ईश्वर दुबे
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Bhilai
News Creation : पेट्रोल के दाम में गिरावट का सिलसिला रविवार को लगातार चौथे दिन जारी रहा. तेल विपणन कंपनियों ने दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम में 10 पैसे जबकि कोलकाता में छह पैसे प्रति लीटर की कटौती की है.Read
शेयर बाजार में कई ऐसे शेयर हैं जो आपको मालामाल बना देते हैं. ऐसे रिलैक्सो फुटवेयर के शेयर ने अपने निवेशकों को करोड़ों में फायदा पहुंचा दिया है. रिलैक्सो फुटवेयर के शेयरों ने पिछले दस साल के दौरान निवेशकों को भारी भरकम रिटर्न दिया है. फुटवेयर फर्म ने तकरीबन 16,700 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की है.Read
News Creation : एक ओर मोदी सरकार जोर-शोर से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में जुटी है, तो दूसरी ओर एक के बाद एक ऑटो कंपनियां भी बाजार में इलेक्ट्रिक व्हीकल उतार रही हैं.Read
दिल्ली : टाइल्स, बाथरूम फिटिंग जैसे सामान बनाने वाली कंपनी सोमानी सेरामिक्स लिमिटेड ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है।Read
मुंबई : सोने की कीमतों में सोमवार को गिरावट देखने को मिली. मुनाफावसूली और कमजोर वैश्विक रुख से दिल्ली सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 100 रुपये टूटकर 35,470 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. औद्योगिक इकाइयों तथा सिक्का विनिर्माताओं द्वारा खरीदारी घटने से चांदी भी 25 रुपये घटकर 39,175 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई. इस बीच, वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोना 1,415.80 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर था. वहीं चांदी बढ़त के साथ 15.41 डॉलर प्रति औंस पर थी. आगे पढ़े...
बिज़नेस : आनें वाले कुछ साल भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक बड़ा मार्के टी बनने वाला है, जी हाँ, दरअसल केंद्र सरकार इन प्रोजेक्ट्स में खासी रुझान दिखा रही है. मतलब अब भारत की सड़कों पर बहुत जल्दी इलेक्ट्रिक कारें ही दौड़ती हुई नज़र आनें वालीं हैं. इसी बिच भारत सरकार के आम बजट में भी इलेक्ट्रिक करों को ले कर कुछ बड़े ऐलान भी किये गये हैं. सरकार की इसी रुझान को देखते हुए कार निर्माता कम्पनियां भी अब अपना ध्यान इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण में लगा रहीं है.
वहीँ सरकार नें भी ऐसी कंपनियां जो इलेक्ट्रिक कारो का निर्माण कर रहीं हैं उन्हें सरकार की तरफ से हर संभव मदद देनें का भी विश्वास दिला रहीं है.
MG eZS
MG HACTOR को भारत में पिछले 4 जून से काफी अच्छा फीड बेक मिल रहा है. इस नयी SUV की बुकिंग 4 जून को शुरू हुई थी, 45 kWh बैटरी वाली ये कार भारतीय बाज़ार में दिसम्बर में लांच की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक इसकी किमर लगभग 25 लाख रूपए हो सकती है. और चार्ज पूरी करनें के बाद ये 300 किलोमीटर तक चलाई जा सकती है.
TATA Altroz EV
इलेक्ट्रिक कारों के इस लाइन में टाटा भी अपनी कार अल्ट्रोस ले कर आ रहा है. टाटा कम्पनी इसे अगले साल तक लांच करेगी. इसकी कीमत लगभग 10 लाख होगी. और पूरी चार्ज करनें के बाद ये कार 300 किलोमीटर तक चलेगी.
Mahindra eKUV100
भारत में हमेशा से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देनें वाली कम्पनी महिंद्रा भी अपनी कार eKUV100 लेकर आ रही है. इसकी कीमत लगभग 10 लाख रूपए हो सकती है, और ये चार्ज होनें के बाद 120 किलोमीटर तक चल सकती है. इस कार में 40 k.w. का एक मोटर और 15.9 k.w. की बैटरी लगी होगी. ये कार इस साल के अंत तक लांच हो सकती है.
Hyundai Kona :
इसी कड़ी में कार निर्माता कम्पनी Hyundai नें भारतीय बाज़ारों के लिए अपनी Hyundai kona नाम की इलेक्ट्रिक कार लंच कर दी है, जिसकी अभी कीमत लगभग 25 लाख 30 हज़ार राखी गयी है, कम्पनी में दावा किया है कि इस कार को एक बार पूरी तरह से चार्ज करके 452 किलोमीटर तक चलाया जा सकता है. और ये SUV 9.7 सेकंड्स में ही 0 से लेकर 100 किलोमीटर की रफ़्तार पकड़ लेगी. इसके अलावा Hyundai और भी 5 इलेक्ट्रिक कारें बहुत जल्द भारतीय भाजारों में लांच करनें वाली है.
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आपके लिए-
मुंबई सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बरकरार है. मंगलवार को सेंसेक्स की शुरुआत करीब 200 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ हुई तो वहीं निफ्टी में भी 75 अंकों से ज्यादा की फिसलन दर्ज की गई. कारोबार के कुछ मिनटों में सेंसेक्स 38,500 के नीचे आ गया तो वहीं निफ्टी 11 हजार 490 के स्तर पर पहुंच गया. शुरुआती कारोबार में बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी, कोटक बैंक, टीसीएस और एशियन पेंट के शेयर 1 फीसदी से अधिक लुढ़क गए. हालांकि यस बैंक, सनफार्मा, ओएनजीसी, हीरो मोटोकॉर्प और वेदांता के शेयर में तेजी रही.
सोमवार को साल की सबस बड़ी गिरावट
इससे पहले सोमवार को शेयर बाजार में साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स 792.82 अंकों यानी 2.01 फीसदी गिरावट के साथ 38 हजार 720 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी भी 252.55 अंकों यानी 2.14 फीसदी गिरावट के साथ 11 हजार 558 अंक पर आ गया. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 900 अंकों से ज्यादा लुढ़का और निफ्टी में भी 288 अंकों की गिरावट आई. आम बजट पेश होने के बाद दो दिन में सेंसेक्स करीब 1200 अंक लुढ़क गया. इस दौरान निवेशकों को 5 लाख करोड़ से अधिक की चपत लगने का अनुमान है. क्या है गिरावट की वजह मोदी सरकार के आम बजट में उम्मीद के मुताबिक ऐलान नहीं होने की वजह से शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट आई है. बाजार के जानकार बताते हैं कि सरकार द्वारा शेयर बायबैक पर टैक्स लगाने और लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग बढ़ाने की घोषणा से घरेलू निवेशकों में निराशा का माहौल बना है. दरअसल, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट लोकसभा में पेश करते हुए लिस्टेड कंपनियों में न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव पेश किया. इसके अलावा, बायबैक पर 20 फीसदी टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव किया गया है. इसके अलावा अमेरिका में पिछले सप्ताह जॉब डेटा मजबूत आने से अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की संभावना कम होने से एशियाई बाजारों में नकरात्मक रुझान रहा.
जेट एयरवेज के बाद अब एयर इंडिया भी मुश्किल दौर से गुजर रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकती है। बता दें कि अक्टूबर के बाद से एयर इंडिया के पास अपने कर्मचारियों को वेतन देने के भी पैसे नहीं होंगे।
एयर इंडिया से बाहर निकल सकती है सरकार
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, सरकार एयर इंडिया से बाहर निकल सकती है। निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन (दीपम) के सचिव अतानु चक्रवर्ती ने बताया कि अभी इसपर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उनका मानना है कि, 'सरकार को निवेशक द्वारा कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने से कोई आपत्ति नहीं होगी।'
पहले भी एयर इंडिया को बेचना चाहती थी सरकार
बीते वर्ष भी सरकार एयर इंडिया को बेचना चाहती थी। लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में अस्थिरता के कारण सरकार ने इसे रोक दिया था। अब सरकार इसे बेचने के लिए एक बार फिर सक्रिय हुई है।
नीति आयोग ने दिया था प्रस्ताव
कंपनी की पूरी हिस्सेदारी बेचने का प्रस्ताव नीति आयोग ने दिया था, लेकिन सरकार ने एक रणनीतिक निवेशक को 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी, जो इसके न बिकने का बड़ा कारण बताया गया था।
कंपनी के पास वेतन देने का भी पैसा नहीं
बता दें कि सरकार ने एयर इंडिया को सात हजार करोड़ रुपये की सॉवरन गारंटी दी थी, जिसमें से कंपनी के पास अब सिर्फ 2,500 करोड़ रुपये ही बचे हैं। इस राशि का इस्तेमाल वह जल्द कर लेगी।
इस काम के लिए होगा 2,500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल
मामले से जुड़े एक अधिकारी का कहना था कि ये 2,500 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कंपनी तेल कंपनियों और हवाईअड्डों के संचालकों सहित विक्रेताओं का बकाया चुकाने और कुछ महीनों के लिए वेतन का भुगतान करने के लिए करेगी।
प्रति माह वेतन पर खर्च होते हैं 300 करोड़ रुपये
बता दें कि एयर इंडिया को एक महीने में 300 करोड़ रुपये कर्मचारियों को वेतन के रूप में देने होते हैं। इतना ही नहीं, मई माह में भी एयर इंडिया के कर्मचारियों को वेतन 10 दिनों की देरी से मिला था।
कंपनी को करना है 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान
दरअसल इस वित्त वर्ष एयर इंडिया 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करने पर काम कर रही है। इसके लिए कंपनी ने सरकार से मदद मांगी है। हालांकि उसके स्वीकार होने की संभावना कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार इस कंपनी में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है।
अगले वित्त वर्ष तक कंपनी टाल सकती है आधे कर्ज का भुगतान
इस मामले पर एक अधिकारी का कहना है कि, 'कंपनी को जो कर्ज चुकाना था, उसमें से आधे का भुगतान वह अगले वित्त वर्ष के लिए टालने की कोशिश कर रही है।'
नयी दिल्ली। कर विभाग ने 50 लाख रुपये तक का कारोबार करने वाले सेवाप्रदाताओं के लिए कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने की तारीख तीन महीने बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी है। कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले सेवाप्रदाताओं को छह प्रतिशत का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देना होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने एक अप्रैल, 2019 से ऐसे सेवाप्रदाताओं को कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने और घटी छह प्रतिशत की दर से कर का भुगतान करने की अनुमति दी थी। जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। जीएसटी के तहत ज्यादातर सेवाओं पर 12 और 18 प्रतिशत का कर लगता है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सर्कुलर में कहा कि ऐसे आपूर्तिकर्ता जो कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनना चाहते हैं उन्हें फॉर्म जीएसटी सीएमपी-02 भरना होगा।इसके लिए उन्हें कम्पोजिशन शुल्क के लिये पात्र अन्य आपूर्तिकर्ता का चयन करना होगा। उन्हें यह फॉर्म 31 जुलाई, 2019 तक भरना होगा।
इससे पहले सीबीआईसी ने कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने के लिए अंतिम तारीख 30 अप्रैल,2019 तय की थी। जीएसटी कम्पोजिशन योजना अब तक उन व्यापारियों और विनिर्माताओं को उपलब्ध थी जिनका सालाना कारोबार एक करोड़ रुपये तक है। इस सीमा को एक अप्रैल से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया गया है। योजना के तहत व्यापारियों और विनिर्माताओं को वस्तुओं पर सिर्फ एक प्रतिशत जीएसटी देना होता है। वैसे इन वस्तुओं पर ऊंचा 5, 12 या 18 प्रतिशत का जीएसटी लगता है। ऐसे डीलरों को अपने उपभोक्ताओं से जीएसटी लेने की अनुमति नहीं है। जीएसटी के तहत पंजीकृत 1.22 करोड़ कंपनियों और कारोबारियों में से 17.5 लाख ने जीएसटी कम्पोजिशन योजना के विकल्प को चुना है।
अटल पेंशन योजना हेतु निवेश के इच्छुक लोगों को छह भागों में बांटा गया है, जिसे दिए हुए चार्ट (1) के माध्यम से समझा जा सकता है। इस योजना का फायदा उठाने के लिए आपकी उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।
नयी दिल्ली। रोजमर्रा के उपायोग का सामान बनाने वाली कंपनी इमामी ने सोमवार को कहा कि उसके प्रवर्तकों ने कर्ज में कमी लाने के इरादे से कंपनी की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,230 करोड़ रुपये में बेची है। इससे पहले फरवरी में प्रवर्तकों ने कंपनी में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,600 करोड़ रुपये में बेची थी। कंपनी के शेयरों की हाल की बिक्री के साथ ही प्रवर्तकों की इमामी में हिस्सेदारी घटकर 52.73 प्रतिशत पर आ गयी है।प्रवर्तकों ने 4.54 करोड़ शेयरों की बिक्री की है। कंपनी के अनुसार इस राशि का उपयोग प्रवर्तकों के कर्ज को कम करने में किया जाएगा। इमामी ने एक बयान में कहा कि हिस्सेदारी बिक्री शेयर बाजारों में संस्थागत निवेशकों को की गयी। इस बिक्री से पहले प्रवर्तक समूह की इमामी में हिस्सेदारी 62.74 प्रतिशत थी।
मुंबई। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों को यथावत रखने के फैसले के बाद बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में रुपये में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अमेरिका की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी ने महत्वपूर्ण दरों को 2.25 से 2.5 प्रतिशत के दायरे में रखा है।