ईश्वर दुबे
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वैसे तो दशहरे पर रावण का पुतला दहन करने की परंपरा रही है लेकिन महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कुछ परेशान पतियों ने सूर्पणखा का पुतला जलाकर इस पर्व को कुछ अलग अंदाज में मनाया। पत्नियों के सताए पतियों की संस्था ‘पत्नी पीड़ित पुरुष संगठन’ के सदस्यों ने औरंगाबाद के पास करोली गांव में लंका नरेश रावण की बहन सूर्पणखा का पुतला जलाया जो रामायण के प्रमुख पात्रों में से एक थी।
संस्था के संस्थापक भारत फुलारे ने कहा कि भारत में सभी कानून पुरुषों के खिलाफ और महिलाओं के पक्ष में हैं। महिलाएं छिटपुट विवादों पर भी अपने पति एवं ससुराल वालों को परेशान करने के लिए इन कानूनों का दुरुपयोग करती हैं।
हम पुरुषों के खिलाफ उत्पीड़न की निंदा करते हैं। एक सांकेतिक कदम के तौर पर ही हमारे संगठन ने बृहस्पतिवार शाम को दशहरा के मौके पर सूर्पणखा का पुतला जलाया।
भारत फुलारे ने कहा कि वर्ष 2015 के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो देश में आत्महत्या करने वाले विवाहितों में 74 फीसदी पुरुष ही थे। इसके साथ ही संस्था के कुछ सदस्यों ने देश में चल रहे ‘मीटू’ अभियान पर भी सवाल उठाए।
छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए बसपा अध्यक्ष मायावती का चुनाव प्रचार अभियान अगले सप्ताह 25 अक्तूबर से शुरू होगा। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मायावती की 26 रैलियां होंगी। तेलंगाना में अभी बसपा प्रमुख के प्रचार अभियान को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बसपा प्रमुख ने पार्टी के राज्यसभा सदस्य अशोक सिद्धार्थ को राजस्थान और छत्तीसगढ़ और वीर सिंह को तेलंगाना में चुनाव अभियान का प्रभारी बनाया है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश में मायावती की 12 जनसभाएं होंगी। इनकी शुरुआत दो नवंबर से होगी। रैलियों के स्थान और तारीख को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और सपा के साथ तालमेल नहीं हो पाने के कारण बसपा ने फिलहाल राज्य की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
बता दें कि विधानसभा चुनावों की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में मौजूद मायावती ने तीन राज्यों के लिए अपने प्रचार कार्यक्रम को मंजूरी दे दी है।
छत्तीसगढ़ में मायावती की छह रैलियां होंगी। मायावती की पहली रैली चार नंवबर को होने के बाद वह 16 और 17 नवंबर को तीन जनसभाएं संबोधित करेंगी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से अलग हुए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की अगुवाई वाली जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी) और भाकपा के साथ गठबंधन कर बसपा राज्य की 33 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। दो सीट पर भाकपा और 55 सीट पर जेसीसी लड़ेगी।
कराची. पाकिस्तान की सॉफ्टवेयर कंपनी क्रिएटिव किओस में काम करने वाली महिला को वर्कप्लेस पर हिजाब पहनने से रोका गया। कंपनी का कहना था कि वह ऐसा नहीं कर सकती तो नौकरी छोड़ दे। किसी मुस्लिम बहुल देश में हिजाब को लेकर आपत्ति का यह पहला मामला है। सोशल मीडिया पर मुद्दा उठने के बाद कंपनी के सीईओ ने माफी मांगी और अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इस्लामिक बैंकों ने की नौकरी की पेशकश
पीड़ित महिला ने बताया, ‘‘एक मैनेजर ने मुझसे कहा कि अगर मैं नौकरी करना चाहती हूं तो मुझे हिजाब उतारना होगा। हिजाब पहनने से कंपनी की इमेज खराब हो रही है।’’ महिला का कहना है कि दो इस्लामिक बैंकों ने उसे नौकरी देने की पेशकश की है।
पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर यह मामला गरमाया हुआ है। लोगों का कहना है कि क्रिएटिव किओस कंपनी के सीईओ जव्वाद कादिर को इस्तीफा देना चाहिए। हालांकि, कादिर ने इस घटना पर माफी मांग ली है।
कादिर ने कहा, ‘‘हमारे स्टाफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक साथी से अनैतिक व्यवहार करते हुए इस्तीफा मांगा। मैं इस मामले की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। साथी कर्मचारी को हुए मानसिक तनाव के कारण मैं शर्मिंदा हूं।’’
कादिर ने बताया कि पीड़ित महिला को अपना इस्तीफा वापस लेने और नौकरी जारी रखने के लिए कहा गया है। इसके अलावा संबंधित मैनेजर पर भी कार्रवाई की जा रही है।
कादिर ने कंपनी को ईमेल लिखा कि इस मामले में सिर्फ माफी मांगना बहुत कम है। वे सॉफ्टवेयर कंपनी के सीईओ के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। इस ईमेल की कॉपी कादिर ने फेसबुक पर भी पोस्ट की है।
अमृतसर/नई दिल्ली. अमृतसर में दशहरा समारोह के दौरान हुए हादसे के 16 घंटे बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अस्पताल में घायलों का हाल जानने पहुंचे। उन्होंने देरी से पहुचने पर सफाई दी। कहा- ''मैं इजरायल रवाना होने वाला था। हादसे के वक्त दिल्ली एयरपोर्ट पर था। वहां से लौटने में वक्त लग गया।'' मुख्यमंत्री ने जांच आयोग बनाने की घोषणा की। यह हादसे की जिम्मेदारी तय करने के लिए चार हफ्ते में रिपोर्ट सौंपेगा। इससे पहले रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘‘हादसे में रेलवे की चूक नहीं है। रेलवे प्रशासन को इस तरह के आयोजन के बारे में कोई सूचना नहीं दी गई थी।’’
यह हादसा शुक्रवार शाम अमृतसर के जोड़ा बाजार में हुआ था। रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे लोग दो ट्रेनों की चपेट में आ गए थे। हादसे में 70 लोगों की मौत हुई है। हादसे के अगले दिन अमरिंदर सिंह शहर के सिविल अस्पताल में घायलों से मिले।
अमरिंदर ने मीडिया से कहा, ‘‘सारे पंजाब और हिंदुस्तान की सहानुभुति आज मरने वालों के परिवारों के साथ है। चंडीगढ़ फ्लैग आज आधा झुका रहेगा। इस मामले में जांच जरूरी है। इसलिए हम कमिश्नर के नेतृत्व में मजिस्ट्रेट इंक्वायरी बैठा रहे हैं। जांच रिपोर्ट चार हफ्ते में मांगी गई है। केंद्र सरकार और रेलवे के अलावा हमारी अपनी जांच भी जारी रहेगी।’’
बयानों के मायने न निकालें, सब दुखी हैं : पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अमृतसर हादसे को कुदरत का प्रकोप बताया था। सिद्धू के बयान को जब पत्रकारों ने आपत्तिजनक बताया तो अमरिंदर ने कहा, ‘‘इस घटना से सब दुखी हैं। उनका कहने का अर्थ कुछ और था। यह समय किसी पर आरोप लगाने का नहीं, सबको साथ आकर इससे निपटने की जरूरत है।’’
हादसे की जगह पर मोड़ था, ड्राइवर की चूक नहीं : सिन्हा
रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा, ‘‘यह हादसा टाला जा सकता था, क्योंकि रेलवे ट्रैक के करीब इस तरह के आयोजन नहीं होने चाहिए। रेलवे फाटक से कुछ ही दूरी पर यह आयोजन हो रहा था। ट्रैक ऊंचाई पर था, इसलिए लोग वहां चढ़कर रावण दहन देख रहे थे। रावण दहन होते ही पटाखों की आवाज आई। तभी भगदड़ मची और लोग ट्रेनों की आवाज नहीं सुन पाए। ड्राइवर को पहले से निर्देश होते हैं कि कहां हॉर्न बजाना है, कहां पर रफ्तार कम करनी है। हादसे के वक्त शाम का समय था। लगभग 7 बज चुके थे। जहां हादसा हुआ, वहां एक मोड़ है। ड्राइवर कैसे देख पाता कि आगे क्या हो रहा है?’’
नवजोत कौर से जुड़े सवाल पर सिन्हा ने कहा- राजनीति नहीं करना चाहता
सिन्हा से रावण दहन के कार्यक्रम में कांग्रेस नेता नवजोत कौर की मौजूदगी और हादसे के तुरंत बाद उनके वहां से चले जाने के आरोपों के बारे में भी पूछा गया। उन्होंने कहा कि मैं इस तरह के संवेदनशील मसलों पर राजनीति से जुड़े प्रश्न नहीं खड़े करना चाहता। स्थानीय लोग जानते हैं कि तथ्य क्या है।
5 जिम्मेदार
आयोजक : कांग्रेस पार्षद विजय मदान के बेटे सौरभ मदान ने कार्यक्रम करवाया था। समिति का दावा है कि उसने अनुमति ली थी, लेकिन लिखित में कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए।
बॉलीवुड डेस्क. अमिताभ बच्चन ने गरीब किसानों की मदद करने का फैसला किया है। अमिताभ उत्तर प्रदेश के 850 किसानों के कर्ज चुकाने में मदद करेंगे। इसके लिए उन्हें करीब 5 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च करने होंगे। बिग बी जिन किसानों का कर्ज चुकाने में सहायता करेंगे उनकी पहचान की जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश के 850 किसानों की पहचान कर ली गई है और उनके साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा के लोन को चुकाने में उनकी मदद की जाएगी। किसानों की भलाई के लिए बैंकों से बात कर ली गई है।
मिलती है संतुष्टि : अमिताभ ने हाल ही में देश के लिए अपनी जान देने वाले 44 शहीदों के परिवार वालों की भी मदद की थी। अमिताभ ने अपने ब्लॉग में लिखा कि ऐसा करने पर उन्हें संतुष्टि मिलती है। बिग बी ने लिखा कि किसानों को आत्महत्या से बचाने के लिए 350 ऐसे किसानों का लोन चुकाया जा चुका है जो अपने कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ थे।
अजीत सिंह की भी करेंगे मदद : अमिताभ ने कहा कि वह में आए अजीत सिंह की भी मदद करेंगे। गौरतलब है कि अजीत सिंह जबरन वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेली गई लड़कियों और महिलाओं को बचाने का काम करते हैं। इसके अलावा अमिताभ ने सरबानी रॉय की भी मदद करने को कहा है। सरवानी रॉय मानसिक तौर पर बीमार लोगों के काम कर रही हैं।
अमृतसर में 61 से ज्यादा लोगों के टुकड़े करने वाली दोनों गाड़ियों में न्यूमेटिक एयरब्रेक सिस्टम लगा था। अगर ड्राइवर थोड़ी भी सावधानी बरतते तो इतनी बड़ी संख्या में लोग न मरते। न्यूमेटिक एयरब्रेक सिस्टम, भारतीय रेलवे की नवीनतम तकनीक मानी जाती है। यह ब्रेक सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से ऑपरेट होता है। इसकी मदद से किसी भी इमर्जेंसी में गाड़ी को रोका जा सकता है। ब्रेक लगने के बाद हाईस्पीड में चल रही गाड़ी डेढ़ सौ मीटर दूरी पर रुक जाती है।
न्यूमेटिक एयरब्रेक सिस्टम की खासियत
उत्तर रेलवे में गाड़ियों की स्पीड और ट्रैक क्षमता के विशेषज्ञ एक अधिकारी का कहना है कि न्यूमेटिक एयरब्रेक सिस्टम की खासियत यह है कि इनके इस्तेमाल से गाड़ी के डीरेलमेंट (यानी गाड़ी का पटरी से उतर जाना) की संभावना न के बराबर होती है। पहले गाड़ियों में वैक्यूम ब्रेक होते थे, जिसे लगाने के बाद गाड़ी साढ़े तीन सौ मीटर दूरी पर जाकर रूकती थी। इसमें कई बार गाड़ी के डीरेलमेंट होने का खतरा बना रहता था।
शुक्रवार की रात जोड़ा फाटक के निकट जब यह हादसा हुआ तो जालंधर-अमृतसर डीएमयू नम्बर 74643 की स्पीड सौ से अधिक थी। इस फाटक से ज्यादातर गाड़ियां 110 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गुजर सकती हैं। हादसे के वक्त दूसरी गाड़ी 13006 अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस भी फुल स्पीड पर चल रही थी।
ड्राइवर बरतते सावधानी तो नहीं जाती इतनी जान
रेलवे एक्सपर्ट केतन गोराडिया और आईएस शर्मा का कहना है कि दोनों गाड़ियों के लिए वहां पर कोई कॉशन नहीं लगा था, इसलिए वे फुल स्पीड पर थी। अहम बात यह है कि दोनों गाड़ियों के ड्राइवर अगर थोड़ी सी भी सावधानी बरतते तो हादसा इतना भीषण न होता।
अगर चालक 150-200 मीटर पहले न्यूमेटिक एयरब्रेक सिस्टम का इस्तेमाल करते तो रावण जलाए जाने वाले स्थल तक गाड़ी रुक सकती थी। दोनों गाड़ियों के ड्राइवरों में से किसी ने भी स्पीड कम नहीं की और न ही इमर्जेंसी ब्रेक लगाने का प्रयास किया, जबकि उन्हें ट्रैक के आसपास भीड़ दिखाई दे रही थी।
ट्रेन ड्राइवर ने की यह दूसरी गलती
रेलवे एक्सपर्ट कहते हैं कि ट्रेन ड्राइवर ने दूसरी बड़ी गलती यह कर दी कि उन्होंने हादसे की सूचना अगले स्टेशन पर नहीं दी। पहले रेलवे में यही नियम था। अगर कोई ऐसा हादसा होता है और ड्राइवर को पता है तो वह अगले स्टेशन पर गाड़ी रोक कर उसकी सूचना देता था।
बाद में यह नियम बना कि अगर कोई छोटा-बड़ा हादसा होता है तो ट्रेन ड्राइवर और गार्ड तुरंत गाड़ी रोककर मौके पर जाएंगे। आरपीएफ को सूचना देंगे। अमृतसर ट्रेन हादसे में दोनों गाड़ियों के ड्राइवर लापरवाह दिखे हैं। उन्होंने नियम के मुताबिक अगले स्टेशन पर हादसे की सूचना नहीं दी।
एक्सपर्ट का कहना है कि इस मामले में ड्राइवर ने हादसे के बाद मौके पर गाड़ी न रोक कर सूझबूझ का परिचय दिया है। अगर वे ऐसा करते तो भीड़ गाड़ियों को आग के हवाले कर सकती थी। इससे बहुत से ट्रेन यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती थी, लेकिन उन्होंने अगले स्टेशन पर भी गाड़ी नहीं रोकी।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा कई मुश्किलों से जूझ रही है। सत्ता विरोधी रुझान से जूझ रही भाजपा को नई रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक इस बार भाजपा के मौजूदा 160 विधायकों में से करीब 80-90 विधायकों के टिकट काटे जा सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो किसी भी पार्टी में मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने की यह सबसे बड़ी संख्या होगी।
बताया जा रहा है कि इस कदम के साथ पार्टी दूसरे राज्यों के विधायकों और भाजपा सांसदों को सख्त संदेश देना चाहती है कि अगर उनका परफॉर्मेंस सही नहीं रहा तो उनके टिकट भी कट सकते हैं।
भाजपा के मौजूदा विधायकों और सांसदों का फीडबैक लगातार लिया जा रहा है। इसके अलावा नमो ऐप के जरिए भी इनका फीडबैक जमा किया जा रहा है। इस ऐप के जरिए लोग अपने विधायकों-सांसदों के बारे में सीधे पीएम मोदी को बता सकते हैं।
युवा उम्मीदवारों को मिलेगा मौका
सूत्रों के मुताबिक सत्ता विरोधी लहर के मद्देनजर पार्टी पहली बार चुनाव मैदान में बड़ी संख्या में युवा उम्मीदवारों को खड़ा कर सकती है। इसके पीछे रणनीति ये है कि लंबे समय से पार्टी की सेवा कर रहे लोगों को मौका मिले और जनता के सामने उन्हें ज्यादा गुस्से का सामना भी न करना पड़े। क्योंकि मौजूदा विधायकों के खिलाफ जनता में गुस्सा नजर आ रहा है।
हालिया तमाम सर्वे में बताया गया है कि इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आना तय है। भाजपा ने 2013 में प्रचंड बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी। लेकिन इस बार बाजी पलटती नजर आ रही है। भाजपा को सत्ता विरोधी रुझान का सामना करना पड़ रहा है और कांग्रेस ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत की अगुवाई में भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है।
बता दें कि राजस्थान 7 दिसंबर को मतदान होगा। राजस्थान में भाजपा ने साल 2013 में कांग्रेस को हराकर सत्ता छीनी थी। इस बार कांग्रेस वापसी की पुरजोर कोशिश में है। सचिन पायलट और अशोक गहलोत पूरा जोर लगाए हुए हैं। वहीं, वसुंधरा राजे के सामने सरकार को बचाए रखने की बेहद कड़ी चुनौती है।
छत्तीसगढ़ में वसूली के नाम से कुख्यात बदमाश को दून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बदमाश दो दिन पहले ही यहां दून में छुपने आया था। आरोप है कि वह लोगों को पहले मोटे ब्याज पर कर्जा देता था और फिर डरा धमकाकर वसूली करता था। आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर छत्तीसगढ़ पुलिस अपने साथ ले गई है।
वसूली का पूरा नाम बबला उर्फ अमित सिंह ठाकुर निवासी पारिजात एक्सटेंशन नेहरू नगर बिलासपुर है। पूछताछ में उसने बताया कि वह लोगों को मोटे ब्याज पर कर्ज देता है और बाद में डरा धमकाकर कर्ज वसूलता है। कर्ज वसूलने के लिए वह कई लोगों से मारपीट और जानलेवा हमले भी करा चुका है। उसके खिलाफ छत्तीसगढ़ कर्जा अधिनियम, जमीन की धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में करीब सात मुकदमे दर्ज हैं।
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला में नक्सलियों ने बैनर और पोस्टर के जरिये चुनाव बहिष्कार करने का एलान किया है। इससे पहले भी नक्सल प्रभावित जिला बस्तर में भी माओवादियों ने ग्रामीणों को चुनाव बहिष्कार की घोषणा की थी। यहीं नहीं मतदान में शामिल होने वाले ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी तक दी थी।
कांकेर जिला के पखांजुर क्षेत्र के बरदा मार्ग पर नक्सलियों ने बैनर लगाया है और पर्चे फेंके हैं। इनमें विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने को कहा गया है। नक्सलियों ने फेंके पर्चों में लिखा है कि भाजपा को मार भगाओ और जनताना सरकार को मजबूत बनाओं और इसका विस्तार करो।
वैसे जब जब चुनाव नजदीक आता है नक्सली इस तरह से पर्चे फेंकते रहते हैं। कुछ दिनों पहले बस्तर जिला में ग्रामीणों ने बताया था कि नक्सलियों ने फरमान जारी किया है कि अगर किसी आदिवासी मतदाता के हाथ में चुनावी स्याही लगी मिलेगी तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाएगा।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 12 नवंबर को चुनाव होंगे। वहीं दूसरे चरण में 20 नवंबर को मतदान कराए जाएंगे। जिसमें बस्तर की 12 सीटों पर पहले चरण में 12 नवंबर को मतदान होना है।
छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित बस्तर के लोग विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना चाहते हैं। लेकिन नक्सलियों की धमकी के बाद चुनाव में लगाई जाने वाली स्याही नहीं लगवाना चाहते। वोटर जागरूकता अभियान के दौरान बस्तर के लोगों ने बीजापुर और सुकमा कलेक्टर को इस बारे में बताया था।
अब कांकेर जिला में नक्सलियों की चुनाव बहिष्कार घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग के लिए प्रथम चरण का चुनाव में सतर्कता बरतनी पड़ेगी।
वोटिंग के बाद नक्सलियों का खौफ
नक्सली मतदान के बाद गांव-गांव में घूमकर ग्रामीणों के हाथ देखते हैं। अगर किसी की अंगुली पर स्याही के निशान पाए गए तो उसे परेशान किया जाता है। चुनाव में मतदान करने पर हत्या तक करने के मामले सामने आए हैं। इसलिए ग्रामीण मतदान में हिस्सा नहीं लेते।
बीते चुनावों में बस्तर के अंदरूनी जिले सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा और नारायणपुर में 100 से अधिक ऐसे बूथ सामने आए थे, जहां एक फीसदी से कम मतदान हुआ।
रिलिजन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, आश्विन मास की दशमी तिथि को विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का अंत किया था। बुराई पर अच्छाई की जीत की खुशी में ये पर्व पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 18 अक्टूबर, गुरुवार तो कुछ स्थानों पर 19 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। ऐसा पंचांग भेद के कारण होगा। दशमी तिथि पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। साथ ही इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा तथा शस्त्र पूजन करने की भी परंपरा है।
इस विधि से करें भगवान श्रीराम की पूजा
दशहरे की सुबह स्नान आदि करने के बाद घर के उत्तर भाग में एक सुंदर मंडप बनाएं। उसके बीच में एक वेदी बनाएं। उसके ऊपर भगवान श्रीराम व माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें। श्रीराम व माता सीता की पंचोपचार (गंध, चावल, फूल, धूप, दीप) से पूजन करें। इसके बाद इस मंत्र बोलें-
मंगलार्थ महीपाल नीराजनमिदं हरे।
संगृहाण जगन्नाथ रामचंद्र नमोस्तु ते।।
ऊँ परिकरसहिताय श्रीसीतारामचंद्राय कर्पूरारार्तिक्यं समर्पयामि।
इसके बाद किसी पात्र (बर्तन) में कपूर तथा घी की बत्ती (एक या पांच अथवा ग्यारह) जलाकर भगवान श्रीसीताराम की आरती करें-
आरती कीजै श्रीरघुबर की, सत चित आनंद शिव सुंदर की।।
दशरथ-तनय कौसिला-नंदन, सुर-मुनि-रक्षक दैत्य निकंदन,
अनुगत-भक्त भक्त-उर-चंदन, मर्यादा-पुरुषोत्तम वरकी।।
निर्गुन सगुन, अरूप, रूपनिधि, सकल लोक-वंदित विभिन्न विधि,
हरण शोक-भय, दायक सब सिधि, मायारहित दिव्य नर-वरकी।।
जानकिपति सुराधिपति जगपति, अखिल लोक पालक त्रिलोक-गति,
विश्ववंद्य अनवद्य अमित-मति, एकमात्र गति सचारचर की।।
शरणागत-वत्सलव्रतधारी, भक्त कल्पतरु-वर असुरारी,
नाम लेत जग पवनकारी, वानर-सखा दीन-दुख-हरकी।।
आरती के बाद हाथ में फूल लेकर यह मंत्र बोलें-
नमो देवाधिदेवाय रघुनाथाय शार्गिणे।
चिन्मयानन्तरूपाय सीताया: पतये नम:।।
ऊँ परिकरसहिताय श्रीसीतारामचंद्राय पुष्पांजलि समर्पयामि।
इसके बाद फूल भगवान को चढ़ा दें और यह श्लोक बोलते हुए प्रदक्षिणा करें-
यानि कानि च पापानि ब्रह्महत्यादिकानि च।
तानि तानि प्रणशयन्ति प्रदक्षिण पदे पदे।।
इसके बाद भगवान श्रीराम को प्रणाम करें और कल्याण की प्रार्थना करें। इस प्रकार भगवान श्रीराम का पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
विजयादशमी पर इस विधि से करें शस्त्र पूजन...
दशहरे पर विजया नाम की देवी की पूजा की जाती है। यह पर्व शस्त्र द्वारा देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले एवं कानून की रक्षा करने वाले अथवा शस्त्र का किसी अन्य कार्य में उपयोग करने वालें लोगों लिए महत्वपूर्ण होता है। इस दिन यह सभी अपने शस्त्रों की पूजा करते है, क्योंकि यह शस्त्र ही प्राणों की रक्षा करते हैं तथा भरण पोषण का कारण भी हैं। इन्ही अस्त्रों में विजया देवी का वास मान कर इनकी पूजा की जाती है। सबसे पहले शस्त्रों के ऊपर ऊपर जल छिड़क कर पवित्र किया जाता है फिर महाकाली स्तोत्र का पाठ कर शस्त्रों पर कुंकुम, हल्दी का तिलक लगाकर हार पुष्पों से श्रृंगार कर धूप-दीप कर मीठा भोग लगाया जाता है।इसके बाद दल का नेता कुछ देर के लिए शस्त्रों का प्रयोग करता है। इस प्रकार से पूजन कर शाम को रावण के पुतले का दहन कर विजया दशमी का पर्व मनाया जाता है।
19 अक्टूबर के पूजन के मुहूर्त
दोपहर - 1:13 से 1:40
दोपहर- 2 से 3:15 तक
शाम- 4:50 से 5:45 तक
पुणे. महाराष्ट्र के पुणे में एक महिला ने अपनी मां के गर्भाशय से बच्ची को जन्म दिया है। 17 माह पहले महिला का गर्भाशय डैमेज हो गया था। इसके बाद महिला में उनकी मां का गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया गया था। दुनिया का यह 12वां मामला है जहां यूट्रस ट्रांसप्लांट के बाद बच्चे का जन्म हुआ है। इससे पहले 9 मामले स्वीडन में और 2 अमेरिका में सामने आ चुके हैं। एशिया में ऐसा पहली बार हुआ है।
गुजरात के भरूच की रहने वाली 27 वर्षीय मीनाक्षी वालन का गर्भाशय डैमेज हो गया था। ऐसे में उनकी मां ने गर्भाशय डोनेट करने का फैसला लिया। ट्रांसप्लांट के कुछ महीनों बाद मार्च 2018 में मीनाक्षी के गर्भाशय में भ्रूण को ट्रांसफर किया गया था। ट्रांसप्लांट सर्जन शैलेश पुणतांबेकर के मुताबिक डिलीवरी नवंबर में की जानी थी लेकिन प्रेग्नेंसी के 31वें हफ्ते (7 माह) में मां का बीपी और ब्लड शुगर बढ़ने लगा। जांच में सामने आया कि मां और भ्रूण को जोड़ने वाला प्लेसेंटा तेजी से बढ़ रहा था। इसे अधिक बढ़ जाने पर बच्चे को पोषण मिलना बंद हो सकता था। इसलिए ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया।
डॉ. शैलेश के अनुसार, जन्म के समय बच्ची का वजन 1,450 ग्राम था। ट्रांसप्लांट के बाद पिछला एक साल काफी अहम रहा है।
डॉ. शैलेश के अनुसार, मीनाक्षी में उनकी 45 वर्षीय मां का गर्भाशय ट्रांसप्लांट किया गया था। लेकिन इस स्थिति में नर्व पहले की तरह नहीं जुड़ पाती और महिला लेबर पेन महसूस नहीं कर पाती है। जन्म के समय बच्ची का वजन 1,450 ग्राम था। ट्रांसप्लांट के बाद पिछला एक साल काफी अहम रहा है।
40 सप्ताह के गर्भ को धारण करना असंभव था
पुणे के गैलेक्सी केयर लेप्रोस्कोपिक हॉस्पिटल के डॉ. शैलेष पुणतांबेकर ने बताया कि गर्भाशय प्रत्यारोपण के बाद अप्रैल 2017 में बिना किसी समस्या के गर्भधारण हुआ। गर्भ 32 हफ्ते (8 माह) का होने के चलते हमें बुधवार रात सिजेरियन से प्रसव का विकल्प चुनना पड़ा। वजह, गर्भाशय 48 साल पुराना है। इसलिए गर्भाशय में ज्यादा जगह नहीं थी।
अपनाें से भी दूर रहना पड़ा खुशी के इस पल के लिए
मीनाक्षी को काफी संघर्ष के बाद संतान सुख मिला है। नौ महीने के गर्भ के बाद बच्चे को गंवाने के साथ ही गर्भाशय की पांच सर्जरी झेली। एक सर्जरी के दौरान मीनाक्षी का गर्भाशय हमेशा के लिए अक्षम हो गया। ऐसे में गर्भाशय प्रत्यारोपण का रास्ता अपनाया गया। इस दौरान मीनाक्षी को अपने परिवार और रिश्तेदारों से दूर रहना पड़ा।
सरोगेसी-दत्तक लेने का नहीं था विचार, डॉक्टरों ने दिखायी ये राह
मीनाक्षी के पति हितेश वालन कहते हैं कि शादी के नौ साल तक संतान सुख न मिलने के चलते हम चिंता में थे लेकिन सरोगेसी अथवा बच्चा गोद लेने के विकल्प पर विचार नहीं कर रहे थे। इसी क्रम में वडोदरा के डॉक्टरों ने उम्मीद की किरण दिखाई। हमने काफी सोच-विचार के बाद यह रास्ता अपनाने का फैसला किया। वर्षों का इंतजार सफल हुआ।
बप्पी ने सोमवार को फिल्म "मौसम इकरार के दो पल प्यार के" के म्यूजिक लॉन्च पर मीडिया से इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा, "भारत में हम महिलाओं का सम्मान करते हैं चाहे वह मां हो, बहन हो, बेटी हो या पत्नी हो. मैं हर साल छह महीने अमेरिका में रहता हूं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमारे देश जैसी खूबसूरत संस्कृति पूरी दुनिया में कहीं और है."
उन्होंने कहा, "मीटू मूवेमेंट हॉलीवुड में चल रहा है, लेकिन भारत में महिलाएं मीडिया और सोशल मीडिया पर दशकों पुरानी घटनाएं ला रहीं हैं. इसलिए मेरा कहना यह है कि उस वक्त मामला क्यों नहीं उठाया गया था, जब ये सब हुआ था. तब शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई, एफआईआर क्यों नहीं लिखवाई गई? अगर इन चीजों का खुलासा पहले होता तो उन्हें इसके लिए न्याय मिलता."
बप्पी ने कहा "हम 'मौसम इकरार के दो पल प्यार के' फिल्म का संगीत लॉन्च कर रहे हैं. अगर इस फिल्म के बारे में हम 10 साल बाद बात करेंगे तो इसका कोई मतलब नहीं होगा."
बता दें कि तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर पर "हॉर्न ओके प्लीज" का किस्सा साझा करते हुए आरोप लगाया था कि सेट पर उनका उत्पीड़न किया गया. उन्हें डराया धमकाया गया. उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई. तनुश्री के इन आरोपों ने बॉलीवुड में बहस छेड़ दी जिसके बाद कई महिलाओं ने तमाम सेलिब्रिटीज पर गंभीर आरोप लगाए. मीटू पर जो बड़े नाम सवालों के घेरे में आए हैं उनमें आलोक नाथ, विकास बहल, विवेक अग्निहोत्री, कैलाश खेर जैसे दर्जनों नाम शामिल हैं.
नई दिल्ली: ममता सरकार द्वारा दुर्गा पूजा के लिए फंड देने का मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने ममता को पूजा के लिए फंड देने को हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया और सरकार के फैसले की संवैधानिकता का परीक्षण करेगा. आपको बता दें कि इससे पहले बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था.
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता के वकील ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से इस याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर इसमें देरी हुई तो फिर रुपये दे दिए जाएंगे और फिर कुछ नहीं हो सकता. ममता सरकार ने 25000 समितियों में से हर एक दुर्गापूजा समिति को दस-दस हज़ार रुपये अनुदान देने की घोषणा की थी. राज्य सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर 28 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. मामला कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचा था लेकिन हाईकोर्ट ने बुधवार को सरकारी योजना और कार्य मे दखल देने से इनकार कर दिया था.