बिज़नस

बिज़नस (3629)

यस बैंक के शेयरों में 50 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला।एनएसई में यस बैंक के शेयर 48.84 प्रतिशत बढ़कर 87.30 रुपये के भाव पर थे।इस तरह चार दिनों में शेयर 251 प्रतिशत बढ़ गया है।इससे पहले मूडीज ने मंगलवार को यस बैंक की रेटिंग को अपग्रेड किया था,जिसके बाद उसके शेयरों में 59 फीसदी की छलांग देखने को मिली।

नयी दिल्ली। यस बैंक के शेयरों में बुधवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र के दौरान तेजी रही। एसबीआई ने कहा कि वह बैंक में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी हासिल करने का इच्छुक है, जिसके बाद उसके शेयरों में 50 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला।
शुरुआती कारोबार के दौरान यस बैंक के शेयर 49.95 प्रतिशत बढ़कर 87.95 रुपये पर पहुंच गए।

एनएसई में यस बैंक के शेयर 48.84 प्रतिशत बढ़कर 87.30 रुपये के भाव पर थे। इस तरह चार दिनों में शेयर 251 प्रतिशत बढ़ गया है।
इससे पहले मूडीज ने मंगलवार को यस बैंक की रेटिंग को अपग्रेड किया था, जिसके बाद उसके शेयरों में 59 फीसदी की छलांग देखने को मिली। बैंक की पुनर्गठन योजना की घोषणा के बाद से उसके शेयरों में लगातार तेजी है।

भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि यस बैंक में एसबीआई की हिस्सेदारी करीब 43 प्रतिशत है और अब तीन साल की लॉक-इन अवधि से पहले उनका बैंक यस बैंक के एक भी शेयर नहीं बेचेगा। उन्होंने कहा कि वह बोर्ड से यस बैंक में हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने के लिए बात करेंगे।

एसबीआई को शुरुआत में यस बैंक की इक्विटी पूंजी में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करके 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी लेनी थी, लेकिन जैसे ही सात अन्य ऋणदाता आए, एसबीआई केवल 43 प्रतिशत या 60.50 करोड़ शेयर ही खरीद सका। इस तरह उसने 6,050 करोड़ रुपये का निवेश किया।

रजनीश कुमार ने कहा, “चूंकि निवेशकों की प्रतिक्रिया बेहत उत्साहजनक थी, इसलिए पूंजी जुटाने के पहले दौर में हमने केवल इतना हिस्सा ही लिया।” उन्होंने कहा, “वास्तव में, मैं अपने बोर्ड से हिस्सेदारी लेने के अधिकतम स्वीकार्य स्तर 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी बढ़ाने की अनुमति लेने के लिए उत्सुक हैं और यह मेरी प्रतिबद्धता है कि एसबीआई तीन साल के लॉक-इन से पहले एक भी शेयर नहीं बेचेगा।

नई दिल्ली. सोने-चांदी के कीमतों में सोमवार यानी 16 मार्च को सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट (ibjarates.com) के मुताबिक बुलियन मार्केट में सोमवार को 10 ग्राम सोना 2022 रुपया टूटकर 39995 रुपये पर बंद हुआ।  वहीं चांदी 6445 रुपये प्रति किलो की गिरावट देखी गई। शुक्रवार को सोना 42017 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। गौरतलब है कि बुलियन सोना और चांदी है जिसे आधिकारिक तौर पर कम से कम 99.5 प्रतिशत शुद्ध माना जाता है और यह सिल्लियों या बार के रूप में होता है।

 
क्या है बुलियन मार्केट

सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं का व्यापार बुलियन मार्केट के जरिए ही होता है। सोने की खरीद दो तरह से की जाती है। आम लोग सर्राफा बाजार से सोने की खरीददारी करते हैं। वहीं कारोबारी लोग वायदा बाजार के जरिए सोने की खरीददारी करते हैं।
 
वहीं दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना स्टैंडर्ड 160 रुपये की तेजी के साथ 41,830 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा। सोना बिटुर 150 रुपये बढ़त लेकर 41,650 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव बिका।  आठ ग्राम वाली गिन्नी 100 रुपये की तेजी पर 31,400 रुपये प्रति इकाई पर रही।  चांदी हाजिर 1,860 रुपये लुढ़ककर 40,600 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। चाँदी वायदा 1,357 रुपये टूटकर 39,130 रुपये प्रति किलोग्राम बोली गई। सिक्का लिवाली और बिकवाली क्रमश: 900 रुपये और 910 रुपये प्रति इकाई के भाव पर स्थिर रहे।               
 
सोना वायदा 678 रुपये मजबूत
मजबूत वैश्विक रुख के बीच सटोरियों के सौदे बढ़ाने से सोमवार को वायदा बाजार में सोना 678 रुपये चढ़कर 41,026 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल महीने की डिलिवरी के लिए सोना 678 रुपये यानी 1.68 प्रतिशत मजबूत होकर 41,026 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इसमें 3,833 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
 
इसी प्रकार, जून महीने की डिलिवरी के लिए सोना 651 रुपये यानी 1.6 प्रतिशत बढ़कर 41,441 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। इसमें 994 लॉट के लिए कारोबार हुआ।  विश्लेषकों के अनुसार, सकारात्मक वैश्विक रुख तथा सटोरियों के सौदे बढ़ाने से सोना वायदा मजबूत हुआ है। वैश्विक स्तर पर न्यूयार्क में सोना 1.71 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,542.70 डॉलर प्रति औंस रहा।

चांदी वायदा भी 13 रुपये मजबूत

सोमवार को वायदा बाजार में चांदी की कीमत 13 रुपये मजबूत होकर 40,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। मल्टी कमोडटी एक्सचेंज में मई महीने की डिलिवरी के लिए चांदी 13 रुपये यानी 0.03 प्रतिशत मजबूत होकर 40,500 रुपये प्रति किलोग्राम रही। इसमें 4,879 लॉट के लिए कारोबार हुआ। वहीं जुलाई महीने की डिलिवरी के लिए चांदी की कीमत 21 रुपये यानी 0.05 प्रतिशत बढ़कर 41,050 रुपये प्रति किलोग्राम रही। इसमें 48 लॉट के लिए कारोबार हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूयार्क में चांदी का भाव 0.69 प्रतिशत चढ़कर 14.60 डॉलर प्रति औंस रहा।

नई दिल्ली. दुनिया भर के शेयर बाजार कोरोना के कहर से जार-जार हैं तो वहीं सोने-चांदी की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। बीता हफ्ता न केवल शेयर बाजार के लिए बल्कि सर्राफा बाजार के लिए भी भारी उथल-पुथल भरा रहा। सेंसेक्स-निफ्टी ऐतिहासिक स्तर तक गिरे तो वहीं दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना सवा महीने के निचले स्तर 41,670 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वैश्विक स्तर पर चांदी में भी भारी गिरावट रही। बीते सप्ताह सोना आठ % से अधिक टूटा।
पूरे सप्ताह के दौरान सोना 3,740 रुपये यानी 8.24 % सस्ता हुआ और सप्ताहांत पर 41,670 रुपये प्रति दस ग्राम बिका। यह 6 फरवरी के बाद का इसका निचला स्तर है। चांदी भी 5,890 रुपये यानी 12.18 % की भारी साप्ताहिक गिरावट के साथ 42,460 रुपये प्रति किलोग्राम पर रह गई जो 3 अगस्त 2019 के बाद का निचला स्तर है।
 विदेशों में रही सात साल से अधिक की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट के कारण स्थानीय बाजार में भी सोने-चांदी पर दबाव रहा। लंदन एवं न्यूयॉर्क से मिली जानकारी के अनुसार, आलोच्य सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना हाजिर 147.85 डॉलर यानी 8.82 प्रतिशत लुढ़ककर 1,529.05 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। अप्रैल का अमेरिकी सोना वायदा भी 144.10 डॉलर की गिरावट के साथ सप्ताहांत पर 1,528.90 डॉलर प्रति औंस पर रहा। सिक्का लिवाली और बिकवाली 60-60 रुपये की नरमी के साथ क्रमश: 900 और 910 रुपये प्रति इकाई पर रहे।
 

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को शेयर बाजार में फिर से जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। बाजार के खुलते ही सुबह 9:30 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1978.31 अंक यानी 5.80 फीसदी की ढलान के साथ 32,125.17 के स्तर पर पहुंच गया था और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 522.75 अंक यानी 5.25 फीसदी की गिरावट के साथ 9432.45 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। जबकि शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1591.80 अंक यानी 4.67 फीसदी की ढलान के साथ 32,511.68 के स्तर पर खुला था। निफ्टी 446.85 अंक यानी 4.49 फीसदी की गिरावट के साथ 9508.35 के स्तर पर खुला था। शुक्रवार को सुबह लोअर सर्किट लगने के कारण बाजार के खुलते ही ट्रेडिंग रोकनी पड़ी थी। लेकिन बाद में एक दिन में सेंसेक्स ने 4,715 अंकों की रिकवरी की थी।यूएस फेडरल बैंक ने घटाई ब्याज दर
कोरोना वायरस के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक आगे आ रहे हैं। यूएस फेडरल रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की है। इसके तहत अब बैंक 0 से 0.25 की ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराएगा। न्यूजीलैंड के केंद्रीय बैंक ने भी आपातकालीन बैठक के बाद ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की कटौती की है। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के केंद्रीय बैंक ने 27 अरब डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा की थी। इसके तहत यूएई के बैंकों को सपोर्ट किया जाएगा और विभिन्न नियामकीय सीमाओं में ढील दी जाएगी। वहीं सऊदी अरब ने अलग से 13 अरब डॉलर की राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके बावजूद आज बाजार में गिरावट देखी जा रही है।

सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर
सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर डालें, तो आज सभी सेक्टर्स की शुरुआत गिरावट पर हुई। इनमें पीएसयू बैंक, प्राइवेट बैंक, मीडिया, आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, ऑटो और मेटल शामिल हैं।

74.06 के स्तर पर खुला रुपया
डॉलर के मुकाबले आज रुपया 15 पैसे की गिरावट के बाद 74.06 के स्तर पर खुला। जबकि शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 73.91 के स्तर पर बंद हुआ था।

प्री ओपन के दौरान यह था शेयर मार्केट का हाल
प्री ओपन के दौरान सुबह 9:10 बजे शेयर मार्केट लाल निशान पर था। सेंसेक्स 1,000.24 अंक यानी 2.93 फीसदी की गिरावट के बाद 33,103.24 के स्तर पर था। वहीं निफ्टी 367.80 अंक यानी 3.69 फीसदी की गिरावट के बाद 9,587.80 के स्तर पर था।

शुक्रवार को ऐसा था बाजार का हाल
शुक्रवार को सुबह लोअर सर्किट लगने के कारण बाजार के खुलते ही ट्रेडिंग रोकनी पड़ी थी। हालांकि 45 मिनट की रुकावट के बाद बाजार खुला और हालत सुधरती नजर आई। दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स 1,325.34 अंक यानी 4.04 फीसदी की बढ़त के बाद 34,103.48 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 433.50 अंक यानी 4.52 फीसदी की बढ़त के बाद 10,023.65 के स्तर पर बंद हुआ। जबकि शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 2,225.18 अंक यानी 6.79 फीसदी की ढलान के साथ 30,552.96 के स्तर पर खुला था और निफ्टी 699.55 अंक यानी 7.29 फीसदी की गिरावट के साथ 8,890.60 के निचले स्तर पर खुला था।

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को यस बैंक पर कामकाज पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी थी। इस योजना के तहत निवेश को लेकर अन्य वित्तीय संस्थानों से बातचीत किया जा रहा है। बता दें कि इसमें ग्राहकों के लिए एक माह के दौरान 50,000 रुपए तक निकासी सीमा तय की गई थी। नगदी के संकट से जूझ रहे यस बैंक ग्राहकों को नकदी निकासी पर लगी पाबंदी से जल्दी राहत मिलने वाली है। सरकारी अधिसूचना के मुताबिक, यस बैंक पर लगी रोक 18 मार्च की शाम छह बजे से हटा दी जायेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यस बैंक के रिकंस्ट्रक्शन स्कीम 2020 को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। साथ ही कहा कि वित्तीय संकट से जूझ रहे यस बैंक से नकद निकासी पर रोक और अन्य पाबंदियों को एसबीआई की राहत पैकेज योजना के अधिसूचित होने के 3 दिन के भीतर हटा लिया जाएगा। यही नहीं उन्होंने बताया कि यस बैंक के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी होने के अगले 7 दिनों के अंदर नए बोर्ड का गठन होगा, जिसमें एसबीआई के 2 डायरेक्टर भी शामिल होंगे।

सीतारमण ने आगे कहा कि इस बीच, निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी ने 1,000-1,000 करोड़ रुपए निवेश की घोषणा की है। इस निवेश से आईसीआईसीआई बैंक की यस बैंक में 5 प्रतिशत से अधिक इक्विटी हिस्सेदारी हो जायेगी। वहीं एक्सिस बैंक 60 करोड़ शेयर खरीदने के लिये 600 करोड़ रुपए निवेश करेगा। इसके अलावा कोटक महिन्द्रा बैंक ने भी 500 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है।

सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर तीन रुपये प्रति लीटर की दर से उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क प्रति लीटर दो रुपये बढ़ाकर आठ रुपये कर दिया है तो वहीं डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रति लीटर हो गया है।

नयी दिल्ली। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर तीन रुपये प्रति लीटर की दर से उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट से लाभ लेने के प्रयासों के तहत सरकार ने शनिवार को यह कदम उठाया है।
एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क प्रति लीटर दो रुपये बढ़ाकर आठ रुपये कर दिया है तो वहीं डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रति लीटर हो गया है।
इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला सड़क उपकर भी एक-एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है।

उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी का नतीजा सामान्य तौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के रूप में सामने आता है लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय दरों में गिरावट के हिसाब से समायोजित हो जाएगी और कीमतों में इजाफा नहीं होगा।

नई दिल्‍ली,अगर आप SBI Cards के इनिशिएल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) अलॉटमेंट का इंतजार कर रहे हैं तो आपके लिए 12 मार्च यानी आज का दिन काफी अहम है. दरअसल, शाम तक एसबीआई कार्ड के IPO अलॉटमेंट की उम्‍मीद है. ऐसे में जिन लोगों को आईपीओ अलॉट होगा उन्‍हें मेल या रजिस्‍टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज के जरिए सूचित किया जाएगा. इसके अलावा आप खुद भी आईपीओ के स्‍टेटस की जानकारी ले सकते हैं.

क्‍या है इसका मतलब?

अलॉटमेंट का मतलब यह हुआ कि जिन लोगों ने भी SBI कार्ड के आईपीओ में हिस्‍सेदारी के लिए आवेदन कर रखा है उनके भाग्‍य का फैसला आज हो जाएगा. वहीं जिन लोगों को SBI कार्ड के आईपीओ में हिस्‍सेदारी नहीं मिलेगी उनका फ्रीज हुआ अमाउंट रिलीज कर दिया जाएगा. यानी अमाउंट का आप ट्रांजेक्‍शन या अन्‍य किसी भी माध्‍यम के लिए इस्‍तेमाल कर सकेंगे.

बीएसई की वेबसाइट से लें जानकारी
इसके अलावा बीएसई के लिंक-पर विजिट कर भी स्‍टेटस की जानकारी ली जा सकती है. यहां आपको इश्‍यू टाइप में इक्‍विटी और नाम में SBI Cards and payment services को सेलेक्‍ट करना होगा.

इसके बाद अपना एप्‍लीकेशन नंबर और पैन नंबर एंटर करना होगा. यहां बता दें कि आपको एप्‍लीकेशन नंबर बुकिंग के वक्‍त मिला होगा. उसी नंबर को यहां इस्‍तेमाल करना है.

इसके अलावा एसबीआई के रजिस्‍ट्रार-linkintime की वेबसाइट-पर जाकर भी आईपीओ के स्‍टेटस की जानकारी ले सकते हैं. यहां आपको सिर्फ एप्‍लीकेशन नंबर, Client ID या पैन नंबर एंटर करना होगा. मदद के लिए ईमेल- This email address is being protected from spambots. You need JavaScript enabled to view it. और फोन नंबर- 022 4918 6200 का इस्‍तेमाल किया जा सकता है.

ये है कीमत...

बता दें कि इस आईपीओ के लिए प्राइस रेंज 750-755 रुपये के बीच रखा गया है. इस आईपीओ में निवेश के लिए ग्राहक को कम से कम एक लॉट के लिए बोली लगानी थी, जिसमें 19 शेयर हैं. कंपनी एंकर इन्वेस्टर्स से 2,769 करोड़ रुपये जुटा चुकी है, जिसमें 12 म्यूचुअल फंड्स भी शामिल हैं. SBI Cards इस आईपीओ के जरिए 10,355 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद रखती है. यह आईपीओ 26.54 गुना सब्सक्राइब हुआ है.

आज सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन यानी गुरुवार को शेयर बाजार में फिर से जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। ना सिर्फ भारत, बल्कि दुनियाभर के बाजारों की हालत बुरी है। कोरोनावायरस के कहर से बाजार में कोहराम मचा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 1,784.14 अंक यानी 5.03 फीसदी की गिरावट के बाद 33,903.26 के स्तर पर खुला। जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 532.65 अंक यानी 5.09 फीसदी की गिरावट के बाद 9,925.75 के स्तर पर खुला। इसलिए आई गिरावट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना को विश्वव्यापी महामारी घोषित कर दिया है। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 को पैनडेमिक (विश्वव्यापी महामारी) माना जा सकता है। इसी बीच, देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 12 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद मरीजों के संख्या 68 हो गई है। सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी देशों के पर्यटक वीजा निलंबित कर दिए हैं। इसलिए बाजार में भारी गिरावट आई।

वैश्विक बाजार भी धड़ाम
वैश्विक बाजारों की बात करें, तो अमेरिकी शेयर बाजार में बुधवार को जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। बेंचमार्क डाउ जोंस 1,400 अंकों से ज्यादा फिसला और 23,553.22 पर बंद हुआ, जिसके बाद एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली। सिंगापुर एक्सचेंज पर निफ्टी फ्यूचर्स करीब 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार करते दिखाई दे रहे थे। वहीं टोक्यो बेंचमार्क निक्केई 2.24 फीसदी गिरा, साउथ कोरिया का कॉस्पी 1.22 फीसदी और ऑस्ट्रेलिया का एएसएस शुरुआती ट्रेड में 2.6 फीसदी नीचे देखे गए।

ऐसा रहा दिग्गज शेयरों का हाल
दिग्गज शेयरों की बात करें, तो आज सभी कंपनियों के शेयर लाल निशान पर खुले। शीर्ष गिरावट वाले शेयरों में आईओसी, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, कोल इंडिया, वेदांता लिमिटेड, बीपीसीएल, इंफोसिस, टाटा मोटर्स और पावर ग्रिड शामिल है।

यस बैंक के शेयर में गिरावट
दो दिन से यस बैंक के शेयर में आ रही बढ़त पर आज ब्रेक लग गई है। यस बैंक का शेयर आज सुबह 9:44 बजे 2.75 अंक यानी 9.55 फीसदी की गिरावट के बाद 26.05 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। शुरुआती कारोबार में यह 28.70 के स्तर पर खुला था जबकि पिछले कारोबारी दिन यह 28.80 के स्तर पर बंद हुआ था। नकदी संकट से जूझ रहे इस बैंक में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 2,450 करोड़ रुपये में 49 फीसदी हिस्सेदारी लेने की बात कही थी, जिसके बाद दो दिनों से इसमें तेजी देखी जा रही थी। दरअसल पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक ने संकट में फंसे यस बैंक पर मौद्रिक सीमा लगा दी। इसके तहत खाताधारक अब यस बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे। निकासी की यह सीमा 3 अप्रैल, 2020 तक लागू रहेगी।

सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर
सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर डालें, तो आज सभी सेक्टर्स की शुरुआत गिरावट पर हुई। इनमें पीएसयू बैंक, प्राइवेट बैंक, मीडिया, आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, रियल्टी, ऑटो और मेटल शामिल हैं।

प्री ओपन के दौरान यह था शेयर मार्केट का हाल
प्री ओपन के दौरान सुबह 9:10 बजे शेयर मार्केट लाल निशान पर था। सेंसेक्स 1,224.90 अंक यानी 3.43 फीसदी की गिरावट के बाद 34,472.50 के स्तर पर था। वहीं निफ्टी 418.45 अंक यानी 4 फीसदी की गिरावट के बाद 10,039.95 के स्तर पर था।

डॉलर के मुकाबले 74.25 के स्तर पर खुला रुपया
डॉलर के मुकाबले आज रुपया 61 पैसे की गिरावट के बाद 74.25 के स्तर पर खुला। पिछले कारोबारी दिन डॉलर के मुकाबले रुपया 73.64 के स्तर पर बंद हुआ था।

बुधवार को गिरावट पर खुला था बाजार
बुधवार को सेंसेक्स 226.91 अंक यानी 0.64 फीसदी की गिरावट के बाद 35,408.04 के स्तर पर खुला था। वहीं  निफ्टी 68.95 अंक यानी 0.66 फीसदी की गिरावट के बाद 10,382.50 के स्तर पर खुला था। इसके बाद दोपहर 12:01 बजे सेंसेक्स 191.05 अंक यानी 0.54 फीसदी की बढ़त के बाद 35,826 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। जबकि निफ्टी 33.85 अंक यानी 0.32 फीसदी की बढ़त के बाद 10,485.30 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।

पिछले कारोबारी दिन सपाट स्तर पर बंद हुआ था बाजार
बुधवार को दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद शेयर बाजार सपाट स्तर पर बंद हुआ था। सेंसेक्स 62.45 अंक यानी 0.18 फीसदी की बढ़त के बाद 35,697.40 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 2.55 अंक यानी 0.02 फीसदी की गिरावट के बाद 10,448.90 के स्तर पर बंद हुआ था।

नई दिल्ली। भारत की प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील चीन में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने की वजह से अब वहां को छोड़ दूसरे बाजारों से अपनी जरूरत के माल की खरीद के आर्डर देने लगी है। कंपनी पहले अपने कारखानों में इस्तेमाल होने वाले कई तरह के माल चीन से खरीद रही थी लेकिन वहां कोरोना विषाणु की महामारी से कारोबार अस्त-व्यस्त हो गया है। टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि उनकी कंपनी पहले से ही जोखिम का आकलन करने लगी थी। यहां उद्योगमंडल सीआईआई की क्षेत्रीय इकाई की वार्षिक बैठक के बाद नरेंद्रन ने कहा कि कंपनी अपने यहां इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजें चीन से खरीदती रही है। हमने जोखिम का आकलन कर लिया है और अप्रैल तक सब चीज आराम से चलेगी। हमारे कारोबार पर अभी कोई असर नहीं पड़ा है, पर उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने ब्राजील और तुर्की जैसे वैकल्पिक बाजारों से माल खरीदने के आर्डर दिए है। यद्यपि वहां माल कुछ महंगा पड़ता है। टाटा स्टील के अधिकारियों के अनुसार कंपनी रीफैक्ट्री, स्टील मिल रोल, एलेक्ट्रोड और मैंगनीज आदि की खरीद चीन से करती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस्पात उद्योग को सितंबर से इस्पात की कीमतों में सुधार आने की उम्मीद है। इस्पात की मांग बढ़ना शुरू हो चुकी थी पर कोराना के प्रकोप से मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। पिछले साल नवंबर में भाव गिर कर 32,250 रुपए टन पर पहुंच गया था जो अब सुधर कर 37,000 रुपए पर चल रहा है। पिछले साल इस्पात की उच्चतम दर 46,000 रुपए प्रति टन थी।


नई दिल्ली। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने यस बैंक की रेटिंग घटा दी है। भारतीय रिजर्व बैंक ने यस बैंक को देनदारियों का भुगतान करने से 30 दिन के लिए रोक दिया है, जिसके बाद रेटिंग में यह कमी की गई। मूडीज ने यस बैंक की दीर्घकालिक विदेशी मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग को बी2 से घटाकर सीएए3 कर दिया और कहा है ‎कि अनिश्चित दिशा के साथ रेटिंग समीक्षाधीन रहेगी। मूडीज ने बैंक की दीर्घकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा बैंक जमा रेटिंग को भी घटा दिया है। मूडीज ने साथ ही यह भी कहा कि उसे इस बात की पूरी उम्मीद है कि जमाकर्ताओं का कम से कम नुकसान होगा। रेटिंग एजेंसी ने कहा ‎कि जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आरबीआई के आश्वासनों से इस बात का पूरा भरोसा मिलता है कि जमाकर्ताओं के नुकसान का जोखिम कम है। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने संकट में फंसे यस बैंक के पुनर्गठन की योजना का प्रारूप जारी किया जिसमें कहा गया है कि बैंक की पूंजी पांच हजार करोड़ रुपए हैं और रणनीतिक निवेशक बैंक 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ले सकता है। बैंकिंग नियामक द्वारा इस प्रारूप को अपनी वेबसाइट पर जारी करने के तत्काल बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र का भारतीय स्टेट बैंक यस बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ले सकता है। उन्होंने कहा कि बैंक की यह पुनर्गठन योजना एक महीने के भीतर पूरी की जाएगी और इसके तहत प्रशासक के स्थान पर निदेशक मंडल बनाया गया जाएगा। केन्द्रीय बैंक ने इस प्रारूप में कहा है कि रणनीतिक निवेशक तीन साल तक अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकेगा। रिजर्व बैंक ने इस प्रारूप पर आम लोगों, बैंकों, शेयरधारकों, जमाकर्ताओं और ऋणदाताओं से 9 मार्च तक सुझाव मांगे हैं। इसके बाद इस संबंध में निर्णय लिए जाएंगे। उसने एक बयान में कहा कि प्रारूप पर यस बैंक और भारतीय स्टेट बैंक से भी सुझाव मांगे गए हैं।

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