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 सेंसेक्स 500 और निफ्टी 125 अंक टूटा
मुंबई। वै‎श्विक बाजारों से ‎मिले खराब संकेतों की वजह से शुक्रवार के कारोबारी ‎दिन सेंसेक्स और निफ्टी में कमजोरी देखने को मिल रही है। सेंसेक्स में करीब 500 अंकों की गिरावट देखने को मिल रही है। दिग्गज शेयरों के साथ ही मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोरी देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.6 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। वहीं बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 0.68  फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। तेल-गैस शेयरों में भी आज कमजोरी नजर आ रही है। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.52 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। बाजार में चौतरफा बिकवाली दिख रही है। आज के कारोबार में बैंकिंग, एनबीएफसी, ऑटो, आईटी शेयरों और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा कमजोरी देखने को मिल रही है। बैंक शेयरों पर दबाव के चलते बैंक निफ्टी 2.81 फीसदी की कमजोरी के साथ 19,700 के स्तर करे नीचे नजर आ रहा है। बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स करीब 450  अंक की कमजोरी के साथ 31,410 के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी करीब 125 अंक की कमजोरी के साथ 9,190 के आसपास कारोबार कर रहा है।

मुंबई। भारतीय ‎रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को ओवरड्राफ्ट खाते रखने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने की अनुमति दी। यह सुविधा उन ओवरड्राफ्ट खातों के लिए है जो व्यक्तिगत ऋण की तरह हैं और उस पर किसी विशिष्ट अंतिम उपयोग को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। रिजर्व बैंक ने कहा कि केंद्रीय बैंक के जुलाई 2015 के दिशानिर्देश के अनुसार बैंकों को बचत बैंक या चालू खाते वाले ग्राहकों को डेबिट कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है लेकिन यह सुविधा नकदी क्रेडिट, ऋण खाता धारकों को नहीं दी गई। लेकिन अब बैंकों को उन ओवरड्राफ्ट खाते रखने वाले लोगों को इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने की अनुमति दी गई है जिसकी प्रकृति व्यक्तिगत ऋण की तरह हैं और उस पर किसी विशिष्ट अंतिम उपयोग को लेकर कोई पाबंदी नहीं है।
केंद्रीय बैंक के परिपत्र के अनुसार अनुसार कार्ड ग्राहक को दी गई सुविधा की वैधता से अधिक की अवधि के लिए नहीं जारी किया जाएगा और ऋणदाता के रूप में बैंकों के सामान्य अधिकारों के अधीन होगा। इसमें कहा गया है कि व्यक्तिगत ऋण की प्रकृति वाले ओवरड्राफ्ट खातों के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड का उपयोग केवल देश में लेनदेन के लिए किया जा सकेगा। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नियंत्रण और जांच प्रक्रिया रखी जाएगी कि ऐसे कार्ड का उपयोग केवल ऑनलाइन सुविधाओं/गैर-नकद लेनदेन तक ही सीमित हो। इसमें कहा गया है कि नकद लेनदेन पर यह प्रतिबंध प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) के साथ प्रदान की गई ओवरड्राफ्ट सुविधा पर लागू नहीं होगा। आरबीआई ने बैंकों से इस उत्पाद को आरंभ करने से पहले उपर्युक्त ओवरड्राफ्ट खातों के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड जारी करने को लेकर निदेशक मंडल द्वारा अनुमोदित नीति बनाएंगे। इसमें उपयुक्त जोखिम प्रबंधन, निश्चित समय पर समीक्षा प्रक्रिया, शिकायत निवारण प्रणाली आदि शामिल होंगे।

नई ‎दिल्ली। फिक्स्ड लाइन सेवा शुरू करने की योजना बना रही दूरसंचार कंपनियों को छह महीने से अधिक नेटवर्क परीक्षण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही उन्हें उपयोगकर्ताओं से परीक्षण अवधि के दौरान कोई शुल्क नहीं लेना चाहिए। दूरसंचार नियामक ट्राई ने सरकार को दी अपनी सिफारिश में यह बात कही। कुछ सेवा प्रदाताओं की तरफ से रिलायंस जियो द्वारा परीक्षण के दौरान मोबाइल सेवाओं के लिए ग्राहकों को पंजीकृत करने को लेकर चिंता जताए जाने तथा दूरसंचार विभाग से इस पर संदर्भ-संदेश आने के पश्चात भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अपनी सिफारिश दी। ट्राई ने सुझाव दिया है कि उपयोगकर्ताओं को लेकर परीक्षण के लिए 90 दिन की सीमा होनी चाहिए। हालांकि अगर दूरसंचार प्रदाता वाजिब कारणों से नेटवर्क परीक्षण करने में विफल रहता है, वह दूरसंचार विभाग के समक्ष अपनी बातें रखकर परीक्षण के लिए अतिरिक्त समय मांग सकता है। ट्राई ने यह भी कहा है कि अगर वायरलइन टेलीफोन नेटवर्क कर्मचारियों और कारोबारी भागीदार को केवल परीक्षण मकसद से दिया जाता है तो फिर कोई समयसीमा नहीं होगी।

नई दिल्ली। एपल यूजर्स के डेटा को बड़ा नुकसान पहुंचा है। हाल में एक बग का पता चला है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह पिछले 8 सालों से यूजर्स के पर्सनल डेटा में सेंधमारी करने के लिए हैकर्स की मदद कर रहा था। इस साइबर अटैक में 50 करोड़ यूजर्स के डेटा की चोरी हुई है। इस हैकिंग में ऐपल ईमेल ऐप का इस्तेमाल हुआ है। जीरो-डे की मदद से हैकर्स को यूजर के आईफोन या आईपैड का पूरा ऐक्सेस बड़ी आसानी से मिल जाता है। आर्सटेक्निका की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह खतरा साल 2012 में रिलीज हुए आईओएस 6 से ही मौजूद है और इस खामी का 2018 से हैकर्स तेजी से गलत फायदा उठा रहे हैं। ऐपल ने इस खामी को स्वीकार किया है। कंपनी के एक प्रवक्ता मे कहा कि यह खतरा आईफोन्स और आईपैड में ईमेल के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ऐपल सॉफ्टवेयर में मौजूद था। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि अब इस गड़बड़ी को ठीक करने के लिए जरूरी अपडेट तैयार कर लिया गया है और आने वाले कुछ दिनों में यह ग्लोबल यूजर्स तक पहुंच जाएगा।

मुम्बई। मुम्बई शेयर बाजार मंगलवार को भारी गिरावट के साथ खुला है। सप्ताह के दूसरे ही कारोबारी दिन बाजार में यह गिरावट वैश्विक बाजारों से मिले नकरात्मक संकेतों और कच्चे तेल की कीमतों के लगातार कम होने के कारण आई है। कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन से भी बाजार प्रभावित हो रहा है।मंगलवार को घरेलू स्टॉक मार्केट नुकसान के साथ ही लाल निशान पर खुले। बॉम्बे स्टॉक का एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 879.68 अंक फिसलकर  साथ 30,768.32 के स्तर पर खुला तो वहीं निफ्टी भी 251.10 अंकों की कमी के साथ ही 9,010.75 पर खुला। वहीं सुबह नौ बजकर 22 मिनट पर निफ्टी में दवा कंपनियों को छोड़ सभी सेक्टर नुकसान के साथ ही लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे।
दस बजे के बाद बाजार में हल्का सुधार देखने को मिल रहा है, हालांकि अभी भी बड़ी गिरावट देखी जा रही है। सेंसेक्स 880.63 अंक फिसल कर अब  30,767.37  के स्तर पर जबकि निफ्टी 243.05  अंकों के नुकसान के साथ 9,018.80 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और कच्चे तेल की कीमतों के नीचे जाने से बैंकिंग, ऊर्जा और आईटी शेयरों में नुकसान देखने को मिल रहा है।
वहीं अगर सेक्टोरियल इंडेक्स की बात करें तो बैंक निफ्टी  3.72, निफ्टी ऑटो 3.93, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 3.66, एफएमसीजी 0.85, आईटी 2.30, मीडिया 4.81 फीसद के नुकसान के साथ कारोबार कर रहे हैं। इसके अलावा बीएसई के दिग्गज शेयरों की बात करें तो इंडसइंड बैंक, वेदांता लिमिटेड, हिंडाल्को, ओएनजीसी, बजाज फाइनेंस, गेल, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक और मारुति के शेयर भारी नुकसान के साथ खुले थे।
इससे पहले कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार को शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया था पर अंत में यह हल्की बढ़त पर बंद हुआ था।

नई दिल्ली। पिछले साल नवंबर में हीरो ने बीएस6 स्प्लेंडर आईस्मार्ट लांच की थी। बाइक को कंपनी ने 64,900 रुपये में लांच किया था।लेकिन अब कंपनी ने बाइक की कीमत 2,200 रुपये बढ़ा दी है, इसके बाद इसकी कीमत 67,100 रुपये हो गई है। हालांकि स्प्लेंडर प्लस और सुपर  स्प्लेंडर की कीमत में इजाफा नहीं किया गया है। स्प्लेंडर आईस्मार्ट भारत की पहली बीएस6 कंप्लायंट बाइक थी। इसके बाद बाकी सभी ब्रैंड्स ने बाजार में बीएस6 इंजन के साथ अपने मॉडल्स बाजार में उतारे। हीरो मोटोकॉर्प ने जून में बाइक के लिए इंटरनैशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नॉलाजी से बीएस6 सर्टिफिकेट हासिल किया था।
इसी के साथ यह बीएस6 सर्टिफिकेट हासिल करने वाली देश की पहली टू-वीलर कंपनी बन गई थी। बीएस6 स्प्लेंडर आईस्मार्ट 110 को जयपुर, राजस्थान स्थित कंपनी के रिचर्स और डिवेलपमेंट हब सीआईटी (सेंटर ऑफ इनोवेशन ऐंड टेक्नॉलजी) में डिजाइन और डिवेपल किया गया है। बता दें कि बीएस6 एमिशन नॉर्म्स अप्रैल 2020 से लागू हो जाएंगे। स्प्लेंडर आईस्मार्ट 110 के मौजूदा मॉडल में 109.15 सीसी, एयर-कूल्ड इंजन है। यह इंजन 7,500 आरपीएम पर 9.4 एचपी का पावर और 5,500 आरपीएम पर 9एनएम टॉर्क जनरेट करता है। इंजन 4-स्पीड गियरबॉक्स से लैस है।

सेंसेक्स 31,660 और निफ्टी 9300 के स्तर पर

मुंबई। वै‎श्विक बाजारों से ‎मिले अच्छे संकेतों की वजह से सप्ताह के पहले कारोबारी ‎‎दिन सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। सेंसेक्स में करीब 335 अंकों की बढ़त देखने को मिल रही है। दिग्गज शेयरों के साथ ही मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी तेजी देखने को मिल रही है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 1.24 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी नजर आ रही है। बीएसई का स्मॉलकैप इंडेक्स 1.36  फीसदी की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है। हालांकि तेल-गैस शेयरों में आज सुस्ती नजर आ रही है। बीएसई का ऑयल एंड गैस इंडेक्स 0.09 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है। आज के कारोबार में बैंकिंग, फाइनेंशियल, आईटी और रियल्टी शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है। वहीं, ऑटो, एफएमसीजी और फार्मा शेयरों में कमजोरी देखने को मिल रही है। बैंक शेयरों में खरीदारी के चलते बैंक निफ्टी 0.71 फीसदी की मजबूती के साथ 20,825 के स्तर पर नजर आ रहा है। बीएसई का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स करीब 72 अंक की मजबूती  के साथ 31,660 के आसपास कारोबार कर रहा है। वहीं एनएसई का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी करीब 25 अंक की मजबूती के साथ 9300 के आसपास कारोबार कर रहा है।

मुंबई। कोरोना संकट के चलते लॉकडाउन में रेलवे सेवा बंद पड़ी है। रेलवे के वादे के बावजूद लॉकडाउन की अवधि के टिकटों की बुकिंग रद्द होने के बाद जारी रिफंड में से कन्वीन्यन्स शुल्क के नाम पर मोटी रकम कटने से यात्रियों ने नाराजगी जताई है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉकडाउन की अवधि को 14 अप्रैल से और 17 दिन बढ़ाने के कारण 15 अप्रैल तथा 3 मई की अवधि के बीच लगभग 39 लाख टिकटों को कैंसल करना पड़ा है। दरअसल, आईआरसीटीसी ने जिन टिकटों को कैंसल किया है, उनमें से नॉ-एसी क्लास के लिए 15 रुपये तथा एसी और फर्स्ट क्लास टिकटों पर कन्वीन्यन्स चार्ज के रूप में 30 रुपये की कटौती की गई है। इसके अलावा, हर कैंसल टिकट पर उसने पेमेंट गेटवे चार्ज भी वसूल किया है। बीते 14 अप्रैल को लॉकडाउन की अवधि बढ़ने के बाद रेलवे ने अपनी तमाम यात्री सेवाओं को तीन मई तक के लिए निलंबित कर दिया है और अगले आदेश तक एडवांस बुकिंग भी रोक दी है। हालांकि, लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में वह 15 अप्रैल से एडवांस बुकिंग कर रही थी।
रत्नागिरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस की 20 अप्रैल की दो एसी की टिकटें बुक करने वाले डोंबिवली निवासी महेश द्विवेदी कहते हैं, 'जब रेलवे ने खुद टिकटें कैंसल की हैं, फिर वह प्रॉसेसिंग फी क्यों चार्ज कर रही है? उन्होंने कहा, 'लॉकडाउन को आगे बढ़ाए जाने के बाद मुझे मेसेज मिला कि मेरी टिकटें कैंसल कर दी गई हैं और इसका रिफंड जल्द ही मेरे अकाउंट में मिल जाएगा। लेकिन जब रिफंड की रकम आई तो वह लगभग 50 रुपये कम थी। जब मैंने इस बारे में और लोगों से पूछा तो पता चला कि फुल रिफंड करने के वादे के बावजूद लोगों को आईआरसीटीसी की वेबसाइट से बुक किए गए टिकटों का पूरा रिफंड नहीं मिला है।' नाम जाहिर न करने की शर्त पर आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने बताया, 'जब कोई ट्रेन कैंसल होती है तो यात्रियों को पूरा रिफंड दिया जाता है और कन्वीन्यन्स फी के नाम पर बेहद मामूली रकम काटी जाती है। इस रकम का इस्तेमाल वेबसाइट के मेंटनेंस में होता है, जिस पर रोजाना 32 लाख रुपये और सालाना लगभग 125 करोड़ रुपये का खर्च आता है। 
आईआरसीटीसी के एक प्रवक्ता ने इस शुल्क को न्यायोचित ठहराते हुए कहा, 'आईआरसीटीसी लोगों को कहीं से भी टिकटें बुक करने की सुविधा प्रदान करता है। इसके लिए आईआरसीटीसी बेहद मामूली रकम चार्ज करती है, जो नॉन एसी टिकट के लिए 15 रुपये और एसी तथा फर्स्ट क्लास टिकट के लिए 30 रुपये है। एक सिंगल टिकट पर छह यात्री तक यात्रा कर सकते हैं और शुल्क का निर्धारण टिकट से होता है न कि पैसेंजर्स की संख्या से।'

चेन्नई । कार निर्माता कंपनी हुंदै मोटर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का योगदान किया है। कंपनी के अनुसार उसकी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व इकाई हुंदै मोटर इंडिया फाउंडेशन ने यह राशि दी है। कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई कंपनियां केंद्र और राज्य के राहत कोष में दान देने के लिए आगे आयी हैं। इस मामले में कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस. किम ने कहा, ‘‘ इस चुनौतीपूर्ण समय में हम लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के साथ खड़े हैं। यह योगदान हमारी राज्य के लोगों के प्रति सद्भावना व्यक्त करने के लिए है। हुंदै के लिए दो दशक से भी अधिक समय से तमिलनाडू ही उसका घर बना हुआ है।’’ हुंदै के अनुसार कंपनी के अधिकारियों ने पांच करोड़ रुपये की राशि का चेक राज्य के उद्योग विभाग के प्रधान सचिव एन. मुरुगानंदम को प्रदान किया है। हुंदै ने राहत कोषों में दान देने के अलावा कोरोना वायरस अभियान से निपटने के लिए कई और उपाय किये हैं। इसके तहत दक्षिण कोरिया से जांच किट, वेंटिलेटर बनाने में सहायता , निजी सुरक्षा उपकरण, मास्क और अन्य चिकित्सा उपकरणों का आयात और वितरण भी शामिल है।

नई दिल्ली। साल 2019 में यूएस बैन के बावजूद हुवावे कंपनी ने 24 करोड़ से ज्यादा फोन को शिप किया। साल 2018 के मुकाबले यह 16 फ़ीसदी ज़्यादा है। यह जानकारी चीन की स्मार्टफोन मेकर कंपनी हुवावे ने दी है। कंपनी हुवावे के कंज्यूमर बिजनेस सीईओ यू चेंगडॉन्ग ने हुवावे पी40 सीरीज के लॉन्च के बाद यह जानकारी दी। उन्होंने 2019 में कंपनी के प्रॉफिट और बिजनस से जुड़े कई खुलासे किए। उन्होंने बताया कि हुवावे के कंज्यूमर बिजनस ने कुल 467 बिलियन युआन (करीब 4।93 लाख करोड़ रुपये) की कमाई की। यू चेंगडॉन्ग ने बताया कि अगर चीन-यूएस का ट्रेड वॉर शुरू ना हुआ होता तो हुवावे शिपिंग के मामले में सैमसंग को पछाड़कर दुनिया की नंबर वन मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरर बन जाती। प्रतिबंद के बाद भी हुवावे रिकॉर्ड शिपिंग करके सैमसंग के बाद दुनिया की नंबर दो फोन मैन्युफैक्चरर बन गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि फोल्डेबल स्मार्टफोन की वजह से कंपनी को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। यू ने बताया कि हुवावे मेट एक्सएस की लॉन्चिंग के बाद कंपनी को करीब 60 से 70 मिलियन डॉलर (करीब 4.5 अरब से 5.3 अरब रुपये) का नुकसान उठाना पड़ा है। अगर मुड़ने वाले डिस्प्ले की कीमत कम होती है, तब कंपनी को कुछ प्रॉफिट हो सकता है।बता दें कि पिछले साल चीन-यूएस ट्रेड वॉर के चलते अमेरिकी कंपनी गूगल ने हुवावे को बैन करते हुए गूगल सर्विसेज का सपॉर्ट खत्म कर दिया था। यही वजह है कि हुवावे अब अपने नए स्मार्टफोन में खुद का प्ले स्टोर ले आई है। कंपनी ने इसकी शुरुआत हुवावे पी40 सीरीज के साथ की है।

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