ईश्वर दुबे
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Bhilai
नई दिल्ली । पिछले साल भारतीय क्रिकेट में इस बात को लेकर काफी चर्चा रही थी कि आखिर कितने समय तक क्रिकेटर अपने गर्लफ्रेंड और पत्नियों को साथ रख सकते हैं। दरअसल सीओए ने पिछले साल 21 मई को मीटिंग में यह तय किया था कि अगर कोई खिलाड़ी तय समय से ज्यादा समय के लिए अपनी पत्नी और गर्लफ्रेंड को रखना चाहते हैं,तब इसके लिए उन्हें कप्तान और कोच से बात करनी होगी। हालांकि अब बीसीसीआई इसमें बदलाव करने वाली है।
बीसीसीआई के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि अगर खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ रखना है,तब उन्हें इसके लिए बीसीसीआई से बात करनी होगी। सीओए के पुराने फैसले के मुताबिक विजिटर पीरियड के बाहर अगर कोई खिलाड़ी किसी को साथ रखना चाहता है,तब उन्हें टीम के कोच और कप्तान से बात करनी पड़ती थी। हालांकि इससे सभी खिलाड़ी सहमत नहीं थे। ऐसा माना गया था कि खिलाड़ी कप्तान से इस तरह की चीजों के लिए अनुमति लेने में सहज नहीं थे। सीओए की पूर्व सदस्य डायना एडुलजी ने इस फैसले का स्वागत कर कहा, टीम के माहौल के लिए यह सही है। खिलाड़ी अब आपस में असहज महसूस नहीं करने वाले है। इस तरह के फैसले कप्तान और कोच को नहीं बल्कि बीसीसीआई को ही लेने चाहिए। कप्तान और कोच का काम खेल पर ध्यान देना है।
नई दिल्ली. अगर आप कॉम्पैक्ट सेडान में कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, हुंडई इंडिया ने कॉम्पैक्ट सेडान ''ऑरा'' की बुकिंग शुरू कर दी है. इस कार की बुकिंग सिर्फ 10 हजार रुपये में की जा सकती है.
हुंडई की ओर से जारी बयान के मुताबिक ऑरा कंपनी की वेबसाइट या उसके डीलरशिप के जरिये की जा सकती है. कंपनी के निदेशक (बिक्री, विपणन एवं सेवा) तरुण गर्ग ने कहा कि कंपनी ऑरा की बुकिंग शुरू कर नये दशक की शुरुआत कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि ऑरा इस श्रेणी में अपना मुकाम स्थापित करेगी.’’ इस कार को बाजार में 21 जनवरी को उतारा जाएगा. बता दें कि बीते 19 दिसंबर को हुंडई ने इस कार की पहली झलक दिखाई थी. ऑरा की कीमत 6-9 लाख रुपये के बीच रहने की उम्मीद है.
क्या हैं फीचर्स
हुंडई Aura के फीचर्स की बात करें तो Grand i10 Nios के प्लेटफॉर्म पर डेवलप किया गया है. ये कार पेट्रोल और डीजल दोनों संस्करणों में उपलब्ध होगी. ऑरा के टॉप वेरियंट में एंड्रॉयड ऑटो और ऐपल कारप्ले के साथ 8-इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, 5.3-इंच डिजिटल स्पीडोमीटर और एमआईडी, वायरलेस चार्जर और प्रीमियम साउंड सिस्टम मिल रहे हैं. वहीं रियर सेंटर आर्मरेस्ट जैसे फीचर्स भी मिलेंगे.भारतीय बाजार में हुंडई की इस सेडान की टक्कर मारुति डिजायर, होंडा अमेज, टाटा टिगोर और रेनॉ की आने वाली सब-कॉम्पैक्ट सेडान कार से होगी.
टेलिकॉम कंपनियां पिछले महीने नए टैरिफ प्लान्स लेकर आई हैं। नए प्लान्स, पहले के मुकाबले महंगे हैं। ग्राहकों को लुभाने के लिए कंपनियां अपने प्लान्स में आकर्षक बेनेफिट दे रही हैं। एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया जहां अपने ग्राहकों को किसी भी दूसरे नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा दे रही हैं। वहीं, रिलायंस जियो के प्लान अपेक्षाकृत थोड़ा सस्ते हैं। हालांकि, जियो अपने यूजर्स को किसी दूसरे नेटवर्क पर अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा नहीं दे रही है। लेकिन, यूजर्स को जियो-टू-जियो अनलिमिटेड कॉलिंग का बेनेफिट दिया जा रहा है। अगर आप साल भर की वैलिडिटी देने वाले किफायती प्लान की तलाश में हैं तो हम आपको जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के ऐसे प्लान के बारे में बता रहे हैं, जिनमें लंबी वैलिडिटी के साथ आकर्षक बेनेफिट दिए जा रहे हैं।
जियो के 1,299 रुपये वाले प्लान में साल भर की वैलिडिटी
रिलायंस जियो के 1,299 रुपये वाले प्रीपेड रिचार्ज प्लान में यूजर्स को साल भर यानी 365 दिन की वैलिडिटी मिलती है। जियो के इस प्लान में अनलिमिटेड जियो-टू-जियो कॉलिंग का फायदा मिलता है। वहीं, दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए 12,000 नॉन-जियो मिनट्स दिए जाते हैं। रिलायंस जियो के इस प्लान में 3,600 SMS भेजने की सहूलियत मिलती है। अगर डेटा की बात करें तो इस प्लान में 24GB डेटा मिलता है। इसके अलावा, यूजर्स को जियो ऐप्स का कॉम्प्लीमेंट्री सब्सक्रिप्शन मिलता है।
एयरटेल के 1,498 रुपये वाले प्लान में एक साल की वैलिडिटी
अगर आप एयरटेल का 1,498 रुपये वाला प्लान रिचार्ज कराते हैं तो इसमें आपको एक साल की वैलिडिटी मिलती है। इस प्लान की खास बात यह है कि इसमें आपको अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा मिलता है। यानी, आप किसी भी नंबर पर अनलिमिटेड कॉल कर सकते हैं। एयरटेल के इस प्लान में यूजर्स को 3,600 SMS भेजने की सुविधा मिलती है। प्लान में यूजर्स को 24GB डेटा मिलता है। इसके अलावा, एयरटेल Xstream ऐप्स का प्रीमियम एक्सेस मिलता है।
वोडाफोन के 1,499 रुपये वाले प्लान में 365 दिन की वैलिडिटी
वोडाफोन-आइडिया के 1,499 रुपये वाले प्रीपेड रिचार्ज प्लान में यूजर्स को 365 दिन की वैलिडिटी मिलती है। एयरटेल की ही तरह वोडाफोन-आइडिया के इस प्लान में यूजर्स को अनलिमिटेड कॉलिंग का फायदा मिलता है। यानी, किसी भी दूसरे नेटवर्क पर कॉलिंग फ्री है। प्लान में 3,600 लोकल और नेशनल SMS भेज सकते हैं। यूजर्स को इस प्लान में 24GB डेटा मिलता है। इसके अलावा, यूजर्स को वोडाफोन प्ले का सब्सक्रिप्शन भी मिलता है।
नई दिल्ली,Jawa Motorcycles की बॉबर स्टाइल बाइक Jawa Perak की बुकिंग आज (1 जनवरी) शाम 6 बजे शुरू होगी। कंपनी की वेबसाइट और डीलरशिप पर इस बाइक को 10 हजार रुपये में बुक कर सकते हैं। बुकिंग अमाउंट रिफंडेबल है। इसकी डिलिवरी 2 अप्रैल 2020 को शुरू होगी। जावा पेरक नवंबर 2019 को लॉन्च की गई थी। इसकी एक्स शोरूम कीमत 1.95 लाख रुपये है।
जावा पेरक फिलहाल देश की सबसे सस्ती फैक्ट्री-मेड (कंपनी की बनाई गई) बॉबर बाइक है। इसका लुक काफी अट्रैक्टिव है। बाइक में दिए गए राउंड हेडलैम्प, सिंगल सीट, ब्लैक वायर स्पोक वील्ज, बार-एंड मिरर्स, छोटे फेंडर्स और स्लैश-कट एग्जॉस्ट इसे क्लासिक बॉबर बाइक का लुक देते हैं।
पेरक में इंटीग्रेटेड टेललाइट के साथ फ्लोटिंग सिंगल सीट स्टैंडर्ड दी गई है, जो इसे कम्प्लीट बॉबर लुक देती है। हालांकि, बाइक में पिछली सीट का भी ऑप्शन है। इसकी सीट हाइट 750mm, वील बेस 1485mm और इसका वजन 179 किलोग्राम है। बाइक की फ्यूल टैंक कपैसिटी 14 लीटर है।
इंजन
पेरक जावा इंडिया की पहली बीएस6 कम्प्लायंट बाइक है। इसमें 334cc सिंगल-सिलिंडर, DOHC लिक्विड-कूल्ड इंजन दिया गया है, जो 30bhp की पावर और 31Nm का पीक टॉर्क जेनरेट करता है। इंजन 6-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है।
ब्रेकिंग और सस्पेंशन
पेरक में दोनों तरफ डिस्क ब्रेक दिए गए हैं और बाइक ड्यूल चैनल एबीएस से लैस है। सस्पेंशन की बात करें, तो बाइक के फ्रंट में टेलेस्कोपिक फोर्क्स और रियर में मोनोशॉक यूनिट दी गई है।
नई दिल्ली,सरकार ने हुवावेई सहित सभी टेलिकॉम कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम देने का फैसला किया है। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा, 'हमने सभी कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम देने का फैसला किया है।'
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को कहा कि सरकार सभी टेलिकॉम सेवा प्रदाता कंपनियों को ट्रायल के लिए 5G स्पेक्ट्रम मुहैया करवाएगी। दूरसंचार विभाग (डीओटी) सभी टेलिकॉम सेवा प्रदाता को ट्रायल के लिए स्पेक्ट्रम प्रदान करेगी और ऑपरेटर एरिक्शन, नोकिया, सैमसंग और हुवावे को अपने पार्टनर वेंडर के रूप में चुन सकते हैं। हालांकि ट्रायल का मतलब यह नहीं होगा कि व्यावसायिक रूप में इसकी मंजूरी का आश्वासन दिया जाएगा। दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में एक बैठक की।
प्रसाद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि इस बारे में फैसला ले लिया गया है। उन्होंने कहा, '5G भविष्य है, यह रफ्तार है। हम 5G में नए इनोवेशन को प्रोत्साहन देंगे।' सूत्रों ने बताया कि हुवावेई सहित सभी ऑपरेटर और वेंडर इस परीक्षण में शामिल किए जाएंगे।
हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड और अन्य टेलीकॉम सर्विसेज में भारत को दुनिया के बड़े देशों की बराबरी पर लाने के लिए सरकार 5G स्पेक्ट्रम की जल्द नीलामी की योजना बना रही है। इससे पहले इसी महीने डीओटी ने स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी की कीमत को मंजूरी प्रदान की जिसके तहत खासतौर से करीब 6,050 मेगाहर्ट्ज की एयर वेव्स यानी वायु तरंग की पेशकश की जाएगी। दूरसंचार मंत्रालय की सर्वोच्च नीति निर्माता निकाय डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन ने 20 दिसंबर को मार्च-अप्रैल में स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी प्रदान की। हालांकि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा निर्धारित रेडियोवेव्स की आरक्षित कीमत में कोई बदलाव नहीं किया।
इस नीलामी के जरिए पहली बार 5जी स्पेक्ट्रम की बिक्री होगी। सूत्रों ने बताया कि ट्रायल रन के लिए चीन की बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी हुवावे को भी मंजूरी मिली है। दरअसल कंपनी वैश्विक स्तर पर जांच के घेरे में है इसलिए इसे मंजूरी मिलने को लेकर अटकलें चल रही थी जिस पर विराम लग गया है। सूत्रों ने बताया कि ट्रायल अगले महीने शुरू होने की संभावना है।
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ( SBI ) ने ग्राहकों को बड़ा तोहफा दिया है। एसबीआई ने एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड रेट ( EBR ) में कटौती की है। कटौती के बाद यह 8.05 फीसदी से घटकर 7.80 फीसदी पर आ गई है। इसमें 25 बीपीएस की की कमी आई है। नई दरें एक जनवरी 2020 से लागू हो रही हैं। एसबीआई ने एमएसएमई , हाउसिंग और रिटेल लोन के सभी फ्लोटिंग रेट लोन को ईबीआर से जोड़ने का फैसला किया है। इससे ग्राहकों को काफी फायदा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी होम लोन की ईएमआई में कमी आएगी। होम लोन लेने पर अब ब्याज दर सालाना 7.90 फीसदी से शुरू होगी। पहले यह दर 8.15 फीसदी थी।
पहले भी किया था बदलाव
इससे पहले भी दिसंबर में भारतीय स्टेट बैंक ग्राहकों को बड़ा तोहफा दे चुका है। इसी महीने एसबीआई ने एक साल के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 10 बीपीएस की कटौती थी। जिसके बाद यह दर आठ फीसदी से कम होकर 7.90 फीसदी हो गई है। नई दरें 10 दिसंबर 2019 से लागू हुई थीं। इसके साथ ही नवंबर माह में भी एसबीआई ने एमसीएलआर में बदलाव किया था। तब एसबीआई ने एक साल के एमसीएलआर में पांच बीपीएस की कटौती की थी। जिसके बाद यह दर 8.05 फीसदी से कम होकर आठ फीसदी हो गई थी।
आरबीआई ने जारी किया था सर्कुलर
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा था कि एक अक्तूबर 2019 से सभी तरह के पर्सनल, होम व अन्य तरह के रिटेल लोन और छोटे कारोबारियों को मिलने वाले लोन की दर एक्सटर्नल बेंचमार्क के तहत की जाएगी। हालांकि पहले से चल रहे पुराने लोन जिनका ब्याज एमसीएलआर, बेस रेट या फिर बीपीएलआर से जुड़े हैं, वो बाद में जुड़ सकेंगे। बैंक कोई भी तरह का बेंचमार्क चुनने के लिए स्वतंत्र रहेंगे।
चार तरह के हैं बेंचमार्क
आरबीआई ने चार तरह के बेंचमार्क तय किए हैं। पहला, आरबीआई रेपो रेट है। दूसरा, केंद सरकार की तीन साल की ट्रेजरी बिल यील्ड है। तीसरा, केंद्र सरकार द्वारा छह महीने की ट्रेजरी बिल है और चौथा एफबीआईएल द्वारा कोई अन्य बेंचमार्क रेट।
RBI ने नहीं किया था रेपो दर में बदलाव
उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एलान कर बताया था कि उसने रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने जीडीपी का अनुमान घटा दिया था। रेपो दर 5.15 फीसदी पर बरकरार है। बता दें कि केंद्रीय बैंक खुदरा महंगाई को ध्यान में रखते हुए प्रमुख नीतिगत दरों पर फैसला लेता है। इस साल रेपो दर में कुल 135 आधार अंकों की कटौती हुई है। नौ सालों में पहली बार रेपो रेट इतना कम है। मार्च, 2010 के बाद यह रेपो रेट का सबसे निचला स्तर है। रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी है बैंक रेट 5.40 फीसदी पर है।
जीडीपी का घटाया अनुमान
रेपो रेट के फैसले के अतिरिक्त आरबीआई ने जीडीपी का अनुमान जताया था। केंद्रीय बैंक के अनुसार, साल 2019-20 के दौरान जीडीपी में और गिरावट आएगी और यह 6.1 फीसदी से गिरकर पांच फीसदी पर आ सकती है। इससे अर्थव्यवस्था को झटका लगा है।
नई दिल्ली,इस साल देश में कई नई कारें लॉन्च हुईं और अगले साल भी यह सिलसिला जारी रहेगा। 2020 में हैचबैक से लेकर प्रीमियम हैचबैक, कॉम्पैक्ट सिडैन, कॉम्पैक्ट एसयूवी, प्रीमियम एसयूवी और इलेक्ट्रिक एसयूवी समेत कई कारें भारतीय बाजार में एंट्री करने वाली हैं। इनमें कुछ ऐसी कारें हैं, जिनका सबसे ज्यादा इंतजार हो रहा है। यहां हम आपको साल 2020 में लॉन्च होने वाली 5 बहुप्रतीक्षित एसयूवी के बारे में बता रहे हैं।
1- मारुति ब्रेजा फेसलिफ्ट
मारुति ब्रेजा का फेसलिफ्ट मॉडल अगले साल लॉन्च होने वाली बहुप्रतीक्षित एसयूवी में से एक है। हाल में इसकी कुछ तस्वीरें लीक हुई हैं, जिनसे साफ हुआ है कि ब्रेजा के नए मॉडल में हेडलाइट, डीआरएल और बंपर समेत इसकी स्टाइलिंग में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे। कैबिन में भी अपडेटेड टचस्क्रीन इन्फोटेनटमेंट सिस्टम समेत कुछ बदलाव होंगे।
सबसे बड़ा बदलाव एसयूवी के इंजन में होगा। ब्रेजा फेसलिफ्ट पेट्रोल इंजन में आएगी, जबकि अभी यह सिर्फ डीजल इंजन में आती है। इसमें कंपनी की अर्टिगा और सियाज में दिया गया 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन मिलने की उम्मीद है। नई मारुति ब्रेजा फरवरी में लॉन्च हो सकती है। इसकी कीमत 8-11 लाख रुपये के बीच रखे जाने की उम्मीद है।
3- नई स्कॉर्पियो
महिंद्रा अगले साल अपनी पॉप्युलर एसयूपी स्कॉर्पियो का न्यू-जेनरेश मॉडल लॉन्च करेगा। नई स्कॉर्पियो को Z101 कोडनाम दिया गया है और इसे कई बार टेस्टिंग के दौरान भी देखा गया है। इसकी ओवरऑल डिजाइन मौजूदा मॉडल की तरह बोल्ड और मस्क्युलर होगी, लेकिन यह ज्यादा मॉडर्न दिखेगी। नई स्कॉर्पियो को नए-प्लैटफॉर्म पर बनाया गया है। इसका साइज मौजूदा मॉडल के मुकाबले बड़ा है। इसके चलते नई स्कॉर्पियो के अंदर मौजूदा मॉडल से ज्यादा जगह मिलेगी।
नई स्कॉर्पियो के इंटीरियर में बेहतर क्वॉलिटी मटीरियल का इस्तेमाल होगा। इसमें नया बीएस6 कम्प्लायंट 2.0-लीटर डीजन इंजन मिलेगा। नई स्कॉर्पियो को अगले साल की पहली तिमाही के अंत में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। कंपनी इस एसयूवी को फरवरी में होने वाले ऑटो एक्सपो में पेश कर सकती है। इसकी कीमत 10-13 लाख रुपये के बीच रहने की संभावना है।
3- नई क्रेटा
ह्यूंदै की क्रेटा भारतीय बाजार में काफी पॉप्युलर है। हालांकि, किआ सेल्टॉस से इसे कड़ी टक्कर मिल रही है। ह्यूंदै अगले साल न्यू-जेनरेशन क्रेटा ला रही है। मौजूदा मॉडल के मुकाबले नई क्रेटा का लुक काफी अलग और मॉडर्न होगा। इंटीरियर में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इंटीरियर का सबसे खास अट्रैक्शन इसका टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम है। लीक तस्वीरों से साफ हुआ है कि नई क्रेटा में बड़ा टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम है, जो वर्टिकली लगा हुआ है। साथ ही एसयूवी में कुछ नए फीचर्स भी शामिल किए जाने की उम्मीद है।
नई क्रेटा में किआ सेल्टॉस में दिए गए बीएस6 एमिशन नॉर्म्स वाले 1.5-लीटर के पेट्रोल और डीजल इंजन मिलेंगे। इसके अलावा इसमें BS6, 1.4-लीटर टर्बो-पेट्रोल इंजन भी दिए जाने की उम्मीद है, जो सेल्टॉस जीटी लाइन में मिलता है। नई ह्यूंदै क्रेटा का वर्ल्ड प्रीमियम अगले साल फरवरी में होने की उम्मीद है।
4- टाटा ग्रैविटस
टाटा मोटर्स की बहुप्रतीक्षित 7 सीटर एसयूवी ग्रैविटस अगले साल फरवरी में आएगी। माना जा रहा है कि कंपनी फरवरी में होने वाले ऑटो एक्सपो में ग्रैविटस को पेश कर सकती है। यह एसयूवी मूलरूप से टाटा हैरियर का 7 सीटर वर्जन है। हैरियर के मुकाबले यह एसयूवी 63mm लंबी और 80mm ऊंची है। ग्रैविटस में हैरियर वाला 2.0-लीटर क्रायोटेक डीजल इंजन होगा, लेकिन पावर आउटपुट हैरियर से ज्यादा मिलेगा।
डिजाइन और स्टाइलिंग की बात करें, तो ग्रैविटस का लुक हैरियर से थोड़ा अलग होगा। नई एसयूवी लंबी दिखने के साथ बड़े अलॉय वील्ज के साथ आएगी। तीसरी लाइन की सीट पर बैठने वाले पैसेंजर्स को पर्याप्त हेडरूम देने के लिए यह पीछे से थोड़ी ऊंची होगी। टेल लैम्प और बूट लिड भी हैरियर से अलग होंगे। हैरियर के मुकाबले बड़ी विंडशील्ड और ज्यादा बाहर निकला हुआ रियर स्पॉइलर मिलेगा। ग्रैविटस की शुरुआती कीमत 14 लाख रुपये के आसपास रहने की उम्मीद है।
5- किआ क्यूवाईआई
साउथ कोरिया की किआ मोटर्स का भारत में पहला प्रॉडक्ट सेल्टॉस हिट रहा। अब कंपनी भारतीय बाजार में ब्रेजा और वेन्यू की टक्कर में 4 मीटर से छोटी एसयूवी लाने की तैयारी में है। Kia QYi कोडनाम वाली यह नई एसयूवी साल 2020 की दूसरी छमाही में लॉन्च की जाएगी। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि QYi का प्लैटफॉर्म, इसके फीचर्स और इंजन, ह्यूंदै वेन्यू वाले होंगे। इसका मतलब है कि यह एसयूवी दो पेट्रोल इंजन और एक डीजल इंजन में आएगी। ये तीनों इंजन बीएस6 कम्प्लायंट होंगे।
किआ की भारत में पहली कार सेल्टॉस की तरह इस सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी में भी कई कम्फर्ट और लेटेस्ट कनेक्टिविटी फीचर्स मिलने की उम्मीद है। इसमें Kia UVO कनेक्टिविटी टेक्नॉलजी मिलेगी। इसके अलावा एसयूवी में ऐपल कारप्ले और ऐंड्रॉयड ऑटो के साथ 8-इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम, सनरूफ और रिमोट ऑपरेशन के साथ क्लाइमेट कंट्रोल जैसे फीचर्स मिल सकते हैं। इसकी कीमत 7-11 लाख रुपये के बीच रहने की उम्मीद है।
घाटे से बेहाल सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया ने पहली बार उन सरकारी एजेंसियों को टिकट देने से मना कर दिया है, जिनका 10 लाख रुपये से अधिक का बकाया है। कंपनी को कई सरकारी एजेंसियों से कुल 268 करोड़ रुपये वसूलने हैं।
तैयार की है लिस्ट
एयरलाइन के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने पहली बार सरकारी डिफॉल्टर एजेंसियों की एक लिस्ट को तैयार किया है। यह कवायद पूरे देश में की गई है। इस लिस्ट में यह भी बताया गया है कि कौन सी एजेंसी पर कितना रूपया बकाया है। लिस्ट के आधार पर इन एजेंसियों को केवल नकद भुगतान पर टिकट दिया जा रहा है।
यह एजेंसियां हैं बड़ी बकाएदार
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने जो लिस्ट तैयार की है, उसमें सीबीआई, आईबी, प्रवर्तन निदेशालय, कस्टम आयुक्त, केंद्रीय श्रम संस्थान, इंडियन ऑडिट बोर्ड, कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स और सीमा सुरक्षा बल शामिल हैं। हालांकि इस लिस्ट से भारतीय विमापत्तन प्राधिकरण, नागर विमानन मंत्रालय और लोक सभा को बाहर रखा गया है। आधिकारिक यात्रा के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए एयर इंडिया को पहले पसंद किया जाता है। निजी विमानों में टिकट तब बुक किए जाते हैं, जब एयर इंडिया उस रूट पर मौजूद नहीं होती है।
50 करोड़ रुपये की हुई उगाही
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि उसने करीब 50 करोड़ रुपये की उगाही कर ली है। सरकारी एजेंसियों से पैसा निकालने में काफी वक्त लगता है, क्योंकि इनको डरा-धमका कर के वसूली नहीं की जा सकती है। एयर इंडिया के पश्चिमी क्षेत्र पर ही 22.8 करोड़ रुपये का बकाया है।
नई दिल्ली,कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर माह में 12.44 लाख लोगों को रोजगार मिला है. इससे पिछले महीने यानी सितंबर में 12.23 लाख नए रोजगार पैदा हुए थे. वहीं इस दौरान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ से 7.39 लाख लोग जुड़े हैं, जबकि सितंबर में यह आंकड़ा 9.48 लाख था.
क्या कहते हैं ईएसआईसी के आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में ईएसआईसी के पास कुल 1.49 करोड़ नए नामांकन हुए थे. आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर, 2017 से अक्टूबर, 2019 के दौरान ईएसआईसी योजना से 3.22 करोड़ नए अंशधारक जुड़े.
एनएसओ की रिपोर्ट ईएसआईसी, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जुड़ने वाले नए अंशधारकों पर आधारित है. रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर, 2017 से मार्च, 2018 के दौरान ईएसआईसी के पास कुल 83.35 लाख नए नामांकन हुए. अक्टूबर में ईपीएफओ के पास शुद्ध रूप से 7.39 लाख नए नामांकन हुए. सितंबर में यह संख्या 9.48 लाख की थी.
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान ईपीएफओ संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से 61.12 लाख नए अंशधारक जुड़े. सितंबर, 2017 से मार्च, 2018 के दौरान इससे शुद्ध रूप से 15.52 लाख नए अंशधारक जुड़े. ताजा आंकड़ों के मुताबिक सितंबर, 2017 से अक्टूबर, 2019 के दौरान 2.93 करोड़ अंशधारक ईपीएफओ से जुड़े.
नई दिल्ली ,कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) की रकम खाते में न जमा करने पर कंपनियों पर अब दस गुना जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने कोड ऑन सोशल सिक्योरिटीज बिल में ऐसे प्रावधान किए हैं जिससे कर्मचारियों के साथ ऐसा करने वाली कंपनियों पर सख्ती बरती जा सके।
सरकार के पास कर्मचारी संगठनों की तरफ से कंपनियों के बारे में ऐसी कई शिकायतें आई थीं कि कंपनियां कर्मचारी का पीएफ तो काट लेती हैं लेकिन उस रकम को जमा नहीं करातीं। नए कानून में इन्हीं दिक्कतों को दूर किया जाएगा।
इसके तहत कंपनियों को कर्मचारियों के पीएफ के बारे में अपनी जानकारी भी दुरुस्त रखनी होगी। नए प्रावधानों के तहत पीएफ न जमा करने या गलत जानकारी देने वाली कंपनियों के खिलाफ लगने वाले जुर्माने को 10 हजार से बढ़ा कर एक लाख रुपये तक कर दिया गया है।
सरकार ने ऐसे लोगों को जेल भेजने का भी प्रावधान किया है। कर्मचारियों के पीएफ की गलत जानकारी देने और रकम न जमा कराने की सूरत में तीन साल तक की जेल का प्रावधान रखा गया है।
नया कानून
* कंपनियों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
* गलत जानकारी देने पर तीन साल तक जेल का भी प्रावधान।
मुंबई,लंबे समय से कर्ज से जूझ रहे अनिल अंबानी को एक अच्छी खबर मिली है. दरअसल, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने दामोदर वैली कॉरपोरेशन यानी डीवीसी के खिलाफ 1,250 करोड़ रुपये का मध्यस्थता मुकदमा जीत लिया है.
मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने भारत सरकार के उपक्रम डीवीसी को रिलायंस इंफ्रा को 896 करोड़ रुपये का भुगतान करने और 354 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी चार सप्ताह में लौटाने को कहा है. भुगतान में चार सप्ताह से अधिक लगने पर डीवीसी को 15 प्रतिशत वार्षिक की दर से अतिरिक्त ब्याज देना होगा. अब रिलायंस इंफ्रा इस रकम का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में करेगी. शेयर बाजारों को भेजी सूचना में रिलायंस इंफ्रा ने बताया, ''इस राशि का इस्तेमाल कर्जदाताओं का भुगतान करने और कंपनी के कर्ज को कम करने के लिए किया जाएगा.''
क्या है मामला?
रिलायंस इंफ्रा को पश्चिम बंगाल में डीवीसी की 1200 मेगावॉट की रघुनाथपुर ताप बिजली परियोजना का इंजीनियरिंग और निर्माण कॉन्ट्रैक्ट मिला था. लेकिन जमीन उपलब्ध न होने और स्थानीय लोगों के विरोध के कारण इस प्रोजेक्ट में देरी हुई थी. रिलायंस इंफ्रा ने प्रोजेक्ट को पूरा करने में मुश्किलों के कारण DVC से क्लेम देने की मांग की थी.
ब्रिटेन से भी अनिल अंबानी को राहत
हाल ही में ब्रिटेन के हाईकोर्ट से भी अनिल अंबानी को राहत मिली है. दरअसल, चीन के तीन बैंक- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड, चाइना डेवेलपमेंट बैंक और एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ चाइना ने आरकॉम को दिए कर्ज के मामले में लंदन हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि कोर्ट ने इस दावे को खारिज कर दिया. यूके हाईकोर्ट ने अनिल अंबानी के उस पक्ष को स्वीकार किया कि रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड द्वारा प्राप्त कॉरपोरेट कर्ज के लिए उनकी कथित गारंटी के संबंध में चीनी बैंकों का दावा मान्य नहीं हो सकता है.
नई दिल्ली: रेल में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अहम खबर आ रही है. खबर है कि आने वाले दिनों में रेल किराए में बढ़ोतरी हो सकती है. माना जा रहा है कि सरकार एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन इस्तेमाल करने पर यूजर डिवेलपमेंट फीस (UDF) वसूलेगी. ऐसा बताया जा रहा है कि पहले चरण में यह 4 रेलवे स्टेशनों पर लागू होगा, इनमें नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती स्टेशन शामिल हैं.
दरअसल रेल मंत्रालय स्टेशन री-डेवलप्मेन्ट योजना के तहत 4 स्टेशनों नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशन का री-डेवलोपमेन्ट करने जा रहा है. री-डिवेलपमेंट के तहत स्टेशनों को ना केवल नया आधुनिक बनाया जाएगा बल्कि साथ ही यात्री सुविधाओं में जबरदस्त इजाफा होगा, जिसमें कमर्शियल एरिया भी डेवेलोप किया जाएगा. प्राइवेट प्लेयर को आमंत्रित कर स्टेशन री डेवलोपमेन्ट योजना को अंजाम दिया जाएगा.
ऐसी तमाम सुविधाओं के लिए रेलवे एयरपोर्ट की तर्ज़ पर यूडीएफ वसूलेगी. अभी जैसे आप एयरपोर्ट पर जाते है या फ्लाइट टिकट बुक करते हैं तो आपके फ्लाइट टिकट में एयरपोर्ट इस्तेमाल करने पर यूजर डेवलपमेंट फीस भी शामिल होती है. अभी अगर आप दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ते हैं तो अमूमन 700-800 रुपए यूडीएफ लगता है.सूत्रों के मुताबिक, अगर आप इन 4 स्टेशनों पर ट्रेन में चढ़ते या उतरते हैं तो आपके रेल किराए में यूडीएफ शामिल होगा. यही नहीं इन 4 रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट पर भी अतिरिक्त यूडीएफ लागू होगा. हालांकि रेलवे स्टेशनों पर भविष्य पर लगने वाले यूजर डेवलपमेंट फीस मामूली शुल्क होगा.प्लानिंग के तहत - 4 स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों और स्टेशनों से जाने वाले यात्रियों से अलग अलग UDF शुल्क वसूला जाएगा. रेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उपक्रम IRSDC(इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलोपमेन्ट कॉर्पोरेशन) पर रेलवे स्टेशन री डेवलपमेंट की ज़िम्मेदारी है. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल पर री डेवलप किये जा रहे स्टेशनों पर UDF लगेगा.अधिकारियों के मुताबिक जनवरी में कितना यूडीएफ या यूजर डेवलोपमेन्ट फीस लगेगी इसको नोटिफाई कर दिया जाएगा. अगले साल, 6 फरवरी 2020 तक 4 स्टेशनों के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक अगले 3 साल यानी संभवतः 2023 तक चारों स्टेशन को नए डिज़ाइन और तमाम यात्री सुविधाओं, कमर्शियल एरिया के साथ तैयार कर लिया जाएगा जिसका बाड़ीं स्टेशनों पर आने या जाने के लिए किसी भी व्यक्ति को यूजर फीस चुकानी पड़ेगी
नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती के बाद अगले स्टेशन चिन्हित भी किए जा चुके हैं. मुम्बई का छत्रपति शिवाजी स्टेशन, लुधियाना, बिजवासन, आनंद विहार, दिल्ली स्टेशन भी फेहरिस्त में शामिल किए गए हैं. नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशन के री डिवेलपमेंट के लिए सरकार ने RFQ (request for qualification) जारी कर दिया है. अगले चरण के तहत सरकार RFQ और फिर फाइनल टेंडर जारी करेगी.
नई दिल्ली. पहली बार केंद्रीय बैंक ऐसा करेगा यह पहला मौका होगा जब आरबीआई ब्याज दरों को नीचे लाने के लिए ऑपरेशन ट्विस्ट का सहारा लेगा। आरबीआई इस साल अब तक रेपो दरों में 1.35 की कमी कर चुका है। जबकि 10 साल के बॉन्ड पर यील्ड (सरकारी प्रतिभूतियों पर रिटर्न) में महज 0.80 फीसदी तक की कमी आई है। इस साल फरवरी में यील्ड 7.55 फीसदी से घटकर 19 दिसंबर तक 6.75 तक पहुंचा है। वहीं बैंकों ने सिर्फ 0.60 फीसदी तक कर्ज सस्ता किया है।
क्या है आरबीआई का ऑपरेशन ट्विस्ट
केन्द्रीय बैंक द्वारा एक साथ बॉन्ड की खरीद-बिक्री करने की कवायद को वित्तीय जगत में ऑपरेश ट्विस्ट के नाम से जाना जाता है। करीब एक दशक पहले अमेरिकी केन्द्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने ऐसा किया था। वित्त वर्ष 2011-12 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व नें लंबी अवधि के कर्ज को सस्ता करने के मद्देनजर ऐसा कदम उठाया था।
कर्ज और सस्ता होने की राह खुलेगी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 23 दिसंबर को एक साथ बॉन्ड की खरीदारी और बिक्री का निर्णय किया है। आरबीआई यह कदम खुली बाजार नीति (ओएमओ) के तहत उठाएगा जिसमें 10 साल की परिपक्वता वाले 10 हजार करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदेगा जबकि एक साल की परिपक्वता वाले इतने ही मूल्य के नए बॉन्ड जारी करेगा। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इससे लंबी अवधि के बॉन्ड पर रिटर्न (यील्ड) घटेगा जिससे भविष्य में कर्ज और सस्ता होने की राह खुल जाएगी।
बैंक कोष की सीमांत लागत (एमसीएलआर) के आधार पर कर्ज की दरें तय करते हैं। इसको रेपो रेट, 10 साल या उससे अधिक अवधि वाले बॉन्ड पर यील्ड और बैंक के अन्य खर्च के आधार पर तय किया जाता है। बॉन्ड पर यील्ड 6.75 फीसदी है। ऐसे में बैंक सिर्फ 1.25 फीसदी ऊंचे ब्याज पर आपको कर्ज दे रहे हैं। यदि बॉन्ड पर यील्ड घटे तो बैंक से मिलने वाला कर्ज और सस्ता हो सकता है।
क्या होगा असर
नए बॉन्ड आज की दरों पर जारी किए जाएंगे जिसमें कम रिटर्न मिलेगा। ऐसी स्थिति में पुराने बॉन्ड की मांग ज्यादा और आपूर्ति कम होने से उसपर यील्ड बढ़ जाती है। लेकिन जब वैसे बॉन्ड को केन्द्रीय बैंक बड़ी मात्रा में खरीदने का फैसला करता है तो बॉन्ड की कीमत थोड़ी जरूर बढ़ जाती है लेकिन यील्ड घट जाता है। इससे लंबी अवधि के बॉन्ड कम आकर्षक हो जाते हैं जिसकी वजह से कर्ज की दरें भी घट जाती हैं।
नई दिल्ली । भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के मामले में अधिकतर बैंकों की स्थिति में सुधार आएगा और बैंकिंग प्रणाली में ऋण वितरण के लिए नकदी की कोई कमी नहीं है। उन्होंने फिक्की के 92वें सालाना सम्मेलन में कहा कि बुनियादी संरचना तथा उपभोक्ता क्षेत्र में ऋण की मांग में कोई खास कमी नहीं आई है, अत: इन क्षेत्रों में ऋण वितरण के अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि 31 मार्च तक अधिकांश बैंक एनपीए के लिहाज से अच्छी स्थिति में होंगे। रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर घटाने का लाभ उपभोक्ताओं तक नहीं पहुंच पाने के बारे में उन्होंने कहा कि बैंक संपत्ति और देनदारी में असंतुलन बनने के जोखिम को देखते हुए ब्याज दर में एक सीमा से अधिक कटौती नहीं कर सकते हैं। बैंकिंग प्रणाली में पूंजी की कोई कमी नहीं है। कॉरपोरेट पर्याप्त ऋण नहीं ले रहे हैं और अपनी क्षमता का अच्छे से उपयोग नहीं कर रहे हैं। दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम की प्रस्तावित नीलामी के लिए ऋण देने के बारे में उन्होंने कहा कि हमारे लिए दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए ऋण देना पूरी तरह से असुरक्षित है। यह कागजों पर सुरक्षित है क्योंकि नीलामी सरकार करने वाली है, लेकिन व्यावहारिक तौर पर यह पूरी तरह से असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अत: ऐसी परिस्थितियों में बैंकों को दूरसंचार क्षेत्र को ऋण देने से पहले सावधानी से मूल्यांकन करना होगा, क्योंकि ऋण की किस्तों के भुगतान में चूक होने की आशंका काफी अधिक है।