बिज़नस

बिज़नस (3583)

नई दिल्ली। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि एलआईसी का बड़ा हिस्सा बेचा जाएगा। आईपीओ के जरिए एलआईसी का बड़ा हिस्सा बेचेगी सरकार। 15वें वित्त आयोग की सिफारिश स्वीकार की है। जीडीपी में मामूली बढ़त का अनुमान है। उन्होंने कहा कि बैंक जमा पर गारंटी 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की गई। बैंकों में भर्ती पर नई एजेंसी बनेगी। आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी बेची जाएगी। बैंक में पैसा फंसा तो 5 लाख रुपए तक का डिपॉजिट फिक्स। सरकारी बैंकों के लिए 3 लाख 50 हजार करोड़ की घोषणा। बैंकिंग सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा। 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर 4 बैंक किए जाएंगे। बैंकों में जमा पैसों पर सरकार का बड़ा ऐलान। 

 वित्त मंत्री ने कहा कि 2024 तक 100 नए एयरपोर्ट बनाने का ऐलान। बिजली कम्पनियों के लिए नए सुधार किए जाएंगे। पोषाहार योजना के लिए 35 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। रोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1.70 करोड़ रुपए का एलान।  बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नतीजे अच्छे आए। 85 हजार करोड़ रुपए एससी और पिछड़े वर्ग से जुड़े लोगों के लिए। संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए डीम्ड यूनिवर्सिटी होगी। बजट में 5 नई स्मार्ट सिटी बनाने का एलान। शोध के लिए म्यूजियम बनाए जाएंगे। तेजस जैसी और ट्रेन आएंगी। 5 पुरातत्व स्थल को बनाएंगे पर्यटन स्थल। देश के सभी थानों को डिजीटल बनाया जाएगा। पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए 2500 करोड़ रुपए। रांची में आदिवासी संग्रहालय बनाया जाएगा।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि  मैं इस बजट को दो अत्याधुनिक विकास की पृष्ठभूमि में पेश करना चाहती हूं, बजट के तीन महत्वूण विषय हैं, महत्वाकांक्षी भारत, सबके लिए आर्थिक विकास, हमारा संरक्षित समाज।  
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान पंडित दीनानाथ कौल की कश्मीरी कविता पढ़ी -
     हमारा वतन खिलते हुए शालीमार बाग जैसे,
    हमारा वतन डल में खिलते हुए कमल जैसा,
    नवजवनों के गर्म खून जैसा, मेरा वतन तेरा वतन,
    हमारा वतन, दुनिया का सबसे प्यारा वतन।
- पंप सेट को सौर ऊर्जा से जोड़ने का प्रयास, 20 लाख किसानों को सोलर प्लांट दिए जाएंगे।
- पानी की समस्या से जूझ रहे 100 जिलों के लिए व्यापाक उपाय किए जाने का प्रस्ताव।
- पानी की कमी से संबंधित मुद्दे अब देशभर में गंभीर चिंता का विषय।
- कृषि को प्रतिस्पर्धात्मक बनाकर किसानों की उन्नति सुनिश्चित की जा सकती है।
- हमारी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है।
- समुद्री इलाकों के किसानों के लिए, फिश उत्पादन का लक्ष्य 208 मिलियन टन, 3077 सागर मित्र बनाए जाएंगे. तटवर्ती इलाकों के युवाओं को रोजगार मिलेगा।
- उन राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा जो केंद्र के मॉडल लॉ को मानेंगे।
- पानी की कमी की समस्या. 100 ऐसे जिलों के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे।
- 162 मिलियन टन के भंडारण की क्षमता है. नाबार्ड इसे जीयोटैग करेगा. नए बनाए जाएंगे।
-- फिनांसिंग ऑन निगोशिएबल वेयर हाउसिंग स्कीम-मजबूत बनाएंगे।
- अन्नदाता ऊर्जादाता भी है. पीएमकुसुम स्कीम से फायदा हुआ है. अब हम 20 लाख किसानों को सोलर पंप देंगे।
- 15 लाख किसानों को ग्रिड कनेक्टेड पंपसेट से जोड़ा जाएगा।
- 162 मिलियन टन के भंडारण की क्षमता है. नाबार्ड इसे जीयोटैग करेगा. नए बनाए जाएंगे. ब्लॉक और ताल्लुक के स्तर पर बनेंगे।
- राज्य सरकार - जमीन देसकती है. एफसीआई अपनी जमीन पर भी बना सकती है।
- मिल्क, मीट, फिश को प्रीजर्व के लिए किसान रेल बनेगा।
- कृषि उड़ान लांच किया जाएगा। ये प्लेन कृषि मंत्रालय की तरफ से चलेंगे।
-  311 मिलियन टन के साथ ये अन्न उत्पादन के आगे निकल चुका है।
- हम राज्यों को मदद करेंगे। वन प्रॉडक्ट वन डिस्ट्रिक्ट का स्कीम बनाएंगे।
-  संचयित इलाकों में नेचुरल फार्मिंग- जैविक खेती के लिए पोर्टल, ऑनलाइन मार्केट मजबूत बनाया जाएगा।

एयर इंडिया में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए सरकार ने प्रारंभिक सूचना ज्ञापन जारी किया। बिड डॉक्युमेंट के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और जॉइंट वेंचर एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत शेयर बेचेगी।

मुंबई ,केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने चार निजी कंपनियों समेत 14 आरोपियों के खिलाफ सरकारी बैंकों को 3592.48 करोड़ रुपये की चपत लगाने के आरोप में केस दर्ज किया है. इस सिलसिले में सीबीआई ने 13 जगहों पर छापेमारी भी की. जिनके खिलाफ ये केस दर्ज हुए हैं उनमें बैंक डायरेक्टर, बैंक गारंटर, निजी कंपनियां और कुछ अज्ञात लोग शामिल हैं. जिन बैंकों को चपत लगाने का आरोप हैं ​उनमें बैंक ऑफ इंडिया के साथ ही 13 अन्य बैंक शामिल हैं.
सीबीआई ने यह कार्रवाई बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर की है. बैंक ने आरोप लगाया है कि आरोपी कंपनी कानपुर की है जिसका मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में रजिस्टर्ड दफ्तर है. यह कंपनी मर्चेंट ट्रेडिंग और ​तमाम वस्तुओं के आयात और निर्यात का काम करती है. इस कंपनी के सप्लायर और खरीदार चीन, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, कंबोडिया, अमेरिका, सउदी अरब, स्विटजरलैंड और ताइवान आदि कई देशों में हैं.
आरोप है कि इस कंपनी ने बैंक ऑफ समेत 14 सरकारी बैंकों से संयुक्त रूप से करीब 4061.95 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधा हासिल की थी. कंपनी ने अपने व्यवसाय से अलग बाहरी पक्षों को असुरक्षित ऋण बांटे और अग्रिम भुगतान देकर बैंकों के फंड को कथित तौर पर डायवर्ट कर दिया. कंपनी के बिक्री और खरीद की कीमतों में भिन्नताएं पाई गई हैं और कुछ गैर मर्चेंट ट्रेडिंग पार्टियों को भी भुगतान किया गया है जो कहीं पर भी मौजूद नहीं हैं.
आयात-निर्यात में लोडिंग-डिस्चार्ज की तारीखें भी बेमेल
आरोप है कि कंपनी के व्यापार संबंधी लेनदेन में काफी झोल पाया गया है. कंपनी की तरफ से जो आयात-निर्यात किया जाता है, उसकी लोडिंग और डिस्चार्ज के बीच की तारीखें भी बेमेल हैं. बंदरगाह पर लोडिंग के बाद जहाज के रवाना होने, सामान के उतारे जाने और बिल की तारीख में भी अंतर पाया गया है.
बैंक का आरोप है कि इन तथ्यों को देखते हुए कहा जा सकता है कि कंपनी ने जो व्यावसायिक लेनदेन किया है, वह वास्तव में किसी आयात निर्यात या ट्रेड के बदले नहीं किया गया है. यह भी आरोप है कि इस निजी कंपनी ने देनदारों की सूची प्रस्तुत की थी. 12 महीने से अधिक समय तक बकाया रहने के बाद भी इन देनदारों के खिलाफ बकाया वसूली के लिए कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई.
कंपनी की अनियमितताओं के कारण हुआ करोड़ों का नुकसान
इस कंपनी के नाम बैंक ऑफ इंडिया और अन्य ऋण देने वाले बैंकों की ओर से जो फॉरेन क्रेडिट लेटर जारी किए गए थे, उनके बदले भुगतान की अवधि जनवरी 2018 से शुरू हो गई. लेकिन कथित तौर पर इस कंपनी ने भुगतान नहीं किया और बैंक के फंड को डायवर्ट किया. कंपनी की अनियमितताओं के चलते इन 14 बैंकों को 3592.48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
इस संबंध में सीबीआई ने कंपनी के दफ्तर समेत कंपनी के डायरेक्टर्स, गारंटर्स आदि से जुड़े 13 ठिकानों पर छापेमारी की है. मुंबई में तीन, दिल्ली में 4 और कानपुर में छह जगहों पर छापा मारा गया. इस सबंध में सीबीआई की जांच अभी जारी है.

भारती एयरटेल जल्द ही विदेशी दूरसंचार कंपनी बन जाएगी। केंद्र सरकार ने टेलीकॉम कंपनी को 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करने की मंजूरी दे दी है। इससे पहले कंपनी में 49 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों के पास थी। एयरटेल ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को रिटर्न फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है। भारती एयरटेल को रिजर्व बैंक से भी कंपनी में विदेशी निवेशकों को 74 प्रतिशत तक हिस्सेदारी रखने की अनुमति है।
 
शेयर बाजार को दी गयी सूचना के अनुसार, ‘‘भारती एयरटेल लिमिटेड को दूरसंचार विभाग से 20 जनवरी 2020 को विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर कंपनी की चुकता पूंजी के 100 प्रतिशत तक करने की मंजूरी मिल गयी है।’’

कुछ दिन पहले ही कंपनी ने वैधनिक बकाये के रूप में करीब 35,586 करोड़ रुपये का भुगतान किया। इसमें 21,682 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क और 13,904.01 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम बकाया है। इसमें टेलीनॉर और टाटा टेली के बकाये शामिल नहीं हैं।
 
मोबाइल सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों वोडाफोन-आइडिया और भारती-एयरटेल ने अपने पर बकाया करीब 92 हजार करोड़ रुपये समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का भुगतान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मोहलत मांगी है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कंपनियों ने बताया कि भुगतान का समय तय करने को लेकर उनकी सरकार से वार्ता जारी है। इस पर कोर्ट ने एक हफ्ते बाद सुनवाई का आदेश दिया है।

इन कंपनियों पर एजीआर और ब्याज को मिलाकर बकाया रकम बढ़कर करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये हो चुकी है। पिछले वर्ष 24 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों को तीन महीने के भीतर एजीआर की रकम जमा करने का आदेश दिया था। वहीं बीती 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों द्वारा दायर पुनर्विचार याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था।

मौजूदा याचिका में कंपनियों की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, एनके कौल और सीए सुंदरम ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष 24 अक्तूबर के आदेश में बदलाव करने की गुहार लगाई है। साथ्थही जल्द सुनवाई की मांग की है।

उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर जमा करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था। यह अवधि आगामी बृहस्पतिवार को खत्म हो रही है। दूसरी ओर भुगतान के समय को लेकर केंद्र सरकार से उनकी बातचीत भी चल रही है। वे मूल मसले को चुनौती नहीं दे रहे हैं।

वोडाफोन ने अपनी याचिका में कहा है कि पिछले कुछ वर्षों से उसे भारी घाटे हुआ है। वह एक मुश्त में इतनी बकाया रकम चुकाता है तो उसकेहजारों कर्मचारियों व लाखों उपभोक्तओं पर बुरा असर हो सकता है। 24 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों को 90 दिन में बकाया 92,000 करोड़ रुपये बतौर एजीआर जमा करने का निर्देश दिया था। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि एजीआर की गणना करने में नॉन-कोर आइटम को भी शामिल किया जाना चाहिए।
केंद्र सरकार ने नहीं किया विरोध
केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कंपनियों की याचिका का विरोध नहीं किया। इसके बाद चीफ जस्टिस बोबडे़ ने कहा कि याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई होगी।

नई दिल्ली । देश के बड़े औद्योगिक समूह अडाणी एंटरप्राइजेज ने सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसने कोयला आपूर्ति में कोई गड़बड़ी नहीं की है। सीबीआई ने कोयला आपूर्ति के ठेके में कथित अनियमितताओं को लेकर कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। कंपनी ने इसी के मद्देनजर यह सफाई दी है। सीबीआई ने इस मामले में पिछले सप्ताह प्राथमिकी दर्ज की है। उसने इस मामले में अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के पूर्व चेयरमैन विरेंदर सिंह तथा पूर्व प्रबंध निदेशक जीपी गुप्ता को नामजद किया है। कंपनी ने बीएसई को दी सफाई में कहा, ‘इस संदर्भ में यह जान लिया जाये कि यह पुराना मामला है। कंपनी ने प्रक्रियाओं, सभी औपचारिकताओं और संबंधित नियमों का अनुपालन किया है। कंपनी ने कोयले की आपूर्ति में कुछ भी गलत नहीं किया है।’ यह मामला आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन को आयातित कोयले की आपूर्ति के ठेके से जुड़ा है। सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने आरोपों की प्रारंभिक जांच के बाद भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज की है। साल 2010 में आंध्र प्रदेश पावर जेनरेशन कॉरपोरेशन ने किसी भी बंदरगाह से डॉक्टर नरला टाटा राव थर्मल पावर स्टेशन, विजयवाड़ा और रायलसीमा थर्मल पावर संयंत्र, कडपा को 6 लाख टन कोयले की आपूर्ति के लिए निविदा जारी की थी। यह बंदरगाह से अंतिम स्टेशन तक कोयला पहुंचाने का ठेका था।

नई दिल्ली,ऐसा लग रहा है कि सरकार पहली फरवरी को पेश होने वाले बजट में आम आदमी को काफी कुछ राहत दे सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस बार सरकार घर खरीदारों के लिए टैक्स में ज्यादा छूट देने का ऐलान कर सकती है। सरकार होम लोन के ब्याज पर इनकम टैक्स की छूट की सीमा बढ़ाने पर विचार किया है।

ब्याज पर बढ़ेगी छूट
इस पर जो प्रस्ताव आए हैं, अगर उन पर सहमति बनी तो इनकम टैक्स के सेक्शन 24 के तहत अभी ब्याज पर 2 लाख रुपये की छूट दी जा रही है, जिसे बढ़ाकर 3 से 4 लाख रुपये तक करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा, कंस्ट्रक्शन पीरियड के दौरान ब्याज पर छूट देने पर विचार किया जा रहा है।

प्रिंसिपल अमाउंट पर भी बढ़ेगी छूट!
सूत्रों के मुताबिक, होम लोन के प्रिंसिपल पर भी छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। होम लोन के प्रिंसिपल पर अलग से छूट देने के विकल्प पर चर्चा हो रही है। सेक्शन 80 सी के तहत होम लोन के प्रिंसिपल पर छूट मिलती है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सरकार चाहती है कि होम लोन पर छूट इस तरह से मिले कि सरकार पर ज्यादा बोझ न पड़े। साथ ही आम कस्टमर्स की जेब में अच्छा-खासा पैसा चला जाए। इसके लिए अनेक तरह के प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।

इंडस्ट्री और इकनॉमिस्ट्स ने इस संबंध में जिस तरह के प्रस्ताव दिए हैं, उसमें उन्होंने होम लोन के ब्याज पर इनकम टैक्स छूट बढ़ाने पर जोर दिया है। उनका मानना है कि इससे लोग ज्यादा होम लोन लेंगे। ऐसा होने पर रियल ऐस्टेट में खरीदारी बढ़ेगी। ज्यादा मकान बिकेंगे, मार्केट में मनी फ्लो भी बढ़ेगा। साथ ही सरकार यह भी कह सकेगी कि उसने लोगों को आवास देने का वादा पूरा करने के लिए इस तरह की छूट दी है। सरकार ने 2024 तक सबको अपना घर देने का वादा किया है। हालांकि अब सरकार की तरफ से यह दावा किया जा रहा है कि इस लक्ष्य को वक्त से पहले पा लिया जाएगा।

नई दिल्ली. अधिकतर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अपने रेग्युलर कस्टमर्स के 2,000 रुपये तक के ट्रांजैक्शंस के लिए वन टाइम पासवर्ड (OTP) ऑथेंटिकेशन की जरूरत को खत्म करने की तैयारी कर रहे हैं। इसका मकसद ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को पहले से अधिक सुगम बनाना है। फ्लिपकार्ट पहले ही इसे अपना चुकी है, जबकि स्विगी तथा ऑनलाइन कैब सेवा प्रदाता कंपनियां भी इसे अपनाने वाली हैं।
RBI ने दी थी मंजूरी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा चरणबद्ध तरीके से नियमों में ढील देने की वजह से बिना ओटीपी के ट्रांजैक्शंस संभव हो पाया है। आरबीआई ने ट्रांजैक्शंस को सुगम बनाने के लिए बैंकों को बिना ओटीपी के ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस की मंजूरी दी थी। पेटीएम पेमेंट गेटवे के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट पुनीत जैन ने कहा कि उनकी कंपनी मर्चैंट को बिना ओटीपी के क्रेडिट कार्ड से पेमेंट लेने के लिए सशक्त कर रही है।
रेकरिंग पेमेंट्स से भी हो रहा फायदा
उन्होंने कहा, 'एक अन्य हालिया इनोवेशन रेकरिंग पेमेंट्स की सुविधा प्रदान करना है। अब हम ग्राहकों को ऐसे पेमेंट कार्ड्स और वॉलेट्स के अलावा यूपीआई के जरिए भी करने की सुविधा दे रहे हैं।'
'40% ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस हमारे जरिए'
वन 97 की सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट गेटवे का दावा है कि मार्केट में 40% डिजिटल ट्रांजैक्शंस उसके जरिए होते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म आईआरसीटीसी, फूड डिलीवरी तथा लाइफस्टाइल ऐप्स पर यह सबसे बड़ा पेमेंट गेटवे है।

दीपिका पादुकोण के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में आक्रोशित छात्रों का समर्थन करने से विवाद बढ़ गया है। विज्ञापनों में सबसे ज्यादा भुगतान लेने वाली अमिनेत्री के इस कदम से कई कंपनियां डर गई हैं। ऐसे में इन कंपनियों ने दीपिका की भूमिका वाले विज्ञापनों को दिखाना कम कर दिया है।
कंपनियां भविष्य के लिए उठा सकती है यह कदम
दीपिका पादुकोण के इस कदम के बाद अब कंपनियां अपने ब्रांड को नुकसान नहीं पहुचाना चाहती है। ऐसा पहले भी हो चुका है, जब फिल्मी सितारों ने किसी राजनीतिक मुद्दे पर अपने विचार रखे हैं और इसके बाद सितारों के साथ ही ब्रांड का भी बहिष्कार शुरू हो गया हो। आने वाले समय में विज्ञापनों के करारों में इस तरह के क्लॉज जोड़े जा सकते हैं, जिनमें किसी सिलेब्रिटी के राजनीतिक रुख तय करने से प्रशासन के नाराज हो सकने वाले जोखिम का जिक्र होगा।
विवाद से बचना चाहते हैं ब्रांड
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सामान्य तौर पर ब्रैंड्स सुरक्षित दांव चलते हैं। वे किसी विवाद से बचना चाहते हैं। एक मीडिया बाइंग एजेंसी के एग्जिक्यूटिव ने कहा, 'मझोले आकार के एक ब्रैंड ने हमसे कहा है कि दीपिका वाले उसके विज्ञापन करीब दो हफ्तों के लिए रोक दिए जाएं। उम्मीद है कि तब तक विवाद ठंडा पड़ जाएगा।'
23 कंपनियों की हैं ब्रांड अंबेसडर
दीपिका फिलहाल 23 कंपनियों की ब्रांड अंबेसडर हैं। ब्रिटानिया गुड डे, लॉरियल, तनिष्क, विस्तारा एयरलाइंस और एक्सिस बैंक प्रमुख ब्रांड हैं। दीपिका की नेटवर्थ 103 करोड़ रुपये की है। ट्विटर पर उनके 2.68 करोड़ फॉलोअर हैं। बताया जाता है कि एक फिल्म के लिए वह 10 करोड़ रुपये और विज्ञापन के लिए आठ करोड़ रुपये लेती हैं।एक टॉप सेलेब्रिटी मैनेजमेंट कंपनी के हेड ने कहा, 'हम अपने ब्रांड का विज्ञापन करने वाले स्टार्स को राजनीतिक मामलों में बोलने के नफा-नुकसान के बारे में बता रहे हैं। तय तो उनको ही करना है, लेकिन संवेदनशील मामलों में विवाद बढ़ भी सकता है।'

नई दिल्ली. फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर और रैनबैक्सी कंपनी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह और शिवेंद्र सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को उनके और रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी के खिलाफ चार्जशीट दायर की है.
ईडी ने यह चार्जशीट मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को लेकर दायर की है. दिल्ली की एक अदालत ने चार्जशीट का संज्ञान लिया और तीनों आरोपियों के खिलाफ समन जारी करते हुए उन्हें 20 जनवरी को पेश होने को कहा.
बता दें कि पहले रैनबैक्सी के पूर्व सीईओ मलविंदर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार था. मलविंदर को 2,300 करोड़ रुपये के हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया था. इससे पहले उनके भाई और कंपनी के पूर्व सीईओ शिविंदर सिंह को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
इस तरह कभी देश की दिग्गज कंपनी रैनबैक्सी के प्रमोटर रहे और बाद में कंपनी बेचकर करीब 9,500 करोड़ रुपये की नकदी जेब में रखने वाले सिंह बंधु हवालात में पहुंच गए थे.  इनके अलावा रेलिगयेर इंटरप्राइजेज लिमिटेड (REL) के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी और कंपनी के दो अन्य वरिष्ठ अधिकारियों कवि अरोड़ा और अनिल सक्सेना को भी दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) के मनप्रीत सिंह सूरी ने शिविंदर, गोधवानी के साथ कई अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने कंपनी के कामकाज के लिए लोन हासिल किए, लेकिन उसे दूसरी कंपनियों में लगा दिया गया.

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