से पूरे प्रदेश में तबादला उद्योग शुरू हो गया है। कांग्रेस के दलाल ईमानदार अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं कि रुपए नहीं दिए तो लूप लाइन में डाल दिया जाएगा। वे डरकर रुपए देकर अपना स्थान बचा रहे हैं। आकाश विजयवर्गीय पर दुर्भावनापूर्ण तरीके से कार्रवाई की गई है। जब महिलाएं पुलिस के पास रिपोर्ट लिखाने गईं, लेकिन वहां उनकी सुनवाई नहीं हुई। पुलिस ने कांग्रेसियों के इशारे पर एकतरफा कार्रवाई की गई। उन्होंने बैट मारने के मामले मे कहा कि उन्होंने जो किया, वह मामला कोर्ट में है। मैं इस प्रकार की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण है, इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए। मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि जनप्रतिनिधियों की बात को अधिकारियों को सुनना चाहिए। उनकी बातों को गंभीरता से सुनना चाहिए। उनके मोबाइल को उठाना चाहिए।
आकाश ने बैट को प्यार से धकेला था, मारा नहीं था
विधायक महेंद्र हार्डिया ने कहा कि आकाश युवा हैं जोशीले हैं, उनसे पीड़ित बहनों का दर्द देखा नहीं गया और इस प्रकार की घटना हो गई। हम पुलिस और प्रशासन से मांग करते हैं कि कार्रवाई एक जैसी होनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों के समक्ष कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जब वह अपना आपा खो बैठता है। आकाश के साथ भी कुछ वैसा ही हुआ। आकाश से निगम अधिकारी को बैट नहीं मारा, प्यार से धकेला था।
ननि की कार्रवाई के विरोध में वकीलों ने दो घंटे काम बंद रखा
उधर, नगर निगम द्वारा गत दिनों नंदलालपुरा मेनरोड पर एक मकान को तोड़ दिया था। इसके लिए पर्याप्त समय भी नहीं दिया गया था। कार्रवाइ्र में वकील सुरेश एकतारे का ऑफिस भी जमींदोज हो गया था। इस कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को जिला न्यायालय में वकीलों ने 2 घंटे तक काम बंद रखा।

हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू ने पर्यावरण की बेहतरी के लिए पेश की मिसाल
ग्वालियर। कभी शहीदों की विधवाओं के लिए भारत के वीर एप में राशि जमा कराने की शर्त तो कभी बाढ़ राहत कोष में योगदान देने की शर्त। ऐसी तमाम शर्ते लगाकर मप्र हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने बीते कुछ सालों में ऐसे फैसले सुनाए हैं, जिसमें न केवल याचिकाकर्ता को राहत मिली है बल्कि समाज की बेहतरी के लिए कुछ करने का अवसर भी मिला है।
इस बार मानसून को ध्यान में रखते हुए जस्टिस शील नागू क्रिमिनल मामलों में जिन आरोपियों को सशर्त जमानत का लाभ दे रहे हैं, उन्हें 100-100 पौधे रोपने के लिए भी कह रहे हैं। 21 से लेकर 25 जून तक सिर्फ तीन कामकाजी दिवस में उन्होंने कुल 36 मामलों में आरोपियों को 100-100 पौधे रोपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट कॉरिडोर में उनके जजमेंट को वकील और पक्षकार ग्रीन जजमेंट की संज्ञा भी दे रहे हैं।
पूरे ग्वालियर-चंबल में दिखेगा हाईकोर्ट के आदेश का असर : आने वाले समय में हाईकोर्ट के आदेश का असर पूरे ग्वालियर चंबल अंचल में देखने को मिलेगा। क्योंकि जिन आरोपियों को पौधे लगाने के लिए कहा है, उनमें से कुछ ग्वालियर से है तो कुछ गुना, भिंड,मुरैना,दतिया, अशोकनगर, शिवपुरी जिले से भी है। ऐसे में इन सभी जिलों में कोर्ट के आदेश से न केवल पौधारोपण होगा बल्कि एक साल तक उनकी अच्छे से देखरेख भी होगी।
एक साल तक देनी होगी एक-एक पौधे की जानकारी : जस्टिस नागू ने आदेश में ये भी स्पष्ट किया है कि जो पौधे लगाए जाएं वे न केवल छायादार हो बल्कि फलदार भी हो। उनकी सुरक्षा के लिए आरोपी को ट्री-गार्ड से लेकर नियमित पानी देने की भी व्यवस्था करनी होगी। ये सारी कवायद तीस दिन में पूरी करना होगी और रिपोर्ट बनाकर हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में देनी होगी। संबंधित जिले का वरिष्ठ सरकारी वकील निरीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगा और रिपोर्ट तैयार कर ट्रायल कोर्ट में देगा। यदि शर्त का पालन नहीं होगा तो जमानत कैंसिल कर दी जाएगी।
जहां घटना हुई वहां पौधे लगाने के लिए कहा : आदेश की एक अनूठी बात ये भी है कि आरोपियों को उस जगह पौधे लगाने के लिए कहा है, जहां उन्होंने घटना को अंजाम दिया। दरअसल 36 में से अधिकांश मामले आर्म्स व एक्साइज एक्ट के हैं। ऐसे में कोर्ट के इस आदेश से सामाजिक संदेश भी जाएगा।

इंदौर से जमानत याचिका खारिज होने के बाद विधायक ने भोपाल की विशेष अदालत में याचिका दायर की
विधायक समर्थकों ने  शहर में कई जगह पर आकाश सैल्यूट के पोस्टर लगाए गए, निगम ने हटाए
विधायक ने निगम की कार्रवाई के दौरान आधिकारी के बल्ले से पिटाई कर दी थी
इंदौर. नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई करने वाले विधायक व भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश की जमानत याचिका शुक्रवार को भोपाल की विशेष अदालत में दायर की गई। भाजपा के वरिष्ठ नेता विश्वास सारंग वकीलों के साथ कोर्ट पहुंचे। मामले में विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने इंदौर से केस डायरी बुलाए जाने के आदेश दिए हैं।शनिवार को केस डायरी आने के बाद ही आगे की सुनवाई होगी।
इसके पहले गुरुवार को उनकी तरफ से अपर सत्र न्यायालय में जमानत अपील दायर की गई थी। कोर्ट ने यह कहते हुए अपील खारिज कर दी कि मंत्री, विधायकों से जुुड़े आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए भोपाल में एक कोर्ट निर्धारित कर दी गई। इस कोर्ट को जमानत अर्जी पर सुनवाई का अधिकार नहीं है। उधर, नगर भाजपा ने गिरफ्तारी के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया है। शुक्रवार को भाजपा नेता राजवाड़ा पर धरना देंगे। वहीं अकाश के समर्थन में शहर में जगह-जगह लगे सैल्युट आकाश के पाेस्टरों को निगम ने हटा दिए हैं।
क्या कहते हैं कानून के जानकार?
उधर, विधि के जानकारों के मुताबिक अधिनियम 1951 (रिप्रेजेंटेशन आॅफ द पीपल एक्ट) के तहत यदि विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ है वह ट्रायल के दौरान साबित हो जाती हैं तो वह चुनाव लड़ने के लिए छह साल के लिए अयोग्य हो सकते हैं।
इस मामले में फैसला आने के वक्त वह विधायक रहे तो फैसले पर तीन महीने तक अमल नहीं होगा। इस अवधि में वह फैसले को चुनौती दे सकते हैं। चुनौती देने के बाद भी राहत नहीं मिलती तो जितनी सजा होगी उसे भुगतने के बाद अगले छह साल तक वह कोई चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जहां तक अधिकतम सजा की बात है तो धारा 147 और 148 के तहत कम से कम दो वर्ष और अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है।
16 केस इंदौर से ट्रांसफर किए जा चुके हैं
पिछले साल से विधायक, सांसद और राजनीतिज्ञों से जुड़े 16 मामले इंदौर जिला व सत्र न्यायालय से भोपाल भेजे गए हैं। इनमें चक्काजाम, मारपीट, धरना, चेक बाउंस से लेकर अन्य मामले हैं। कांग्रेस के पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल, सीपी शेखर सहित अन्य नेताओं के मामले शामिल हैं। पिछले साल चुनाव सेे पहले मंत्री जीतू पटवारी को भी भोपाल न्यायालय से ही बरी किया गया था। चंदन नगर में चक्काजाम व अन्य धाराओं में उन पर केेस दर्ज किया गया था।
कांग्रेस नेता की जमानत का हवाला दिया आकाश ने
आकाश की ओर से पेेश जमानत अर्जी में धार के पूर्व विधायक व कांग्रेेस नेता बालमुकुंद सिंह गौतम को इंदौर कोर्ट से दी गई जमानत का हवाला दिया गया। अर्जी में लिखा कि उन्हें भी जमानत इंदौर से ही मिली। इस मामले में इंदौर की कोर्ट सुनवाई कर सकती है। लेकिन आकाश की दलील को कोर्ट द्वारा यह कहते हुए खारिज कर दिया कि गौतम को जमानत मप्र हाई कोर्ट के 26 फरवरी 2018 को जारी हुए नोटिफिकेशन से पहले दी गई थी इस वजह से आकाश की अर्जी को सुुना नहीं जा सकता।
 
सीएम कमलनाथ बोले- यह बड़े दुख की बात है। भाजपा नेताओं के ऐसे काम को पूरा प्रदेश देख रहा है। इस मामले में अब पुलिस को साबित करना है कि उसकी कार्रवाई सही है।
कमलनाथ, मुख्यमंत्री
भाजपा को विश्वास नहीं
 दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया- पहले आवेदन, फिर निवेदन और फिर दनादन। क्या इससे स्पष्ट नहीं होता कि भाजपा को न नियम, न कानून, न संविधान पर विश्वास है।
हत्या और दुष्कर्म के दोषी के साथ कैद विधायक
आकाश विजयवर्गीय जिला जेल की वार्ड नंबर 6 के सेल में है। उनके साथ सजायाफ्ता कैदी धनपाल व सुरेश हैं। धनपाल को हत्या के आरोप में 10 साल और सुरेश को दुष्कर्म के अारोप में 7 साल की सजा हुई है।

जर्जर मकान ढहाने गए इंदौर नगर निगम के दल के साथ दो दिन पहले हुए विवाद के दौरान भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने शहरी निकाय के जिस अफसर को बल्ले से पीटा था, उसे एक निजी अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है। पलासिया क्षेत्र स्थित इस निजी अस्पताल के एक डॉक्टर ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की। 
 
उन्होंने बताया कि नगर निगम के भवन निरीक्षक धीरेंद्र सिंह बायस (46) को बृहस्पतिवार देर शाम उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की शिकायत पर आईसीयू में भर्ती किया गया। डॉक्टर ने बताया कि मरीज की हालत स्थिर बनी हुई है। 

आकाश विजयवर्गीय के समर्थन में लगे पोस्टर

वहीं दूसरी तरफ इंदौर में भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय के समर्थन में पोस्टर लग गए हैं। इन पोस्टरों पर आकाश विजयवर्गीय की तस्वीर के नीचे लिखा है 'सैल्यूट आकाशजी'। नगर निगम अधिकारी के साथ मारपीट करने के बाद आकाश विजयवर्गीय जेल में बंद हैं। पिछले दो दिन में यहां की अलग-अलग अदालतें उनकी दो जमानत अर्जियां खारिज कर चुकी हैं। हालांकि, नगर निगम ने ये पोस्टर हटा दिए हैं।    कैलाश विजयवर्गीय भी तान चुके हैं पुलिस अधिकारी पर जूता
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर गुरुवार से काफी वायरल हो रही है। यह तस्वीर लगभग 25 साल पुरानी बताई जा रही है। इस तस्वीर में भाजपा नेता एक पुलिस अधिकारी पर जूता ताने हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वायरल तस्वीर पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

दावा किया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह तस्वीर असली है और साल 1994 की है। उस समय विजयवर्गीय ने इंदौर के तत्कालीन एएसपी प्रमोद श्रीपाद फलनीकर पर जूता ताना था। वह इंदौर में किसी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे।

लोअर कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद विधायक ने सेशन कोर्ट में लगाई थी याचिका
एससी-एसटी के विशेष जज बीके द्विवेदी की कोर्ट अब करेगी जमानत याचिका पर सुनवाई
इंदौर. निगम अधिकारी की बैट से पिटाई मामले में लोअर कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद विधायक आकाश विजयवर्गीय के वकील गुरुवार को सेशन कोर्ट पहुंचे। जहां याचिका पर डीजे कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामले को एससी-एसटी के विशेष जज बीके द्विवेदी के यहां स्थानांतरित कर दिया। इसके पहले पुलिस ने कोर्ट के समक्ष केस डायरी पेश की। वहीं निगम ने सेशन कोर्ट में विधायक के खिलाफ 7 पेज की आपत्ति लगाई। उधर, दोपहर में विधायक के भाई कल्पेश विजयवर्गीय उनसे जेल में मिलने पहुंचे। जेल से बाहर आकर उन्होंने कहा कि भाई बिल्कुल ठीक हैं। वे पूरी तरह से स्वथ्य हैं।
विधायक आकाश विजयवर्गीय के रिहाई की मांग को लेकर गुरुवार सुबह से ही जेल के बाहर भाजपा समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। यहां पर कमलनाथ सरकार, पुलिस और निगम अधिकारियों के लिखाफ समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। दोपहर में आकाश के छोटे भाई कल्पेश विजयवर्गीय उनसे मिलने जेल पहुंचे। उनके मिलकर बाहर आए कल्पेश ने कहा कि वे खाना लेकर यहां आए थे। भाई बिल्कुल स्वस्थ्य हैं। उनके अलावा विधायक रमेश मेंदोला और पूर्व विधायक जीतू जिराती आकाश से मिलने जेल पहुंचे। उनसे मिलकर जेल से बाहर आए मेंदोला ने कहा कि यह बस निगम कमिश्नर और कांग्रेस में सांठगांठ के कारण हो रहा है। निगमकर्मियों के काम बंद करने पर उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। जेल में सजा काट रहे बंदियों के साथ विधायक को रखा गया है।
मामले में आम आदमी पार्टी गुरुवार को नगम कर्मचारियों के बचाव में उतर आई। आप कार्यकर्ता क्रिकेट किट लेकर निगम कर्मचारियों के पास पहुंचे और उन्हें किट भेंट की। किट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विधायक द्वारा बैट से नगर निगम कर्मचारी की पिटाई की गई। उन्होंने कहा है कि जब भी अधिकारी अब इस प्रकार की कार्रवाई के लिए जाएं तो अपने बचाव के लिए क्रिकेट किट का इस्तेमाल जरूर करें। ऐसा करने से वे इस प्रकार की अप्रिय घटना से खुद को बचा पाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष से महापौर से मांगा इस्तीफा
नेता प्रतिपक्ष फौजिया शेख ने मामले में कहा कि कल की घटना बहुत ही निंदनीय है। निगम की कार्रवाई भी कहीं ना कहीं सवालों के घेरे में है। निगम यदि इस प्रकार की कार्रवाई करने जाता है तो वहां के पार्षद, विधायक को इसकी जानकारी देनी चाहिए। जिससे आने वाले दिनों में इस प्रकार की कोई घटना ना घटित हो। महापौर को भी खुद मैदान में उतरकर काम करना चाहिए। यदि महापौर व्यवस्था नहीं संभाल नहीं पा रही हैं तो अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।  
कांग्रेस ने महापौर के खिलाफ किया प्रदर्शन
टावर चौराहे पर पुतला दहन करने पहुंचे कांग्रेसियों का आरोप है कि पिछली बार जब निगम अधिकारियों के साथ हाथापाई हुई थी, तब भी महापौर ने कोई बयान नहीं दिया। इस बार भी वे मूकदर्शक बनी हुई हैं। मौके पर मौजूद पुलिस ने पुतला जलाने से कांग्रेसियों को रोकने का प्रयास भी किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच छीना-झपटी भी हुई। मामले को लेकर सुबह कांग्रेसी राजबाड़ा पर मां अहित्या की प्रतिमा के पास पहुंचे और प्रतिमा को दूध और गंगाजल से धोया। उनका कहना था कि अहिल्या का शुद्धिकरण इसलिए किया गया, क्योंकि इस तरह के कृत्य से इंदौर शहर मैला होता है और मां अहिल्या इंसाफ की देवी थीं।

निगम की टीम गंजी कंपाउंड स्थित सपना श्रीवंश का मकान तोड़ने पहुंची थी
कहा- महिलाओं का जबरन हाथ पकड़कर सामान समेत बाहर निकाल रहे थे निगमकर्मी
निगमकर्मियों ने संभागायुक्त को सौंपा ज्ञापन, काली पट्टी बांधकर आधे दिन काम नहीं करने का निर्णय लिया
इंदौर. जिस अति खतरनाक मकान को तोड़ने के दौरान विधायक ने गुस्से में निगमकर्मियों की पिटाई कर दी। उस मकान के महिला-पुरुष गुरुवार को मीडिया के सामने आए। उन्होंने एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उस समय वहां पर निगमकर्मियों द्वारा जो किया गया, उससे विधायक को गुस्सा आना स्वाभाविक था। निगम कर्मियों से हमने मकान नहीं तोड़ने का आग्रह किया तो वे जबरन घर में घुस गए और हमारा हाथ पकड़कर बाहर निकालने लगे। इस दौरान उन्होंने हमारे साथ छेड़छाड़ की और हमारे सीने में भी हाथ मारा।
मकान में रहने वाले महिला-पुरुष गुरुवार सुबह प्रेस क्लब में अपने वकील के साथ मीडिया से मुखातिब हुए। सपना श्रीवंश ने  बताया कि सुबह करीब साढ़े 9 बजे नगर निगम के अधिकारी धीरेंद्र बायस और भवन अधिकारी आशीष खरे निगम दल के साथ गंजी कंपाउंड स्थित हमारे मकान को तोड़ने पहुंचे थे। उस समय हम परिवार सहित हमारे यहां हुई दो गमी में शामिल होने जा रहे थे। हमने निगम अधिकारी ने आग्रह किया कि आपने दो दिन पहले हमें नोटिस दिया, ऐसे में हम सामान लेकर इतनी जल्दी कहां जाएं। वैसे भी हमारा मकान अभी मजबूत है, इसे तोड़ने की आवश्यकता नहीं है। आप हमें थोड़ी मोहलत दे दीजिए।

सपना का आरोप है कि यह सुन निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस बिफर पड़े और अपनी टीम के साथ जबरन मकान में दाखिल हो गए। उन्हें रोकने का प्रयास किया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर अपनी ओर खींच लिया और अभद्र गालियां देते हुए मारपीट करने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने मेरे सीने पर भी हाथ मारा। उन्होंने मेरे अलावा माधुरी श्रीवंश, नर्मदा, देवांश के साथ भी अभद्रता की। जब उन्हें बचाने उनके पति भेरूलाल आए तो निगमकर्मियों ने उनके साथ भी मारपीट की।
यह सब होता देख विधायक ने इसे गलत कार्रवाई बताते हुए उन्हें ऐसा नहीं करते हुए वहां से जाने को कहा। इस पर धीरेंद्र बायस और उनकी टीम ने विधायक के साथ भी अभद्रता की और अपशब्द कहे। पूरे मामले की हम शिकायत लेकर एमजी रोड थाने पहुंचे तो वहां पर पुलिस ने कांग्रेसियों के दबाव में आकर कार्रवाई नहीं की। सपना ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कुछ नेता हमारे मकान को जर्जर बताकर उसे तोड़कर उस पर कब्जा करना चाहते हैं।

सपना के वकील भूपेंद्र कुशवाह का कहना है कि नगर निगम अमला जिस समय घर में दाखिल हुआ उनके साथ ना तो महिला पुलिस थी और ना ही अन्य काेई महिला अधिकारी। मकान में घुसने के बाद उन्होंने महिलाओं को सामान सहित जबरन बाहर निकालने की कोशिश की। महिलाओं ने इसका विरोध किया तो बायस सहित टीम ने उनके साथ अभद्रता की। शिकायत के बाद भी पुलिस ने पीड़ता का केस दर्ज नहीं किया।
कांग्रेस ने महापौर के खिलाफ किया प्रदर्शन।
कांग्रेस ने महापौर के खिलाफ किया प्रदर्शन
टावर चौराहे पर पुतला दहन करने पहुंचे कांग्रेसियों का आरोप है कि पिछली बार जब निगम अधिकारियों के साथ हाथापाई हुई थी, तब भी महापौर ने कोई बयान नहीं दिया। इस बार भी वे मूकदर्शक बनी हुई हैं। मौके पर मौजूद पुलिस ने पुतला जलाने से कांग्रेसियों को रोकने का प्रयास भी किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच छीना-झपटी भी हुई। मामले को लेकर सुबह कांग्रेसी राजबाड़ा पर मां अहित्या की प्रतिमा के पास पहुंचे और प्रतिमा को दूध और गंगाजल से धोया। उनका कहना था कि अहिल्या का शुद्धिकरण इसलिए किया गया, क्योंकि इस तरह के कृत्य से इंदौर शहर मैला होता है और मां अहिल्या इंसाफ की देवी थीं।
संभागायुक्त को निगमकर्मियों ने दिया ज्ञापन।
निगमकर्मियों ने विरोध में बांधी काली पट्‌टी, कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन
निगम अधिकारी की पिटाई के मामले में गुरुवार को नगर निगमकर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा। निगम कर्मियों ने एक ओर जहां काली पट्टी बंदकर घटना का विरोध किया। वहीं निगम के कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर आधे दिन के हड़ताल पर चले गए। इसके पहले हजारों की संख्या में निगमकर्मी संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे और संभागायुक्त को मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन दिया। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की।
यह है मामला
अति खतरनाक मकान को तोड़ने की मुहिम में बुधवार सुबह निगम की टीम गंजी कंपाउंड स्थित सपना श्रीवंश का मकान तोड़ने पहुंची थी। यहां विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अधिकारी से मकान को नहीं तोड़ने को कहते हुए वहां से जाने को कहा। इसी विवाद में विधायक ने नगर निगम के जाेनल अधिकारी व भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस को बैट से पीट दिया। इसके बाद निगम अधिकारी ने विधायक और उनके 10 साथियों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

प्रदेश के 20 मेडिकल और 14 डेंटल कॉलेज सहित कुल 34 कॉलेजों में मिलेगा एडमिशन
भोपाल। नीट की काउंसिलिंग 1 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसके तहत प्रदेश के 20 मेडिकल और 14 डेंटल कॉलेज सहित कुल 34 कॉलेजों में एडमिशन मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर सवर्णों के लिए आरक्षण लागू किए जाने के बाद बीएमसी में एमबीबीएस कोर्स की सीटों की संख्या बढ़कर 150 हाे गई है। लिहाजा यहां 150 सीटों पर एडमिशन होंगे।
यह रहेगा शेड्यूल
27 जून: छात्राें को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
28 जून: शासकीय और प्राइवेट मेडिकल व डेंटल कॉलेज में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज की प्रवेश प्रक्रिया के लिए स्टेट मेरिट लिस्ट घोषित होगी।
28 जून से 1 जुलाई तक : च्वॉइस फिलिंग और लॉकिंग की प्रक्रिया। एमपी ऑनलाइन से छात्र च्वॉइस फिलिंग व लॉकिंग कर सकेंगे।
4 जुलाई : पहले राउंड की सीटों का अलॉटमेंट।
5-12 जुलाई (शाम 5 बजे तक) : छात्राें को आवंटित कॉलेजों में रिपोर्ट करना होगा। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सहित अन्य प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
21 जुलाई: सीट अपग्रेडेशन का विकल्प।
24 जुलाई: पहले राउंड के बाद खाली रहने वाली सीटें डिस्प्ले की जाएंगी।
24-26 जुलाई (रात 12 बजे तक): दूसरे राउंड के लिए फ्रेश च्वॉइस फिलिंग और च्वॉइस लॉकिंग।
30 जुलाई: दूसरे राउंड की सीटाें का अलॉटमेंट।
31 जुलाई से 3 अगस्त : विद्यार्थियों को आवंटित कॉलेजों में रिपोर्टिंग करनी होगी।
1 अगस्त से मॉपअप राउंड: मेडिकल कॉलेज में खाली रहने वाली सीटों के लिए मॉपअप राउंड होगा। इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन की शुरुआत 1 से 4 अगस्त तक चलेगी।
5 अगस्त: रिवाइज्ड स्टेट मेरिट लिस्ट जारी होगी।
5 से 7 अगस्त: ऑनलाइन च्वॉइस फिलिंग व च्वॉइस लॉकिंग प्रक्रिया।

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