राजनीति

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राजस्थान में अगले महीने एक राज्यसभा सीट के लिए उप चुनाव होना है। इसके लिए भारतीय पार्टी की ओर से कई नेताओं की दावेदारी भी सामने आ रही है। पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ भी दावेदारों में माने जा रहे हैं। इसी बीच अब कुमार विश्वास को लेकर भी कयास लगने शुरू हो गए हैं।बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ दिल्ली दौरे पर कवि कुमार विश्वास से मुलाकात की है। इसके बाद से कुमार विश्वास को लेकर कई प्रकार के कायस लग रहे हैं। कवि कुमार विश्वास के लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं। हालांकि वह ऐसी अटकलों को कई बार खारिज हो चुकी है।

कुमार विश्वास को राज्यसभा भेजने की जोर पकड़ रही हैं अफवाहें
अब बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ से मुलाकात के बाद फिर से इस संबंध में चर्चा शुरू हो चुकी है। अब कुमार विश्वास को भाजपा की ओर से राजस्थान से राज्यसभा भेजने की अफवाहें जोर पकड़ रही हैं। आगामी समय ही बताएगा कि कुमार विश्वास भाजपा में शामिल होते हैं या नहीं।

राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कही ये बात
बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुमार विश्वास से मुलाकात होने की जानकारी दी है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया कि
दिल्ली प्रवास के दौरान आज सुबह कविराज डॉ. कुमार विश्वास जी के आवास पर उनसे शानदार मुलाकात हुई। डॉ. जोगेन्द्र शर्मा के 27 साल पुराने मित्र डॉ. कुमार विश्वास जी ने जिस आत्मीयता के साथ मुलाकात की और जो मान-सम्मान दिया उसके लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।

नई दिल्ली । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के संबोधन को विकसित व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में सरकार के संकल्प का प्रतिबिंब बताया। एक्स प्लेटफॉर्म पर अपनी पोस्ट में गृह मंत्री ने कहा कि “78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का संबोधन विकसित व आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में सरकार के संकल्प का प्रतिबिंब है। रिन्यूएबल एनर्जी से आत्मनिर्भरता, एक भारत - एक चुनाव यूसीसी, मेडिकल शिक्षा का विस्तार, इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग और ‘डिजाइन इन इंडिया’ और एसएचजी से नारी सशक्तीकरण, जैसे विषयों पर प्रकाश डालता मोदी जी का यह उद्बोधन बीते 10 सालों की सफलताओं से प्रेरित होकर देश को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता को दर्शा रहा है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूँ कि इस संबोधन को सुन एक मजबूत भारत के निर्माण का संकल्प लें।”
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का संबोधन न केवल देश के एक उज्ज्वल भविष्य का विस्तृत दृश्य प्रस्तुत करता है, बल्कि भारत में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के अटूट विश्वास की शक्ति भी भरता है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से भारत सुधारों के माध्यम से स्व-परिवर्तन की यात्रा कर रहा है। श्री शाह ने कहा कि सिटीजन-ड्राइवन शासन वाला और दृढ़ता से यह विश्वास रखने वाला एक नया भारत है कि 140 करोड़ नागरिक निश्चित रूप से उस महानता, समृद्धि और प्रगति को प्राप्त कर सकते हैं जिसके वे हकदार हैं।

 

नई दिल्ली । कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्र के नाम के संबोधन में पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का उल्लेख नहीं होना उन्हें इतिहास से मिटाने की कोशिश है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 14 अगस्त, 1947 की आधी रात को पंड़ित नेहरू ने (पुरानी संसद के) सेंट्रल हॉल में अपना नियति के साथ साक्षात्कार वाला भाषण दिया। लेकिन राष्ट्रपति ने अपने भाषण में पंडित नेहरू का जिक्र तक नहीं किया।
उन्होंने कहा, 15 अगस्त, 1947 को आकाशवाणी पर राष्ट्र के नाम उनका संबोधन प्रसारित हुआ, जिसकी शुरुआत उन्होंने खुद को भारतीय लोगों का पहला सेवक बताकर की थी। 15 अगस्त 1947 की सुबह अखबारों में उनका राष्ट्र के नाम संदेश छपा था। तभी 14 मंत्रियों ने शपथ ली थी। ये थे नेहरू और सरदार पटेल के अलावा, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, डॉ. बी आर आंबेडकर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जगजीवन राम, राजकुमारी अमृत कौर, सरदार बलदेव सिंह, सी.एच. भाभा, जॉन मथाई, आरके शनमुखम चेट्टी, एनवी गाडगिल और रफी अहमद किदवई शामिल थे। चार सप्ताह से भी कम समय के बाद, के सी नियोगी और गोपालस्वामी अय्यंगर ने भी शपथ ली। यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि कल रात माननीय राष्ट्रपति के राष्ट्र के नाम संबोधन में हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के कई प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों का उल्लेख था, लेकिन भारत के पहले प्रधानमंत्री के नाम का कोई उल्लेख नहीं किया गया जिन्होंने अंग्रेजों की जेलों में 10 साल बिताए थे। यह स्पष्ट रूप से उन्हें हमारे इतिहास से मिटाने और समाप्त करने के लिए जारी अभियान का हिस्सा है।
दरअसल राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा था कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और हम विश्व की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने को आतुर हैं। देशवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देकर राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बाबासाहब आंबेडकर तथा भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे अनेक महान जननायकों को याद किया था। तिलका मांझी, बिरसा मुंडा, लक्ष्मण नायक और फूलो-झानो जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए मुर्मू ने कहा था कि यह एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन था, जिसमें सभी समुदायों ने भाग लिया।

 

मुंबई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अजंता गुफाओं की नई रेल कनेक्टिविटी परियोजना के बारे में मीडिया को जानकारी दी। यह महत्वाकांक्षी पहल मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से है। मध्य रेलवे के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रस्तावित रेल लाइन, जो जालना से जलगाँव तक 174 किलोमीटर लंबी होगी, 7,106 करोड़ रूपये की लागत से विकसित की जाएगी, जिसमें महाराष्ट्र सरकार और रेल मंत्रालय की समान भागीदारी होगी। इस परियोजना से 60 लाख मानव-दिनों का रोजगार सृजित होने की उम्मीद है और सीओ 2 उत्सर्जन को 54 करोड़ किलोग्राम तक घटाया जाएगा, जो 2.2 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। नई दिल्ली में आयोजित इस प्रेस ब्रीफिंग में वे मुंबई और महाराष्ट्र से भी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे ,श्री वैष्णव ने परियोजना के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। नई रेल लाइन जालना और जलगाँव के बीच यात्रा की दूरी को लगभग 50% घटा देगी, जो कि 336 किलोमीटर से 174 किलोमीटर तक की होगी। इस विकास से मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा। परियोजना में भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग शामिल होगी, जिसकी लंबाई 23.5 किलोमीटर होगी और इसके लिए 935 हेक्टेयर भूमि की अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। रेल लाइन को 4 से 5 वर्षों में पूरा किए जाने की उम्मीद है। श्री वैष्णव ने कहा कि इस रेल लाइन से मराठवाड़ा क्षेत्र और उत्तर महाराष्ट्र को कई लाभ होंगे। यह बंदरगाह कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, सोयाबीन और कपास जैसे कृषि उत्पादों की परिवहन को सुगम बनाएगा, और उर्वरक और सीमेंट जैसे उद्योगों का समर्थन करेगा। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना अजंता गुफाओं के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की पहुंच में सुधार कर पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। अजंता गुफाओं की रेल कनेक्टिविटी परियोजना मराठवाड़ा क्षेत्र और उत्तर महाराष्ट्र में पर्यटन में वृद्धि करने तथा नए व्यापार के अवसर प्रदान करेगी जिससे क्षेत में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा साथ ही निवासियों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी।

जोधपुर । देश के उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि देश में कुछ लोग साजिश के तहत ऐसा नैरेटिव चला रहे हैं कि पड़ोसी देश (बांग्‍लादेश) में हाल ही में जैसा घटनाक्रम हुआ है, भारत में भी वैसा ही घटित होगा। उपराष्‍ट्रपति राजस्थान हाई कोर्ट की प्लेटिनम जुबली के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतें वैधता प्राप्त करने के लिए संवैधानिक संस्थानों को प्लेटफार्म बना रही हैं और देश तोड़ने को तत्पर हैं। उन्‍होंने कहा कि देशहित सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता। धनखड़ ने ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील की है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ये लोग अपने जीवन में उच्च पदों पर रहे हैं, देश की संसद के सदस्य रहे हैं, मंत्री रहे हैं और उनमें से एक को विदेश सेवा का लंबा अनुभव है। ऐसे जिम्मेदार पदों पर रहे लोग ऐसा मिथ्या प्रचार कैसे कर सकते हैं।
इसके साथ ही उपराष्‍ट्रपति ने देश में लोकतंत्र की जड़ें मजबूत करने में न्यायपालिका की भूमिका की सराहना की। साथ ही कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में केवल एक समय ऐसा आया जब आपातकाल के दौरान न्यायपालिका इंदिरा गांधी की तानाशाही के आगे झुक गई और आजादी एक व्यक्ति की बंधक बन कर रह गई। उन्‍होंने कहा कि यदि इमरजेंसी नहीं लगती तो भारत दशकों पहले ही विकास की नई ऊंचाईयों को छू लेता।
उन्होंने आगे कहा कि नई पीढ़ी को आपातकाल के काले दौर की जानकारी बहुत कम है। उन्होंने युवाओं को आपातकाल के बारे में बताने का आह्वान किया।
साथ ही 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने की घोषणा की सराहना की और कहा कि यह दिन देशवासियों को आगाह करेगा कि किस तरह 1975 में संविधान पर कुठाराघात किया गया और उसकी मूल भावना को कुचला गया। इस दौरान उन्‍होंने राजस्थान हाई कोर्ट में बिताए अपने दिनों को भी याद किया।

 

नई दिल्ली । दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आप ऑफिस में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- सुप्रीम कोर्ट ने संविधान का इस्तेमाल करते हुए कल तानाशाही को कुचला। केजरीवाल भी जल्द बाहर आएंगे। भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं है।
सिसोदिया ने कहा कि कई बिजनेसमैन को सिर्फ इसलिए जेल में रखा गया है, क्योंकि उन्होंने भाजपा को डोनेशन नहीं दिया था। जब मैं जेल में था तब मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ था कि इन बिजनेसमैन पर झूठे केस लगाए गए हैं। दुनियाभर में आतंकवादियों और ड्रग माफियाओं पर जो कानून लगाए जाते हैं, वो कानून नेताओं, व्यापारियों और आम आदमियों पर लगाए जा रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि हमारे देश की बेटी विनेश ने दुनियाभर में हमारा मान बढ़ाया। वह जंतर-मंतर पर खड़े होकर कहती है कि भाजपा के सांसद ने हमें छेड़ा है तो केंद्र सरकार उस सांसद को गिरफ्तार तक नहीं करती। इसके उलट सोशल मीडिया पर उस बेटी को ट्रोल किया जाता है। यह तानाशाही नहीं है तो और क्या है? उस बेटी के साथ बहुत गलत हुआ है। सबको पता है कि यह किसने किया है।

 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से विकसित भारत के लिए 11 सूत्रीय प्रोग्राम की घोषणा कर सकते हैं। इसके लिए मंत्रालय द्वारा व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। इन 11 सूत्रीय कार्यक्रम में विश्व बंधु भारत का संकल्प देशवासियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिलाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला संबोधन, लाल किले से होगा। पहले वह 10 बार लाल किले से देश की जनता को संबोधित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद वह दूसरे प्रधानमंत्री होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 11वीं बार लाल किले से संबोधन देंगे।

 

नई दिल्ली । भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेर‍िस ओलंप‍िक में डिसक्‍वालिफाई करने पर केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाव‍िया ने लोकसभा में बयान दिया। केंद्रीय खेलमंत्री ने बताया क‍ि सुबह विनेश का वजन दो बार चेक क‍िया गया। उनका वजन 50 क‍िलो 100 ग्राम पाया गया। ज‍िसके बाद उन्‍हें डिसक्‍वाल‍िफाई किया गया। केंद्र सरकार की ओर से इंटरनेशनल संस्‍थाओं से कड़ा व‍िरोध दर्ज कराया है। हालांकि, इसके बाद भी संसद में हंगामा जारी रहा।
खेल मंत्री ने कहा, इंडियन ओलंपिंक एसोस‍िएशन ने इंटरनेशनल ओलंपिक संघ से श‍िकायत की है। अंतरराष्‍ट्रीय कुश्ती संघ में भी हमने विरोध दर्ज कराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद इंडियन ओलंप‍िक कमेटी प्रमुख पीटी ऊषा से बात की है। पीटी ऊषा वर्तमान में पेर‍िस में ही हैं। लोकसभा में खेल मंत्री ने बताया क‍ि विनेश को सरकार की ओर से क‍िस तरह की मदद मुहैया कराई गई।
खेल मंत्री मंडाव‍िया ने बताया क‍ि केंद्र ने उन्‍हें हर संभव मदद दी। उनके ल‍िए पर्सनल स्‍टाफ नियुक्‍त किए। हंगरी के मशहूर कोच वोलेर अकोस और फ‍िज‍ियो अश्व‍िनी पाट‍िल को तैनात किया गया। कई स्‍पारिंग पार्टनर्स, स्‍ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग एक्‍सपर्ट को पैसे दिए गए।
लेकिन खेल मंत्री की बात से विपक्षी सांसदों संतुष्ठ नहीं दिखाई दिए। उन्होंने सरकार से इस मामले को हाई लेवल पर उठाने की मांग की। इसके पहले संसद में भी यह मुद्दा उठा। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह सहित कई नेताओं ने सरकार से सवाल पूछा। संजय सिंह ने ओलंप‍िक का बह‍िष्‍कार तक करने का ऐलान कर दिया। उन्‍होंने कहा ये सिर्फ विनेश नहीं देश का अपमान है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ब्‍लैक डे करार दिया।

नई दिल्ली । महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ दिल्ली के सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और उनके माता-पिता से मुलाकात की। आप सांसद संजय सिंह भी मौजूद रहे। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन से खुद को सीएम उम्मीदवार के तौर पर पेश किए जाने की इच्छा को लेकर इशारा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर मैनें अच्छा काम किया है कि तो मेरे एमवीए गठबंधन के सहयोगियों से पूछा जाए कि क्या मैं सीएम बनने के लिए ठीक हूं? लोग इस बारे में फैसला लेंगे। उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ ब्रायन, आप नेता संजय सिंह और समाजवादी पार्टी के लोकसभा सदस्य आदित्य यादव से मुलाकात की। इस दौरान उनके बेटे आदित्य ठाकरे और राज्यसभा सदस्य संजय राउत भी साथ थे।

नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पेश किया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया। वेणुगोपाल ने कहा कि यह बिल संविधान की ओर से दिए धर्म और फंडामेंटल राइट्स पर हमला है। उन्होंने साफ कहा कि यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है।
वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ भी एक धार्मिक संस्था है। इस बिल से समाज को बांटने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम हिंदू हैं लेकिन साथ ही हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। उन्होंने दावा किया कि यह बिल महाराष्ट्र, हरियाणा के चुनावों के लिए बनाया गया है। आप नहीं समझते कि पिछली बार भारत की जनता ने आपको साफ तौर पर सबक सिखाया था। यह संघीय व्यवस्था पर हमला है।
एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि या तो इस बिल को पूरी तरह से वापस ले या इसे स्थायी समिति को भेज दिया जाए। कृपया बिना परामर्श के एजेंडा आगे न बढ़ाया जाए। लोकसभा में आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि आप वक्फ बोर्ड और वक्फ परिषद को पूरी तरह से कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप व्यवस्था को खत्म कर रहे हैं। यह संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं सरकार को चेतावनी देता हूं कि अगर इस कानून की न्यायिक जांच की गई तो यह निश्चित रूप से रद्द हो जाएगा।

 

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