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चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राई हलके में कांग्रेस को दूसरा बड़ा झटका लगा है। पूर्व विधायक जयतीर्थ दहिया के बाद जसपाल आंतिल ने भी कांग्रेस छोड़ दी है। वह टिकट न मिलने से नाराज थे। जसपाल आंतिल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस के लिए अपनी जमीन तक बेच दी और 2009 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके अलावा वे सोनीपत लोकसभा के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।

उन्होंने कहा कि वे पिछले 16 सालों से कांग्रेस में पूरी मेहनत से सेवा कर रहे थे। उन्होंने अपने कार्यालय से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तस्वीर भी हटा दी है, जिससे उनकी नाराजगी बिल्कुल साफ नजर आ रही है। यह घटना कांग्रेस के लिए चुनावी माहौल में मुश्किलें पैदा कर सकती है।

चंडीगढ़ । हरियाणा में चुनाव मतदान की तारीख करीब आने के साथ प्रचार तेज हो रहा है। अपनी सत्ता बचाने भाजपा पूरी ताकत लगा रही है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भाजपा के लिए सोमवार को टोहाना में चुनाव प्रचार किया। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि कांग्रेस दलित विरोधी है। उन्होंने कहा कि भाजपा कैसे शासन करती है, उसका सबसे अच्छा उदाहरण हरियाणा है। हरियाणा में पहले दो दलों की सरकारें आती और जाती थी। एक दल भ्रष्टाचार बढ़ता था और दूसरा आता था तब हरियाणा में गुंडागर्दी बढ़ती थी। दोनों में परिवरवाद और जातिवाद चरम सीमा पर था। पहली बार भाजपा ने पूरे हरियाणा की सरकार बनाई है।

शाह ने कहा कि भाजपा की सरकार आने से पहले यहां खर्ची-पर्ची के बिना नौकरी नहीं मिलती थी। लेकिन भाजपा ने हजारों युवाओं को बिना खर्ची-पर्ची के पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, दलित विरोधी पार्टी है। कांग्रेस के समय में यहां 2005 में गोहाना कांड हुआ, 2010 में मिर्चपुर कांड हुआ। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा दलित नेताओं का अपमान करती आई हैं, चाहे अशोक तंवर हो या बहन कुमारी शैलजा हो, इन सबका अपमान कांग्रेस ने किया है।

भाजपा नेता ने कहा कि जब तक कांग्रेस की सरकार नहीं गई, तब तक बाबा साहेब अंबेडकर को भारत रत्न नहीं मिला। जबकि भाजपा ने अंबेडकर जी की याद में पंचतीर्थ बनाए और संविधान दिवस मनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अभी-अभी राहुल गांधी अमेरिका में कह रहे थे कि विकास हो जाने के बाद आरक्षण की जरूरत नहीं है, विकास होने के बाद हम आरक्षण हटा देने वाले है। मैं आपसे कहना चाहता हूं कि एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण की रक्षा केवल नरेन्द्र मोदी जी कर सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि राहुल गांधी कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिलकर कहते हैं कि हम धारा 370 को वापस लाएंगे, सारे आतंवादियों को छोड़ दिया जाएगा। मैं कांग्रेस नेता से कहना चाहता हूं कि राहुल बाबा आप क्या, आपकी तीसरी पीढ़ी भी आ जाए, धारा 370 वापस नहीं आएगी। ये अब इतिहास बन चुकी है। उन्होंने कहा कि आपके नाना के समय धारा 370 ने कश्मीर पर सवालिया निशान लगाया था। मोदी जी ने वहां सवालिया निशान हटाने का काम किया है, अब वहां वापस नहीं आ सकता है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों के समय इन्होंने दिल्ली के दामाद को खुश करने के लिए हरियाणा के किसानों की भूमि कौड़ियों के भाव देकर बड़े-बड़े भ्रष्टाचार किए। तब हुड्डा साहब की सरकार में डीलरों और दामाद का दबदबा था। इस  डीलर और दामाद वाली सरकार को समाप्त करने का काम अब भाजपा की सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि 10 साल तक हमारी सरकार ने यहां हर गांव का विकास किया है। अगले 5 साल के लिए फिर आशीर्वाद दीजिए, ऊपर मोदी जी आ गए हैं, नीचे भी भाजपा की सरकार बना दीजिए। ये डबल इंजन सरकार हरियाणा को देश का नंबर 1 राज्य बनाएगी।

बीजेपी की हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद कंगना रनौत ने एक बार फिर राज्य की सुक्खू सरकार पर हमला किया है। बता दें कि, कंगना रनौत ने सुक्खू सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, सीएम सुक्खू कर्ज लेते हैं और उस कर्ज वो कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को देते हैं। उन्होंने दावा किया हैं कि, इससे राज्य की वित्तीय स्थिति ख़राब हो गई है। 

 

सांसद कंगना रनौत शिमला के एक गांव में बीजेपी सदस्यता अभियान की शुरुआत करने पहुंची थी। इसी दौरान रनौत ने जनता को संबोधित करते समय कांग्रेस पर निशाना साधा। एक्टिंग से राजनीति में आईं कंगना ने कहा, हर कोई जानता है कि, भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, और कांग्रेस शासित राज्य सरकारों ने अपने राज्यों को खोखला कर दिया है।

 

सीएम सुक्खू पर किया हमला

सांसद ने कहा, प्राकृतिक आपदा और कांग्रेस सरकार ने राज्य को सालों पीछे कर दिया है। साथ ही उन्होंने लोगों से ऐसी सरकार को हटाने के लिए कहा। कंगना ने सुक्खू सरकार पर आपदा फंड को लेकर आरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा कि, अगर हम आपदा फंड (Disaster fund) देते हैं तो, यह सीएम राहत कोष में जाना चाहिए, लेकिन हर कोई जानता है कि, यह सोनिया राहत कोष में जाता है।

 

कंगना का लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर भी हमला

रनौत ने हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह पर भी हमला करते हुए कहा, लोग “सड़कों पर गड्ढों से परेशान हो चुके हैं” इसके बावजूद इस मुद्दे को हल करने के लिए बहुत कम काम किया जा रहा है। कंगना ने अपने निर्वाचन क्षेत्र मंडी को बेहतर बनाने का संकल्प लिया और लोगों से बड़ी संख्या में बीजेपी का हिस्सा बनने का आग्रह किया।

 

सासंद ने राज्य में सैलरी - पेंशन में देरी, मुफ्त बिजली और पानी न मिलने सहित राज्य के वित्तीय संघर्षों की ओर भी इशारा किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि, प्राइमरी स्कूलों में खेल सुविधाओं में कटौती की जा रही है। जिसे उन्होंने हिमाचल के बच्चों के भविष्य के खिलाफ एक “साजिश” बताया। जिसके साथ ही उन्होंने मंडी में एक खेल परिसर विकसित करने का वादा किया हैं।

 

हिमाचल प्रदेश में वित्तीय संकट

वहीं हिमाचल प्रदेश इस समय वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। बढ़ते राजस्व खर्च के चलते राज्य में संकट है, जहां बीजेपी ने इस मौजूदा संकट के लिए सीएम सुक्खू को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, दूसरी तरफ सीएम सुक्खू ने इन हालातों के लिए पिछली बीजेपी की राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि, अगर इन हालातों के लिए कोई जिम्मेदार है तो, वो पिछली बीजेपी की सरकार है। उन्हें 15वें वित्त आयोग के अनुसार, राजस्व घाटा अनुदान (Revenue Deficit Grant) से लगभग ₹10,000 करोड़ मिले थे और तब से यह ग्रांट कम होता जा रहा है।

 

बंगलूरू ।  कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर राज्य सरकारों के खिलाफ बदले की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने विपक्ष की उस मांग को भी ठुकरा दिया कि उन्हें हाईकोर्ट के फैसले के बाद पद से इस्तीफा देना चाहिए। राज्यपाल द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया। यह मामला मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) के जमीन आवंटन से जुड़ा है। सिद्धारमैया ने विपक्ष पर अपने और अपनी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इन साजिशों का राजनीतिक रूप से सामना करेंगे। उन्होंने कहा कि वे आगे की कानूनी लड़ाई के बारे में फैसला लेंगे। लेकिन इसके लिए वे कानूनी विशेषज्ञों और पार्टी के नेताओं की सलाह लेंगे। उन्होंने आगे कहा, मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। 

 

'क्या एच.डी. कुमारस्वामी ने भी इस्तीफा दिया?'

 

इससे पहले, हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मुकदमा चलाने की राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी थी। उन्होंने कोर्ट के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि हाईकोर्ट का आदेश केवल जांच के लिए मंजूरी को लेकर है। यह कोई दंडात्मक आदेश नहीं है। सिद्धारमैया ने विपक्ष के नेताओं से सवाल किया, मुझे इस्तीफा क्यों देना चाहिए? क्या (एच.डी.) कुमारस्वामी ने इस्तीफा दिया है? वे जमानत पर हैं, उनसे भी पूछें। जांच के चरण में ही इस्तीफा क्यों मांगा जा रहा है? मैं इसका जवाब दूंगा। हम राजनीतिक रूप से उनका सामना करेंगे, क्योंकि यह एक साजिश है। 

 

विपक्ष ने लगाया राजभवन का दुरुपयोग करने का आरोप

 

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह कानूनी विशेषज्ञों, मंत्रियों और पार्टी के राज्य अध्यक्ष से मिलकर अगले कदम पर फैसला लेंगे। मुख्यमंत्री ने भाजपा और जद (एस) पर साजिश और राजभवन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जनता उनके साथ है, इसलिए उन्हें कोई डर नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा, सभी मंत्री, उप मुख्यमंत्री, विधायक, पार्टी नेता और कार्यकर्ता मेरे साथ हैं। हाई कमान मेरी कानूनी लड़ाई में सहयोग करेगा। 

 

'बदले की राजनीति कर रही नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार'

 

सिद्धारमैया ने आरोप लगाया, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार बदले की राजनीति कर रही है, केवल मेरे खिलाफ बल्कि पूरे देश में विपक्ष की राज्य सरकारों के खिलाफ। उन्होंने दावा किया कि भाजपा और जद (एस) कभी भी कर्नाटक के लोगों के जनादेश पर सत्ता में नहीं आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनकी सरकार को गिराने के लिए पैसों की ताकत का इस्तेमाल किया लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने उनके विधायकों को पैसे देकर खरीदने की कोशिश भी की, लेकिन वे सफल न हो सके। भाजपा गरीबों और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। 

नई दिल्ली । बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर  सवाल उठाए गए हैं, जिसमें उन्होंने झारखंड सरकार पर बांग्लादेशी घुसपैठ बढ़ाने के आरोप लगाए थे।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ढाका में भारतीय उप उच्चायुक्त को एक नोट थमाया है। रिपोर्ट के अनुसार, नोट के जरिए बांग्लादेश ने गंभीर आपत्ति, दुख और खासी नाराजगी जाहिर की है। खबर है कि ढाका ने भारत सरकार से कहा है कि अपने नेताओं को बांग्लादेशियों के खिलाफ आपत्तिजनक और अस्वीकार्य बयान देने से बचने की सलाह दे।

रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि जिम्मेदार नेताओं की तरफ से पड़ोसी देश के नागरिकों के खिलाफ की जा रहीं टिप्पणियां साझा सम्मान और दो देशों के बीच समझ के भाव को कमजोर करती हैं।

शाह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के लिए अवैध घुसपैठ को बढ़ावा देने के आरोप लगाए थे। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो ये अप्रवासी 25-30 साल में राज्य में बहुसंख्यक हो जाएंगे। उन्होंने शुक्रवार को कहा था, राज्य में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है। वे हमारी बेटियों से शादी कर रहे हैं, जमीन हड़प रहे हैं और समृद्ध आदिवासी संस्कृति और विरासत को तबाह कर रहे हैं। हम हर एक को बाहर कर देंगे।।।।

शाह ने दावा किया था कि संथल परगना में आदिवासी आबादी घुसपैठ की वजह से 44 फीसदी से घटकर 28 प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने साहिबगंज में हुए 1 हजार करोड़ रुपये के घोटाले, सेना जमीन घोटाले और पेपर लीक घोटाले समेत कई स्कैम का जिक्र किया। उन्होंने कहा था, भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने वालों को भाजपा सरकार उल्टा लटका देगी।

कोलकाता ।   दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के बैरेज से पानी छोड़े जाने के कारण पश्चिम बंगाल में बाढ़ आ गई। हालात को देखते हुए बंगाल सरकार ने बंगाल-झारखंड सीमा पर बैरिकेडिंग कर मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर तीन दिनों के लिए रोक लगा दी है। हालांकि, अंतरराज्यीय व्यापार के लिए सीमा को एक बार फिर से खोल दिया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को सीमा बंद कर दी थी। 

 

अंतरराज्यीय सीमा खोल दी गई

 

झारखंड सरकार के एक अधिकारी ने कहा, "अंतरराज्यीय सीमा को खोल दी गई है और राष्ट्रीय राजमार्ग 2 और 6 पर फंसे ट्रकों को पश्चिम बंगाल के लिए रवाना कर दिया गया है।" ट्रक ऑपरेटरों ने बताया कि सीमा खोल दी गई है, लेकिन सीमा पर फंसे ट्रकों की कतार को हटाने में समय लगेगा। बंगाल सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा, "मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एचएमओ इंडिया, एनएचएआईएमओआरटीएच और झारखंड के लोगों के दबाव के आगे झुक गईं। इन लोगों ने झारखंड से पश्चिम बंगाल जाने वाले वाहनों को रोकने के लिए आंदोलन शुरू कर दिया था।" 

 

भाजपा नेता ने आगे कहा, "जिन वाहनों को पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से रोका गया था, उन्हें अब अंदर जाने की अनुमति दे दी गई है। मैंने इस मुद्दे को उजागर किया, जिसके बाद चीजें तेजी से होने लगीं। इस मामले में आगे आने और बाधा को दूर करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए मैं लोगों का धन्यवाद करता हूं।" उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि ममता बनर्जी को एक कदम आगे बढ़कर चार कदम पीछे जाने की आदत हो गई है। इसकी शुरुआत आरजी कर घटना से हुई। एक प्रशासक और टीएमसी सुप्रीमो के तौर पर उनके द्वारा उठाया गया हर कदम उल्टा पड़ गया है। 

 

ममता बनर्जी ने डीवीसी को ठहराया था जिम्मेदार

 

इससे पहले ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि उनके राज्य में बाढ़ की स्थिति डीवीसी द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण है। इसके बाद ही राज्य सरकार ने सीमा पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी थी। बंगाल सरकार के इस फैसले पर झारखंड सरकार ने भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी के इस फैसले से उन्हें भारी नुकसान हो सकता है। अगर झारखंड ने सीमा बंद कर दिया तो पश्चिम बंगाल का पश्चिमी, उत्तरी और दक्षित्री क्षेत्रों से संबंध टूट जाएगा। मैंने मैं दीदी से संवेदनशीन रहने की अपील करता हूं, क्योंकि बंगाल में बाढ़ के लिए मालवाहक वाहन जिम्मेदार नहीं है।" डीवीसी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि पानी छोड़ने का निर्णय पश्चिम बंगाल और झारखंड के जल संसाधन विभाग और डीवीसी की तकनीकी विशेषज्ञ समिति द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था।

 

जम्मू ।  जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव को धार देने के लिए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मेंढर पहुंचे। यहां जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 90 के दशक में जम्मू कश्मीर में कितनी गोलीबारी होती थी, याद है न आपको... अब गोलीबारी होती है क्या? पहले यहां गोलीबारी इसलिए होती थी, क्योंकि पहले यहां के आका पाकिस्तान से डरते थे, अब पाकिस्तान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से डरता है। इनकी हिम्मत नहीं है गोलीबारी करने की और अगर इन्होंने गोलीबारी की तो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। उन्होंने विपक्ष दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि इन लोगों ने (कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस) कहा है कि हम आरक्षण समाप्त करेंगे, जबकि हम (भाजपा) कह रहे हैं कि हम प्रमोशन में भी गुर्जर बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण देंगे। पीएम मोदी के आने बाद ओबीसी, पिछड़ों, गुर्जर बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण मिला। जब मैंने बिल पेश किया, तो फारूक अब्दुल्ला की पार्टी ने विरोध किया और यहां गुर्जर भाइयों को भड़काना शुरू किया। जब मैं राजौरी आया था, तब मैंने वादा किया था कि हम गुर्जर भाइयों के आरक्षण को कम नहीं करेंगे और पहाड़ियों को भी आरक्षण देंगे... और हमने आपना वो वादा निभाया।

 

अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवार पर हमला बोला

 

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवार ने 90 के दशक से लेकर अब तक दशहतगर्दी फैलाई। आज पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर से दशहतगर्दी को समाप्त किया है। यहां के युवाओं के हाथ में पत्थर की जगह लैपटॉप दिया है।

 

नई दिल्ली ।   अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी ने राज निवाल में दिल्ली की तीसरी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उनके साथ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। 

 

इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

 

1. मुख्यमंत्री - आतिशी (नया चेहरा)

2. मंत्री - सौरभ भारद्वाज

3. मंत्री - गोपाल राय

4. मंत्री -  कैलाश गहलोत

5. मंत्री -  इमरान हुसैन

6. मंत्री - मुकेश कुमार अहलावत (नया चेहरा)

 

सीएम आतिशी संग इन विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

 

राज निवास में आतिशी ने सबसे पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई है। उसके बाद सौरभ भारद्वाज ने मंत्री पद की शपथ ली है। इसके बाद विधायक गोपाल राय ने मंत्री पद की शपथ ली है। इसके बाद चौथे नंबर पर कैलाश गहलोत ने मंत्री पद की शपथ ली। पांचवें नंबर पर इमरान हुसैन ने मंत्री पद की शपथ ली।

 

शपथ ग्रहण कार्यक्रम में पहुंचे केजरीवाल

 

अरविंद केजरीवाल के साथ आतिशी और अन्य नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार आतिशी और आप नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह से पहले पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ मंत्री पद की शपथ से पहले एक साथ नजर आए। 

 

नई दिल्ली । दिल्ली में आतिशी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद अब मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया है। आतिशी के पास जल, वित्त, पॉवर समेत 13 विभागों की जिम्मेदारी रहेगी। इससे पहले भी वो इन विभागों को संभाल रही थीं। वहीं, कैबिनेट मंत्रियों में से सौरभ भारद्वाज के पास स्वास्थ्य, शहरी विकास और समाज कल्याण सहित आठ विभाग रहेंगे।

गोपाल राय को तीन और कैलाश गहलोत को 5 विभाग दिए गए हैं। इमरान हुसैन को दो और मुकेश अहलावत को 5 विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।

गोपाल राय के पास पर्यावरण समेत तीन विभाग होंगे। कैलाश गहलोत परिवहन, महिला एवं बाल विकास समेत चार विभागों का प्रभार संभालेंगे। इमरान हुसैन खाद्य आपूर्ति और चुनाव विभाग का प्रभार संभालेंगे। मुकेश अहलावत दिल्ली के एससी-एसटी मंत्री बनेंगे, साथ ही श्रम समेत चार और विभाग भी संभालेंगे।

 

नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही एक राष्ट्र, एक चुनाव को लागू करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के मौके पर शाह ने कहा कि हमारी योजना इस सरकार के कार्यकाल के दौरान ही एक राष्ट्र, एक चुनाव की व्यवस्था लागू करने की है।

इस मौके पर शाह के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद थे। दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव की जोरदार वकालत कर कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न होती है। प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था, देश को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए आगे आना होगा। एक राष्ट्र, एक चुनाव बीजेपी द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादों में से एक है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने इस साल मार्च में पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। समिति ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव के 100 दिन के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाने की भी सिफारिश की।

इसके अलावा, विधि आयोग द्वारा सरकार के सभी तीन स्तरों लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों जैसे नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए 2029 से एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की संभावना है। वह त्रिशंकु सदन या अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की स्थिति में एकता सरकार का प्रावधान करने की सिफारिश भी कर सकता है।

 

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