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नई दिल्ली,आने वाले समय में 5 स्टार रेफ्रिजरेटर्स की कीमत में इजाफा हो सकता है। नया एनर्जी लेवलिंग नॉर्म्स अगले साल जनवरी से लागू होने वाला है, जिसके बाद फाइव स्टार रेफ्रिजरेटर्स बनाना लगभग 6,000 रुपये तक महंगा हो सकता है। उद्योग संगठन CEAMA ने यह जानकारी दी है।
लेवलिंग गाइडलाइंस के लागू होने से मैन्युफैक्चरर्स को फाइव स्टार रेफ्रिजरेटर्स को कूलिंग के लिए पारंपरिक फोम की जगह वैक्यूम पैनल्स की इस्तेमाल करना पड़ेगा, जो उद्योग के लिए एक चुनौती है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CEAMA) ने यह बात कही।
कंप्रेसर आधारित उत्पादों जैसे रूम एयर कंडीशनर (RAC) तथा रेफ्रिजरेटर्स के लिए स्टार रेटिंग लेबल में बदलाव जनवरी 2020 से लागू होगा और फ्री तथा डायरेक्ट कूलिंग वन स्टार में चेंज हो रहा है।
अब इस बदलाव की वजह से उद्योग को फाइव स्टार लेवल रेफ्रिजरेटर्स लाना मुश्किल होगा, क्योंकि जनवरी से एनर्जी एफिसिएंशी नॉर्म्स के टेबल में बदलाव हो रहा है।

नई दिल्ली : पेट्रोल (Petrol) के दाम शुक्रवार को फिर बढ़ गए. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में सात सप्ताह बाद फिर पेट्रोल 80 रुपये से ऊंचे भाव पर बिकने लगा है. देश के चार महानगरों दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में 15-16 पैसे प्रति लीटर का इजाफा हो गया है जबकि डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव दो महीने के ऊंचे स्तर के करीब बना हुआ है. इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का दाम बढ़कर क्रमश: 74.35 रुपये, 77.04 रुपये, 80.01 रुपये और 77.29 रुपये प्रति लीटर हो गया है. चारों महानगरों में डीजल (Diesel) की कीमत भी बिना किसी बदलाव के क्रमश: 65.84 रुपये, 68.25 रुपये, 69.06 रुपये और 69.59 रुपये प्रति लीटर पर बनी हुई है.
पेट्रोल तेल विपणन कंपनियों ने शुक्रवार को दिल्ली, कोलकाता और मुंबई मे पेट्रोल के दाम में 15 पैसे जबकि चेन्नई में 16 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की. मुंबई में इससे पहले तीन अक्टूबर 2019 को पेट्रोल का भाव 80.11 रुपये प्रति लीटर था.
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में दो दिनों की तेजी के बाद नरमी के साथ कारोबार चल रहा था, हालांकि कीमत करीब दो महीने के ऊंचे स्तर पर है. बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का दाम 63 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर बना हुआ है.
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड का जनवरी अनुबंध शुक्रवार को पिछले सत्र से 0.56 फीसदी की नरमी के साथ 63.61 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था.
वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के जनवरी अनुबंध में बीते सत्र से 0.67 फीसदी की नरमी के साथ 58.19 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था.

कैबिनेट ने वित्तीय संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनियों को राहत देते हुए उनके लिए स्पेक्ट्रम किस्त का भुगतान दो साल के टालने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा, दूरसंचार कंपनियों को 2020-21 और 2021-22 दो साल के लिए स्पेक्ट्रम किश्त भुगतान से छूट दी गई है । सूत्रों के मुताबिक, सरकार के फैसले से दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो को 42,000 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया व एयरटेल को झटका दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इन कंपनियों को समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का भुगतान करना होगा, जिसके बाद टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। लेकिन अब वोडाफोन आइडिया की एजीआर संबंधी 44,200 करोड़ रुपये की देनदारी में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे कंपनी को अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी। साथ ही वोडाफोन आइडिया की बैलेंस शीट पर भी दबाव बढ़ेगा।

देनदारी में हो सकती थी बढ़ोतरी

इस एजीआर संबंधित देनदारी में बढ़ोतरी हो सकती थी। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि कंपनी ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से मिले नोटिस के आधार पर एजीआर की मूल रकम के 11,100 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। वहीं, पिछले 2-3 साल का अनुमान कंपनी ने खुद लगाया है। ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस के अनुसार, वोडाफोन आइडिया की एजीआर संबंधित देनदारी 54,200 करोड़ रुपये रह सकती है। ऐसे में टेलीकॉम कंपनी को 10,100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोविजनिंग एजीआर के लिए करनी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को तीन महीने के अंदर इस रकम का भुगतान करने का आदेश दिया है।

कंपनी को हुआ 50,921 करोड़ का घाटा

वोडाफोन आइडिया को दूसरी तिमाही में 50, 921 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इससे पहले पिछले साल की दूसरी तिमाही में कंपनी को 4,947 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। यह भारत के कॉर्पोरेट इतिहास में अभी तक का सबसे बड़ा तिमाही घाटा है।

कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का बिल मंजूर, अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति

कैबिनेट ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 22 फीसदी किए जाने वाले अध्यादेश की जगह लेने वाले बिल को मंजूरी दे दी। इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में ही पारित कराए जाने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 सितंबर को घरेलू कंपनियों को राहत देने के लिए कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 22 फीसदी तक लाने की घोषणा की थी। साथ ही 22 फीसदी आयकर स्लैब का विकल्प लेने वाली कंपनियों से मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (एमएटी) नहीं वसूला जाएगा। एक अक्तूबर के बाद गठित घरेलू निर्माण कंपनियों पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा। 5 जुलाई से पहले शेयर बायबैक की घोषणा करने वाली कंपनियों से सुपर-रिच टैक्स की वसूली नहीं होगी।

एनएचएआई को टीओटी से फंड जुटाने को हरी झंडी

आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने नेशनल हाईवे के टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) मॉडल में संशोधन के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी। इससे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के लिए सरकारी पैसे से बनने के बाद एक साल से टोल वसूली के जरिए संचालित हो रहे राष्ट्रीय राजमार्गों का संचालन टीओटी मॉडल के जरिए 30 साल के लिए निजी कंपनियों को सौंपकर फंड जुटाने का रास्ता साफ हो गया है। एनएचएआई ने ऐसे 75 राष्ट्रीय राजमार्ग चिह्नित किए हैं, जिन्हें 10 बंडलों में बांटकर निजी कंपनियों को आमंत्रित किया जाएगा। ऐसे एक बंडल को निजी क्षेत्र को सौंपकर एनएचएआई पहले ही 9681.50 करोड़ रुपये सरकार को सौंप चुका है।

नई दिल्ली. सरकार ने सोने और चांदी की ज्वेलरी पर ड्यूटी ड्रॉबैक बढ़ाकर एक्सपोर्टर्स को राहत दी है। सोने पर ड्यूटी ड्रॉबैक 272 रुपए से बढ़ाकर 372.9 रुपए प्रति ग्राम कर दिया गया। चांदी पर यह 3,254 रुपए की बजाय 4,332.2 रुपए प्रति किलो होगा। इस संबंध में वित्त मंत्रालय का नोटिफिकेशन 16 नवंबर से लागू हो गया। न्यूज एजेंसी ने सोमवार को ये जानकारी दी।
सोने पर अब 86.74% शुल्क ड्यूटी ड्रॉबैक में कवर हो जाएगा
ड्यूटी ड्रॉबैक का विकल्प लेने वाले एक्सपोर्टर्स सोने-चांदी के इंपोर्ट के वक्त जो शुल्क चुकाते हैं उसका बड़ा हिस्सा उन्हें रिफंड मिल जाता है। मौजूदा टैरिफ के आधार पर गणना के मुताबिक सोने पर पहले 63.27% राशि रिफंड मिल रही थी, अब 86.74% मिलेगी। इसी तरह चांदी पर 62.74% की बजाय अब 83.53% आयात शुल्क ड्यूटी ड्रॉबैक में कवर हो जाएगा।
जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अधिकारी का कहना है कि सरकार ने पिछले साल सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 12.5% की थी, इसलिए एक्सपोर्टर्स ड्यूटी ड्रॉबैक की दरें बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इनमें अब हुई बढ़ोतरी से सोने-चांदी की ज्वेलरी के बाजार में हम प्रतिस्पर्धी बन पाएंगे।
बीते वित्त वर्ष (2018-19) में अप्रैल से अक्टूबर तक जेम्स एंड ज्वेलरी का कुल एक्सपोर्ट 2% घटकर 18.25 अरब डॉलर का रह गया। इस दौरान गोल्ड ज्वेलरी का एक्सपोर्ट 3% बढ़कर 7.3 अरब डॉलर रहा।

नई दिल्ली,    भारत पेट्रोलियम और एअर इंडिया को बेचने की कवायद तेजभारत पेट्रोलियम की बिक्री से मिल सकते हैं 60 हजार करोड़वित्त मंत्री ने मार्च 2020 तक प्रक्रिया पूरी करने के दिए संकेत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संकेत दिए हैं कि सरकारी कंपनियों एअर इंडिया और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) का विनिवेश जल्दी ही किया जाएगा. एअर इंडिया की हालत खस्ता है इसलिए उससे तो सरकार को खास फायदा नहीं होगा, लेकिन मुनाफे में चल रही भारत पेट्रोलियम का हिस्सा बेचने से सरकार को करीब 60,000 करोड़ रुपये की मोटी रकम मिल सकती है.
कब तक हो सकती है बिक्री
वित्त मंत्री ने शनिवार को कहा कि दोनों कंपनियों का विनिवेश मार्च 2020 तक पूरा कर लिया जाएगा. गौरतलब है कि सरकार ने इस वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.05 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है. तो बीपीसीएल की बिक्री से उसे अकेले इस लक्ष्य का करीब 60 फीसदी हिस्सा हासिल हो जाएगा.
कितनी है सरकार की हिस्सेदारी
BPCL में सरकार की 53.29 फीसदी हिस्सेदारी है और इस कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर है. सरकार अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचेगी और मौजूदा बाजार पूंजीकरण के हिसाब से उसे करीब 60 हजार करोड़ रुपये मिल सकते हैं.
दूसरी तरफ, एअर इंडिया की हालत खस्ता है और उसके खरीदार नहीं मिल रहे. इसमें सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है और सरकार किसी तरह इसका खरीदार हासिल कर इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. सरकार ने पिछले साल भी एअर इंडिया की हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी, लेकिन खरीदार न मिल पाने की वजह से इसे टालना पड़ा था. एअर इंडिया पर करीब 58,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
इसके अलावा शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया (SCI), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्र‍िक पावर कॉर्प लिमिटेड में भी सरकार अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है. कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में 30 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना है.
BPCL को हुए था 7,132 करोड़ रुपये का मुनाफा
गत 30 सितंबर को विनिवेश पर गठित सचिवों की एक कोर टीम ने भारत पेट्रोलियम की हिस्सेदारी बेचने को मंजूरी दी थी. बीपीसीएल मुनाफे में चलने वाली कंपनी है, इसलिए सऊदी अरामको, रोसनेफ्ट, कुवैत पेट्रोलियम, एक्सनमोबिल, शेल, टोटल एसए और अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी जैसी दिग्गज अंतरराष्ट्रीय कंपनियां इसकी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगा सकती हैं. वित्त वर्ष 2018-19 में बीपीसीएल को 7,132 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था.

 नई दिल्ली,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा है कि सरकार चाहती है मार्च तक एयर इंडिया और ऑइल रिफाइनर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की बिक्री की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगले साल की शुरुआत में ही ये दोनों काम पूरे हो जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को इन दो कंपनियों को बेचने से इस वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ का फायदा होगा।
सीतारमन ने कहा, 'एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही निवेशकों में उत्साह देखा गया है।' पिछले साल निवेशकों ने एयर इंडिया को खरीदने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया था इसलिए इसे नहीं बेचा जा सका था। बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष में कर संग्रह में गिरावट को देखते हुए सरकार विनिवेश और स्ट्रैटजिक सेल के जरिए रेवेन्यू जुटाना चाहती है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि आर्थिक सुस्ती से निपटने के लिए समय पर जरूरी कदम उठाए गए हैं और कई क्षेत्र अब सुस्ती से बाहर निकल रहे हैं। सीतारमन ने बताया कि कई उद्योगों के मालिकों से कहा गया है कि वे अपनी बैलेंस शीट में सुधार करें और उनमें से कई नए निवेश की तैयारी कर रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि कुछ क्षेत्रों में सुधार से जीएसटी कलेक्शन बढ़ेगा। इसके अलावा सुधार के कदमों से भी कर संग्रह बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एस्सार स्टील पर जो फैसला सुनाया है इससे काफी सुधार देखने को मिला है और अगली तिमाही में इसका प्रभाव बैंकों की बैलेंस शीट पर देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि लोगों में बदलाव आया है क्योंकि त्योहारों के दौरान बैंकों ने 1.8 लाख करोड़ का लोन बांटा है। सीतारमन ने कहा, 'अगर उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति पटरी पर न होती तो वे बैंकों से लोन लेने के बारे में विचार ही क्यों करते? और ऐसा पूरे देश में है।'

नौकरीपेशा लोगों को सैलरी मिलने का सिस्‍टम बदल सकता है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 'वन नेशन, वन पे डे' लागू करने के बारे में विचार कर रही है. अहम बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चाहते हैं इस बाबत कानून जल्द से तैयार होकर पास हो जाए. दरअसल, श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने 'वन नेशन, वन पे डे' सिस्‍टम को लेकर जानकारी दी है. संतोष गंगवार ने कहा, '' पूरे देश में एक समान व्यवस्था होनी चाहिए, जिसके तहत हर सेक्टर में सभी वर्ग के कर्मचारियों और मजदूरों को एक दिन सैलरी मिले. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चाहते हैं इस बाबत कानून जल्द से तैयार होकर संसद से पास हो जाए. '''वन नेशन, वन पे डे' के लागू होने के बाद संगठित क्षेत्र के सभी कर्मचारियों को एक ही दिन सैलरी मिलेगी. अभी तक सैलरी मिलने का कोई सिस्‍टम तय नहीं है.

वर्तमान में कंपनियां या संस्‍था अपने कर्मचारियों को सुविधा के हिसाब से महीने के किसी भी दिन सैलरी दे देती हैं. अधिकतर कर्मचारियों को महीने की 30 या 31 तारीख के अलावा 7 और 15 तारीख को सैलरी मिलती है.


इसके अलावा सरकार यूनिफॉर्म मिनिमम वेज प्रोग्राम को लागू करने की दिशा में भी काम कर रही है. वहीं सरकार व्यावसायिक सुरक्षा, हेल्थ ऐंड वर्किंग कंडीशन कोड (OSH), कोड ऑन वेजेज को लागू की भी तैयारी की जारी है.
बता दें कि OSH को लोकसभा में 23 जुलाई 2019 को पेश किया गया था. इस कोड को 13 लेबर लॉ को मिलाकर तैयार किया जा रहा है. इसके अलावा इसमें कई और प्रावधानों को भी जोड़ा गया है. उदाहरण के लिए हर कर्मचारी को अपॉइंटमेंट लेटर, सालाना फ्री मेडिकल चेकअप जैसे प्रावधानों को इस कोड में जोड़ा गया है.

मुंबई. एचडीएफसी बैंक का मार्केट कैपिटलाइजेशन बीएसई पर पहली बार 7 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया। एचडीएफसी बैंक शुक्रवार को इस आंकड़े तक पहुंचने वाली देश की तीसरी कंपनी बन गई। इससे पहले टीसीएस और रिलायंस इंडस्ट्रीज इतना मार्केट कैप हासिल कर चुकी हैं।
एचडीएफसी बैंक के शेयर में शुक्रवार को कारोबार के दौरान करीब 1% तेजी आई। इसका वैल्यूएशन 7,00,252.30 करोड़ रुपए पहुंच गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज फिलहाल मार्केट कैप में देश की सबसे बड़ी कंपनी है। इसका वैल्यूएशन 9.37 लाख करोड़ रुपए है। टीसीएस 8.27 लाख करोड़ के वैल्यूएशन के साथ दूसरे नंबर पर है।

नयी दिल्ली। भारती एयरटेल, भारती इंफ्राटेल और निजी इक्विटी कंपनी वार्दे पार्टनर्स ने कर्ज में डूबी रिलायंस कम्युनिकेशन की संपत्तियों के लिये अपनी अपनी बोलियां जमा की हैं। एयरटेल ने कुछ शर्तें भी जोड़ रखी हैं। रिलायंस जियो ने इस मामले में सौदे के लिए समयसीमा 10 दिन बढ़ाने की मांग की है। भारती एयरटेल के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने आर कॉम के स्पेक्ट्रम को खरीदने के लिये सशर्त बोली लगायी है। भारतीय इंफ्राटेल की बोली मोबाइल टावर के लिये है। मामले से जुड़े बैंक सूत्रों ने कहा कि अनिल अंबानी की अगुवाई वाली आर कॉम की संपत्ति के लिये कुल छह बोलियां आयी हैं।
सूत्र ने कहा कि रिलायंस कम्युनिकेशन की संपत्ति के लिये छह बोलियां आयी हैं। इसमें भारती एयरटेल, भारती इंफ्राटेल, निजी इक्विटी कंपनी वार्डे पार्टनर्स शामिल हैं। आर कॉम के कर्जदाताओं की समिति की 13 नवंबर 2019 को बैठक होने वाली है जिसमें बोलियां खोले जाने के बारे में निर्णय किया जाएगा।
इस बारे में रिलायंस जियो को भेजे गये ई-मेल का कोई जवाब नहीं आया। कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया के तहत उसकी अचल सम्पत्तियों के अलावा दूरसंचार संपत्ति में 122 मेगाहट्र्ज का स्पेक्ट्रम को भी नीलाम किया जा रहा है। ऋण समाधान प्रक्रिया शोधन प्रक्रिया शुरू किए जाने सेस्पेक्ट्रम का मूल्य करीब 14,000 करोड़ रुपये आंका था। इसी तरह दूरसंचार टावर सम्पत्ति 7,000 करोड़ रुपये , आप्टिकल फाइबर सम्पत्ति3,000 करोड़ रुपयेतथा डेटा सेंटर सम्पत्ति का मूल्य 4,000 करोड़ रुपये आंका गया था। सूत्रों के अनुसार आर कॉम के ऊपर करीब 33,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। कर्जदाताओं ने अगस्त महीने में कंपनी पर 49,000 करोड़ रुपये का दावा किया।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत को झटका दिया है। मूडीज ने भारत की रेटिंग को स्थिर से नकारात्मक कर दिया है। इसके लिए एजेंसी ने सुस्त आर्थिक वृद्धि का हवाला दिया है और भारत की रेटिंग के लिए अपना नजरिया बदल दिया है। 

कम रहेगा आर्थिक विकास

एजेंसी ने भारत के लिए बीएए2 विदेशी-मुद्रा और स्थानीय मुद्रा रेटिंग की पुष्टि की है। मूडीज ने कहा है कि धीमी अर्थव्यवस्था को लेकर जोखिम और बढ़ रहा है। आगे रेटिंग एजेंसी ने कहा कि पिछले सालों की तुलना में भविष्य में आर्थिक विकास भौतिक रूप से कम रहेगा। इतना ही नहीं, मूडीज ने यह भी कहा कि आर्थिक मंदी को लेकर चिंताएं लंबे समय तक रहेंगी और कर्ज और भी बढ़ेगा। कारोबर में निवेश और ग्रोथ बढ़ाने के लिए और सुधारों और टैक्स बेस व्यापक करने की गुंजाइश काफी कम हो गई है।

सरकार ने दिया बयान

इस पर भारत सरकार ने कहा कि, देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद काफी मजबूत है और हाल ही में किए गए सुधारों की घोषणा निवेश को प्रोत्साहित करेगी। इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय ने कहा कि भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। 

मूडीज ने घटाया था GDP का अनुमान

अक्तूबर में मूडीज ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी का अनुमान भी घटा दिया था। एजेंसी के अनुसार, जीडीपी 5.8 फीसदी होगी, जो भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) के अनुमान से भी कम है। पहले एजेंसी ने 6.8 फीसदी का अनुमान जताया था। 

लग सकता है झटका

विकास दर को घटाने के अनुमान से केंद्र सरकार की देश को 50 खरब इकोनॉमी बनाने की कवायद को भी झटका लग सकता है। अगर अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर देखने को या फिर धीमी रफ्तार रहेगी तो इसका असर भविष्य में भी देखने को मिलेगा। फिलहाल देश में कई सेक्टरों में उत्पादन लगभग ठप हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग पुराने स्टॉक को भी नहीं खरीद रहे हैं। 50 खरब अर्थव्यवस्था बनाने के लिए विकास दर में तेजी रखने के लिए कोशिशों को जारी रखना होगा। 

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