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नई दिल्‍ली/मुबई। प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने यस बैंक धन शोधन जांच मामले में मुंबई में वैश्विक पर्यटन और यात्रा कंपनी कॉक्स एंड किंग्स के पांच परिसरों पर छापे मारे हैं। ईडी के वरिष्‍ठ अधिकाररियों ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ये छापा मारा है।
अधिकारियों ने जारी एक बयान में कहा कि कॉक्स एंड किंग्स यस बैंक के टॉप कर्जदारों में शामिल था। बैंक ने इस कंपनी को 2,260 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। उन्होंने कहा कि तलाशी का मकसद मामले में अधिक सबूत जुटाना है। इसके तहत ही पांच परिसरों को कवर किया जा रहा है।
दरअसल ईडी एक कथित धोखाधड़ी के मामले में यस बैंक और कई अन्य बड़े कॉरपोरेट समूहों की जांच कर रहा है, जिन्हें बैंक द्वारा दिया गया भारी कर्ज गैर‑निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बन गया। गौरतलब है कि यस बैंक के सह‑संस्थापक राणा कपूर को मार्च में गिरफ्तार किया गया था और हाल ही में मुंबई की एक विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोप‑पत्र दाखिल किया गया है।

कंपनी ने इसकी कीमत 750 रुपये बढ़ाई
नई दिल्ली। बाइक बनाने वाली कंपनी टीवीएस की कम्यूटर मोटरसाइकल टीवीएस रेडियाेन की कीमत बढ गई है। अब इस बाइक की कीमत 59,742 रुपये से 65,742 रुपये के बीच हो गई है। कंपनी ने इसकी कीमत 750 रुपये बढ़ा दी। बीएस4 मॉडल के मुकाबले बीएस6 रेडियाेन की कीमत में करीब 8,600 रुपये का इजाफा हुआ था।  इससे पहले कंपनी ने अप्रैल में बीएस6 टीवीएस रेडियाेन लॉन्च की थी। तब इसकी कीमत 58,992 रुपये से 64,992 रुपये के बीच थी। टीवीएस रेडियाेन में 109.7 सीसी, सिंगल-सिलिंडर, एयर-कूल्ड इंजन दिया गया है। यह इंजन 7,350 आरपीएम पर 8.08 बीएचपी की पावर और 4,500 आरपीएम पर 8.7 एनएम टॉर्क जेनरेट करता है। इंजन 4-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है। कंपनी का दावा है कि बीएस4 वर्जन के मुकाबले बीएस6 बाइक का माइलेज 15 पर्सेंट ज्यादा है। बीएस6 में अपडेट करने पर बाइक के डायमेंशन्स में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन इसका वजन 4 किलोग्राम बढ़ गया है। रेडियाेन के डिस्क ब्रेक वेरियंट का वजन 118 किलोग्राम, जबकि ड्रम ब्रेक वेरियंट का वजन 116 किलोग्राम है। बाइक के वील्ज 18-इंच के हैं। टीवीएस रेडियाेन तीन वेरियंट में उपलब्ध है। इसके बेस वेरियंट की कीमत अब 59,742 रुपये, कम्यूटर बाइक ऑफ द ईयर ड्रम वेरियंट की 62,742 रुपये और कम्यूटर बाइक ऑफ द ईयर डिस्क वेरियंट की कीमत 65,742 रुपये हो गई है। टीवीएस का दावा है कि बीएस6 कम्प्लायंट रेडियाेन का माइलेज 79.3 किलोमीटर प्रति लीटर है। बाइक की फ्यूल टैंक कपैसिटी 10-लीटर है। फीचर्स की बात करें, तो इसमें लंबी कुशन सीट, कैरियर के साथ पिलियन ग्रैब रेल, हुक के साथ लेडी पिलियन हैंडल, यूएसबी चार्जिंग स्पॉट, ऑल गियर सेल्फ स्टार्ट, एसबीटी (सिंक्रोनाइज्ड ब्रेकिंग सिस्टम), बीपर के साथ साइड स्टैंड इंडिकेटर और फुल क्रोम मेटल एग्जॉस्ट जैसे फीचर मिलते हैं।


नई दिल्ली । व्यावसायिक वैबसाइट अमेजॉन इंडिया के प्लेटफॉर्म पर अब विक्रेताओं को हिंदी में रजिस्टर्ड करने और अपने ऑनलाइन कारोबार को हिंदी में मैनेज करने की सुविधा होगी। कंपनी ने कहा है कि उसका ऐसा करने का लक्ष्य भारत के लाखों छोटे, लघु और मध्यम कारोबारियों, छोटे दुकानदारों और खुदरा कारोबारियों को भाषा के बंधन से मुक्ति देकर ई-कॉर्मस प्लेटफॉर्म के लाभ पहुंचाना है। इस बयान में आगे कहा गया है कि विक्रेताओं को पहली बार अपने ऑर्डर, इन्वेट्ररी मैनजमेंट और परफॉर्मेस मैट्रिक्स को दर्ज करने, जानने और समझने के लिए हिंदी के उपयोग का मौका मिलेगा और इससे जुड़े अनुभव को सेलर्स की वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर देखा जा सकेगा। इसके अलावा अमेजॉन हिंदी में सेलर सपोर्ट सर्विस, सेलर यूनिवर्सिटी वीडियोज और ट्यूटोरियल भी उपलब्ध करा रहा ही। अमेजॉन इंडिया में वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर काम कर रहे गोपाल पिल्लई ने कहा है कि कंपनी सदैव इस सिद्धांत के साथ काम करती है कि हर सेलर को देश और दुनिया के ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों तक पहुंच मिलनी चाहिए। हिंदी में रजिस्ट्रेशन और बहीखाता बनाने की सुविधा देना इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। कंपनी कारोबार के विस्तार में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने पर काम कर रही है। कंपनी के इस बयान में आगे कहा गया है कि उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश के टियर 1, 2 और 3 शहरों के सैकेड़ों अमेजॉन सेलर 6 महीने के टेस्टिंग फेज में हिंदी में अपने काम कर रहे हैं।  

देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली है कार
नई दिल्ली। नई ह्यूंदै क्रेटा की लॉन्चिंग के बाद से अब तक इस एसयूवी की करीब 24 हजार बुकिंग हो चुकी है। नई क्रेटा मई में देश में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही है। लॉकडाउन नियमों में ढील के बाद मई में कारों की बिक्री शुरू हुई। इस दौरान ह्यूंदै ने 3,212 क्रेटा बेचीं। दशकों बाद मई 2020 में पहली बार ऐसा हुआ, जब सबसे ज्यादा बिकने वाली कार मारुति सुजुकी की नहीं रही। न्यू-जेनरेशन ह्यूंदै क्रेटा  नए लुक और नए फीचर के साथ बाजार में उतारी गई है। यह एसयूवी 5 इंजन-गियरबॉक्स कॉम्बिनेशन और 5 वेरियंट लेवल में उपलब्ध है। क्रेटा के पेट्रोल और डीजल मॉडल की कीमत 9.99 लाख से 17.20 लाख रुपये के बीच है। नई ह्यूंदै क्रेटा के इंजन और गियरबॉक्स किआ सेल्टॉस से लिए गए हैं। इनमें 1.4-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन और 1.5-लीटर के पेट्रोल व डीजल इंजन शामिल हैं। 1.5-लीटर वाले पेट्रोल-डीजल इंजन 113 बीएचपी की पावर और 144 एनएम पीक टॉर्क जेनरेट करते हैं। टर्बो-पेट्रोल इंजन 138 बीएचपी की पावर और 242 एनएम टॉर्क जेनरेट करता है। 1.5-लीटर वाले पेट्रोल-डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड मैन्युअल गियरबॉक्स स्टैंडर्ड है। इसके अलावा 1.5-लीटर पेट्रोल के साथ आईवीटी और डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के ऑप्शन भी उपलब्ध हैं। वहीं, 1.4-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन के साथ 7-स्पीड डीसीटी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन दिया गया है। ह्यूंदै का दावा है कि क्रेटा के टर्बो-पेट्रोल इंजन का माइलेज 16.8 किलोमीटर प्रति लीटर है। वहीं, 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन का माइलेज मैन्युअल गियरबॉक्स के साथ 16.8 किलोमीटर और आईवीटी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ 16.9 किलोमीटर प्रति लीटर है। एसयूवी का डीजल इंजन मैन्युअल गियरबॉक्स के साथ 21.4 किलोमीटर और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ 18.5 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है। मालूम हो ‎कि नई ह्यूंदै क्रेटा कार को शानदार रिस्पॉन्स मिला है। यह एसयूवी मार्च में लॉन्च हुई थी। इसके कुछ दिन बाद ही कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से देश भर में लॉकडाउन लागू हो गया था। हालांकि, इसके बावजूद नई क्रेटा की बुकिंग होती है।

नयी दिल्ली । कोरोना चुनौती के बीच मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स में लगातार निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। जिसके चलते अन्‍य निवेशकों के साथ विशेषकर पिछले 45 दिनों में सात निवेशक इसमें 19.90 प्रतिशत इक्विटी के लिए कुल 92,202.15 करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।

उल्‍लेखनीय है कि जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश 22 अप्रैल को फेसबुक से शुरू हुआ था, उसके बाद सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी, जनरल अटलांटिक और केकेआर ने निवेश किया। शुक्रवार को पहले यूएई की मुबाडला और फिर कुछ घंटों बाद अमेरिका की सिल्वर लेक ने अतिरिक्त निवेश का ऐलान किया। दोनों ने मिलकर जियो प्लेटफॉर्म्स में 24 घंटों के भीतर 13640.40 करोड़ का निवेश कर डाला।

अमेरीका की सिल्वर लेक और सहयोगी पार्टनर्स ने मिलकर 0.98 प्रतिशत इक्विटी के लिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 4,546.80 करोड़ रु के निवेश की घोषणा की है। यह सिल्वर लेक का जियो प्लेटफॉर्म्स में दूसरा इंवेस्टमेंट है। इससे पहले भी सिल्वर लेक पार्टनर्स ने 4 मई को जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.15 प्रतिशत इक्विटी के लिए 5,655.75 करोड़ का इंवेस्टमेंट किया था। सिल्वर लेक का कुल इंवेस्टमेंट बढ़कर अब 2.08 प्रतिशत इक्विटी के लिए 10,202.55 करोड़ रुपये हो गया है। इससे कुछ घंटे पहले अबूधाबी की मुबाडला ने इक्विटी के लिए जियो प्लेटफॉर्म्स में 9,093.60 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी।

जियो प्लेटफॉर्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है। ये एक “नेक्स्ट जनरेशन” टेक्नॉलोजी कंपनी है जो भारत को एक डिजिटल सोसायटी बनाने के काम में मदद कर रही है। इसके लिए जियो के प्रमुख डिजिटल एप, डिजिटल इकोसिस्टम और भारत के नंबर एक हाइ‑स्पीड कनेक्टिविटी प्लेटफ़ॉर्म को एक‑साथ लाने का काम कर रही है। रिलायंस जियो इंफ़ोकॉम लिमिटेड, जिसके 38 करोड़ 80 लाख ग्राहक हैं, जियो प्लेटफ़ॉर्म्स लिमिटेड की पूर्ण अनुषंगी इकाई बनी रहेगी।

सिल्वर लेक 40 अरब डॉलर से अधिक की एसेट्स दुनिया भर में मैनेज करती है। इसने अलीबाबा, एएनटी फाईनेंशियल अल्फाबेट्स वेरीली एंड वायमो यूनिट्स,डैल टैक्नोलॉजी और ट्विटर जैसी अनेकों नामी गिरामी कंपनियों में निवेश किया हुआ है। सिल्वर लेक द्वारा किए गए समग्र निवेश पर टिप्पणी करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा, “सिल्वर लेक और इसके सह‑निवेशक मूल्यवान साझेदार हैं। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि कोविड‑19 महामारी के दौरान पांच सप्ताह के भीतर जियो प्लेटफार्मों में सिल्वर लेक का अतिरिक्त निवेश, भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके विश्वास का प्रतीक है।”

सिल्वर लेक के सह‑सीईओ और प्रबंध साझेदार एगॉन डरबन ने कहा, “हम अपने एक्सपोज़र को बढ़ाने और अपने सह‑निवेशकों को भी अपने साथ लाने पर उत्साहित हैं। उपभोक्ता और छोटे व्यवसायों के लिए उच्च‑गुणवत्ता और सस्ती डिजिटल सेवाएं प्रदान करने के जियो के मिशन का हम समर्थन करते हैं। जियो में और अधिक निवेश जियो के बिजनेस मॉडल की मान्यता है। साथ ही हम मुकेश अंबानी और उनकी टीम की प्रशंसा करते हैं जिनके साहसिक विजन से जियो दुनिया की सबसे उल्लेखनीय प्रौद्योगिकी कंपनी बन पाई।”

जियो एक ऐसे “डिजिटल भारत” का निर्माण करना चाहता है जिसका फ़ायदा 130 करोड़ भारतीयों और व्यवसायों को मिले। एक ऐसा “डिजिटल भारत” जिससे ख़ास तौर पर देश के छोटे व्यापारियों, माइक्रो व्यावसायियो और किसानों के हाथ मज़बूत हों। जियो ने भारत में डिजिटल क्रांति लाने और भारत को दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल ताकतों के बीच अहम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

नई दिल्ली| केंद्र सरकार कोरोना वायरस बीमारी (कोविड -19) महामारी के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ावा देने के लिए एक बार फिर से राजकोषीय, मौद्रिक और नीतिगत उपायों के एक और पैकेज की घोषणा कर सकती है। नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एक अधिकारी ने जानकारी दी कि संभावित घोषणा से पहले 20.97 लाख करोड़ रुपये का गहन मूल्यांकन किया जाएगा। कुछ आलोचकों ने कहा है कि राजकोषीय और मौद्रिक उपायों का पैकेज, जिसमें पिछली घोषणाएं शामिल थीं, कोविड -19 के आर्थिक नतीजों और आगामी लॉकडाउन को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं थे।

अधिकारी ने जानकारी दी कि सरकार ने अपने सभी विकल्प खुले रखे हैं और आपूर्ति को सुव्यवस्थित करने के लिए उचित उपायों के साथ जवाब देगी और अर्थव्यवस्था को उच्च विकास प्रक्षेपवक्र पर रखने की मांग को बढ़ावा देगी। अन्य दो अधिकारियों ने बताया कि अगला पैकेज, जो एक महीने से कम समय में आने की उम्मीद है, 26 मार्च के बाद से पहले ही घोषित किए गए पैकेज द्वारा छोड़ी गए जरूरी चीजों के पूरा कर देगा। सभी हितधारकों के साथ चर्चा के बाद पैकेज तैयार किया जाएगा।  वित्त मंत्रालय के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने 1 मार्च से 15 मई के बीच लगभग 5.5 मिलियन खातों में 6.45 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वास्तविक आआंकड़ा कम है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, लॉकडाउन हटाए जाने के बाद ऋण वितरण शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को समाप्त होने वाला है।

एचटी ने एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी के हवाले से बताया कि उद्योग को खासकर एमएसएमई को  पैसे की जरूरत है,  पैसे की जरूरत है। यह अच्छा है कि धन मंजूर कर लिया गया है, अब जल्द से जल्द वितरण होना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि उधारकर्ता स्वीकृत ऋणों का लाभ उठाने  में हिचकिचा रहे हैं, क्योंकि वे अर्थव्यवस्था में पर्याप्त मांग नहीं देख रहे हैं। 22 मई को, भारतीय रिज़र्व बैंक ने कोविद -19 की आर्थिक गिरावट में फंसे कर्जदारों को राहत देने के लिए नीतिगत दरों को 40 आधार अंकों (बीपीएस) से घटा दिया और ऋण चुकाने के लिए तीन महीने की मोहलत बढ़ा दी। 27 मार्च के बाद यह तीसरा मौद्रिक हस्तक्षेप था। आत्मानिर्भर भारत पैकेज में 8.01 लाख करोड़ के आरबीआई के उपाय शामिल थे।

नई दिल्ली । गूगल के वोडाफोन आइडिया में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने पर नजर संबंधी रिपोर्ट के बीच वोडाफोन आइडिया ने शुक्रवार को कहा कि वह निरंतर विभिन्न अवसरों का आकलन करती है। लेकिन उसके निदेशक मंडल के समक्ष अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। वोडाफोन आइडिया ने यह जानकारी बंबई शेयर बाजार को दी है। वोडाफोन आइडिया ने यह स्पष्टीकरण इस रिपोर्ट के एक दिन बाद दिया है कि गूगल की दूरसंचार कंपनी में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी पर नजर है। कंपनी ने शुक्रवार को कहा,कॉरपोरेट रणनीति के तहत कंपनी अपने शेयरधारकों के मूल्य को बढ़ने के लिये विभिन्न अवसरों का आकलन करती रहती है। जब भी कंपनी का निदेशक मंडल इस प्रकार के प्रस्ताव पर विचार करेगा, कंपनी इसकी सूचना देकर खुलासा बाध्यताओं का पालन करेगी। वोडाफोन आइडिया ने कहा कि फिलहान ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, जिस पर निदेशक मंडल विचार कर रहा हो। बयान के अनुसार,हम यह दोहराना चाहते हैं कि कंपनी सेबी सूचीबद्धता नियमों का पालन करेगी और कीमत से जुड़ी सभी संवेदनशील सूचनाएं शेयर बाजारों के साथ साझा करेगी।

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक ने रेपो दर पर आधारित कर्ज की ब्याज दर में 0.40 फीसदी की कटौती की है। इस कटौती के साथ ही बैंक का लोन पर ब्‍याज दर 6.90 फीसदी पर आ गया है। बैंक ने क़ल देर रात इस कटौती की जानकारी दी। बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये कटौती रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हाल ही में रेपो दर में की गई कटौती का लाभ ग्राहकों को पहुंचाने वाला कदम है। इसके साथ ही बैंक ने कहा है कि इस कटौती के फलस्‍वरूप बैंक का खुदरा और एमएसएमई कर्ज भी 0.40 फीसदी सस्ता होगा। हालांकि, बैंक ने जमा दरों में किसी तरह के बदलाव की जानकारी नहीं दी है। गौरतलब है कि सरकारी चाहती है कि बैंक अपनी ब्याज दरों को कम करें, ताकि कर्ज सस्ता हो और अर्थव्यवस्था में गतिविधियां तेज हों। दरअसल कोविड‑19 की महामारी और देशव्‍यापी लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था की गति पिछले कुछ महीनों में काफी धीमी पड़ गई। उल्‍लेखनीय है कि एक मार्च के बाद से बैंकों ने अब तक 6 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी है। इसमें से यूको बैंक ने 15 हजार करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी दी है, जिसमें से 12 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बांट दिया गया है। वहीं, बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे उसके 1.36 लाख ग्राहकों को फायदा पहुंचा है।

नई ‎दिल्ली । जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी बायोकॉन ने बुधवार को कहा कि उसकी सहायक कंपनी को भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से कोविड-19 के गंभीर रोगियों के इलाज के लिए चिकित्सा उपकरण बनाने की मंजूरी मिली है। बायोकॉन ने कहा कि उसकी सहायक इकाई बायोकॉन बायोलॉजिक्स को रक्त शोधन उपकरण साइटोसॉर्ब के लिए डीसीजीआई की मंजूरी मिली है, जो सघन देखभाल इकाई (आईसीयू) में भर्ती कोविड-19 के मरीजों में प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के स्तर को कम करता है। कंपनी ने बताया कि उसे कोविड-19 के मरीजों के इलाज में साइटोसॉर्ब के इस्तेमाल के लिए जनहित में आपातकालीन लाइसेंस मिला है। इसका इस्तेमाल 18 साल या इससे अधिक के मरीजों पर किया जाएगा। बायोकॉन ने कहा कि यह लाइसेंस कोविड-19 महामारी के काबू में आने तक प्रभावी है।

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थवस्था को गति देने के लिए बाजार में और नकदी डालने की जरूरत है और राज्य सरकारों को 20 लाख करोड़ रुपये मुहैया कराने चाहिए जबकि और 10 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक-निजी साझेदारी के निवेश से आ सकते हैं। सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं सूक्ष्म-मध्यम-लघु उद्योग एमएसएमई मंत्री ने कहा कि इससे केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज सहित 50 लाख करोड़ रुपये की तरलता बाजार में आएगी जिससे अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 की वजह पड़े विपरीत असर का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा मौजूदा परिस्थितियां बहुत गंभीर है पूरी दुनिया मुश्किल का सामना कर रही है।' मंत्री ने रेखांकित किया कि संकट से मुकाबले के लिए अमेरिका ने दो ट्रिलियन डॉलर के पैकेज की घोषणा की है जबकि जापान ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 12 प्रतिशत के बराबर पैकेज की घोषणा की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित पैकेज जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर है। गडकरी ने कहा, 'कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अब और अधिक संसाधन जुटाये जा सकते हैं और राज्य और 20 लाख करोड़ रुपये का बजट मुहैया करा सकते हैं और न्यूनतम 10 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक निजी निवेश से आ सकते हैं।

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