ईश्वर दुबे
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नई दिल्ली। आत्मनिर्भर भारत और कोरोना वायरस लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिए पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के तीसरे हिस्से का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐलान किया। इससे पहले बुधवार और गुरुवार को उन्होंने एमएसएमई, नौकरी पेशा, टैक्सपेयर्स, किसानों, छोटे व्यापारियों, फेरीवालों और प्रवासी मजदूरों के लिए राहत का ऐलान कर चुकी हैं। कोरोना वायरस संकट को अवसर में बदलने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान करते हुए देश के सामने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के महत्वाकांक्षी मिशन का ऐलान किया था। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार दो दिन पैकेज का ब्योरा देश के सामने रखा है। आज 11 कदमों का ऐलान कर रही हैं। पहला पैकेज करीब 6 लाख करोड़ और दूसरा पैकेज करीब 3.16 लाख करोड़ रुपये का था। पुरानी घोषणाओं और रिजर्व बैंक की तरफ से उठाए गए कदमों को मिलकर अब तक कुल 16.45 लाख करोड़ की घोषणा हो चुकी है। महापैकेज में अब 3.55 लाख करोड़ रुपये बकाया है। वित्त मंत्री ने कहा कि तीसरे पैकेज में कृषि, फिशरीज, डेयरी, फूड प्रोसेसिंग और कृषि संबंधी अन्य कामकाज को राहत मिलेगा। इस संबंध में 11 प्रमुख बिंदुओं पर हमारा फोकस है। इनमें से आठ बिंदुओं के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक मजबूत करने की कोशिश की गई है और तीन उपाय गवर्नेंस और एडमिनिस्ट्रेटिव सुधार से जुड़े हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दाल उत्पादन में हम दुनिया में तीसरे नंबर और गन्ना उत्पादन में हम दूसरे नंबर पर हैं। लॉकडाउन के दौरान भी किसान काम करते रहे, छोटे और मंझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए कई कदम उठाए गए। एएसपी के रूप में उन्हें 74 हजार 300 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं तो पीएम किसान के जरिए उन्हें 18 हजार 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपए का मुआवाजा दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान दूध की डिमांड 20–25 पर्सेंट घट गई थी इसलिए उनका 11 करोड़ लीटर अतिरिक्त दूध की खरीद की गई है। इस पर 4100 करोड़ रुपए खर्च किए गए।लॉकडाउन के दौरान 5000 करोड़ की अतिरिक्त लिक्विडिटी का लाभ किसानों को हुआ है।
किसान देश का पेट भरने के साथ निर्यात भी करता है। अनाज भंडारण, कोल्ड चेन और अन्य कृषि आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कृषि उत्पादक संघ, कृषि स्टार्टअप आदि का भी इसका लाभ होगा।
माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10,000 करोड़ क स्कीम लाई गई है। बिहार में मखाना के क्लस्टर, केरल में रागी, कश्मीर में केसर, आंध्र प्रदेश में मिर्च, यूपी में आम से जुड़े क्लस्टर बनाए जा सकते हैं। ऐसे ही क्लस्टर अन्य प्रदेशों में भी बनाए जा सकते हैं। यह योजना पीएम के ‘वोकल फॉर लोकल’ मुहिम को बल देगा।
पीएम मत्स्य संपदा योजना में 20,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए और 9,000 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के विकास में लगाया जाएगा। पीएम मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इसके वैल्यू चेन में मौजूद खामियों को दूर किया जाएगा। 11 हजार करोड़ रुपए समुद्री मत्स्य पालन और 9 हजार करोड़ रुपए इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए खर्च किए जाएंगे।इससे अगले 5 साल में मतस्य उत्पादन 70 लाख टन बढ़ेगा। इससे 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्यात दोगुना होकर 1 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा।
नेशनल एनिमल डिजीजी कंट्रोल प्रोग्राम के तहत मुंह पका-खुर पका बीमारी से बचाने के लिए जानवरों को वैक्सीन लगाया जाएगा। इस पर 13,343 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत 53 करोड़ पशुओं को टीका लगाया जाएगा। अभी तक 1.5 करोड़ गाय और भैसों को टीका लगाया गया है। इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होगी और उत्पादकों की गुणवत्ता बेहतर होगी।
पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे अधिक दूध उत्पादन होगा और प्रोसेसिंग यूनिट आदि लगाए जाएंगे।
हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 10 लाख हेक्टेएयर में यह खेती होगी। इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी। इनमें से 800 हेक्टेयर की खेती गंगा के दोनों किनारों पर की जाएगी।गंगा के किनारे 800 हेक्टेयर भूमि पर हर्बल प्रॉडक्ट्स के लिए कॉरिडोर बनाया जाएगा।
मधुमक्खी पालन के लिए 5,00 करोड़ की स्कीम लाई जाएगी, इससे मधुमक्खी पालन के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा।
ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार टमाटर, प्याज और आलू के अलावा बाकी सभी फल और सब्जियों के लिए भी किया जाएगा। इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पहले यह टमाटर, आलू और प्याज के लिए था लेकिन अब अन्य सभी फल और सब्जियों के लिए लागू किया जाएगा। जो खाद्य पदार्थ नष्ट हो जाते थे और दबाव में कम मूल्य में बेचना पड़ता है। इस योजना के तहत सभी फल सब्जियों को लाने से 50 फीसदी सब्सिडी मालभाड़े और 50 फीसदी स्टोरेज, कोल्ड स्टोरेज के लिए दी जाएगी।
कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और निवेश बढ़ाने के लिए 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव किया जाएगा। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। किसानों को कम दाम पर उत्पाद बेचना पड़ता था। तिलहन, दलहन, प्याज, आलू को अनियमित किया जाएगा ताकि किसानों को लाभ मिल सके।
किसान को एपीएमसी लाइसेंस धारकों को ही अपना उत्पाद बेचना पड़ता है। किसानों को अपने उत्पाद की सही कीमत मिले और दूसरे राज्यों में जाकर भी उत्पाद बेच सकें उसके लिए कानूनी में बदलाव किया जाएगा। एक केंद्रीय कानून के तहत उन्हें किसी भी राज्य में अपना उत्पाद ले जाकर बेचने की छूट होगी।
नई दिल्ली । वर्ल्ड बैंक ने कोरोना वायरस महामारी के संकट को देखते हुए गरीब और कमजोर परिवारों को सामाजिक सहायता देने के भारत के प्रयासों में मदद के लिए एक अरब डॉलर की सहायता को मंजूरी दी। ये सहायता भारतीय कोविड-19 सामाजिक संरक्षण प्रतिक्रिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। इसके साथ ही विश्व बैंक ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए भारत को अब तक कुल दो अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है। पिछले महीने भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र की मदद के लिए एक अरब अमरीकी डालर की सहायता देने की घोषणा की गई थी। भारत में वर्ल्ड बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए दुनिया भर में सरकारों को अभूतपूर्व तरीके से लॉकडाउन और सामाजिक दूरी को लागू करना पड़ा है। हालांकि, वायरस के प्रसार को रोकने के लिए किए गए इन उपायों से अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित हुई है और खासतौर से अनौपचारिक क्षेत्र में नौकरियां प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारत इसका अपवाद नहीं है। एक अरब डॉलर की इस सहायता में 55 करोड़ डॉलर का वित्त पोषण विश्व बैंक की रियायती ऋण शाखा अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (आईडीए) के द्वारा किया जाएगा, जबकि 20 करोड़ डॉलर ऋण के रूप में अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक (आईबीआरडी) द्वारा दिए जाएंगे। शेष 25 करोड़ रुपए 30 जून के बाद दिए जाएंगे।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस के संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के वित्तीय पैकेज की घोषणा की जो देश के कल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आज बुधवार को बता सकती हैं कि इस राहत पैकेज में किस वर्ग को कितनी राहत मिलेगी. सबसे ज्यादा उम्मीदें इस पैकेज से मजदूर वर्ग और उद्योग जगत को है. उद्योग जगत ने मंगलवार को कहा कि पीएम की 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा समय की जरूरत थी. उद्योग मंडलों का कहना है कि इससे कोविड-19 (Covid-19) महामारी और उसकी रोक थाम के लिए लागू पाबंदियों से प्रभावित अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार में मदद मिलेगीऔर आर्थिक वृद्धि को नई गति मिलेगी.
देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10%
वित्तीय पैकेज के बारे में उन्होंने कहा, 'सरकार के हाल के निर्णय, रिजर्व बैंक की घोषणाओं को मिलाकर यह पैकेज करीब 20 लाख करोड़ रुपये का होगा जो देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 10 प्रतिशत है.' सीतारमण जल्दी ही इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगी.
रेड्डी ने कहा भारत फिर वृद्धि के रास्ते पर आएगा
उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, प्रधानमंत्री ने जमीन, श्रम, नकदी और कानून को सरल बनाने के बारे में बात की, हम उसकी सराहना करते हैं. ये अर्थव्यवस्था के लिये प्रमुख चुनौती है. इन चार क्षेत्रों में सुधारों से संकट की इस घड़ी में आर्थिक वृद्धि को नई गति मिलेगी. फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि पांच आधार अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, व्यवस्था, जनसंख्या और मांग को मजबूत करने से भारत फिर से सतत वृद्धि के रास्ते पर आएगा. हम उम्मीद करते हैं कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब पैकेज की रूपरेखा की घोषणा करेंगी, गरीबों और जरूरतमंदों, एमएसएमई और उद्योग तथा आम लोगों की जरूरतों का समाधान होगा. भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये जमीन, श्रम और नकदी पर जोर की जरूरत है.
मेक इन इंडिया निवेश को मिलेगा बढ़ावा
एसोचैम और नारेडको के अध्यक्ष डा निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि यह पैकेज अर्थव्यवस्था को गति देगा. उन्होने कहा कि यह सचमुच एक सराहनीय पैकेज है... इसकी प्रतीक्षा थी इससे अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिये पांच बुनियाद को मजबूत बनाने से हम एक भेरसेमंद वैश्विक ताकत बनेंगे. उन्होंने कहा कि आर्थिक पैकेज के साथ कृषि, कराधान, बुनियादी ढांचा, मानव संसाधन और वित्तीय प्रणाली में सुधारों से निवेशक आकर्षित होंगे और मांग को बढ़ाने में मदद मिलेगी. मेक इन इंडिया निवेश आकर्षित करने के लिहाज से मुख्य उत्प्ररेक होगा.पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी के अग्रववाल ने कहा कि इस मौके पर प्रोत्साहन पैकेज समय की जरूरत है. इससे अर्थव्यवस्था के बुनियाद को मजबूती मिलेगी और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी. सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमाबइल मैनुफैक्चरर्स ने उम्मीद जतायी कि जब वित्त मंत्री पैकेज की बारीकियों की घोषणा करेंगी, देश के वाहन उद्योग की मदद के लिये एक केंद्रित पैकेज का ऐलान करेंगी.
नई दिल्ली। आर्थिक पैकेज के ऐलान से हफ्ते के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को शेयर बाजार में भारी उछाल के साथ खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1470 अंक तक उछला। हालांकि, कारोबार के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में उतार‑चढ़ाव जारी है। गौरतलब कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है। वित्त मंत्री उस पैकेज का विस्तार से घोषणा चरणबद्ध तरीके से करेंगी।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 822.69 अंकों और 2.62 फीसदी की बढ़त के साथ 32,193.81 के स्तर पर तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 216.10 अंक और 2.35 फीसदी की बढ़त के साथ 9,412.65 के स्तर पर कारोबार करता दिखा।
उल्लेखनीय है कि इससे एक दिन पहले मंगलवार को बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 190.10 अंक लुढ़कर 31,371.12 पर तथा निफ्टी 42.65 अंक गिरकर 9,196.55 के स्तर पर बंद हुआ था।
नई दिल्ली । आटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी की पॉप्युलर एसयूवी वितारा ब्रेजा के नए मॉडल को भी ग्राहकों को बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है। अब तक वितारा ब्रेजा फेसलिफ्ट की 21,500 यूनिट से ज्यादा की बुकिंग हो गई है। नई मारुति ब्रेजा सिर्फ पेट्रोल इंजन में आती है। ब्रेजा फेसलिफ्ट को ऑटो एक्सपो में शोकेस किया गया था, जबकि इसकी लॉन्चिंग 24 फरवरी को हुई थी। मारुति सुजुकी इंडिया के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग ऐंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने कहा, 'विटारा ब्रेजा के लिए शुरुआती रिस्पॉन्स बहुत अच्छा रहा है। हमने फरवरी के आखिर में बुकिंग्स शुरू की और लॉकडाउन लागू किए जाने से ठीक पहले तक इसकी बुकिंग 21,500 यूनिट का आंकड़ा पार कर गई थी।' मारुति ब्रेजा के फेसलिफ्ट मॉडल में 1.5-लीटर के15बी पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 103 बीएचपी का पावर और 138 एनएम टॉर्क जेनरेट करता है। इसके साथ 5-स्पीड मैन्युअल और 4-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के ऑप्शन हैं। पहले यह एसयूवी सिर्फ 1.3-लीटर डीजल इंजन में आती थी, जिसे बंद कर दिया गया है। मारुति ब्रेजा का माइलेज मैन्युअल गियरबॉक्स के साथ 17.03 किलोमीटर, जबकि ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ 18.76 किलोमीटर प्रति लीटर है। ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ स्मार्ट हाइब्रिड टेक्नॉलजी दी गई है, जिसकी वजह से इसका माइलेज मैन्युअल मॉडल से ज्यादा है। मारुति ब्रेजा की कीमत 7.34 लाख से 11.15 लाख रुपये के बीच है। मारुति सुजुकी की क्रॉसओवर एसयूवी एस-क्रॉस का बीएस6 मॉडल कोरोना वायरस संकट खत्म होने के बाद लॉन्च होगा। बीएस6 कम्प्लायंट एस-क्रॉस भी पेट्रोल इंजन में आएगी, जबकि बीएस4 मॉडल सिर्फ डीजल इंजन साथ आता था। शशांक श्रीवास्तव ने बताया, 'हम बीएस6 कम्प्लायंट एस-क्रॉस के साथ तैयार हैं और इसे कोविड-19 संकट खत्म होने के बाद लॉन्च करने की तैयारी है।' मालूम हो कि मारुति सुजुकी ने देश भर में अपनी 600 डीलरशिप दोबारा खोल दी हैं। साथ ही कंपनी ने नई कारों की डिलिवरी भी शुरू कर दी है। कोरोना वायरस के कारण देश भर में जारी लॉकडाउन की वजह से कंपनी की ये डीलरशिप बंद हो गई थीं, जो चालू हो गई है।
नई दिल्ली । देशव्यापी लॉकडाउन के बीच भारतीय रेलवे ने 12 मई से आंशिक यात्री ट्रेनों की आवाजाही को फिर से शुरू करने का निर्णय किया है। शुरुआत में दिल्ली से 15 विभिन्न स्थानों के बीच दोनों दिशाओं में रेलगाड़ियों को चलाया जाएगा। यात्रियों को केवल ऑनलाइन ही टिकट बुक कराने की सुविधा होगी।
रेल मंत्रालय में सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेई ने बताया कि भारतीय रेलवे की योजना धीरे-धीरे यात्री सेवाओं को बहाल करने की योजना है। इसके लिए शुरुआत में 12 मई से 15 जोड़ी ट्रेनों अर्थात कुल 30 रेलगाड़ियों को चलाया जाएगा। ये ट्रेनें नई दिल्ली से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी को जोड़ने वाली विशेष ट्रेनों के रूप में चलाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि यह सभी रेलगाड़ियां पूरी तरह से वातानुकूलित होंगी और रेलगाड़ियों को सीमित स्थानों पर ही रास्ते में रोका जाएगा। इन ट्रेनों में आरक्षण के लिए बुकिंग 11 मई को शाम 4 बजे शुरू होगी और केवल आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुकिंग काउंटर बंद रहेंगे और कोई काउंटर टिकट (प्लेटफॉर्म टिकट सहित) जारी नहीं किया जाएगा। केवल वैध कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशनों में प्रवेश करने की अनुमति होगी। यात्रियों को चेहरा ढंकना अनिवार्य होगा और प्रस्थान के समय स्क्रीनिंग से गुजरना होगा और केवल यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी। ट्रेन कार्यक्रम सहित अन्य विवरण अलग-अलग समय पर जारी किए जाएंगे।
बयान के मुताबिक, रेलवे कोविड‑19 देखभाल केंद्रों के लिए 20 हजार कोचों को आरक्षित करने के बाद उपलब्ध कोचों के आधार पर नए मार्गों पर और अधिक विशेष सेवाएं शुरू करेगा और पर्याप्त संख्या में कोचों को ‘श्रमिक स्पेशल’ के रूप में प्रतिदिन 300 ट्रेनों का संचालन सक्षम करने के लिए आरक्षित किया जाएगा।
नई दिल्ली। कोविड‑19 की महामारी और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच सरकार सस्ते में सोना खरीदने का अवसर दे रही है। केंद्र सरकार की ओर से वित वर्ष 2020–21 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज सोमवार से ओपन हो रही है। यदि आप सोना खरीदने का सोच रहें हैं, तो इस सीरिज में आप सोना को सस्ते में खरीद सकते हैं। भारत सरकार की यह स्कीम 11 मई से लेकर 15 मई तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुली रहेगी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सबसक्रिप्शन के बाद निवेशकों को बांड जारी किए जाएंगे। इस स्कीम में निवेशक, निवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के इस चरण के लिए भाव 4,590 प्रति ग्राम तय की गई है, जबकि पहले चरण के लिए इश्यू भाव 4,639 रुपये प्रति ग्राम था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का पहला इश्यू 20 अप्रैल से 24 अप्रैल 2020 तक खुला था।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में निवेश करने वाला एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है, जबकि न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। इसके साथ ही स्कीम के तहत निवेश पर 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा।
आरबीआई के एक बयान के मुताबिक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की इश्यू प्राइस 4,590 प्रति ग्राम तय किया गया है। बॉन्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन और भुगतान पर प्रति ग्राम 50 रुपये की छूट मिलेगी। इस छूट के साथ इस बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4,540 रुपये प्रति ग्राम होगा। इस स्कीम के अंतगर्त सबसे छोटा बॉन्ड 1 ग्राम के सोने के बराबर होगा।
उल्लेखनीय है कि कोई भी व्यक्ति एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 4 किलो ग्राम सोने का बॉन्ड खरीद सकता है, जबकि कोई ट्रस्ट और संगठन के लिए 20 किलो ग्राम सोने का बॉन्ड खरीद सकता है। इस योजना की परिपक्वता अवधि 8 साल है. लेकिन यदि कोई समय से पहले बॉन्ड बेचना चाहता है तो उसे पांच साल का इंतजार करना होगा। इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुने गए पोस्ट ऑफिस, एनएसई और बीएसई के जरिए बिक्री होती है। रिजर्व बैंक के अनुसार , अप्रैल सीरीज बॉन्ड को 17.73 लाख यूनिट के लिए करीब 822 करोड़ रुपये का सब्सक्रिप्शन मिला था, जो कि अक्टूबर 2016 के बाद का सबसे ज्यादा सब्सक्रिप्शन था।
नई दिल्ली। भारत की आर्थिक मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी बार्कलेज ने ताजी रिपोर्ट में कहा कि कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) गिरकर शून्य फीसदी पर आ जाएगी। वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी वृद्धि र 0.8 प्रतिशत रह सकती है। केंद्र सरकार ने देश को कई जोन में बांटकर लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया है। बार्कलेज का मानना है कि भारत में लॉकडाउन आंशिक आधार पर 6 जून तक जारी रह सकता है। बार्कलेज के राहुल बाजोरिया ने रिपोर्ट में लिखा है कि हमारे पिछले जीडीपी के पूर्वानुमान में अप्रैल के अंत से एक आंशिक लॉकडाउन की बात कही गई थी। यह सही साबित हो रही है। छह जून से आगे शहरी क्षेत्रों में लॉकडाउन के बढ़ने के कारण से कुछ नकारात्मक जोखिमों को स्वीकार करते हुए, हम कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए जीडीपी में शून्य प्रतिशत की वृद्धि और वित्त वर्ष 21 के लिए 0.8 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान पर कायम हैं। इस बार के लॉकडाउन में देश के बड़े हिस्सों में महत्वपूर्ण छूट की घोषणा की गई है। जोखिम के आधार पर अब देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा गया है। ऑरेंज और ग्रीन जो में आर्थिक गतिविधियों में कई महत्वपूर्ण छूट दी गई है। बाजोरिया का कहना है कि शहरी क्षेत्र और आर्थिक रूप से अधिक अहम शहर जैसे मुंबई, दिल्ली, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोलकाता सभी रेड जोन में हैं। इसलिए आर्थिक सामान्य स्थिति से उभरने में ज्यादा समय लगेगा।
नई दिल्ली। डिजिटल भुगतान में तेजी को लॉकडाउन ने थाम लिया है। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में डिजिटल भुगतान से होने वाले भुगतान में 40 फीसदी की गिरावट आई है। अप्रैल में आईएमपीएस (इमिडिएट पेमेंट सर्विस) लेनदेन गिरकर 1.21 लाख करोड़ रुपये रह गया। जबकि इस साल मार्च में यह आंकड़ा 2.02 लाख करोड़ रुपये के स्तरक पर था। एनपीसीआई के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में डिजिटल भुगतान से होने वाले लेन-देन की संख्या गिरकर 12.25 करोड़ रह गई, जो मार्च में 21. 7 करोड़ थी। ने इन आंकड़ों को सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर और फेसबुक पर जारी किया है। लॉकडाउन शुरू होने से पहले फरवरी में आईएमपीएस से होने वाले लेन-देन की संख्या 24.8 करोड़ थी। इस दौरान करीब 2.15 लाख करोड़ रुपये के लेन-देन हुए थे। आईएमपीएस का उपयोग आमतौर पर 50,000 रुपए तक के लेनदेन के लिए किया है। सूत्रों के अनुसार भीम और यूपीआई के जरिए होने वाला लेन-देन मार्च में 2.06 लाख करोड़ रुपये से 26.7 प्रतिशत घटकर 1.51 लाख करोड़ रुपये रह गया। आंकड़ों के मुताबिक भारत बिलपे में दूसरे भुगतान विकल्पों की तुलना में कम गिरावट आई है। अप्रैल में इससे कुल लेन-देन घटकर 1371.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो मार्च में 1953.99 करोड़ थी। लॉकडाउन के दौरान सिर्फ आधार से जुड़े बायोमैट्रिक भुगतान में इजाफा देखने को मिला है।
रिलायंस ने 53,125 करोड़ रुपए का राइट्स इश्यू लाने की घोषणा की
नई दिल्ली। अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी ने कहा कि उन्होंने दिसंबर तक रिलायंस इंडस्ट्रीज को पूरी तरह ऋणमुक्त करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 1.61 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। अंबानी कंपनी के साथ और रणनीतिक निवेशकों को जोड़कर कंपनी को कर्ज से मुक्त करना चाहते हैं। रिलायंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंबानी ने पिछले साल अगस्त में मार्च, 2021 तक कंपनी को पूरी तरह कर्जमुक्त करने का लक्ष्य रखा था। उन्होंने हाल में फेसबुक के साथ 5.7 अरब डॉलर यानी 43,547 करोड़ रुपए का करार किया है। फेसबुक रिलायंस जियो में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगी। इसके अलावा रिलायंस ने 53,125 करोड़ रुपए का राइट्स इश्यू लाने की घोषणा की है। साथ ही कंपनी सऊदी अरामको को अपने तेल एवं पेट्रो रसायन कारोबार में हिस्सेदारी की बिक्री करने जा रही है। ऐसे में रिलायंस इस साल दिसंबर तक लक्ष्य को हासिल कर सकती है।
पिछले सप्ताह फेसबुक ने रिलायंस की डिजिटल इकाई जियो प्लेटफार्म में 5.7 अरब डॉलर (43,574 करोड़ रुपए) का निवेश करने की घोषणा की है। इसके अलावा इस 1.04 लाख करोड़ रुपए की राशि में कंपनी को ब्रिटेन की बीपी पीएलसी को अपने ईंधन खुदरा कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने से मिली 7,000 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है। रिलायंस ने अपने तेल-से-रसायन कारोबार का मूल्य 75 अरब डॉलर आंका है। इसमें गुजरात के जामनगर में दो रिफाइनरियां, रसायन परिसंपत्तियां, वाहन ईंधन और विमान ईंधन खुदरा कारोबार में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है। सऊदी अरामको इस उपक्रम में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। मार्च 2020 अंत तक कंपनी पर बकाया कर्ज 3,36,294 करोड़ रुपए और हाथ में नकदी 1,75,259 करोड़ रुपए थी। नकदी को समायोजित करने के बाद शुद्ध कर्ज 1,61,035 करोड़ रुपए बचता है। इसमें से 2,62,000 का कर्ज रिलायंस इंडस्ट्रीज पर और 23,000 करोड़ रुपए का कर्ज जियो के खाते में है।
मुंबई। भारती एयरटेल ने चल रहे कोविड -19 संकट के दौरान अपने वितरकों और भागीदारों का समर्थन करने के लिए एक अटूट बंधन अभियान शुरू किया है। एयरटेल अपने वितरक और खुदरा फ्रेंचाइजी के कर्मचारियों को अप्रैल के वेतन का भुगतान करेगा। कृतज्ञता के एक इशारे के रूप में, एयरटेल ने अपने वितरकों के साथ काम करने वाले सभी फील्ड सर्विस अधिकारियों को मुफ्त कोविड-19 बीमा प्रदान किया है। इसके अलावा, एयरटेल अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप स्कीम पेश करती रहेगी, जिसका उद्देश्य उनके परिवारों का समर्थन करना है। एयरटेल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के सर्कल सीईओ धर्मेंद्रर खजुरिया द्वारा सभी वितरकों और भागीदारों को संचार भेजा गया है।
मुंबई। वैश्विक बाजारों से मिले अच्छे संकेतों की वजह से सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 600 अंक से ज्यादा की बढ़त रही। वहीं निफ्टी भी 9,300 अंक के पार खुला। इस तेजी की प्रमुख वजह रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक तथा इंफोसिस में बढ़त रहना है। बीएसई सेंसेक्स 31,977.82 अंक के उच्च स्तर पर खुलने के साथ ही सुबह के कारोबार में 632.65 अंक की बढ़त के साथ 31,959.87 अंक पर चल रहा है। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी का स्तर 174.20 अंक की तेजी के साथ 9,328.60 अंक पर चल रहा है। सेंसेक्स में शामिल बजाज ऑटो इस शुरुआती तेजी से सबसे अधिक लाभ में रहा। उसका शेयर 4 प्रतिशत से अधिक बढ़त लिए रहा। सन फार्मा, इंडसइंड बैंक, मारुति, एचडीएफसी, एक्सिस बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक बैंक के शेयर भी लाभ में रहे। पिछले सत्र के कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 31,327.22 अंक पर और एनएसई निफ्टी 9,154.40 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी का ऑटो इंडेक्स 2,54 फीसदी, फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स 2.06 फीसदी, एफएमसीजी इंडेक्स 0.82 फीसदी, आईटी इंडेक्स 2.02 फीसदी, मेटल इंडेक्स 1.73 फीसदी, फार्मा इंडेक्स में 2.12 फीसदी और रियल्टी इंडेक्स में 1.80 फीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है।
शीर्ष दस कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर कायम रही
नई दिल्ली। पिछले सप्ताह सेंसेक्स की प्रमुख 10 कंपनियों में से पांच का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 1,63,795.48 करोड़ रुपए बढ़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज को सबसे अधिक लाभ हुआ। रिलायंस के अलावा शुक्रवार को समाप्त सप्ताह में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक के बाजार पूंजीकरण में भी बढ़ोतरी हुई। वहीं हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक को बाजार मूल्यांकन में नुकसान उठाना पड़ा। सप्ताह के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 1,21,904.63 करोड़ रुपए बढ़कर 8,98,499.89 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसकी प्रमुख वजह 22 अप्रैल को फेसबुक द्वारा रिलायंस जियो में बड़े निवेश की घोषणा है। फेसबुक ने जियो प्लेटफॉर्म में 5.7 अरब डॉलर (करीब 43,574 करोड़ रुपए) का निवेश कर 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। समीक्षाधीन सप्ताह में एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण 14,941.95 करोड़ रुपए बढ़कर 5,14,140.35 करोड़ रुपए, इन्फोसिस का 12,351.08 करोड़ रुपए बढ़कर 2,80,369.48 करोड़ रुपए, कोटक महिंद्रा बैंक का 10,282.58 करोड़ रुपए बढ़कर 2,37,255.01 करोड़ रुपए और टीसीएस का 4,315.24 करोड़ रुपए बढ़कर 6,82,296.11 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। वहीं दूसरी तरफ आईसीआईसीआई बैंक का बाजार मूल्यांकन 26,571.92 करोड़ रुपए घटकर 2,16,778.54 करोड़ रुपए, हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार पूंजीकरण 21,983.99 करोड़ रुपए गिरकर 4,94,212.28 करोड़ रुपए, एचडीएफसी का 17,502.34 करोड़ रुपए गिरकर 2,73,550.94 करोड़ रुपए, आईटीसी का 9,956.71 करोड़ रुपए घटकर 2,21,260.16 करोड़ रुपए और भारती एयरटेल का 4,309.89 करोड़ रुपए गिरकर 2,69,695.48 करोड़ रुपए पर आ गया। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष दस कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज शीर्ष पर कायम रही। इसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस, एचडीएफसी, भारती एयरटेल, कोटक महिंद्रा बैंक, आईटीसी और आईसीआईसीआई बैंक का स्थान रहा।
मुंबई। भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या सरकार के लिए चिंता का सबब बनती जा रही है. इस बीच मुंबई एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कहा है कि वह हवाई सेवा फिर से शुरू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. अथॉरिटी के अनुसार उन्होंने हवाई सेवा शुरू करने के सभी इंतजाम पूरे कर लिए हैं. एयरपोर्ट अथॉरिटी के मुताबिक यात्रा के दौरान सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया जा चुका है. इस दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट मुंबई की तरफ से हवाई सफर करने वाले यात्रियों के लिए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. हालांकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने ये भी साफ कर दिया है कि वह अभी ये नहीं कह सकती कि विमान सेवाओं को कब तक शुरू किया जाएगा. बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट पर 1.5 मीटर की दूरी पर मार्किंग की गई है. एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से यात्रियों को इन दूरी का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. इसके अलावा यात्रियों को यह भी सलाह दी गई है कि वह एयरपोर्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों से कम से कम बात करें और ऑनलाइन चेक-इन का इस्तेमाल करें, जिससे उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े. एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से यात्रियों से अनुरोध किया गया है अभी कुछ महीनों तक सफर के दौरान कम से कम सामान लेकर ही यात्रा करें. इसी के साथ एयरपोर्ट परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और भीड़ के साथ एयरपोर्ट पर आने से बचें.